#अभ्यर्थियों का विरोध शुरू
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नीतीश-तेजस्वी के रिश्ते में 'बिगाड़' का कारण बनी शिक्षकों की भर्ती! जानिए विपक्ष को क्या मिला नया सियासी शिगूफा
पटना: बिहार में नवनियुक्त शिक्षकों को सीएम ने एक भव्य समारोह में नियुक्ति पत्र बांटा। बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर जहां देश भर में बिहार की चर्चा हो रही है, वहीं इसे लेकर विवाद भी छिड़ गया है। नियुक्ति में डोमिसाइल की बाध्यता खत्म किए जाने से शिक्षक अभ्यर्थी नाराज हैं तो चुनावी रणनीतिकार और कभी जेडीयू के साथ रहे प्रशांत किशोर का कहना है कि डोमिसाइल की बाध्यता खत्म होने से बिहार के सिर्फ 25 हजार युवाओं को ही नौकरी मिल पाई है। बाकी सीटों पर बाहरी लोगों को मौका मिला है। बिहार में रोजगार के द्वार खोलने की बात इससे हास्यास्पद हो जाती है। मांझी को धांधली नजर आती है पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का कहना है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली हुई है। उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है। कहा तो उन्होंने यह भी है कि बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को भी शिकायत भेजेंगे। हालांकि सीएम नीतीश पहले ही किसी तरह की गड़बड़ी की बात से इनकार चुके हैं। मांझी नियुक्ति में गड़बड़ी से इतने आहत हैं कि एक तरफ नीतीश कुमार नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे और दूसरी ओर नौकरी से वंचित शिक्षक अभ्यर्थियों की अदालत मांझी अपने आवास पर लगाए हुए थे। उन्होंने पहले ही ‘बिहारी शिक्षक अभ्यर्थी अदालत’ लगाने की घोषणा की थी। मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा, ‘आज पटना में दो बड़े कार्यक्रम होंगे, एक कार्यक्रम सरकारी ईवेंट होगा, जहां बिहारियों को दरकिनार कर नियुक्ति पत्र बांटा जाएगा। दूसरा कार्यक्रम HAM (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) का होगा, जिसमें बिहार, बिहारियत और बिहार के भविष्य को ��ेकर शिक्षक अभ्यर्थी अदालत लगाई जाएगी। पीके खोलेंगे शिक्षक नियुक्ति की पोल चुनावी रणनीतिकार और इन दिनों बिहार में जन सुराज यात्रा कर रहे प्रशांत किशोर तो आरजेडी-जेडीयू के पीछे ही पड़ गए हैं। वे अक्सर इन दोनों दलों के तीन दशक से अधिक के राज को बिहार के पतन का कारण मानते हैं। प्रशांत का कहना है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्त होने पर इतरा रहे हैं। लेकिन सच यह है कि बिहार के तकरीबन 25 हजार लोगों को ही नौकरी मिल पाई है। बाकी लोग बाहरी हैं। चूंकि राज्य सरकार ने शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल की बाध्यता खत्म कर दी थी, इसलिए बाहरी लोगों ने इसका फायदा उठा लिया। सीएम पहले नियुक्ति पत्र बांट लें, उसके बाद वे पोल खोलेंगे। नौकरी आरजेडी की वजह से मिली इस बीच आरजेडी समर्थकों ने बड़े पैमाने पर शिक्षक नियुक्ति का श्रेय नीतीश कुमार की बजाय तेजस्वी यादव को देना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर तरह-तरह के पोस्टर फ्लोट किए गए हैं। आरजेडी का दावा ह कि तेजस्वी ने ही 10 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था। इसी क्रम में नियुक्तियां हो रही हैं। इसलिए नियुक्ति का श्रेय तेजस्वी को जाता है। नीतीश इससे इतने नाराज हुए कि नियुक्ति पत्र बांटने के लिए आयोजित समारोह के मंच पर लगे बैनर से तेजस्वी ही गायब कर दिया। नीतीश का तर्क है कि यह किसी एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं, बल्कि सरकार की कोशिश का परिणाम है। इसका श्रेय किसी एक को नहीं दिया जा सकता। 1979 के बाद पहली बार बंटा नियुक्ति पत्र वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर बताते हैं कि 1979 में 1200 इंजीनियरों को सामूहिक रूप से नियुक्ति पत्र बांटा गया था। तब बिहार में कोई इंजीनियर बेरोजगार नहीं बचा था। किसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत भी नहीं हुई थी। वह कर्पूरी ठाकुर का राज था। सुरेंद्र किशोर का इशारा आज शिक्षक नियुक्ति पर उठ रहे सवाल की ओर था। अभ्यर्थियों के एतराज और विपक्ष के विरोध के बावजूद वर्षों बाद हुई बड़े पैमाने पर हुई शिक्षकों की नियुक्ति में राज्य सरकार ने डोमिसाइल लागू नहीं किया। इससे बिहार से बाहर के युवाओं को बड़े पैमाने पर नौकरी मिली है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पहले ही कह चुके थे कि बिहार में योग्य शिक्षक नहीं मिल पाएंगे, इसलिए डोमिसाइल खत्म किया गया है। http://dlvr.it/SyHtwD
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UPPSC: एलटी ग्रेड ग्रेड ड्रॉप भर्ती के अभ्यर्थियों का विरोध शुरू राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के सफल अभ्यर्थियों के विरोध की कार्रवाई शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को छोड़कर हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय को 13 ...। Source link
#13 विषयों के परिणाम भेजें#13 विषयों के परिणाम भेजे गए#13 विषयों के रिजल्ट भेजे गए#Uppsc#अभ्यर्थियों का विरोध शुरू#उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग#उम्मीदवारों का सत्यापन शुरू करें#एलटी ग्रेड शिक्षक#एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018#यूपीपीएससी#सामाजिक विज्ञान#हिंदी की प्रक्रिया नहीं#हिंदी समाचार#हिंदुस्तान#हिन्दी की प्रक्रिया नहीं#हि��्दी में समाचार#हिन्दुस्तान
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69000 शिक्षक भर्तीः प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज, तंग आकर गोमती में कूदा अभ्यर्थी Divya Sandesh
#Divyasandesh
69000 शिक्षक भर्तीः प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज, तंग आकर गोमती में कूदा अभ्यर्थी
