#अल्पसंख्यकों को भाषण से नफरत है
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आपकी चुप्पी नफरत की आवाजों को बढ़ावा देती है: फैकल्टी, आईआईएम के छात्रों से लेकर पीएम तक
आपकी चुप्पी नफरत की आवाजों को बढ़ावा देती है: फैकल्टी, आईआईएम के छात्रों से लेकर पीएम तक
बेंगलुरु और अहमदाबाद में भारतीय प्रबंधन संस्थानों के छात्रों और संकाय सदस्यों के एक समूह ने शुक्रवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में अभद्र भाषा और अल्पसंख्यकों पर हमलों को हरी झंडी दिखाई, जिसमें कहा गया कि उनकी चुप्पी नफरत की आवाजों को “साहस” करती है। प्रधान मंत्री कार्यालय को भेजे गए पत्र में 183 हस्ताक्षरकर्ता हैं, जिनमें आईआईएम बैंगलोर के 13 संकाय सदस्य और आईआईएम अहमदाबाद के…
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सोशल मीडिया पर नफ़रत से लड़ने वाले सेल्फ पुलिसिंग के समर्थन में आए UN प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने डिजिटल मीडिया के माध्यम से ‘बिजली की गति’ से फैलने वाले नफरत भरे और नफरत को फैलाने वाले भाषणों से लड़ने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म और स्वयंसेवी समूहों द्वारा सेल्फ पुलिसिंग के नए रूप और कार्य’ का स���र्थन किया है। संयुक्त राष्ट्र में मंगलवार को द्वेषपूर्ण भाषण (हेट स्पीच) पर एक रणनीति और कार्य योजना लॉन्च करते हुए गुटेरेस ने घोषणा की, द्वेषपूर्ण भाषणों ने भले ही पैर जमाने में सफलता प्राप्त कर ली है लेकिन यह अब नोटिस पर है और हम इससे निपटना बंद नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, नफरत भरे और विनाशकारी विचारों को डिजिटल तकनीक के माध्यम से सक्षम और प्रवर्धित किया जाता है, जो अक्सर महिलाओं, अल्पसंख्यकों और सबसे कमजोर लोगों को निशाना बनाता है। चरमपंथी ऑनलाइन इकट्ठा होते हैं और नई भर्तियां करते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा ‘सेल्फ-पुलिसिंग’ के नए रूपों और क्राइस्टचर्च कॉल में शामिल प्रतिबद्धताओं का स्वागत किया। आतंकवादी और हिंसक चरमपंथी सामग्री को खत्म करने के लिए क्राइस्टचर्च कॉल को पिछले महीने मार्च में न्यूजीलैंड की राजधानी में मस्जिदों पर आतंकवादी हमले के जवाब में सरकार और प्रौद्योगिकी नेताओं द्वारा अपनाया गया था। गुटेरेस ने डिजिटल तकनीक का उपयोग ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने, इन पर प्रतिक्रिया देने और इनके खिलाफ माहौल तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक समूहों का हालिया उभार, जो उत्पीड़न और नफरत भरी भाषा से निपटने का प्रयास कर रहे हैं, उनके और संयुक्त राष्ट्र के बीच सहयोग की संभावना पैदा हुई है। उन्होंने कहा, उदार लोकतंत्र और तानाशाही शासन, दोनों में ही कुछ राजनीतिक नेता घृणा फैलाने वाले विचारों और इन समूहों की भाषा को मुख्यधारा में ला रहे हैं, उन्हें सामान्य बना रहे हैं, सार्वजनिक तौर पर बढ़ावा दे रहे हैं और सामाजिक ताने-बाने को कमजोर कर रहे हैं। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने उदार लोकतंत्रों और राजनीतिक नेताओं के नाम बताने से इनकार कर दिया, जिनका वे उल्लेख कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर वह नाम लेकर शर्मिदा करते हैं तो फिर सिर्फ इसे ही प्रचारित किया जाएगा जबकि वह चाहते हैं कि मुद्दे का जो सार है, उससे निपटा जाए। गुटेरेस ने कहा, अभद्र भाषा से निपटने का मतलब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित या प्रतिबंधित करना नहीं है। इसका मतलब है कि नफरत फैलाने वाले भाषण को और अधिक खतरनाक, विशेष रूप से भेदभाव, शत्रुता और हिंसा के लिए उकसाने से रोकना है जो अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत निषिद्ध हैं। Read the full article
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जर्मनी में मोदी सरकार पर बरसे राहुल गांधी, अर्थव्यवस्था से विदेश नीति तक रखी बात
हैम्बर्ग। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जर्मनी में छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। बुधवार को हुए इस संवाद में उन्होंने जीएसटी और नोटबंदी से लेकर भारत के विदेशों से संबंधों पर भी चर्चा की। एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि अमेरिका के साथ भारत के अहम सामरिक संबंध हैं, हालांकि भारत इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकता है कि चीन तेजी से आगे बढ़ रहा है और वह भविष्य में प्रभावी भूमिका निभाएगा। ऐसे में भारत को दोनों देशों के बीच संतुलन बनाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इसको संतुलित करने में भारत और यूरोप की भूमिका होगी।
गले लगाने वाले मामले पर भी बोले
लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान राहुल का पीएम मोदी से गले लगना बेहद चर्चा में रहा था। राहुल ने कहा कि मैंने उनको गले लगाकर नफरत का जवाब प्यार से दिया है। नफरत फैलाने वाले भाषण और राजनीति करने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय का मतलब ही अहिंसक है। उन्होंने कहा, ‘अगर भारत को इस जोखिम भरे बदलाव से गुज़रना पड़ा, तो हम चाहते थे कि सभी समुदायों और भाषाओं को इस बदलाव में शामिल किया जाए। रोजगार गारंटी योजना, भोजन का अधिकार, सूचना का अधिकार, बैंकों का राष्ट्रीयकरण जैसे विचार काफी हद तक नष्ट हो गए हैं। दलितों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों को अब सरकार से कोई फायदा नहीं मिलता है। उनको फायदा देने वाली सारी योजनाओं का पैसा चंद बड़े कॉर्पोरेट्स के पास जा रहा है।
नोटबंदी और जीएसटी पर ऐसे बरसे
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कुछ साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में नोटबंदी का फैसला किया और एमएसएमई के नकद प्रवाह को बर्बाद कर दिया, अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग बेरोजगार हो गए। छोटे व्यवसाइ��ों से जुड़े लोगों को वापस अपने गांव लौटना पड़ा। कांग्रेस अध्यक्ष साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव और भारत के लिए अपनी योजना के बारे में बात रखेंगे।
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source http://hindi-news.krantibhaskar.com/latest-news/hindi-news/union-territories-news/delhi-news/12396/
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