संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का।
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प्रमाण प्रसिद्ध पुस्तक "भाई बाले वाली जन्म साखी"
संत रामपाल जी महाराज के अतिरिक्त अन्य कोई संत नहीं है जिनका जन्म जाट परिवार में हुआ हो और उनका प्रचार क्षेत्र बरवाला (हरियाणा) रहा हो।
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प्रमाण प्रसिद्ध पुस्तक "भाई बाले वाली जन्म साखी"
संत रामपाल जी महाराज के अतिरिक्त अन्य कोई संत नहीं है जिनका जन्म जाट परिवार में हुआ हो और उनका प्रचार क्षेत्र बरवाला (हरियाणा) रहा हो।
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प्रमाण प्रसिद्ध पुस्तक "भाई बाले वाली जन्म साखी"
संत रामपाल जी महाराज के अतिरिक्त अन्य कोई संत नहीं है जिनका जन्म जाट परिवार में हुआ हो और उनका प्रचार क्षेत्र बरवाला (हरियाणा) रहा हो।
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विश्नोई धर्म के संस्थापक संत जम्भेश्वर जी ने शब्द वाणी सं. 102 में कहा है कि हरि अर्थात परमात्मा हरियाणा में प्रकट होंगे। उनके द्वारा बताई शास्त्रोक्त भक्ति की साधना से मोक्ष का मार्ग प्राप्त होगा तथा निराशों की आशा जागेगी कि अब हमें यहाँ भी सुख मिलेगा तथा प्रलोक में भी तथा मोक्ष प्राप्ति अवश्य होगी। यह वाणी संत रामपाल जी महाराज पर खरी उतरती है
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the incarnation of Purna Parmatma Kabir saheb Ji of Sant Rampal ji maharaj ji
On the day of descent, there will be a dowry-free marriage.
Sant Rampal ji Maharaj is building a drug free and superstition free India.
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Sant Rampal ji Maharaj has that tatvgyan and moksha mantra so that the society can become drug-free, free of corruption and can go to Satlok, the place of worship.
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