#अंबाला में IAF एयरबेस
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letshnnews · 4 years ago
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देखो | IAF एयरबेस पर उतरने वाले राफेल फाइटर जेट्स के पहले दृश्य
देखो | IAF एयरबेस पर उतरने वाले राफेल फाइटर जेट्स के पहले दृश्य
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राफेल फाइटर जेट्स, ताकतवर युद्ध मशीन, बुधवार दोपहर को भारतीय जमीन पर उतरे। लड़ाकू जेट न केवल आकाश में भारतीय गोलाबारी में सुधार करते हैं बल्कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में एक गेमचेंजर भी हैं। राफेल लड़ाकू जेट भारत को दक्षिण एशिया के सत्ता समीकरण में एक अलग बढ़त देते हैं जब चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ गलत कामों पर…
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vilaspatelvlogs · 4 years ago
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राजनाथ की मौजूदगी में 10 सितंबर को एयरफोर्स में शामिल होंगे 5 'राफेल', फ्रांस के रक्षा मंत्री को भी न्योता
राजनाथ की मौजूदगी में 10 सितंबर को एयरफोर्स में शामिल होंगे 5 ‘राफेल’, फ्रांस के रक्षा मंत्री को भी न्योता
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नई दिल्ली: फ्रांस  (France) से आए 5 राफेल लड़ाकू विमान (5 Rafale, fighter aircraft) 10 सितंबर को औपचारिक रूप से एयरफोर्स में शामिल किए जाएंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) की मौजूदगी में हरियाणा के अंबाला एयरबेस (Ambala Airbase) में एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय वायु सेना (IAF) में शामिल किया जायेगा. इस कार्यक्रम के लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पैली…
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tslwindia · 4 years ago
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राफेल की अनदेखी तस्वीरें, अंबाला में लैंडिंग से लेकर उसके स्वागत तक की पूरी डिटेल
राफेल की अनदेखी तस्वीरें, अंबाला में लैंडिंग से लेकर उसके स्वागत तक की पूरी डिटेल
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फ्रांस से लगभग 8500 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद अंबाला एयर बेस पर लैंड करता राफेल विमान Image Source : IAF
नई दिल्ली।भारत का सबसे बड़ा योद्धा मल्टी रोल फाइटर जेट राफेल लड़ाकू विमान अंबाला एयरबेस पर सुरक्षित पहुंच गए हैं। फ्रांस से 27 जुलाई की सुबह चले 5 सुपरसोनिक राफेल विमानों की अंबाला एयरबेस पर आज बुधवार दोपहर बाद 3.10 बजे…
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kisansatta · 4 years ago
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पीएम मोदी ने ट्वीट कर रफेल जेट्स का किया स्वागत
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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए संस्कृत में एक ट्वीट के साथ आज अंबाला में उतरने वाले राफेल विमानों के पहले बैच का स्वागत किया है। तथा साथ ही साथ राफेल जेट के एक वीडियो को अंबाला हवाई अड्डे पर लैंडिंग करते हुए साझा भी किये, पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा कि राष्ट्र को सुरक्षित करने से बड़ा कोई पुण्य नहीं हैं। राष्ट्र को सुरक्षित करने से बड़ा कोई उपवास नहीं है। राष्ट्र को सुरक्षित करने से बड़ा कोई काम नहीं है।
इससे पहले आज अंबाला हवाई अड्डे पर पांच फ्रांसीसी निर्मित राफेल मल्टी-रोल लड़ाकू जेट विमान का एक बेड़ा छू गया, जहां उनका स्वागत एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने किया। विमान फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोर्डो के मेरिग्नैक एयरबेस से 7,000 किमी की दूरी तय करने के बाद अंबाला वायुसेना अड्डे पर उ���रा। भारतीय वायु अंतरिक्ष में प्रवेश करने के बाद राफल्स को दो सुखोई 30 एमकेआई द्वारा बचा लिया गया था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, “अंबाला में पक्षी सुरक्षित रूप से उतर गए हैं।” उन्होंने कहा, “भारत में राफेल लड़ाकू विमानों का टच डाउन हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है। ये मल्टीरोल विमान भारतीय वायुसेना की क्षमताओं में क्रांति लाएंगे |”
