#अंग्रेजीमीडियमकहानी
Explore tagged Tumblr posts
Text
अंग्रेजी मीडियम रिव्यू: फीकी कहानी में जान डालती इरफान-दीपक की शानदार एक्टिंग
चैतन्य भारत न्यूज फिल्म : अंग्रेजी मीडियम कलाकार : इरफान खान, करीना कपूर खान, राधिका मदान, दीपक डोबरियाल, पंकज त्रिपाठी निर्देशक : होमी अदजानिया मूवी टाइप : ड्रामा अवधि : 2 घंटा 10 मिनट सर्टिफिकेट : U (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); कहानी फिल्म की कहानी है उदयपुर में रहने वाले चंपक (इरफान खान) की जिसकी एक मिठाई की दुकान है। बिजनेस भी उसका अच्छा ही चल रहा है। लेकिन उसे अंग्रेजी बोलना नहीं आती। बीवी के इंतकाल के बाद उसकी दुनिया अपनी बेटी तारिका (राधिका मदान) के इर्द-गिर्द ही घूमती है। चंपक खुद तो पढ़ा-लिखा नहीं है लेकिन वो उसकी बेटी को खूब पढ़ाना-लिखाना चाहता है। उसकी बेटी भी पढ़ाई में ज्यादा तेज नहीं है लेकिन सपने देखती है लंदन में पढ़ने के। तारिका की जिद के आगे चंपक मझधार में फंस जाता है। उसे बेटी का सपना भी पूरा करना है, लेकिन उसे खुद से दूर भी नहीं जाने देना है। फिर वो जुगाड़ कर अपनी बेटी को लंदन में एडमिशन दिलवाने की पूरी कोशिश करता है। इस काम में उसकी मदद घसीटेराम (दीपक डोबरियाल) करता है। चंपक और घसीटेराम में ज्यादा बनती तो नहीं है लेकिन तारिका के लिए घसीटेराम मदद करने आ जाता है।
आखिरकार तारिका को आगे की पढ़ाई के लिए लंदन जाने का मौका मिल जाता है। लेकिन लंदन पहुंचने के बाद हालात कुछ ऐसे बनते हैं, जिनके बारे में चंपक और घसीटेराम ने सोचा भी नहीं था। तारिका को ट्रूडफोर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन दिलवाने के लिए दोनों को कई हथकंडे अपनाने पड़ते हैं। क्या तारिका लंदन की यूनिवर्सिटी में पढ़ पाएगी? उसे वहां एडमिशन लेने के लिए कौन-कौनसे हथकंडे अपनाने पड़ते हैं? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखना होगी। कैसी है फिल्म फिल्म की कहानी थोड़ी कमजोर है। कहानी में समय-समय पर उतार-चढ़ाव आते रहते हैं जो दर्शकों को कुछ हद तक खुद से बांधकर रखते हैं। हालांकि, फिल्म का डायरेक्शन कहानी के आगे कमजोर पड़ गया। फर्स्ट हाफ तो मनोरंजक है लेकिन सेकंड हाफ में फिल्म कई मौकों पर अपनी लय खोती है। सेकंड हाफ में कई ऐसी चीजें दिखाई गई हैं जिसका कहानी के बैकग्राउंड में कहीं जिक्र ही नहीं है। फिल्म का क्लाइमेक्स दमदार नहीं है। आप पहले से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि आगे क्या होने वाला है। यदि आप इरफान खान के फैन हैं तो एक बार यह फिल्म देख सकते हैं।
