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#Bhandara_Invitation_To_World
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
संत रामपाल जी महाराज के आशीवाद से उनके सभी सतलोक आश्रमों में देसी घी के भंडारे का आयोजन 14 से 16 नवंबर 2024 तक किया जा रहा है। जिसमें सर्व मानव समाज सादर आमंत्रित है। आप सभी आकर आयोजन की शोभा बढ़ाएं व परमात्मा की अमर वाणी को श्रवण करें।
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#SantRampalJiMaharaj
कबीर परमेश्वर की अद्भुत लीला
दिव्य यज्ञ दिवस
511 वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस को संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी 14 से 16 नवंबर 2024 को सभी सतलोक आश्रमों में बड़े हर्सोल्लास से मनाने जा रहे हैं। आप सभी इस शुद्ध देसी घी से निर्मित भंडारे में सह परिवार सादर आमंत्रित हैं। आश्रम में रहने एवं भोजन भंडारे की व्यवस्था पूर्णतया निःशुल्क रहेगी।
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#Bhandara_Invitation_To_World
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#Bhandara_Invitation_To_World
आज से लगभग 511 वर्ष पूर्व कपड़ा बुनकर आजीविका चलाने वाले समर्थ कबीर परमेश्वर ने तीन दिन तक 18 लाख साधु संतों को मोहन भंडारे से तृप्त किया था। इस उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके सभी आश्रमों में 14 से 16 नवंबर 2024 को "दिव्य धर्म यज्ञ दिवस" अर्थात् विशाल धर्म भंडारे का आयोजन किया जायेगा, जिसमें आप सभी परिवार सहित सादर आमंत्रित हैं।
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#SantRampalJiMaharaj
विशाल भंडारा
उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम, फिरता दाणे दाणे नूं। सर्व कला सतगुरु साहेब की, हरि आये हरियाणे नूं।।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में कबीर परमेश्वर की लीला के 511 वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के उपलक्ष्य में 14-16 नवंबर 2024 को देश विदेश के सभी सतलोक आश्रमों में विशाल सत्संग, अखंड पाठ, शुद्ध देसी घी से निर्मित विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, नशामुक्त कार्यक्रम, दहेजमुक्त विवाह जैसे अद्भुत समाज सेवी कार्यक्रम सम्पन्न हो रहे है। जिसमें आप सपरिवार सादर आमंत्रित है।
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#Bhandara_Invitation_To_World
अद्भुत भंडारा
511 वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के उपलक्ष्य में 14 से 16 नवंबर 2024 को देश विदेश के 11 सतलोक आश्रमों में विशाल सत्संग, संत गरीबदास जी महाराज की अमरवाणी का अखंड पाठ, शुद्ध देसी घी से निर्मित विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, नशामुक्त कार्यक्रम, दहेजमुक्त विवाह जैसे अद्भुत समाज सेवी कार्यक्रम जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में सम्पन्न हो रहे हैं। आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।
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#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
#SantRampalJiMaharaj
आज से 511 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर ने नकली धर्मगुरुओं के षड्यंत्र को विफल करते हुए काशी में 18 लाख लोगों को तीन दिन तक मोहन भंडारा कराया था। साथ ही प्रत्येक भोजन के करने वाले को एक दोहर (कंबल) और मोहर (सोने का सिक्का), तथा सीधा (सूखा सामान - दाल, चावल, आटा, खांड आदि) दिया था।
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#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
#SantRampalJiMaharajविक्रमी संवत 1570 (सन् 1513) में कबीर जी ने काशी (उ.प्र.) में 18 लाख साधु-संतों के लिए तीन दिवसीय भंडारे का आयोजन किया। कार्तिक महीने की शुक्ल पक्�� में प्रारंभ हुआ यह भंडारा मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ। यह आयोजन उन लोगों के झूठे निमंत्रण के कारण हुआ था, जो कबीर साहेब से ईर्ष्या रखते थे और इस असंभव भंडारे को उनके लिए चुनौती मानते थे। कबीर साहेब ने केशव बंजारे का रूप धारण कर सतलोक से सारी सामग्री मंगवाई और साधु-संतों को तीन दिन तक भोजन करवाकर यह चमत्कार पूर्ण किया। आज संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों द्वारा इस दिवस को दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के रूप में श्रद्धा से मनाया जाता है,
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#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
#SantRampalJiMaharajदिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में कबीर परमेश्वर केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानी सतलोक से नौ लाख बोरी में भंडारा सामग्री बैलों पर रखकर व एक लाख सेवादारों के साथ काशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहां मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आया हो।
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#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
#SantRampalJiMaharajदिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन् 1513) में परमेश्वर कबीर जी ने काशी (उ०प्र०) में 18 लाख साधु संतों को भंडारा करवाया था जो 3 दिन तक कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को प्रारंभ हुआ था मंगसर (माघशीर्ष) के कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ था।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 14, 15, और 16 नवंबर 2024 को मनाया जायेगा।
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#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
#SantRampalJiMaharajविक्रमी संवत 1570 (सन 1513) में परमेश्वर कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु संतों को भंडारा करवाया था जो तीन दिन तक कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को प्रारंभ हुआ था व मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ था । वर्तमान में बंदीछोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 14 से 16 नवंबर को सभी सतलोक आश्रमों में मनाया जा रहा है।
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