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साहिब वफ़ा करो इस ज़माने से अलग बेसबब मज़बूरिओ के नाम बेवफ़ाई का दौर है। हरमीत संधु।
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वैसे रंजिशें खून में बहती है और बदनाम हवा ये होती है वो सोच खफ़ा है जख्मों से जो रूह में खंजर बोती है। (प्रतिउत्तर-उबलता हुआ शेर) ✍हरमीतसंधू.
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everyday, so grateful. thank you. what a wonderful time to be alive
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अभी हल्का सा अधूरा है चाँद कल शाम तक पूरा होगा चाँद कल है बुद्ध पूर्णिमा। ये रास्ता है इच्छाओं से मुक्त यहां नही है दुखः के बन्धन यहां है आज़ादी 'मै' से ये रास्ता है परम आनन्द। शुभ रात्रि।
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🎴याद वो चेहरा☃
वक़्त का दरिया थम जाता है याद वो चेहरा जब आता है कितने ही अफ़साने दफ़न ��ैं मुलाकातों के कितने ही अरमान टूट गये ज़ज़्बातों के कितने ही लम्हें जख़्म है हालातों के क्यूं गम में कोने भीग गये बरसातों के ये गम बता कर कब आता है वक़्त का दरिया थम जाता है याद वो चेहरा जब आता है कहां गये रातो के साये अफ़सोस बहुत कुछ कह ना पाये हाथ छूड़ा के जाने वाले दिल से जुदा ना हो पाये किस्मत करती है मनमर्ज़ी काश उन्हे कोई मोड़ ले आय ये मोड़ बताना कब आता है वक़्त का दरिया थम जाता है याद वो चेहरा जब आता है मेरे जहन में कैसी बला जो अब जीने मरने की है जल्दी बर्बादी के आलम में यूं तन्हाई ने हद ही करदी बिखरे टुकडों को जोड़ा तो अश्क दिखाते है हमदर्दी ये दर्द बताना कब जाता है वक़्त का दरिया थम जाता है याद वो चेहरा जब आता है। ✍हरमीत संधू©
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🌹अमिताभ-अभिनन्दन💐 आप कला की उत्कृष्ता हो अभिनय की हो परिभाषा शून्य का असीम विस्तार हो अनंतता की हो अभिलाषा जड़ को चेतन करने में आप अश्तित्व का हो वन्दन आओ करें अमिताभ-अभिनन्दन आप संघर्ष की प्रतिमूर्ति से जग में शिखर हिमालय हो कर्मबोध से स्वयं बोध तक प्रियतम से देवालय हो योगी से ही रहते मोजी आपको कहां कोई बन्धन आओ करें अमिताभ-अभिनन्दन आप अभियन के जादूगर सृजन की बहती हाला हो कभी ख़ुशी-कभी गम में भावों का भरते प्याला हो शिव हो और शक्ति भी हो अमर प्रेम की मधुशाला हो आप आनंद का हो सम्पन्दन आओ करें अमिताभ-अभिनन्दन आप उम्मीदों की गंगा हो नवराष्ट्र का हो अभिषेक जन-मानस से जुड़े हुए हो राष्ट्रप्रेम का हो दिव्य-संदेश आपकी जय-जय सदा गूंजे आपका हम सब करते वंदन आओ करें अमिताभ-अभिनन्दन आओ करें अमिताभ-अभिनन्दन। #हरमीतसंधू✍
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सच में ज़िन्दगी में अफ़साने बहुत हैं हर नज़रिये के पैमाने बहुत हैं शिकायत ना कीजिए इश्क़ में कभी बर्बादियों के ओर बेहतर बहाने बहुत हैं। ©हरमीतसंधु✍
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⚗ख़ुद की तलाश☣
⚗ख़ुद की तलाश☣ ख़ुशी और गम के अलावा भी है ज़िन्दगी एक ख़ुदा रहनुमा है मेरा और एक मुकमल्ल साकी है मेरे अलावा कोई मेरा गैर नहीं यहां बस इस दिल को ख़ुद की तलाश बाक़ी है। ज़ितनी भी शिकायते हैं खुद से करो हज़ूर ज़माने से लड़ना कौन सी शाबासी है वक़्त मिला है तो हंस कर गुज़ार लो गुज़रे ज़मानों की यहां बस खाक़ बाकी है आदमी को हुस्न और हुस्न को दौलत पागल करने को ये बद-ह्वायत काफ़ी है इश्क़ की रहनुमाई सबके नसीब में नही यूं महोब्बत में मरना भी यहां इत्तेफाकी है लाओ अगर मोड़ ले आओ मेरे बिछड़े यारो को उनके बिना सब रौनके नाकाफ़ी हैं कह कर आया हूं की वापिस लौट आऊंगा अभी मेरा आखरी इम्तेहान बाकी है फिरंगी हवा सा चलना है मेरी फ़ितरत में यूं मेरा खुद में सिमट जाना तो बेबाकी है तुम मिल गए हो तो बहुत ख़ुब गुज़रेगी कोई दास्तां सुनाओ अभी तो रात बाक़ी है ख़ुशी और गम के अलावा भी है ज़िन्दगी एक ख़ुदा रहनुमा है मेरा और एक मुकमल्ल साकी है मेरे अलावा कोई मेरा गैर नहीं यहां बस इस दिल को ख़ुद की तलाश बाक़ी है। ✍हरमीतसंधु।
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