ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में परमेश्वर कबीर जी तेजोमय रूप में आकर काशी के लहरतारा तालाब में बालक रूप में कमल के फूल पर प्रकट हुए, इसके प्रत्यक्ष दृष्टा ऋषि अष्टानन्द जी थे। वहाँ से नीरू नीमा ने परमेश्वर कबीर जी को अपने घर ले आये।
♦️कबीर परमात्मा के दर्शन गरुड़ जी को हुए थे, कबीर सागर में 11वां अध्याय ‘‘गरूड़ बोध‘‘ पृष्ठ 65 (625) पर प्रमाण है कि परमेश्वर कबीर जी ने धर्मदास जी को बताया कि मैंने विष्णु जी के वाहन पक्षीराज गरूड़ जी को उपदेश दिया, उनको सृष्टि रचना सुनाई।
परमेश्वर कबीर जी ने गरुड़ जी को भी सत्य ज्ञान का उपदेश देकर शरण में लिया था।
🧩संत गरीबदास जी के बोध दिवस के उपलक्ष्य पर संत रामपाल जी महाराज जी के सभी सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय(19-21 मार्च 2024) नि:शुल्क भंडारा किया जाएगा। साथ ही दहेज मुक्त रमैणी अर्थात शादियां, रक्तदान शिविर का आयोजन, देहदान शिविर का आयोजन, एवं आध्यात्मिक प्रदर्शनी भी देखने को मिलेगी।
वर्तमान के सभी धर्म गुरु पितृ पूजा, भूत पूजा, श्राद्ध करवाते हैं !
गीता जी कहती है कि ये नहीं करना है फिर हम क्यों करते हैं?
मेरे अजीज हिंदुओं स्वयं पढ़ो अपने ग्रंथ
गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में प्रमाण है जिससे सिद्ध होता है जो पितृ पूजा (श्राद्ध आदि) करते हैं, वे मोक्ष प्राप्त नहीं कर पाते, वे यमलोक में पितरों को प्राप्त होते हैं।
संत रामपाल जी महाराज तत्वज्ञान से दहेजमूक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे है।
पूर्ण गुरु की पहचान यह भी होती है वह समाज में व्याप्त बुराइयों, कुरीतियों और पाखण्डवाद को अपने सच्चे ज्ञान से समाप्त करता है। आज के समय मे सन्त रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु है जो दहेजमुक्त, नशामुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे है।
510 वर्ष पूर्व झूठे गुरुओं द्वारा ईर्ष्यावश कबीर साहिब जी को काशी से निकालने हेतु झूठा प्रचार किया कि कबीर साहिब भंडारा करेंगे। जिससे 18 लाख लोग काशी में इकट्ठा हो गए, इस अवसर पर परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी ने 18 लाख लोगों को मोहन भोजन कराया तथा अपनी समर्थता का परिचय दिया और लाखों लोगों को अपनी शरण में लिया।
एक शेखतकी नाम के मुस्लिम पीर ने झूठी चिट्ठी लिखकर 18 लाख साधु संतों को आंमत्रण भिजवा दिया कि इस दिन कबीर सेठ भंडारा कराएंगे।
परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी ने सतलोक जाकर केशव बंजारा(व्यापारी) रुप बनाया फिर वहीं के हंसात्माओं(मनुष्यों) को बैल बनाकर खाने पीने का समान लादकर लाए और अद्भुत भंडारा कराया था।
🌬️ नशा सर्वप्रथम तो इंसान को शैतान बनाता है फिर शरीर का नाश हृदय है। शरीर के चार महत्वपूर्ण अंग हैं फेफड़े, लीवर, गुर्दे, हृदय। शराब सबसे प्रथम इन चारों अंगों को खराब करती है। इन सब से निजात पाने के लिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अवश्य सुनें।
🪔परमेश्वर कबीर जी ही सतलोक से जिन्दा महात्मा के रूप में आकर संत गरीबदास जी को मिले, नाम उपदेश दिया, उनको अजब नगर (सतलोक) में लेकर गए। जहाँ पर आनन्द ही आनन्द है, कोई चिन्ता नहीं, जन्म-मृत्यु, अन्य प्राणियों के शरीर में कष्ट आदि का शोक नहीं है।
🪔आज से लगभग 600 साल पहले जो कबीर परमात्मा नानक देव जी को मिले, बलख बुखारे के बादशाह अब्राहम सुल्तान अधम व दादू जी को मिले, वही परमात्मा सन् 1727 में गरीबदास जी को उनके खेतों में मिले व उनका उद्धार किया।
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