#अनियमितताओं
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विशेष रूप से, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद से, अडानी ग्रुप को कई अडानी जांच आरोपों का सामना करना पड़ा। इस रिपोर्ट में ग्रूप पर वित्तीय धोखाधड़ी, अनियमितताओं और गलत धारा में निवेशकों को आकर्षित करने के आरोप लगाए गए थे। इसके बावजूद, अडानी ग्रूप ने सभी आरोपों का खंडन किया और अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कई कदम उठाए। इस ब्लॉग में हम इन आरोपों के परिणामों और इसके बाद अडानी ग्रूप की रणनीति में संभावित बदलावों पर चर्चा करेंगे, साथ ही यह भी जानेंगे कि इसने इन आरोपों से कैसे निपटा।
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MUDA case : सीएम सिद्धरमैया के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई, 300 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त
बेंगलुरु। MUDA case : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और अन्य से जुड़े एमयूडीए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग 300 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति की 140 से अधिक इकाइयां कुर्क की हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को बयान में यह बात की। यह कुर्की मैसूर श��री विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं की मनी लॉन्ड्रिंग जांच को लेकर की गई है। Ceasefire in Gaza : इस्राइल के…
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मां बम्लेश्वरी राइस मिल में बड़ी कार्रवाई: 13176 क्विंटल धान और 1331.50 क्विंटल चावल जप्त, अनियमितताओं पर प्रकरण दर्ज
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फॉर्मूला ई रेस में अनियमितताओं को लेकर केटी रामा राव से पूछताछ की जाएगी
पूर्�� मंत्री और बीआरएस नेता केटीआर से फॉर्मूला ई रेस से संबंधि�� कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में हैदराबाद में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा पूछताछ की जाएगी। उच्च न्यायालय ने केटीआर की कानूनी टीम को एक ग्लास बैरियर से अलग होकर भाग लेने की अनुमति दी है। केटीआर का दावा है कि यह मामला मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा राजनीतिक रूप से प्रेरित है।
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Jamshedpur bjp : जमशेदपुर में राशनिंग की डिलीवरी को लेकर दिक्कतें बढ़ी, भाजपा जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के प्रतिनिधिमंडल ने की विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी से मुलाकात, सौंपा ज्ञापन
जमशेदपुर : भाजपा जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के प्रतिनिधिमंडल ने जिला के विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी राहुल आनंद से मुलाकात की और पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में खाद्य आपूर्ति विभाग की आपूर्ति व्यवस्था में अनियमितताओं को लेकर ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल ने जन वितरण प्रणाली की दुकानों पर निर्धारित समय और नाप-तौल के अनुसार राशन उपलब्ध कराने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने ग्राहकों के केवाइसी प्रक्रिया में सर्वर…
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निकाह करने पर दूल्हे की मिला 3 करोड़ कैश, काजी को मिले 11 लाख; योगी के यूपी में बंटा करोड़ों का दहेज
Uttar Pradesh wedding cash controversy meerut nikah cash gift luxury car: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का राज है, यहां कानून व्यवस्था को लेकर प्रशासन बहुत ही सजग होता है। वहीं आर्थिक अनियमितताओं पर भी आयकर अधिकारी पैनी निगाह रखते हैं। ऐसे में क्या आप यकीन कर सकते हैं कि किसी निकाह में ढाई से तीन करोड़ कैश बांटे जाएं। इस डिजिटल युग में इतनी बड़ी रकम को नगद ट्रांसफर करने पर भले ही पाबंदी लगी हो,…
