#अनियमितताओं
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कोरबा : ग्राम पंचयात सरिश्मार मनरेगा में बड़ा घोटाला, कूप निर्माण कार्य में अनियमितताओं का हुआ पर्दाफाश।
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संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा पर राजनीति शुरू, Akhilesh Yadav ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा पर राजनीति शुरू हो गयी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस हिंसा को भाजपा द्वारा ‘रची गयी’ करार दिया। अखिलेश ने कहा कि मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में अनियमितताओं पर से ध्यान हटाने के लिए भाजपा द्वारा रची गयी। बता दें, शनिवार को उत्तर प्रदेश उपचुनाव के नतीजे घोषित हुए, जिनमें समाजवादी पार्टी को…
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Bihar Balu Mitra Portal: बिहार बालू मित्र पोर्टल घर बैठे बालू के लिए करें ऑनलाइन आवेदन
Bihar Balu Mitra Portal: बिहार बालू मित्र पोर्टल राज्य सरकार द्वारा लॉन्च किया गया एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जो बालू खनन से संबंधित प्रक्रियाओं को पारदर्शी और सरल बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य बालू खनन, परिवहन, और वितरण में अनियमितताओं को समाप्त करना और इसे डिजिटल रूप से नियंत्रित करना है। यह पोर्टल उपयोगकर्ताओं को बालू खनन से संबंधित विभिन्न सेवाओं का…
#Bihar Balu Mitra Portal#Bihar Balu Mitra Portal: बिहार बालू मित्र पोर्टल घर बैठे बालू के लिए करें ऑनलाइन आवेदन#करें ऑनलाइन आवेदन#बिहार बालू मित्र पोर्टल#बैठे बालू के लिए
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घोरावल में-खाद एवं बीज की दुकानों पर औचक छापेमारी,अनियमितताओं के कारण लाइसेंस निलंबित,
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भूलख उत्तराखंड
भूलख उत्तराखंड ऐप: एक सम्पूर्ण मार्गदर्शिका
परिचय:
उत्तराखंड राज्य में भूमि और संपत्ति से संबंधित मामलों की पारदर्शिता और सुविधा को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने "भूलख उत्तराखंड" ऐप को लॉन्च किया है। इस ऐप का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपनी भूमि की स्थिति, रिकॉर्ड और अन्य संबंधित जानकारी तक आसान पहुंच प्रदान करना है। विशेष रूप से, यह ऐप भूमि मालिकों, खरीदारों, और सरकारी अधिकारियों को भूमि रिकार्ड्स से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए एक सशक्त माध्यम प्रदान करता है।
भूलख उत्तराखंड ऐप का उद्देश्य:
समान्य नागरिकों के लिए सुविधा: इस ऐप के माध्यम से नागरिक अब अपने भूमि रिकार्ड्स को ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं, जिससे समय की बचत होती है और उन्हें भिन्न-भिन्न सरकारी दफ्तरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
भूमि रिकार्ड्स का डिजिटलकरण: ऐप के जरिए सरकार भूमि रिकार्ड्स को डिजिटल रूप में प्रस्तुत कर रही है, जिससे दस्तावेजों की कागजी प्रक्रिया को कम किया जा सके और सभी रिकॉर्ड्स सुरक्षित तरीके से संचित किए जा सकें।
सार्वजनिक सूचना की सुलभता: यह ऐप भूमि से संबंधित सरकारी आंकड़ों और सूचनाओं को पारदर्शी तरीके से लोगों तक पहुंचाता है। इससे विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जनता को जानकारी मिलती है और उन योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होती है।
भूलख उत्तराखंड ऐप की मुख्य विशेषताएँ:
ऑनलाइन भू-लेख देखना: इस ऐप के माध्यम से लोग अपनी भूमि के खसरा नंबर, खाता नंबर, और अन्य भू-लेख विवरण देख सकते हैं। पहले यह जानकारी कागजी रूप में होती थी, लेकिन अब इसे डिजिटल रूप में देखा जा सकता है।
भू-लेख प्रमाण पत्र (Land Record Certificate): भूमि का मालिकाना हक प्रमाणित करने के लिए लोग इस ऐप के जरिए ऑनलाइन भू-लेख प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं, जो कई सरकारी और निजी कार्यों में काम आता है।
पारदर्शिता और भ्रष्टाचार को रोकना: ऐप के माध्यम से भूमि रिकार्ड्स तक सरल पहुंच से सरकारी कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को कम करने में मदद मिलती है।
भूमि विवादों की निवारण में मदद: इस ऐप के माध्यम से भूमि से संबंधित विवादों की स्थिति का पता लगाया जा सकता है, जैसे कि भूमिकला विवाद, मालिकाना हक विवाद आदि। इससे विवादों को हल करने में सरलता आती है।
मालिकाना हक की स्पष्टता: लोग अपनी भूमि के मालिकाना हक को ऑनलाइन देख सकते हैं, जो भूमि से संबंधित विवादों के निवारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
लैंड रिकॉर्ड्स का ट्रैकिंग:इस ऐप के माध्यम से जमीन के रिकॉर्ड को ट्रैक किया जा सकता है, जैसे कि भूमि की खरीद-बिक्री, हस्तांतरण और अन्य घटनाओं का विवरण।
नक्शे और योजनाओं का अवलोकन:ऐप में नक्शों और भूमि योजनाओं का भी समावेश किया गया है, जिससे लोग अपनी भूमि के सीमा-रेखा और उसके आस-पास की भूमि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
भूलख उत्तराखंड ऐप का उपयोग कैसे करें?
