Tumgik
deepakbafila · 2 years
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जो मिला है उसकी कद्र करो
क्योंकि जो हमें मिला है
वो अभी भी कई लोगों का सपना है
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deepakbafila · 3 years
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deepakbafila · 3 years
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deepakbafila · 3 years
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If you want to fly with the eagle. Don't swim with the ducks
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deepakbafila · 3 years
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deepakbafila · 3 years
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deepakbafila · 3 years
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deepakbafila · 3 years
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deepakbafila · 3 years
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DARKEST NIGHT WILL PRODUCE
THE BRIGHTEST STAR⭐
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deepakbafila · 3 years
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deepakbafila · 3 years
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deepakbafila · 3 years
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मुझे जब भी कुछ सीखना होता है
में अपने PAST से सीखता हूँ
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deepakbafila · 3 years
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I am Deepak Bafila.I am a uttrakhandi(PAHARI) .I live in small village HARIYAT NAGHAR in Uttarakhand which is near Berinag market under Pithoragarh district.
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deepakbafila · 3 years
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कहानी
अपने शोध के दौरान एक समुद्री जीवविज्ञानी ने पानी से भरे एक बड़े टैंक में शार्क को डाला. कुछ देर बाद उसने उसमें कुछ चारा मछलियाँ डाल दी.
चारा मछलियों को देखते ही शार्क (Shark) तुरंत तैरकर उनकी ओर गई और उन पर हमला कर उन्हें खा लिया. समुद्री जीवविज्ञानी ने कुछ और चारा मछलियाँ (Bait Fishes) टैंक में डाली और वे भी तुरंत शार्क का आहार बन गई.
अब समुद्री जीवविज्ञानी ने एक कांच का मजबूत पारदर्शी टुकड़ा उस टैंक के बीचों-बीच डाल दिया. अब टैंक दो भागों में बंट चुका था. एक भाग में शार्क थी. दूसरे भाग में उसने कुछ चारा मछली डाल दी.
विभाजक पारदर्शी कांच से शार्क चारा मछलियाँ को देख सकती थी. चारा मछलियों के देख शार्क फिर से उन पर हमला करने के लिए उस ओर तैरी. लेकिन कांच के विभाजक टुकड़े से टकरा कर रह गई. उसने फिर से कोशिश की. लेकिन कांच के टुकड़े के कारण वह चारा मछलियों तक नहीं पहुँच सकी.
शार्क ने दर्जनों बार पूरी आक्रामकता के साथ चारा मछलियों पर हमला करने की कोशिश की. लेकिन बीच में कांच का टुकड़ा आ जाने के कारण वह असफल रही. कई दिनों तक शार्क उन कांच के विभाजक के पार जाने का प्रयास करती रही. लेकिन सफल न हो सकी. अंततः थक-हारकर उसने एक दिन हमला करना छोड़ दिया और टैंक के अपने भाग में रहने लगी.
कुछ दिनों बाद समुद्री जीवविज्ञानी ने टैंक से वह कांच का विभाजक हटा दिया. लेकिन शार्क ने कभी उन चारा मछलियों पर हमला नहीं किया क्योंकि एक काल्पनिक विभाजक उसने दिमाग में बस चुका था और उसने सोच लिया था कि वह उसे पार नहीं कर सकती.
सीख
जीवन में असफ़लता का सामना करते-करते कई बार हम अंदर से टूट जाते हैं और हार मान लेते हैं. हम सोच लेते हैं कि अब चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, सफ़लता हासिल करना नामुमकिन है और उसके बाद हम कभी कोशिश ही नहीं करते. जबकि सफ़लता प्राप्ति के लिए अनवरत प्रयास आवश्यक है. परिस्थितियाँ बदलती रहती हैं. इसलिये अतीत की असफ़लता को दिमाग पर हावी न होने दें और पूरी लगन से फिर मेहनत करें. सफलता आपके कदम चूमेगी.
