#अडानी की कहानी
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अडानी की कहानी
सौजन्य: एबीपी न्यूज जमीं से जब उड़ा उड़ता चला गया इस विशाल क्षितिज को नापते चला गया जब अंतिम छोर तक पहुंचना जुनून था आया एक तूफान नीचे उतरता चला गया, ये भूल थी हमारी या अति उत्साह था बहेलिया पर कुतरने को तैयार था, मारा ऐसा तीर तूफान आ गया गिरता हुआ मैं एक डाल पर अटक गया, एक डाल कब तक मेरी ढाल रहेगी उस डाल के सारे पंछी के कलरव हम पर रहेगी । अपने उड़ान पर मैं हूं परेशान दुश्मनों के…
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इस लिस्ट में ना टाटा, ना बजाज ना अडानी, इस कंपनी के IPO ने बदली कहानी
मौजूदा समय में शेयर बाजार में आईपीओ की ��ाढ़ आई हुई है. एक से एक आईपीओ आ रहे हैं. कई बड़ी कंपनियों के आईपीओ के ऐलान हो रहे हैं. स्विगी से लेक हुंडई मोटर्स जैसी बड़ी कंपनियों के आईपीओ इसी साल आने की उम्मीद है. कुछ साल पहले देश का सबसे बड़ा आईपीओ एलआईसी का आया था. जिसे कई गुना सब्सक्राइब किया गया था. कुछ महीने में टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा टेक का आईपीओ आया था, उसे भी लोगों ने भर-भर कर खरीदा था.…
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हीरे के व्यापार में सफलता प्राप्त करने के बाद, गौतम अडानी की नज़र बड़े सपनों पर थी। उन्होंने बंदरगाह क्षेत्र में कदम रखा और मुंद्रा पोर्ट को भारत के सबसे बड़े निजी बंदरगाह के रूप में स्थापित किया। यह एक ऐसा कदम था जिसने न केवल उनके व्यापारिक साम्राज्य की नींव रखी बल्कि देश के व्यापार और वाणिज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया।
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अडानी सरगुजा परियोजना को रोजगार सृजन का एक प्रमुख इंजन माना जा रहा है। परियोजना के विभिन्न चरणों — अन्वेषण, खनन, परिवहन और बिजली उत्पादन — में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है। इसका सीधा लाभ स्थानीय युवाओं को मिलेगा, जो अब तक रोजगार के बेहतर अवसरों की तलाश में राज्य से बाहर जाने को मजबूर थे। यह परियोजना उन्हें अपने ही राज्य में, अपने परिवार के साथ रहते हुए बेहतर जीवनयापन का अवसर प्रदान करेगी।
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अडानी गोड्डा पावर प्लांट झारखंड के गोड्डा जिले में स्थित है। 3,960 मेगावाट की क्षमता वाला यह भारत का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट है। वर्ष 2017 में इसका उद्घाटन हुआ और तब से यह देश की बिजली आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इस प्लांट की स्थापना से पूर्व, भारत को बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा था। अडानी गोड्डा प्लांट ने इस कमी को कम करने और राष्ट्रीय ग्रिड को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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अडानी के लिए सेबी बना धृतराष्ट्र
लोकतंत्र उद्धघोष :पण्डित श्याम जोशी धृतराष्ट्र महाभारत का ऐसा कैरेक्टर है जिसे कौरवों के पाप दिखाई ही नही देते सेबी ऐसा ही व्यवहार कर रही है, उसे अडानी की करतूतें दिखाई ही नहीं देती, भारत में ये अडानी के हर पाप को छुपाने की कोशिश में लगी हुई है पीछले दिनो अडानी ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए अपना 20 हजार करोड का FPO को कैंसल कर दिया इस FPO की कहानी भी बहुत दिलचस्प रही है 26 जनवरी को यह एफपीओ…
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अडानी पर संग्राम: मिस्टर संजय सिंह.... राज्यसभा में हंगामे पर भड़क गए सभापति धनखड़, बोले- अब ऐक्शन होगा!
