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asifaka dont upload ||जेल होगी पीडिता का फोटो अपलोड करने पर कहता है कानू...
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Naked Woman||Nude Bath||नंगी महिला का राज||तांत्रिक ने कराया महिला को नग...
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संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा के एक समर्थक ने जेल में खुदकुशी कर ली
संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा के एक समर्थक ने जेल में खुदकुशी कर ली है. अभी उसकी आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है. पुलिस के मुताबिक, हरियाणा में अंबाला की केंद्रीय जेल में बंद एक डेरा समर्थक रविंद्र कुमार (27) ने फांसी लगाकर की खुदकुशी कर ली है. 25 अगस्त को जैसे ही सीबीआई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह को रेप केस में दोषी करार दिया वैसे ही हरियाणा और पंजाब के कई शहरों में हिंसा भड़क गई. ऐसी ही हिंसा जब पंचकुला में अंजाम दी जा रही थी तब पुलिस ने पंचकूला से रविंद्र को गिरफ्तार किया था. इस हिंसा में 38 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. वहीं, हिंसा में मारे गए लोगों के शव के पोस्टमार्टम के दौरान उनके अंदर से इंसास ��र एसएलआर रायफल से चली बुलेट निकली थी. जानकारी के मुताबिक, हिंसा के दौरान उपद्रवियों को उनकी पीठ, सिर और सीने पर गोली मारी गई थी. इंसास रायफल अर्धसैनिक बल और एसएलआर हरियाणा पुलिस इस्तेमाल करती है. पंचकूला में हुई हिंसा में मारे गए 20 लोगों के शव को सिविल अस्पताल पहुंचाया गया था. अंबाला के रहने वाले विनीत (26) को पीठ पर, संगरुर के रहने वाले रणजीत सिंह (27) को क�� गोलियां मारी गई थीं. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भागते समय इन लोगों को गोली मारी गई है. 25 अगस्त को जैसे ही सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने राम रहीम को दोषी करार दिया हरियाणा, पंजाब, दिल्ली-एनसीआर और जम्मू के कुछ हिस्सों में हिंसा शुरू हो गई. इस दौरान हरियाणा के पंचकूला, सिरसा, रोहतक, अंबाला, मनसा और पंजाब के संगरुर सहित कई शहरों में हिंसा की आग भड़क उठी. लोगों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. पंचकूला में डेरा समर्थक रिहाइशी इलाकों में घुस गए. इसके बाद अर्धसैनिक बलों और पुलिस के जवानों ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी. डेरा के हिंसक समर्थकों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले, हवाई फायरिंग के साथ ही पुलिस बल ने उऩ पर गोलियां भी चलाई. इस हिंसा में करीब 38 डेरा समर्थकों की मौत हो गई. 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए. सबसे ज्यादा मौत पंचकूला और चंडीगढ़ में हुई थी. इस हिंसा के मद्देनजर केंद्र और सरकार ने सजा के ऐलान से पहले अपनी कमर कस ली. पहले से ही अर्धसैनिक बलों की 200 कंपनिया, पुलिस के साथ सेना के जवानों को मुस्तैद कर दिया गया था. Click to Post
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सेक्सी बाबा डेरे से वन टू थ्री
रिपोर्ट : परवीन कोमल सोशल मीडिया पर और भी तमाम धार्मिक गुरुओं की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इसी कड़ी में इन दिनों सोशल मीडिया पर एक भगवाधारी बाबा और उसके साथ एक युवती के दो फोटो वायरल हो रहे हैं। इनमें से एक फोटो में बाबा किसी हाईवे पर कार के सामने युवती को किस कर रहा है। इस मामले में अब युवती सामने आई है और उसने पुलिस को शिकायत देकर इन तस्वीरों को वायरल करने वाले शख्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। तस्वीरों में दिखने वाली युवती दिल्ली की रहने वाली है। 