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सर्दी के मद्देनज़र प्रशासन की तैयारी पर सवाल, रसद और उपाय समय पर पहुंचाने की मांग
सर्दी ने दस्तक दे दी है और इसके साथ ही ठंड से बचने के उपायों को लेकर बाजार में हलचल तेज़ हो गई है। खाद्य सामग्री, गरम कपड़े और अन्य सुरक्षा उपकरणों की बिक्री बढ़ गई है। लेकिन गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए प्रशासन द्वारा किए जाने वाले इंतजामों पर सवाल उठने लगे हैं। हर साल सर्दियों में प्रशासन द्वारा अलाव जलाने, कंबल वितरण और शेल्टर होम्स में रजाई एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाती है। लेकिन इन योजनाओं के क्रियान्वयन में अक्सर देरी और अनियमितताओं की शिकायतें सामने आती हैं। लोकल प्रशासन स्तर पर शीतलहर से बचाव के लिए मिलने वाली रसद और धनराशि के उपयोग में लापरवाही के कारण जरूरतमंदों तक राहत समय पर नहीं पहुंच पाती। सामाजिक कार्यकर्ता राजीव गुप्ता ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि कई बार सरकारी योजनाएं कागज़ों तक ही सीमित रह जाती हैं। स्थानीय सामाजिक संस्थाओं को पहल करनी पड़ती है ताकि गरीबों को ठंड से राहत मिल सके। गुप्ता ने मंडल आयुक्त को एक पत्र लिखकर निवेदन किया है कि शासन से सर्दी से बचाव के उपायों को शीघ्रता से लागू करने के लिए निर्देश दिए जाएं। साथ ही नगर आयुक्त और मुख्य विकास अधिकारी को ठोस कदम उठाने की अपील की गई है ताकि इस बार जरूरतमंद लोगों तक सहायता समय पर पहुंच सके। सामाजिक संस्थाएं और जागरूक नागरिक इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन इस बार सक्रियता दिखाएगा और शीतलहर के दौरान गरीबों के लिए राहत का इंतजाम समय पर सुनिश्चित करेगा। Read the full article
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कोरबा : ग्राम पंचयात सरिश्मार मनरेगा में बड़ा घोटाला, कूप निर्माण कार्य में अनियमितताओं का हुआ पर्दाफाश।
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Bihar Balu Mitra Portal: बिहार बालू मित्र पोर्टल घर बैठे बालू के लिए करें ऑनलाइन आवेदन
Bihar Balu Mitra Portal: बिहार बालू मित्र पोर्टल राज्य सरकार द्वारा लॉन्च किया गया एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जो बालू खनन से संबंधित प्रक्रियाओं को पारदर्शी और सरल बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य बालू खनन, परिवहन, और वितरण में अनियमितताओं को समाप्त करना और इसे डिजिटल रूप से नियंत्रित करना है। यह पोर्टल उपयोगकर्ताओं को बालू खनन से संबंधित विभिन्न सेवाओं का…
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घोरावल में-खाद एवं बीज की दुकानों पर औचक छापेमारी,अनियमितताओं के कारण लाइसेंस निलंबित,
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भूलख उत्तराखंड
भूलख उत्तराखंड ऐप: एक सम्पूर्ण मार्गदर्शिका
परिचय:
उत्तराखंड राज्य में भूमि और संपत्ति से संबंधित मामलों की पारदर्शिता और सुविधा को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने "भूलख उत्तराखंड" ऐप को लॉन्च किया है। इस ऐप का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपनी भूमि की स्थिति, रिकॉर्ड और अन्य संबंधित जानकारी तक आसान पहुंच प्रदान करना है। विशेष रूप से, यह ऐप भूमि मालिकों, खरीदारों, और सरकारी अधिकारियों को भूमि रिकार्ड्स से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए एक सशक्त माध्यम प्रदान करता है।
भूलख उत्तराखंड ऐप का उद्देश्य:
समान्य नागरिकों के लिए सुविधा: इस ऐप के माध्यम से नागरिक अब अपने भूमि रिकार्ड्स को ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं, जिससे समय की बचत होती है और उन्हें भिन्न-भिन्न सरकारी दफ्तरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
भूमि रिकार्ड्स का डिजिटलकरण: ऐप के जरिए सरकार भूमि रिकार्ड्स को डिजिटल रूप में प्रस्तुत कर रही है, जिससे दस्तावेजों की कागजी प्रक्रिया को कम किया जा सके और सभी रिकॉर्ड्स सुरक्षित तरीके से संचित किए जा सकें।
सार्वजनिक सूचना की सुलभता: यह ऐप भूमि से संबंधित सरकारी आंकड़ों और सूचनाओं को पारदर्शी तरीके से लोगों तक पहुंचाता है। इससे विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जनता को जानकारी मिलती है और उन योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होती है।
भूलख उत्तराखंड ऐप की मुख्य विशेषताएँ:
ऑनलाइन भू-लेख देखना: इस ऐप के माध्यम से लोग अपनी भूमि के खसरा नंबर, खाता नंबर, और अन्य भू-लेख विवरण देख सकते हैं। पहले यह जानकारी कागजी रूप में होती थी, लेकिन अब इसे डिजिटल रूप में देखा जा सकता है।
भू-लेख प्रमाण पत्र (Land Record Certificate): भूमि का मालिकाना हक प्रमाणित करने के लिए लोग इस ऐप के जरिए ऑनलाइन भू-लेख प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं, जो कई सरकारी और निजी कार्यों में काम आता है।
पारदर्शिता और भ्रष्टाचार को रोकना: ऐप के माध्यम से भूमि रिकार्ड्स तक सरल पहुंच से सरकारी कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को कम करने में मदद मिलती है।
भूमि विवादों की निवारण में मदद: इस ऐप के माध्यम से भूमि से संबंधित विवादों की स्थिति का पता लगाया जा सकता है, जैसे कि भूमिकला विवाद, मालिकाना हक विवाद आदि। इससे विवादों को हल करने में सरलता आती है।
मालिकाना हक की स्पष्टता: लोग अपनी भूमि के मालिकाना हक को ऑनलाइन देख सकते हैं, जो भूमि से संबंधित विवादों के निवारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
लैंड रिकॉर्ड्स का ट्रैकिंग:इस ऐप के माध्यम से जमीन के रिकॉर्ड को ट्रैक किया जा सकता है, जैसे कि भूमि की खरीद-बिक्री, हस्तांतरण और अन्य घटनाओं का विवरण।
नक्शे और योजनाओं का अवलोकन:ऐप में नक्शों और भूमि योजनाओं का भी समावेश किया गया है, जिससे लोग अपनी भूमि के सीमा-रेखा और उसके आस-पास की भूमि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
भूलख उत्तराखंड ऐप का उपयोग कैसे करें?
ऐप डाउनलोड करना:भूलख उत्तराखंड ऐप को स्मार्टफोन के Google Play Store (Android) या Apple App Store (iOS) से डाउनलोड किया जा सकता है।
रजिस्ट्रेशन और लॉगिन:ऐप को डाउनलोड करने के बाद, उपयोगकर्ता को अपने खाता नंबर और खसरा नंबर जैसे विवरणों के साथ लॉगिन करना होगा। एक बार लॉगिन करने के बाद, उपयोगकर्ता अपनी भूमि से जुड़ी सारी जानकारी देख सकता है।
भू-लेख विवरण की खोज:उपयोगकर्ता भूमि के खसरा नंबर, खाता नंबर या अन्य मान्यताओं के आधार पर अपने भूमि विवरण की खोज कर सकते हैं।
भू-लेख प्रमाण पत्र का डाउनलोड:ऐप के माध्यम से उपयोगकर्ता अपनी भूमि का प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं, जिसे किसी भी सरकारी या निजी प्रक्रिया में प्रस्तुत किया जा सकता है।
सरकारी योजनाओं की जानकारी:ऐप पर सरकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध है, जिससे लोग राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
भूलख उत्तराखंड ऐप के लाभ:
सुविधाजनक:यह ऐप नागरिकों को जमीन के रिकॉर्ड्स तक आसान पहुंच प्रदान करता है। पहले भूमि के रिकार्ड्स के लिए तहसील या पटवारी कार्यालय जाना पड़ता था, लेकिन अब इसे घर बैठे देखा जा सकता है।
समय और पैसे की बचत:भूमि रिकार्ड्स की जानकारी प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तरों में जाने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है।