Delhi: संसद का बजट सत्र शुक्रवार को भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच की मांग करते हुए विपक्ष ने खूब नारेबाजी की। लोकसभा हो या राज्यसभा, दोनों सदनों में कामकाज नहीं हो सका। लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने साफ कहा कि सदस्यों का आचरण सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं है। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के तेवर भी तीखे थे। दोपहर 2.30 बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही के साथ-साथ हंगामा भी दोबारा शुरू हुआ। विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर सभापति धनखड़ खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनता के पैसे की इस तरह बर्बादी हो रही है। तेज नारेबाजी के बीच, सभापति ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का नाम लेकर चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर अनुशासनहीनता इसी तरह जारी रही तो वे कार्रवाई को मजबूर होंगे। इसके बाद सभापति ने सोमवार तक के लिए राज्यसभा को स्थगित कर दिया। पढ़ें आज राज्यसभा में हंगामे की पूरी कहानी। http://dlvr.it/ShtQFW
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For Adani Port In Kerala, Support From Some, Fierce Opposition From Others: 10 points
For Adani Port In Kerala, Support From Some, Fierce Opposition From Others: 10 points
पुलिस ने बताया कि केरल के विझिंजम में अडाणी बंदरगाह परियोजना के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है नई दिल्ली: केरल पुलिस ने बुधवार को कहा कि कैथोलिक पादरियों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शनों के बीच तनाव के बीच वे सत्तारूढ़ भाजपा के करीबी एक हिंदू समूह को अडानी समूह के 900 मिलियन डॉलर के मेगा पोर्ट के समर्थन में मार्च करने की अनुमति नहीं देंगे। इस बड़ी कहानी के लिए आपकी 10-पॉइंट चीट शीट यहां दी गई…
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भारत के विकास के रास्ते पर अग्रसर रहते हुए अडानी ग्रुप ने अपने विविध व्यवसायिक प्रयासों और परियोजनाओं के माध्यम से अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है। सरगुजा, छत्तीसगढ़ की भूमि पर अडानी ग्रुप ने जो परियोजनाएं संचालित की हैं, वे न केवल आर्थिक उन्नति का प्रतीक हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए भी नए अवसरों का द्वार खोल रही हैं। इस ब्लॉग में, हम अडानी ग्रुप की सरगुजा परियोजनाओं की सफलता की कहानी को विस्तार से जानेंगे और देखेंगे कि कैसे ये परियोजनाएं क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
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1955 में अहमदाबाद, गुजरात में जन्मे गौतम अडानी के शुरुआती जीवन में किसी बड़े उद्योगपति बनने के संकेत नहीं थे। उनके पिता एक छोटे कपड़ा व्यापारी थे, और अडानी अक्सर उनकी दुकान में हाथ बंटाते थे। यहीं से उन्हें व्यापार की दुनिया की मू�� बातें सीखने का मौका मिला।