लखनऊ उत्तर प्रदेश में लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ जहां सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ शिक्षक अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर तमाम तरह की अड़चनों के बीच एक महीने से आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए धरना दे रहे हैं। पुलिस के रवैए से परेशान एक अभ्यर्थी ने मंगलवार को गोमती नदी में छलांग लगा दी। अभ्यर्थी के कूदने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। वहीं मौजूद लोगों ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची पुलिस करीब डेढ़ घंटे से रेस्क्यू के जरिए अभ्यर्थी को ढूंढने का प्रयास कर रही है लेकिन छलांग लगाने वाले अभ्यर्थी का अभी तक कुछ भी पता नहीं चल सका है।
पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप प्रदर्शन कर रहे एक अभ्यर्थी ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया कि सीएम आवास पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने अचानक से लाठियां चला दीं। इसी के चलते एक अभ्यर्थी खुद को बचाने के लिए 1090 की तरफ भागा लेकिन पुलिस उसका लगातार पीछा करती रही। मार खाने के डर से अभ्यर्थी ने गोमती नदी में छलांग लगा दी। पुलिस प्रशासन उन अभ्यर्थियों पर दबाव बना रहे हैं जो हम लोगों का नेतृत्व कर रहे हैं। कई अभ्यर्थियों को नजरबंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस के किए गए लाठीचार्ज से कई अभ्यर्थियों को गंभीर चोट आई है।
अभ्यर्थियों ने लगाया योगी जी न्याय दो का नारा रोते-बिलखते अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास के सामने ‘योगी जी न्याय दो’ का नारा लगाना शुरू कर दिया। सीएम आवास पर बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने माहौल बिगड़ता देखा तो बसों में भरकर अभ्यर्थियों को धरनास्थल (इको गार्डन) भेज दिया। अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए पिछले कई दिनों से अभ्यर्थी लखनऊ के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते दिन इन्हीं अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज हुआ था।
सीएम आवास के सामने कुछ अभ्यर्थियों ने सड़क पर लेटकर विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच वहां मौजूद पुलिस बल ने सक्रियता दिखाते हुए अभ्यर्थियों को बसों में भरकर धरना स्थल पर भिजवा दिया। युवाओं को बरगलाने का प्रयास ने कहा कि विभाग में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों पर पूरी पारदर्शिता के साथ भर्ती की गई है, लेकिन कुछ शरारती तत्व और राजनीतिक दल युवाओं को बरगला कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किसी भी विभाग में भर्ती के लिए जिन नियमों के तहत आवेदन मांगे जाते हैं, उन्हीं के तहत पूरी भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाती है। इसे न भर्ती प्रक्रिया के दौरान बदला जा सकता है और न ही भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद।
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खुशखबर ! राजस्थान में विभ���न्न विभागों में निकली बंपर भर्तियां, फटाफट करें आवेदन
प्रदेश की बिजली कम्पनियों में जल्द ही भर्तियां शुरू होंगी। इनमें करीब 1571 पदों के लिए वित्त विभाग ने स्वीकृति दे दी है। इसमें कनिष्ठ अभियंताओं की संख्या सर्वाधिक है। वहीं, सरकार की एनओसी मिलने के साथ ही नोडल एजेंसी राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम जल्द ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू करेगी। पांच कम्पनियों में से सर्वाधिक भर्ती राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम में 776 पदों पर भर्ती होगी।
इनकी होंगी भर्तियां : पर्सनल ऑफिसर, अकाउंटस ऑफिसर, एईएनए जेईएन, जूनियर केमिस्ट, असिस्टेंट पर्सनल ऑफिसर, स्टेनोग्राफर, जूनियर अकाउंटेंट, जूनियर लीगल ऑफिसर, इंफोर्मेशन असिस्टेंट आदि।
शारीरिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू तृतीय श्रेणी के चयनित शारीरिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की कवायद शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग ने चयनित शारीरिक शिक्षकों से जिला आवंटन के लिए विकल्प पत्र मांगे हैं। संयुक्त निदेशक नूतन बाला कपिला के अनुसार पहले ही दिन विभाग की पोर्टल पर 3904 अभ्यर्थियों के आवेदन जमा हुए। विभाग की ओर से 4650 पदों पर भर्ती प्रस्तावित है। वहीं, निदेशालय के बाहर 16 अक्टूबर से चयनित शारीरिकशिक्षकों ने डेरा डाल रखा है। सोमवार को माध्यमिक शिक्षा संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षण) ने विकल्प पत्र के लिए आदेश जारी किए है। इसके अनुसार राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड जयपुर की ओर से हुई प्रशिक्षण अनुदेशक ग्रेड थर्ड भर्ती परीक्षा में चयनित हुए शारीरिक शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर जिला आवंटन किया जाना है।
शारीरिक शिक्षक शाला दर्पण पोर्टल पर अपना विकल्प पत्र 15 नवंबर तक जमा करवा सकता है। इसके बाद वरियता सूची के आधार पर शिक्षा विभाग जिला आवंटित करेगा। ऑनलाइन विकल्प पत्र नहीं भरने वाले अभ्यर्थियों कोई जिला आवंटित करने के लिए विभाग स्वतंत्र रहेगा।
व्यायाम कर जताया विरोध उधर नियुक्ति की मांग को लेकर चयनित शारीरिक शिक्षकों का निदेशालय पर धरना सोमवार को १९ वें दिन भी जारी रहा। धरने में शामिल जेठाराम ने रोष जताते हुए कहा कि भले ही विभाग ने जिले आवंटित करने के लिए विकल्प मांगें है। लेकिन जब तक नियुक्ति नहीं हो जाती है, तक संघर्ष जारी रहेगा।
जनवरी में आया परिणाम
वर्ष 2018 में थर्ड ग्रेड शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में सात हजार अभ्यर्थी चयनित हुए थे। साढ़े चार हजार पदों के लिए बीते साल सितंबर में परीक्षा हुई थी, इस परीक्षा में करीब 23 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने अपना भाग्य आजमाया ��ा। इस साल जनवरी में परीक्षा परिणाम भी आ गया था जिसमें करीब सात हजार अभ्यर्थी चयनित हुए थे। लेकिन अब तक नौकरी नहीं मिलने से शिक्षा निदेशालय के आगे धरना दे रहे हैं।
