#अडानी केस
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किसी भी कंपनी के लिए कानून और नियमों का पालन करना उसकी नींव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। अडानी केस ने यह दिखाया कि नियामकीय अनुपालन में किसी भी प्रकार की ढिलाई कंपनी के लिए गंभीर परिणाम ला सकती है। सरकार और नियामक संस्थाओं द्वारा स्थापित नियमों का पालन न केवल कानूनी दायित्व है, बल्कि यह कंपनी की साख को भी बनाए रखने में मदद करता है।
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अडानी धारावी पुनर्विकास परियोजना का दूरगामी प्रभाव निवासियों और मुंबई शहर दोनों पर पड़ सकता है। आइए देखें कि यह परियोजना किस प्रकार सकारात्मक बदलाव ला सकती है |
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अडानी गोड्डा पावर प्लांट झारखंड के गोड्डा जिले में स्थित है। 3,960 मेगावाट की क्षमता वाला यह भारत का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट है। वर्ष 2017 में इसका उद्घाटन हुआ और तब से यह देश की बिजली आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इस प्लांट की स्थापना से पूर्व, भारत को बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा था। अडानी गोड्डा प्लांट ने इस कमी को कम करने और राष्ट्रीय ग्रिड को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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अडानी सरगुजा परियोजना: एक केस स्टडी - बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से ग्रामीण परिवर्तन
अडानी सरगुजा परियोजना बहुआयामी है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान दिया गया है। परियोजना के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं:
परिवहन नेटवर्क का विस्तार: परियोजना का एक महत्वपूर्ण पहलू ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क का निर्माण और उन्नयन करना है। यह कदम ग्रामीण इलाकों को एक-दूसरे और शहरी केंद्रों से जोड़ेगा, जिससे परिवहन में सुधार होगा। बेहतर सड़कें कृषि उपज को बाजार तक पहुंचाने में भी सहायक होंगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
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चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और अडाणी केस: आज सुप्रीम कोर्ट ने दे दिए 2 बड़े फैसले
नई दिल्ली: ने आज दो अलग-अलग मामलों में बड़े फैसले दिए। उच्चतम न्यायालय ने एक तरफ देश के निर्वाचन आयोग () के सदस्यों की नियुक्ती प्रक्रिया बदल दी तो दूसरी तरफ उसने हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए समिति का गठन कर दिया। देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि अब चुनाव आयुक्त कि नियुक्ति तीन सदस्यी समिति करेगी। इस समिति में प्रधानमंत्री, देश के प्रधान न्यायाधीश और लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए चुनावों में पारदर्शिता को बढ़ावा देते रहना होगा। अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों की जांच के लिए बनी समिति उधर, पिछले महीने से ही हंगामे का कारण बनी हिंडनबर्ग रिपोर्ट में उठाए गए सवालों की जांच को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित कर दी है जो अडानी समूह की कंपनियों पर लगे आरोपों की जांच करेगी। छह सदस्यीय समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम सप्रे करेंगे। ओपी भट्ट, जस्टिस जेपी देवदत्त, केवी कामत, नंदन निलेकणि और सोमशेखरण सुंदरेशन इस समिति के सदस्य होंगे। उच्चतम न्यायालय ने सेक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) से भी सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी है। सेबी भारत में शेयर बाजार की नियामक संस्था है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी को दो महीने में जांच करके रिपोर्ट देनी होगी। हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह पर शेयरों की कीमतें फर्जी तरीके से बढ़ाने का आरोप लगाया गया है। निर्वाचन आयोग में सुधार पर बोले जस्टिस जोसफ निर्वाचन आयोग में