असम में बाढ़ से 12 जिले के 5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित, अब तक 192 की मौत, जानें असम के बारे में
असम में बाढ़ से 12 जिले के 5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित, अब तक 192 की मौत, जानें असम के बारे में
Assam Flood Death Toll: देश के पूर्वोत्तर राज्यों में बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश (Heavy Rain) के कारण बाढ़ के हालात बने हुए हैं. कुछ राज्यों के कई इलाकों में भूस्खलन (Landslide) की वजह से कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. फिलहाल पूर्वोत्तर राज्यों में असम (Assam) इन दिनों बाढ़ और भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित है.
असम में इस साल अब तक बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर…
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असम में बाढ़ से 12 जिले के 5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित, अब तक 192 की मौत, जानें असम के बारे में
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Assam Flood Death Toll: देश के पूर्वोत्तर राज्यों में बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश (Heavy Rain) के कारण बाढ़ के हालात बने हुए हैं. कुछ राज्यों के कई इलाकों में भूस्खलन (Landslide) की वजह से कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. फिलहाल पूर्वोत्तर राज्यों में असम (Assam) इन दिनों बाढ़ और भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित है.
असम में इस साल अब तक बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर…
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असम में बाढ़ से 12 जिले के 5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित, अब तक 192 की मौत, जानें असम के बारे में
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Assam Flood Death Toll: देश के पूर्वोत्तर राज्यों में बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश (Heavy Rain) के कारण बाढ़ के हालात बने हुए हैं. कुछ राज्यों के कई इलाकों में भूस्खलन (Landslide) की वजह से कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. फिलहाल पूर्वोत्तर राज्यों में असम (Assam) इन दिनों बाढ़ और भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित है.
असम में इस साल अब तक बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर…
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असम में बाढ़ से दो और लोगों की हुई मौत, स्थिति में हो रहा सुधार
असम में बाढ़ से दो और लोगों की हुई मौत, स्थिति में हो रहा सुधार
Image Source : FILE PHOTO
Assam Flood: Two more people died in floods
Highlights
बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 190 लोगों की हुई मौत
12 जिलों में 5,39,334 लोग बाढ़ से हैं पीड़ित
कछार जिला है सबसे ज्यादा प्रभावित
Assam Flood: असम राज्य में बाढ़ की स्थिति में काफी सुधार होने के बावजूद रविवार को दो और लोगों की मौत हो गई। एक आधिकारिक बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण…
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जेईई मुख्य सत्र 1 अग्निपथ विरोध, असम बाढ़, सर्वर त्रुटियों से प्रभावित था, दावा छात्र अतिरिक्त प्रयास चाहते हैं
जेईई मुख्य सत्र 1 अग्निपथ विरोध, असम बाढ़, सर्वर त्रुटियों से प्रभावित था, दावा छात्र अतिरिक्त प्रयास चाहते हैं
संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मुख्य 2022 इस बार दो सत्रों में होगा। जबकि एक सत्र समाप्त हो गया है, दूसरा 21 जुलाई से शुरू होने वाला है, हालांकि, उम्मीदवार अब एक अतिरिक्त प्रयास की मांग कर रहे हैं। छात्रों का दावा है कि जेईई मेन का पहला प्रयास सर्वर त्रुटियों, अग्निपथ विरोध सहित कई मुद्दों से प्रभावित था। और असम बाढ़। छात्रों ने कहा है कि या तो बची हुई परीक्षाओं को स्थगित कर दिया जाए या फिर कोई और…
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असम को बाढ़ से बचाने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाएं: अमित शाह ने असम सरकार से कहा
असम को बाढ़ से बचाने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाएं: अमित शाह ने असम सरकार से कहा
छवि स्रोत: ANI गुवाहाटी में बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को असम सरकार से पूर्वोत्तर राज्य को दशकों तक बाढ़ से बचाने के लिए एक दीर्घकालिक योजना तैयार करने को कहा ताकि और अधिक विकास हो सके।
असम को बाढ़ मुक्त बनाने के तरीकों पर विचार करने के लिए यहां एक बैठक की अध्यक्षता करते…
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Assam Flood; 26 people dead so far, 1.61 lakh people affected
Assam Flood; अब तक 26 लोगों की मौत 1.61 लाख लोग प्रभावित; असम में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर है, क्योंकि 15 खंडों में 1.61 लाख से अधिक...
