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नमस्ते दोस्तों| ऐसे बहुत से लोग है जो खुद की एक अच्छी वेबसाइट बनाना चाहते है चाहे वो किसी भी काम के लिए हो| जैसे की वो अपने रोजगार के लिए या फिर किसी दुकान के लिए वेबसाइट बनाना चाहते है| या फिर बहुत सरे ऐसे youtuber है जो अपना खुद का वेबसाइट बनना चाहते है पर पैसे की कमी के कारण वो ऐसा नहीं कर पते है|
आज हम आपको एक ऐसा उपाय बताने वाले है जिस से की आप अपना वेबसाइट खुद से बना सकते है वो भी बिना किसी खर्च के जी हां ये हो सकता है और इसके लिए आपको ना तो ज्यादा खर्च करने की जरुरत है और न ही किसी कोर्स की.
ऐसे बहुत से लोग है जिनके पास की होस्टिंग और डोमेन नाम खरीदने के लिए पैसे नहीं होते है ऐसे में वो लोग कैसे अपना वेबसाइट बना सकते है| तो इस सवाल का पूरा पूरा जबाब है गूगल का ब्लॉगर प्लेटफार्म जिसके मदद से कोई भी अपना वेबसाइट मुफ्त में बना सकता है और उसे न तो डोमेन नाम की जरुरत है और न ही होस्टिंग की ये सभी चीजे गूगल आपको खुद देती है वो भी मुफ्त में.
blogger क्या है|
सबसे पहले हम आपको ये जानकारी दे देते है की ब्लॉगर होता क्या है| ब्लॉगर एक फ्री प्लेटफार्म है जो की गूगल के द्वारा बनाया गया है इस पर आप अपना वेबसाइट बना सकते है वो भी बिना किसी खर्च के पर इसमें भी कुछ चीजे है जो भी आपको नहीं मिलता है.
ब्लॉगर पर वेबसाइट बनाने के कुछ फायदे और कुछ नुकसान भी है वैसे तो ये फ्री है तो इसमें आपको पैसे की नुकसान की तो चिंता करने की बात ही नहीं है पर इसमें भी कुछ ऐसे चीजे है जो की आपको नहीं मिलता है| जो की मुफ्त होने के कारण आपको खोना परेगा.
ब्लॉगर के फायदे.
ब्लॉगर पे वेबसाइट बनाने का सबसे पहला फायदा ये है की ये बिल्कुल मुफ्त है और इसमें किसी भी प्रकार का कोई भी पैसा नहीं लगता है.
इसमें दूसरा फायदा ये है की इसमें जो होस्टिंग मिलती है आपको वो भी मुफ्त होता है और उस होस्टिंग की सर्विस यानि की आपके वेबसाइट की स्पीड भी बहुत अच्छी होती है. जैसा की आप जानते है की गूगल की वेबसाइट की स्पीड कितनी अच्छी होगी तो उसका फायदा आपको मिलता है.
इसमें डोमेन नाम आपको फ्री में मिलता है वैसे तो ये फ्री है पर इसमें आपको डोमेन नहीं मिलता है इस में आपको sub domain मिलता है.
ब्लॉगर पे वेबसाइट का नुकसान.
वैसे तो ब्लॉगर पे वेबसाइट का कोई नुकसान नहीं है कुय्की इसमें किसी भी तरह का आपका पैसा नहीं जा रहा है| फिर भी कुछ कमी मै आपको बता देता हूँ|
अगर आप ब्लॉगर पर फ्री वेबसाइट बनते है तो आपको डोमेन नाम नहीं मिलेगा आपका खुदा का डोमेन नहीं होगा वो गूगल का sub domain होगा यानि की अगर आप अपनी वेबसाइट का डोमेन कुछ भी चुनते है तो उसके पीछे आपको blogger.com लिखा हुआ मिलेगा इसे sub domain कहते है|
जैसे की उद्धरण के लिए मैं आपको अपने वेबसाइट का डोमेन के बारे में बताता हूँ मेरे वेबसाइट का डोमेन नाम है blogsbkr.com अगर मै इसे ब्लॉगर पर मुफ्त में बनता तो इसके पीछे आपको ऐसा मिलता|
blogsbkr.blogpost.com कुछ ऐसे डोमेन मेरा होता तो ये होता है sub domain.
ब्लॉगर पे वेबसाइट कैसे बनाये.
मैंने आपको ब्लॉगर के बारे में जानकारी दे दिया अब आप चाहते है की मै मुफ्त में अपनी वेबसाइट बनाना तो आपको बताते है की वो कैसे होगा.
ब्लॉगर पर वेबसाइट बनने के लिए आपको सिर्फ एक gmail खाते की जरुरत होती है जो की लगभग सभी के पास होता है और ये मुफ्त है अगर आपके पास नहीं है तो आप इसे मुफ्त में बना सकते है.
वेबसाइट बनाने की प्रक्रिया.
��ेबसाइट बनाने के लिए आपको सबसे पहेल इस वेबसाइट पे जाना होगा जिसका नाम है blogger.com इस वेबसाइट पे जाने के बाद आपको अपने गूगल अकाउंट से लॉग इन करना होगा.
लॉग इन करने के बाद आपको create a new blog मिलेगा उसमे सबसे पहेल अपने वेबसाइट का नाम डालना है|
उसके बाद आपको एक address डालना है ध्यान ये रखना है की इसमें जो भी नाम आप डालेंगे वो आपके डोमेन नाम में आयेगा तो इसे अपने हिसाब से अच्छे से डाले.
फिर आपको डिस्प्ले नाम डालना है जो की आपके वेबसाइट पे दिखई देगा जो की सब देख सकते है.इतना करते ही आपका वेबसाइट तैयार हो जाएगा|
अपनी वेबसाइट कैसे देखे.
अब आपकी वेबसाइट तैयार हो चूका है अब आप इसे देख सकते है इसके देखे के लिए आपको कुछ नहीं करना है आपको सिर्फ view your blog पे क्लिक करना है इसके बाद आप अपना वेबसाइट देख सकते है और आपका नया वेबसाइट बिल्कुल मुफ्त में तैयार हो चूका है अब आप इसे किसी भी तरह से काम में ले सकते है.
आप अपनी वेबसाइट को जिस तरह से चाहे वैसे बना सकते है और आप अपने काम में ले सकते है. ऐसे में आपको बहुत सरे मुफ्त Theme मिल जाते है जिसे आप काम में ले कर अपनी वेबसाइट को सुंदर और अच्छा बना सकते है .
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नमस्ते दोस्तों| आज हम जानकारी देने वाले है ऑनलाइन पैसे कमाने के एक बेहतरीन तरीके का बारे में| बहुत सरे ऐसे लोग है जो की ये जानते है की ऑनलाइन पैसे कमाए जा सकते है पर उन्हें एक अच्छा तरीका और ये पता नहीं होता है की हम शुरुआत कहा से करे ऐसे में वो यही सोचते रहते है की हमें भी ऑनलाइन कमाई करनी है पर शुरू कैसे करे|
वैस तो ऑनलाइन कमाई करने के बहुत सरे तरीके है और बहुत सरे लोग अलग अलग तरीके से पैसे कमा रहे है ऐसे में मै आपको एक सबसे अच्छा और सबसे आसन तरीका बताने वाला हूँ|
सबसे पहले हम बात करते है की ऑनलाइन कमाने का सबसे लोकप्रिय और सबसे अच्छे कुछ तरीके के ब��रे में ऐसे में सबसे अच्छा तरीका बहुत सरे लोगो को पता होने youtube और blogging पर इन दोनों में बहुत सरे लोग पैसे नहीं कम सकते है कुय्की इसमें बहुत ही ज्यादा मेहनत होती है और बहुत ही ज्यादा समय भी आपको देना होता है.
वैसे अगर आप ऑनलाइन पैसे कमाना चाहते है तो मेहनत तो सभी में है पर आज जो हम बताने वाले है उसमे थोडा सा कम मेहनत आपको करना होगा.
youtube और blogging से अच्छा कौन
youtube और blogging एक ऐसा फील्ड है ऑनलाइन पैसे कमाने का जिसमे पैसा तो बहुत है| मगर इसमें पैसा कमाने के लिए आपको बहुत ही ज्यादा सिखने और बहुत ही ज्यादा जानकारी की जरुरत होती है ऐसे में बहुत सरे लोग है जो की प्रयाश करते है पर वो इसमें सफल नहीं हो पते है ऐसे में आपको ऑनलाइन की दुनिया में एक और चीज है जिस से की आप अच्छे पैसे कमा सकते है वो है
Affiliate Marketing.
ये एक ऐसा जरिया है ऑनलाइन पैसे कमाने का जिस में आपको कुछ ज्यादा जानकारी न होने के बाद भी आप अच्छी खाशी कमाई कर सकते है|
बहुत से ऐसे लोग होंगे जो की इसके बारे में जानते होगे और बहुत से ऐसे लोग होंगे जिनको इसके बारे में कुछ भी पता नहीं होगा तो ऐसे में जिनको कुछ भी पता नहीं होगा वो सोच रहे होंगे की हम इसमें कमाई नहीं कर सकते तो ऐसा बिलकुल भी नहीं है आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ते पढ़ते ही इसके बारे में इतना जान जायेंगे की आपको लगेगा की हम भी इसमें कमाई कर सकते है|
सबसे पहले हम बताते है की Affiliate marketing होता क्या है.
Affiliate marketing एक तरह का ऐसा business होता है जिसमे आप किसी का किसी प्रोडक्ट यानि की किसी बस्तु को बेचते है. तो आपको उसके बदले कुछ प्रतिसत का लाभ यानि की उस सामान का जितना भी मूल्य होगा उसके मुताबकि आपको कुछ पैसे उसके कुछ प्रतिसत की हिसाब से दिया जायेगा.अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा की इस करना किस प्रकार से है तो मै आपको उसके बारे में भी जानकारी देंगे.