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अंबानी और अडानी, आओ मिलकर पढ़ते हैं साल भर यही कहानी, हम हिन्दुस्तानी एंडी मुखर्जी का एक विश्लेषण ब्लूमबर्ग न्यूज़ पर छपा है जिसका हिन्दी में सार संक्षेप दैनिक भास्कर ने छापा है। यह लेख बता रहा है कि कैसे टेलीकॉम सेक्टर में 2016 में अंबानी के कदम रखते ही टेलीकॉम सेक्टर के कई खिलाड़ी आउट हो गए। प्रतियोगिता में टिक नहीं पाए। इस सेक्टर में Duopoly रह गया है। तीसरी कंपनी वोडाफ़ोन अदालत की तरफ़ देखकर साँसें गिन रही है। भास्कर ने ऐसे लेख को छाप कर अच्छा किया है। पूरा छापना चाहिए था। ताकि पाठकों को डिटेल जानकारी मिलती। भारत संचार निगम लिमिटेड वाले जानते होंगे कि एक समय कई हज़ार करोड़ का मुनाफ़ा कमाने वाली कंपनी कैसे ख़त्म की गई। उससे कहा गया कि आप 2G से 4G का मुक़ाबला करो। इस फ़ैसले से किसे लाभ हुआ BSNL के लोग जानते थे मगर हिन्दू मुसलमान की राजनीति ने कइयों के विवेक पर गोबर लीप दिया था। आप यह नहीं पूछ सकते कि एयरटेल जियो से प्रतियोगिता क्यों नहीं कर पाई लेकिन यह तो पूछ सकते हैं कि BSNL को बर्बाद कैसे और किसके लिए किया गया? एंडी मुखर्जी ने दूसरा उदाहरण दिया है एविएशन सेक्टर का। जब छह एयरपोर्ट की नीलामी हुई तो अडानी को दिया गया। यहाँ पर आयकर दाताओं के पैसे की बात किसी ने नहीं की। एयरपोर्ट बनेगा जनता के पैसे से और बन जाने के बाद चलेगा अडानी के पैसे से। तो अडानी ही एयरपोर्ट बना लेते। ख़ैर इस फ़ैसले को लेकर केरल सरकार नाराज़ हो गई है। बाक़ी सरकारें चु�� रहीं। केरल सरकार ने कहा कि तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को अडानी की जगह राज्य सरकार को दें। राज्य विधानसभा ने इसके ख़िलाफ़ प्रस्ताव भी पास किया है। तब भी चुप्पी है। इस ढहती अर्थव्यवस्था में अंबानी और अडानी तरक़्क़ी की नित नई कहानी लिख रहे हैं। बाक़ी क्यों नहीं लिख पा रहे हैं? क्या बाक़ी उद्योगपतियों को बिज़नेस करना अब नहीं आता है? या बाक़ी बिज़नेसमैन को चुप रहने का बिज़नेस सीखा दिया गया है? ये तो वही बता सकते हैं कि 2014 के पहले पत्रिकाओं के कवर पर टायकून अफलातून बन कर छपा करते थे अब कवर से ग़ायब क्यों हैं? कारकुन( एजेंट) की तरह भी नाम नहीं आता। अंबानी और अडानी को एक बिज़नेस स्कूल खोलना चाहिए। उस स्कूल में उन टायकूनों को कोर्स कराना चाहिए जिन्हें वे पछाड़ चुके हैं। ताकि वे भी सीख सकें कि अंबानी और अडानी क्यों सफल होते है। व्यापक संदर्भ में देखें तो भारत में बग़ैर सरकारी मदद के और टैक्स के पैसे के दम के बहुत कम उद्योगपति हैं जो अपना कारोबार खड़ा कर पाए हैं। सरकार का इशारा जिस तरफ़ हो जाए उस तरफ़ नई कंपनी बन जाती है। ज़िला https://www.instagram.com/p/CEVi3K_lZV7/?igshid=1jee0qhtkkxsd
