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मेरे दामन में तो कांटों के सिवा कुछ भी नहीं
आप फूलों के खरीदार नजर आते हैं।
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हम ने कब चाहा कि वो शख़्स हमारा हो जाए
इतना दिख जाए कि आँखों का गुज़ारा हो जाए
-Yasir Khan
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पर ये सब सोचना, दिल को यूं खोलना
सब कुछ कह कर ही सबको बताना जरूरी है क्या?
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उम्र-ए-दराज़ माँग के लाई थी चार दिन
दो आरज़ू में कट गए दो इंतिज़ार में
~सीमाब अकबराबादी
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तेरी रौशनी में छुपी है खुशबू की कोई दास्तां जैसे,
कैसे बयां करूँ, समझ नहीं, हो कोई इम्तिहा जैसे।
मैं कर सकती थी तुम्हारी तुलना रात के इस चांद से,
या फिर ढलती हुई इस शाम से।
मगर तेरे हुस्न की तारीफ़ के लिए, लफ्ज़ ही नहीं आते हैं,
तेरी मोहब्बत की गहराई, बस दिल की बातें हैं।
तेरा हर इशारा, तेरी हर मुस्कान बेहद ख़ास,
कैसे लिखूँ इस दिल की बात, तू ही है मेरी आस।
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ਅਸੀ ਰੱਬ ਤੋਂ ਬਥੇਰੀ ਵਾਰੀ ਮੰਗੇ ਜੀ ਪੱਕੇ ਸਾਨੂੰ ਰੰਗ ਨਾ ਮਿਲੇ
ਸਾਡੇ ਗੀਤ- ਸੁਰਤਾਲ ਨੇ ਬੇਢੰਗੇ ਕਲਾ ਦੇ ਸਾਨੂੰ ਢੰਗ ਨਾ ਮਿਲੇ
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मन के मेरे ये भरम, कच्चे मेरे ये करम
लेके चले है कहाँ, मैं तो जानूँ ही ना
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You get a strange feeling when you're about to leave a place. Like you'll not only miss the people you love but you'll miss the person you are now at this time and this place because you'll never be this way ever again.
- Azar Nafisi // Reading Lolita in Tehran
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टूट कर हम दोनों में जो बचा वो कम सा है
एक टुकड़ा धूप का अंदर अंदर नम सा है
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what you need to understand about recommending a show to me is that no matter how much we both know I'll like it, I can't watch it until the Neurodivergence Department in my brain approves it. I don't know when that will be, and I don't have any more control over it than you do.
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