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स्वरा भास्कर ने भेजा 1300 माइग्रेंट वर्कर्स को घर
स्वरा भास्कर ने मुंबई के कई माइग्रेंट वर्कर्स को लॉक डाउन के इस मुश्किल समय मे अपने गांव वापस जाने के लिए मदद दी है।
हाल ही में खबर मिली है कि स्वरा भी अब उन एक्टर्स की लिस्ट में शामिल होगयी हैं जो Covi d19 पान्डेमिक के समय आम लोगों की मदद के लिए आगे आयी हैं।
स्वरा ने की माइग्रेंट वर्कर्स की मदद
रिपोर्ट्स के अनुसार स्वरा ने जबसे लॉक डाउन शुरू हुआ तबसे लेकर अब तक कर��ब 1300 माइग्रेंट वर्कर्स को उनके घर पहुंचाया है।
कैसे करी गयी मदद?
रिपोर्ट्स ये भी कहती हैं कि उन्होंने आम आदमी पार्टी के एम.एल.ऐ दिलीप पाण्डेय की मदद से माइग्रेंट वर्कर्स को ट्रेन की टिकेट्स दिलवाने में भी मदद की है।
सब वर्कर्स पहुँचे अपने घर
अच्छी खबर ये है कि ये सब वर्कर्स उत्तर प्रदेश और बिहार में अपने घर सही सलामत पहुंच गए हैं।
स्वरा भास्कर एक जानी मानी कलाकार
स्वरा भास्कर को तनु वेड्स मनु, वीरे दी वेडिंग जैसी फिल्मों में अभिनय के लिए जाना जाता है। स्वरा ने निल बट्टे सन्नाटा के लिए स्क्रीन अवार्ड फ़ॉर बेस्ट एक्ट्रेस( क्रिटिक) जीता है और वो कई बार फ़िल्मफ़ेअर अवार्ड्स में नॉमिनेट भी हो चुकी हैं।
स्वरा का सफर
उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी दिल्ली से ली है और अपना फिल्मी डेब्यू 2009 में “माधोलाल कीप वॉकिंग” से किया।
स्वरा भास्कर को तनु वेड्स मनु,
वीरे दी वेडिंग
जैसी फिल्मों में अभिनय के लिए जाना जाता है। स्वरा ने निल बट्टे सन्नाटा के लिए स्क्रीन अवार्ड फ़ॉर बेस्ट एक्ट्रेस( क्रिटिक) जीता है और वो कई बार फ़िल्मफ़ेअर अवार्ड्स में नॉमिनेट भी हो चुकी हैं।
इनकी ये फ़िल्म बॉक्स आफिस पर कमाल नही दिखा पायी और इनको पहचान मिली कंगना रणौत की फ़िल्म तनु वेड्स मनु से जहां इन्होंने कंगना के साथ उनकी दोस्त का किरदार निभाया था।
हाल ही में हुए सी.ऐ.ऐ( CAA) के विरोध में हुए प्रदर्शनों का ये एक एक्टिव हिस्सा रहीं थीं।
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आजकल राइटिंग लोगों के एक पैशन के साथ-साथ उनके पॉकेट मनी का ज़रिया भी बन चुकी है । शीदपीपल.टीवी ने
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाया है। उनका हमें ध्यान रखना होगा की कोरोनावायरस और…
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वर्क फ्रॉम होम करती हैं? काम आएँगी यह टिप्स
लॉकडाउन के चलते वर्क फ्रॉम कल्चर ज़्यादा बढ़ गया है। आजकल करीब-करीब हर कोई अपना काम घर से ही कर रहा है। चाहे ऑफिस का काम हो, स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई हो – सब ऑनलाइन हो चला है। यहाँ तक की, टयूशन पढ़ाने ना जा पाने की वजह से, मेरी जैसी और कई प्राइवेट टयूटर्स ने घर से ही टयूशन पढ़ाने का फ़ैसला लिया है, जिससे की सब सेफ भी रहें और बच्चों की पढ़ाई में खलल भी न हो।
क्या आप भी वर्क फ्रॉम कर रही हैं? अगर हाँ, तो हमारे पास हैं ईको-पेपर बैग्स बनाने वाले साढ़े चार साल पहले शुरू हुए स्टार्टअप, ‘सरप्राइज समवन’ की फाउंडर , पिंकी महेश्वरी जी द्वारा दीं गईं ऐसी 10 टिप्स, जो आपको वर्क फ्रॉम होम में काफी मददगार साबित होंगी:
1. जैसे की हर कोई जानता है, आज कल सोशल डिस्टेंसिंग का समय चल रहा है। ऐसे में, हमें बीच-बीच डिजिटल डिस्टेंसिंग करनी चाहिए।
