Don't wanna be here? Send us removal request.
Text
विक्रमी संवत 1570 (सन 1513) में परमेश्वर कबीर जी ने काशी (उ•प्र•) में 18 लाख साधु संतों को भंडारा करवाया था जो 3 दिन तक कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष को प्रारंभ हुआ था मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम(प्रथमा) को सम्पन्न हुआ था। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में तीन दिवसीय शुद्ध देसी घी से निर्मित निःशुल्क विशाल भंडारे का आयोजन 10 सतलोक आश्रमों में किया जा रहा है।
0 notes
Text
0 notes
Text
आज से 510 वर्ष पूर्व कपड़ा बुनकर आजीविका चलाने वाले समर्थ कबीर परमेश्वर ने तीन दिन तक 18 लाख साधु संतों को मोहन भंडारे से तृप्त किया था।
इसी उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 10 आश्रमों में विशाल धर्म भंडारे का आयोजन किया जायेगा, जिसमें आप सभी परिवार सहित सादर आमंत्रित हैं।
0 notes
Text
कबीर परमेश्वर की अद्भुत लीला
510 वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 10 सतलोक आश्रमों में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। आप सभी इस शुद्ध देसी घी से निर्मित भंडारे में सह परिवार सादर आमंत्रित हैं। आश्रम में रहने एवं भोजन भंडारे की व्यवस्था पूर्णतया निःशुल्क रहेगी।
0 notes
Text
अपरमपार पार गति तेरी, कित उतरी जल धारा।।
510 वर्ष पहले कबीर परमेश्वर द्वारा दिये गए काशी के अद्भुत तीन दिवसीय भंडारे(लंगर) में नौ लाख भोजन करने वालों को पानी भी मिट्टी के सकोरों में पिलाया जा रहा था जो उस समय प्रचलित थे। संत गरीबदास जी ने कहा है कि वह स्वच्छ पीने के पानी की धारा कहां से उतरी जो ऊपर से ट्यूबलवैल की तरह गिर रही थी। मटके भर-भरकर रखे जा रहे थे। उन्हीं से भण्डारे में पीने के लिए प्रयोग किया जा रहा था।
1 note
·
View note
Text
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
सन 1513 में 18 लाख लोगों को काशी में कबीर परमात्मा ने तीन दिन तक भोजन भंडारा कराया।
जिसमें 9 लाख बैल और एक लाख सेवादार सतलोक से आए थे। 9 लाख बैलों पर भंडारे की पूरी सामग्री लाए थे।
1 note
·
View note
Text
केशो आया है बनजारा, काशी ल्याया माल अपारा।।
नौलख बोडी भरी विश्म्भर, दिया कबीर भण्डारा।
510 वर्ष पूर्व परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी 18 लाख लोगों के लिए भोजन भंडारा सतलोक से लाये तथा प्रत्येक भोजन करने वाले को एक दोहर और एक मोहर दी। इसी को "दिव्य धर्म यज्ञ दिवस" के रूप में मनाया जा रहा है।
1 note
·
View note
Text
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
510 वर्ष पूर्व झूठे गुरुओं द्वारा ईर्ष्यावश कबीर साहिब जी को काशी से निकालने हेतु झूठा प्रचार किया कि कबीर साहिब भंडारा करेंगे। जिससे 18 लाख लोग काशी में इकट्ठा हो गए, इस अवसर पर कबीर जी ने 18 लाख लोगों को मोहन भोजन कराया तथा लाखों लोगों को अपनी शरण में लिया।
1 note
·
View note
Text
पवित्र गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में वर्णित सनातन परम धाम कौन सा है, जहां परम शांति है? और वह कैसे प्राप्त होता है?
जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
1 note
·
View note
Text
18 पुराण किस तरह के शास्त्र हैं?
पुराणों में किस तरह का ज्ञान दिया गया है?
जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
1 note
·
View note
Text
पवित्र गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में वर्णित सनातन परम धाम कौन सा है, जहां परम शांति है? और वह कैसे प्राप्त होता है?
जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
0 notes
Text
पूजा और साधना में क्या अंतर होता है?
जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
0 notes
Text
सतयुग, त्रेतायुग और द्वापरयुग में एक सनातन धर्म था तो कलयुग में मानव अनेक धर्म में क्यों बंट गया?
जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
0 notes
Text
वैष्णो देवी, नैना देवी, ज्वाला देवी तथा अन्नपूर्णा देवी के मंदिरों की स्थापना कैसे हुई?
जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
https://bit.ly/H-S-N-S-GVP
0 notes
Text
वैष्णो देवी, नैना देवी, ज्वाला देवी तथा अन्नपूर्णा देवी के मंदिरों की स्थापना कैसे हुई?
जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें
0 notes