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Nitika
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Kabir is God
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nitikadhiman · 14 hours ago
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#SecretOf_The5thVeda
गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में कहा है कि उस तत्वज्ञान यानी सूक्ष्मवेद के ज्ञान को तू तत्त्वदर्शी संतों के पास जाकर प्राप्त कर समझ।
तो उस तत्वज्ञान अर्थात "सूक्ष्मवेद" के ज्ञान को जानने के लिए देखिए Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel
🤲🏻
Sant Rampal Ji Maharaj
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nitikadhiman · 3 days ago
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#सत_भक्ति_संदेश
ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 4
परमेश्वर की शक्ति अपार है। वही परमेश्वर स्वयं मनुष्य रूप धारण करके अपनी आंशिक महिमा अपनी अमृतवाणी से घूम -फिर कर अर्थात् रमता-राम रूप से उच्चारण करके वर्णन करता है।
अवश्य पढ़ें अनमोल पुस्तक "ज्ञान गंगा"
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nitikadhiman · 6 days ago
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जानिए इस #महाशिवरात्रि के पवित्र मौके पर #शिव_से_भी_समर्थ_कौन_है ?
त्रिलोकीनाथ श्री शिवजी जब अपनी रक्षा भस्मासुर से नहीं कर पाए। तब कबीर परमात्मा ने मोहिनी रूप बनाकर शिवजी की रक्षा की यानि वास्तव में कबीर परमात्मा ही सर्वशक्तिमान हैं। जो शिव से भी समर्थ हैं। सभी देवों का देव है।
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nitikadhiman · 9 days ago
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व्यावहारिक विवेक का होना शिक्षित होने से हज़ार गुना बेहतर है।
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nitikadhiman · 9 days ago
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योग्यताएँ कर्म से पैदा होती हैं…
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nitikadhiman · 9 days ago
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अहंकार ना पालिए, वक्त के समंदर में…
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nitikadhiman · 9 days ago
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#CreatorOfAll_GodKabir
FAZAIL E ZIKR AYAT 1 proves AllAH IS KABIR
Ballat Kabir Bullah Aala Mahadakoop wala Allah kum tarkorun
So that you sing the glory of God Kabir and thank him.
Sant Rampal Ji Maharaj
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nitikadhiman · 10 days ago
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महाशिवरात्रि पर शिव जी का महाखुलासा || अवश्य देखिए रविवार 23 फरवरी 2025 को सुबह 11:00 बजे से Live || Special Satsang
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nitikadhiman · 16 days ago
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#1DayLeft_For_BodhDiwas
Sant Rampal Ji Maharaj stands alone in unveiling the profound mysteries of the scriptures He reveals that true devotion to the Supreme God Kabir Sahib Ji can absolve even the gravest sins and lead to ultimate liberation. His Bodh Diwas is on February 17th.
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nitikadhiman · 17 days ago
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#जा_दिन_सतगुरु_भेंटिया
17 फरवरी को उस महान संत का बोध दिवस है,
जिनके बारे में नास्त्रेदमस ने भी भविष्यवाणी की है कि ठहरो राम राज्य आ रहा है।
एक महापुरुष पूरे विश्व में स्वर्ण युग लायेगा। जिसके नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनेगा।
वह महापुरुष और कोई नहीं #SantRampalJiMaharaj हैं।
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nitikadhiman · 26 days ago
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#पहचान_प्रभु_की
Identity of God
Kinha Maghar Piyana Satguru, Kinha Maghar Piyana Ho. Dono deen chale sang jaake, Hindu-Musalmana ho.
To receive free Initiation and spiritual books by Sant Rampal Ji Maharaj Ji
Maghar Se Satlok Gaya Kabira
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nitikadhiman · 30 days ago
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#SacrificedLifeButNoSalvation
Devotees sacrificed their lives in Kashi through a Karaunth but didn’t get salvation which was a lie spread by fake gurus.