अब इसका कुछ और भी जानकरी दे देना चाहता हूँ की ये सामान आपका नहीं होगा ये किसी कंपनी का सामान आपको बेचना होगा. ऐसे में सब कुछ ऑनलाइन ही होगा और आपको ऑनलाइन ही इसे बेचना होगा.
इसे शुरू करने में लगत(पैसे) क्या लगते है.
अगर आप इस काम को करना चाहते है तो आपको इसमें कुछ भी पैसे खर्च करने की जरुरत नहीं होती है ऐसे में सिर्फ आपको ऑनलाइन कुछ सोशल प्लेटफार्म पर अपना अकाउंट यानि खाता बना होता है और आपको कुछ लोगो को उसमे जोड़ना होता है.
ये कोई भी कर सकता है ऐसा नहीं है की इसे करने के लिए आपको वेबसाइट या फिर youtube चैनल की जरुरत होगी. आप इसे कही भी कर सकते है.
इसका शुरुआत कैसे करे
मैंने आपको इसके बारे में जानकारी दे दिया की ये क्या है और कैसे आपको पैसे मिलते है और आपको कितना खर्च करना होता है इस काम को करने के लिए.
अब हम बताते है की इसका शुरुआत कैसे होता है. इसको शुरू करने के लिए आपको कोई भी eCommerce वेबसाइट को चुनना होगा ऐसे में वो कोई भी वेबसाइट हो सकी है| जितने भी eकॉमर्स वेबसाइट होती है वो अपने वेबसाइट पर Affiliate का program चलती है ऐसे में आप किसी के पास भी जा सकते है जैसे की ebay,amazone,flipkart और भी अलग अलग वेबसाइट है जो ये program चलती है.
सबसे पहले तो आपको उनके Affiliate marketing के program से जुरना होगा उसके बाद आप कमाई कर सकते है|
Affiliate marketing के program में ��ुरने के लिए आपको उनके वेबसाइट पर जाना होगा और Affiliate program पर क्लिक कर के ज्वाइन करना होगा आपको उनका एक Affiliate अकाउंट बनाना होगा.
जैसा की अभी आप निचे देख रहे है.
सबसे अच्छा और सबसे ज्यादा कमाई किस वेबसाइट में है.
सबसे अच्छा और सबसे ज्यादा कमाई वाला वेबसाइट के बारे में आप लोग जरुर सोच रहे होंगे ऐसे में मै आपकी इसमें भी मदद कर देता हूँ|
अगर आप सबसे बेहतर और सबसे अच्छा वेबसाइट जानना चाहते है तो वो है amazon ये सबसे अच्छा और सबसे ज्यादा प्रतिसत आपको दे सकता है इसके किसी भी प्रोडक्ट पर तो आप amazone का वेबसाइट जरुर ज्वाइन कर सकते है आपके लिए ये बेहतर होगा.
product कैसे sell करे और कमाई कैसे करे ज्यादा
प्रोडक्ट sell करने का सबसे अच्छा तरीका है आपका सोशल मीडिया जैसे की फेसबुक,youtube,instagram,whatsapp group और भी कई सरे है जिस पर की आप अपना प्रोडक्ट बेच सकते है.
जैसे की अगर आपके पास अच्छे group है फेसबुक की जिसमे की बहुत ही ज्यादा लोग जुरे हुए है तो आप को उसमे अपने लिंक को शेयर करना है और लोग अगर उस लिंक को क्लिक कर के कोई भी सामान खरीदते है तो आपको लाभ होगा और आपको पैसे मिलेगा.
किसी वेबसाइट में कैसे अपना Affiliate अकाउंट बनाये.
अगर आपको Affiliate अकाउंट बनाना नहीं आता है तो मै आपको एक विडियो निचे दे रहा हूँ जिसे देख कर आप आसानी से अपना अकाउंट भी बना सकते है और इस काम को शुरू कर सकते है.
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नमस्ते दोस्तों| बहुत सरे ऐसे लोग होते है जो खुद का वेबसाइट बनाने के बारे सोचेते है और वो खुद की एक वेबसाइट बनाना चाहते है पर उनको पता नहीं होता है की एक वेबसाइट कैसे बनता है और किस तरह से एक वेबसाइट बना कर हम अच्छे पैसे भी कमा सकते है.
तो आज की इस पोस्ट में मै आपको वेबसाइट बनाने के बारे में जानकारी दूंगा जिस से की आप खुद की एक वेबसाइट बना सकते है और उसे किस भी प्रकार के काम के लिए उपयोग कर सकते है.
वेबसाइट क्या है और किन चीजो में उपयोग होता है.
सबसे पहले हम आपको ये बताते है की वेबसाइट होती क्या है और आप इसको किन चीजो में उपयोग कर सकते है और आपके लिए ये किस काम में आती है.
वेबसाइट एक तरह का पेज होता है जो की वेब यानि की इन्टरनेट पर मौजूद होता है ये पेज अलग अलग लोगो के द्वारा या संस्थानों के द्वारा चलाया जाता है .
वेबसाइट कई तरीके के होते है एक वेबसाइट होता है e कॉमर्स,ब्लॉग,न्यूज़ वेबसाइट,कंपनी की वेबसाइट,portal, और भी कई तारीखे के वेबसाइट होती है साथ में दोस्तों वैसे जगह जिन से आप गाने विडियो या फिर फिल्म डाउनलोड करते है वो भी वेबसाइट ही होता है|
कई छोटे उद्योगों के लिए भी वेबसाइट होती है जैसे छोटा दुकान वाले लोग भी वेबसाइट बनवाते है ताकि वो अपने costumer का ऑडर ऑनलाइन ले सके तो वेबसाइट ये होता है ��र इस तरह के काम में आता है.
वेबसाइट क�� लिए कितने पैसे लगते है.
अब आप सोच रहे होंगे की एक वेबसाइट बनाने में कितने पैसे लगते है और इस से कमाई कितनी होती है तो वेबसाइट से कमाई के बारे में हम निचे आपको जानकारी देंगे सबसे पहले हम बात करते है की वेबसाइट बनाए या बनवाने में कितने पैसे लगते है.
एक वेबसाइट बनाने के लिए कुछ चीजो की जरुरत होती है जैसे की एक डोमेन नाम और एक होस्टिंग की| अब आप सोच रहे होंगे की ये डोमेन नाम और होस्टिंग क्या होता है तो हम आपको इसके बार में भी जानकारी देते है.
डोमेन नाम क्या है.
डोमेन नाम एक तरह से आपका इन्टनेट पर एक पहचान होता है इस नाम से आपको इन्टरनेट पर एक जगह मिलता है जिस से की लोग आपको जानते है डोमेन नाम सभी का अलग अलग होता है|
जैसे की आप अभी जो पोस्ट पढ़ रहे है उस वेबसाइट की डोमेन नाम यानि की मेरे वेबसाइट का डोमेन नाम है blogsbkr.com ये हमारा पहचान होता है इन्टरनेट पर.
अगर अभी आप अपने वेब ब्राउज़र में टाइप करे blogsbkr.com तो आप हमारे वेबसाइट पे साइड आ सकते है और जो भी पोस्ट हमरे वेबसाइट पे है वो आप पढ़ सकते है.
डोमेन नाम कैसे रजिस्टर करे
डोमेन नाम रजिस्टर करने के लिए आपको किसी भी रजिस्टार के पास जाना होगा ऑनलाइन रजिस्टर के पास आप को कही जाने की जरुरत नहीं है आप ऑनलाइन ही रजिस्टर कर सकते है आप को रजिस्टर के पास जाना है जैसे की godaddy.com, bigrock.in और भी कई सरे रजिस्टार है जो की डोमेन नाम रजिस्टर करते है तो आप उन सभी में से किसी के पास भी जा सकते है और अपना डोमेन नाम रजिस्टर करवा सकते है.
डोमेन नाम रजिस्टर करवाने के लिए आपको कुछ पैसे भी लगते है जो की 99 रूपए से ले कर 3000 तक हो सकता है.
होस्टिंग क्या होता है और कैसे ले
डोमेन नाम लेने के बाद आपको होस्टिंग की जरुरत होती है उस से पहले हम आपको बताते है की ये होस्टिंग होता क्या और ये क्या काम करता है.
होस्टिंग एक तरह से आपका जमीन है जैसे की आप अगर एक दुकान शुरू कर रहे है तो आपको जमीन की जरुरत होती है वैसे ही आपको होस्टिंग की जरुरत होती है.
होस्टिंग का काम ये है की आप जितने भी चीज अपनी वेबसाइट पर अपलोड करते है वो सभी डाटा को स्टोर करने के लिए होस्टिंग की जरुरत होती है और वो स्पेस होता है आपका ऑनलाइन अपने डाटा को रखने का तो इसे लेना भी आपको जरुरी है तभी आप अपना वेबसाइट लाइव कर सकते है.
इसको लेने के लिए भी कई कंपनी है जो की होस्टिंग देती है तो आप किसी के पास भी जा कर ��नलाइन होस्टिंग ले सकते है.
जैसे /www.a2hosting.in/,www.siteground.com, और भी कई कंपनी है जिस से आप होस्टिंग ले सकते है.