30 अगस्त को हौज काजी थाना पुलिस और अपराध शाखा को दी गई शिकायत में पीड़िता ने इन तस्वीरों को गलत बताया। पीड़िता ने कहा कि उसकी कुछ समय बाद शादी होने वाली है, इसलिए उसे बदनाम किया जा रहा है। पीड़िता ने तस्वीरों में दिखने वाले बाबा हरमेल दास को जानने की बात स्वीकार की है। पीड़िता की मानें तो उसका अपने पड़ोसियों से झगड़ा हुआ था। उसने पड़ोस में रहने वाले युवक पर फोटो वायरल करने का आरोप लगाया। पीड़िता का कहना है कि आरोपी ने उसे धमकी देते हुए कहा था कि, ‘हर जगह तेरे पोस्टर लगा देंगे।’ वहीं फोटो वायरल होते ही आश्रम प्रबंधन ने एक बैठक की और हरमेल दास को दोषी मानते हुए उन्हें आश्रम से बाहर निकाल दिया, ताकि बरसों पुराने आश्रम की बदनामी न हो। हरमेल दास ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि उन्हें बदनाम करने के लिए किसी ने उनके खिलाफ साजिश रची है। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि ये कौन कर रहा है लेकिन मेरे साथ गलत हो रहा है, मुझे बदनाम किया जा रहा है।’ तस्वीरों में दिखने वाले अय्याश बाबा और युवती, दोनों ही खुद को बेकसूर बता रहे हैं। वह इस हरकत को उन्हें बदनाम करने की साजिश बता रहे हैं लेकिन इस मामले में सच की तस्वीर तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगी। वहीं फोटो वायरल होते ही आश्रम प्रबंधन ने एक बैठक की और हरमेल दास को दोषी मानते हुए उन्हें आश्रम से बाहर निकाल दिया, ताकि बरसों पुराने आश्रम की बदनामी न हो। हरमेल दास ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि उन्हें बदनाम करने के लिए किसी ने उनके खिलाफ साजिश रची है। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि ये कौन कर रहा है लेकिन मेरे साथ गलत हो रहा है, मुझे बदनाम किया जा रहा है।’ तस्वीरों में दिखने वाले अय्याश बाबा और युवती, दोनों ही खुद को बेकसूर बता रहे हैं। वह इस हरकत को उन्हें बदनाम करने की साजिश बता रहे हैं लेकिन इस मामले में सच की तस्वीर तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगी। Click to Post
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सच्चा सौदा मुखी की सच्चाई अब डिम्पी ने बताई
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार मामले में सज़ा सुनाई जा चुकी है. फ़िलहाल वो जेल में अपनी सज़ा काट रहे हैं लेकिन उनके कुछ भक्तों के मन में उनके लिए अब भी उतना ही भरोसा है. इसका सबूत ट्विटर पर दिख रहा है. दरअसल गुरमीत राम रहीम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को भारत में फ्रीज़ कर दिया गया है. अब उनका कोई भी ट्वीट नहीं देखा जा सकता. हर ट्वीट की जगह आपको ‘भारत में गुरमीत राम रहीम का अकाउंट बंद कर दिया गया है’ लिखा नज़र आएगा. हालांकि इन पर रिप्लाई का ऑप्शन अब भी बरकरार है. ट्विटर अकाउंट फ्रीज़ होने से उनके अनुयायी काफ़ी निराश नज़र आ रहे हैं. लेकिन अभी भी डेरा सच्चा सौदा की अनुयाई महिलाओं में संत गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सान के प्रति श्रद्धा और मोहब्बत कम नहीं हुई .
डिंपी ने लिखा,”लव यू पापा जी, आपके सभी बेटे-बेटियां आपके साथ हैं. पापा जी, हमें
आप पर भरोसा है, आप जैसा चाहेंगे वैसा ही होगा. आपने हमें मानवता का पाठ पढ़ाया और सच्चाई की राह दिखाई.” एक ट्विटर यूज़र ने लिखा,”सतगुरु जी, और कुछ नहीं चाहिए. कोई मुराद नहीं है. बस आप सलामत रहें. आपको हमारी उमर लग जाए.” दिलजोत खन्ना का कहना है,”गुरु जी, क़ानून तो अंधा है और आप एक सच्चे संत हैं. फिर भी इस अंधे क़ानून का पालन करते हैं. लाखों बार सज़दा.” सोनाक्षी लिखती हैं,”हमारा सतगुरु पूर्ण है, पूर्ण रहेगा. हमारा अपने सतगुरु पर विश्वास अडोल था और अडोल रहेगा.” गुरमीत राम रहीम की पेशी से पहले हरियाणा और उसके आस-पास के इलाक़ों में कुछ लोगों ने डेरा का नाम बदनाम करने के लिए हिंसा और तोड़फोड़ की थी. पुलिस द्वारा गोली चलाने के बाद और भगदड़ मचने के कारण कई लोगों की मौत भी हो गई थी. Click to Post