पारदर्शिता:भूमि रिकार्ड्स की डिजिटल उपलब्धता से सरकारी कामकाजी में पारदर्शिता आती है और जनता को अधिक जानकारी मिलती है।
भ्रष्टाचार में कमी:कागजी कार्यवाही की बजाय डिजिटल रिकॉर्ड्स के कारण सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा गलत तरीके से रिकार्ड्स में बदलाव करने का अवसर कम होता है।
बेहतर प्रशासनिक कार्यक्षमता:सरकार और प्रशासन के लिए भी यह ऐप एक प्रभावी उपकरण है, जिससे भूमि से संबंधित मामलों का निपटारा जल्दी और बिना किसी कठिनाई के किया जा सकता है।
भूलख उत्तराखंड ऐप के चुनौतियाँ:
इंटरनेट कनेक्टिविटी:पहाड़ी इलाकों में इंटरनेट की कमजोर कनेक्टिविटी एक बड़ी चुनौती हो सकती है। यदि नेटवर्क नहीं होगा, तो नागरिकों को ऑनलाइन सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा।
तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता:कुछ लोग तकनीकी रूप से अनुभवहीन हो सकते हैं, जिनके लिए इस ऐप का उपयोग कठिन हो सकता है। ऐसे लोगों को ऐप का उपयोग समझाने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता हो सकती है।
डिजिटल साक्षरता की कमी:कुछ लोग विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में डिजिटल साक्षरता की कमी के कारण इस ऐप का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।
निष्कर्ष:
भूलख उत्तराखंड ऐप राज्य में भूमि रिकॉर्ड्स के डिजिटलकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नागरिकों को भूमि से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी सुलभ, पारदर्शी, और तेज़ तरीके से प्रदान करता है। इसके माध्यम से सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ी है, जिससे भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सकता है। हालांकि, कुछ चुनौतियाँ जैसे इंटरनेट की उपलब्धता और डिजिटल साक्षरता की कमी भी हैं, लेकिन इनका समाधान भी समय के साथ किया जा सकता है। कुल मिलाकर, भूलख उत्तराखंड ऐप राज्य के नागरिकों के लिए एक बेहद उपयोगी और आवश्यक सेवा बन गया है।
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मां बम्लेश्वरी राइस मिल में बड़ी कार्रवाई: 13176 क्विंटल धान और 1331.50 क्विंटल चावल जप्त, अनियमितताओं पर प्रकरण दर्ज
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वाईएसआरसीपी सांसद विजयसाई रेड्डी काकीनाडा सी पोर्ट एसईजेड शेयर धोखाधड़ी मामले में ईडी के सामने पेश हुए
वाईएसआरसीपी के राज्यसभा सांसद वी विजयसाई साई रेड्डी सोमवार को काकीनाडा समुद्री बंदरगाहों में अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। राज्यसभा सदस्य से ईडी ने बशीरबाग स्थित अपने कार्यालय में छह घंटे तक पूछताछ की। उनके अनुसार, वह इस मामले में शामिल नहीं थे, और उनके खिलाफ एक फर्जी शिकायत दर्ज की गई थी। इस मामले में धोखाधड़ी, आपराधिक धमकी और काकीनाडा सीपोर्ट्स…
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अडानी जांच के बाद: निवेशक कैसे अपनी रणनीतियों को बदल सकते हैं?
हाल ही में, अडानी ग्रुप पर आई हिंडनबर्ग अडानी जांच रिसर्च की रिपोर्ट ने भारतीय शेयर बाजार में हलचल मचा दी है। इस रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के वित्तीय स्वास्थ्य और उसके संचालन में अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं। इससे निवेशकों को काफी नुकसान हुआ है और बाजार में अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है। निवेशकों ने देखा कि अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमतों में असामान्य गिरावट आ रही है, जिससे उनके निवेश पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
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