वेबसाइट कैसे बनाये
अब आपने डोमेन नाम और होस्टिंग ले लिए इसके बाद आप अपनी वेबसाइट बनाने के बारे में सोच रहे होंगे तो उसके लिए आपको क्या करना होगा हम बताते है|
अगर आपको कोडिंग की जानकारी नहीं है तो वेबसाइट बनाने के लिए आपको सबसे अच्छा तारीख होता है वर्डप्रेस इस इस आप आसानी से बिना कोडिंग के जानकारी के भी एक अच्छा वेबसाइट बना सकते है|
और अगर आप किसी वेबसाइट बनाने वाले से वेबसाइट बनवाते है तो वो आपको 3 हजार से ले कर 10 हजार तक चार्ज कर सकता है एक वेबसाइट बन्ने का .
तो अगर आप चाहते है की आप खुद से वेबसाइट बनाये तो आप वर्डप्रेस का इस्तमाल कर कर के वेबसाइट बना सकते है और आप अपनी वेबसाइट आसानी से बना सकते है.
वेबसाइट से पैसे कैसे कमाए
अब आपके मन में आ रहा होगा की वेबसाइट से पैसे कैसे कमाए जाते है| वेबसाइट से पैसे कमाने के एक आसन सा उपाय है आप किसी भी ad netwrok से अपने वेबसाइट पर ad लगा कर आप पैसे कामा सकते है ऐसे में आप किसी भी ad नेटवर्क का इस्तमाल कर सकते है पर सबसे अच्छा और सबसे लोकप्रिय ad network है गूगल adsense इसका इस्तमाल कर के आप अपने वेबसाइट पर ad लगा कर पैसे कम सकते है|
गूगल adsense सबसे अच्छा और सबसे भरोसे का ad network है जिसका इस्तमाल लगभग सभी करते है. ऐसे में आप इस से ad लगा कर पैसे कामा सकते है.
इस तरह से आप अपना खुद का वेबसाइट बना सकते है साथ ही अगर आप चाहे तो उस वेबसाइट से पैसे भी कामा सकते है.
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नमस्ते दोस्तों! जैसा की आप लोग जानते है की आज कल सभी चीजे ऑनलाइन हो चुकी है ऐसे में लोग ऑनलाइन पैसे भी कमाना चाहते है पर लोगो को इसके बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं होने के कारण लोग ऑनलाइन से पैसे नहीं कामा पते है|
पर मै जनता हूँ की ऐसे बहुत सरे लोग है जो अभी भी ऑनलाइन कुछ करने के लिए हर दिन कुछ न कुछ इन्टरनेट पर खोजते रहते है ऐसे में मै आपको कुछ ऑनलाइन कमाई के बारे में जानकारी देने वाला हूँ जैसा की आप लोग जानते है की youtube और ब्लॉगिंग एक अच्छा साधन है ऑनलाइन कमाई के बारे मे तो आज हम इस पोस्ट में जानकारी देंगे की आप किस तरह से youtube चैनल बना कर और उस पर विडियो बना कर आप अच्छे पैसे कम सकते है.
सबसे पहले हम आपको youtube के कुछ आँकड़े के बारे में जानकरी दे देते है जिस की आपको ये समझ में आ जाएग की youtube पर लोग कितन��� विडियो हर दिन देखते है और कितने लोग ह��� दिन youtube पर विडियो बनते है.
YouTube आँकड़े पर एक नज़र डालें, तो हर मिनट 300 घंटे का वीडियो YouTube पर अपलोड किया जाता है। हर दिन Youtube पर लगभग 5 बिलियन वीडियो देखे जाते हैं। प्रति दिन मोबाइल YouTube वीडियो दृश्यों की औसत संख्या 1,000,000,000 है।
2020 में YouTube चैनल शुरू करने की लागत (पैसा)
आप में से कई लोग YouTube चैनल बनाने में निवेश के बारे में सोच रहे होंगे। आप youtube चैनल शुरू करने के लिए लगत के बारे में बिल्कुल भी चिंता न करे कुय्की ये बिल्कुल फ्री होता है इसके लिए आपको सिर्फ एक गूगल अकाउंट यानि की जीमेल अकाउंट की अवसयक्ता होती है.
इंटरनेट और डिजिटलकरण के इस युग में, आप सभी के पास एक स्मार्टफ़ोन और एक तेज़ इंटरनेट कनेक्शन है। ऐसे में आप सिर्फ अपने स्मार्टफोन के उपयोग से ही एक youtube चैनल बना सकते है साथ ही आप उस पर विडियो भी बना सकते है.
एक YouTube चैनल चलाने के लिए आवश्यक उपकरण
अब आप लोगो को लग रहा होगा की एक youtube चैनल चलने के लिए हमें कौन से उपकरण की जरुरत होती है तो ऐसे में मै आपको कुछ जानकारी देना चाहता हूँ की आपको एक youtube चैनल चलने के लिए कौन से उपकरण की जरुरत होती है.
आपका स्मार्टफोन YouTube पर एक चैनल चलाने के लिए सभी में एक उपकरण है। वीडियो बनाने से लेकर अपलोड करने और पैसे कमाने तक सभी काम आपके फोन से हो सकते हैं।
youtube चैनल के लिए वीडियो की श्रेणी का चयन
एक youtube चैनल शुरू करने के लिए आपको अवश्यक है की आप एक श्रेणी यानि की category का चयन करे जिस श्रेणी में आप विडियो बनाना चाहते है ऐसे में मै आपको सहलाह दूंगा की आप वैसे ही श्रेणी का चयन करें जिस से की आपको ज्यादा लगवा हो आप आपको उस श्रेणी में ज्यादा जानकारी भी हो जिस से आप उसमे अच्छे से विडियो बना सके.
youtube चैनल बनाने की प्रक्रिया
अब हम शुरू करते है अपने youtube चैनल बनाने की प्रकिर्या को की आप youtube चैनल कैसे बना सकते है हम आपको दिखाते है.
ऊपरी दाएं कोने पर अपने जीमेल की प्रोफाइल पिक्चर पर क्लिक करें जहां आपको एक विकल्प मिलेगा, यूट्यूब स्टूडियो।
अब, एक पॉप-अप विंडो खुलेगी (YouTube के रूप में उपयोग करें ...) अपने चैनल का नाम लिखें और फिर Create Channel पर क्लिक करें।
आपका चैनल बन चुका है और अब आपको इसे अपने लोगो, चैनल आर्ट और विवरण के साथ सेटअप करना होगा।
आगे बढ़ने से पहले, Google खाता बनाने की प्रक्रिया के बारे में बात करते हैं।
Google खाता (जीमेल) कैसे बनाएं?
Google.com पर जाएं और साइन इन करें बटन पर दाएं शीर्ष कोने पर क्लिक करें।
साइन इन पेज पर Create Account पर क्लिक करें।
अब, अपना नाम भरें, अपने Google खाते के लिए एक उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड चुनें और फिर अगला पर क्लिक करें।
अगर आप फोन नंबर और रिकवरी ईमेल एड्रेस देना चाहते हैं, तो यहां टाइप करें और फिर डेट ऑफ बर्थ और जेंडर चुनने के बाद नेक्स्ट पर क्लिक करें।
Google अब आपको इसकी गोपनीयता और शर्तें स्वीकार करने, स्क्रॉल करने और I सहमत होने पर क्लिक करने के लिए कहेगा।
अब आपका Google खाता (जीमेल आईडी) बन गया है। यदि आपके पास पीसी नहीं है, तो यह प्रक्रिया मोबाइल में भी की जा सकती है।
आपका YouTube चैनल कस्टमाइज़ कर रहा है
मुझे उम्मीद है, अब आपने अपना चैनल बना लिया है। आइए, लोगो, चैनल कला, विवरण के बारे में लिखने और सामाजिक मीडिया हैंडल को लिंक करके चैनल को अनुकूलित करने के बारे में बात करें।
सबसे पहले, YouTube.com पर जाएं और YouTube Studio पर क्लिक करें, जो शीर्ष दाएं कोने पर आपके जीमेल प्रोफ़ाइल चित्र पर क्लिक करने के बाद पाया जा सकता है।
अब, बाईं ओर अपने चैनल पर क्लिक करें। आप इस विकल्प को शीर्ष दाएं कोने के आइकन से भी प्राप्त कर सकते हैं।
Customize Channel पर क्लिक करने के बाद, एक नई विंडो खुलेगी जहाँ आप बहुत आसानी से अपने चैनल का लोगो, चैनल आर्ट और चैनल का विवरण बदल सकते हैं। इसके पास बस पेंसिल (संपादित करें) आइकन पर क्लिक करें।
यदि आप लोगो और चैनल आर्ट (वीडियो थंबनेल भी) डिजाइन करने के बारे में नहीं जानते हैं, तो आप canva.com का उपयोग कर सकते हैं
youtube चैनल से पैसे कैसे कमाए
मुझे उम्मीद है, अब आप YouTube पर अपना पहला वीडियो पोस्ट करके खुश हैं। अब, बिलियन डॉलर का सवाल दिमाग में आता है "YouTube चैनल के साथ पैसे कैसे कमाएं"? क्या आप पहले वीडियो और पहले दिन से पैसा कमा सकते हैं?
