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devendra58 · 15 hours ago
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सतभक्ति से यहां भी सुख, परलोक में भी सुख
23
संत रामपाल जी से जुड़ते ही बदल गई जिंदगी पति ने छोड़ा नशा!
Minakshi Verma, Bilaspu 8:50)
मीनाक्षी वर्मा जी के पति बहुत नशा करते थे।
संत रामपाल जी महाराज जी से नाम लेने के बाद नशा बिल्कुल छूट गया।
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devendra58 · 2 days ago
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पेट का ट्यूमर हुआ छूमंतर
Shilaya, Sundargark 9:59
सतभक्ति से मिले अजब गजब सुख
संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेने के बाद ट्यूमर से मिला छुटकारा ।
देखें Sa True Story YouTube Channel.
VISIT
SA
True Story
सत्य घटनाओं पर आधारित
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र
+917496801823
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devendra58 · 4 days ago
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परमात्मा कबीर साहेब जी ही हैं।
ओग
शुग्वेद
हिन्दी भाष्य
७. ८ मण्डल
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 94 मन्त्र 1 में यह स्पष्ट है कि जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर है, वह (कवियन् व्रजम् न) कवियों की तरह आचरण करता हुआ पृथ्वी पर विचरण करता है।
वह परमात्मा कविर देव ही हैं।
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devendra58 · 5 days ago
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आलम बड़ा कबीर
भाई बाले वाली जन्म साखी के पृष्ठ 189 में लिखा हैः
खालक आदम सिरजिया आलम बड़ा कबीर। काईम दाइम कुदरती सिर पीरां दे पीर।।
श्री नानक जी ने कहा है कि काजी रूकनदीन ! जिस खुदा ने आदम जी की उत्पतत की है, वह बड़ा परमात्मा कबीर है। वही पृथ्वी पर सतगुरू की भूमिका करता है। वह सिर पीरां दे पीर यानि सब गुरूओं का सिरताज है। सब से उत्तम ज्ञान रखता है। वह कायम यानि श्रेष्ठ दायम यानि समर्थ परमात्मा (कुदरती) है। मुसलमान उसे अल्लाह कबीर कहते हैं।
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devendra58 · 5 days ago
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कबीर परमात्मा के प्रमाण श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में
गुरु ग्रंथ साहिव
जिंदा बाबा के रूप में कबीर परमेश्वर श्री नानक देव जी को मिले और उन्हें सच्चखंड दिखाया और अपने से परिचित करवाया और फिर उसी परमेश्वर को जब नानक जी ने काशी में धाणक जुलाहे के रूप में कार्य करते देखा, तब नानक जी ने गुरुग्रंथ साहिब के पृष्ठ 731 पर महला 1 में अंकित वाणी में कहा कि
अंधुला नीच जाति परदेशी मेरा, खिन आवै तिल जावै। ताकी संगत नानक रहंदा, किउ करि मूड़ा पावै।।
अधिक जानकारी के लिए देखें
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devendra58 · 6 days ago
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पाठक एवं एजेंट नो
0181-221212 jagbanippkesari.in
SUNDAY 27 JULY 2025.