सुधार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने वाली संविधान पीठ की अगुवाई जस्टिस केएम जोसफ ने की। उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा, 'किसी मजबूत और उदार लोकतंत्र की पहचान को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि लोकतंत्र की ताकत पूरी तरह लोगों को मिलने वाले अधिकारों पर निर्भर है। वोट सबसे ज्यादा ताकतवर है, जो सबसे शक्तिशाली दल को भी सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा देता है।' उच्चतम न्यायालय का यह फैसला उस याचिका पर आया है जिसमें भारत के निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार की मांग की गई थी। जस्टिस जोसफ कहा कि निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र रखना होगा। उन्होंने इसकी जरूरत बताते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग संवैधानिक प्रावधानों एवं सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आलोक में कानून की कसौटी पर निष्पक्षता से काम करने के लिए बाध्य है। वहीं, पीठ के एक अन्य सदस्य जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा कि चुनाव आयुक्तों को हटाने के लिए भी मुख्य चुनाव आयुक्तों को हटाने की प्रक्रिया अपनानी होगी। अडानी ग्रुप पर आरोपों की होगी जांच उधर, अडानी केस में सुप्रीम कोर्ट ने सेबी रूल्स के सेक्शन 19 के उल्लंघन की जांच का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि सेबी इस बात की जांच करे कि क्या अडानी ग्रुप ने धारा 19 का उल्लंघन करते हुए अपनी कंपनियों के शेयरों के दाम बढ़ाए हैं। ध्यान रहे कि अमेरिकी शॉर्�� सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के ��रोपों के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गए और ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की संपत्ति में भारी गिरावट देखी गई। दुनियाभर के अमीरों की सूची में वो करीब-करीब 30 स्थान नीचे खिसक गए। गौतम अडानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'अडानी ग्रुप माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करता है। इससे तय समय में फैसला हो जाएगा। सच्चाई सबके सामने आ जाएगी।' http://dlvr.it/SkDTkB
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पिछले साल जब सबका काम-धंधा डूब रहा था, गौतम अडानी की कमाई पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा हुई. दुनिया के सारे बड़े टायकून अडानी से पिछड़ गए. अडानी ने अंबानी को संपत्ति के मामले में पीछे छोड़ दिया. इस आदमी का सफर क्रोनी कैपिटलिज़्म के लिए केस स्टडी है.
सात साल पहले गौतम अडानी को कोई नहीं जानता था. 2013 में अचानक ये आदमी प्रमुख उद्योगपति के तौर पर उभरा और मोदी को हेलीकॉप्टर मुहैया कराने से ख़बरों में आया. बिज़नेस की ख़बरों पर अपडेट रहने वाले लोग ज़रूर अडानी को जानते थे, लेकिन उसकी छवि एक मझौले उद्योगपति की थी.
इस आदमी ने जता दिया कि अगर फ़ेवरेबल सरकार हो, तो कल को कोई भी छुटभैंया कारोबारी देश के टॉप-10 धन्नासेठों में शामिल हो सकता था. 2014 के बाद से इस आदमी की चांदी है. बंदरगाहों पर हेरोइन पकड़ा जाना दो दिनों की सनसनी बनी. मोदी के साथ क़रीब होने की बात अब इतनी आम हो गई है कि गली-गली में लोग इस जुगलबंदी को जानते-समझते हैं.
ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इस आदमी के कुछ प्रोजेक्ट कैंसिल किए, लेकिन भारत में इसे हर इशारे पर हर चीज़ मुहैया कराई गई.
इस दौरान, अडानी की कुछ कंपनियों के शेयर्स की क़ीमत 100-500 गुना बढ़ गई. किसान बिल आया तो इस आदमी ने जगह-जगह गोदाम बना डाले. जो ठेका आ रहा है, इसको जा रहा है. जहां फ़ैक्ट्री डालने का मन होता है, ये डालता है.
हमारी पीढ़ी से पहले देश के प्रमुख उद्योगपतियों में टाटा-बिड़ला का नाम होता था. फिर, मोदी के वरदहस्त में अंबानी - अडानी उभरे. लग रहा है कि इन्हें टक्कर देने वाला दूर-दूर तक कोई नहीं होगा.
अडानी ने मोदी के एक कार्यकाल में ही अंबानी को नीचे गिरा दिया था. बाक़ी, इस देश की प्रति व्यक्ति आय 2020 की तुलना में और कम हो गई है. तब तक, आप लोग हिंदू गौरव पर गला साफ़ करते रहें.