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निजामुद्दीन बलात्कार में ग्रिफ्तार
Report By : Parveen Komal 9876442643 दिल्ली के एक बीजेपी नेता को रेप के आरोप में मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपी दिल्ली में भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुका है. लगभग चार महीने पहले एक महिला ने उसके खिलाफ रेप और अप्राकृतिक सेक्स करने का मामला दर्ज कराया था. फिलहाल, पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है. जानकारी के अनुसार, अजमेरी गेट निवासी भाजपा नेता और एडवोकेट निजामुद्दीन को बीते दिन मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार किया. आरोपी नेता पर एक महिला के साथ दुष्कर्म और अप्राकृतिक सेक्स करने का आरोप है. वह लगभग डेढ़ साल से महिला का शारीरिक उत्पीड़न कर रहा था. इसी दौरान आरोपी ने पीड़िता की अश्लील वीडियो भी बनाई थी. वह लगातार पीड़िता की वीडियो को इंटरनेट पर डालने की धमकी दे रहा था. रोज की धमकियों से तंग आकर पीड़िता ने मार्च 2017 में निजामुद्दीन के खिलाफ केस दर्ज कराया. जिसके लगभग 4 महीने बाद पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की. आरोपी के खिलाफ 2 अक्टूबर 2016 में भी आईपीसी की धारा 354 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था. आरोपी नेता को 2001 में भी फर्जीवाड़े के केस में तीन साल की सजा हुई थी. निजामुद्दीन 2013 में दिल्���ी के मटिया महल से बीजेपी टिकट पर चुनाव भी लड़ चुका है. फिलहाल, पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है. पुलिस अब मामले की जांच कर रही है. Click to Post
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सच्चा सौदा प्रकरण : झूठे चैनलों का गैंग बेनकाब
दर्शकों को उल्लू बनाकर अपना हलवा पूरी चलता रहने की भूख के मद्देनज़र एक बुद्धिजीवी पत्रकार होने का दम भरने वाले रजत शर्मा का इंडिया टी वी और कुछ अन्य चैनलों का गैंग जोर शोर से डेरा सच्चा सौदा की गुफा के नाम पर वहां के एक रेस्तरां कशिश के बेडरूम और कशिश के ही स्वीमिंग पूल की तस्वीरें दिखा कर अपना उल्लू सीधा करने के लिए भारत के नागरिकों को भ्रम में डाल रहा है और डेरा स��� जुड़े आम नागरिकों के बारे में उल जलूल बातें करके बेचैनी भरा हिंसात्मक माहौल पैदा कर रहा है.
इंडिया टी वी द्वारा गुफा के रूप में परचारित किया जा रहा कशिश रेस्तरां डेरा सच्चा सौदा से लगभग १ किलोमीटर की दूरी पर है और प्राइवेट ठेकेदारों द्वारा चलाया जा रहा है जहाँ डेरा प्रेमियों के इलावा अन्य आम नागरिक भी एक पिकनिक स्पॉट के तौर पर आते जाते रहते हैं . गौरतलब है कि कशिश नाम के इस आधुनिक रेस्तरां में आम जनता के लिए हर सुविधा मौजूद है और सैलानियों के लिए यहाँ की मिनी झील में बोटिंग का भी इंतजाम है.
इसके इलावा यहाँ वास्तु कला के रूप में शानदार सात अजूबे भी प्रतिमूर्ति के रूप में आम लोगों के मनोरंजन के लिए कुशल कारीगरों के द्वारा निर्मित किये गए हैं. इसके इलावा डेरा के क्रिकेट ग्राउंड के नजदीक एस एम् जी होटल और रिसोर्ट है जिसको शानदार तरीके से आम लोगों के लिए सजाया संवारा गया है. इंडिया टीवी और अन्य खबरिया चैनलों का गैंग इन संस्थानों के पुराने फोटो ही डेरे की गुफा के रूप में दर्शा रहा है .