तीन सिंगल सीटर और दो ट्विन सीटर विमानों वाले इस बेड़े को IAF में अप��े अंबाला स्थित नो 17 स्क्वाड्रन के हिस्से के रूप में शामिल किया जा रहा है, जिसे ‘गोल्डन एरो’ भी कहा जाता है। सोमवार को एक सरकारी बयान में कहा गया कि 10 राफेल जेट भारत को दिए गए और उनमें से पांच फ्रांस में प्रशिक्षण मिशन के लिए वापस आ रहे हैं। सभी 36 विमानों की डिलीवरी 2021 के अंत तक तय समय पर पूरी हो जाएगी।
https://kisansatta.com/p-m-modi-welcomed-rafale-by-tweeting-on-twitter/ #HindiNews, #NarendraModi, #PMMODI, #RafaleJets, #Technology hindi news, narendra modi, PM MODI, rafale jets, technology National, TECHNOLOGY, Trending #National, #TECHNOLOGY, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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dlsnewsindia · 4 years ago
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उनका स्वागत करने के लिए अंबाला एयरबेस IAF चीफ आरकेएस भदौरिया के लिए पांच जेट विमान उतरे
उनका स्वागत करने के लिए अंबाला एयरबेस IAF चीफ आरकेएस भदौरिया के लिए पांच जेट विमान उतरे
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अपडेट किया गया | बुध, 29 जुलाई 2020 12:25 PM (IST)
भारत में राफेल फाइटर जेट: जिस घड़ी का पिछले दो दिनों से पूरे देश को इंतजार था वह अब आ रही है। फ्रांस से खरीदे जा रहे 36 राफेल विमानों में से 5 राफेल अब से कुछ घंटों के भीतर भारत पहुंच रहे हैं। ये लॉटर जेट्स के आगमन की विशेष तैयारियां की गई हैं। लगभग 7,000 किमी की दूरी तय करते हुए यह 5 विमानों की खेप आज दोपहर अंबाला एयरबेस पहुंचेगी…
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indoreknnnews · 4 years ago
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राफेल की IAF में एंट्री - अम्बाला बेस पर करतब दिखा रहे, राजनाथ सिंह और फ्रांसी रक्षा मंत्री भी मौजूद
राफेल की IAF में एंट्री – अम्बाला बेस पर करतब दिखा रहे, राजनाथ सिंह और फ्रांसी रक्षा मंत्री भी मौजूद
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रही तनातनी के बीच 5 राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप आज अंबाला एयरबेस पर औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा. 29 जुलाई को पहली खेप के तहत पांच राफेल विमान भारत लाए गए थे. भारत ने लगभग 4 साल पहले फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था. वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने कहा, कि राफेल विमानों को बल के…
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iloudlyclearbouquetworld · 4 years ago
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Indian Air Force (IAF) Rafale Update | All You Need To Know About Rafale Fighters Jets India Ambala Air Force Station | देश पहुंचे फ्रांस के फाइटर राफेल के बारे में वो सबकुछ, जो आप जानना चाहते हैं
Indian Air Force (IAF) Rafale Update | All You Need To Know About Rafale Fighters Jets India Ambala Air Force Station | देश पहुंचे फ्रांस के फाइटर राफेल के बारे में वो सबकुछ, जो आप जानना चाहते हैं
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नई दिल्ली24 मिनट पहले
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22 साल बाद देश को मिला नया फाइटर, शॉर्टलिस्ट होने के बाद भारत पहुंचने में लगे आठ साल
अंबाला एयरबेस पर राफेल से पहले जगुआर और मिग-21 बाइसन जैसे लड़ाकू विमानों को भी किया जा चुका है तैनात
