navale1985
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navale1985 · 7 months ago
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stunning wildlife frames,
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navale1985 · 7 months ago
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A magnificent landscape
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navale1985 · 7 months ago
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Huge Bhandara is organized on the occasion of 627th God Kabir Prakat Diwas under the Divine Guidance of Saint Rampal Ji Maharaj
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navale1985 · 7 months ago
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परमात्मा के सामने गोरखनाथ की सिद्धि हुई फेल।
गोरखनाथ ने कबीर परमात्मा से कहा कि आपकी एक परीक्षा लूंगा। गोरखनाथ ने कहा मैं गंगा में छुपुंगा। मुझे खोज देना। परमात्मा बोले भाई यह भी कसर निकाल ले। दरिया में कूद गया और मछली बन गया गोरखनाथ।
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navale1985 · 7 months ago
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navale1985 · 7 months ago
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पूर्ण परमात्मा के सामने सिद्धियाँ निष्क्रिय हो जाती हैं। गोरखनाथ जी कबीर साहेब से सिद्धि में हारने के बाद जान गए कि कबीर साहेब कोई मामूली संत नहीं है।
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navale1985 · 7 months ago
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फिर मैं (गोरखनाथ) आप का शिष्य बन जाऊँगा। गोरखनाथ मछली बन गए। साहेब कबीर ने उसी मछली को पानी से बाहर निकाल कर सबके सामने गोरखनाथ बना दिया। तब गोरखनाथ जी ने साहेब कबीर को पूर्ण परमात्मा स्वीकार किया और शिष्य बने।
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navale1985 · 7 months ago
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गोरख नाथ ने कबीर साहेब से कहा कि मेरी एक शक्ति और देखो। यह कह कर गंगा की ओर चल पड़ा। सर्व दर्शकों की भीड़ भी साथ ही चली। लगभग 500 फुट पर गंगा नदी थी। उसमें जा कर छलांग लगाते हुए कहा कि मुझे ढूंढ दो।
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navale1985 · 7 months ago
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पूर्ण परमात्मा के सामने सिद्धियाँ निष्क्रिय हो जाती हैं। गोरखनाथ जी कबीर साहेब से सिद्धि में हारने के बाद जान गए कि कबीर साहेब कोई मामूली संत नहीं है।
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navale1985 · 7 months ago
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साहेब कबीर आकाश में ���ड़े तथा लगभग 150 फुट धागे के ऊपर बैठ गए और कहा कि आओ नाथ जी! बराबर में बैठकर चर्चा करें। गोरखनाथ जी ने ऊपर उड़ने की कोशिश की लेकिन उल्टा जमीन पर टिक गए।
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navale1985 · 7 months ago
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कबीर परमात्मा ने गोरखनाथ को बताया कि मैं (कबीर साहेब) न बूढ़ा न बालक, मैं तो जवान रूप में रहता हूँ जो ईश्वरीय शक्ति का प्रतीक है। यह तो मैं लीलामई शरीर में आपके समक्ष हूँ। कहै कबीर सुनों जी गोरख, मेरी आयु (उम्र) यह है जो आपको बताई है।
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navale1985 · 7 months ago
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कबीर साहेब कहते हैं कि हम अमर हैं। अन्य भगवान जिसका तुम आश्रय ले कर भक्ति कर रहे हो वे नाशवान हैं। फिर आप अमर कैसे हो सकते हो?
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navale1985 · 7 months ago
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जो बूझे सोई बावरा, क्या है उम्र हमारी। असंख युग प्रलय गई, तब का ब्रह्मचारी।।
कोटि निरंजन हो गए, परलोक सिधारी। हम तो सदा महबूब हैं, स्वयं ब्रह्मचारी।।
श्री गोरखनाथ सिद्ध को सतगुरु कबीर साहेब अपनी आयु का विवरण देते हैं। असंख युग प्रलय में गए। तब का मैं वर्तमान हूँ अर्थात् अमर हूँ।
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navale1985 · 7 months ago
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गोरखनाथ जी कबीर परमात्मा से जब पूछा था कि आपकी आयु तो बहुत छोटी है अर्थात् आप लगते तो हो बालक से।
तब परमात्मा बोले
जो बूझे सोई बावरा, क्या है उम्र हमारी। असंख युग प्रलय गए, तब का ब्रह्मचारी।।
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navale1985 · 7 months ago
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जब मैं अकेला रहता था जब धरती भी नहीं थी तब से मेरी टोपी जानो। ब्रह्मा जो गोरखनाथ तथा उनके गुरु मच्छन्दर नाथ आदि सर्व प्राणियों के शरीर बनाने वाला पैदा भी नहीं हुआ था। तब से मैंने टीका लगा रखा है अर्थात् मैं (कबीर) तब से सतपुरुष आकार रूप मैं ही हूँ।
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navale1985 · 7 months ago
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साहेब कबीर जी गोरख नाथ जी को बताते हैं कि मैं कब से वैरागी बना। 
धूंधूकार आदि को मेला, नहीं गुरु नहीं था चेला।
जब का तो हम योग उपासा, तब का फिरा अकेला।।
साहेब कहते हैं कि जब कोई सृष्टि (काल सृष्टि) नहीं थी तथा न सतलोक सृष्टि थी तब मैं (कबीर) अनामी रूप में था और कोई नहीं था।
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navale1985 · 7 months ago
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साहेब कबीर जी गोरख नाथ जी को बताते हैं कि
धरती नहीं जद की टोपी दीना, ब्रह्मा नहीं जद का टीका।
शिव शंकर से योगी, न थे जद का झोली शिका।।
साहेब कबीर ने ही सतलोक सृष्टि शब्द से रची तथा फिर काल की सृष्टि भी सतपुरुष ने रची।
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