jeevan-original-blog
Jeevan - Original
3 posts
MD -BA Digital Outsourcing Since 2008. Love to Read & Write . Twitter @Jeevan_Original
Don't wanna be here? Send us removal request.
jeevan-original-blog · 7 years ago
Photo
Tumblr media
World in a Denial Mode !!! Part -1 "Terrorism" और "Terrorist" इसकी परिभाषा आज कल के समाज में किसी भी ब्यक्ति विशेष या देश को समझाने की जरूरत नहीं है । कम या ज्यादा सभी ने इस त्रासदी को देखा है , सुना है या खुद भुगता है । पर आज मैं इस निंदनीय और कायरतापूर्ण कार्य का विश्लेशण नहीं करूँगा क्योंकि रोज़ कोई न कोई बिकाऊ मीडिया इसपर दो तीन Expert बुलाकर चर्चा करवाते ही रहते हैं । आज यहां हम बात करेंगे आतंकवाद की जड़ की , क्या कभी किसी देश ने इसके बारे में खुले तरीके से बात की है ?? क्या कभी किसी देश ने यह हिम्मत जताई है के आतंकबादियों के मानसिक प्रबुर्ति की जड़ तक जाकर इसका पता लगाएं के यह आतंकवादी बने क्यों ?? हम सब जब लंबे समय केलिए बीमार पड़ते हैं , तब तरह तरह के Test किये जाते हैं यह पता लगाने केलिए के , आखिर हमारे शरीर में क्या और कहां समस्या छुपी हुई है । और जब तक हम उस समस्या पर वार नहीं करते तब तक हम स्वस्थ नहीं हो पाते । ठीक वैसे ही अगर हमें आतंकबाद की जड़ तक पहुंचना है तो यह कहाँ और क्यों पनपता है इस बारे में पड़ताल करने में कोई संकोच नहीं होनी चाहिए । तमाम देश और तमाम राजनेता बराक ओबामा से लेके नरेंद्र मोदी तक सभी यह कहने से बचते रहें हैं के आतंकवाद की जड़ क्या है । एक बार बराक ओबामा ने यह कहने की कोशिश की थी लेकिन उनके देश के ही धर्म निरपेक्ष बुद्धिजीवियों ने उनके इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा की । उसके बाद किसी भी देश के किसी भी नेता ने यह हिम्मत नहीं दिखाई । बराक ओबामा ने कहा था के - " हमारे मुस्लिम भाई और उनके परिबारों कों अपने बच्चों के पालन पोषण मैं खास ध्यान देने की जरूरत है" । अभी जो कुछ लोगों मेरे इस लेख को पढ़ने की कृपा कर रहे हैं उनके चेहरों पर यह भाव उत्तर आये होंगे कर में मुस्लिम सम्प्रदाय के विरोध में यह बातें लिख रहा हूँ । पर में मुस्लिम सम्प्रदाय के बारे में नहीं उस ज्ञान और संचेतन की कमी की बिषय पर लिख रहा हूँ , जो शायद उनके जीवन में कम प्रचलित है । जब मुम्बई हमले का आतंकी "अज़मल कस्साब" से पूछा गया के आखिर उसने ऐसा क्यों किया तो उसका जवाब था के - यह जेहाद है और ऐसे करने से उसे जन्नत मिलेगी और सबसे बड़ी बात , जन्नत में उसे उसके ऐशो आराम केलिए 72 हुर्र मिलेंगी । और सबसे आश्चर्य की बात यह थी के कस्साब ने इस बेतूकी बात पर विश्वाश करके इतनी बड़ी दरिंदगी को अंजाम तक दे दिया ।ऐसा कस्साब ने क्यों किया ?? इसके पीछे जाहिर सी बात यह है के उसमे उस ज्ञान की कमी का होना जो अच्छे और बुरे कर्मों में फर्क करता है । To be Continued ... By Jeevan Kumar Twitter @Jeevan_Original
0 notes
jeevan-original-blog · 7 years ago
Photo
Tumblr media
Prayers…
चाहे हम किसी भी धर्म को मानते हों । किसी को भी ��पना इश्वर स्वीकार करते हों , यह एक काम तो हम सभी करते हैं । Prayers , पूजा , प्रार्थना या सज़दा हमें सिर्फ उस परमात्मा से जोड़ता ही नहीं बल्कि हमारे हृदय को एक अदम्य शक्ति प्रदान करता है । पर कभी कभी इस बेहद ही शक्तिशाली माध्यम को हम ईश्वर से सिर्फ एक सुख सुविधा और जरूरत की चीजें मांगने का स्रोत समझ लेते हैं । और जो हम मांगते हैं वो ना मिलने पर हम ईश्वर से नाराज़ हो जाते हैं ।