2. हमारा माइंडसेट ऐसा होना चाहिए, की हम चाहे जैसे काम करें – चाहे ऑफिस में, चाहे घर में – हमारे पास काम होना चाहिए।
3. सुबह कम-से-कम एक घंटा अपने साथ बिताएं। एक्सरसाइज करें व मैडिटेशन करें – इससे आपको घर पर काम करते समय लज़ीनेस नहीं महसूस होगी।
4. वर्क फ्रॉम होम ज़्यादा अच्छा भी है, क्योंकि इससे हमारी समय बचेगा, एनर्जी भी बचेगी और एनवायरनमेंट भी। हम ज़्यादा प्रोडक्टिव भी होंगे और ऑपरेशनल कॉस्ट्स भी कम होंगी।
5. अपने काम को दिल से करें। इससे आपको ना तो बोरियत महसूस होगी, और ना ही अकेलापन लगेगा। यही नहीं, यह उन मम्मियों के लिए ज़्यादा फायदेमंद हैं,जिनके छोटे-छोटे बच्चे हैं। आप जॉब भी कर सकती हैं, और साथ ही साथ उनका ध्यान भी रख सकते हैं।
https://www.facebook.com/watch/?v=887602108342264
वर्क फ्रॉम होम ज़्यादा अच्छा भी है, क्योंकि इससे हमारी समय बचेगा, एनर्जी भी बचेगी और एनवायरनमेंट भी। हम ज़्यादा प्रोडक्टिव भी होंगे और ऑपरेशनल कॉस्ट्स भी कम होंगी।6.
6. अपने बच्चे को किसी-ना-किसी एक्टिविटी में डालें, जिससे की वह बोर भी ना हों, कुछ सीखें भी, और आप भी काम सकें।
7. एक टू-डू लिस्ट बनाये। अगर आपको लिख कर ज़्यादा अच्छा लगता है, तो इसे लिखें। इससे काफी फर्क पड़ेगा। आप अपनी कंपनी का व्हाट्सप्प ग्रुप भी बना सकते है।
8. पेरेंट्स को अपने बच्चों के लिए एक दिन प्लान करना चाहिए। इससे आपके काम के साथ आपके बच्चों का बचपन दांव पर नहीं लगेगा।
9. हमें सेल्फ-रिअलाइज़शन की ज़रूरत है। जब हम खुद को पहचानेंगे, तभी लोग हमें पहचानेंगे।
10. आपने वर्क फ्रॉम होम से बचने वाले टाइम को कहीं अच्छी जगह इस्तेमाल करें। आप इसे डिजिटल डिस्टेंसिंग में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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कोरोनावायरस घर से काम करने के लिए एक रेवोलुशन ला सकता है। क्या हम तैयार हैं?
दुनिया भर की कंपनियां लोगों को घर से काम करने के लिए कह रही हैं। भारत भी उन्ही में आता है। ट्विटर, एडोब, फेसबुक, डेल, फ्लिपकार्ट, पुणे में एसएपी और कई सारी कंपनियां चाहती हैं की उनके वर्कर्स काम तो करते रहे, लेकिन घर से, क्यूंकि COVID 19 का डर सबको है । लेकिन सवाल ये आता है की क्या लोगों को घर से काम करने की आदत हैं ? या फिर कंपनियों को ऐसे काम करवाने की इसकी आदत है ? द कन्वर्सेशन के अनुसार, अमेरिका भर की नासा की साइटें घर से काम करने की कपाबिलिटी को टेस्ट कर रही है। भारत में, ज्यादातर कंपनियों ने कम इम्पोर्टेन्ट ट्रैवेलिंग पर रोक लगा दिया है।
यह कैसे काम करता है?
भारत में ज्यादातर केसेस में वर्कर्स को घर से काम करने का एक “ऑप्शन” दिया जा रहा है, जबकि साइट सर्विसेज और बिज़नेस सेम ही रहेगा। कोरोनोवायरस के बढ़ते मामलों के साथ, क्लाउड सर्विसेज फर्म, जोहो कॉर्प ने अपने वर्कर्स को प्रिकॉशन के तौर पर घर से काम करने के लिए कहा है, एक टॉप अफसर ने इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कहा ।
उन्होंने अपने फाउंडर-सीईओ श्रीधर वेम्बु को कोट कर��े हुए कहा, “हमने दुनिया भर में अपने सभी ऑफिसेस के लिए घर से काम करना एक डिफ़ॉल्ट बनादिया है , हालांकि हमारे पास कोई इसके केसेस नहीं है ,”
प्रोडक्टिविटी कैसे चेंज होती है?
