Text
जहाना से पटना तक..
याद आया की एक शाम ऐसे ही छत से रोड को झांक रहे थे.. पटना के रंग रूप से चित-परिचित ना होने के कारण यहाँ की आबो हवा में घुलने के प्रयास में अग्रसर थे.. कुछ समझ तो आ नहीं रहा था.. फैशन - रंग रूप - लाइक्स / डिसलाइक्स - मजाक - लड़कियां - बकैती - भौकाल etc etc.. यहाँ कुछ भी हमारे जहाना जैसा नही था.. सब कुछ अलग है.. पैंट ऐसा की ना आप उसको हाफ कह सकते हैं.. ना फुल.. कपडे जितने छोटे रहे.. आप उतने ही 'औसम' लग रहे हैं.. लड़कियों को नसेड़ीयों गंजेड़ियों से ज्यादा मोहब्बत हुई पड़ी है.. सीधे लड़कों का कोई स्कोप नही नज़र आता.. घर / समाज ने सिखाया है.. रोड पे गाना सुनने वाले को अच्छा नही समझा जाता.. यहाँ सब वैसे ही हैं.. जो गाना सुन रहा है वो ड्यूड है.. हाँ एक चीज़ है जोकि जहानाबाद से मिलती जुलती है वो है भाषा.. जोकि चंद दिनों की मेहमान है.. लुगाईयां फोर व्हीलर चला रही हैं और लुग्गे सीट बेल्ट बाँध के व्हाट्सएप्प फोर्वार्डिंग में लगे हुए हैं.. रोड पे ट्रैफिक बहुत है.. कहीं सात रूपए में पूरा जहाना टेम्पू से धांग देने वाले लौंडे को कहीं भी जाना हो तो 10- 20 रूपए टेम्पू वाला ही ले लेता है.. 10 रूपए वाली कॉपी में (जिसके पीछे लूडो बना होता था) लिखने वाला कोई जहाना या छोटे शहर का लड़का 70-80 रूपए के रिंग वाले कॉपी में लिख रहा है.. हाफ पन्त का तो कोई निशान ही नही दिखा है अभी तक.. 'चन्दन सर' के ट्युशन में कोई बांड नहीं था.. लेकिन यहाँ है की क्लास फुल पैंट में ही जाना है.. बैग लोकल नहीं, SKYBAG ही रहना चाहिए.. बकैती भी खूब है.. दुपट्टा सरियाते शर्माने वाला कोई काम यहाँ नही होता.. दू दिन लड़की के ताड़िये तीसरा दिन लड़की बेड पर ! हवस यहाँ की हवा में अपनी पैठ बना चुकी है.. आप इससे निपट गए तो सही है.. नहीं तो खोजिये की किस दोस्त के फ्लैट खाली है.. :)) जहानबाद में किसी के गांड में इतना गुद्दा नहीं था की लड़की को 'गंडउट्ठी' मोटरसाइकिल पर बैठा के शहर धांग दे.. अब अगर कोई कमेन्ट बॉक्स में बकलोली पढने आ जाये तो बात अलग है.. लेकिन यहाँ कावासाकी से ज्यादा बुल्लेट आ R15 राज कर रहा है.. भौकाल भी अलगे है : अगर फ़ोन से फोटो खिचाईये तो उसको "snap click" कहेंगे.. और जैसे ही आपके हाथ में DSLR आ गिया तब आप "photoshoot" पे जाइयेगा ! ई लड़चटई हमको बेहद ख़राब लगा.. अरे उसको भी तो फोटो खीचना ही ना कहेंगे.. "PHOTOSHOOT" के रंडी रोना कहे रो रहे हो ?? इ का मतलब हुआ ? ख़ैर जे है ठीके है.. रहना तो पड्बे करेगा.. लेकिन एक बात है की हम्म नहीं बदलेंगे.. केतनो कुछ हो जाए इ सब बकचोदी नहीं पेलेंगे ! 20 बरीस बाद भी मोहितबा, मोहितबे रहेगा ! "guy" नही बनेगा ! मोहितबा ठरकी है.. लंठ है.. अगर इ सब आपको पढने में अच्छा नहीं लगता है त लंठेश बकचोदी भी पेलता है.. लेकिन इ सब चोंधरइ कभी नहीं करेगा ! ~ कभी नहीं ~ ~ मोहित / 30.07.17 / :))
0 notes
Quote
ई का बकलोली है ? जिसको देखो सब इयरफ़ोन लगा के चल रहा है रोड पर.. :/ ~ पटना !
0 notes