असल में डेरा प्रबन्धन द्वारा घास ना डालने के कारण इंडिया टीवी और इस जैसे इक्का दुक्का दुसरे चैनल इन होटलों और रेस्तरां और वास्तुकला के नमूनों के फोटो इन्टरनेट से उठा कर इन्हें डेरा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम सिंह की गुफा के रूप में परचारित करके लोगों को गुमराह कर रहे हैं. इंडिया टीवी और दुसरे चैनलों पर गुफा के रूप में दिखाई जा रही ये तस्वीरें इन रेस्तरां व् पर्यटन स्थलों के प्रबंधकों द्वारा लोगों को सैर सपाटे की तरफ आकर्षित करने के लिए कई साल पहले ही इन्टरनेट पर डाल दी थीं जिसका सबूत इन तस्वीरों की पोस्टिंग की तारीख से पता चल सकता है . दूसरी तरफ लोग पूछ रहे हैं कि आखिर ये चैनल ऐसे घटिया हथकंडे क्यूँ अपना रहे हैं और देश के लोगों का भाईचारा क्यूँ खराब कर रहे हैं . Click to Post
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उफ़ क्या कर डाला रे इण्डिया टी वी-बाप रे बाप ! इतना बड़ा झूठ
इलेक्ट्रानिक मीडिया के कई चैनलों के सर से डेरा सच्चा सौदा का बुखार उतर गया लगता है लेकिन रज़त शर्मा जैसे बुद्धिजीवी पत्रकार का इण्डिया टी वी अभी भी टी आर पी बढ़ाने की ललक के चलते बगैर तथ्यों की जांच किये ऐसी ऐसी झूठी मनगढंत कहानियां सुना रहा है कि लोगों के कान भी हंसने लगे हैं l बाबा का पूर्व गनमैन होने का दावा करने वाला एक बैंत सिंह नाम का प्राणी ज्यों ही बताता है कि डेरा में साधुओं को मार कर डेरा के साथ गुज़रती भाखड़ा नहर में फेंक दिया जाता था , त्यों ही एंकर चीख चीख कर अलापने लगता है कि कातिल बाबा भाखड़ा में डाल देता था लाशें . बड़ी हास्यपद बात है कि सारी दुनिया की खबर रखने वाले चश्माधारी रज़त शर्मा के दूरदृष्टि रखने के दावेदार एंकरों संपादकों और गिद्धदृष्टि रिपोर्टरों को ये बात नहीं पता कि डेरा सच्चा सौदा सिरसा के इर्द गिर्द कोई भी भाखड़ा नहर नहीं गुज़रती . महज़ टी आर पी बढ़ाने की होड़ में इंडिया टी वी ऐसा झूठ परोसेगा और पढ़े लिखे लोगों को इस तरह बेवकूफ बनाएगा इस बात की उम्मीद कम से कम रज़त शर्मा के चैनल से तो नहीं की जा सकती थी. दर्शक पूछते हैं कि इण्डिया टी वी खबरिया चैनल है या नौटंकी शाला. सवाल ये पैदा होता है कि क्या झूठ तूफ़ान बोलकर दर्शकों को गुमराहकुन सूचनाएँ दे कर भ्रमित करना और समाज में अकारण भड़काऊ माहौल पैदा करना क्या किसी कानूनी प्रकिर्या के अंतर्गत आता है या नहीं ? और क्या मीया की जिम्मेवारी सिर्फ टी आर पी बढ़ा कर एक मिनट की खबर और 10 मिनट के इश्तिहार दिखाने तक ही सीमित है. Click to Post
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संतजी बाइज़्ज़त बरी - झूठा केस हुया फेल
हरियाणा के प्रमुख संत रामपाल को आज हिसार की जिला अदालत ने उनके 13 भक्तों सहित बाइज़्ज़त बरी करते हुए दोषमुक्त करार दिया. माननीय जज साहिब ने कहा कि क्यूंकि रामपाल और उनके समर्थकों पर दोष सिद्ध नहीं हुए इस लिए उनको बाइज़्ज़त बरी किया जाता है. हिंदू समाज के कई पर्मुख संतों ने बाबा रामपाल को इंसाफ दिए जाने पर अदालत का धन्यवाद किया है. Click to Post
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संतजी बाइज़्ज़त बरी - झूठा केस हुया फेल
केसंत रामपाल को आज हिसार की जिला अदालत ने उनके 13 भक्तों सहित बाइज़्ज़त बरी करते हुए दोषमुक्त करार दिया. माननीय जज साहिब ने कहा कि क्यूंकि रामपाल और उनके समर्थकों पर दोष सिद्ध नहीं हुए इस लिए उनको बाइज़्ज़त बरी किया जाता है. हिंदू समाज के कई पर्मुख संतों ने बाबा रामपाल को इंसाफ दिए जाने पर अदालत का धन्यवाद किया है. Click to Post
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रोहतक में रूहानी चमत्कार ? चैनल को मिली दिव्य दृष्टि?
क्या रोहतक में रूहानी चमत्कार हुआ था ? क्या एक खबरिया चैनल के पास दिव्य शक्ति आ गई थी ?