ऐप डाउनलोड करना:भूलख उत्तराखंड ऐप को स्मार्टफोन के Google Play Store (Android) या Apple App Store (iOS) से डाउनलोड किया जा सकता है।
रजिस्ट्रेशन और लॉगिन:ऐप को डाउनलोड करने के बाद, उपयोगकर्ता को अपने खाता नंबर और खसरा नंबर जैसे विवरणों के साथ लॉगिन करन��� होगा। एक बार लॉगिन करने के बाद, उपयोगकर्ता अपनी भूमि से जुड़ी सारी जानकारी देख सकता है।
भू-लेख विवरण की खोज:उपयोगकर्ता भूमि के खसरा नंबर, खाता नंबर या अन्य मान्यताओं के आधार पर अपने भूमि विवरण की खोज कर सकते हैं।
भू-लेख प्रमाण पत्र का डाउनलोड:ऐप के माध्यम से उपयोगकर्ता अपनी भूमि का प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं, जिसे किसी भी सरकारी या निजी प्रक्रिया में प्रस्तुत किया जा सकता है।
सरकारी योजनाओं की जानकारी:ऐप पर सरकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध है, जिससे लोग राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
भूलख उत्तराखंड ऐप के लाभ:
सुविधाजनक:यह ऐप नागरिकों को जमीन के रिकॉर्ड्स तक आसान पहुंच प्रदान करता है। पहले भूमि के रिकार्ड्स के लिए तहसील या पटवारी कार्यालय जाना पड़ता था, लेकिन अब इसे घर बैठे देखा जा सकता है।
समय और पैसे की बचत:भूमि रिकार्ड्स की जानकारी प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तरों में जाने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है।
पारदर्शिता:भूमि रिकार्ड्स की डिजिटल उपलब्धता से सरकारी कामकाजी में पारदर्शिता आती है और जनता को अधिक जानकारी मिलती है।
भ्रष्टाचार में कमी:कागजी कार्यवाही की बजाय डिजिटल रिकॉर्ड्स के कारण सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा गलत तरीके से रिकार्ड्स में बदलाव करने का अवसर कम होता है।
बेहतर प्रशासनिक कार्यक्षमता:सरकार और प्रशासन के लिए भी यह ऐप एक प्रभावी उपकरण है, जिससे भूमि से संबंधित मामलों का निपटारा जल्दी और बिना किसी कठिनाई के किया जा सकता है।
भूलख उत्तराखंड ऐप के चुनौतियाँ:
इंटरनेट कनेक्टिविटी:पहाड़ी इलाकों में इंटरनेट की कमजोर कनेक्टिविटी एक बड़ी चुनौती हो सकती है। यदि नेटवर्क नहीं होगा, तो नागरिकों को ऑनलाइन सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा।
तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता:कुछ लोग तकनीकी रूप से अनुभवहीन हो सकते हैं, जिनके लिए इस ऐप का उपयोग कठिन हो सकता है। ऐसे लोगों को ऐप का उपयोग समझाने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता हो सकती है।
डिजिटल साक्षरता की कमी:कुछ लोग विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में डिजिटल साक्षरता की कमी के कारण इस ऐप का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।
निष्कर्ष:
भूलख उत्तराखंड ऐप राज्य में भूमि रिकॉर्ड्स के डिजिटलकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नागरिकों को भूमि से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी सुलभ, पारदर्शी, और तेज़ तरीके से प्रदान करता है। इसके माध्यम से सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ी है, जिससे भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सकता है। हालांकि, कुछ चुनौतियाँ जैसे इंटरनेट की उपलब्धता और डिजिटल साक्षरता की कमी भी हैं, लेकिन इनका समाधान भी समय के साथ किया जा सकता है। कुल मिलाकर, भूलख उत्तराखंड ऐप राज्य के नागरिकों के लिए एक बेहद उपयोगी और आवश्यक सेवा बन गया है।
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केंद्रीय सतर्कता आयोग ने मांगी मुख्यमंत्री के बंगले के पुनर्निर्माण के बारे रिपोर्ट, जानें क्या बोली आप
Delhi News: केंद्रीय सतर्कता आयोग ने फ्लैगस्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री के बंगले के पुनर्निर्माण में कथित अनियमितताओं पर सीपीडब्ल्यूडी से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। यह दावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विजेंद्र गुप्ता ने मंगलवार को किया��� फ्लैगस्टाफ रोड स्थित इस बंगले में ही अरविंद केजरीवाल बतौर दिल्ली के मुख्यमंत्री 9 साल तक रहे थे। बीजेपी इसे शीशमहल बताती है और जांच की मांग करती रही…