22 साल का इंतजार आखिर खत्म होने को है। फ्रांस के फाइटर राफेल के हिंद की सरजमीं पर पहुंचने के साथ ही देश को एक नया लड़ाकू विमान मिल जाएगा। सुबह से #RafaleInIndia ट्विटर पर…
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manishajain001 · 4 years ago
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भारत वायुसेना के बेड़े में शामिल होने के लिए फ्रांस से आज पांच राफेल विमानों का पहला जत्था अंबाला पहुंचेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आज अंबाला में बादल छाए रहने के साथ बारिश होने की संभावना जताई है। अंबाला एयरबेस के करीब चार गांवों में धारा 144 लगाई गई है। लैंडिंग के दौरान लोगों का छतों पर इकट्ठा होना और फोटोग्राफी करने पर रोक है।
Haryana: The first batch of five Rafale aircraft (file pic) would be arriving in Ambala today to join the India Air Force (IAF) fleet. India Meteorological Department has predicted, "generally cloudy sky with one or two spells of rain or thundershowers" for Ambala today. pic.twitter.com/kftSodPoi2
— ANI (@ANI) July 29, 2020
इन सबके बीच कश्मीर के हिलाल अहमद राथर की चारों तरफ चर्चा हो रही है। वह राफेल उड़ाने वाले पहले पायलट बने हैं। एयर कमोडोर हिलाल अहमद राथर कश्मीर समेत पूरे देश में रातों रात चर्चा का विषय बन गए हैं। हिलाल ने राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप को विदाई दी, जिन्होंने फ्रांस से भारत के लिए सोमवार को उड़ान भरी। इसके अलावा वह भारतीय जरूरतों के मुताबिक राफेल विमान के शस्त्रीकरण से भी जुड़े रहे हैं।
हिलाल मौजूदा समय में फ्रांस में भारत के एयर अटैच हैं। भारतीय वायुसेना के इस अधिकारी के करियर विवरणों के अनुसार, दुनिया में यह सर्वश्रेष्ठ फ्लाइंग अधिकारी हैं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुए हिलाल के पिता दिवंगत मोहम्मद अब्दुल्लाह राथर जम्मू-कश्मीर के पुलिस विभाग से पुलिस उपाधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
हिलाल की तीन बहनें हैं और अपने माता-पिता के वह इकलौते पुत्र हैं। हिलाल की पढ़ाई जम्मू जिले के नगरोटा कस्बे में सैनिक स्कूल में हुई। वह वायुसेना में 17 दिसंबर, 1988 को एक लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल हुए। वह 1993 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट बन गए, 2004 में विंग कमांडर, 2016 में ग्रुप कैप्टन और 2019 में एयर कोमोडोर बन गए।
उन्होंने डिफेंस सर्विसिस स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) से स्नातक की पढ़ाई की। उन्होंने एयर वार कॉलेज (अमेरिका) से भी डिस्टिंक्शन के साथ डिग्री हासिल की। उन्होंने एलडीए में स्वार्ड ऑफ ऑनर जीता। हिलाल को वायुसेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल मिल चुका है। मिराज-2000, मिग-21 और किरण विमानों पर 3,000 घंटों की दुर्घटनामुक्त उड़ानों के निष्कलंक रिकॉर्ड के साथ हिलाल का नाम अब भारत में राफेल के साथ हमेशा के लिए जुड़ जाएगा।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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vilaspatelvlogs · 4 years ago
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Indian Air Force (IAF) Rafale Update | All You Need To Know About Rafale Fighters Jets India Ambala Air Force Station | देश पहुंचे फ्रांस के फाइटर राफेल के बारे में वो सबकुछ, जो आप जानना चाहते हैं
Indian Air Force (IAF) Rafale Update | All You Need To Know About Rafale Fighters Jets India Ambala Air Force Station | देश पहुंचे फ्रांस के फाइटर राफेल के बारे में वो सबकुछ, जो आप जानना चाहते हैं
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नई दिल्लीएक घंटा पहले