रोहतक केसरी
सूर्योदय (कल) सूर्यसा (आम) 07.28
अगले 24 घंटों के दौरान आसिक बटल छाए रहेंगे।
दर क्वालिटी इंडेक्स
रोहतक
112
ROHTAK KESARI
शांतिपूर्वक हुई सी.ई.टी., शटल बस सेवा के माध्यम से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचे परीक्षार्थी
सुरक्षा के रहे पुख्ता प्रबंध, परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए 13 रूटों पर उपलब्ध करवाई गई शटल बस सेवा
बयन आयोग के स
परीक्षा केंद्र चनाए
मौजूद अभिभावकों से भी बायो wise rope wale tire
6 क्लस्टर स्थापित किए
परीक्षा केंद्र में जाने के लिए लगलाइन। की टीम तैनात
à seem are cope we get
परीक्षा को लेकर दिनभर मॉनिटरिंग करते रहे उपयुक्त
pragatye kitte
परीक्षा केंद्रों के बहर लगी लाइन
179269 में से 154 पर्वतों संचनी
परीश्त के बाहर परिजनों की लिस
एम्बुलेंस व चिकित्सकों
सिंह ने परीक्षा केंद्रों का किया
निरीक्षक
"कलयुग में सतयुग की शुरुआत"
रोटी, कपड़ा, शिक्षा और मकान, हर गरीब को देगा कबीर भगवान
- संत रामपाल जी महाराज
सच्ची सेवा की मिसालः
संत रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम से लाखों जिंदगियों में लौटी मुस्कान
लगता है कि कोई हमें संत रामपाल जी महाद्वारा बालि द्वारा समाज को दिया गया समाधान है लोगों सहायता से बाहर कर दियापी महाज के साह आदेश और दिशानिर्देशकेभियान के तहत उनके अनुयायी देशला निःशुक और पूर्णत रिष्मा या पहुंचा रहे है किस किसी सिस यह भूमि अनेक मायेमंत का मार्गदर्शन क बाग सकती है।
अन्नपूर्णा मुहिम से बदल गया लाखों गरीब परिवारों का भविष्य,
संत रामपाल जी महाराज
सेवा कार्यों की यौतरफ़ा पहुंच आसियाना (पक्का भवन, टूटे घरों की मान्यत बिजली-पानी, सम्मान और
लासों जरूरतमंदों को मिल रहा है राशन (भात, यावल, दाल, तेल, चाय पती, बाबुर सुमा दूध, मसाले, नमक और बाई का सामान और कपड़े)
लारों ज़रुरतमंद विद्यार्थियों को मिल रही है शिक्षा-संबंधी सहायता (प्रेस, वितायें, पेन पेंसिल, बैग, जूते-मोजे, स्कूल फीस, परीक्षा
शुल्क, ट्यूशन फीम
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devendra58 · 7 days ago
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रोटी, कपड़ा, शिक्षा और मकान, हर गरीब को देगा कबीर भगवान
हर गीय को देना कबीर भगवान।
कलयुग में सतयुग PARTOT की शुरुआत
01
संत रामपाल जी महाराज जी की अन्नपूर्णा मुहिम हर गरीब को दे रही है सम्मानजनक जीवन, जहां रोटी, कपड़ा, मकान और शिक्षा है सबके लिए सुलभ !
इस अनोखे बदलाव का गवाह बनिए ।
Factful Debates यूट्यूब चैनल पर देखिये विशेष वीडियो
कलयुग में सतयुग की शुरुआत
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devendra58 · 8 days ago
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रोटी, कपड़ा, शिक्षा और मकान, हर गरीब को देगा कबीर भगवान
सरकीय को देना कबीर भगवान
कलयुग में सतयुग PARTOT की शुरुआत
01
संत रामपाल जी महाराज जी की अन्नपूर्णा मुहिम हर गरीब को दे रही है सम्मानजनक जीवन, जहां रोटी, कपड़ा, मकान और शिक्षा है सबके लिए सुलभ !
इस अनोखे बदलाव का गवाह बनिए ।
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devendra58 · 9 days ago
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YouTube
Debates
SUBSCRIBE
संत रामपाल जी महाराज जी की अन्नपूर्णा मुहिम हर गरीब को दे रही है सम्मानजनक जीवन, जहां रोटी, कपड़ा, मकान और शिक्षा है सबके लिए सुलभ ! इस अनोखे बदलाव का गवाह बनिए ।
FACTFUL DEBATES यूट्यूब चैनल पर देखिये विशेष वीडियो
रोटी, कपड़ा, शिक्षा और मकान, हर गरीब को देगा कबीर भगवान
कलयुग में सतयुग की शुरुआत
PART 01
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devendra58 · 9 days ago
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बिन फेरे हम तेरे
बगैर किसी दिखावे, आडंबर या फिजूलखर्ची के संत रामपाल जी महाराज जी की शिक्षाओं से प्रेरित उनके शिष्य करते हैं दहेज मुक्त विवाह अथवा रमैनी।
सत्संग में दहेज रहित अनोखी शादी