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एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती मामले पर कई गुटों में बंटे प्रतियोगी, समर्थक 10 से शुरू करेंगे क्रमिक अनशन
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के समर्थक छात्रों ने आयोग के मीडिया प्रभारी को सौंपे ज्ञापन में चेतावनी दी है कि अगर शेष आठ विषयों के परिणाम एक साथ जल्द जारी करने और सत्यापन तय समय के मुताबिक कराने की उनकी मांग पूरी न हुई तो वे 10 जून से आयोग परिसर में क्रमिक अनशन करेंगे। मोर्चा के प्रतिनिधि अनिल उपाध्याय का कहना है कि एलटी ग्रेड भर्ती के जिन 7 विषयों का परिणाम घोषित हुआ है, उनमें सफल अभ्यर्थियों का सत्यापन 11 जून से शुरू होना चाहिए। संयोजक शेर सिंह का कहना है आंदोलन एलटी ग्रेड भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों के कार्यभार ग्रहण करने तक जारी रहेगा। . एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का विरोध कर रहे प्रतियोगी छात्रों ने 9 जून की शाम 6 बजे इविवि विधि संकाय के सामने से बालसन चौराहा स्थित गांधी प्रतिमा तक कैंडल मार्च करने की घोषणा की है। मार्च की तैयारी के सिलसिले में इन प्रतियोगियों की शनिवार को रसूलाबाद स्थित महादेवी पार्क में बैठक हुई और फिर मोहल्ले में जुलूस निकाला गया। इनकी मांग है कि आयोग के सचिव और अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा निरस्त कर छह माह के भीतर फिर से कराई जाए। पिछले दो साल में हुई सभी भर्तियों की सेवानिवृत जज की कमेटी से जांच कराई जाए। आंदोलनकारी छात्र नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस लिए जाएं। भर्ती संस्थाओं का भ्रष्टाचार रोकने कें लिए राज्यस्तरीय आयोग का गठन किया जाए। बैठक में सुनील मौर्य, विक्की खान, एलके चौधरी, सुरेंद्र पांडेय, विनोवर शर्मा, सुनील यादव, सुनील निषाद, अजय कुमार, संदीप सिंह आदि उपस्थित थे। उधर, य���वा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह, विनोद शर्मा, अरविंद मौर्य, राहुल सिंह, सुरेंद्र पांडेय, सत्य प्रकाश सिंह, उमाशंकर सिंह, मदन, विजय कुमार, अरुण पांडेय, अमित आदि ने अल्लापुर, सलोरी, राजापुर में संपर्क कर छात्रों से रविवार को होने वाले कैंडल मार्च में शामिल होने की अपील की।
Read full post at: https://www.cnnworldnews.info/2019/06/10_9.html
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राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने जारी की इस परीक्षा की नई तिथि, यहां देखें अब किस दिन होगी ये परीक्षा
जयपुर ।
जयपुर बेरोजगारों की ओर से पशुधन सहायक भर्ती परीक्षा स्थगित करने के विरोध में किए गए प्रदर्शन के बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने पशुधन सहायक भर्ती परीक्षा की नई तिथि जारी कर दी है। अब यह परीक्षा राज्य में 21 अक्टूबर को सुबह 11 से 1 बजे करवाई जाएगी। बोर्ड के अध्यक्ष डॉ बी.एल जाटावत ने इस संबंध में आज आदेश जारी कर दिए हैं।
बोर्ड के मुताबिक अभ्यर्थियों के लिए प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के संबंध में शीघ्र ही सूचना जारी की जाएगी। बोर्ड अध्यक्ष ने साफ किया है कि अभ्यर्थी बोर्ड की वेबसाइट पर जारी की गई सूचनाओं को ही अधिकृत सूचनाएं मानें।
आपको बता दें कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से पशुधन सहायक भर्ती परीक्षा की स्थगित कर देने के विरोध में 20 सितंबर को बड़ी संख्या में बेरोजगार अभ्यर्थी बोर्ड कार्यालय पर जुटे थे और प्रदर्शन किया था। इस दौरान अभ्यर्थियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राज्य में आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने जा रही है, ऐसे में अगर आचार संहिता से पहले भर्ती परीक्षा करवाई जाए।
बता दें कि पशुधन सहायकों के 2077 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी कर 12 अप्रेल से आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई थी जो कि 18 मई तक चली। इसके बाद बोर्ड ने परीक्षा के लिए 14 अक्टूबर की तिथि घोषित कर उसे फिर स्थगित कर दिया था।
पशुधन सहायक से संबंधित महत्वपूर्ण बातें
पशुधन सहायक भर्ती के लिए 2077 पदों के लिए परीक्षा होनी है। इन पदों पर राजस्थान स्टाफ सलेक्शन बोर्ड ( RSMSSB ) परीक्षा कराने जा रहा है। पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास और एक/ दो वर्ष का निर्धारित अनुभव तथा हिंदी की जानकारी होनी आवश्यक है। साथ ही इन पदों के लिए उम्र 01 जनवरी, 2019 को 18 से 40 वर्ष होनी चाहिए।
READ : प्रदेश के चुनावी साल में मुख्यमंत्री राजे ने शेखावटी वासियों को दी बड़ी सौगात, सीकर पहुंचा ‘गौरव रथ’
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बीटीसी 2015 चौथे सेमेस्टर का मूल्यांकन सही न होने पर फूटा गुस्सा, 25 हजार प्रशिक्षुओं के फेल हो जाने की गड़बड़ी की जांच और सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में शामिल करने की ��ांग
बीटीसी 2015 चौथे सेमेस्टर का मूल्यांकन सही न होने पर फूटा गुस्सा, 25 हजार प्रशिक्षुओं के फेल हो जाने की गड़बड़ी की जांच और सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में शामिल करने की मांग
