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आदि शंकराचार्य ने अपनी पुस्तक मठाम्नाय-महानुशासनम के श्लोक 42 में चारों वेदों के अतिरिक्त पाँचवें वेद "सूक्ष्मवेद" का जिक्र किया है।
क्या आप जानते हैं सूक्ष्मवेद के विषय में?
जानने के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़िए पुस्तक "हिन्दू साहेबान नहीं समझे गीता, वेद, पुराण"।
আদি শঙ্করাচার্য তার গ্রন্থ মঠাম্নায়-মহানুশাসনম এর শ্লোক ৪২-এ চারটি বেদের অতিরিক্ত পঞ্চম বেদ "সুক্স্মবেদ" এর উল্লেখ করেছেন।
আপনি কি সুক্স্মবেদের বিষয়ে জানেন?
জানতে চাইলে Sant Rampal Ji Maharaj App থেকে ডাউনলোড করে পড়ুন গ্রন্থ "হিন্দু সাহেবান নেহি স��ঝে গীতা, বেদ, পুরাণ"।
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পঞ্চম বেদ "সূক্ষ্মবেদ" অধ্যাত্মের গোপন যুক্ত সম্পূর্ণ জ্ঞান। যা গীতা, বেদ, পুরাণ সহ অন্য ধর্মগ্রন্থগুলিতেও পাওয়া যায় না।
"সূক্ষ্মবেদ" এর জ্ঞান জানতে দেখুন Sant Rampal Ji Maharaj ইউটিউব চ্যানেল।
पाँचवें वेद "सूक्ष्मवेद" में अध्यात्म का रहस्य युक्त सम्पूर्ण ज्ञान है। जो गीता, वेद, पुराणों सहित अन्य धर्मग्रंथों में भी नहीं है।
"सूक्ष्मवेद" के ज्ञान को जानने के लिए देखिए Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel
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नशा करता है नाश
सौ नारी जारी करै, सुरापान सौ बार। एक चिलम हुक्का भरै, डूबै काली धार।।
सौ स्त्रियों से भोग करे और सौ बार शराब पीऐ, उसे जो पाप लगता है, वह पाप एक चिलम भरकर हुक्का पीने वाले को देने वाले को लगता है।
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संत गरीबदास जी ने बताया है कि
गरीब, परद्वारा स्त्री का खोलै। सत्तर जन्म अंधा हो डोलै।।
मदिरा पीवै कड़वा पानी। सत्तर जन्म श्वान के जानी।।
जो व्यक्ति अन्य स्त्री से अवैध सम्बन्ध बनाता है, वह 70 जन्म अंधा होता है। शराबी सत्तर जन्म तक कुत्ते के जन्म पाता है।
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পূর্ণ গুরু দ্বারা প্রদত্ত সঠিক মন্ত্রের মাধ্যমেই মোক্ষ সম্ভব। সন্ত রামপাল জী মহারাজই সঠিক মন্ত্র দেন, যার দ্বারা সকল কষ্ট, সকল রোগ দূর হয়ে, সনাতন পরম ধামে, যেখানে পরম শান্তি আছে, সেই মুক্তি লাভ হয়।
पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
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পূর্ণ গুরু দ্বারা প্রদত্ত সঠিক মন্ত্রের মাধ্যমেই মোক্ষ সম্ভব। সন্ত রামপাল জী মহারাজই সঠিক মন্ত্র দেন, যার দ্বারা সকল কষ্ট, সকল রোগ দূর হয়ে, সনাতন পরম ধামে, যেখানে পরম শান্তি আছে, সেই মুক্তি লাভ হয়।
पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
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511 वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के उपलक्ष्य में देश विदेश के 11 सतलोक आश्रमों में विशाल सत्संग, संत गरीबदास जी महाराज की अमरवाणी का अखंड पाठ, शुद्ध देसी घी से निर्मित विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, नशामुक्त कार्यक्रम, दहेजमुक्त विवाह जैसे अद्भुत समाज सेवी कार्यक्रम जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में सम्पन्न हो रहे हैं।
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पूर्ण परमात्मा के निमित्त किए भंडारे में रचनहार परमात्मा किसी न किसी रूप विराजमान रहते हैं। ऐसे भंडारे में प्रसाद ग्रहण करने वालों के भी बहुत से पापों को परमात्मा नष्ट कर देता है।
ऐसे ही महाभंडारे का आयोजन संत रामपाल जी महाराज के 11 सतलोक आश्रमों में होगा।
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#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
Sant Rampal Ji Maharaj
दिव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य
दिव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य परमात्मा कबीर साहेब द्वारा दिखाए गए मार्ग को जन-जन तक पहुँचाना है। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में इसे इस बार 14, 15, 16 नवंबर को मनाया जाएगा, जिसमें भक्त दिव्य भंडारे का आनंद लेते हैं, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं और धर्म के वास्तविक स्वरूप से परिचित होते हैं।
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#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
Sant Rampal Ji Maharaj
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में परमेश्वर कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु संतों को भंडारा करवाया था जो 3 दिन तक कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष को प्रारंभ हुआ था मंगसर (माघशीर्ष) के कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ था।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 14, 15, और 16 नवंबर 2024 को मनाया जायेगा।
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