ताजा के सपने को
बायको करते हुए भी दी गई। जिला संयो लिया और सामाजिक कु
ना सेहरा और ना दूल्हे-दुल्हन की क पोशाक, 16 मिनट में शादी पूर्ण
हरियाणा
बोलने से रोका मलिक गट ने वहीं से किया दिल्ली में बड़े आंदोलन का रामपाल अनुयायी बोले-यह मंच सियासी नहीं. भाजपा विधायक
अच्छी पहल
बाजीगरज
मिनट में 100 कर
एक दुतिका में कोई
उनमें धोत्र करात, दहेज, भात में जैसी प्रथाएं होती हैं। ठीक इसके विपरीत हुई
बिना फिजूलखर्ची के परिणय सूत्र में बंधे वर-वधू
पत्रिका
बीडला में बिना दहेजव
पवित्र पुस्तक जीने की राह
जीने की राह
FREE
बिना दहेज के मात्र
न कोई गान
मैडता-गोटन भार
परबतसर में हुआ अनूठा विवाह, संत की प्रेर के बाद 10 मिनट में सुनीता व चेतनदास बन
निःशुल्क पायें । अपना नाम, पूरा पता भेजें +91 7496801825
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devendra58 · 10 days ago
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बिन फेरे हम तेरे
अनोखा, अद्भुत 17 मिनट का विवाह
न तो बारात आई, ना ही दिखाई दिए पंडित
17 मिनट में बंधे 4 जोड़े परिणय सूत्र से
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
patrika.com
ग्वालियर आमतौर पर शादी में दुल्हन को मेहंदी, महावर आदि लगाकर सजाया जाता है। वहीं दूल्हे भी सज-धज कर तैयार होते है। इसके साथ ही शादी के लिए बाकायदा बारात भी आती है और पंडित जी मंत्रोच्चारण के बाद फेरे भी करवाते हैं। पर यदि आपसे ये कहा जाए कि इन रीति-रिवाजों को छोड़कर कोई शादी हुई हो तो थोड़ा आश्चर्य होगा।
शहर में रविवार को ऐसी ही शादियां देखने को मिली। कबीर पंथी संत रामपाल महाराज के अनुयायियों ने अपने बच्यों की शादियां गुरु परंपरा से कराई, इसमें महज 17 मिनट में 4 जोड़े परिणय सूत्र में बंध गए। इन शादियों का आयोजन पड़ाव पुल के पास स्थित श्रीकृष्ण धर्मशाला में किया गया। इस तरह से शादियां कराने के पीछे
श्रीकृष्ण धर्मशाला में आयोजित शादी समारोह में मौजूद वर-वधू।
पत्रिका
हजारों अनुयायी पहुंचे
इस शादी समारोह को देखने के लिए ग्वालियर शहर सहित दूसरी जगहों से कबीरपंथ को मानने वाले हजारो अनुयायी पहुंचे थे। धर्मशाला प्रांगण में सीधे-ऊपर और बाहर ये सभी मौजूद थे। साथ ही शादी होने वाली जगह पर सभी लोग अपने जूते-चप्पल उतारकर ही पहुंच रहे थे। इसके लिए बाहर ही जूत चपाल रखने के लिए सेवाधर बनाया गया था।
आयोजनकर्ताओं का कहना था कि समाज में व्याप्त दहेज प्रथा जैसी
बुराई और महंगाई में फिजूलखची पर रोक लगाना है।
ऐसे हुई शाली
करवी संत ठम सहारा के अनुको ओर से कराई गई सकिया कटने का तहिामी जोड़ों को धर्मशाला के खुले प्रांगण में एक साल बैशा विदा सा व्हां पर एक की गुरु वारी के साथ 17 मिनट में विवाह संकान हुआ। इस गुरु की में 33 करोड़ देवी-देवताओं की स्तुति की गई।
ये बंधे परिणय सूत्र में
विशाल संगपूर उस प्रियंका और मांजा लग
संत रामपाल जी महाराज जी और उनके शिष्य बना रहे हैं भारत को दहेज मुक्त।
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devendra58 · 11 days ago
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WHAT IS THE SECRET TO GOD SHIVA'S TRUE SPIRITUAL PRACTICE?
FIND OUT THIS SHIVRATRI!
FREE
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devendra58 · 12 days ago
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शिवरात्रि पर जानें, शिव जी की साधना का सही तरीका !
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devendra58 · 12 days ago
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श्रीमद्देवीभागवत, स्कन्ध 3, पृष्ठ 138 पर विष्णु जी स्वयं कहते हैं
?
कि मैं (विष्णु), ब्रह्मा और शंकर जन्म-मृत्यु में हैं अर्थात हम नाशवान हैं। तो अविनाशी परमात्मा कौन है? जिसका ध्यान शिव जी भी लगाते हैं?
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devendra58 · 14 days ago
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मुहिम
गा
BARGARH (CO)
तक !
