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#अफगान महिला अधिकार
trendingwatch · 2 years
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संयुक्त राष्ट्र: तालिबान ने अफगानिस्तान को 'गंभीर' परिस्थितियों में गिरा दिया है
संयुक्त राष्ट्र: तालिबान ने अफगानिस्तान को ‘गंभीर’ परिस्थितियों में गिरा दिया है
द्वारा एसोसिएटेड प्रेस न्यूयार्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें तालिबान पर अफगान महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करने, एक प्रतिनिधि सरकार स्थापित करने में विफल रहने और देश को “गंभीर आर्थिक, मानवीय और सामाजिक परिस्थितियों” में डुबोने का आरोप लगाया गया। प्रस्ताव में 15 महीने पहले तालिबान के अधिग्रहण और अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी…
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khsnews · 3 years
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तालिबान ने महिलाओं को अफगानिस्तान में सहायता कर्मियों के रूप में काम करने से रोका: ह्यूमन राइट्स वॉच | विश्व समाचार
तालिबान ने महिलाओं को अफगानिस्तान में सहायता कर्मियों के रूप में काम करने से रोका: ह्यूमन राइट्स वॉच | विश्व समाचार
काबुल : एक अन्य कदम में तालिबान यह साबित कर रहे हैं कि उनका समाज में महिलाओं को उनके अधिकार देने का कोई इरादा नहीं है. ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) के अनुसार, तालिबान ने अफगान महिलाओं को “सहायता कर्मियों के रूप में काम करने” से प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे जीवन रक्षक सहायता को अफगानों तक पहुंचने से रोका जा सके, एक स्थानीय मीडिया आउटलेट ने बताया। “महिला सहायता कर्मियों पर तालिबान के सख्त…
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काबुल विरोध के दौरान तालिबान ने अफगान महिला कार्यकर्ता को पीटा: रिपोर्ट
काबुल विरोध के दौरान तालिबान ने अफगान महिला कार्यकर्ता को पीटा: रिपोर्ट
टोलो न्यूज ने बताया कि तालिबान ने प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च करने से रोका। स्वीकृति: तालिबान शासन के तहत राजनीतिक अधिकारों की मांग करते हुए काबुल में एक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाली एक महिला कार्यकर्ता को सिर में चोट के साथ एक वीडियो में देखा गया था, उसके चेहरे से खून बह रहा था। कार्यकर्ता नरगिस सद्दात ने आरोप लगाया कि शनिवार को महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में एक…
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chaitanyabharatnews · 3 years
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अफगान में महिला एंकर और विदेशी शो हुए बैन, बाजारों में महिलाओं के पोस्टर पर कालिख पोती
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चैतन्य भारत न्यूज तालिबानी हुकूमत ने अफगानिस्तान की सूरत बदल दी है। महिलाओं को अधिकार और हर क्षेत्र में मौका देने की बात कहने वाले तालिबान ने महिला एंकरों पर पाबंदी लगा दी है। साथ ही विदेशी टीवी शो का टेलीकास्ट भी रोक दिया गया है। सरकारी चैनलों से इस्लामी संदेश दिए जा रहे हैं। बाजारों में जहां कहीं भी महिलाओं की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं, उन पर कालिख पोत दी जा रही है। तालिबान ने अफगानिस्तान के टॉप मीडिया अफसर का कत्ल पूरे मुल्क पर कब्जे से पहले ही कर दिया था। महिला एंकर को दफ्तर से लौटा दिया अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में वादा किया था कि महिला अधिकारों की हिफाजत की जाएगी, लेकिन एक हफ्ता पहले ही अफगानिस्तान के सरकारी चैनल को जॉइन करने वाली महिला एंकर खदीजा अमीन को वहां के अधिकारियों ने निकाल दिया है। चैनल के अधिकारियों ने खदीजा से कहा कि सरकारी चैनल में महिलाएं काम नहीं कर सकती हैं। खदीजा ने कहा, 'अब मैं क्या करूंगी। भविष्य की पीढ़ी के पास कुछ नहीं होगा। 