कलाकारों की परफॉरमेंस इरफान खान ने अपनी शानदार एक्टिंग के जरिए फिल्म की कमजोर कहानी को थोड़ा सहारा मिल गया है। चाहे कोई इमोशनल सीन हो या हो कोई हंसी-मजाक इरफान ने हर सीन में शानदार एक्टिंग की है। दीपक डोबरियाल ने भी बेहतरीन काम किया है। इरफान और दीपक की जोड़ी दर्शकों का मनोरंजन करने में कामयाब हो सकती है। राधिका ने भी बढ़िया काम किया है। पिता-पुत्री की जोड़ी में इरफान और राधिका को भी पसंद किया जाएगा। वहीं करीना कपूर की बात करें तो उन्हें फिल्म में एक पुलिस कॉप का किरदार मिला है जो न के बराबर है। उनका फिल्म में होना या ना होना एक समान सा लगता है। पंकज त्रिपाठी छोटे-से रोल में याद रह जाते हैं। अन्य कलाकार डिंपल कपाड़िया, तिलोत्तमा शोम, रनवीर शौरी, कीकू शारदा ने अपना-अपना किरदार मजेदार तरीके से निभाया है। ये भी पढ़े... बागी 3 रिव्यू: जबरदस्त एक्शन से भरपूर दो भाइयों के प्यार की कहानी बागी 3 थप्पड़ रिव्यू: पुरुषों को अपनी गलतियों का अहसास कराएगी थप्पड़, घरेलू हिंसा पर आधारित फिल्म एक बार जरूर देखें लव आज कल रिव्यू: फीकी है सारा-कार्तिक की प्रेम कहानी, नयेपन का अभाव Read the full article
#AngreziMedium#AngreziMediumhindireview#AngreziMediumrating#AngreziMediumreview#AngreziMediumstory#HomiAdajania#irrfankhan#kareenakapoor#RadhikaMadan#अंग्रेजीमीडियम#अंग्रेजीमीडियमकहानी#अंग्रेजीमीडियमफिल्मरिव्यू#अंग्रेजीमीडियमरिव्यू#अंग्रेजीमीडियमरेटिंग#अंग्रेजीमीडियमहिंदीरिव्यू#इरफानखान#करीनाकपूरखान#दीपकडोबरियाल#पंकजत्रिपाठी#फिल्मरिव्यू#राधिकामदान#होमीअदजानिया
0 notes
Text
अंग्रेजी मीडियम रिव्यू: फीकी कहानी में जान डालती इरफान-दीपक की शानदार एक्टिंग
चैतन्य भारत न्यूज फिल्म : अंग्रेजी मीडियम कलाकार : इरफान खान, करीना कपूर खान, राधिका मदान, दीपक डोबरियाल, पंकज त्रिपाठी निर्देशक : होमी अदजानिया मूवी टाइप : ड्रामा अवधि : 2 घंटा 10 मिनट सर्टिफिकेट : U (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); कहानी फिल्म की कहानी है उदयपुर में रहने वाले चंपक (इरफान खान) की जिसकी एक मिठाई की दुकान है। बिजनेस भी उसका अच्छा ही चल रहा है। लेकिन उसे अंग्रेजी बोलना नहीं आती। बीवी के इंतकाल के बाद उसकी दुनिया अपनी बेटी तारिका (राधिका मदान) के इर्द-गिर्द ही घूमती है। चंपक खुद तो पढ़ा-लिखा नहीं है लेकिन वो उसकी बेटी को खूब पढ़ाना-लिखाना चाहता है। उसकी बेटी भी पढ़ाई में ज्यादा तेज नहीं है लेकिन सपने देखती है लंदन में पढ़ने के। तारिका की जिद के आगे चंपक मझधार में फंस जाता है। उसे बेटी का सपना भी पूरा करना है, लेकिन उसे खुद से दूर भी नहीं जाने देना है। फिर वो जुगाड़ कर अपनी बेटी को लंदन में एडमिशन दिलवाने की पूरी कोशिश करता है। इस काम में उसकी मदद घसीटेराम (दीपक डोबरियाल) करता है। चंपक और घसीटेराम में ज्यादा बनती तो नहीं है लेकिन तारिका के लिए घसीटेराम मदद करने आ जाता है।