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बैंक घोटालों की संख्या बढ़ती चली जा रही है और इसके साथ ही मोदी सरकार के कार्यकाल में घोटालेबाजों के देश छोड़कर भाग जाने की संख्या भी। एक अन्य बैंक घोटाला सामने आया है जो अभी तक ख़बरों से बाहर था। नीरव मोदी और विजय माल्या के बाद जो न्या बैंक घोटालेबाज़ भगोड़ा सामने आया है वो है जतिन मेहता। मेहता की कहानी भी नीरव मोदी जैसी ही है। महता भी एक हीरा कारोबारी है। वो गुजरात से अपना कारोबार चलाता था। महता पर 6500 हज़ार करोड़ के बैंक घोटाले का आरोप है। इस घोटाले में भी सबसे ज़्यादा नुकसान 1700 करोड़ रुपये पंजाब नेशनल बैंक का ही हुआ है। नीरव मोदी की तरह ही मेहता भी देश छोड़कर भाग गया है। मेहता भी मोदी की तरह विदेशी नागरिक है। वो कैरिबियन आइलैंड का नागरिक है। जिसके साथ भारत का अपराधियों को वापस लाने के लिए कोई समझौता भी नहीं है। नीरव मोदी की तरह ही जतिन मेहता की रिश्तेदारी मोदी सरकार के करीबी माने जाने वाले उद्योगपति के साथ है। नीरव मोदी के छोटे भाई की शादी मुकेश अम्बानी की भांजी से हुई है और जतिन मेहता के बेटे सूरज की शादी गौतम अडानी की भांजी से हुई है। आगे की news अगले पोस्ट में
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भारतीय नागरिक बने 114 पाकिस्तानी, बयां की पाकिस्तान के जुल्म कहानी
भारतीय नागरिक बने 114 पाकिस्तानी, बयां की पाकिस्तान के जुल्म कहानी
नई दिल्ली: अपना घर छोड़ना किसी के लिए इतना आसान नहीं होता। पर सोचिए, जिस देश में जन्मे, खेले-कूदे पले-बढ़ें उसे छोड़कर किसी और देश में बस जाना कितना मुश्किलों भरा होता होगा। ऐसा ही मामला पाकिस्तान से भारत आए लोगों के साथ हुआ है। शुक्रवार को 114 पाकिस्तानी लोग भारतीय बन गए हैं। इनमें नंदलाल मेघानी, डॉ. विशनदास मनकानी और किशनलाला अड��नी भी शामिल हैं। इन लोगों ने भारत की नागरिकता मिलने पर खुशी…
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संघ क्या है?
प्र. संघ क्या है? उ. संघ आज़ादी की लड़ाई को कमज़ोर करने के लिए बनाया गया संगठन है जिसने आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लेने की जगह हिन्दू मुस्लिम खाई को बढ़ाकर अंग्रेज़ों की फूट डालो और राज करो नीति में सहायता की। इनकी निष्क्रियता से चिढ़कर सावरकर ने लिखा था - *संघ कार्यकर्ता के स्मारक पर लिखा होगा, यह पैदा हुआ, इसने शाखा खेली, बैठक की, भोजन किया, मर गया*.
एक इंटरव्यू में गोलवलकर ने कहा था - *संघ का कार्यकर्ता जमूरे की तरह होताहै, इसे हम जो काम देते हैं बिना सवाल किये पूरा करता है, हमारे लोग राजनीति में रहकर भी संघ कार्य करते हैं।* इस तरह आर एस एस सांस्कृतिक संगठन होने का भ्रम बनाकर पर्दे के पीछे से खेल खेलता है। यह कोई सदस्य सूची नहीं मेंटेन करता ताकि जब इसके लोग ग़ैर कानूनी गतिविधि में पकड़े जाएं तो कह सके कि इनसे हमारा कोई लेना देना नहीं।
प्र. संघ का उद्देश्य क्या है? उ. संघ का उद्देश्य है हिंदुत्व के नाम पर लोगों को उल्लू बनाकर एक तरफ़ टाटा-बिड़ला-अम्बानी-अडानी जैसों को लूट की छूट देना और दूसरी तरफ़ दलितों, पिछड़ों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों को हाशिये पर डाल कर एक तानाशाही वाला सवर्ण राज्य स्थापित करना। चाहें तो गोलवलकर को पढ़ लें जिन्होंने न केवल जाति व्यवस्था का समर्थन किया था बल्कि महिलाओं की बराबरी का विरोध भी।
प्र. यह लक्ष्य संघ कैसे प्राप्त करेगा? उ. समाज मे भयानक फूट डालकर, मज़दूरों और कर्मचारियों के ख़िलाफ़ नीतियां बनाकर और शिक्षा का सत्यानाश करके।