अन्नपूर्णा मुहिम जाएगी जो पूर्ण रूप से नशामुक्त जीवन जीते हैं और मांस अथवा किसी भी
जब सबने छोडा
तब संत रामपाल जी महाराज
बने मसीहा!
संत रामपाल जी महाराज
कुश, बरगढ़, ओडिशा, अपनी 90 साल की दादी और बहन के साथ रहते हैं। कुश का चेहरा 90 प्रतिशत जल चुका है। घर में कमाने वाला कोई नहीं। झोपड़ी की छप्पर से पानी टपकता है, टॉयलेट बाथरूम की व्यवस्था नहीं है। ऐसी दुख भरी स्थिति का पता लगते हुए संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार उनके शिष्य ��ुरंत उन तक खाद्य सामग्री के साथ झोपड़ी के छप्पर को ढकने के लिए तारपोलिन शीट की व्यवस्था की। साथ ही, आश्वासन दिया कि इनकी आगे भी यह व्यवस्था जारी रहेगी तथा टॉयलेट बाथरूम, घर तथा बच्ची के लिए पढ़ाई की व्यवस्था भी गुरु जी के आदेशानुसार करेंगे।
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devendra58 · 15 days ago
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अकेली माँ की जिंदगी बदली !
संत रामपाल जी का अनमोल उपहार
अन्नपूर्णा मुहिम
संत रामपाल जी महाराज
अन्नपूर्ण मुहिम पूर्ण
छत्तीसगढ़ के जिला बलरामपुर की रहने वाली माता सुषमा का एक हाथ पैरालाइज्ड है। लेकिन इसी बीच संत रामपाल जी महाराज ने उनकी सुध ली और उन तक खाद्य सामग्री, कपड़े, बर्तन सहित अन्य सहायता पहुंचाई तथा यह सहायता आगे भी पहुँचाने का वादा उनके शिष्यों ने किया जिससे बुजुर्ग माता को मूलभूत आवश्यकताओं के लिए दुख का सामना न करना पड़े।
अधिक जानकारी के लिए देखें
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devendra58 · 17 days ago
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गुड्डा गुड्डी का खेल बंद करो, ढंग की पूजा करो
क्योंकि शिव हैं जन्म-मृत्यु में ।
शिव जी भी जन्म-मृत्यु में आते हैं; जिसका प्रमाण श्रीमद्देवीभागवत, स्कंध 3, अध्याय 4-5 में है।
संक्षिप्त देवीभागवत
[ तीसरा
हुए फिर में तमोगुणी लीला कारनेवाला शंकर क्या तुम्हारी संतान नहीं हुअर्थात् मुझे भी उत्पन्न करनेवाली तुम्हीं हो। शिये। सम्पूर्ण संसारकी मुष्टि करते तुम बड़ी चतुर हो। माता। पृथ्वी, जान, पवन, आकाश, अग्नि, ज्ञानेन्द्रिय, कर्मेन्द्रिय, बुद्धि, मन और अहंकार-ये सब तुम्हीं हो। इस चराचर जगत्‌को तुम्हीं बनाती हो। इसके बाद वे ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर तीनों सदा इसे सजानेमें व्यस्त रहते है। तुम शुद्धावस्यात्पन्न होनेवाले बह्या भी तुमहाने ही बालक देना तुम्हारा स्वभाव हैं। माता। यदि कहा जाय कि पृथ्वी, अप, पधारनेपर भी तुम सदा तेज, वायु और आकाश इन पाँच सगुण मुख्य विषय गायत्री तत्त्वोंसे जगत् स्वयं उत्पन्न हो सकता है तो भगवती और ॐ ये पाँच तत्व भी तुम्हारी ही कला हैं। तुमसे देवताओंकी रक्षाके पृथक् इन तत्वोंकी अभिव्यक्ति ही कैसे हो किया है। परिपूर्ण सकती है। माता। ब्रह्मा, विष्णु और महेशका सम्पूर्ण प्राणी अनित्य रूप धारण करके तुम्हीं जगत्‌की रचना करती ब्रह्माजीके अंश हैं। अपना हो। अतः सम्पूर्ण चराचर जगत् तुम्हारा ही रूप भी