#आईएएस बनीं
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IAS Alka Tiwari Profile: UP की बेटी अलका तिवारी बनीं झारखंड की चीफ सेक्रेटरी, पीजी में रहीं गोल्ड मेडलिस्ट, जानें कहां से की है पढ़ाई
सीनियर आईएएस अधिकारी अलका तिवारी को झारखंड का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है. कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग ने शुक्रवार 1 नवंबर को इसकी घोषणा की. उनकी नियुक्ति चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद की गई है. उनके पति आईएएस डीके तिवारी भी झारखंड के मुख्य सचिव रहे चुके हैं. डीके तिवारी 1986 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. आइए जानते हैं कि अलका तिवारी ने कहां से पढ़ाई की है और कब यूपीएससी…
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तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्लीयर कर आईएएस बनीं दिव्या मिश्रा
प्रतापगढ़, 11 सितंबर 2024। प्रतापगढ़ की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) डॉ. दिव्या मिश्रा की सफलता की कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है। दिव्या ने कठिन मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ यूपीएससी परीक्षा को तीसरे प्रयास में क्लीयर कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना साकार किया। उनकी यह यात्रा न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा है, बल्कि अपने लक्ष्य के प्रति अटूट विश्वास…
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पहली बार दुर्गा शक्ति नागपाल बनीं किसी जिले की डीएम, पति IAS अभिषेक सिंह सस्पेंड चल रहे
लखनऊ : 2010 की आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल को बांदा का डीएम बनाया गया है। यह पहला मौका है जब दुर्गा शक्ति को डीएम की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 2010 बैच के जितने भी आईएएस(डायरेक्ट) हैं, वे कभी न कभी डीएम पद पर तैनात रह चुके हैं। गौतमबुद्धनगर में अपनी पहली तैनाती के दौरान दुर्गा शक्ति विवादों में आ गईं थीं, जिसके बाद उन्हें तत्कालीन अखिलेश सरकार ने सस्पेंड कर दिया था। दुर्गा शक्ति के पति आईएएस अभिषेक सिंह निलंबित चल रहे हैं। बांदा की डीएम रहीं दीपा रंजन के मैटरनिटी लीव पर जाने के बाद दुर्गा शक्ति को ये जिम्मेदारी दी गई है।शासन ने शनिवार को पांच आईएएस के तबादले किए। विशेष सचिव खाद्य एवं रसद के पद पर तैनात दिव्य प्रकाश गिरि को मुख्य सचिव का स्टाफ अफसर, वेटिंग पर चल रही आईएएस संयुक्ता समद्��ार को एनसीआर का आयुक्त, कृष्ण कुमार का तबादला निरस्त करते हुए उन्हें कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा में तैनाती दी गई है। आईएएस आनंद कुमार को सदस्य(न्यायिक) राजस्व परिषद के पद पर तैनाती दी गई है। ऋतु सुहास बनीं अपर निदेशक स्थानीय निकाय ट्रॉसंफर किए गए 17 पीसीएस अफसरों में अमित कुमार सिंह को पशुपालन निदेशालय में डिप्टी डायरेक्टर, ऋतु सुहास को अपर निदेशक स्थानीय निकाय, शमशाद हुसैन को अपर आयुक्त मेरठ मंडल, शैलेंद्र मिश्र को सीआरओ सुलतानपुर, वीरेंद्र मौर्य को एडीएम भदोही, राम प्रकाश को सिटी मैजिस्ट्रेट जालौन, राकेश कुमार सिंह को एडीएम प्रशासन रायबरेली, विपिन सिंह को एडीएम प्रशासन गाजियाबाद और गंभीर सिंह को एडीएम सिटी गाजियाबाद के पद पर तैनाती दी गई है। जयनाथ यादव को उपनिदेशक दिव्यांगजन, महेश प्रकाश को सीआरओ गोंडा, अनूप कुमार एडीएम आगरा, मंगलेश दूबे को सिटी मैजिट्रेट मुजफ्फरनगर, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी को सीआरओ बस्ती, अरुण कुमार सिंह को एडीएम बाराबंकी, देवेंद्र प्रताप को एडीएम बलिया और नीता यादव को कमॉन्डेंट नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान में तैनाती दी गई है। http://dlvr.it/Sls94s
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पहले प्रयास में दूसरा स्थान हासिल कर आईएएस बनीं ये महिला... कड़ी मशक्कत से हासिल की ये मंजिल..