प्रयागराज : बीटीसी 2015 चौथे सेमेस्टर का मूल्यांकन सही न होने के विरोध में प्रशिक्षुओं का गुस्सा फूट पड़ा है। प्रदेश भर के करीब 25 हजार प्रशिक्षुओं के फेल हो जाने की गड़बड़ी की जांच और सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हुआ है। प्रशिक्षु जल्द बैक पेपर परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। परीक्षा नियामक कार्यालय ने यह मांगे मानने से इन्कार किया है, यह भी कहा है कि जिसे मूल्यांकन पर आपत्ति है वह स्क्रूटनी करा ले या जन सूचना अधिकार के तहत उत्तर पुस्तिका देख ले। बीटीसी 2015 के प्रशिक्षुओं ने तृतीय सेमेस्टर का परिणाम आने के बाद भी इसी तरह का प्रदर्शन किया था। उस समय छह अभ्यर्थियों के अंक पूर्णाक से अधिक होने का मुद्दा बनाया गया। उस पर कॉपियों की स्क्रूटनी कराई गई जिसमें मूल्यांकन सही मिला। प्रकरण कोर्ट तक पहुंचा फिर भी प्रशिक्षुओं को राहत नहीं मिली। अब चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट आया है इसमें करीब 25 हजार प्रशिक्षु फेल हैं। उनका आरोप है कि अंग्रेजी व गणित विषय में ऐसे साथियों को फेल किया गया है, जो टीईटी 120 से अधिक अंक अर्जित कर चुके हैं। प्रशिक्षुओं की माने तो 25 अंक के पूर्णाक वाले प्रश्नपत्र में 20 से 22 अंक का सही जवाब देने वालों का भी बैक पेपर आया है। प्रयागराज के आकाश राज, फतेहपुर के अतिरेक तिवारी, चंदौली के मनोज गुप्ता और मथुरा की शिल्पी जैसे मेधावी प्रशिक्षुओं को बहुत कम अंक मिले हैं। प्रशिक्षुओं की मांग है कि परीक्षा नियामक कार्यालय उनकी बैक पेपर की जल्द परीक्षा कराकर परिणाम जारी करे, ताकि वे शिक्षक भर्ती में शामिल हो सकें या फिर उन्हें भर्ती में शामिल करने की छूट दी जाए। यह अल्टीमेटम भी दिया है कि मांगे न मानी जाने पर आंदोलन जारी रहेगा और अनशन करेंगे। परीक्षा नियामक कार्यालय का कहना है कि मूल्यांकन सही हुआ है। जिसे आपत्ति है वह स्क्रूटनी करा सकता है। फिलहाल बैक पेपर परीक्षा नहीं कराई जा सकती और न ही भर्ती में शामिल होने की अनुमति दे सकते हैं। आंदोलन के दौरान रायबरेली के नीरज वर्मा की हालत बिगड़ गई वह प्राथमिक उपचार कराकर धरना स्थल पर फिर डट गया है। राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : प्रदेश के महाविद्यालयों में मानदेय पर कार्यरत शिक्षकों ने नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी न होने और नियुक्ति पत्र अब तक न मिलने पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। शुक्रवार को उच्च शिक्षा निदेशालय उप्र, प्रयागराज का घेराव कर खूब खरी खोटी सुनाई। निदेशक कार्यालय के समक्ष ही माइक लगाकर धरना प्रदर्शन किया। कहा कि उन्हें विभिन्न अनर्गल सूचनाएं मिल रही हैं, निदेशालय स्थिति को स्पष्ट नहीं कर रहा है न ही यह बताया जा रहा है कि नियुक्ति पत्र कब दिया जाएगा। उप्र प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ के बैनर तले शिक्षा निदेशालय परिसर में कानपुर, लखनऊ, बरेली, शाहजहांपुर, फीरोजाबाद, प्रयागराज समेत अन्य जिलों में मानदेय पर कार्यरत शिक्षकों का जमावड़ा लगा। विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी भी शामिल हुए। कहा कि 10 सितंबर को उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम में मानदेय शिक्षकों के नियमितीकरण का संशोधन आदेश विधायी अनुभाग की ओर से निर्गत किया गया था। शिक्षक 1998 से मानदेय पर कार्यरत हैं।
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UPTET 2018: दूसरे दिन 30 हजार पंजीकरण,15 हजार आवेदन, टीईटी परीक्षा के लिए आवेदन करने वालों में मची होड़, प्राथमिक स्कूलों में बीएड के शामिल होने से होंगे रिकॉर्ड आवेदन, पहचान पत्र के और बढ़ेंगे विकल्प
UPTET 2018: दूसरे दिन 30 हजार पंजीकरण,15 हजा�� आवेदन, टीईटी परीक्षा के लिए आवेदन करने वालों में मची होड़, प्राथमिक स्कूलों में बीएड के शामिल होने से होंगे रिकॉर्ड आवेदन, पहचान पत्र के और बढ़ेंगे विकल्प
इलाहाबाद : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी टीईटी 2018 के लिए पंजीकरण व आवेदन करने की होड़ मच गई है। प्रक्रिया शुरू होने के दूसरे ही दिन 30 हजार पंजीकरण व 15 हजार से अधिक आवेदन हो गए हैं, जबकि यह सिलसिला चार अक्टूबर तक चलना है। प्राथमिक स्कूलों के लिए इस बार बीएड को शामिल किए जाने से आवेदकों की संख्या रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।
SMC बैठक एजेंडा: रजिस्टर में इस तरह करें विद्यालय ...
68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा में हुई अनियमितता के सा...
68500 शिक्षक भर्ती में 2000 रूपये की रकम जमा करने ...
PRIMARY KA MASTER: बेसिक शिक्षा न्यूज़ में आज की मु...
प्रदेश सरकार 97 हजार पदों के लिए शिक्षक भर्ती दिसंबर माह में करा रही है। इसके पहले टीईटी 2018 आगामी चार होना है, क्योंकि इसमें उत्तीर्ण होने वाले ही भर्ती की लिखित परीक्षा के लिए अर्ह होंगे। मंगलवार दोपहर से ऑनलाइन पंजीकरण व आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू हुई है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की मानें तो दूसरे दिन शाम तक 30 हजार से अधिक पंजीकरण व करीब 15 हजार से अधिक आवेदन हुए हैं। यह प्रक्रिया चार अक्टूबर तक चलनी है। ऐसे में आवेदकों की संख्या अधिक रहेगी।पहचान पत्र के और बढ़ेंगे विकल्प : टीईटी के पंजीकरण व आवेदन में इस बार मात्र तीन विकल्प ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड और पासपोर्ट ही होने से व्यापक विरोध हो रहा है। ‘दैनिक जागरण’ ने इस मसले को बुधवार को प्रमुखता से उठाया और अभ्यर्थियों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि अधिकांश अभ्यर्थियों के पास आधार नंबर या फिर मतदाता पहचानपत्र है। मात्र तीन विकल्प होने से तमाम आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। इसे बदला जाए। प्रतियोगी मोर्चा क�� विक्की खान व अनिल कुमार पाल ने बुधवार को इसकी शिकायत परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी से की।सचिव ने कहा कि एनआइसी ने आधार नंबर को निजता का मामला कहकर उसे पहचानपत्र में शामिल करने से मना किया है। जल्द ही शासन स्तर पर वार्ता करके पहचानपत्र के और विकल्प बढ़ाएंगे। प्रतियोगियों ने कहा कि तीन दिन में और पहचानपत्र के विकल्प नहीं जुड़े तो कार्यालय घेरेंगे।