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22 साल बाद देश को मिला नया फाइटर, शॉर्टलिस्ट होने के बाद भारत पहुंचने में लगे आठ साल
अंबाला एयरबेस पर राफेल से पहले जगुआर और मिग-21 बाइसन जैसे लड़ाकू विमानों को भी किया जा चुका है तैनात
22 साल का इंतजार आखिर खत्म होने को है। फ्रांस के फाइटर राफेल के हिंद की सरजमीं पर पहुंचने के साथ ही देश को एक नया लड़ाकू विमान मिल जाएगा। सुबह से #RafaleInIndia ट्विटर पर…
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tslwindia · 4 years ago
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राफेल की अनदेखी तस्वीरें, अंबाला में लैंडिंग से लेकर उसके स्वागत तक की पूरी डिटेल
राफेल की अनदेखी तस्वीरें, अंबाला में लैंडिंग से लेकर उसके स्वागत तक की पूरी डिटेल
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फ्रांस से लगभग 8500 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद अंबाला एयर बेस पर लैंड करता राफेल विमान Image Source : IAF
नई दिल्ली।भारत का सबसे बड़ा योद्धा मल्टी रोल फाइटर जेट राफेल लड़ाकू विमान अंबाला एयरबेस पर सुरक्षित पहुंच गए हैं। फ्रांस से 27 जुलाई की सुबह चले 5 सुपरसोनिक राफेल विमानों की अंबाला एयरबेस पर आज बुधवार दोपहर बाद 3.10 बजे…
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kisansatta · 4 years ago
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इन्तजार ख़त्म ! आज फ्रांस से भारत के लिए रवाना होंगे 5 राफेल
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नई दिल्ली : फ्रांस से भारत को मिलने वाले मल्‍टीरोल लड़ाकू विमान राफेल का इंतजार अब खत्‍म हो गया है |गौरतलब है कि भारत को (आज ) सोमवार को 5 राफेल लड़ाकू विमान भारत के लिए रवाना हो रहे हैं | ये विमान दोपहर करीब 12:30 बजे फ्रांस के मेरिग्नाक बेस से भारत के लिए उड़ान भरेंगे और बुधवार को भारत के अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे | भारत आने के दौरान ये पांचों विमान संयुक्‍त अरब अमीरात में अबूधाबी के करीब अल-दफ्रा फ्रेंच एयरबेस पर रुकेंगे | वहां से ये बुधवार को अंबाला पहुंच जाएंगे | फ्रांस से खरीदे गए इन 5 राफेल में से दो ट्रेनर एयरक्राफ्ट हैं और तीन लड़ाकू विमान है | यह पल भारत के लिए बहुत शानदार होगा जब राफेल भारत की सरजमीं पर उतरेगा |
चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत की ताकत जल्द ही बढ़ने वाली है | दरअसल, राफेल फ्रांस के मैरिगनेक से विमान उड़ान भरेंगे | यहीं पर राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन की उत्पा��न इकाई है |
जरूरत पड़ने पर राफेल विमान को भारत चीन विवाद के बीच लद्दाख में एक हफ्ते के भीतर तैनात भी किया जा सकता है जबकि इसमे 6 महीने तक का समय लगता था |
राफेल भारतीय वायु सेना के 17 वें स्क्वाड्रन ‘Golden Arrows’ का हिस्सा बनेगा जो राफेल विमान से सुसज्जित पहला स्क्वाड्रन है | फ्रांस से यूएई के यात्रा के दौरान राफेल विमान के साथ हवा में ईंधन भरने वाले 2 refuler भी आएंगे | भारतीय वायु सेना के पायलट जिन्होंने राफेल विमान के उड़ान की ट्रेनिंग ली है वही विमान उड़ाकर लेकर भारत आएंगे |
राफेल की खासियत
राफेल विमान मीटोर एयर टू एयर मिसाइल से सुसज्जित होगा, जिसकी मार्क क्षमता 150 किलोमीटर है |यह बिना सीमा पार किये दुश्मन देश के विमान को तबाह कर सकता है | मीटोर एयर टू एयर मिसाइल अम्बाला पहुच चुका है | चीन पाकिस्तान के पास ये क्षमता नहीं है | राफेल में जो दूसरा मिसाइल होगा ���ो है स्काल्प | जिसकी मारक क्षमता 600 किलोमीटर तक की है | चीन के साथ विवाद के बीच भारत ने हैमर मिसाइल को भी एमरजेंसी तौर पर राफेल के लिए खरीदने का फैसला किया है | अम्बाला में राफेल के इंडक्शन समारोह में मीडिया को इजाजत नहीं दी गयी है |