पहले प्रयास में दूसरा स्थान हासिल कर आईएएस बनीं ये महिला… कड़ी मशक्कत से हासिल की ये मंजिल..
संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा (UPSC Civil Service Exam) की तैयारी के लिए छात्र कई साल तक तैयारी करते हैं और इसके लिए कई कोचिंग ज्वाइन करते हैं, लेकिन पंजाब के गुरदासपुर की रहने वाली रुक्मिणी रियार (Rukmani Riar) ने बिना कोचिंग यूपीएससी एग्जाम की तैयारी की और पहले प्रयास में ऑल इंडिया में दूसरा स्थान हासिल कर आईएएस अफसर (IAS Officer) बनने का सपना पूरा किया. छठी क्लास में हो गई थीं…
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पहली बार: 3 सगी बहनें, तीनों IAS के लिए चयनित, तीनों बनीं हरियाणा की मुख्य सचिव
पहली बार: 3 सगी बहनें, तीनों IAS के लिए चयनित, तीनों बनीं हरियाणा की मुख्य सचिव
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अपनी तरह का देश में ये पहला मामला है. हरियाणा की ये कहानी बेहद दिलचस्प है, जिसमें तीनों बहनें राज्य की मुख्य सचिव बनीं. बड़ी बहनों मीनाक्षी और उर्वशी के बाद फिलहाल केशनी आनंद इस पद पर काबिज हैं.
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7 साल की उम्र में खो दी आंखों की रोशनी, ब्रेल लिपि से की पढ़ाई; फिर ऐसे बनीं पहली नेत्रहीन महिला IAS
7 साल की उम्र में खो दी आंखों की रोशनी, ब्रेल लिपि से की पढ़ाई; फिर ऐसे बनीं पहली नेत्रहीन महिला IAS
नई दिल्ली: महज 7 साल की उम्र में अपनी दोनों आंखों की रोशनी गंवाने वाली प्रांजल पाटिल (Pranjal Patil) ने अपनी कमजोरी को कभी भी अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया. कम उम्र में ही प्रांजल की आंखों के सामने अंधेरा जरुर हो गया, लेकिन उन्होंने अपनी लगन और हौसले को कभी हारने नहीं दिया. साल 2017 में वह दूसरे प्रयास में यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) पास कर आईएएस अफसर बनने में सफल रहीं. प्रांजल ने ब्रेल लिपि…
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सोलो परफ़ॉर्मर से आईएएस अधिकारी बनीं कविता
सोलो परफ़ॉर्मर से आईएएस अधिकारी बनीं कविता
UPSC IAS Success Story: आमतौर पर आईएएस (IAS) की परीक्षा देने वाले छात्रों का सिर्फ एक ही सपना होता है. यूपीएससी को क्रैक करना और अपने लक्ष्य को हासिल करना. इस बीच उनके सारे शौक अधूरे ही रह जाते है और सिविल परीक्षा में रैंक उनकी एकमात्र मंजिल बन जाती है. इन सब बुनियादी विचारों से परे है कविता रामू (Kavitha Ramu) की आईएएस बनने की कहानी. एक ऐसी होनहार महिला जिन्होंने कला और पढ़ाई के बीच की दूरी…
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#UPSC#UPSC IAS Success Story#UPSC Success Story#यूपीएससी#यूपीएससी आईएएस सफलता की कहानी#यूपीएससी की सफलता की कहानी
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सोलो परफ़ॉर्मर से आईएएस अधिकारी बनीं कविता
सोलो परफ़ॉर्मर से आईएएस अधिकारी बनीं कविता
UPSC IAS Success Story: आमतौर पर आईएएस (IAS) की परीक्षा देने वाले छात्रों का सिर्फ एक ही सपना होता है. यूपीएससी को क्रैक करना और अपने लक्ष्य को हासिल करना. इस बीच उनके सारे शौक अधूरे ही रह जाते है और सिविल परीक्षा में रैंक उनकी एकमात्र मंजिल बन जाती है. इन सब बुनियादी विचारों से परे है कविता रामू (Kavitha Ramu) की आईएएस बनने की कहानी. एक ऐसी होनहार महिला जिन्होंने कला और पढ़ाई के बीच की दूरी…