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68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम पर विवाद, शुल्क जमा करने के बाद भी अभ्यर्थियों को नहीं दी चेक की गईं स्कैन्ड कॉपियां: ऐसे-ऐसे लग रहे आरोप 68500 Shikshak Bharti News,
68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम पर विवाद, शुल्क जमा करने के बाद भी अभ्यर्थियों को नहीं दी चेक की गईं स्कैन्ड कॉपियां: ऐसे-ऐसे लग रहे आरोप 68500 Shikshak Bharti News,
इलाहाबाद : प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में भर्ती के लिए हुई 68,500 शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम को लेकर शुरू हुआ विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। रिजल्ट आने के बाद से ही अभ्यर्थी इसमें गड़बड़ी का आरोप लगाकर परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय (पीएनपी) का घेराव कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि मूल्यांकन के दौरान हुई गड़बड़ी के कारण ही बड़ी संख्या अभ्यर्थी चयन सूची से बाहर हो गए हैं। चयन सूची से बाहर हुए दर्जनों अभ्यर्थियों ने उत्तर पुस्तिका की स्कैन कॉपी के लिए शुल्क भी जमा कर दिया है। हालांकि मंगलवार को उन्हें आश्वासन के बाद भी कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई। गुरुवार को इस मामले को लेकर अभ्यर्थियों ने पीएनपी पर प्रदर्शन तेज करने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही इस परीक्षा को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने का निर्णय भी ले लिया है। मूल्यांकन में गड़बड़ी का आरोप अभ्यर्थियों का कहना है कि, उनकी कॉपी का मूल्यांकन सही तरीके से नहीं किया गया। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से जारी आंसरशीट से अपनी कार्बन कॉपी का मिलान करने पर सही उत्तरों की संख्या अधिक है, जबकि घोषित परिणाम में उन्हें कम अंक मिले हैं। रिजल्ट आने के बाद से ही प्रदेश के अलग-अलग जिलों से अभ्यर्थी पीएनपी विरोध दर्ज कराने पहुंच रहे हैं। हालांकि शासनादेश का हवाला देते हुए सचिव पहले ही पुर्नमूल्यांकन से इनकार कर चुकी हैं। अब अभ्यर्थियों को स्कैन कॉपी का ही सहारा है। मंगलवार को पीएनपी पहुंचे अनूप सिंह, मो. अजमल, अनिरुद्ध शुक्ला, अंकित वर्मा, विशाल प्रताप, खुशबू गहलोत, पूजा भारती, लाल जी यादव, राकेश यादव, नंदराज, मनोज कुमार ने बताया कि, उन्होंने दो हजार रुपये का ड्रा���्ट पीएनपी के नाम जमा कर दिया है। उन्हें 21 अगस्त को स्कैन कॉपी देने का आश्वासन दिया गया था लेकिन सचिव डॉ. सुत्ता सिंह मंगलवार को नहीं मिलीं, जबकि ��िक्षक भर्ती के लिए 28 अगस्त तक ही आवेदन किए जा सकते हैं। इसलिए 23 अगस्त को स्कैन्ड कॉपी की मांग को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पीएनपी पहुंचेंगे। इस संबंध में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ सुत्ता सिंह से बात करने की कोशिश की गयी लेकिन उनका फोन नहीं उठा। ऐसे-ऐसे लग रहे आरोप शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल पूजा का दावा है कि, उन्होंने अपना जो मूल्यांकन किया है उसके मुताबिक उन्हें 80 नंबर मिलने चाहिए था लेकिन 37 नंबर ही मिले हैं। इसी प्रकार करिश्मा सागर को 0, राजेश कुमार को 11 नंबर और प्रीती भारती को 48 नंबर मिले हैं। प्रीति का दावा है कि, उनके 98 नंबर होने चाहिए थे। रंजना जायसवाल का दावा है कि, उन्हें 85 नंबर मिलने चाहिए थे लेकिन उन्हें 60 नंबर मिले। इसी तरह अंकित मौर्य को उनके दावे 93 की जगह 53 नंबर ही मिले हैं। आरोप यह भी लग रहे हैं कि, बहुत ऐसे अभ्यर्थी हैं जो शिक्षक बनने के काबिल नहीं हैं लेकिन उन्हें पास कर दिया गया है।
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UGC NET: सीबीएसई 22 को कराएगा यूजीसी नेट की पुनर्परीक्षा
UGC NET: सीबीएसई 22 को कराएगा यूजीसी नेट की पुनर्परीक्षा
इलाहाबाद : यूजीसी नेट 2018 की पुनर्परीक्षा सीबीएसई अब 22 जुलाई को कराएगा। इम्तिहान इलाहाबाद के केंद्रीय विद्यालय न्यू कैंट तोपखाना बाजार में पूर्वान्ह 11 से एक बजे तक होगा। सीबीएसई ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके लिए नया एडमिट कार्ड भी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। 1सीबीएसई ने विश्व विद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी नेट 2018 की परीक्षा बीते आठ जुलाई को ही कराई थी। इलाहाबाद के एसपी कांवेंट स्कूल बेगम बाजार बमरौली के परीक्षा केंद्र पर पहली पाली की परीक्षा सकुशल हुई। दूसरी पाली का पेपर 11 बजे से होना था लेकिन, प्रश्नपत्र वितरण में ही काफी विलंब हुआ। इस पर अभ्यर्थियों ने पेपर आउट होने का आरोप लगाकर हंगामा किया और सड़क जाम करके विरोध प्रदर्शन किया। असल में अभ्यर्थी पेपर देर से मिलने पर अतिरिक्त समय देने की मांग कर रहे थे लेकिन, उसे नहीं माना गया। आखिरकार सीबीएसई की क्षेत्रीय निदेशक ने इस केंद्र की दूसरी पाली की परीक्षा निरस्त कर दी। वहीं, एसपी कांवेंट स्कूल की मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई भी शुरू हो गई है।
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दूसरा चरण: विरोध के बीच हिंदी शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार शुरू
दूसरा चरण: विरोध के बीच हिंदी शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार शुरू
इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार का दूसरा चरण सोमवार से विरोध के बीच शुरू हो गया। सोमवार को हंिदूी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों के सापेक्ष 51 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार दिए। नौ अभ्यर्थी विभिन्न कारणों से अनुपस्थित रहे। 1उधर, साक्षात्कार के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विवि के अतिथि गृह पहुंचकर हंगामा किया। कार्यकर्ताओं ने अतिथि गृह के मुख्य द्वार पर कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू का पुतला फूंका। राष्ट्रीय मंत्री रोहित मिश्र ने कहा जिस प्रकार नियमों का उल्लंघन कर भर्तियां की जा रही हैं। वह असंवैधानिक है। आनन्द सिंह निक्कू ने कहा, कुलसचिव को केवल इसीलिए हटाया गया, ताकि भर्तियों में धन उगाही की जा सके। पूर्व उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कहा यदि तत्काल चयन समितियों को नहीं रोका गया तो हम इसके विरुद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ेंगें। छात्रसंघ भवन पर क्रमिक अनशन सोमवार को भी जारी रहा। इस दौरान वीरेन्द्र चौहान, नवीन मिश्र, सौमित्र द्विवेदी, सूरज तिवारी, शशांक प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे। 542 पदों पर होनी है भर्ती : इविवि में असिस्टेंट प्रोफेसर के 317, एसोसिएट प्रोफेसर के 154, प्रोफेसर के 69 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। वोमेन स्टडीज में असिस्टेंट प्रोफेसर के एक व एसोसिएट प्रोफेसर के एक पद पर आवेदन मांगा गया है। इन पदों के सापेक्ष करीब 20 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।
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एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में आवेदन नहीं कर सके बीटेक डिग्रीधारक: आयोग पहुंच लापरवाही का आरोप लगा कर विरोध जताया, सचिव से नहीं हो सकी संतोषजनक वार्ता
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में आवेदन नहीं कर सके बीटेक डिग्रीधारक: आयोग पहुंच लापरवाही का आरोप लगा कर विरोध जताया, सचिव से नहीं हो सकी संतोषजनक वार्ता
आवेदन न कर पाने से आक्रोशित बीटेक डिग्रीधारक अभ्यर्थियों ने गुरुवार को उप्र लोकसेवा आयोग पहुंचकर विरोध जताया। अभ्यर्थियों का कहना था कि कोर्ट ने उन्हें परीक्षा में शामिल करने की अनुमति देने का निर्देश दिया है पर उनके केस नंबर को वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया जिससे ऑप्शन कॉलम में उनके नाम नहीं खुल रहे हैं। 1गौरतलब है कि हंिदूी, कला और अधिकतम उम्र सीमा से संबंधित याचियों के अलावा हाईकोर्ट ने एमसीए व पीजीडीसीए डिग्रीधारक अभ्यर्थियों को भी शामिल करने का निर्देश दिया था। आयोग की वेबसाइट पर याचियों ने जून तक ऑनलाइन शुल्क जमा किया, जबकि बीटेक डिग्रीधारक अभ्यर्थियों के आवेदन के लिए वेबसाइट पर ऑप्शन में कॉलम नहीं खुल सका। गुरुवार को इस समस्या को लेकर दर्��नों अभ्यर्थी आयोग पर जा पहुंचे और विरोध जताना शुरू कर दिया। सचिव से मिलने की मांग की। गेट के भीतर स्थित काउंटर पर ही उन्हें रोका। अभ्यर्थी अमित कुमार सिंह ने बताया कि काउंटर में बैठे कर्मचारियों ने टेलीफोन से ही सचिव से उनकी बात कराई लेकिन, कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। बताया कि उनकी रिट संख्या के आधार पर आयोग को वेबसाइट में कॉलम अपलोड करना था, जबकि ऐसा नहीं किया गया, जिससे वेबसाइट पर उनकी ओर से केस नंबर भरने के बाद अभ्यर्थी व पिता के नाम का कॉलम नहीं खुल सका।में आवेदन नहीं करने से रोषजून तक जमा किया ऑनलाइन शुल्कगुरुवार को उप्र लोक सेवा आयोग में विरोध जताने पहुंचे अभ्यर्थी
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27.05.2018 को 68500 परीक्षा होना होगा मुश्किल, जानिए अखिर क्यों - AG
27.05.2018 को 68500 परीक्षा होना होगा मुश्किल, जानिए अखिर क्यों - AG
*27.05.2018 को 68500 परीक्षा नहीं हो पाएगी - AG* . . 1) आज 07.05.2018 को शासनादेश जारी हुआ है जिसमें 68500 भर्ती परीक्षा की समय सारिणी अनुमोदित कर दी गयी है। . . *2) PNP द्वारा आज विज्ञापन भी जारी कर दिया गया है और 14.05.2018 से 2 ग्रेस मार्क्स के बाद उतीर्ण हुए 4446 टेट अभ्यर्थियों और अन्य छूटे हुए या पूर्व में निरस्त आवेदको के आवेदन भी लेने शुरू कर दिए जाएंगे।* . . 3) पर हमारे आंकलन से अभी परीक्षा में पेच है जिस कारण यह नहीं हो पाएगी इसके पीछे मुख्यतः 2 कारण हैं। . . *4) पहला पेच है उर्दू भाषा का न होना। इसको लेकर विस्तृत पोस्ट पूर्व में की जा चुकी है पेज पर स्क्रोल करके देख सकते हैं। 15.05.2018 को उस पर निर्णय रिज़र्व हो सकता है और 68500 में उर्दू और सँस्कृत में ऑप्शन मिल सकता है। प्रश्नपत्र छपने में समय लगेगा और परीक्षा को 27 मई से टालना पड़ेगा।* . . 5) दूसरा पेच है टेट 2017 revise केस SPLA 93/2018 के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में SLP दाखिल होना। राम सरन मौर्य के नाम से एक दाखिल की जा चुकी है लेकिन जो SLP Mohd Rizwan vs State of UP के नाम से डाली जा रही है उसमें इस विज्ञापन पर स्टे की मांग की जाएगी। . . *6) जिस पर हमारे आंकलन से स्टे मिल जाएगा हम जस्टिस होते तो स्टे दे देते क्योंकि शिक्षामित्रों को बस 2 अवसर मिलने हैं और उसमें टेट 2017 का बहुत बड़ा रोल है। 68500 भर्ती तभी सम्पन्न हो पाएगी जब टेट 2017 revise विवाद फाइनल हो जाएगा।* . . 7) सुप्रीम कोर्ट एक्सपर्ट पैनल को दोबारा गठित कर सकता है क्योंकि हाई कोर्ट द्वारा गठित पैनल के तर्को को कोर्ट में डेमो��्ट्रेट नहीं किया गया और कोर्ट द्वारा as it is मान लिया गया। आउट ऑफ सिलेबस पर अपैक्स कोर्ट हाई कोर्ट से सहमत रहेगी। . . *8) SLP दाखिल करने वालो के पक्ष में अपैक्स कोर्ट के कई ऑर्डर्स हैं जैसे* Kanpur University vs Samir Gupta 1983 - UP Basic Shiksha News (4) SCC 309, Manish Ujwal vs Maharishi Dayanand Saraswati University 2005(13) SCC 744, Guru Nank Dev University vs Saumil Garg 2005(13) SCC 749, Rajesh Kumar vs State of Bihar 2013 (4) SCC 690 आदि। . . *9) 68500 के पुराने आवेदक यदि विरोध करते भी हैं तो भी स्टे को रोकना बहुत सम्भव नहीं लग रहा है लेकिन उनकी ओर से क्या किया जाना चाहिए, यह नेक्स्ट पोस्ट में बताएंगे।* . ~AG .