https://kisansatta.com/wait-for-it-5-rafale-will-leave-for-india-from-france-today/ #17वसकवडरन, #France, #Iaf, #Rafael, #भरतयवयसन #17 वें स्क्वाड्रन, #france, #iaf, #rafael, #भारतीय वायु सेना National, Top, Trending #National, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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pariharnews · 4 years ago
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Rafale aircraft reaches Al Dhafra airbase of UAE । फ्रांस से निकलकर आबूधाबी के Al Dhafra एयरबेस पहुंचे 5 राफेल विमान
Rafale aircraft reaches Al Dhafra airbase of UAE । फ्रांस से निकलकर आबूधाबी के Al Dhafra एयरबेस पहुंचे 5 राफेल विमान
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Image Source : TWITTER/IAF फ्रांस से निकलकर आबूधाबी के Al Dhafra एयरबेस पहुंचे 5 राफेल विमान
नई दिल्ली. राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप के रूप में सोमवार को फ्रांस से रवाना हुए विमान आबूधाबी के Al Dhafra एयरबेस पहुंच गए हैं। इन विमानों के बुधवार को अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचने की उम्मीद है। भारत ने वायुसेना के लिये 36 राफेल विमान खरीदने के लिये चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़…
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dlsnewsindia · 4 years ago
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IAF चीफ RKS भदौरिया की शान में अंबाला एयरफोर्स के एयरबेस पर आज उतरने के लिए Rafale Jets latest News 5 Rafale जेट्स
IAF चीफ RKS भदौरिया की शान में अंबाला एयरफोर्स के एयरबेस पर आज उतरने के लिए Rafale Jets latest News 5 Rafale जेट्स
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भारतीय सरजमीं पर फ्रांस से आ रहे पांच लड़ाकू विमान राफेल की आज दोपहर होगी। पहले सलाखों के तौर पर आ रहे पांच राफेल विमान आज अंबाला पहुंचेंगे और फिर भारतीय वायुसेना की टुकड़ी में शामिल हो जाएंगे। वायुसेना प्रमुख आर.के. भदौरिया अंबाला एयरबेस पर आज (बुधवार (29 जुलाई) को दोपहर पांच राफेल विमानों को रिसीव करेंगे। बता दें कि इस बाबत अंबाला में धारा 144 लागू है।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय…
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raghunathpursv · 4 years ago
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5 राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था भारत के लिए फ्रांस से उड़ान भरा
5 राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था भारत के लिए फ्रांस से उड़ान भरा
नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने में, पांच राफेल लड़ाकू विमानों का पहला बैच सोमवार (27 जुलाई) को फ्रांस के Istres एयरबेस से उड़ान भरी और बुधवार (29 जुलाई) को भारत आएगी। ये जेट लगभग 7,364 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बुधवार (29 जुलाई) को भारत के अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर उतरेंगे।
भारत ने आज फ्रांस के बोर्डो में मेरिनैक एयरबेस से उड़ान भरकर डसॉल्ट द्वारा…
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khabaruttarakhandki · 4 years ago
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चीन की हर हरकतों को मिलेगा जवाब, वायुसेना चीफ आरकेएस भदौरिया ने तैयारियों का लिया जायजा
india and china standoff: लद्दाख में चीन में किसी भी प्रकार की हिमाकत का जवाब देने के लिए भारत ने कमर कस लिया है। वायुसेना, सेना, नौसेना अलर्ट मोड में हैं। इस बीच, एयरचीफ आरकेएस भदौरिया ने लेह और श्रीनगर एयरबेस का दौरा कर तैयारियां का जायजा लिया है।
Edited By Satyakam Abhishek | एएनआई | Updated: 19 Jun 2020, 02:32:00 PM IST
चीन की वो तीन दुखती रग जिन्हें दबा सकता है भारत
हाइलाइट्स
वायुसेना चीफ ने आरकेएस भदौरिया ने किया लेह एयरबेस का दौरा
एयरचीफ ने ऑपरेशनल तैयारियों का लिया जायजा