नहीं, आपके वीडियो को विमुद्रीकृत करने की वर्तमान पात्रता मानदंड पहले 1000 ग्राहकों को पूरा करना है और पिछले 12 महीनों में आपके चैनल पर 4000 घंटे वॉचटाइम है। जैसे ही आप इस सीमा को पूरा करते हैं, आप YouTube सहयोगी कार्यक्रम में शामिल हो सकेंगे, जो आपके वीडियो पर Google AdSense विज्ञापन दिखाने में आपकी सहायता करेगा।
AdSense के अलावा, YouTubers के लिए कई अन्य कमाई के स्रोत हैं। उन सभी के बीच, सहबद्ध विपणन, प्रायोजित वीडियो और ब्रांड एकीकरण सबसे लोकप्रिय हैं जिनके द्वारा आप अपनी उम्मीद और सोच से परे पैसा कमा सकते हैं।
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नमस्ते दोस्तों! आजकल, कई उद्यमी हैं जो ब्लॉगिंग के साथ और कुछ YouTube व्लॉगिंग के साथ शानदार पैसा कमा रहे हैं। और, यदि आप भी ऐसा ही करना चाहते हैं, तो मुझे पता है, आप 2020 में ब्लॉगिंग और YouTube में से सबसे अच्छा चुनने की दुविधा में हो सकते हैं।
अधिकांश आबादी के लिए इंटरनेट की पहुंच के कारण, पाठ्य सामग्री की तुलना में वीडियो सामग्री को अधिक पसंद किया जा रहा है। लेकिन, मैं आपको बता रहा हूं कि वीडियो ब्लॉगिंग के कारण ब्लॉगिंग पूरी तरह से नहीं मरती है।
2020 में ब्लॉगिंग vs YouTube.
सबसे पहले, यदि आप ब्लॉगिंग के बारे में विस्तार से नहीं जानते हैं, तो ब्लॉगिंग केवल एक वेबसाइट है और एक विशिष्ट विषय पर लेख लिखना है। और, उस से कमाई करना है. आसान भाषा में बोले तो आप किसी को अपनी जानकारी अपने पोस्ट के द्वारा साझा करते है जिस से की आपको कुछ कमाई होती है| यूट्यूब एक वीडियो प्लेटफार्म है जो जानकारी आप अपने पोस्ट के द्वारा लिख कर साझा करते है वही जानकारी आप वीडियो के द्वारा साझा करेंगे और उस से आपको कुछ कमाई भी होती है.
ब्लॉगिंग और यूट्यूब के बीच प्रमुख अंतर क्या है.
ब्लॉगिंग और यूट्यूब में मुख्य अंतर ये है की ब्लॉगिंग शुरू करने के लिए आपको कुछ पैसे लगाने होते है जैसे की आपको अपना डोमेन नाम लेना होता है जिसका की कुछ पैसे आपको देने होते है रजिस्ट्रेशन के साथ ही आपको एक होस्टिंग भी लेना होता है. सबसे पहले हम आपको ये देते है की ये डोमेन नाम और होटस्टिंग होता क्या है जिस से की आपको सभी बाते अच्छे से समझ में आ जाये|
डोमेन नाम और होस्टिंग क्या है.
डोमेन नाम एक पहचान होता है आपका और आपके ब्रांड का जैसे की अगर आप इंटरनेट पे आना चाहते है तो आपको अपने पहचान के लिए डोमेन नाम लेना होता है उदाहरण के लिए अभी जो पोस्ट आप पढ़ रहे है इसका नाम है https://bit.ly/2A50YH6 तो ये हमारा पहचान है और जैसे ही आप इसे अपने ब्राउज़र में टाइप करते है तो आप मेरे वेबसाइट पे आ जायेंगे. अब आप डोमेन नाम खरीदेंगे कैसे तो उसके लिए कई सारी वेबसाइट है जैसे godaddy,bigrock और भी कई वेबसाइट है तो आपको डोमेन नाम रजिस्टर करवाती है.
अब बात करते है की ये होस्टिंग होता क्या साथ ही आपको बता दे की मै आपको मुफ्त में ब्लॉग के बारे में भी जानकारी दूंगा.
होस्टिंग एक तरह का जगह होता है जो आपका इंटरनेट पर होता है इस जगह पर आप अपने डोमेन नाम को रखते है| मैं आपको आसान भाषा में समझाता हूँ जैसे आप किसी प्रकार का दुकान शुरू करते है तो उस दुकान के लिए आपको जमीन की जर्रूरत होती है उसी तरह से आपका होस्टिंग होता है आप जितना भी फाइल या डाटा अपने वेबसाइट पे डालते है वो सभी आपके होस्टिंग में सेव रहता है|
यदि आप 2020 में एक ब्लॉग शुरू करना चाहते हैं, तो मैं आपको वर्डप्रेस के साथ जाने की सलाह दूंगा। यहां, आपको एक डोमेन नाम (अपनी वेबसाइट का नाम) और वेब होस्टिंग खरीदना होगा। इसकी कीमत आपको लगभग Rs.4000 से Rs.7000 प्रति वर्ष होगी।
पर ऐसा नहीं की ब्लॉगिंग सिर्फ पैसे लगा कर ही शुरू किया जाता है आप गूगल की फ्री सर्विस को उसे कर के भी ब्लॉगिंग शुरू कर सकते है जिसका की नाम ब्लोगेर है. इसके बारे में भी मै आपको निचे जानकारी देंगे|
यूट्यूब कैसे शुरू होता है.
अब, YouTube व्लॉगिंग शुरू करने के लिए निवेश की बात कर रहा है, यह शून्य है। आप एक YouTube चैनल पूरी तरह से निःशुल्क बना सकते हैं और अपने खुद के वीडियो अपलोड करना शुरू कर सकते हैं। आपको केवल एक Google खाता यानी एक जीमेल खाता चाहिए।
मुफ्त में ब्लॉगिंग कैसे शुरू करे.
मुफ्त में ब्लॉगिंग शुरू करे के लिए गूगल द्वारा एक बहुत ही अच्छा प्लेटफार्म बनाया गया है जिसका नाम है ब्लॉगर इस में आपको मुफ्त में एक sub domain मिल जाता है और होस्टिंग भी आपका मुफ्त होता है| पर इसमें आपको कुछ पावंदी भी होती है जो की आपको अपने होस्टिंग और डोमेन ले कर वेबसाइट बनाने में नहीं होती है.
ब्लॉगिंग और YouTube से कमाई के स्रोत
ब्लॉग और YouTube चैनल के माध्यम से पैसे कमाने के कई तरीके हैं। बहुत पहली विधि Google AdSense विज्ञापन दे रही है। और इसके लिए, आपने अपने ब्लॉग और YouTube चैनल को Google द्वारा दिए गए कुछ दिशानिर्देशों के साथ अनुमोदित किया है।
Google AdSense के अलावा, आप सीधे कुछ विज्ञापनों से संपर्क कर सकते हैं और अपने ब्लॉग पर AdSense जैसे किसी भी मध्य के विज्ञापन डाल सकते हैं। यही बात YouTube चैनल पर भी की जा सकती है जहाँ हम अक्सर इसे प्रायोजन के रूप में कहते हैं। आपको विज्ञापनदाता से पैसे मिलेंगे और बदले में आप उनके उत्पाद / सेवा के बारे में अपने वीडियो में बात करेंगे।
निष्कर्ष: क्या है किसे चुने।
अंतिम निष्कर्ष यह है कि आप एक ब्लॉग के साथ-साथ एक YouTube चैनल भी शुरू कर सकते हैं और 2020 में इसे बहुत कम समय में अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
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HTML और वेब पेज डिजाइनिंग
वेब साइट बनाने के लिए HTML (Hyper Markup Language का प्रयोग किया जाता है। इस भाषा मे कोडिंग करना आसान है। हाइपर टेक्स्ट डॉक्यूमेंट को वेब ब्राउज़र में खोला जा सकता है, अतः इसे वेब पेज के रूप मे�� देखने के लिए कंप्यूटर में Internet Explorer या Netscape जैसा कोई ब्राउजर अवश्य होना चाहिए।
HTML में डॉक्यूमेंट लिखने के लिए किसी भी अतिरिक्त सॉफ्टवेयर की आवश्यकता नही होती, बल्कि Windows की Accessories में Notepad की आवश्यकता होती है, जिसमे HTML कोडिंग लिखने के बाद उसे Save As कमांड देकर फाइल नेम के आगे HTM एक्स्टेंशन देकर HTML डॉक्यूमेंट के रुप में Save कर लेते है, HTML कोडिंग को Notepad में लिखा जा सकता है, जबकि वेब पेज के रूप में देखने के लिए वेब ब्राउजर की आवश्यकता होती है।
HTML डॉक्यूमेंट
HTML डॉक्युमेंट में HTML के Elements प्रयोग किए जाते है। HTML एलिमेंट कमांड का संपूर्ण स्वरूप होता है, जिसमे कमांड के साथ वह विवरण भी दिया जाता है, जो वेब साइट पर दिखाया जाता है। प्रत्येक HTML एलिमेंट का एक स्टार्ट tag और एक end tag होता है। Tag में एक left angular ब्रैकेट '<' होता है, जिसे सामान्यतः Less than चिन्ह के रुप मे पहचाना जाता है। इसके आगे tag का नाम लिखते है और फिर right angular ब्रैकेट '>' से बंद कर देते है। उदाहरण के लिए <HTML> एक Starting tab है। इसी तरह end tab के लिए आरंभ left angular ब्रैकेट से करते है, फिर एक '/' स्लैश लगाने के बाद tag का नाम लिखते है और इसके बाद right angular ब्रैकेट से बंद करते है। उदाहरणार्थ </HTML>A
HTML के एलिमेंटस को कंटेनर (Container) और एंप्टी (Empty) एलिमेंट्स में वर्गीकृत में किया गया है। सभी कंटेनर के एलिमेंट जोडे में रहने है, उनका आरंभिक और अंतिम tag होता है, जबकि एंप्टी एलिमेंट में कोई tag नही होता है, परन्तु आरंभ tag से ही किया जाता है।
HTML डॉक्यूमेंट का फाइल एक्स्टेंशन
HTML डॉक्यूमेंट का फाइल एक्स्टेंशन HTM या HTML दिया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप Windows के Notepad में HTML कोडिंग करके कोई डॉक्यूमेंट तैयार करते है और उस डॉक्यूमेंट का नाम Profile रखना चाहते हैं तो उसे Profile.htm या Profile.html देकर save किया जा सकता है।
HTML डॉक्यूमेंट के भाग
HTML डॉक्यूमेंट की मूल संरचना निम्न एलिमेंट्स पर आधारित होती है-
<HTML>
</HTML>
<HEAD>
</HEAD>
<BODY>
</BODY>
इन्हें डॉक्यूमेंट स्ट्रक्चर एलिमेंट कहते है।
HTML एलिमेंट
यह एक कंटिनर एलिमेंट होता है। इसके द्वारा डॉक्यूमेंट को HTML डॉक्यूमेंट की पहचान मिलती है, यही एलिमेंट बताता है कि जिस डॉक्यूमेंट को आप प्रयोग कर रहे है वह HTML डॉक्यूमेंट है। यह एलिमेंट डॉक्यूमेंट के प्रस्तुतिकरण पर कोई प्रभाव नही डालता, बल्कि वेब ब्राउजर को यह बताता है कि यह HTML डॉक्यूमेंट है, जिसे ब्राउजर पर खोला जाता है। HTML के अंदर ही HEAD और BODY एलीमेंट को रखा जाता है।
<HTML>
<HEAD>.......</HEAD>
<BODY>.......</BODY>
</HTML>
ध्यान दे-
HTML कैपिटल और स्मॉल लेटर्स में भेद नही समझती, अतः आप कैपिटल 'HTML' या स्मॉल 'html' किसी भी तरह कोडिंग कर सकते है।
HEAD एलिमेंट
यह भी एक कंटेनर एलिमेंट है, जो HTML डॉक्यूमेंट के हैडर को परिभाषित करने हेतु प्रयोग किया जाता है, परन्तु यह प्रस्तुतिकरण पर कोई प्रभाव नही डालता। हैडर में डॉक्यूमेंट के विषय मे सुचना दी जाती है, परन्तु यह सूचना ब्राउजर में टाइपिंग के रूप में दिखाई जाती है, वेब पेज पर नही, वह भी केवल तब, जबकि इस सूचना को TITLE टैग में लिखा जाता है।
उदाहरणार्थ-
<HTML>
</HEAD>.....................</HEAD>
<TITLE>PROFILE<TITLE>
<HEAD>
</HEAD>
BODY एलिमेंट
इस कंटेनर एलिमेंट में डॉक्यूमेंट के सभी मुख्य Contents रखे जाते है। BODY एलिमेंट में BACKGROUND, BGCOLOR, TEXT इत्यादि एट्रीब्युट्स रखे जाते है।
BACKGROUND
इस एट्रीब्यूट का प्रयोग करके किसी इमेज के URL का संदर्भ देते है ताकि अमुक स्थान पर उपलब्ध इमेज फाइल को बैकग्राउंड के रूप में प्रयोग किया जा सके।
उदाहरणार्थ -
<BODYBACKGROUND="123.JPG">....