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अडानी जांच के बाद: निवेशक कैसे अपनी रणनीतियों को बदल सकते हैं?
हाल ही में, अडानी ग्रुप पर आई हिंडनबर्ग अडानी जांच रिसर्च की रिपोर्ट ने भारतीय शेयर बाजार में हलचल मचा दी है। इस रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के वित्तीय स्वास्थ्य और उसके संचालन में अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं। इससे निवेशकों को काफी नुकसान हुआ है और बाजार में अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है। निवेशकों ने देखा कि अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमतों में असामान्य गिरावट आ रही है, जिससे उनके निवेश पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
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Haryana News : EC को झूठ की बुनियाद पर कांग्रेस ने दी थीं शिकायतें- अनिल विज
Haryana News : हरियाणा विधानसभा चुनाव में अनियमितताओं के कांग्रेस के आरोपों को निर्वाचन आयोग ने खारिज कर दिया है। इस फैसले पर हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज (Anil Vij ) ने कहा, “झूठ की बुनियाद पर कांग्रेस ने अपनी शिकायतें दी थी और कांग्रेस का यह चरित्र भी है कि जब वो हारते हैं तो EVM को दोष देते हैं और जब जीतते हैं तब इन्हें EVM याद नहीं आती. चुनाव आयोग ने इनकी सभी शिकायतों का जवाब दिया है और…
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महाराष्ट्र में 70,000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले की जांच: एक नई शुरुआत
सिंचाई घोटाले की पृष्ठभूमि महाराष्ट्र में 70,000 करोड़ रुपये का सिंचाई घोटाला, जो पिछले कुछ वर्षों से चर्चा में है, अब एक बार फिर से जांच का सामना करेगा। इस घोटाले में आरोप है कि ठेकेदारी में अनियमितताओं के कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। जांच की वापसी से यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के प्रति प्रतिबद्ध है। जांच प्रक्रिया में…
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RG Kar Ghotaala: Sandeep Ghosh ne Calcutta High Court Mein Jamanat Yachika ki Daayar
कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व एवं विवादास्पद प्रिंसिपल ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ के समक्ष जमानत याचिका दायर की।
न्यायमूर्ति शुभेंदु सामंत की एकल पीठ ने याचिका स्वीकार कर ली है और मामले की सुनवाई सोमवार को दूसरे भाग में ही हो सकती है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) घोष के खिलाफ समानांतर जांच कर रही है। पहली जांच आरजी कर में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में और दूसरी जांच इसी अगस्त में इसी अस्पताल की एक महिला जूनियर डॉक्टर के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या के संबंध में है।
Read More: https://www.deshbandhu.co.in/states/rg-tax-scam-sandip-ghosh-files-bail-plea-in-calcutta-high-court-506940-1
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मासिक धर्म अनियमितता का सामना कर रही हैं? जानें कारण और उपचार | Menstrual Cycle Irregularities Causes and Treatment in Hindi
Introduction हर महिला का मासिक धर्म चक्र (Menstrual Cycle) एक तरह से निर्धारित होता है, लेकिन कुछ महिलाओं को मासिक चक्र में अनियमितताएं (Irregularities) का सामना करना पड़ता है। यह कई कारणों से हो सकता है और इसके इलाज के लिए सही जानकारी होना जरूरी है। इस लेख में हम मासिक धर्म की अनियमितताओं(Menstrual Cycle Irregularities) के कारणों और उनके इलाज के विकल्पों पर चर्चा करेंगे। मासिक धर्म(Menstrual…
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पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल में अनियमितताओं को खत्म करने के लिए डॉक्टरों ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की