खबर का हैडिंग देखकर आप चौंक गए होंगे लेकिन एक खबरिया चैनल के पत्रकार हवा में से सूंघ सूंघ कर इस प्रकार से जेल के अंदर जज साहिब के सामने का हाल बता रहे थे जैसे महाभारत काल के संजय की तरह उन्हें भी दिव्य दृष्टि प्राप्त हो गई हो । जब चैनल की एंकर बताती थी कि हमारे फ़लाने संवाददाता हम से जुड़ चुके हैं तो कैमरा के सामने कोई दूसरा चेहरा होता था और फ़लाने पत्रकार दूसरी दिशा से कान पर मोबाइल फ़ोन लगाए टहलते आते थे और बताते थे कि बाबा अब चाय मांग रहे हैं , बाबा अब जज साहब के आगे कुर्सी पकड़ कर बैठ गए हैं । उनकी नकल बाकी कुछ उत्साही कलाकार भी कर रहे थे और उनके द्वारा प्राप्त बहुमूल्य ब्रेकिंग जानकारी को इस प्रकार चैनल परोस रहे थे कि दर्शकों को इस प्रकार का कल्पित माहौल नज़र आ रहा था जैसे असली अदालत की जगह फिल्मी अदालत हो । इस से पहले भी पंचकूला में ऐसी नौटंकी नज़र आई थी और अदालत लगने से एक दिन पहले वहां मौजूद प्रेमियोँ को उल्टे सीधे सवाल पूछ कर उतेजित किया जा रहा था । यहां तक कि मीडिया के कुछ चैनलों के पत्रकारों ने सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी करते हुए अपने वाहन असुरक्ष��त जगहों पर खड़ा किये जहां से ऐसे शरारती तत्वों ने , जिनका मकसद ही हिंसा फैलाना था , आसानी से अग्निभेंट कर दिया जिसका ठीकरा हरियाणा पुलिस के सिर फोड़ दिया गया । यहां तक कि खबरिया चैनलों के मियां मिट्ठू वातानुकूलित स्टुडियो में बैठ कर हरियाणा के मुख्यमंत्रीे मनोहर खट्टर और डी जी पी हरियाणा को मुअत्तल करने की नूरा कुश्ती लड़ने में मशगूल रहे । ऐनिमेशन के जरिये ऐसी ऐसी काल्पनिक गुफाएं दर्शकों को दिखाई गयीं और ऐसे ऐसे अजीबोगरीब टाइटल दिखाए गए कि दर्शकों को एक के बाद दूसरा चैनल बदलना पड़ रहा था. टी आर पी बढ़ाने के चक्कर में कुछ चैनलों पर भगवान श्री कृष्ण और भगवान श्री राम के नामों का भी मजाक उड़ाया गया. सवाल ये पैदा होता है कि जब सुरक्षा कारणों के चलते माननीय अदालत में सीमित लोगों की एंट्री थी, प्रिंट और अन्य मीडिया के अदालत के अंदर जाने की मनाही थी और बाहरी लोगों में बेवजह भड़काहट ना फैलने के कारण संचार साधन भी बंद थे तो कुछ चैनलों को इस तरह की सूचनाएँ कौन दे रहा था. Click to Post
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जज जगदीप सिंह लोहान जो सच्चा सौदा केस में सुनाएंगे ये फैसला
डेरा सच्चा सौदा पर साध्वियों के यौन शोषण मामले में फैसला आने में कुछ ही घंटे बाकी है। डेरा प्रमुख की पेशी से पहले पंजाब और हरियाणा की सीमाएं पूरी तरह सील है। चंडीगढ़ और पंचकूला में चप्पे-चप्पे पर पुलिस व अर्ध सैनिक बलों के जवान तैनात है। डेरा ���्रेमी फुटपाथ, स्कूलों और पार्को में डेरा डाल चुके हैं। जबकि हाइकोर्ट ने हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार को कानून व्यवस्था पर सख्त संदेश दिया है। ये हालात 25 अगस्त को डेरा मुखी संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा पर आने वाले सीबीआइ कोर्ट के फैसले के कारण बने हैं। यह फैसला न्यायिक सेवा के खास अधिकारी जगदीप सिंह ��ुनाने जा रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा पर साध्वी के यौन शोषण मामले में फैसला सुनाने के लिए जगदीप सिंह तैयार हैं। बता दें कि 15 साल पहले 2002 में डेरा मुखी पर दो साध्वियों के यौन शोषण का आरोप लगा था। जगदीप सिंह को पिछले साल ही सीबीआइ के विशेष जज के तौर पर पदस्थ किया गया है। जगदीप सिंह को बेहद न्यायप्रिय, सक्षम, कठोर, और सटीक रवैये वाले अधिकारी के तौर पर जाना जाता है। सीबीआइ
की विशेष अदालत में उनके सहयोगी भी उनकी शैली और प्रतिभा की तारीफ करते हैं। जगदीप सिंह हरियाणा के रहने वाले हैं। जगदीप सिंह 2012 में हरियाणा न्यायिक सेवा के अधीन सोनीपत में पदस्थ हुए थे। यह उनकी पहली पोस्टिंग थी। उनकी दूसरी पोस्टिंग सीबीआइ कोर्ट में की गई, जोकि हाइकोर्ट प्रशासन द्वारा लंबे विचार-विमर्श और निरीक्षण के बाद उन्हें मिली। अमूमन सीबीआइ कोर्ट जज नियुक्ति की प्रक्रिया आसान नहीं होती, लेकिन जगदीप सिंह की काबिलियत के चलते ही उन्हें हाईकोर्ट प्रशासन ने एक ही पोस्टिंग के बाद सीबीआई कोर्ट की जिम्मेवारी सौंप दी। न्यायिक सेवा में आने से पहले जगदीप सिंह पंजाब और हरियाणा कोर्ट में वकील थे। वे साल 2000 और 2012 में कई सिविल और क्रिमिनल केस लड़ चुके हैं। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से 2000 में कानून की डिग्री पूरी की। यूनिवर्सिटी के दिनों से जगदीप को जानने वाले एक अधिकारी कहते हैं कि वे कॉलेज के समय बेहद प्रतिभाशाली छात्र रहे हैं। जगदीप सिंह को बहुत ही मेहनती और ईमानदार न्यायिक अधिकारी माना जाता है। जगदीप सबसे पहले सितंबर 2016 में उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब वे हिसार से पंचकुला जा रहे थे। उस दौरान उन्होंने सड़क दुर्घटना में चार लड़कों की मदद की थी। सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हुए लोगों को देखकर सिंह ने एंबुलेंस को फोन किया। काफी देर बाद जब एंबुलेंस घटना स्थल पर नहीं पहुंची तो ऑपरेटर ने उन्हें बताया कि क्या ‘एंबुलेंस उड़कर आएगी’? तब उन्होंने किसी निजी वाहन को रुकवाकर घायल लोगों को हॉस्पिटल ले गए। चार लोगों का जीवन बचाने वाले जगदीप सिंह अब 25 अगस्त को डेरा प्रमुख के मामले में फैसला सुनाने जा रहे हैं। Click to Post
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देखिए पंजाब के डेरा समर्थकों की क्या है प्लानिंग? ਡੇਰਾ ਪ੍ਰੇਮੀਆਂ ਦੀ ਸਰਕਾਰ...
