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कबीर साहेब ने कबीर सागर, अध्याय कबीर वाणी के पृष्ठ 137 पर कहा है:
बारहवें पंथ हम ही चलि आवैं। सब पंथ मिटा एक पंथ चलावैं।।
संत गरीबदास जी का 12वां कबीर पंथ है जिसमें कबीर परमेश्वर, संत रामपाल जी महाराज के रूप में स्वयं अवतरित हुए हैं जो तत्वज्ञान के माध्यम से सभी पंथों को मिटाकर एक कर रहे हैं।
संत रामपाल जी ने समाज में फैले भेदभाव और असमानता को देखा। जातिगत एवं धार्मिक भेदभाव ने उन्हें भीतर से झकझोर दिया। वे इस सामाजिक कुरीति को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हो गए। उन्होंने अपने प्रवचनों में इन मुद्दों को उठाया और लोगों को समानता और भाईचारे का संदेश दिया। उनके प्रयासों से कई लोगों में बदलाव आया और समाज के एक बड़े वर्ग ने उनका समर्थन किया। उनके इस प्रयास से समाज से धार्मिक एवं जातिगत भेदभाव पूर्ण रूप से मिट रहा है। उनका कहना है सभी मानव एक परमात्मा की संतान है:
संत रामपाल जी महाराज ने न केवल आध्यात्मिकता की बात की है, बल्कि समाज सुधार के लिए भी कई कदम उठाए है। उन्होंने दहेज प्रथा, भ्रष्टाचार और नशा के खिलाफ अभियान चलाए। उनके अनुयायियों ने समाज में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए। उनके प्रवचनों में इन बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई जाती थी, जिससे लोग जागरूक होकर इन कुरीतियों से दूर होने लगे। उनके प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला। आज उनके करोड़ों समर्थक न दहेज़ लेते हैं और न ही देते हैं। साथ ही, उनका कोई भी अनुयायी किसी भी प्रकार की नशीली वस्तु को हाथ तक नहीं लगाता।
अध्यात्म के नाम पर अज्ञान परोसने वाले धर्मगुरुओं के अज्ञान को उजागर कर मानव समाज को शास्त्र अनुकूल ज्���ान देने के लिए संत रामपाल जी महाराज को अनेक संघर्षों का सामना करना पड़ा। यहाँ तक कि सत्यज्ञान के प्रचार लिए उन्होंने अन्य धर्मगुरुओं का विरोध झेला, उन्हें जेल तक जाना पड़ा और बिना रुके, बिना थके आज जेल में रहते हुए भी संत रामपाल जी महाराज का संघर्ष जारी है।
कोरोना महामारी के दो वर्षों को कौन भूल सकता है, जो मानव जाति पर कहर बरपा रही थी, कोरोना मानव जाति को तबाह करने में आमादा थी। उस दौरान अस्पताल भी कम पड़ रहे थे, तब मानव जाति की रक्षा के लिए संत रामपाल जी व उनके अनुयायी सामने आए थे और संत रामपाल जी के मार्गदर्शन में सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) व सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में अस्थायी कोविड सेंटर खोले गए थे। जिससे मानव जाति को एक बड़ी राहत मिली थी।
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नारी के साथ दिन पर दिन बढ़ती बदसलूकी का कारण बॉलीवुड फ़िल्में, गाने आदि है जिनमे बढ़ती फूहड़ता आज समाज में नारी के प्रति बुरा असर डाल रही हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज के शिष्य इन सब का बहिष्कार करते हैं क्योंकि इन सब का हमारे दिमाग पर गलत असर पढ़ता है। यह बॉलीवुड फिल्में रेप, नशा, चोरी, दहेज प्रथा जैसी बुराइयों को बढ़ावा देती हैं।