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#सुगमदर्शन #मुंद्रापोर्ट #अडानी #ड्रग #हिरोइन #बीसलाखकरोड़(9000cr) #NCB आखिर अबतक गौतम अडानी को गिरफतार क्यो नही किया ? हमारे प्रधानमंत्री जी प्रवचन देने संयुक्त राष्ट्र निकल गए , साथ में हवाई जहाज में उलटाने के लिए ग्रंथ भी ले ग��� ताकि दुनिया को पता चले कि हमारे प्रधानमंत्री जी समय का सदुपयोग कैसे करते हैं ? इसका विश्लेषण भी सुधीर बाबू जमकर किए , तकरीबन सभी बड़े मियां इसके लिए कसीदे पढ़े लिखे खैर , जरा तोहमत लगा गौर फ़रमाया जाय दुनिया में खलबली मचाने वाले ड्रग माफिया , श्रद्धेय अडानी जी के पोर्ट को क्यो चुना ? दर असल 2020 की सुशांत सिंह राजपूत मर्डर केस की जांच के नाम पर NCB का एंट्री अप्राकृतिक ढंग से होने का अनुमान लगाया जाय , एंट्री इसलिए कराया गया ताकि केमिस्ट्री के फार्मूले में पकड़ बनाया जाय और छोटे छोटे ड्रग पैडलर पर रोक लगे ताकि अडानी का व्यापार व्यापक रूप से वर्चस्व कायम कर सके और बंबई के हिरोइनचियो के खून में अडानी ग्रुप का हिरोइन दौरे , जब मिशन ड्रग पैडलर खत्म हो गया जिसमें किसी के पास से 30 ग्राम तो किसी के पास 300 ग्राम ड्रग लाने का रास्ता बंद हो गया तो अडानी साहब ने एकमुश्त अपने मुंद्रा पोर्ट पर 3000 किलो ड्रग मंगवाकर तहलका मचा दिए , बंबई के हिरोइनचियो में खुशी का माहौल है नई नई फिल्म रिलीज करने को स्क्रीप्ट तेज़ हो गया है , कारण अब अडानी द्वारा संचालित ड्रग सब्सिडी रेट पर उपलब्ध होगा
#सुगमदर्शन #मुंद्रापोर्ट #अडानी #ड्रग #हिरोइन #बीसलाखकरोड़(9000cr) #NCB आखिर अबतक गौतम अडानी को गिरफतार क्यो नही किया ? हमारे प्रधानमंत्री जी प्रवचन देने संयुक्त राष्ट्र निकल गए , साथ में हवाई जहाज में उलटाने के लिए ग्रंथ भी ले गए ताकि दुनिया को पता चले कि हमारे प्रधानमंत्री जी समय का सदुपयोग कैसे करते हैं ? इसका विश्लेषण भी सुधीर बाबू जमकर किए , तकरीबन सभी बड़े मियां इसके लिए कसीदे पढ़े लिखे खैर , जरा तोहमत लगा गौर फ़रमाया जाय दुनिया में खलबली मचाने वाले ड्रग माफिया , श्रद्धेय अडानी जी के पोर्ट को क्यो चुना ? दर असल 2020 की सुशांत सिंह राजपूत मर्डर केस की जांच के नाम पर NCB का एंट्री अप्राकृतिक ढंग से होने का अनुमान लगाया जाय , एंट्री इसलिए कराया गया ताकि केमिस्ट्री के फार्मूले में पकड़ बनाया जाय और छोटे छोटे ड्रग पैडलर पर रोक लगे ताकि अडानी का व्यापार व्यापक रूप से वर्चस्व कायम कर सके और बंबई के हिरोइनचियो के खून में अडानी ग्रुप का हिरोइन दौरे , जब मिशन ड्रग पैडलर खत्म हो गया जिसमें किसी के पास से 30 ग्राम तो किसी के पास 300 ग्राम ड्रग लाने का रास्ता बंद हो गया तो अडानी साहब ने एकमुश्त अपने मुंद्रा पोर्ट पर 3000 किलो ड्रग मंगवाकर तहलका मचा दिए , बंबई के हिरोइनचियो में खुशी का माहौल है नई नई फिल्म रिलीज करने को स्क्रीप्ट तेज़ हो गया है , कारण अब अडानी द्वारा संचालित ड्रग सब्सिडी रेट पर उपलब्ध होगा
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अडानी हार गए 'द वायर' और ईपीडब्ल्यू के खिलाफ दायर अवमानना का केस
अडानी हार गए ‘द वायर’ और ईपीडब्ल्यू के खिलाफ दायर अवमानना का केस