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आदेश से सरकार खुश (Government happy) न अभ्यर्थी, हाईकोर्ट ने टीईटी (TET) 2017 के 14 प्रश्नों को हटाकर रिजल्ट देने का दिया आदेश, इन सवालों को लेकर फंसी परीक्षा:10 फीसदी प्रश्नों के हटने से रिजल्ट में होगा बड़ा बदलाव (Change)
आदेश से सरकार खुश (Government happy) न अभ्यर्थी, हाईकोर्ट ने टीईटी (TET) 2017 के 14 प्रश्नों को हटाकर रिजल्ट देने का दिया आदेश, इन सवालों को लेकर फंसी परीक्षा:10 फीसदी प्रश्नों के हटने से रिजल्ट में होगा बड़ा बदलाव (Change)
आदेश से सरकार खुश न अभ्यर्थी, हाईकोर्ट ने टीईटी 2017 के 14 प्रश्नों को हटाकर रिजल्ट देने का दिया आदेश
इलाहाबाद : यूपी टीईटी 2017 के विवादित प्रश्नों को लेकर ऐसा फंसा है कि इससे न सरकार खुश है और न ही अभ्यर्थी। जहां सरकार शिक्षक भर्ती (Government teacher recruitment) की लिखित परीक्षा टलने से आहत है, वहीं अभ्यर्थी टीईटी के 14 प्रश्न हटने से बेहद निराश हैं। क्योंकि जिस उद्देश्य से वे हाईकोर्ट गए थे, वह परीक्षा के दस फीसदी प्रश्न हटने से उत्तीर्ण नहीं हो सकेंगे। छह मार्च का कोर्ट का आदेश लागू होने पर टीईटी (TET) प्राथमिक स्तर परीक्षा के परिणाम में बड़ा उलटफेर होगा। जिसमें हजारों अभ्यर्थी और बाहर हो जाएंगे। इससे दोनों ओर खलबली मची है।
यूपी टीईटी 2017 की प्राथमिक स्तर में 47 हजार 975 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे, ये रिजल्ट 17.34 फीसदी रहा है। इसमें कुछ अंकों से अनुत्तीर्ण हुए रिजवान अहमद व 316 अन्य ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में टीईटी की उत्तरकुंजी को चुनौती दी और 14 प्रश्नों के जवाब दुरुस्त करने की मांग की। 22 नवंबर को हाईकोर्ट ने प्रश्नों के उत्तर दुरुस्त करने का निर्देश दिया। यहां तक सब ठीक रहा लेकिन, छह मार्च को एकल बेंच ने 14 प्रश्नों को हटाकर परीक्षा परिणाम एक माह में जारी करने का निर्देश दिया। इससे याची सदमे में हैं, क्योंकि इतने प्रश्न डिलीट होने से उनके अंक और घट रहे हैं। साथ ही जो अन्य अभ्यर्थी मामूली अंकों से परीक्षा उत्तीर्ण हो चुके हैं, वह भी हजारों की तादाद में बाहर हो जाएंगे। ज्ञात हो कि परीक्षा में 150 सवाल पूछे गए थे, उसमें 14 प्रश्न करीब दस फीसद होते हैं। ये सभी हटने से परीक्षा परिणाम 17 फीसदी से घटकर काफी नीचे आ जाएगा।
याची अभ्यर्थियों की दोहरी परेशानी: टीईटी के विवादित प्रश्नों को चुनौती देने वाले याची अभ्यर्थी दोहरी परेशानी में हैं। पहली वह खुद सफल नहीं हो रहे और दूसरी हजारों अन्य अभ्यर्थी भी कोर्ट के आदेश से असफल हो रहे हैं। इससे वे उनके निशाने पर आ गए हैं, याचियों का साथी ही विरोध करने लगे हैं। माना जा रहा है अगले महीनों में बदला परिणाम जारी होने से विरोध और तेज होगा। 1याची डबल बेंच में करेंगे प्रार्थना : याची आकाश पटेल बताते हैं कि वह सिंगल बेंच के 14 प्रश्न डिलीट करने के निर्णय से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं लेकिन, अब तक इसलिए चुप रहे हैं, क्योंकि कोर्ट के आदेश से शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा टल रही है, वरना परीक्षा हो जाने से अवसर खत्म हो जाता। आकाश ने बताया कि वह व अन्य याची खुद ही इस आदेश के विरुद्ध डबल बेंच में जाने वाले थे लेकिन, इसके पहले ही सरकार लिखित परीक्षा कराने के लिए विशेष अपील में आ गई। अब सोमवार को याची डबल बेंच में प्रार्थना करेंगे कि प्रश्नों को डिलीट न किया जाए, बल्कि उनके सही जवाब का मूल्यांकन हो।
हाईकोर्ट ने टीईटी 2017 के 14 प्रश्नों को हटाकर रिजल्ट देने का दिया निर्देश
दस फीसदी सवाल करेंगे परिणाम में बड़ा उलटफेर, याची भी नहीं होंगे अर्ह
अंतिम निर्णय के बिना बांटे गए प्रमाणपत्र रा��्य ब्यूरो, इलाहाबाद : यूपी टीईटी 2017 का परीक्षा परिणाम 15 दिसंबर को उस समय जारी हुआ, जब सुनवाई हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ लंबित थी। हालांकि महकमे ने रिजल्ट कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन सूचना के साथ जारी किया। इसके बाद सफल अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र छपवाकर जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थानों यानी डायट में भेज दिए गए। कई जिलों में उनका वितरण भी शुरू हो गया। छह मार्च को कोर्ट के एकल बेंच के सख्त आदेश के बाद प्रमाणपत्र वितरण रुकवाया गया। इस पर अफसरों का तर्क है कि शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में यह निर्देश दिया गया था कि अभ्यर्थी टीईटी या फिर डीएलएड आदि प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र लेकर आएं, तभी वह इम्तिहान दे सकेंगे।
इन प्रश्नों को लेकर फंसी परीक्षा : याची अभ्यर्थियों का दावा है कि टीईटी 2017 में पर्यावरण अध्ययन विषय की परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों में से चार प्रश्न ऐसे थे जो संविधान या इंटरनेशनल अफेयर्स से पूछे गए। कोर्ट ने जिन प्रश्नों को हटाने को कहा है, उनमें प्रश्नपत्र बुकलेट ‘सी’ के 8 प्रश्न जिनके क्रमांक 16, 18, 26, 32, 123, 126, 131 व 146 हैं। संस्कृत विषय के दो प्रश्न क्रमांक 61 व 80 और पर्यावरण अध्ययन के चार प्रश्न 121, 133, 140 व 150 शामिल हैं।
सरकार को नहीं मिली राहत विसं, लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा सहायक शिक्षा भर्ती परीक्षा को टालने के आदेश पर राज्य सरकार को राहत नहीं दी। कोर्ट ने छह मार्च के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए, स्पष्ट किया है कि 12 मार्च से मामले की त्वरित सुनवाई की जाएगी। यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस विवेक चौधरी की बेंच ने राज्य सरकार की विशेष याचिका पर दिया।
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RO-ARO 2017 भर्ती में सचिवालय के लिए सफल अभ्यर्थियों का विरोध शुरू
RO-ARO 2017 भर्ती में सचिवालय के लिए सफल अभ्यर्थियों का विरोध शुरू
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ -आरओ) भर्ती 2017 में उत्तर प्रदेश सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के रिक्त 256 पदों के लिए सफल अभ्यर्थियों के अभिलेखों का सत्यापन सोमवार से शुरू हो गया है। पहले दिन 256 में से 100 अभ्यर्थियों को बंधन के लिए बुलाया गया था।
सचिव जगदीश ने बताया कि 100 में से 92 अभ्यर्थियों ने अभिलेखों का सत्यापन कराया है। किन्हीं कारणों…
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उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती (एपीयरिंग/पेरसुइंग/प्रोफेशनल कोर्स विवाद) उच्चतम न्यायालय वर्डिक्ट 2019:- ओम नारायण तिवारी की कलम से
उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती (एपीयरिंग/पेरसुइंग/प्रोफेशनल कोर्स विवाद) उच्चतम न्यायालय वर्डिक्ट 2019:- ओम नारायण तिवारी की कलम से
📌 *उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती (एपीयरिंग/पेरसुइंग/प्रोफेशनल कोर्स विवाद) उच्चतम न्यायालय वर्डिक्ट 2019* _*ओम नारायण तिवारी*_ ...