वायुसेना के लड़ाकू विमान किसी भी प्रकार की स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार
बता दें कि गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे
नई दिल्ली लद्दाख में चीन के साथ तनाव चरम पर है। अब भारत धोखेबाज चीन को हर तरीके से सबक सिखाने की तैयारी कर रहा है। सेना, वायुसेना और नेवी को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों को फॉरवर्ड बेस में तैनात कर रही है। इस बीच, वायुसेना चीफ आरएकएस भदौरिया ने लेह और श्रीनगर एयरबेस का दौरा किया है। इसे चीन को बड़े संकेत देने के तौर पर देखा जा रहा है। यहां से लद्दाख में किसी भी ऑपरेशन को तत्काल अंजाम दिया जा सकता है। पढ़ें, मिसाइल से खतरनाक चीन का यह अखबार चीन को यहां से मिलेगा करारा जवाब बता दें कि पूर्वी लद्दाख इलाके में किसी भी प्रकार का ऑपरेशन के लिए ये दोनों एयरबेस बेहद अहम है। भदौरिया का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारत के 20 जवानों की शहादत के बाद तीनों सेना के चीफ ने मौजूदा हालत का जायजा लिया था। इस बैठक के कुछ दिन बाद ही भदौरिया इस दौरे पर आए हैं।
सरकारी सूत्रों ने ANI को बताया, ‘एयरफोर्स चीफ दो दिन के दौरे पर आए थे और ऑपरेशनल जायजा लिया।’ बता दें कि चीन के लद्दाख सीमा पर उकसावे की कार्रवाई कर रहा है और यहां 10 हजार सैनिकों की तैनाती कर रखा है।
यह भी पढ़ें,लद्दाख: ‘वे ढाई हजार थे और हम 300 फिर…’
​1962 से उल्टी है आज की स्थिति
1962 में हिमालयी क्षेत्र में जब धोखे से चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया था तब भारतीय सेना इस ऊंचाई वाले इलाके में युद्ध लड़ने के लिए तैयार नहीं थी। एक महीने तक चले मुकाबले में चीनी सेना ने अक्साई चिन पर कब्जा कर युद्धविराम की घोषणा कर दी थी। चीन ने दावा किया कि इस युद्ध में उसके 700 सैनिक मारे गए, जबकि भारतीय सेना के हजार से ज्यादा सैनिक शहीद हुए।
पारंपरिक रूप से माना जाता है कि चीन सैन्य ताकत के मामले में भारत के काफी आगे है। लेकिन, बोस्टन में हार्वर्ड केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट में बेलफर सेंटर और वाशिंगटन में एक नई अमेरिकी सुरक्षा केंद्��� के हालिया अध्ययन में कहा है कि भारतीय सेना उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में लड़ाई के मामले में माहिर है। चीनी सेना इसके आसपास भी नहीं फटकती है।
भारत चीन के बीच युद्ध की संभावनाएं वैसे बहुत कम है, लेकिन चीन की शरारत को देखते हुए इसे पूरी तरह से नकारा भी नहीं जा सकता। विशेषज्ञों ने कहा कि युद्ध की स्थिति में भी दोनों देश अपने परमाणु हथियारों के जखीरे के इस्तेमाल से बचना चाहेंगे। क्योंकि इस मामले में दोनों देश लगभग बराबर की स्थिति में हैं। दोनों देश आज के समय में जल, थल और नभ से परमाणु हमला करने की ताकत रखते हैं। बता दें कि चीन 1964 में परमाणु शक्ति संपन्न देश बना था, जबकि भारत 1974 में। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के 2020 में जारी रिपोर्ट के अनुसार, चीन के पास लगभग 320 परमाणु बम हैं और भारत के पास 150 से अधिक हैं। दोनों देश दोनों एक “नो फर्स्ट यूज” पॉलिसी की बात करते हैं।
बेलफर सेंटर के मार्च में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, भारत के पास लगभग 270 लड़ाकू विमान और 68 ग्राउंड अटैक फाइटर जेट हैं। वहीं, भारत ने पिछले कुछ दशकों में चीन से लगी सीमा पर कई हवाई पट्टियों का निर्माण किया है जहां से ये फाइटर जेट आसानी से उड़ान भर सकते हैं। वहीं, इस स्टडी के अनुसार, चीन के पास 157 फाइटर जेट्स और एक छोटा ड्रोन का बेड़ा भी है। इस स्टडी में बताया गया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स भारत से लगी सीमा क्षेत्र में आठ ठिकानों का उपयोग करती है, लेकिन इनमें से अधिकांश नागरिक हवाई क्षेत्र हैं।