नई दिल्ली। ‘द वायर’ और ‘इकोनामिक एंड पोलिटिकल वीकली’ (ईपीडब्ल्यू) के खिलाफ अदालत में दायर मुकदमा उद्योगपति गौतम अडानी हार गए हैं। उन्होंने इन दोनों समाचार समूहों और पत्रकार प्रणंजय गुहा ठाकुरता समेत तीन और पत्रकारों के खिलाफ गुजरात की एक अदालत में अवमानना का केस दर्ज कराया था। लेकिन अदालत ने अडानी की अपील खारिज कर दी है। चूंकि वायर ने ईपीडब्ल्यू में प्रकाशित प्रणंजय गुहा ठाकुरता के लेख को…
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मानहानि केस में पत्रकार परांजय गुहा ठाकुराता के खिलाफ अरेस्ट वारंट
मानहानि केस में पत्रकार परांजय गुहा ठाकुराता के खिलाफ अरेस्ट वारंट
गुजरात के कच्छ जिले में मुंद्रा की एक अदालत ने अडानी समूह ��्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में मंगलवार को वरिष्ठ पत्रकार परांजय गुहा ठाकुराता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। नई दिल्ली की निजामुद्दीन थाना पुलिस को निर्देश जारी करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रदीप सोनी की अदालत ने कहा, “भादंसं की धारा 500 के तहत आरोपी के खिलाफ आरोप तय किया जाता है। आपको उक्त आरोपी को गिरफ्तार करने और मेरे समक्ष पेश…
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#Adani Group#arrest warrant against senior journalist Paranjoy Guha Thakurta#defamation suit filed by the Adani group#Mundra court of Gujarat&039;s Kutch district#Nizamuddin police station in New Delhi#Paranjoy Guha Thakurta
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हिन्डनबर्ग अडानी घोटाला रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी, लेकिन ग्रुप ने निवेशकों का विश्वास पुनः प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है। इसके लिए कंपनी ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए।
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अडानी धारावी पुनर्विकास योजना एक मिश्रित-उपयोग विकास परियोजना है जिसका लक्ष्य धारावी को एक आधुनिक, टिकाऊ और समावेशी शहरी केंद्र में बदलना है। यह योजना आवासीय, वाणिज्यिक, सामाजिक और बुनियादी ढांचा विकास को एकीकृत करती है, जिसका उद्देश्य न केवल बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण करना है बल्कि धारावी के लोगों के जीवन स्तर को भी ऊपर उठाना है।
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ael share price manipulation case reopen by mumbai session court after lower court discharge gautam adani ketan parekh - अडानी समूह को झटका! शेयर धांधली केस में निचली अदालत ने दी थी AEL को क्लीन चिट; अब सेशन कोर्ट ने पलटा फैसला
ael share price manipulation case reopen by mumbai session court after lower court discharge gautam adani ketan parekh – अडानी समूह को झटका! शेयर धांधली केस में निचली अदालत ने दी थी AEL को क्लीन चिट; अब सेशन कोर्ट ने पलटा फैसला
मुंबई की सेशन कोर्ट ने अडानी समूह को झटका देते हुए शेयर हेरा-फेरी के केस में 2014 को दिए गए निचली अदालत के फैसले को बदल दिया है। निचली अदालत ने अडानी समूह को क्लीन चिट दे दी थी। बता दें कि आरोप है कि साल 1999-2000 में अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड के चेयरमैन गौतम अडानी और कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश अडानी ने कथित तौर पर कंपनी के शेयर की कीमतों में धांधली की थी। आरोप है कि कंपनी ने केतन पारिख…