प्र. संघ का राजनीति से क्या रिश्ता है? उ. वही जो लुटेरे का चोरी से होता है।
प्र. भाजपा से संघ का रिश्ता है? उ. वही जो मदारी का जमूरे से होता है।
प्र. संघ केवल हिंदू संगठन की ही बात क्यों करता है, क्या यह धार्मिक संगठन है? उ. इसका पारम्परिक हिन्दू धर्म से कोई लेना देना नहीं। न यह विवेकानंद की उदार व्याख्या को मानता है न ही यह दयानंद के अंधविश्वासों के ख़िलाफ़ चले आंदोलनों को। यह हिदुंत्व की व्याख्या हिटलर के नस्ली शुद्धता के सिद्धांत पर करता है और वर्णाश्रम को स्थापना की वकालत कर दलितों, स्त्रियों, आदिवासियों को अधिकार दिए जाने का विरोध करता है। इसके लिए धर्म एक अवसरवाद है। इसके सिद्धांतकार कहेंगे कि सब भारतीय हिन्दू हैं फिर किसी अफलू खान की हत्या कर देंगे और मृत पशुओं का चमड़ा उतारने वाले दलितों पर अत्याचार होने पर कहेंगे कि गाय मनुष्य से अधिक क़ीमती है। लेकिन बीफ़ के हिन्दू कारोबारियों से कुछ नहीं कहेंगे।
प्र. क्या संघ का गणवेश(यूनीफॉर्म) बाधा नहीं है? उ. बिल्कुल नहीं, क्योंकि गणवेश का चड्ढा हिटलर और टोपी इटली के तानाशाह मुसोलिनी से ली गई है। पहले ये चमड़े की बेल्ट भी लगाते थे पर अंग्रेज़ों की आपत्ति के बाद उतार दिया गया। आप बताइए खाकी पैंट और व्हाइट शर्ट किस हिन्दू परम्परा से ली गई है?
प्र. शाखा क्या है? उ. शाखा असल मे सुबह सुबह लोगों के दिमाग मे ज़हर भरने की जगह है। किसी पार्क में लट्ठ चलाने की प्रैक्टिस के साथ मुसलमानों के लिए ज़हर भरने का क���म नागपुर से तनख्वाह लेने वाला कोई स्वयंसेवक करता है। इसमें गरीब और मध्यवर्ग के बच्चे आते हैं जो फिर किसी रईस के स्वार्थ के अनुसार दंगों में चाकू चलाने का काम करते हैं। आपने किसी रईस के बेटे को शाखा में जाते देखा है? यही नहीं शाखाओं में स्त्रियों का प्रवेश भी वर्जित है। आर एस एस का प्रमुख एक क्षत्रिय को छोड़कर हमेशा चित पावन ब्राह्मण ही रहा है।
प्र. हिंदू राष्ट्र क्या है ? उ. इकलौता हिन्दू राष्ट्र था नेपाल। उसकी समृद्धि से आप परिचित हैं ही। आज दुनिया मे कोई आधुनिक राष्ट्र धर्म केंद्रित नहीं है। वैसे संघ के हिन्दू राष्ट्र का मतलब है एक तानाशाही राष्ट्र जिसमें सवर्ण पुरुष अम्बानी अडानी के हितों के लिए दलितों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, आदिवासियों और गरीबों को दबाकर रखें।
प्र. वैश्वीकरण(ग्लोबलाइजेशन), अँग्रेज़ी माध्यम और स्वयंसेवक के विषय में क्या विशेष? उ. कभी संस्कृत को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग करने वाला संघ आज अपने आकाओं के आदेश पर अंग्रेज़ी के सामने नतमस्तक है। अवसरवाद का इससे बड़ा सबूत क्या होगा! हां अपने शिशु मंदिरों में यह वही झूठा इतिहास हिंदी में पढ़ाता है ताकि अंध धार्मिक भक्तों की फौज मिलती रहे।
■■■■ तो दोस्तों इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि
अगर भारत देश बचाना है दलितों को आगे आना है औरत को सम्मान दिलाना है शांति सद्भाव बनाना है तो संविधान बचाना है संघियों को दूर भगाना है।
जय हिंद
#राष्ट्रीयसत्यशोधकसमाज_RSS #InDefenceOfDemocracy
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