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deepakbafila · 3 years
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STRUGGLE
कहानी – तितली का संघर्ष : Story of Butterfly
एक बार एक लड़के ने पेड़ के पास एक तितली के खोल को देखा| उसने देखा कि तितली खोल से बाहर निकलने के लिए बार बार संघर्ष कर रही थी| उस लड़के को तितली पर दया आ गयी और उसने तितली की मदद करने की कोशिश की| उस लड़के ने खोल को तोड़ दिया और तितली को बाहर निकाल दिया| लेकिन कुछ ही देर में तितली मर गयी|
MORAL OF THE STORY
“जीवन एक संघर्ष है एंव इसका सामना प्रत्येक व्यक्ति को करना होता हैं|”
मुसीबतों से भागना, नयी मुसीबतों को निमंत्रण देने के समान है| जीवन में समय-समय पर चुनौतियों एंव मुसीबतों का सामना करना पड़ता है एंव यही जीवन का सत्य है|
अंग्रेजी में एक कहावत है –
“A smooth sea never made a skillful mariner”.
कोई भी एक ऐसा सफल व्यक्ति नहीं मिलेगा जिसने सफलता से पहले असफलता एंव मुसीबतों का सामना न किया हो|
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deepakbafila · 3 years
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Deepak bafila
कहानी
जिसने मुझे एक अच्छी सीख दी
एक शहर में बहुत ही ज्ञानी प्रतापी साधु महाराज आये हुए थे, बहुत से दीन दुखी, परेशान लोग उनके पास उनकी कृपा दृष्टि पाने हेतु आने लगे. ऐसा ही एक दीन दुखी, गरीब आदमी उनके पास आया और साधु महाराज से बोला ‘ महाराज में बहुत ही गरीब हूँ, मेरे ऊपर कर्जा भी है, मैं बहुत ही परेशान हूँ। मुझ पर कुछ उपकार करें’.
साधु महाराज ने उसको एक चमकीला नीले रंग का पत्थर दिया, और कहा ‘कि यह कीमती पत्थर है, जाओ जितनी कीमत लगवा सको लगवा लो। वो आदमी वहां से चला गया और उसे बचने के इरादे से अपने जान पहचान वाले एक फल विक्रेता के पास गया और उस पत्थर को दिखाकर उसकी कीमत जाननी चाही।
फल विक्रेता बोला ‘मुझे लगता है ये नीला शीशा है, महात्मा ने तुम्हें ऐसे ही दे दिया है, हाँ यह सुन्दर और चमकदार दिखता है, तुम मुझे दे दो, इसके मैं तुम्हें 1000 रुपए दे दूंगा। 
वो आदमी निराश होकर अपने एक अन्य जान पहचान वाले के पास गया जो की एक बर्तनों का व्यापारी था. उनसे उस व्यापारी को भी वो पत्थर दिखाया और उसे बचने के लिए उसकी कीमत जाननी चाही। बर्तनो का व्यापारी बोला ‘यह पत्थर कोई विशेष रत्न है में इसके तुम्हें 10,000 रुपए दे दूंगा. वह आदमी सोचने लगा की इसके कीमत और भी अधिक होगी और यह सोच वो वहां से चला आया.
उस आदमी ने इस पत्थर को अब एक सुनार को दिखाया, सुनार ने उस पत्थर को ध्यान से देखा और बोला ये काफी कीमती है इसके मैं तुम्हें 1,00,000 रूपये दे दूंगा।
वो आदमी अब समझ गया था कि यह बहुत अमुल्य है, उसने सोचा क्यों न मैं इसे हीरे के व्यापारी को दिखाऊं, यह सोच वो शहर के सबसे बड़े हीरे के व्यापारी के पास गया।उस हीरे के व्यापारी ने जब वो पत्थर देखा तो देखता रह गया, चौकने वाले भाव उसके चेहरे पर दिखने लगे.  उसने उस पत्थर को माथे से लगाया और और पुछा तुम यह कहा से लाये हो. यह तो अमुल्य है. यदि मैं अपनी पूरी सम्पति बेच दूँ तो भी इसकी कीमत नहीं चुका सकता. 
कहानी से सीख
हम अपने आप को कैसे आँकते हैं.  क्या हम वो हैं जो राय दूसरे हमारे बारे में बनाते हैं. आपकी लाइफ अमूल्य है आपके जीवन का कोई मोल नहीं लगा सकता.  आप वो कर सकते हैं जो आप अपने बारे में सोचते हैं.  कभी भी दूसरों के नेगेटिव कमैंट्स से अपने आप को कम मत आकियें.
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deepakbafila · 3 years
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