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अडानी हसदेव केस फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की जाँच में है। उद्योग समूह अडानी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहा है और उसे भरोसा है कि निर्णय निष्पक्ष तरीके से सही पक्ष के हक में होगा।
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वीडियो: पेट्रोल को 35 और डॉलर को 40 रूपए बताने वाले रविशंकर और बाबा रामदेव कहाँ गए, क्या इनके अच्छे दिन चल रहे है? रवीश कुमार
उपरोक्त संदर्भ में चौकीदार कौन है, नाम लेने की ज़रूरत नहीं है। वर्ना छापे पड़ जाएंगे और ट्विटर पर ट्रोल कहने लगेंगे कि कानून में विश्वास है तो केस जीत कर दिखाइये। जैसे भारत में फर्ज़ी केस ही नहीं बनता है और इंसाफ़ झट से मिल जाता है। आप लोग भी सावधान हो जाएं। आपके ख़िलाफ़ कुछ भी आरोप लगाया जा सकता है।
अगर आप कुछ नहीं कर सकते हैं तो इतना तो कर दीजिए कि हिन्दी अख़बार लेना बंद कर दें या फिर ऐसा नहीं कर सकते तो हर महीने अलग अलग हिन्दी अख़बार लें, तभी पता चलेगा कि कैसे ये हिन्दी अख़बार सरकार की थमायी पर्ची को छाप कर ही आपसे महीने का 400-500 लूट रहे हैं। हिन्दी चैनलों का तो आप हाल जानते हैं।
मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं इसके लिए आपको 28 और 29 अगस्त के इंडियन एक्सप्रेस में ऋतिका चोपड़ा की ख़बर बांचनी होगी। आप सब इतना तो समझ ही सकते हैं कि इस तरह की ख़बर आपने अपने प्रिय हिन्दी अख़बार में कब देखी थी।
इंडियन एक्सप्रेस की ऋतिका चोपड़ा दो दिनों से लंबी-लंबी रिपोर्ट फाइल कर रही हैं कि किस तरह अंबानी के जियो इंस्टीट्यूट के लिए पीएमओ के कहने पर नियमों में बदलाव किया गया। ऋतिका ��े आर टी आई के ज़रि�� मानव संसाधन मंत्रालय और पीएमओ के बीच पत्राचार हासिल कर यह रिपोर्ट तैयार की है। मानव संसाधन मंत्रालय ने शुरू में जो नियम बनाए थे उसके अनुसार अंबानी के जियो इंस्टीट्यूट को प्रतिष्ठित संस्थान का टैग नहीं मिल पाता।
यहां तक कि वित्त मंत्रालय ने भी चेतावनी दी थी कि जिस संस्थान का कहीं कोई वजूद नहीं है उसे इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का लेबल देना तर्कों के ख़िलाफ़ है। इससे भारत में शिक्षा सिस्टम को ठेस पहुंचती है। इसके बाद भी अंबानी के जियो इंस्टीट्यूट को मानव संसाधन मंत्रालय की सूची में शामिल करने के लिए मजबूर किया गया।
वित्त मंत्रालय के ख़र्चा विभाग यानी डिपार्टमेंट आफ एक्सपेंडिचर ने मानव संसाधन मंत्रालय को लिखा था कि इस तरह से एक ऐसे संस्थान को आगे करना जिसकी अभी स्थापना तक नहीं हुई है, उन संस्थानों की तुलना में उसके ब्रांड वैल्यू को बढ़ाना होगा जिन्होंने अपने संस्थान की स्थापना कर ली है। इससे उनका उत्साह कम होगा। सिर्फ मंशा के आधार पर कि भविष्य में कुछ ऐसा करेंगे, किसी संस्थान को इंस्टीट्यूट ऑफ़ एमिनेंस का दर्जा देना तर्कों के ख़िलाफ़ है। इसलिए जो नए नियम बनाए गए हैं उनकी समीक्षा की जानी चाहिए।