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मुस्लिम कटड़पंथियों के मुंह पर न्यायिक थप्पड़-मुस्लिम औरत हुई आज़ाद
तीन तलाक- तीन जजों का साहसिक कदम
बहुमत : इसाई, पारसी और हिन्दू जजों ने कहा गैर कानूनी है और ख़तम हो
अल्पमत : सिख और मुस्लिम जजों ने कहा धार्मिक प्रैक्टिस है, इसलिए कोर्ट इसमें दखल नहीं देगा सरकार कानून बनाये
Report : Parveen Komal 9876442643 बाकी जजों ने क्या दी रायदेश के सबसे जटिल सामाजिक मुद्दों में से एक तीन तलाक पर पांच में से तीन जजों जस्टिस कुरियन जोसफ, जस्टिस नरीमन और जस्टिस यूयू ललित ने एक साहसिक और एतेहासिक फैसला लेते हुए तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया। तीनों ने जस्टिस नजीर और सीजेआई खेहर की राय का विरोध किया। तीनों जजों ने तीन तलाक को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करार दिया। तीनों जजों ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 14 समानता का अधिकार देता है। इस फैसले का मतलब यह है कि कोर्ट की तरफ से इस व्यवस्था को बहुमत के साथ खारिज किया गया है। कोर्ट ने मुस्लिम देशों में ट्रिपल तलाक पर लगे बैन का जिक्र किया और पूछा कि भारत इससे आजाद क्यों नहीं हो सकता? हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि संसद को इस मामले पर कानून बनाना चाहिए। कोर्ट ने कानून बनाने के लिए 6 महीने का वक्त दिया है। सबसे पहले चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने अपना फैसला पढ़ा। च���फ जस्टिस ने कहा कि तीन तलाक संविधान के आर्टिकल 14 (समानता का अधिकार), 15 (धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव के खिलाफ अधिकार), 21 (मान सम्मान के साथ जीने का अधिकार) और 25 (पब्लिक ऑर्डर, हेल्थ और नैतिकता के दायरे में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन नहीं है। चीफ जस्टिस के मुताबिक, यह प्रथा सुन्नी समुदाय का अभिन्न हिस्सा है और यह प्रथाा 1000 सालों से चली आ रही है। चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस नजीर ने अल्पमत में दिए फैसले में कहा कि तीन तलाक धार्मिक प्रैक्टिस है, इसलिए कोर्ट इसमें दखल नहीं देगा। हालांकि दोनों जजों ने माना कि यह पाप है, इसलिए सरकार को इसमें दखल देना चाहिए और तलाक के लिए कानून बनना चाहिए। दोनों ने कहा कि तीन तलाक पर छह महीने का स्टे लगाया जाना चाहिए, इस बीच में सरकार कानून बना ले और अगर छह महीने में कानून नहीं बनता है तो स्टे जारी रहेगा। खचाखच भरा हुआ था कोर्ट रूम फैसले के वक्त कोर्टरूम नंबर 1 पूरी तरह खचाखच भरा हुआ था। कोर्ट रूम के बाहर तक वकीलों और पत्रकारों की भीड़ मौजूद थी। अमूमन फैसला सुनाए जाते वक्त कोर्टरूम के दरवाजे बंद होते हैं, लेकिन आज दरवाजे खुले थे। फैसला सुनाए जाते वक्त सभी याचिकाकर्ता और पक्षकार कोर्ट में मौजूद थे। बता दें कि चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुआई वाले 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने 11 मई से 18 मई तक सुनवाई के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। रोचक बात यह है कि इस केस की सुनवाई करने वाले पांचों जज अलग-अलग समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। चीफ जस्टिस खेहर सिख समुदाय से हैं तो जस्टिस कुरियन जोसेफ ईसाई हैं। आर. एफ नरीमन पारसी हैं तो यू.यू. दलित हिंदू और अब्दुल नजीर मुस्लिम समुदाय से हैं। केंद्र सरकार ने क्या कहा था
केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि संविधान कहता है कि जो भी कानून मौलिक अधिकार के खिलाफ है, वह कानून असंवैधानिक है। कोर्ट को इस मामले को संविधान के दायरे में देखना चाहिए। यह मूल अधिकार का उल्लंघन करता है। तीन तलाक महिलाओं के मान-सम्मान और समानता के अधिकार में दखल देता है। ऐसे में इसे असंवैधानिक घोषित किया जाए। सरकार ने कहा था कि पर्सनल लॉ धर्म का हिस्सा नहीं है। अनुच्छेद 25 के दायरे में शादी और तलाक नहीं हैं। साथ ही वह पूर्ण अधिकार नहीं है। शरीयत ऐक्ट 1937 में बनाया गया था। अगर कोई कानून लिंग समानता, महिलाओं के अधिकार और उसकी गरिमा को प्रभावित करता है तो वह कानून अमान्य होगा और ऐसे में तीन तलाक अवैध है। तीन तलाक के पक्ष में क्या दी गई राय ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ ��ोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि अनुच्छेद-25 यानी धार्मिक स्वतंत्रता के तहत परंपरा की बात है और संविधान पर्सनल लॉ को संरक्षित करता है। 1400 साल से यह आस्था चली आ रही है। सरकार चाहे तो पर्सनल लॉ को रेग्युलेट करने के लिए कानून बना सकती है। हिंदुओं में आस्था है कि राम अयोध्या में पैदा हुए हैं। ये आस्था का विषय है। सिब्बल ने कहा था, ‘तीन तलाक पाप है और अवांछित है। हम भी बदलाव चाहते हैं, लेकिन पर्सनल लॉ में कोर्ट का दखल नहीं होना चाहिए। निकाहनामा में तीन तलाक न रखने की शर्त के बारे में लड़की कह सकती है कि पति तीन तलाक नहीं कहेगा। मुस्लिम का निकाहनामा एक कॉन्ट्रैक्ट है। सहमति से निकाह होता है और तलाक का प्रावधान उसी के दायरे में है।’ कैसे हुई मामले की शुरुआत
उत्तराखंड के काशीपुर की शायरा बानो ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर ट्रिपल तलाक और निकाह हलाला के चलन की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। साथ ही, मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह प्रथा को भी चुनौती दी। शायरा ने मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव के मुद्दे, एकतरफा तलाक और संविधान में गारंटी के बावजूद पहली शादी के रहते हुए शौहर के दूसरी शादी करने के मुद्दे पर विचार करने को कहा। अर्जी में कहा गया है कि तीन तलाक संविधान के अनुच्छेद 14 व 15 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। इसके बाद, एक के बाद एक कई अन्य याचिकाएं दायर की गईं। एक मामले में सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने भी खुद संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस से आग्रह किया था कि वह स्पेशल बेंच का गठन करें, ताकि भेदभाव की शिकार मुस्लिम महिलाओं के मामलों को देखा जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल और नैशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी को जवाब दाखिल करने को कहा था। उदारवादी मुस्लिम भी थे खिलाफ वरिष्ठ मौलाना सैयद शहराबुद्दीन सलाफी फिरदौसी ने तीन तलाक और हलाला को गैरइस्लामी बताते हुए इसे महिलाओं पर अत्याचार का हथियार बताया था। इंडियन मुस्लिम्स फॉर सेक्युलर डेमोक्रेसी (IMSD) ने मौलाना फिरदौसी के बयान का स्वागत किया था। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएसपीएलबी) ने तीन तलाक के मामले में कड़े कानून की पैरवी की थी। एआईएसपीएलबी के प्रवक्ता मौलाना यासबू अब्बास ने कहा था कि शिया समुदाय में एक बार में तीन तलाक के लिए कोई जगह नहीं है। बोहरा वि��्वान इरफान इंजीनियर का कहना था कि तीन तलाक गैर इस्लामी है, लेकिन केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए। शिया समुदाय के नेता सलीम रिजवी ने कहा था, ‘हम तीन तलाक में यकीन नहीं करते और शिया समुदाय में इस पर अमल नहीं होता।’ वहीं, वरिष्ठ पत्रकार असद रजा का कहना था कि यह मुद्दा पुरूषवादी वर्चस्व से जुड़ा है और इसका कुरआन में कोई जिक्र नहीं है। Click to Post
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संत गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां का मामला-क्या होगा 25 अगस्त को