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IAS Success Story: महज 23 साल की उम्र में दूसरे प्रयास में आईएएस टॉपर बनीं स्मिता, सीएमओ में मिली पोस्टिंग
IAS Success Story: महज 23 साल की उम्र में दूसरे प्रयास में आईएएस टॉपर बनीं स्मिता, सीएमओ में मिली पोस्टिंग
IAS Success Story – IAS सफलता की कहानी: 23 साल की उम्र में दूसरे प्रयास में IAS टॉपर बनीं स्मिता, CMO में मिली पोस्टिंग | देश में कई IAS अधिकारी अपने काम के लिए जाने जाते हैं। IAS स्मिता सभरवाल को अब किसी पहचान में दिलचस्पी नहीं रही. उनके नाम कई ऐसे रिकॉर्ड हैं, जिन्हें तोड़ना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा. सक्सेस स्टोरी सीरीज में आज जानिए IAS स्मिता सभरवाल की प्रेरक कहानी। IAS Success…
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Success Story Of Surabhi Gautam: कभी खराब अंग्रेजी के लिए उड़ाया गया था मजाक, IAS ऑफिसर बनकर पेश की अनोखी मिसाल
मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। इस बात को सही साबित किया है IAS ऑफिसर सुरभि गौतम ने। जिन्हें कभी अपनी खराब इंग्लिश के लिए लोगों के ताने सुनने पड़े थे, उन्हें हंसी का पात्र बनना पड़ा था। लेकिन उन्होंने लोगों के मज़ाक उड़ाने की परवाह नहीं की और अपनी लगन और मेहनत से IAS बनने के सपने को साकार किया। सुरभि गौतम की पढ़ाई वैसे तो हिंदी मीडियम में हुई थी। वो शुरू से ही टॉपर थी। उन्होंने हर प्रतियोगी परीक्षा को अच्छे नंबर से पास किया था। फिर चाहे वो BARC, ISRO, GTE, SAIL, MPPSC, SSC, FCI ही क्यों न हो। उन्होंने लगभग हर परीक्षा को पास करके अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। लेकिन IAS बनना और लोगों को अपनी प्रतिभा के जरिए जवाब देना सुरभि गौतम के लिए आसान नहीं था। आइए जानते हैं उनके जीवन का प्रेरक सफर के बारे में।
बचपन से ही पढ़ाई में थी होशियार
मध्य प्रदेश के सतना के छोटे से गांव के एक सामान्य परिवार में जन्मीं सुरभि गौतम के पिता एक वकील थे, उनकी मां शिक्षिका थी। सुरभि को बचपन से ही पढ़ने का बहुत शौक था। इन्होंने शुरूआती शिक्षा गांव के एक सरकारी स्कूल में करा दिया। उनकी पढ़ाई हिंदी मीडियम के जरिए हुई। मध्य प्रदेश के स्कूलों में पांचवीं ��ें भी बोर्ड परीक्षा होती है। जब पांचवीं के बोर्ड परीक्षा में सुरभि ने शत-प्रतिशत अंक हासिल किये। इशके लिए टीचर ने उन्हें शाबाशी भी दी। सुरभि को अपनी तारीफ सुनकर अच्छा लगा इससे उन्होंने और पढ़ाई करने की ठानी।
कठिनाइयों के बीच हासिल की शिक्षा
सुरभि गौतम पढ़ाई के प्रति काफी सचेत थी। लेकिन इसी बीच उनके जोड़ों में रह-रहकर दर्द उठने लगा था, पर वह उसे नजरअंदाज करती रहीं। धीरे-धीरे दर्द पूरे शरीर में फैल गया, और एक दिन वह बिस्तर से उठ नहीं पाई। उनके माता-पिता उन्हें डॉक्टर के पास ले गए वहां डॉक्टर ने बताया कि उन्हें ‘रूमैटिक फीवर’ हुआ है। यह बीमारी हृदय को नुकसान पहुंचाती है और कुछ मामलों में मृत्यु भी हो जाती है। यह सुनकर माता-पिता बहुत दुःखी हुए। डॉक्टर ने सुरभि