द कन्वर्सेशन ने बताया है की एक रिसर्च है जो ये सजेस्ट करती है कि वर्क फ्रॉम होम से वर्कर और सुपरवाइजर दोनों की प्रोडक्टिविटी बढ़ती है । एक स्टडी में घर से काम करने वाले वर्कर्स की परफॉरमेंस में 13% की प्रोडक्टिविटी देखी गई।
घर से काम करने के फायदे?
जैसा कि हम जानते हैं कि सिर्फ ज़्यादा से ज़्यादा प्रीकॉशंस ही हमें वायरस से बचा सकते है, और इसके लिए लोगों को घर से काम करने का ऑप्शन देना उन्हें ज़्यादा पब्लिक प्लेसेस में जाने से रोक सकता है।
आइये वर्क फ्रॉम होम करने के मेजर अडवांटागेस पे एक नज़र डालें :
1 . फ्लेक्सिबल टाइमिंग
��्लेक्सिबल हॉर्स, ब्रेक लेने के ऑप्शंस और ऑफिस पहुंचने के लिए कोई रश ��हीं ।
2 . क्लीनलीनेस
आपको उतनी ही साफ़ सफाई मिलेगी जितना आप चाहते हैं ।
3 . फैलने वाली बीमारियों के समय भीड़ में मिलने से बचें।
4 . इजी कपड़े। आप पजामा भी पेहेन सकते हैं ।
5 . आप कभी भी ब्रेक्स ले सकते हैं ।
6 . कोई ऑफिस डिस्ट्रैक्शन नहीं।
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उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में पहली ट्रांसजेंडर यूनिवर्सिटी बनने को तैयार
कुशीनगर जिले के फाजिलनगर ब्लॉक में आने वाली यूनिवर्सिटी, अखिल भारतीय किन्नर शिक्षा सेवा ट्रस्ट (आल इंडिया ट्रांसजेंडर एजुकेशन सर्विस ट्रस्ट) द्वारा बनाया जा रहा है।
“यह देश में अपनी तरह की पहली यूनिवर्सिटी है जहाँ ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के सदस्य शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम होंगे और इसकी प्रोसेस पहले ही शुरू की जा चुकी है। ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ। कृष्ण मोहन मिश्रा ने कहा कि अगले साल 15 जनवरी से कम्युनिटी के सदस्यों द्वारा लाए गए दो बच्चों को प्रवेश मिल जाएगा और फरवरी और मार्च से बाकी क्लासेज शुरू हो जाएंगी।
“यूनिवर्सिटी में , ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन से पीजी तक की पढ़ाई कर सकेंगे और यहां तक कि रिसर्च कर पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर सकेंगे।”
विधायक गंगा सिंह कुशवाहा ने कहा कि कम्युनिटी के सदस्य शिक्षा प्राप्त करेंगे और देश को एक नई दिशा देने में सक्षम होंगे।
ट्रांसजेंडर समुदाय ने भी विश्वविद्यालय खोलने पर खुशी जताई।
“हमे खुशी है कि हम शिक्षित होंगे और समाज में सम्मान प्राप्त करेंगे। शिक्षा में शक्ति है और मुझे यकीन है कि यह न केवल हमारे जीवन को बल्कि दूसरों के जीवन को भी बदलेगी, ”गुड्डी किन्नर ने कहा, समुदाय के सदस्यों में से एक।
यह देश की पहली ऐसी यूनिवर्सिटी होगी जिसमे पूरी तरह से ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के सदस्य पढ़ाई करेंगे और अपना भविष्य बनाएंगे । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सभी ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के स्टूडेंट्स के पढ़ाई के लिए पहली यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी ।
ट्रांसजेंडर लोगों के लिए भारत का पहला विश्वविद्यालय विशेष रूप से क्लास 1 से ग्रेजुएशन तक कम्युनिटी के लिए शिक्षा की सुविधा के लिए, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में खुलने ��े लिए निर्धारित है।
https://hindi.shethepeople.tv/top-stories/indias-first-university-for-transgender-people-in-uttar-pradesh
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मिलिए फिटनेस एक्सपर्ट श्वेता राय बजाज से
आज हम आपका शीदपीपल टीवी पर एक ऐसी महिला से परिचय करवाएंगे जिन्होंने एक कुशल गृहणी होने के साथ -साथ एक कॉर्पोरेट जॉब करते हुए फिटनेस के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल किया । आज हम मिलेंगे री सकल्पट विद श्वेता की संस्थापक श्वेता राय बजाज से। और पढो
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प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने के उपाय
प्लास्टिक हम मनुष्यों और हमारे पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक है । अधिक जानकारी के लिए, कृपया पर जा सकते हैं https://hindi.shethepeople.tv/%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%82%E0%A5%9B/%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%87-%E0%A4%A4%E0%A4%AC-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%85%E0%A4%AC-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%A4