6Days Left For Nirvan Diwas
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nitikadhiman · 1 month ago
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#अध्यात्मज्ञान_Vs_अज्ञान
There are many misconceptions spread by religious teachers that accumulated and destined sinful karmas cannot be destroyed However Sant RampalJi says that it is stated in Yajurved Adhyay8 Mantra13 that God can forgive sins
Factful Debates YouTube Channel
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nitikadhiman · 1 month ago
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I've just reached 19K followers on Facebook! Thank you for continuing support. I could never have made it without each one of you. 🙏🤗🎉 @followers
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nitikadhiman · 1 month ago
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आपसी फूट महंगी पड़ी l Story of the Week
प्राचीन समय में एक विचित्र पक्षी रहता था। उसका धड़ एक ही था, परंतु सिर दो थे। नाम था उसका भारुंड। एक शरीर होने के बावजूद उसके सिरों में एकता नहीं थी और न ही था तालमेल। वे एक-दूसरे से बैर रखते थे। हर जीव सोचने-समझने का काम दिमाग से करता है और दिमाग होता है सिर में। दो सिर होने के कारण भारुंड के दिमाग भी दो थे, जिनमें से एक पूरब जाने की सोचता, तो दूसरा पश्चिम। फल यह होता था कि टांगें एक कदम पूरब की ओर चलतीं, तो अगला कदम पश्चिम की ओर। और भारुंड स्वयं को वहीं खड़ा पाता था। भारुंड का जीवन बस ���ो सिरों के बीच रस्साकसी बनकर रह गया था। एक दिन भारुंड भोजन की तलाश में नदी त�� पर घूम रहा था कि एक सिर को नीचे गिरा एक फल नजर आया। उसने चोंच मारकर उसे चखकर देखा तो जीभ चटकाने लगा- 'वाह! ऐसा स्वादिष्ट फल तो मैंने आज तक कभी नहीं खाया। भगवान ने दुनिया में क्या-क्या चीजें बनाई हैं।' 'अच्छा! जरा मैं भी चखकर देखूं।' कहकर दूसरे ने अपनी चोंच उस फल की ओर बढ़ाई ही थी कि पहले सिर ने झटककर दूसरे सिर को दूर फेंका और बोला, 'अपनी गंदी चोंच इस फल से दूर ही रख। यह फल मैंने पाया है और इसे मैं ही खाऊंगा।' 'अरे! हम दोनों एक ही शरीर के भाग हैं। खाने-पीने की चीजें तो हमें बांटकर ही खानी चाहिए।' दूसरे सिर ने दलील दी। पहला सिर कहने लगा, 'ठीक! हम एक शरीर के भाग हैं। पेट हमारे एक ही हैं। मैं इस फल को खाऊंगा तो वह पेट में ही तो जाएगा और पेट तेरा भी है।' दूसरा सिर बोला, 'खाने का मतलब केवल पेट भरना ही नहीं होता भाई। जीभ का स्वाद भी तो कोई चीज है। तबीयत को संतुष्टि तो जीभ से ही मिलती है। खाने का असली मजा तो मुंह में ही है।' पहला सिर तुनककर चिढ़ाने वाले स्वर में बोला, 'मैंने तेरी जीभ और खाने के मजे का ठेका थोड़े ही ले रखा है। फल खाने के बाद पेट से डकार आएगी। वह डकार तेरे मुंह से भी निकलेगी। उसी से गुजारा चला लेना। अब ज्यादा बकवास न कर और मुझे शांति से फल खाने दे।' ऐसा कहकर पहला सिर चटकारे ले-लेकर फल खाने लगा। इस घटना के बाद दूसरे सिर ने बदला लेने की ठान ली और मौके की तलाश में रहने लगा। कुछ दिन बाद फिर भारुंड भोजन की तलाश में घूम रहा था कि दूसरे सिर की नजर एक फल पर पड़ी। उसे जिस चीज की तलाश थी, उसे वह मिल गई थी। दूसरा सिर उस फल पर चोंच मारने ही जा रहा था कि पहले सिर ने चीखकर चेतावनी दी, 'अरे, अरे! इस फल को मत खाना। क्या तुझे पता नहीं कि यह विषैला फल है? इसे खाने पर मॄत्यु भी हो सकती है।' दूसरा सिर हंसा, 'हे हे हे! तू चुपचाप अपना काम देख। तुझे क्या लेना- देना है कि मैं क्या खा रहा हूँ ? भूल गया उस दिन की बात?' पहले सिर ने समझाने की कोशिश की, 'तूने यह फल खा लिया तो हम दोनों मर जाएंगे।' दूसरा सिर तो बदला लेने पर उतारू था। बोला, 'मैंने तेरे मरने-जीने का ठेका थोड़े ही ले रखा है? मैं जो खाना चाहता हूं, वह खाऊंगा चाहे उसका नतीजा कुछ भी हो। अब मुझे शांति से विषैला फल खाने दे।' दूसरे सिर ने सारा विषैला फल खा लिया और भारुंड तड़प-तड़पकर मर गया।
शिक्षा:- आपस की फूट सदा ले डूबती है।
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nitikadhiman · 1 month ago
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मिट्टी का मटका और परिवार की क़ीमत सिर्फ बनाने वाले को ही पता होती है, तोड़ने वाले को नहीं I
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nitikadhiman · 1 month ago
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परिवर्तन के बिना…
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