बेलफर सेंटर की इस स्टडी के अनुसार, भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 और सुखोई एसयू 30 लड़ाकू विमान को चीन के जे-10, जे-11 और एसयू-27 लड़ाकू विमानों पर बढ़त हासिल है। चीन ने भारत से लगी सीमा पर इन्हीं विमानों को तैनात किया है। भारतीय मिराज 2000 और एसयू -30 जेट्स ऑल-वेदर, मल्टी-रोल विमान हैं जबकि चीन का जे-10 ही ऐसी योग्यता रखता है। बेलफर की स्टडी बताती है कि चीन ने अपने पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों को अमेरिका के कथित खतरे से बचाने के लिए मजबूत किया है। इस कारण पश्चिमी क्षेत्र में उसके चार एयरफील्ड कमजोर हुए हैं।
अध्ययन में दावा किया गया है कि तिब्बत और शिनजियांग में चीनी हवाई ठिकानों की अधिक ऊंचाई, क्षेत्र में आम तौर पर कठिन भौगोलिक और मौसम की स्थिति के कारण चीनी लड़ाकू विमान अपने आधे पेलोड और ईंधन के साथ ही उड़ान भर सकते हैं। जबकि, भारतीय लड़ाकू विमान पूरी क्षमता के साथ हमला कर सकते हैं। चीन के एरियल रिफ्यूलिंग कैपसिटी मतलब हवा में ईंधन भरने की क्षमता भी कम है। उसके पास पर्याप्त संख्या में एरियल टैंकर नहीं हैं।
सीएनएएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की थल सेना हर परिस्थिति में चीनी सेना से बेहतर और अनुभवी है। भारतीय सेना के पास युद्ध का बड़ा अनुभव है जो विश्व में शायद ही किसी और देश के पास ��ो। वर्तमान समय में भी भारतीय सेना कश्मीर में आतंकवाद और पाकिस्तान से लड़ाई लड़ रही है। भारतीय सेना को सीमित और कम तीव्रता वाले संघर्षों में महारत हासिल है, जबकि चीन की पीएलए ने 1979 में वियतनाम के साथ अपने संघर्ष के बाद से युद्ध की क्रूरता का अनुभव नहीं किया है।
कंबोडिया में वियतनाम के सैन्य हस्तक्षेप के जवाब में चीन ने 1979 में महीने भर तक युद्ध किया था। माना जाता है कि अपनी हार को नजदीक देख चीनी सेना भाग खड़ी हुई थी। अमेरिकी सेना से युद्ध लड़ने के कारण अधिक अनुभवी वियतनामी सैनिक चीन पर भारी पड़े और उन्हें जमकर नुकसान पहुंचाया था। चीन के सेना की संख्या भ्रामक भी हो सकती है। चीन अपनी सेना की जो संख्या बताता है उसमें भी बड़ी गड़बड़ी है।
चीन के पीएलए में शामिल सैन्य इकाइयां शिनजियांग या तिब्बत में विद्रोह को दबाने या रूस के साथ चीन की सीमा पर किसी भी संभावित संघर्ष से निपटने के लिए सौंपी गई हैं। यहां से भारतीय सीमा पर फौज को लेकर जाना चीन के लिए संभव नहीं है क्योंकि भारतीय वायुसेना चीन की रेललाइनों को निशाना बना सकती है। वहीं, भारतीय सेना पहले से ही इन इलाकों में बड़ी संख्या में मौजूद है।
लेह से श्रीनगर सब चाक-चौबंद अपने दौरे के पहले चरण में एयरचीफ 17जून को लेह पहुंचे थे जहां से वह श्रीनगर एयरबेस 18 जून को गए। ये दोनों एयरबेस पूर्वी लद्दाख इलाके के करीब है और किसी भी लड़ाकू विमान के लिए यहां उड़ान भरना आसान है और यहां से चीन पर भारत को बढ़त भी हासिल है। जब वायुसेना चीफ की यात्रा की पुष्टि के लिए IAF के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी से संपर्क किया गया तो उन्होंने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
वायुसेना की बड़ी तैयारी चीन की नापाक हरकत को देखते हुए वायुसेना ने सुखोई 30MKI, मिराज 2000 और जगुआर लड़ाकू विमान को फ्रंटलाइन पर पहुंचा दिया है। जहां से ये विमान शॉर्ट नोटिस पर ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं। भारतीय सेना को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में सपोर्ट के लिए अमेरिकी अपाचे हेलीकॉप्टर को भी नजदीक में ही तैनात किया गया है। चिनूक हेलीकॉप्टर को भी लेह एयरबेस के करीब तैनात कर दिया गया है। MI-17V75 हेलीकॉप्टर को मटिरियल ढोने के लिए तैनात कर दिया गया है।
नेपाली सेना ने भारतीय सीमा पर बनाईं चौकियां
लद्दाख और तिब्बत इलाके के कई बेस लेह, श्रीनगर, अवंतिपुर, बरेली, आदमपुर, हलवारा (लुधियाना), अंबाला, सिरसा में भारतीय ��ायुसेना के विमान अलर्ट मोड में हैं। यही नहीं, भारतीय वायुसेना ने चीनी हेलीकॉप्टर के भारतीय वायु सीमा के ��ल्लंघन करने की कोशिश के बाद ही वहां Su-30 टोही विमान को तैनात कर दिया था।