Report : Parveen Komal चंडीगढ़ : सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के संत गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां पर 25 अगस्त को सी.बी.आई. कोर्ट द्वारा आने वाले फैसले को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। दरअसल 17 अगस्त को सी.बी.आई. की विशेष अदालत में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ चल रहे साध्वी यौन शोषण मामले में सुनवाई हुई। जहां स्वास्थ्य का हवाला देकर गुरमीत राम रहीम अदालत में पेश नहीं हुए थे। जिसके बाद उन्हें 25 अगस्त को व्यक्तिगत रुप से पेश होने के आदेश हैं। इससे पहले भी डेराप्रमुख 2 बार कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर चुके हैं। इस मामले में डी.जी.पी बीएस संधू ने कहा कि यदि 25 अगस्त को डेरा प्रमुख कोर्ट में पेश नहीं हुए तो कोर्ट के आदेश की पालना की जाएगी। उन्होंने कहा कि कानून से बड़ा कोई नहीं होता है।
रामपाल प्रकरण से मिली सीख डी.जी.पी. का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश की सीमाओं पर नाकेबंदी कर दी गई है। सीमाओं से गुजरने वाले हर वाहन की चेकिंग की जा रही है। अन्य प्रदेशों के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है। उन्होंने कहा कि रामपाल प्रकरण से पुलिस को काफी कुछ सीखने को मिला है। वैसा माहौल सिरसा में नहीं पैदा होने दिया जाएगा। सिरसा डेरे जाने से किसी के भी नहीं रोका जा रहा। हर व्यक्ति को चेकिंग के बाद जाने दिया जा रहा है। हरियाणा के 9 जिले संवेदनशील: DGP हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बी.एस. संधू ने बताया कि सुरक्षा के इंतजाम को ��ेखते हुए पुलिसकर्मियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को नहीं होने दिया जाएगा। पंचकूला, सिरसा, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, हिसार, फतेहाबाद और जींद संवेदनशील स्थान हैं। यहां पैरा मिलिट्री फोर्स तैनात की जा रही है। बाकी जिलों में पुलिस को अलर्ट किया गया है। नौ जिलों में पैरा मिलिट्री फोर्स के पहुंचते ही फ्लैग मार्च शुरू कर दिया जाएगा। सिरसा व फतेहाबाद में धारा-144 लागू सिरसा में धारा-144 लागू कर दी गई है। ऐसे में हथियार, तलवारें, बरछा, भाला, चाकू, लाठी, लाठी, तलवार, गंडासी इत्यादि लेकर चलने, रोडवेज व अन्य सरकारी, गैर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जुलूस के रूप में पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं, हिसार में डीसी ने 24 अगस्त से अगले आदेशों तक धारा-144 लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। जबकि फतेहाबाद के डीसी ने जिले में धारा-144 लागू कर दी है, जोकि 31 अगस्त तक प्रभावी रहेगी। सिरसा में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट सुरक्षा के मद्देनजर सरकारी डॉक्टरों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं। सिविल अस्पताल में उपचाराधीन सामान्य मरीजों को छुट्टी दी जारी रही है। अस्पताल में 100 बेड रिजर्व रखा गया है। आपात स्थिति में घटनास्थल पर कितनी जल्दी पहुंचा जाए और एक साथ कई लोगों का उपचार कैसे किया जाए इसके लिए डाक्टर और कर्मचारी अभ्यास कर रहे हैं। हालात ज्यादा खराब होते हैं तो आईएमए भी सहयोग करेगा। शहर के करीब 30 प्राइवेट अस्पतालों को भी जोड़ने की तैयारी चल रही है। पंचकूला पहुंची बम निरोधक टीम CBI कोर्ट के फैसले से पहले ही बम निरोधक टीम पंचकूला पहुंच गई है जो चप्पे-चप्पे की जांच कर रहे हैं। अदालत के ग्राउंड फ्लोर से लेकर ऊपरी मंजिल के हर कमरे की बारीकी से टीम ने जांच की। इसकी अध्यक्षता सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर डॉ. प्रमीला राठी ने की। ये चेकिंग पेशी के दिन तक रोजाना होगी। अदालत परिसर की जांच के दौरान एसएसओ डॉ. राठी ने निर्देश दिया कि अदालत परिसर में एक भी पत्थर के टुकड़े नजर नहीं आने चाहिए। अदालत में परिसर में तैनात सिक्योरिटी इंचार्ज से कहा कि अदालत में आने वाले जजों को छोड़कर हर व्यक्ति और वकील की चेकिंग होगी। बिना चेकिंग के कोई भी अदालत में प्रवेश नहीं करेगा। अदालत में आने वालों की तीन जगहों पर चेकिंग होगी। Click to Post
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