<BODY>
ध्यान दे-
बैकग्राउंड में प्रयोग करने के लिए इमेज फाइल JPG या GIP फॉरमैट में होना चाहिए।
RBGCOLOR
इस एट्रीब्यूट द्वारा बैकग्राउंड का रंग बदला जाता है। इसमें मुख्यत तीन रंग Red, Green और Blue प्रयोग किए जाते है; परन्तु इनका मिश्रण प्रयोग करने के लिए निम्न प्रकार लिखते है-
# RRGGBB
उदाहरणार्थ - <BODYBACKGROUND="image.jpg">
BG Color="YELLOW">
........................................
</BODY>
Text
इस एट्रीब्यूट द्वारा डॉक्यूमेंट के सामान्य टेक्स्ट मैटर का रंग बदला जाता है। इसमें कलर की वैल्यू प्रयोग की जाती है, जो BGCOLOR में की जाती है।
उदाहरणार्थ -
<BODYBACKGROUND="image.jpg"
BG COLOR="PINK"TEXT="BLUE">
BLOGSBKR
</BODY>
HTML हेडिंग
हेडिंग एलिमेंट को वेब डॉक्यूमेंट में हेडिंग देने हेतू प्रयोग किया जाता है। इस एलिमेंट को H2....H6 के रूप में क्रमवार एक-एक लेवल कम करते हुए प्रयोग किया जा सकता है। हेडिंग सामान्य मैटर से अधिक बड़ा और dark दिखाई देता है।
उदाहरणार्थ -
<HTML>
<HTML>
<H1>PROFILE</H1>
<H2>NAME</H2>
BINAY
<H2>ADDRESS</H2>
LAKHISARAI, BIHAR
</HTML>
HTML Heading
पैराग्राफ ब्रेक
पैराग्राफ एलिमेंट को <P>--------------</P> के रूप में लिखा जाता है। इस एलिमेंट को लाइन ब्रेक देने के लिए प्रयोग करते हैं, ताकि नया पैराग्राफ अगली लाइन से आरंभ किया जा सके। इस एलिमेंट के साथ कुछ विकल्प भी प्रयोग किए जा सकते हैं, जो पैराग्राफ को बाई से दाई ओर या सेंटर से आरंभ कर सकेंगे। नीचे दिए गए उदाहरण से आप इस एलिमेंट का प्रयोग समझ सकते हैं-
उदाहरणार्थ -
<HTMO>
<BODY>
<PALIGN=''RIGHT''>Corporate Office</P>
<PALIGN=''RIGHT''>Delhi, India</P>
</BODY>
</HTML>
इस HTML कोडिंग का परिणाम ब्राऊजर पर निम्न प्रकार आएगा -
लाइन ब्रेक
लाइन ब्रेक देने के लिए <BR>------------</BP> एलिमेंट का प्रयोग किया जाता है। जब आप पैराग्राफ ब्रेक देते हैं, तब नई लाइन आरंभ करने से पहले एक खाली (Blank) लाइन आती है, परन्तु लाइन ब्रेक देने पर कोई खाली लाइन नहीं आता है। इन तरह वर्तमान लाइन को रोककर अगली लाइन का मैटर टाइप करने के लिए लाइन ब्रेक देते हैं।
उदाहरणार्थ -
<HTML>
<BODY>
India is a great country.
<BR> It got independence on 15th August 1947
<BR>
<BR> Indian national flag is tri colour</BR>
</BODY>
<HTML>
इस तरह HTML कोडिंग देने पर ब्राऊजर में डॉक्यूमेंट इस प्रकार दिखाई देगा-
स्टाइल टैग
यदि आप अपने HTML डॉक्यूमेंट में लिए गए किसी मैटर का स्टाइल इटैलिक, बोल्ड, अंडरलाइन आदि में बदलना चाहते हैं, तब STYLE टैग का प्रयोग कर सकते हैं। ये टैग निम्न प्रकार है -
1. B (Boldface)
यह टैग टेक्स्ट मैटर को बोल्ड कर देता है।
उदाहरणार्थ -
HEAD OFFICE IN <B> DELHI</B>
ध्यान दें !
HTML कैपिटल और स्मॉल लेटर्स में भेद नहीं समझती, अतः आप कैपिटल 'HTML' या स्मॉल 'html' किसी भी तरह की कोडिंग कर सकते हैं।
2. I (Italics)
यह टैग टेक्स्ट मैटर को इटैलिक, अर्थात तिरछे अक्षरो में दिखने हेतु प्रयोग करते हैं।
उदाहरणार्थ -
This Web Page shows Company Profile<1>Picture Gallery</1>
3. U (Underline)
अंडरलाइन में मैटर दिखाने के लिए 'U' टैग का इस्तेमाल किया जाता है।
उदाहरणार्थ -
<HTML>
<BODY>
<P> Present Indian Prime Minister is <U> Dr. Manmohan Singh
<U></P>
</BODY>
</HTML>
वेब ब्राऊजर पर इसका परिणाम इस प्रकार आएगा -
4. Center
यह टैग मैटर को वेब पेज के मध्य से सेट करता है। CENTER टैग के बीच ब्लॉक किया गया मैटर ब्राउजर पर कैसे दिखाई देता है, यह निम्न उदाहरण से समझ सकते हैं -
उदाहरण -
<HTML>
<BODY>
<CENTER>
KALPANA
<P>LAXMINAGAR </P>
</P>Delhi</P>
<CENTER>
<HTML>
<BODY>
वेब ब्राऊजर पर इसका परिणाम इस प्रकार आएगा -
लिस्ट बनाना
HTML डॉक्यूमेंट में कुछ आइटम्स की लिस्ट बनाने के लिए आप LI टैग का प्रयोग करते हैं। यह एक empty एलिमेंट है, अतः इसे Close टैग देने की आवश्यकता नहीं है।
उदाहरणार्थ -
<HTML>
<BODY>
WONDERLAND MULTIMEDIA
<LI>Diploma in Animation
<Li>Diploma in Web Designing
<HTML>
<BODY>
इस HTML कोडिंग का परिणाम ब्राऊजर में वेब पेज के रूप में आगे दिए गए चित्रानुसार दिखाई देगा -
यदि आप उस लिस्ट में कर्म संख्या डालना चाहें तो ORDERED स्पेस के लिए <OL> टैग का प्रयोग कर सकते हैं।
डॉक्यूमेंट में इमेज लगाना
HTML डॉक्यूमेंट में किसी इमेज या फोटो को लगाने के लिए IMG टैग का प्रयोग किया है। IMG टैग प्रयोग करने के लिए निम्न Syntax प्रयोग करते हैं -
<IMG
SRC=''location''
ALIGN=''LEFT/RIGHT/TOP/BOTTOM"
BORDER="बॉर्डर की चौड़ाई''
HEIGHT =''इमेज की ऊँचाई"
WEIGHT= ''इमेज की चौड़ाई''
>
इसमें प्रयोग किए गए अंगों का विवरण इस प्रकार है -
SRC
इसमें वह Location इंगित करते हैं जहाँ ह��र्डडिस्क अथवा किसी इंटरनेट URL से इमेज प्रयोग करनी है।
ALIGN
आप इमेज को वेब पेज को बाएँ, दाएँ या मध्य में जहाँ भी सेट करना चाहते हैं, उसके अनुसार ही यहाँ निर्धारण किया जाता है।
BORDER
यहाँ बॉर्डर की चौड़ाई दी जाती है, जो सदैव एक धन पूर्णाक होनी चाहिए।
HEIGHT
यहाँ इमेज की ऊँचाई निर्धारित करते हैं, जो धन पूर्णाक के रूप में या प्रतिशत के रूप में (जैसे 40%) भी दे सकते हैं।
WIDTH
यहाँ आप इमेज की चौड़ाई ही देते हैं। यह भी धन पूर्णाक या प्रतिशत के रूप में दी जा सकती है।
ध्यान दें !