♨ प्रदेश में 2011 से 2018 तक चयनित और नियुक्ति पाये सभी गुरुजनो को उनके अब तक के कर्तव्य निर्वहन और मेहनत के लिए आज गुरु पूर्णिमा पर ईश्वर ने विशेष आशीर्वाद देकर फलीभूत किया है और माननीय उच्चतम न्यायालय ने गुरु पूर्णिमा पर हम् सभी शिक्षकों की सेवाओं कोे बरकरार रखकर सभी गुरुओं को न्यायोचित अनमोल तोहफा दिया है।♨ चयनित और नियुक्ति पाये अध्यापको के विरुद्ध *अपीरिंग और पेरसुइंग और प्रोफेशनल कोर्स में विज्ञान या गणित विषय को शामिल न होने जैसे मुद्दे* के विवाद का अंत आज माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली से हमेशा के लिए हो गया। आज के पश्चात बीएड के *29334 गणित/विज्ञान जूनियर शिक्षक और बीटीसी के आधार सभी प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां पूरी तरह माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा मान्य हो गयी।*♨ *न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्र, न्यायमूर्ति अब्दुल नज़ीर और न्यायमूर्ति शाह की 3 जजों की खंडपीठ ने अग्रणी याचिका ओंकार सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार में* बहस के दौरान निम्न बिंदुओं के आधार पर सभी कार्यरत शिक्षकों को सुरक्षित कर दिया। कार्यवाही और न्यायालय के ऑब्जरवेशन के मुख्य विंदु इस प्रकार हैं।👇👉1. _चूंकि इस पूरे विवाद के प्रकरण में चुनौती 11 जुलाई 2013 में प्रकाशित विज्ञापन 29334 गणित/विज्ञान जूनियर शिक्षक भर्ती को दी गयी थी। अन्य शिक्षक भर्तियां 12448, 15000, 16000, उर्दू भर्ती 41000, इसी से प्रभावित थी। कोर्ट ने पाया और माना कि सभी चयनित और कार्यरत शिक्षक respective विज्ञापन के समय सभी पात्रता पूरी करते थे और शिक्षक भर्ती हेतु पूरी तरह अर्ह थे।_👉 _2. अगर अभ्यर्थी नौकरी अप्लाई करते समय अर्ह है तो उससे पूर्व यह मायने नही रखता की टेट बीएड/बीटीसी के पास करने से पहले क्वालीफाई किया या बाद में।_👉 _3. अगर कोई अभ्यर्थी प्रशिक्षण डिग्री बीएड या बीटीसी पूर्ण करने से पहले टेट उत्तीर्ण करता है तो इसका मतलब वह शिक्षक होने के लिए निसंदेह अधिक योग्य है_👉 _4. प्रोफेशनल विवाद में न्यायमूर्ति अरुण मिश्र जी ने विपक्ष को मुद्दे पर सुनने से मना कर दिया उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी तथ्य पढ़ लिए हैं और नियुक्ति के मानक तय करना नियोक्ता का काम है। प���रोगेशनल कोर्स विवाद में प्रोफेशनल डिग्री धारकों की डिग्री में गणित और विज्ञान विषय को शामिल न होने के कारण ऐसे अभ्यर्थियों के चयन के चुनौती दी गयी थी।_👉 _5. NCTE की दशा हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक उसी प्रकार हुई जैसा उसका इतिहास रहा है। NCTE के विरोध के बावजूद माननीय न्यायालय उनके तर्कों से संतुष्ट नही दिखा न्यायालय के कहने पर ncte पेरसुइंग को जस्टिफाई नही कर पाई।_👉 _6. प्रदेश सरकार को नियुक्ति से संबंधित नीतियां स्पष्ट बनाने और उनका कार्यान्यवन स्पष्ट करने के लिए कहा_👉 _7. हाल में ही हुए विश्व कप क्रिकेट की झलकियां भी माननीय न्यायालय की भाषा मे दिखी अर्थात प्रत्येक परिश्थिति में नियम की स्पष्टता नज़र आये, नीतियों को इस प्रकार राज्य सरकार को निर्धारित करे उनको और अधिक स्पष्ट किया जाए_🕹 *_अंततः 2011 से इस लड़ाई में सभी अग्रणी संघर्ष शील साथियों के दिन रात अथक श्रम और प्रयास के योगदान से और आप सभी गुरुजनो के सहयोग एवं आशीर्वाद से इस विवाद के लिए अब हमेशा के पूर्णविराम लग गया है और 2011 से शुरू शिक्षक भर्ती के विवाद का युग का अंतअब हो गया है निसंदेह अब हम सभी शिक्षक दिन प्रतिदिन की विभागीय चुनौतियों को छोड़कर अन्य भर्ती विवाद से निश्चिन्त होकर अपना जीवन यापन कर सकते हैं।_*आप सभी गुरुजनों को सादर आभार🙏
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