हम हमेशा ये शिकायत करते हैं के ईश्वर हमारी प्रार्थना नहीं सुनते । या हम जो मांगते हैं वो हमको कभी नही मिलता । पर हम कभी भी यह सोच विचार नहीं करते के ऐसा क्यों होता है । ऐसा क्यों होता है के ईश्वर हमारे प्रार्थना अनसुनी करदेते हैं या उन तक हमारी प्रार्थना पहुंचती ही नहीं । इस बात को समझने केलिए हमें एक उदाहरण को समझना पड़ेगा , जब हम स्कूल या कॉलेज में जाते हैं तो साल भर पढ़ाई करने के बाद भी हमारे मेहनत पर ये Depend करता है के हमें कितने Mark या Number मिलेंगे । अगर हमारी तैयारी अच्छी होती है तो हमें अच्छे Mark मिलते हैं नहीं तो हम Fail हो जाते हैं । ठीक वैसे ही ईश्वर यह देखते हैं के जो हम उनसे मांग रहे हैं वो हम पाने के योग्यता रखते हैं या नहीं । अगर वो चीज़ पाने की क़ाबिलियत हम में है तो ईश्वर तुरंत हमारी प्रार्थना सुनते हैं । अगर हमारी योग्यता नहीं है तो ईश्वर हमें अबसर देते हैं और ज्यादा मेहनत करके काबिल बन ने की । इसी लिए हमें प्रार्थना के साथ साथ अपने आप को इतना योग्य बनाना होगा के अगली बार जब हम ईश्वर से कुछ प्रार्थना करें तो वो तुरंत उसका जवाब हमें दे ।
By Jeevan Kumar
Twitter @Jeevan_Original
0 notes
jeevan-original-blog · 7 years ago
Photo
Tumblr media
Image Source - Pinterest
आज मैं किसी काम से बैंक गया था । अचानक मेरी नज़र बैंक के PRO के पास खड़ी एक बूढ़ी महिला पर पड़ी , वो महिला कुछ परेशान सी नज़र आ रहीं थी ।
मेरा बैंक का काम लगभग खत्म होने ही वाला था के बैंक के केशियर ने बताया के Sir आपको अपना आधार नंबर भी यहां Mention करना पड़ेगा । मेने कहा आधार नंबर तो Already मेरे बैंक खाते में Attach किया हुआ है । पर केशियर ने अपने चश्मा से धूल हटाते हुए कहा के Sir अब 50000 रुपये से ज्यादा के लेनदेन पर आधार नंबर डालना जरूरी होगया है ।
अच्छा , मेने कहा ….. फिर अगर मोदी जी और 5 /10 साल टिक गए तो महज़ 50000 रुपये के लेनदेन केलिए वोटर आईडी कार्ड / राशन कार्ड / इलेक्ट्रिसिटी बिल /पासपोर्ट कॉपी /और दो पासपोर्ट साइज फोटो भी लेके आना पड़ेगा शायद !!! क्यों ???
बैंक का केशियर हंसा और कुछ लोग भी मुस्कुराने लगे । कुछ “भक्तों” के भवें खड़ी होगयी । कुछ “आपटर्ड” खुश होगये । कुछ “कांग्रेसी” दो तीन बुराइयां और करने लग गए । फालतू का टाइम ज्यादा न रहने के कारण अतः मैंने अपने आप को उस पोलिटिकल एजेंडे से अलग किया और ऑफिस जाने केलिए आगे बढ़ने लगा । जाते जाते मेरी नजर फिर उस बूढ़ी महिला पर पड़ी , वो अभी तक वहीं पर थी , शायद उसका काम पूरा नहीं हुआ था या उसे कुछ समझ नहीं आरहा था ।
उत्सुकता जागी तो पास गया । वहां जाकर यह समझने की कोशिश करने लगा के क्या होरहा है । बैंक का PRO उसे समझा रहा था के माताजी इस खाते में और दो हज़ार रुपये डलवाओ नहीं तो पैसे कटेंगे ।
वो महिला बेचारी शायद पूछना चाह रही थी क्यों पैसे कटेंगे ?? पर दबी हुई आवाज में यह कह रही थी “मेरा पैंशन एक हज़ार रुपये का आता है बेटा में और दो हज़ार रुपये कहाँ से लाऊंगी ??” PRO कह रहा था माताजी अगर 3000 रुपये से कम रखा तो पैसे कटेंगे आपके , देखो 60 रुपये काट लिये गये हैं ! बूढ़ी महिला यह सुनके थोड़ा झंझलाई …मतलब अभी खाते में कितना पैसा है बेटे ?? परेशान होते हुए PRO बोला माताजी 940 रुपये बचे हैं अभी खाते में । फिर से वो बूढ़ी औरत अंदर ही अंदर हल्के जुवान से बुदबुदाई , दो किलो चावल खरीद लेती इन पैसों से !!
कुछ हिम्मत जुटा ��े पूछी … पर बेटे , मेरे पैसे काटे किसने ??? और क्यों काटे ??
इसका सही जवाब PRO के पास नहीं था - और शायद मेरे पास भी नहीं …. पैसे निकाले बगैर वो बूढ़ी औरत वापस जारही थी । आंखों में उसके आँसू थे ,
और मेरी आँखें भी नम थीं …
शायद मेरी यह “आप बीती” कुछ भक्तों को पसंद ना आये , शायद मेरी यह “आप बीती” “कांग्रेसी” और “Aap वालों” को “BJP” पर कीचड़ उछालने का एक मौका लगे …मुझे उस से कोई फर्क नहीं पड़ता ,
क्योंकि उस बूढ़ी औरत को इन सब चीजों से कुछ नहीं मिलने वाला , काश कोई ऐसी सरकार होती जो इन जैसे लाखों बूढ़ी औरतों को रोने के लिए मज़बूर ना करती …. तब जाकर दुनिया में कुछ अच्छा हो रहा है इसका एहसास हो जाता ।
By - Jeevan Kumar Twitter @Jeevan_Original
0 notes