यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 9 में कहा गया है कि जो लोग शास्त्र विरुद्ध साधना अर्थात अविद्या (देवी-देवताओं की पूजा) में लगे रहते हैं, वे अंधकार में जाते हैं।
जबकि वेदों के संक्षिप्त रूप गीता अध्याय 4 श्लोक 34, अध्याय 15 श्लोक 1 में कहा है कि तत्वदर्शी संत मिलने के पश्चात् परमेश्वर के परम पद अर्थात् सतलोक की खोज करनी चाहिए जहाँ गये हुए साधक फिर लौटकर संसार में नहीं आते अर्थात उनका पूर्ण मोक्ष हो जाता है। जोकि शास्त्र अनुकूल साधना से संभव है।
रिद्धि सिद्धि के दाता गणेश जी को तो सब जानते हैं लेकिन वह आदि गणेश कौन है जिनकी भक्ति साधना से सर्व सिद्धियां, सर्व सुख तथा पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है। देखें Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel
सतभक्ति न करने वाले या शास्त्रविरूद्ध भक्ति करने वाले को यम के दूत भुजा पकड़कर ले जाते हैं जबकि सतभक्ति करने वाला व्यक्ति परमात्मा के साथ विमान में बैठकर अविनाशी स्थान यानी सतलोक चला जाता है।
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संत रामपाल जी के शिष्य अपने गुरुदेव की शिक्षाओं के अनुसार, बिना किसी दहेज के विवाह कर समाज में नई राह दिखा रहे हैं। जिसका दृश्य सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश) में देखने को मिला, जहाँ 51 जोड़ों का 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी द्वारा सादगीपूर्ण तरीके से विवाह हुआ।
संत रामपाल जी बताते हैं कि मानवता की सेवा, परम कर्तव्य है। इसी को ध्यान में रखकर उनके शिष्यों ने सतलोक आश्रम धनाना धाम, हरियाणा में 335 यूनिट रक्तदान किया। जहाँ ब्लड लेने स्वयं रोहतक पीजीआई की टीम पहुंची।
संत रामपाल जी महाराज के 74वें अवतरण दिवस पर 6, 7 और 8 सितंबर 2024 को भारत समेत नेपाल के 10 सतलोक आश्रमों पर विशाल भंडारा और संत गरीबदास जी महाराज के अमरग्रन्थ की अमरवाणी का अखंड पाठ आयोजित किया जाएगा। यह भंडारा नि:शुल्क है और इसका गांव-गांव में प्रचार करके सभी को आमंत्रित किया गया है। अत: आप भी इस विशाल भंडारे में सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।