वायुसेना चीफ आरकेएस भदौरिया (फाइल फोटो)
Web Title india and china tension: iaf chief visits leh to review ladakh operations, fighter aircraft moved to forward bases(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)
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jodhpurnews24 · 6 years ago
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भारत के लिए फ्रांस में बने पहले रफाल विमान में IAF अफसर ने भरी उड़ान, कांग्रेस परेशान
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नई दिल्‍ली। रफाल लड़ाकू विमान को लेकर इन दिनों राजनीति गरम है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मामले पर लगातार मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। लेकिन इसका असर सौदे पर अभी तक नहीं पड़ा है। इसका पुख्‍ता सबूत यही है कि इस चर्चित विमान पर भारतीय वायुसेना के शीर्ष स्तर के एक अधिकारी ने गुरुवार को उड़ान भरी। मोदी सरकार की रफाल को लेकर इस सक्रियता सेे कांग्रेस पर दबाव बढ़ गया है। ऐसा इसलिए कि कांग्रेस रफाल डील के खिलाफ शुरू से ही आक्रामक है। पार्टी ने जेपीसी और कैग से इस सौदे की जांच की भी मांग की है।
नांबियार ने भरी रफाल में उड़ान गुरुवार को भारतीय वायुसेना के डिप्टी चीफ एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने फ्रांस में पहली भारतीय राफेल लड़ाकू विमान पर उड़ान भरी। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस विमान का अगले साल सितंबर में भारत आना शुरू हो जाएगा। नांबियार ने फ्रांस के इसट्रेस एयर बेस से विमान के कॉकपिट में बैठकर उड़ान भरी। विमान ने करीब एक घंटे तक उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना की छह सदस्यीय टीम इस समय फ्रांस में है और दसॉल्ट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट का दौरा कर रही है। फ्रांस द्वारा सौदे के अनुरूप दसॉल्ट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट में भारत के लिए राफेल विमान तैयार किया जा रहा है। अगले पांच साल सात महीनों में फ्रांस 36 राफेल विमान भारत को देगा जिसकी शुरुआत अगले साल सितंबर से होगी। बाकी विमान पहली डिलीवरी के अगले 30 महीनों में देना है।
कांग्रेस ने मांगा सीतारमण का इस्तीफा मोदी सरकार और राहुल गांधी के बीच रफाल को लेकर बढ़ते तनातनी के बीच कांग्रेस ने गुरुवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर राफेल लड़ाकू विमानों के मामले में देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस की इस्तीफे की मांग हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के पूर्व प��रमुख टी सुवर्णा राजू की ओर से निर्मला सीतारमण के उन दावों को खारिज करने के बाद आई है, जिसमें रक्षा मंत्री ने कहा था कि सरकारी स्वामित्व वाली एचएएल के पास लड़ाकू जेट रफाल को बनाने की क्षमता नहीं है। इससे पहले बुधवार को इस सौदे को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर अपना हमला जारी रखते हुए कांग्रेस ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि विमानों की खरीद को लेकर किए गए सौदे की तत्काल विशेष जांच करने की मांग की। कांग्रेस 2015 में घोषित हुए इस सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की भी मांग लगातार करती रही है।
अंबाला एयरबेस पर तैनात होगी पहली खेप आपको बता दें कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएम मोदी भारतीय रक्षा तंत्र को मजबूती देने में जुटे हैं। इस प्रक्रिया में भारतीय वायुसेना को चीन और पाकिस्‍तान को टक्‍कर देने के लिए फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया। इस लड़ाकू विमानों की पहली खेप सितंबर 2019 तक भारत में आनी है। राफेल की पहली स्कॉवड्रन भारतीय वायुसेना के अबांला स्थित एयरबेस पर तैनात की जाएगी।
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