आपको याद रखना होगा कि इमेज केवल JPEG (Joint Photographic Experts Groups) या GIF (Graphics Interchanges Format) में ही होनी चाहिए।
उदाहरणार्थ -
<HTML>
<BODY>
<IMG
SRC=file:///D:/photo.jpeg
ALIGN=''left"
HSPACE="12nosave"
HEIGHT=449
WEIGHT=449
<
<HTML>
<BODY>
इसका परिणाम ब्राऊजर पर इस प्रकार से दिखाई देता है -
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डॉक्यूमेंट को ढूंढना
यदि आपके डॉक्यूमेंट में बहुत सारे पेज है और आपको उनमें से किसी एक पर काम करना है तो उसके लिए -
Layout मेन्यू पर क्लिक करें।
Go to page पर क्लिक करने पर Go to page का डायलॉग बॉक्स खुलकर सामने स्क्रीन पर आ जाएगा।
3. अब बॉक्स में इस पेज का नंबर लिखे, जिस पर आप कम करना चाहते हैं।
4. OK पर क्लिक करने पर उस नंबर का पेज आपकी स्क्रीन पर आ जाएगा।
गाइडलाइन को लेना
गाइडलाइन का प्रयोग अधिकतर ऑब्जेक्ट की लंबाई या चौड़ाई को सिलेक्ट करने के लिए होता है। गाइड लाइन दो प्रकार से ले सकते हैं -
View मेन्यू द्वारा गाइडलाइन लेना
View से गाइडलाइन लेने के लिए निम्न प्रकार से कार्य करें।
View मेन्यू पर क्लिक करें।
Guideline setup पर क्लिक करने पर option बक डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा।
3. Horizontal या Vertical में से किसी एक को चुनें और इन बॉक्स में गाइडलाइन के लिए एक लोकेशन टाइप करें।
4. Unit लिस्ट बॉक्स में किसी एक यूनिट को चुनें।
5. Add बटन पर क्लिक करें।
6. OK पर क्लिक करने पर बताई गई लोकेशन पर गाइडलाइन आ जाएगी।
2. Rulers से माउस द्वारा गाइडलाइन लेना
यदि आप रूलर से गाइडलाइन लेना चाहते हैं तो इसके लिए -
Horizontal या Vertical रूलर पर क्लिक करें।
माउस पॉइंटर को पेज पर उस जगह पर लेकर आए, जहाँ गाइडलाइन की आवश्यकता है।
3. गाइड क्लिक को आवश्यक जगह पर छोड़ दें, पेज पर गाइडलाइन दिखाई देने लगेंगी।
कलर भरना
आप किसी ऑब्जेक्ट में यदि कलर भरना चाहते हैं तो आपको कोरल ड्रा में पाँच प्रकार के option मिलेंगे, जो निम्न प्रकार है -
1. यूनिफॉर्म फिल एप्लाई करना
ऑब्जेक्ट में कलर भरने के लिए आप टूल बॉक्स में फिल टूल में से यूनिफॉर्म fill color dialog को सिलेक्ट करके कलर भर सकते हैं। इसके लिए -
Pick टूल से ऑब्जेक्ट सिलेक्ट करें।
Fill टूल पर क्लिक करने पर फिल टूल का फ्लाईआउट खुल जाएगा।
Fill color dialog पर क्लिक करने पर यूनिफॉर्म फिल का डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा।
4. Models पर क्लिक करें।
5. Models लिस्ट में आप कोई भी कलर चुन सकते हैं, या फिर CMYK में अपने हिसाब से कोई भी कलर भर सकते हैं।
6. OK पर क्लिक करने पर सिलेक्ट किया हुआ कलर ऑब्जेक्ट में भर जाएगा।
2. फाउंटेन फिल एप्लाई करना
फाउंटेन फिल टूल में दो या दो से अधिक कलर भर के ऑब्जेक्ट को सुंदर दिखा सकते हैं। इसमे दो तरह से कलर भर सकते हैं - एक, two color द्वारा और दूसरा, custom color द्वारा। इसके लिए -
Pick टूल से ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट करें
टूल बॉक्स से फिल टूल पर क्लिक करके फाउंटेन फिल डायलॉग पर क्लिक करने पर फाउंटेन फिल का डायलॉग बॉक्स खुलकर सामने आ जाएगा।
Color blend में two color पर क्लिक करें।
4. From में उस कलर को सिलेक्ट करें, जो आप शुरुआत में चाहते हैं तथा to में उस कलर को सिलेक्ट करें, जिसे अंत में चाहते हैं।
5. Type में से आपको जिस प्रकार का भी effect देना है, दे सकते हैं।
6. Mid point से आप कलर शेड को सेट कर सकते हैं।
7. OK पर क्लिक करने पर चुना हुआ कलर इफ़ेक्ट ऑब्जेक्ट में भर जाएगा।
कस्टम कलर (Custom color) फिल लागू करना
Pick टूल से ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट करें।
टूल से फिल पर क्लिक करके फाउंटेन फिल डायलॉग पर क्लिक करने पर फाउंटेन फिल का डायलॉग बॉक्स खुलकर सामने आ जाएगा।
Custom बटन पर क्लिक करें।
4. अब preview ribbon पर अपने हिसाब से जगह सेट करने के लिए डबल क्लिक करें।
5. अब जो एरिया कलर भरने के लिए सिलेक्ट किया है, उनमें बारी बारी एक एरिया को सिलेक्ट के कलर भरे।
6. OK पर क्लिक करने पर ऑब्जेक्ट सिलेक्ट किए हुए कलर में आ जाएगा।
3. पैटर्न फिल्स
यदि आप ऑब्जेक्ट पर किसी पैटर्न का effect देना चाहते हैं तो पैटर्न फिल्स टूल से आसानी से दे सकते हैं। इसके लिए-
Pick टूल द्वारा ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट करें।
टूल बॉक्स में फिल टूल पर क्लिक कर फ्लाईआउट को खोलें।
3. Pattern fill डायलॉग पर क्लिक करने पर pattern fill डायलॉग बॉक्स खुल कर सामने आ जाएगा।
4. अब 2-color बटन पर क्लिक करें।
5. Pattern पीकर को open करें।
6. किसी भी एक पैटर्न को सिलेक्ट कर लें।
7. Front color को चुनें।
8. Back में जो कलर करना चाहते हैं, उसे सिलेक्ट करें।
9. OK बटन पर क्लिक करने पर चुना गया पैटर्न ऑब्जेक्ट में आ जाएगा।
4. टेक्सचर फिल
टेक्सचर फिल की सहायता से ऑब्जेक्ट में बादल, पानी व अन्य प्राकृतिक चीज़ो को दिखा सकते हैं। इसके लिए -
Pick टूल से ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट करें।
टूल बॉक्स से फिल टूल को खोलें।
Texture fill डायलॉग पर क्लिक करने पर Texture fill का डायलॉग बॉक्स खुलकर सामने आ जाएगा।
4. Texture library में से किसी भी sample को सिलेक्ट कर लें।
5. Texture list द्वारा texture के effect को एडजस्ट करें। preview द्वारा texture के effect को देख भी सकते हैं।
6. OK पर क्लिक करने पर चुना हुआ texture ऑब्जेक्ट में आ जाएगा।
5. पोस्टस्क्रीप्ट टेक्सचर
पोस्टस्क्रीप्ट टेक्सचर बहुत ही जटिल आ बड़ा होता है। जब यह टेक्सचर किसी ऑब्जेक्ट में भरा जाता है तो यह टेक्सचर अपडेट होने में काफी समय ले सकता हैं।
पोस्टस्क्रीप्ट टेक्सचर एप्लाई करने के लिए -
Pick टूल से ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट करें।
फिल टूल पर क्लिक करके Postscript डायलॉग बॉक्स पर क्लिक करने पर Postacript texture का डायलॉग बॉक्स खुलकर सामने आ जाएगा।
3. किसी भी एक टेक्सचर को चुनें।
4. पैरामीटर सेक्शन में टेक्सचर की सेटिंग अपने हिसाब से कर लें।
5. OK पर क्लिक करने पर चुना हुआ टेक्सचर ऑब्जेक्ट में भर जाएगा।
इंटरेक्टिव मैश फिल टूल
यदि आप ऑब्जेक्ट में भी शेड या ग्रेडयंट कलर जोड़ना चाहते हैं तो इसके लिए इंटरेक्टिव मैश फिल टूल का प्रयोग कर सकते हैं। यह टूल ऑब्जेक्ट के ऊपर ग्रिड बना देता है। इस ग्रिड के इंटरसेक्शन पॉइंट्स नोड्स के साथ जुड़ जाते हैं, जिन्हें आप शेप टूल से आगे पीछे कर सकते हैं। उसके बाद कलर भी भर सकते हैं। इसके लिए-
ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट करें।
टूल बॉक्स से इंटरेक्टिव मैश फिल टूल को सिलेक्ट करें।
3. ऑब्जेक्ट के ऊपर एक नोड आ जाएगी।