आखिरकार तारिका को आगे की पढ़ाई के लिए लंदन जाने का मौका मिल जाता है। लेकिन लंदन पहुंचने के बाद हालात कुछ ऐसे बनते हैं, जिनके बारे में चंपक और घसीटेराम ने सोचा भी नहीं था। तारिका को ट्रूडफोर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन दिलवाने के लिए दोनों को कई हथकंडे अपनाने पड़ते हैं। क्या तारिका लंदन की यूनिवर्सिटी में पढ़ पाएगी? उसे वहां एडमिशन लेने के लिए कौन-कौनसे हथकंडे अपनाने पड़ते हैं? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखना होगी। कैसी है फिल्म फिल्म की कहानी थोड़ी कमजोर है। कहानी में समय-समय पर उतार-चढ़ाव आते रहते हैं जो दर्शकों को कुछ हद तक खुद से बांधकर रखते हैं। हालांकि, फिल्म का डायरेक्शन कहानी के आगे कमजोर पड़ गया। फर्स्ट हाफ तो मनोरंजक है लेकिन सेकंड हाफ में फिल्म कई मौकों पर अपनी लय खोती है। सेकंड हाफ में कई ऐसी चीजें दिखाई गई हैं जिसका कहानी के बैकग्राउंड में कहीं जिक्र ही नहीं है। फिल्म का क्लाइमेक्स दमदार नहीं है। आप पहले से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि आगे क्या होने वाला है। यदि आप इरफान खान के फैन हैं तो एक बार यह फिल्म देख सकते हैं।
कलाकारों की परफॉरमेंस इरफान खान ने अपनी शानदार एक्टिंग के जरिए फिल्म की कमजोर कहानी को थोड़ा सहारा मिल गया है। चाहे कोई इमोशनल सीन हो या हो कोई हंसी-मजाक इरफान ने हर सीन में शानदार एक्टिंग की है। दीपक डोबरियाल ने भी बेहतरीन काम किया है। इरफान और दीपक की जोड़ी दर्शकों का मनोरंजन करने में कामयाब हो सकती है। राधिका ने भी बढ़िया काम किया है। पिता-पुत्री की जोड़ी में इरफान और राधिका को भी पसंद किया जाएगा। वहीं करीना कपूर की बात करें तो उन्हें फिल्म में एक पुलिस कॉप का किरदार मिला है जो न के बराबर है। उनका फिल्म में होना या ना होना एक समान सा लगता है। पंकज त्रिपाठी छोटे-से रोल में याद रह जाते हैं। अन्य कलाकार डिंपल कपाड़िया, तिलोत्तमा शोम, रनवीर शौरी, कीकू शारदा ने अपना-अपना किरदार मजेदार तरीके से निभाया है। ये भी पढ़े... बागी 3 रिव्यू: जबरदस्त एक्शन से भरपूर दो भाइयों के प्यार की कहानी बागी 3 थप्पड़ रिव्यू: पुरुषों को अपनी गलतियों का अहसास कराएगी थप्पड़, घरेलू हिंसा पर आधारित फिल्म एक बार जरूर देखें लव आज कल रिव्यू: फीकी है सारा-कार्तिक की प्रेम कहानी, नयेपन का अभाव Read the full article
#AngreziMedium#AngreziMediumhindireview#AngreziMediumrating#AngreziMediumreview#AngreziMediumstory#HomiAdajania#irrfankhan#kareenakapoor#RadhikaMadan#अंग्रेजीमीडियम#अंग्रेजीमीडियमकहानी#अंग्रेजीमीडियमफिल्मरिव्यू#अंग्रेजीमीडियमरिव्यू#अंग्रेजीमीडियमरेटिंग#अंग्रेजीमीडियमहिंदीरिव्यू#इरफानखान#करीनाकपूरखान#दीपकडोबरियाल#पंकजत्रिपाठी#फिल्मरिव्यू#राधिकामदान#होमीअदजानिया
0 notes