को हर 15 दिन पर पेनिसिलिन का इंजेक्शन लगाने की सलाह दी। गांव में कुशल डॉक्टर नहीं होने के कार सुरभि को हर 15 दिनों में जबलपुर जाना पड़ता था। लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद भी कमजोर सेहत, अभावों के बीच भी सुरभि ने अपनी पढ़ाई से मुंह नहीं मोड़ा। उन्होंने पढ़ाई करना जारी रखा। सुरभि को दसवीं बोर्ड में गणित के स���थ विज्ञान में भी शत-प्रतिशत अंक मिले। उन्हें राज्य के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों में गिना गया। अपनी लगन के कारण ही इन्होंने कम उम्र में ही पढ़ाई के जरिए उन्होंने अपना नाम स्थापित कर लिया था।
कॉलेज में अंग्रेजी का उड़ा मज़ाक
कक्षा 12वीं में अच्छे नंबर आने के बाद सुरभि गौतम ने एक स्टेट इंजीनियरिंग एंट्रेंस परीक्षा पास की और उन्होंने भोपाल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन्स में एडमिशन लिया। सरकारी स्कूल में पढ़ाई के दौरान वह अपने स्कूल की सबसे बेस्ट स्टूडेंट थीं। सुरभि जब स्कूल से निकलकर कॉलेज पहुंची तो वहां का माहौल एकदम अलग था। वो हिंदी मीडियम से पढ़ाई करके गई थी। लेकिन कॉलेज में अधिकतर छात्र-छात्राएं इंग्लिश बोलते थे। सुरभि को अंग्रेजी बोलने में परेशानी होती थी तो स्टूडेंट उनकी मज़ाक उड़ाते थे। हमेशा अवव्ल आने वाली सुरभि कॉलेज में सबसे पीछे बैठने लगी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
ऐसे पास की बड़ी परीक्षाएं
अंग्रेजी न आने की मार सहते हुए सुरभि ने ठान लिया कि वो अंग्रेजी सीख कर रहेंगी। उन्होंने रोजाना दिन में कम से कम 10 इंग्लिश के शब्द सीखने शुरू किए। व��� दीवारों पर लिखकर शब्दों को याद करने लगी। यहां तक की सपनों में भी वो खुद को अंग्रेजी में बात करते हुए देखने लगी। देखते ही देखते उन्होंने अपनी इस कमजोरी पर काबू पा लिया और इसके बाद उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के फर्स्ट सेमेस्टर में टॉप किया और इसके लिए उन्हें कॉलेज चांसलर अवार्ड भी दिया गया। उन्होंने खुद को कुछ बानाने की ठानी। कॉलेज में प्लेसमेंट के दौरान सुरभि को टीसीएस कंपनी में जॉब मिल गई, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। इसके बाद उन्होंने लगातार BARC, ISRO, GTE, SAIL, MPPSC, SSC, FCI और दिल्ली पुलिस जैसे कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लिया और सभी को पास कर लिया।
ऐसे बनीं आईएएस
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करते हुए सुरभि गौतम ने साल 2013 में अपने पहले ही प्रयास में आईईएस की परीक्षा भी पास कर ली। इसमें उनकी ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक आई। लेकिन सुरभि ने अपना लक्ष्य आईएएस बनना तय कर रखा था। इसलिए, उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी और साल 2016 में देश का सबसे कठिन माने जाने वाले यूपीएससी परीक्षा में सुरभि ने अपने पहले प्रयास में 50वीं रैंक हासिल कर ली।
सुरभि गौतम ने अपनी एबिलिटी के अनुसार खुद को गाइड किया और पहले ही प्रयास में आईएएस बनकर लाखों उम्मीदवारों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गईं। उन्होंने अपनी कमजोरियों को ताकत बनाकर सफलता की नई कहानी लिखकर दूसरों को बता दिया कि अगर मन में दृढ़ संकल्प लेकर किसी काम को किया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है।आपको सुरभि गौतम की यह कहानी कैसे लगी आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं साथ ही अपने सुझाव भी दर्ज करा सकते हैं।