वित्त मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय की राय के ख़िलाफ़ जाकर पीएमओ से अंबानी के जियो संस्थान को दर्जा दिलवाने की ख़बर आप इंडियन एक्सप्रेस में पढ़ सकते हैं। भले ही इस खबर में यह नहीं है कि चौकीदार जी अंबानी के लिए इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं लेकिन इस ख़बर को पढ़ते ही आपको यही समझ आएगा। दो दिनों से ख़बर छप रही है मगर किसी ने खंडन नहीं किया है।
अडानी जी की एक कंपनी है। अडानी एंटरप्राइजेज़ लिमिटेड। यह कंपनी सिंगापुर के हाईकोर्ट में अपना केस हार चुकी है। भारत के रेवेन्यु इंटेलिजेंस ने कई पत्र जारी कर इस कंपनी के बारे में जवाब मांगे हैं, दुनिया के अलग अलग देशों से, तो इसके खिलाफ अडानी जी बांबे हाईकोर्ट गए हैं कि डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यु इंटेलिजेंस के लेटर्स रोगेटरी को रद्द कर दिया जाएगा। जब आप विदेशी मुल्क से न्यायिक मदद मांगते हैं तो उस मुल्क को लेटर ऑफ़ रोगेटरी जारी करना पड़ता है।
आप जानते हैं कि चौकीदार जी ने मुंबई के एक कार्यक्रम में हमारे मेहुल भाई कह दिया था। आप यह भी जानते हैं कि यही हमारे मेहुल भाई ने महान भारत की नागरिकता छोड़ कर महान एंटीगुआ की नागरिकता ले ली है। चौकीदार जी के हमारे मेहुल भाई लगातार भारत को शर्मिंदा कर रहे हैं। उन्होंने कह दिया है कि वे भारत नहीं जाएंगे क्योंकि वहां के जेलों की हालत बहुत ख़राब है।
चौकीदार जी के हमारे मेहुल भाई पर मात्र 13,500 करोड़ के गबन के आरोप हैं। सरकार चाहे तो इनके लिए 1 करोड़ ख़र्च कर अलग से जेल बनवा सकती है, या किसी होटल के कमरे को जेल में बदल सकती है। कम से कम मेहुल भाई को वहां रहने में तो दिक्कत नहीं होगी। कहां तो काला धन आने वाला था, कहां काला धन वाले ही चले गए।
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले श्री रविशंकर का एक ट्विट घूमता है कि मोदी जी प्रधानमंत्री बनेंगे तो एक डॉलर 40 रुपये का हो जाएगा। आज एक डॉलर 70 रुपये 52 पैसे का हो गया है।
भारत के इतिहास में रुपया इतना कभी कमज़ोर नहीं हुआ है। वैसे भी आप तक इसकी ख़बर प्रमुखता से नहीं पहुंची होगी और जिनके पास पहुंची है उनके लिए तर्क के पैमाने बदले जा रहे हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष हैं राजीव कुमार। राजीव ने कहा है कि हमें मुद्रा के आधार पर अर्थव्यवस्था को जज करने की मानसिकता छोड़नी ही पड़ेगी। मज़बूत मुद्रा में कुछ भी नहीं होता है।
वाकई ऐसे लोगों के अच्छे दिन हैं। कुछ भी तर्क देते हैं और मार्केट में चल जाता है। राजीव कुमार को पता नहीं है कि उनके चेयरमैन चौकीदार जी भी भारतीय रुपये की कमज़ोरी को दुनिया में भारत की गिरती साख और प्रतिष्ठा से जोड़ा करते थे। सबसे पहले उन्हें जाकर ये बात समझाएं। वैसे वे समझ गए होंगे।
वैसे आप कोई भी लेख पढ़ेंगे, उसमें यही होगा कि रुपया कमज़ोर होता है तो उसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। वित्तीय घाटा बढ़ता है। 2018 के साल में भारतीय रुपया ही दुनिया भर में सबसे ख़राब प्रदर्शन कर रहा है।
वैसे रामदेव ने भी रजत शर्मा के आपकी अदालत में कहा था कि मोदी जी आ जाएंगे तो पेट्रोल 35 रुपया प्रति लीटर मिलेगा। इस समय तो कई शहरों में 86 और 87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है।