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राजभवन, एयरपोर्ट और स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, जानिए इसके पीछे का पूरा सच
पटना: बिहार राजभवन में बम होने की सूचना वाला ईमेल मिलने के बाद इसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजीव मिश्रा ने बुधवार को बताया कि राजभवन में व्यापक सुरक्षा जांच के बावजूद हमें वहां कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। मंगलवार सुबह राजभवन और बिहार पुलिस के अधिकारियों को धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें दावा किया गया था कि राज्यपाल के आवास पर बम रखा गया है। ये पूरी तरह ��े अफवाह निकला क्योंकि कुछ भी नहीं मिला। एसएसपी ने कहा कि हम अब ईमेल के स्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं और प्रेषक का पता लगाने के लिए ‘इंटरनेट प्रॉटोकोल’ (आईपी) पते के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। दिल्ली, एनसीआर और गुरुग्राम के सौ से ज्यादा स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी के बाद स्कूलों में आए बच्चों को घर भेज दिया गया। स्कूल भवनों और परिसर की सघन जांच की गई। कहीं कुछ नहीं मिला। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे फर्जी काल बताया है। एक दिन पहले कोलकाता में राजभवन को बम से उड़ाने का फर्जी ईमेल आया था। एयरपोर्ट या अन्य सार्वजनिक स्थानों के बारे में भी ऐसे फर्जी मेल या काल अक्सर आते रहते हैं। इंटरनेट के युग में ऐसे फर्जीवाड़ों की भरमार आ गई है।
बम की सूचना से फैलती है दहशत
जाहिर है कि ऐसी सूचनाएं दहशत फैलाने के इरादे से ही प्रसारित की जाती हैं। प्रशासन परेशान हो, सरकार भयभीत हो और लोग आतंकित हों, मेल भेजने वालों और काल करने वालों का यही मकसद होता है। ऐसा करने वाले यकीनन आपराधिक प्रवृत्ति के या सिरफिरे होंगे। सत्ता पक्ष के लिए जिस तरह विपक्ष बेवजह मुसीबत खड़ी करने का अभ्यस्त हो चुका है, उसमें ऐसे शरारती तत्व आसानी से अपने हाथ साफ कर लेते हैं। ऐसी दहशतगर्दी फैलाने में पड़ोसी दुश्मन देशों का भी हाथ हो सकता है। विपक्ष की ऐसी सूचनाओं पर चुप्पी भी संदेह पैदा करती है।
विपक्ष की ऐसे मामलों में चुप्पी क्यों
लोकसभा चुनाव की जारी प्रक्रिया के बीच विपक्ष जिस तरह की अफवाहों को हवा देता रहा है, उसे देख कर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि ये अफवाहें भी विपक्षी दलों के समर्थक ही फैला रहे हों। आरक्षण खत्म करने और संविधान बदलने की बात विपक्ष शिद्दत से कह रहा है। भाजपा का भय लोगों में पैदा करने के लिए विपक्ष की यह रणनीति हो सकती है। पर, सभी जानते हैं कि ऐसा कर पाना किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए नामुमकिन है। हां, संविधान में संशोधन जरूर होते रहे हैं। संविधान में संशोधन कर ही कांग्रेस नेता और भूतपूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई थी। लोकसभा का कार्यकाल छह साल कर दिया था। 1977 में जब इंदिरा गांधी की सरकार का पतन हुआ तो फिर संविधान संशोधन कर पुरानी स्थिति बहाल की गई। अब तक सौ से अधिक संशोधन संविधान में हो चुके हैं। संविधान का मूल ढांचा आज भी बरकरार है। यानी संविधान में संशोधन तो हो सकता है, पर इसे खत्म करने की बात चुनावी अफवाह से अधिक कुछ नहीं। ठीक उसी तरह, जैसी बम होने की अफवाह फैलाई गईं।
पहले हो चुकी हैं विस्फोट की घटनाएं
बहरहाल, बम से उड़ाने की जिस तरह की अफवाहें जोर पकड़ रही हैं, उसमें कभी सच्चाई भी सामने आ जाए तो आश्चर्य नहीं। इसलिए कि ऐसी घटनाएं पहले हो चुकी हैं। देश में 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिरने के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए ने सरकार बनाई। मनमोहन सिंह पीएम बने। सिंह ने 10 साल तक शासन किया। उन 10 वर्षों में बम विस्फोट की कई बड़ी घटनाएं हुई थीं। 15 अगस्त 2004 को असम के एक स्कूल में बम विस्फोट हुआ था। 18 लोगों की जान चली गई थी। 5 जुलाई 2005 को अयोध्या में आतंकी हमले में छह लोगों की मौत हो गई थी। 28 जुलाई 2005 को जौनपुर के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 13 लोग मारे गए। 2005 में ही 29 अक्टूबर को दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट से दहल गई थी। 70 लोगों के चिथड़े उड़ गए थे। देश में ऐसी अनेक घटनाएं घट चुकी हैं। यह अलग बात है कि 2014 के बाद ऐसी घटनाओं पर विराम लगा है। इसलिए बम ब्लास्ट की सूचनाओं को सिर्फ सिरफिरे या शरारती तत्वों की करामात बता कर चुप रह जाना ठीक नहीं होगा।
शरारती तत्वों की पहचान जरूरी
अफवाह उड़ा कर लोगों को तबाह करने वाले ऐसे तत्वों की पहचान मुश्किल नहीं है। डिजिटल क्रांति ने तो इसे और आसान बना दिया है। चिंता की बात यह है कि चुनावी मौसम में ऐसी सूचनाओं की बाढ़ कहां से और क्यों आ गई है। क्या यह विपक्ष की कोई रणनीति है या विपक्ष की आड़ लेकर शरारती तत्व ऐसा करना आसान समझ रहे हैं। सच जो भी हो, लेकिन ऐसे तत्वों की तलाश और उनके खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। http://dlvr.it/T6H8XN
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बाढ़ से हालात बेकाबू, 1.20 लाख लोग प्रभावित, ‘ऑरेंज अलर्ट’ भी जारी
NCG NEWS DESK गुवाहाटी : असम में बाढ़ के कारण गुरुवार को हालात और भी खराब हो गए। बारिश के चलते कई और नए इलाकों में पानी भर गया है। असम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (एएसडीएमए) की बुलेटिन के मुताबिक धेमाजी, धुबरी, कोकराझार, बक्सा, बारपेटा, दरांग, लखीमपुर, नलबाड़ी, सोनितपुर और उदलगुरी जिलों में बाढ़ से 1,19,800 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
एएसडीएमए के आंकड़ों के अनुसार, नलबाड़ी वर्तमान में सबसे अधिक…
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मानसून के कृषि संकट वाले प्रभाव से निपटने के लिए असम में बदलेगा खरीफ सीजन का कैलेंडर!