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एक दशक से विकलांगों के लिए परीक्षा पत्र लिख रही पुष्पा प्रिया से मिलिए
पुष्पा प्रीया बैंगलोर की रह���े वाली हैं। बचपन से ही उनहोने अपने परिवार में आर्थिक तंगी देखी है। अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए भी उनको अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ा परन्तु कुछ ऐसे लोग थे जो उनके सपनों में विश्वास रखते थे और उन्हें निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे। आज वह एक सफल आईटी प्रोफेशनल हैं। अधिक पढ़ें
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मुझे याद आती है अपने बचपन की दिवाली
आजकल शादियों का सीजन ज़ोरों पर है और हम सब जानते है की शादियाँ मतलब बहुत सारा ताम-झाम और प्लास्टिक के कचरे का बहुत सारा ढेर । अधिक जानकारी के लिए, कृपया आप यहां जा सकते हैं https://hindi.shethepeople.tv/%E0%A4%9F%E0%A5%89%E0%A4%AA-%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%9C/%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%8F-%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%86%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%BF%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A8%E0%A5%80-%E0%A4%9A
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प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने के उपाय
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वीं लोकसभा चुनाव में महिला केंद्रित पहली बार हुआ ये
11 अप्रैल से 17 मई तक होने वाले 17 वें लोकसभा चुनावों में भारत में आम चुनावों के इतिहास में बड़े-बड़े घोषणापत्र, विवादास्पद भाषण, गाली-गलौज और यहां तक कि कई नए पहली बार होनेवाली बातें ’देखी गई। अधिक जानकारी के लिए, आप यहां जा सकते हैं https://hindi.shethepeople.tv/%E0%A4%9F%E0%A5%89%E0%A4%AA-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A1%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A5%9B/17-%E0%A4%B5%E0%A5%80%E0%A4%82-%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A4%B8%E0%A4%AD%E0%A4%BE-%E0%A4%9A%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B5-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2
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मिलिए अरुणाचल प्रदेश की पहली महिला लेफ्टिनेंट कर्नल मेजर पोनुंग डोमिंग से
अरुणाचल प्रदेश राज्य की पहली महिला लेफ्टिनेंट कर्नल बनकर मेजर पोनुंग डोमिंग ने इतिहास रचा। अधिक जानकारी के लिए, कृपया आप यहां जा सकते हैं https://hindi.shethepeople.tv/
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जहाँ महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं वहीँ केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद ने हाली में बिहार के प्रथम महिला डाकघर का उद्घाटन किया।
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अगर आंकड़ों को देखा जाए तो हमारे देश में सबसे ज़्यादा युवा है । भारत में कुल 70 करोड़ युवा है और जैसे ही वो बचपन से निकलकर वह युवावस्था में कदम रखते है तो उनमे बहुत सारे मानसिक और शारीरिक बदलाव आते है ।
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हमारे भारतीयों को फिटनेस के लिए सबसे जरूरी मंत्र यानि योग का खज़ाना विरासत में मिला है। दुनिया भर में लोकप्रिय, योग हमे अपने शरीर को स्वस्थ रखने और शांति से रहने का तरीका सिखाता है।
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जिमनास्ट दीपा कर्माकर अभी भी एक गंभीर घुटने की चोट से उबर रही हैं। पहले उनके दाहिने पैर में चोट लगी थी और अब उस चोट के कारण अगले महीने उन्हें जर्मनी के स्टटगार्ट में होने वाली एफआईजी वर्ल्ड आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक चैंपियनशिप के लिए ट्रायल से हटने के लिए मजबूर कर दिया है।
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