4. अब यदि आप नोड को कोई अन्य शेप देना चाहते हैं तो वह भी दे सकते हैं।
5. ऑब्जेक्ट के किसी भी हिस्से को सिलेक्ट कर कलर पैलेट से उसमें कलर भर दें।
टेक्स्ट को फ्रेम में फ्लो करना
कई बार ऐसा होता है आपका मैटर अधिक होने के कारण फ्रेम में नही आ पाता है, जिससे आपको एक नया टेक्स्ट फ्रेम तैयार करना पड़ता है।इसके लिए -
Pick टूल से टेक्स्ट फ्रेम को सिलेक्ट करें।
फ्रेम में यदि मैटर ज्यादा हो तो फ्रेम के निचे एक रंग का त्रिकोण बन जाता है। इसका मतलब होता है कि टेक्स्ट फ्रेम में अभी और मैटर है।
3. एक नया टेक्स्ट फ्रेम बनाए।
4. Pick टूल पहलेवाले फ्रेम को सिलेक्ट करके उसके नीचे बने काले रंग के त्रिकोण पर क्लिक करने पर बचा हुआ मैटर कर्सर में आ जाएगा।
5. नए टेक्स्ट फ्रेम में जाने पर वहाँ एक बड़ा सा काले रंग का तीर का निशान दिखाई देगा।
6. नए फ्रेम में क्लिक करने पर बचा हुआ मैटर नए टेक्स्ट फ्रेम में आ जाएगा। टेक्स्ट फ्रेम के नीचे आपको एक बॉक्स नजर आएगा। इसका मतलब होता है कि अब और मैटर शेष नहीं है।
टेक्स्ट को पाथ में फिट करना
आर्टिस्टिक टेक्स्ट को आप खुली आकृति या बंद आकृति जैसे square, circle के पाथ में फिट कर सकते हैं। टेक्स्ट को पाथ में फिट करने के लिए -
1. कोई भी आकृति बनाकर टेक्स्ट मेन्यू पर क्लिक करें।
2. Fit Text to Path पर क्लिक करें।
3. अब आकृति पर अपना text टाइप करें।
एनवलप क्रिएट करना
यदि आप किसी ऑब्जेक्ट की आकृति में कोई परिवर्तन चाहते हैं तो एनवलप टूल की सहायता से आसानी से ऐसा कर सकते हैं। एनवलप क्रिएट करने के लिए -
टेक्स्ट लिखकर उसे सिलेक्ट करें।
टूल बॉक्स में इंटरेक्टिव टूल का फ्लाईआउट खोलकर उसमें से इंटरेक्टिव एनवलप टूल पर क्लिक करें
3. प्रॉपर्टी बार में किसी एक शेप पर क्लिक करें।
4. एनवलप का आकार बदलने के लिए नोड पर क्लिक कर उसे खिंचें।
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Interactive Blend Tool
इस टूल के प्रयोग से आप अपने ऑब्जेक्ट के कई ब���लेंड तैयार कर सकते हैं।
Interactive blend टूल के ऐरो में और भी टूल्स हैं, जिनके प्रयोग से आप ओपन ऑब्जेक्ट को कई प्रकार के effects दे सकते हैं।
Outline Tool
इस टूल के द्वारा आप ऑब्जेक्ट की आउट लाइन को किसी भी प्रकार का आकार दे सकते हैं। यदि आप ऑब्जेक्ट को आउटलाइन को मोटा या पतला करना चाहते हैं तो इस टूल से आप आसानी से कर सकते हैं, जैसे कि निचे में दिखाया गया है -
आउटलाइन फ्लायआउट के द्वारा ऑब्जेक्ट की चौड़ाई बढ़ाना
ऑब्जेक्ट की चौड़ाई को अलग अलग रूप देने के लिए निम्न प्रकार से कार्य करें।
1. Free hand टूल से एक लाइन खिंचे।
2. लाइन को pick tool से सिलेक्ट करें। उसके बाद आउटलाइन टूल में किसी भी point पर क्लिक करने पर लाइन की आउटलाइन बदल जाएगी।
आउटलाइन पेन टूल
यदि आप लाइन की चौड़ाई को बढ़ाना चाहते हैं या उसे कोई और रूप देना चाहते हैं तो इस टूल से आसानी से कर सकते हैं। इसका प्रयोग करने के लिए -
आउटलाइन टूल के ऐरो पर क्लिक करें।
उसके बाद से से सबसे पहला टूल, जिसका नाम आउटलाइन पेन है, उसे चुने। Outline Pen का डायलॉग बॉक्स खुलकर सामने आ जाएगा।
3. यदि आप एक का स्टाइल बदलना चाहते हैं तो Style लिस्ट बॉक्स में क्लिक करें। आपको कई प्रकार की लाइन स्टाइल नजर आएगी। अपनी पसंद की किसी एक लाइन को सिलेक्ट कर लें।
4. लाइन की शुरुआत या अंत में ऐरो देने के लिए ऐरो बॉक्स पर क्लिक करके कोई भी ऐरो सिलेक्ट कर लें।
5. अब OK पर क्लिक कर दें। लाइन की चौड़ाई, स्टाइल और ऐरो आपके चुनाव के मुताबिक आ जाएंगे।
ऑब्जेक्ट के कॉर्नर्स को शेप देना
ऑब्जेक्ट के कॉर्नर्स को शेप देना के लिए निम्न प्रकार से कार्य करें -
1. ऑब्जेक्ट को Pick Tool से सिलेक्ट करके Outline Pen टूल पर क्लिक करने पर आउटलाइन का डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा।
2. कॉर्नर्स के किसी एक कार्नर स्टाइल पर क्लिक करें।
3. अब OK पर क्लिक कर दे। ऑब्जेक्ट के कॉर्नर शेप बदल जाएगी।
आउटलाइन का कलर बदलना
आउटलाइन का कलर बदलने के लिए निम्न प्रकार से कार्य करें -
ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट करें
आउटलाइन पेन डायलॉग टूल पर क्लिक करने पर आउटलाइन पेन का डायलॉग बॉक्स खुलकर सामने आ जाएगा
3. कलर ऐरो पर क्लिक करके कोई भी कलर सिलेक्ट कर लें, उसके बाद OK पर क्लिक कर दें।
ऑब्जेक्ट को रोटेट (rotate) करना
ऑब्जेक्ट को रोटेट करने के लिए -
सबसे पहले ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट करें।
सिलेक्ट किए हुए ऑब्जेक्ट पर एक बार और क्लिक करें। सिलेक्शन हैंडल काले square से converted में बदल जाएगा।
3. रोटेशन हैंडल को क्लिक कर जिस तरह चाहे, घुमा सकते हैं।
Property bar में बने रोटेट (rotate) बॉक्स में एंगल लिखकर घुमा सकते हैं।
नई ड्राइंग बनाना
यदि आप अपनी एक ड्राइंग पूरी कर ली है तो दूसरी ड्राइंग के लिए -
1. मेन्यू पर क्लिक करें
2. New पर क्लिक करें। नई ब्लैंक विंडो सामने खुल जाएगी।
ड्राइंग को खोलकर देखना
यदि आप अपनी ड्राइंग को खोलकर देखना चाहते हैं तो इसके लिए -
1. File मेन्यू पर क्लिक करें।
2. Open पर क्लिक करने पर Open drawing का डायलॉग बॉक्स खुलकर सामने आ जाएगा
3. Look in में उस ड्राइव को सिलेक्ट करें, जिसमें आपने अपनी ड्राइंग को Save किया हुआ है।
4. आप जिस फ़ाइल को खोलना चाहते हैं, उसे सिलेक्ट करें।
5. Open पर क्लिक करने पर सिलेक्ट फाइल खुल जाएगी
पेज सेटअप
कोरल ड्रा में जो पेज अधिकतर प्रयोग में आते हैं, वे पहले से ही मौजूद होते हैं। इन पेजों को आप अपने प्रोजेक्ट के हिसाब से सिलेक्ट कर सकते हैं।
पेज साइज सेट करना
पेज साइज को सेट करने के लिए property bar का प्रयोग करते हैं। इसके लिए -
ऑब्जेक्ट को छोड़कर ड्राइंग एरिया पर कही भी क्लिक करें।
Property bar में paper type बॉक्स के डाउन ऐरो पर क्लिक करने पर सारे पेजों की लिस्ट खुलकर सामने आ जाएगा।
3. अब आप जो भी पेज सिलेक्ट करना चाहते हैं, उस पर क्लिक कर दें।
4. जो पेज आपने सिलेक्ट किया है, वह अब आपके डॉक्यूमेंट पर लागू हो जाएगा।
पेजों को इन्सर्ट करना
आप चाहें तो अपने डॉक्यूमेंट में काम करते समय और पेजों को इन्सर्ट भी कर सकते हैं। पेज इन्सर्ट करने के लिए -
Layout मेन्यू पर क्लिक करें।
Insert Page पर क्लिक करने पर इन्सर्ट पेज का डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा।
3. इन्सर्ट बॉक्स में आप जितने पेज इन्सर्ट करना चाहते हैं, लिख दें। उदाहरण के लिए, आप 4 पेज लेना चाहते हैं तो Insert में 4 लिखें। यदि आपको पेज पहलेवाले पेज के आगे चाहिए तो before अथवा बाद में चाहिए तो after का प्रयोग करें।
4. OK पर क्लिक करने पर डॉक्यूमेंट में 4 पेज और इन्सर्ट हो जाएंगे।
पेज का नाम बदलना