20 साल में हमने जो कुछ भी हासिल किया है, वो सबकुछ चला जाएगा। तालिबान तालिबान ही रहेगा। वो बिल्कुल नहीं बदला है।'इसके बाद काबुल स्थित रेडियो टेलीविजन अफगानिस्तान (RTA) में काम करने वाली एंकर शबनम दावरान को भी काम करने से मना कर दिया गया है। शबनम ने कहा- बुधवार को मैं हिजाब पहनकर और आईडी लेकर दफ्तर पहुंची। वहां मौजूद तालिबानियों ने मुझसे कहा कि सरकार बदल चुकी है। आपको यहां आने की इजाजत नहीं है। घर जाइए। महिलाओं का सपोर्ट बस दिखावा महिलाओं को अधिकार और शिक्षा देने जैसी बातें केवल तालिबान का दिखावा है। हालात ये हैं कि बाजारों में भी जहां महिलाओं की तस्वीरें दिखाई पड़ रही हैं, तालिबानी लड़ाके उन पर कालिख पोत रहे हैं। कई ट्वीट सोशल मीडिया पर किए गए हैं, जिनमें काबुल और अन्य शहरों के बाजारों में पोस्टर, एडवर्टाइजमेंट या शॉप पर महिलाओं की तस्वीर को कालिख से र���ग दिया गया है। इसके अलावा महिला ब्लॉगर्स, यूट्यूबर्स की भी खोज की जा रही है ताकि उन पर बंदिश लगाई जा सके। होमीरा ने बताया कि तालिबानी हर उस महिला को तलाश कर रहे हैं, जो अफगानिस्तानी समाज के विकास से जुड़ा कोई काम कर रही हो। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 3 years
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अफगान में महिला एंकर और विदेशी शो हुए बैन, बाजारों में महिलाओं के पोस्टर पर कालिख पोती
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चैतन्य भारत न्यूज तालिबानी हुकूमत ने अफगानिस्तान की सूरत बदल दी है। महिलाओं को अधिकार और हर क्षेत्र में मौका देने की बात कहने वाले तालिबान ने महिला एंकरों पर पाबंदी लगा दी है। साथ ही विदेशी टीवी शो का टेलीकास्ट भी रोक दिया गया है। सरकारी चैनलों से इस्लामी संदेश दिए जा रहे हैं। बाजारों में जहां कहीं भी महिलाओं की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं, उन पर कालिख पोत दी जा रही है। तालिबान ने अफगानिस्तान के टॉप मीडिया अफसर का कत्ल पूरे मुल्क पर कब्जे से पहले ही कर दिया था। महिला एंकर को दफ्तर से लौटा दिया अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में वादा किया था कि महिला अधिकारों की हिफाजत की जाएगी, लेकिन एक हफ्ता पहले ही अफगानिस्तान के सरकारी चैनल को जॉइन करने वाली महिला एंकर खदीजा अमीन को वहां के अधिकारियों ने निकाल दिया है। चैनल के अधिकारियों ने खदीजा से कहा कि सरकारी चैनल में महिलाएं काम नहीं कर सकती हैं। खदीजा ने कहा, 'अब मैं क्या करूंगी। भविष्य की पीढ़ी के पास कुछ नहीं होगा। 20 साल में हमने जो कुछ भी हासिल किया है, वो सबकुछ चला जाएगा। तालिबान तालिबान ही रहेगा। वो बिल्कुल नहीं बदला है।'इसके बाद काबुल स्थित रेडियो टेलीविजन अफगानिस्तान (RTA) में काम करने वाली एंकर शबनम दावरान को भी काम करने से मना कर दिया गया है। शबनम ने कहा- बुधवार को मैं हिजाब पहनकर और आईडी लेकर दफ्तर पहुंची। वहां मौजूद तालिबानियों ने मुझसे कहा कि सरकार बदल चुकी है। आपको यहां आने की इजाजत नहीं है। घर जाइए। महिलाओं का सपोर्ट बस दिखावा महिलाओं को अधिकार और शिक्षा देने जैसी बातें केवल तालिबान का दिखावा है। हालात ये हैं कि बाजारों में भी जहां महिलाओं की तस्वीरें दिखाई पड़ रही हैं, तालिबानी लड़ाके उन पर कालिख पोत रहे हैं। कई ट्वीट सोशल मीडिया पर किए गए हैं, जिनमें काबुल और अन्य शहरों के बाजारों में पोस्टर, एडवर्टाइजमेंट या शॉप पर महिलाओं की तस्वीर को कालिख से रंग दिया गया है। इसके अलावा महिला ब्लॉगर्स, यूट्यूबर्स की भी खोज की जा रही है ताकि उन पर बंदिश लगाई जा सके। होमीरा ने बताया कि तालिबानी हर उस महिला को तलाश कर रहे हैं, जो अफगानिस्तानी समाज के विकास से जुड़ा कोई काम कर रही हो। Read the full article
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