उन जीवोंका है। तुम भांति-भांतिके स्वांग बनाकर कौतूहलवश तुम इस अखिल अपनी इच्छाके अनुसार कौड़ा करती और नाट्य दिखलानेवाले शान्त भी हो जाती हो। संसारी सुष्टि सृष्टि और संहार स्थिति और संहारमें तुम्हारे सुष्ण सदा समर्थ तुम्हारा यह प्रभाव उन्हीं तीनों से उत्पन्न महाविष्णु देवी! तुम महाविद्या एर्व शंकर नियमानुसार कार्य जात्पर रहते हैं। विग्रह कल्याणमय है. हम ये तीनों देवता जो जगत्‌का कार्य संभालते देती हो। मैं बार रहते हैं, तुम्हारे ही रूप हैं। अतः सबका कारण तुम्हीं सिद्ध हुई। में, जह्या और विष्णु विमानपर चढ़कर जा रहे थे। हमें रास्तेमें नये-नये जगत् दिखायी पड़े। भवानी। भला, कहिये तो उन्हें किसने बनाया है? जगद‌म्बिके ! तुम अपनी कलासे इस जगत्‌का सुजन और संरक्षण करनेमें संलग्न रहती हो। कल्याणमयी माता।
सूर्य जगत्‌को प्रकाशित करता हो. यह सारा संसार तुम्हींसे उद्घासित हो रहा है। मैं, ब्रह्मा और शंकर हम सभी तुम्हारी कृपासे ही विद्यमान है। हमारा आविर्भाव और तिरोभाव हुआ बारता है। केवल तुम्हीं नित्य हो, जगज्जननी हो, प्रकृति और सनातनी देखी हो। यह निश्चय है कि बुद्धिमान् मनुष्योंकी बुद्धि और शक्तिशाली जनोंकी शक्ति तुम्हीं हो। कीर्ति, कान्ति और कमला तुम्हारे नाम हैं। तुम शुद्धस्वरूपा हो। कभी तुम्हारा मुख मलिन नहीं होता। मुक्ति ही है। मर्त्यलोकमें विरक्त रहती हो। वेदोंका तुम्हीं हो। स्वाहा, स्वधा, ये तुम्हारे रूप हैं। तुम्हींने लिये वेदशास्त्रोंका निर्माण समुद्रकी तरंगके समान हैं। ये सभी अजन्मा स्वयं कोई स्वार्थ न रहनेपर उद्धार करनेके लिये ही जगत्‌की रचना करती हो। नटकी भाँति तुम्हीं संसारकी किया करती हो। सर्वसाधारणको विदित है। स्वरूपिणी हो, तुम्हारा तुम सम्पूर्ण मनोरथ पूर्ण कर बार तुम्हारे चरणोंमें मस्तक झुकाता है।
तुम्हारे चरणकमलोंके अतिरिक्त त्रिलोकीमें
ब्रह्माजी कहते हैं-देवाधिदेव भगवान् विष्णु यों स्तुति करके चुप हो गये। तब महाभाग शंकरजी नम्रतापूर्वक योगमायाके सामने उपस्थित होकर कहने लगे।
भगवान् शंकर बोले- देवी। यदि महाभाग विष्णु तुम्हींसे प्रकट हुए है तो उनके बाद
SPIRITUAL LEADER RAMPAL JI
उत्तमः पुरुषस्त्वन्यः परमात्मेत्युदाहृतः । यो लोकत्रयमाविश्य बिभर्त्यव्यय ईश्वरः ॥ १७ ॥
उत्तमः, पुरुषः, तु, अन्यः, परमात्मा, इति, उदाहृतः, यः, लोकत्रयम्, आविश्य, बिभर्ति, अव्ययः, ईश्वरः ॥ १७ ॥
तथा इन दोनोंसे -
उत्तमः
पुरुषः
तु
अन्यः
उत्तम
पुरुष
तो
विभर्ति
सबका धारण-पोषण करता है (एवं)
अव्ययः
अविनाशी,
अन्य ही है,
ईश्वरः
परमेश्वर (और)
यः
जो
परमात्मा परमात्मा
लोकत्रयम् तीनों लोकोंमें आविश्य
इति इस प्रकार
प्रवेश करके
उदाहृतः
कहा गया है।
जबकि गीता अध्याय 15 श्लोक 17 के अनुसार उत्तम पुरुष, पूर्ण परमात्मा तो अविनाशी है जो सर्व का धारण पोषण करने वाला है।
पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा
X@SAINTRAMPALJIM
FREE
SANT RAMPAL JI MAHARAJ
निःशुल्क पायें। अपना नाम, पूरा पता भेजें +91 7496801823
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