कोलकाता, 21 नवंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ डॉक्टरों के संगठन ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स (जेपीडी) ने राज्य सरकार से पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल में चल रही “अनियमितताओं” को समाप्त करने के लिए हस्तक्षेप की मांग की है। जेपीडी के संयुक्त संयोजकों पुन्यब्रत गुन और हीरालाल कोनार ने मुख्य सचिव मनोज पंत को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पत्र भेजा है। डॉक्टरों के संगठन ने पत्र में दावा किया है कि…
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Best Sexologist Patna, Bihar for Treament of SD due to Drinking | Dr. Sunil Dubey
अच्छे यौन स्वास्थ्य के लिए शराब के अत्यधिक सेवन से बचे:
आज के समय में शराब का सेवन (भारी या अत्यधिक) व्यक्ति के यौन जीवन में इसके विकार का एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। एक सांख्यिकीय डेटा और सर्वेक्षण के अनुसार, यह पाया गया कि 15% पुरुष और 10% महिलाएं शराब के सेवन के कारण गुप्त व यौन रोग का अनुभव करती हैं। 20% जोड़े अत्यधिक शराब के सेवन के कारण कामेच्छा में कमी की रिपोर्ट करते हैं। नशीले पदार्थ उपयोग विकार वाले 30% व्यक्ति गुप्त व यौन रोग का अनुभव करते हैं।
“शराब कार्बनिक यौगिकों का एक वर्ग है जिसमें एक या अधिक हाइड्रॉक्सिल (―OH) समूह होते हैं जो एक एल्काइल समूह (हाइड्रोकार्बन श्रृंखला) के कार्बन परमाणु से जुड़े होते हैं। आम तौर पर, यह एक आसुत या किण्वित पेय होता है जो व्यक्ति को नशे में डाल सकते है।”
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य ड��. सुनील दुबे जो पटना में शीर्ष-श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट हैं, कहते हैं कि यौन स्वास्थ्य पर शराब का प्रभाव अल्पकालिक और दीर्घकालिक समयावधि पर आधारित है। यह पूरी तरह से व्यक्ति की खपत और प्रकृति पर निर्भर करता है कि वह इसका उपयोग कैसे करता है। सरल शब्दों में कहे तो, इसका यौन स्वास्थ्य या समग्र स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। आइये शराब के सेवन से यौन स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दोनों (अल्पकालिक और दीर्घकालिक ) प्रभावों के बारे में जानते है।
शराब के सेवन का व्यक्ति पर अल्पकालिक प्रभाव:
पुरुषों के लिए-
शराब से पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) का जोखिम 60-80% तक बढ़ सकता है।
शराब से पुरुषों में शीघ्रपतन (पीई) का जोखिम 20-40% तक बढ़ सकता है।
शराब से पुरुषों में यौन इच्छा 20-30% तक कम हो सकता है।
शराब से शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता 10-20% तक कम हो सकता है।
महिलाओं के लिए-
शराब से महिलाओं में यौन इच्छा 20-30% तक कम हो सकती है
शराब से महिलाओं में योनि के सूखेपन का जोखिम 10-20% तक बढ़ सकती है।
शराब से महिलाओं में दर्दनाक संभोग का जोखिम 10-20% तक बढ़ सकती है।
शराब से महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी अनियमितताओं का जोखिम 10-20% तक बढ़ सकती है।
शराब के सेवन का व्यक्ति पर दीर्घकालिक प्रभाव:
पुरुषों के लिए-
शराब से पुरुषों में क्रॉनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) का जोखिम 40-60% तक बढ़ सकता है।
शराब से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन कम होने का जोखिम 20-40% तक बढ़ सकता है।
शराब से पुरुषों में प्रजनन क्षमता 20-40% तक कम हो सकती है।
शराब से प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं का जोखिम 10-20% तक बढ़ सकता है।
महिलाओं के लिए-
शराब से महिलाओं में प्रजनन क्षमता 20-40% तक कम हो सकती है।
शराब से महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम 10-20% तक बढ़ सकता है।
शराब से महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का जोखिम 10-20% तक बढ़ सकता है।
शराब से महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी अनियमितता का जोखिम 20-40% तक बढ़ सकता है।
शराब के सेवन के तंत्र को समझना:
डॉ. सुनील दुबे जो कि बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर है, कहते हैं कि शराब की लत न केवल यौन स्वास्थ्य बल्कि समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। चुकी, हम शराब के अत्यधिक सेवन से होने वाले यौन स्वास्थ्य पर प्रभाव पर चर्चा कर रहे हैं, तो हमें इसके तंत्र को समझना चाहिए कि यह हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते है।
तंत्रिका संबंधी क्षति: यह तंत्रिका कार्य को बाधित करती है और संवेदनशीलता को कम करती है।
हार्मोनल असंतुलन: यह टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर को बाधित करता है।
संवहनी क्षति: यह जननांग क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को कम करती है।
यकृत क्षति: यह हार्मोन विनियमन को बाधित करती है।
व्यसन से मुक्ति और शराब के सेवन की रोकथाम:
संयम और दृढ़ता।
पेशेवर परामर्श।
सहायता समूह।
स्वस्थ जीवनशैली।
व्यायाम, पोषण, तनाव प्रबंधन।
दुबे क्लिनिक में गुप्त व यौन समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक उपचार:
यदि आप शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, जीवनशैली, चिकित्सा और अन्य कारकों के कारण किसी भी प्रकार के ��ुप्त व यौन समस्याओं का सामना कर रहे हैं; तो आपको व्यक्तिगत सहायता, उपचार और दवा के लिए हमेशा एक अनुभवी आयुर्वेदिक क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
दुबे क्लिनिक सभी तरह के गुप्त व यौन रोगियों के चिकित्सा व उपचार के लिए सही जगह है जो आयुर्वेदिक दवाओं और स्वदेशी उपचारों के लिए समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। पूरे भारत से विभिन्न प्रकार के गुप्त व यौन रोगी अपने बुनियादी और उन्नत यौन उपचार प्राप्त करने के लिए डॉ. सुनील दुबे से संपर्क करते हैं। वह दुबे क्लिनिक में हर दिन अपना व्यापक आयुर्वेदिक उपचार, यौन परामर्श और दवा सभी रोगियों को प्रदान करते हैं। फ़ोन पर अपॉइंटमेंट लें और अपना संपूर्ण यौन उपचार प्राप्त करें। अधिक जानकारी या अपॉइंटमेंट के लिए जरूरतमंद व्यक्ति हमें कॉल कर सकते हैं-
और अधिक जानकारी के लिए: -
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350-92586
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
#dubeyclinic#drsunildubey#ayurvedic#health#nature#healthcare#health & fitness#clinic#sexologist#bestsexologist#bestsexologistinpatna#bestsexologistinbihar#bestsexologistnearme#guptrogdoctorpatna#bestsexologistinindia#best sexologist clinic in noida
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महासमुंद: आबकारी अधिकारी मोहित जायसवाल निलंबित, शराब की दुकानों पर अनियमितताओं का खुलासा
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अडानी ग्रुप के स्विस बैंक खातों में 2600 करोड़ फ्रीज: हिंडनबर्ग का नया दावा
हिंडनबर्ग रिसर्च और अडानी ग्रुप के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर एक और गंभीर आरोप लगाया है। एक नया दावा पेश किया है, जिसके अनुसार अडानी ग्रुप के स्विस बैंक खातों में जमा 310 मिलियन डॉलर (लगभग 2600 करोड़ रुपये) को फ्रीज कर दिया गया है। इस दावे ने एक बार फिर से भारतीय उद्योग जगत में हलचल मचा दी है, क्योंकि अडानी ग्रुप को पहले भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों…
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काउंटिंग के बाद भी 100 फीसदी चार्ज कैसे थी ईवीएम को बैटरी? चुनाव आयोग ने कांग्रेस को भेजा जवाब
Election Commission News: चुनाव आयोग (EC) ने हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों में मतगणना में अनियमितताओं के कांग्रेस के आरोपों को मंगलवार को खारिज कर दिया। इससे पहले कांग्रेस ने 8 अक्टूबर को हरियाणा में वोटों की गिनती के दौरान 20 निर्वाचन क��षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की बैटरी लाइफ के बारे में चिंता व्यक्त की थी। कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कुछ…
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