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#आध्यात्मिक_प्रदर्शनी
Spiritual Exhibition At Satlok Ashram inसंत रामपाल जी महाराज के आश्रमों में लगी दिव्य प्रदर्शनी शास्त्रों के ज्ञान का एक प्रकाशस्तंभ है, जो लोगों को सच्ची भक्ति के मार्ग पर अग्रसर करती है।
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#आध्यात्मिक_प्रदर्शनी
Spiritual Exhibition At Satlok Ashramसंत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में दिव्य धर्म दिवस पर लगी प्रदर्शनी एक आध्यात्मिक पथ है, जो चित्रों और धर्मग्रंथों के माध्यम से जीवन के गूढ़ रहस्यों को उजागर कर, आत्मा को परमात्मा की ओर ले जाती है।
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दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर विशेष जानकारी:-
काशी में कबीर परमेश्वर के विरोधी साधुओं-काजी-मुल्लाओं ने षड़यंत्र रचकर तीन दिवसीय भोजन-भंडारे(लंगर) के झूठे पत्र परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी की ओर से डाले थे। जिस कारण से 18 लाख भक्त तथा संत व अन्य व्यक्ति भंडारा खाने आ गए थे। परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी स्वयं दूसरा रुप केशव नाम के बंजारे का धारण करके नौ लाख बैलों के ऊपर बोरे(थैले) में रखकर उनमें पका पकाया कई प्रकार मिठाई-भोजन के साथ कच्ची-सूखी सामग्री भी भरकर लाए तथा काशी नगर के चौपड़ के बाजार में विशाल भंडारा चला था।
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#सन1513_में_काशीभंडारा
#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस #miracles वह स्वच्छ पीने के पानी की धारा कहां से उतरी जो ऊपर से ट्यूबलवैल की तरह गिर रही थी। मटके भर-भरकर रखे जा रहे थे। उन्हीं से भण्डारे में पीने के लिए प्रयोग किया जा रहा था।एक शेखतकी नाम के मुस्लिम पीर ने झूठी चिट्ठी लिखकर 18 लाख साधु संतों को आंमत्रण भिजवा दिया कि इस दिन कबीर सेठ भंडारा कराएंगे।
परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी ने सतलोक जाकर केशव बंजारा(व्यापारी) रुप बनाया फिर वहीं के हंसात्माओं(मनुष्यों) को बैल बनाकर खाने पीने का समान लादकर लाए और अद्भुत भंडारा कराया था।
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