मानसून के कृषि संकट वाले प्रभाव से निपटने के लिए असम में बदलेगा खरीफ सीजन का कैलेंडर!
बीते कुछ सालों में मानसून सीजन में अधिक बारिश की वजह से बाढ़ के हालात बन रहे हैं तो कई बार कम बारिश की वजह से सूखा पड़ रहा है. इस वजह से खरीफ सीजन में होने वाली धान जैसी वर्षा आधारित खेती पर बुरा असर पड़ा है.
इस बार मानसून में हो रही कम बारिश की वजह से धान का रकबा 13 फीसदी तक कम हुआ है.
Image Credit source: File Photo
देश में मानसून और खरीफ सीजन एक दूसरे के पूरक हैं. कुल मिलाकर सीधे और सपाट…
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India Weather Forecast Monsoon Update Heavy Rainfall Dhar Karam Dam Delhi Yamuna Flood Warning | Flood: बारिश और बाढ़ से हाहाकार- दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर, धार में डैम से पानी निकालने का काम जारी
India Weather Forecast Monsoon Update Heavy Rainfall Dhar Karam Dam Delhi Yamuna Flood Warning | Flood: बारिश और बाढ़ से हाहाकार- दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर, धार में डैम से पानी निकालने का काम जारी
India Weather Update: देश के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ (Flood) की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. कई राज्यों में आज भी बारिश की संभावना है. ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Rain), राजस्थान और असम, अरुणाचल प्रदेश और दक्षिणपूर्व उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ जगहों पर तेज बारिश (Heavy Rainfall) की संभावना जताई गई है.
मध्य प्रदेश के धारा (Dhar) में कारम…
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असम बाढ़ की स्थिति में सुधार, 16,000 से अधिक लोग अब भी प्रभावित
असम बाढ़ की स्थिति में सुधार, 16,000 से अधिक लोग अब भी प्रभावित
असम बाढ़: 1500 से अधिक विस्थापित लोग अभी भी 16 राहत शिविरों में हैं।
गुवाहाटी:
एक आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया है कि असम में बाढ़ की स्थिति में बुधवार को और सुधार हुआ क्योंकि बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या घटकर 16,462 हो गई, जबकि एक और व्यक्ति की मौत हो गई।
बयान में कहा गया है कि कछार जिले में इस साल की बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 197 हो गई है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण…
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करण जौहर ने की बाढ़ ग्रस्त असम की 11 लाख रुपये से मदद, अर्जुन कपूर ने भी किए डोनेट, CM बोले- 'थैंक यू'
करण जौहर ने की बाढ़ ग्रस्त असम की 11 लाख रुपये से मदद, अर्जुन कपूर ने भी किए डोनेट, CM बोले- ‘थैंक यू’
Assam Floods: असम (Assam) इन दिनों बाढ़ की मार झेल रहा है. ऐसे में कई लोग राज्य की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. कई सेलेब्स भी असम की मदद के लिए आगे आए हैं. पिछले दिनों आमिर खान (Aamir Khan) ने बाढ़ से पीड़ित परिवारों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 लाख दान किए थे. उनके बाद अब करण जौहर (Karan Johar) ने असम बाढ़ राहत कार्य के लिए मदद के हाथ आगे बढ़ाए हैं. फिल्म निर्माता ने राज्य की मदद के लिए 11…
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एनएचपीसी परियोजना में बिजलीघर में बाढ़ के बाद असम में विरोध प्रदर्शन
एनएचपीसी परियोजना में बिजलीघर में बाढ़ के बाद असम में विरोध प्रदर्शन
द्वारा पीटीआई
गुवाहाटी: असम की राजधानी गुवाहाटी और लखीमपुर में मंगलवार को एक निर्माणाधीन एनएचपीसी पनबिजली परियोजना में एक अस्थायी गार्ड की दीवार गिरने के बाद विरोध प्रदर्शन किया गया, जिससे एक बिजलीघर में पानी भर गया और एक डायवर्सन सुरंग क्षतिग्रस्त हो गई।
कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के समर्थकों ने गुवाहाटी में विरोध प्रदर्शन किया, जबकि ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने पीएसयू, केंद्र और…
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