ये सब सवाल पूछना बंद कर दीजिए वर्ना कोई आएगा फर्ज़ी कागज़ पर आपका नाम लिखा होगा और फंसा कर चला जाएगा। जब टीवी और अखबारों में इतना डर घुस जाए तभी शानदार मौका होता है कि आप अपनी मेहनत की कमाई का 1000 रुपया बचा लें। दोनों को बंद कर दें। कुछ नहीं तो कम से कम ये काम तो कर ही सकते हैं। हमेशा के लिए नहीं बंद कर सकते मगर एक महीने के लिए तो बंद कर ही सकते हैं।
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source http://hindi-news.krantibhaskar.com/latest-news/hindi-news/ajab-gajab-news/viral-news/16034/
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#सुगमदर्शन #मुंद्रापोर्ट #अडानी #ड्रग #हिरोइन #बीसलाखकरोड़(9000cr) #NCB आखिर अबतक गौतम अडानी को गिरफतार क्यो नही किया ? हमारे प्रधानमंत्री जी प्रवचन देने संयुक्त राष्ट्र निकल गए , साथ में हवाई जहाज में उलटाने के लिए ग्रंथ भी ले गए ताकि दुनिया को पता चले कि हमारे प्रधानमंत्री जी समय का सदुपयोग कैसे करते हैं ? इसका विश्लेषण भी सुधीर बाबू जमकर किए , तकरीबन सभी बड़े मियां इसके लिए कसीदे पढ़े लिखे खैर , जरा तोहमत लगा गौर फ़रमाया जाय दुनिया में खलबली मचाने वाले ड्रग माफिया , श्रद्धेय अडानी जी के पोर्ट को क्यो चुना ? दर असल 2020 की सुशांत सिंह राजपूत मर्डर केस की जांच के नाम पर NCB का एंट्री अप्राकृतिक ढंग से होने का अनुमान लगाया जाय , एंट्री इसलिए कराया गया ताकि केमिस्ट्री के फार्मूले में पकड़ बनाया जाय और छोटे छोटे ड्रग पैडलर पर रोक लगे ताकि अडानी का व्यापार व्यापक रूप से वर्चस्व कायम कर सके और बंबई के हिरोइनचियो के खून में अडानी ग्रुप का हिरोइन दौरे , जब मिशन ड्रग पैडलर खत्म हो गया जिसमें किसी के पास से 30 ग्राम तो किसी के पास 300 ग्राम ड्रग लाने का रास्ता बंद हो गया तो अडानी साहब ने एकमुश्त अपने मुंद्रा पोर्ट पर 3000 किलो ड्रग मंगवाकर तहलका मचा दिए , बंबई के हिरोइनचियो में खुशी का माहौल है नई नई फिल्म रिलीज करने को स्क्रीप्ट तेज़ हो गया है , कारण अब अडानी द्वारा संचालित ड्रग सब्सिडी रेट पर उपलब्ध होगा https://youtu.be/G3ssWyeZc2c
#सुगमदर्शन #मुंद्रापोर्ट #अडानी #ड्रग #हिरोइन #बीसलाखकरोड़(9000cr) #NCB आखिर अबतक गौतम अडानी को गिरफतार क्यो नही किया ? हमारे प्रधानमंत्री जी प्रवचन देने संयुक्त राष्ट्र निकल गए , साथ में हवाई जहाज में उलटाने के लिए ग्रंथ भी ले गए ताकि दुनिया को पता चले कि हमारे प्रधानमंत्री जी समय का सदुपयोग कैसे करते हैं ? इसका विश्लेषण भी सुधीर बाबू जमकर किए , तकरीबन सभी बड़े मियां इसके लिए कसीदे पढ़े लिखे खैर , जरा तोहमत लगा गौर फ़रमाया जाय दुनिया में खलबली मचाने वाले ड्रग माफिया , श्रद्धेय अडानी जी के पोर्ट को क्यो चुना ? दर असल 2020 की सुशांत सिंह राजपूत मर्डर केस की जांच के नाम पर NCB का एंट्री अप्राकृतिक ढंग से होने का अनुमान लगाया जाय , एंट्री इसलिए कराया गया ताकि केमिस्ट्री के फार्मूले में पकड़ बनाया जाय और छोटे छोटे ड्रग पैडलर पर रोक लगे ताकि अडानी का व्यापार व्यापक रूप से वर्चस्व कायम कर सके और बंबई के हिरोइनचियो के खून में अडानी ग्रुप का हिरोइन दौरे , जब मिशन ड्रग पैडलर खत्म हो गया जिसमें किसी के पास से 30 ग्राम तो किसी के पास 300 ग्राम ड्रग लाने का रास्ता बंद हो गया तो अडानी साहब ने एकमुश्त अपने मुंद्रा पोर्ट पर 3000 किलो ड्रग मंगवाकर तहलका मचा दिए , बंबई के हिरोइनचियो में खुशी का माहौल है नई नई फिल्म रिलीज करने को स्क्रीप्ट तेज़ हो गया है , कारण अब अडानी द्वारा संचालित ड्रग सब्सिडी रेट पर उपलब्ध होगा https://youtu.be/G3ssWyeZc2c