Source: https://hindi.badabusiness.com/motivational/success-story-of-surabhi-gautam-10888.html
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निलंबित आईएएस पूजा सिंघल बनीं कैदी नंबर 1187
निलंबित आईएएस पूजा सिंघल बनीं कैदी नंबर 1187
रांची। निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की पहचान बुधवार से बदल गई है। अब वह कैदी नंबर 1187 के तौर पर जानी जायेंगी। रिमांड अवधि पूरी होने के बाद ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने बुधवार को मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को 8 तारीख तक के लिए होटवार जेल भेज दिया है।जहां उन्हें यह नंबर उपलब्ध कराया गया है। इससे पहले ईडी ने बुधवार सुबह पूजा सिंघल का मेडिकल…
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दिव्या मिश्रा प्रतापगढ़ की सीडीओ बनीं, नवनीत सेहारा हटाये गए
प्रतापगढ़, 22 अगस्त 2024। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रशासनिक फेरबदल में दिव्या मिश्रा को प्रतापगढ़ का नया मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) नियुक्त किया गया है। इससे पहले दिव्या मिश्रा बुलंदशहर में संयुक्त मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत थीं। दिव्या मिश्रा वर्ष 2020 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और अब उन्हें प्रतापगढ़ जिले के विकास कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रतापगढ़ के पूर्व सीडीओ नवनीत सेहारा…
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IAS Tina Dabi Marriage: IAS Tina Dabi जा रहीं हैं दोबारा शादी करने , जानिए कौन हैं उनके होने वाले हमसफर
IAS Tina Dabi Marriage: IAS Tina Dabi जा रहीं हैं दोबारा शादी करने , जानिए कौन हैं उनके होने वाले हमसफर
अपनी शादी को लेकर सुर्खियों में बनीं यूपीएससी लीडर Tina Dabi शादी के बंधन में बंधने वाली हैं। वह आईएएस प्रदीप गावंडे से शादी करेंगी। प्रदीप गावंडे के बारे में बताएं। 2016 आईएएस अधिकारी टीना ने अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा करके अपनी शादी के बारे में खोला। उन्होंने पोस्ट के साथ ���िखा है कि ”आप जो मुस्कान देते हैं वही पहनती…
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आईएएस एसोसिएशन के मनाेज कुमार पिंगुआ नए अध्यक्ष
आईएएस एसोसिएशन के मनाेज कुमार पिंगुआ नए अध्यक्ष
रायपुर(realtimes) छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसिएशन के मनाेज कुमार पिंगुआ नए अध्यक्ष बनाए गए हैं। आर. प्रसन्ना सचिव बने हैं। रीता शांडिल्य काे उपाध्यक्ष चुना गया है। धनंजय देवांगन और तंबोली अय्यज फकीरभाई संयुक्त सचिव बनाए गए हैं। इसके अलावा शारदा वर्मा कोषाध्यक्ष बनीं है। हिम शिखर गुप्ता सांस्कृतिक सचिव बनाए गए है। केसी.देवसेनापति खेल सचिव बने हैं। निरंजन दासो, रीना बाबा साहेब कंगाले, अंबालागन पी., अंकित…
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