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क्या पीएम मोदी ने अडानी के लिए शुरू की थी जन धन योजना? डूबने के कगार पर जनता का पैसा । ऑस्ट्रेलिया में अडानी को कारमाइकल खदान के प्रोजेक्ट में बहुत बड़ा नुकसान होने जा रहा है. अडाणी समूह ऑस्ट्रेलिया में कोयला खदान, रेलवे और बंदरगाह परियोजना पर 3.3 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर चुका है और उसे इस प्रोजेक्ट के लिए ��ोदी जी ने भारतीय स्टेट बैंक से 6200 करोड़ का लोन दिलवाया था. वह भी तब जब 6 अंतराष्ट्रीय बैंकों ने इस प्रोजेक्ट को पर्यावरण को खतरा बताते हुए फाइनेंस करने से मना कर दिया था. यह विदेशी धरती पर किये जाने वाले प्रोजेक्ट के लिए आज तक का सबसे बड़ा लोन था. जिस वक्त यह लोन दिलवाया गया था उसी वक्त जन धन योजना भी शुरू की गयी थी. उसी में जमा पैसों से स्टेट बैंक से यह लोन दिया है जो अब डूबने की कगार पर आ गया है. दरअसल अडाणी की रेल लाइन परियोजना के तहत ऑस्ट्रेलिया में उसकी कारमाइकल खदान से लेकर ऐबट प्वाइंट स्थित अडाणी के स्वामित्व एवं उसके द्वारा परिचालित थोक कोयला लदान प्रतिष्ठान तक करीब 400 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की योजना थी जिसके वित्त पोषण के लिए चीन के 2 सबसे बड़े सरकारी बैंकों ने लोन देने से मना कर दिया था. बैंक का दावा है कि वह ग्रीन फाइनेंसिंग के लिए प्रतिबद्ध है और इसे अहमियत देता है अन्य अंतराष्ट्रीय बैंक और वित्तीय संस्थान पहले ही लोन देने से मना कर चुके हैं. अडानी को आखिरी उम्मीद आस्ट्रेलिया की सरकार से थी 4 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने भी 400 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के प्रोजेक्ट को फाइनेंस करने से साफ इंकार कर दिया है. इस निर्णय को ऑस्ट्रेलिया में अडानी के प्रोजेक्ट के लिए ताबूत में आखिरी कील माना जा रहा है. भारत में अडानी का विभिन्न बैंको का करीब 96,031 करोड़ का लोन बाक़ी है. यह प्रोजेक्ट यदि डूबता है तो भारत पूरे देश की अर्थव्यवस्था ही खतरे में आ जायेगी. क्योंकि अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप पर भी लगभग 1, 21, 000 करोड़ का बैड लोन है और चाइना डेवेलपमेंट बैंक (CDB) ने अनिल अंबानी की कंपनी आर- कॉम के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी का केस दर्ज करा दिया हैं. पढ़ें- CDB drops insolvency proceedings against RCom रूइया के एस्सार ग्रुप की कंपनियों पर 1, 01,461 करोड़ का लोन बक़ाया है. जिसे वसूलने के असफल प्रयास किये जा रहे हैं, इन तथ्यों के आलोक में आप नीरव मोदी के पीएनबी घोटाले को रखकर देखिए तो आप समझ जाएंगे कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक हालत क्या है. #modi #indiangovt #bjp #media #mediatakeout #aajtak #zee #ndtvindian
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