कोरल ड्रा में पेजों के नाम page 1, page 2 आदि के नाम से दिखाई देते हैं। आप चाहें तो इनका नाम बदल भी सकते हैं। पेजों के नाम बदलने के लिए -
Layout मेन्यू पर क्लिक करें।
Rename page पर क्लिक करने पर Rename का डायलॉग बॉक्स खुलकर सामने आ जाएगा।
3. Page name बॉक्स में आप पेज का जो भी नाम लिखना चाहते हैं, लिख दें।
4. OK पर क्लिक करने पर पेज का नाम बदल जाएगा।
पेज को डिलीट (delete) करना
आप अपने डॉक्यूमेंट में से जाहे तो पेज को डिलीट भी कर सकते हैं। मान लीजिए, आपके डॉक्यूमेंट में 10 पेज है, पर��तु आपका काम 4 पेजों में ही पूरा हो गया है। बाकी के पेजों को डिलीट करने के लिए -
Layout मेन्यू पर क्लिक करें।
Delete Page पर क्लिक करने पर Delete Page का डायलॉग बॉक्स खुलकर सामने आ जाएगा।
3. अब Delete Page बॉक्स में जिस पेज को आप डिलीट करना चाहते हैं, उसका पेज नंबर लिखें। मान लीजिए, आपके डॉक्यूमेंट में 5 पेज है तथा आपने 3 पेजों तक काम कर लिया है तो बाकी के पेजों को डिलीट करने के लिए Delete Page में पेज no.4 तथा उसके बाद Through to page पर क्लिक करें और उसमें पेज no. 5 लिख दें।
4. OK पर click करने पर 4 से 5 तक के पेज डिलीट हो जाएंगे।
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ऑब्जेक्ट का आकार बदलना
यदि आप ऑब्जेक्ट बक मूल आकार बदलना चाहते हैं तो इसके लिए -
1. सबसे पहले ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट करें। तो ऑब्जेक्ट के चारों ओर जो हैंडल है, उस पर माउस को रखें।
2. यदि आप कोने के हैंडल को ड्रैग करते हैं तो ऑब्जेक्ट की ऊँचाई व चौड़ाई बराबर अनुपात में काम या बढ़ जाएगी।
3. यदि आप ऑब्जेक्ट की सिर्फ चौड़ाई काम या अधिक करना चाहते हैं तो साइड हैंडल को ड्रैग करें।
ऑब्जेक्ट का स्थान बदलना
किसी ऑब्जेक्ट को उसके स्थान से दुसरे स्थान पर लेकर जाने के लिए -
1. Pick Tool द्वारा ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट करें।
2. अब ऑब्जेक्ट के केंद्र पर बने एक्स पॉइंट पर माउस पॉइंटर को रखकर उसे जिस स्थान पर लेकर जाना चाहते हैं ले जा सकते हैं।
ऑब्जेक्ट की कॉपी करना
किसी भी ऑब्जेक्ट को दो तरह से कॉपी कर सकते हैं। पहला edit menu से कॉपी कर सकते हैं, दूसरा डुप्लीकेट का प्रयोग कर सकते हैं। कॉपी या डुप्लीकेट के इस्तेमाल से एक जैसा ही परिणाम आएगा। आप जाहे तो ऑब्जेक्ट को कॉपी करके किसी भी डॉक्यूमेंट में पेस्ट (paste) कर सकते हैं, परंतु डुप्लीकेट में ऐसा नहीं होता। ऑब्जेक्ट को कॉपी करने के लिए -
1. सबसे पहले ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट करके Edit मेन्यू से Copy पर क्लिक करें।
2. अब Edit पे जाकर Paste पर क्लिक कर दे।
3. कॉपी किया हुआ ऑब्जेक्ट मूल ऑब्जेक्ट के ठीक ऊपर दिखाई देता है। अब आप जहाँ चाहें, माउस पॉइंटर से उस ऑब्जेक्ट को कहीं भी ले जा सकते हैं।
Basic Shapes
इस टूल के प्रयोग से आप विभिन्न प्रकार की Basic Shapes अपनी ड्राइंग में शामिल कर सकते हैं। इसके लिए -
1. Tool Box में Basic AutoShapes को सिलेक्ट करें।
2. जिस ��्रकार की भी शेप आपको चाहिए, उसे सिलेक्ट करें। Property bar में दिखाई दे रहें ऐरो पर क्लिक करें। सभी ऑटोशॉप्स खुलकर सामने आ जाएंगी।
3. अब किसी भी एक शेप को सिलेक्ट करके पेज पर ड्रा कर सकते हैं।
Text Tool
कोरल ड्रा एक ऐसा प्रोग्राम है जिसमे आप अपने टेक्स्ट को मनचाहा रूप दे सकते हैं। इसमे आप टेक्स्ट को एडिट, रीसाइज, फॉर्मेट कर सकते हैं। इस मे आप दो प्रकार से टेक्स्ट लिख सकते हैं - एक तो आर्टिस्टिक टेक्स्ट (Artistic Text) और दूसरा पैराग्राफ टेक्स्ट (paragraph text)।
आर्टिस्टिक टेक्स्ट
इस टेक्स्ट का प्रयोग करने के लिए निम्न स्टेप लें -
Tool box में से Text Tool को सिलेक्ट करेंगे तो Property bar, editing property bar में बदल जाएगी।
ड्राइंग एरिया में कही भी क्लिक कर मैटर को टाइप करें।
टाइपिंग पूरी होने के बाद pick टूल पर क्लिक करने पर टेक्स्ट पर छह वर्गाकर काले हैंडल आ जाएंगे।
आर्टिस्टिक टेक्स्ट का फॉण्ट बदलना
आप अपनी इच्छानुसार टेक्स्ट का फॉण्ट बदल सकते हैं। अगर आप चाहें तो पूरे टेक्स्ट का या फिर कुछ शब्दों के फॉण्ट बदल सकते हैं। इसके लिए -
1. टेक्स्ट को टूल से सिलेक्ट करें।
2. टेक्स्ट बॉक्स से टेक्स्ट टूल पर क्लिक करके माउस पॉइंटर को ड्रैग करके पूरे टेक्स्ट का या जितने टेक्स्ट का आप फॉण्ट बदलना चाहते हैं, उसे सिलेक्ट करें।
3. Font list पर क्लिक करें।
4. अपनी पसंद के किसी भी फॉण्ट पर क्लिक करें। फॉण्ट लिस्ट के दाई ओर आप टेक्स्ट का preview भी देख सकते हैं।
टेक्स्ट का साइज और कलर बदलना
कोरल ड्रा में आप अपनी इच्छानुसार टेक्स्ट को कोई भी साइज दे सकते हैं तथा उसमें कलर भी भर सकते हैं। इसके लिए निम्न प्रकार से टेक्स्ट के साइज और कलर को बदलें -
1. Pick Tool से टेक्स्ट को सिलेक्ट करें।
2. टेक्स्ट टूल द्वारा Object पर क्लिक करें। अब माउस पॉइंटर को ड्रैग करते हुए जितने टेक्स्ट का साइज बदलना चाहते हैं, उसे सिलेक्ट कर लें।
3. Font size लिस्ट पर क्लिक करें
4. जो साइज आपको ठीक लगे, उस पर क्लिक कर दे। टेक्स्ट उसी साइज में आ जाएगा।
कलर बदलना
1. Pick Tool से टेक्स्ट को सिलेक्ट करें।
2. टेक्स्ट टूल लेकर जितने टेक्स्ट का कलर बदलना है, माउस पॉइंटर द्वारा उतने टेक्स्ट को सिलेक्ट करें।
3. दाई ओर कलर पैलेट से टेक्स्ट के कलर को बदल दे।
पैराग्राफ टेक्स्ट
पैराग्राफ टेक्स्ट आपको मॉडर्न वर्ड प्रोसेसर के सारे फिचर देता है। इसमें आप यदि कोई स्पेलिंग गलत लिखते हैं तो तुरंत उस शब्द के नीचे लाल कलर की लहरवाली लाइन आ जाती है। इसके अलावा आप अपने टेक्स्ट को मनचाहा आकार दे सकते हैं।
1. Text Tool को सलेक्ट करें। टेक्स्ट बॉक्स बनाने के लिए किसी भी स्थान पर माउस से क्लिक करें और उसके बाद उसे ड्रैग करें।
2. टेक्स्ट बॉक्स बन जाने के बाद उउसमें टेक्स्ट ��ाइप करें। टाइप करते समय Enter देने की जरूरत नहीं; Enter तब दे, जब नया पैराग्राफ लिखना चाहते हैं।
3. यदि टेक्स्ट में कोई स्पेल्लिंग गलत है तो उसके नीचे लाल रंग की लहर जैसी लाइन आ जाएगी। इस गलत स्पेल्लिंग को आप ठीक कर सकते हैं।
पैराग्राफ की स्पेसिंग को एडजस्ट करना
Pick Tool से पैराग्राफ टेक्स्ट को सिलेक्ट करें।
Text Tool द्वारा टेक्स्ट को सिलेक्ट करें।
3. अब Text मेन्यू पर क्लिक करके Paragraph Formatting पर क्लिक करें।
4. फॉरमैट टेक्स्ट का डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा।
5. Paragraph पर क्लिक करके अपनी इच्छानुसार स्पेसिंग को सेट करें।
6. OK पर क्लिक कर दे।
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कोरल ड्रॉ
कोरल ड्रॉ(CorelDRAW) प्रयोग करके आप प्रोफेशनल डिजाइनिंग के कार्य आसानी से कर सकते हैं। इसके टूल की सहायता से आप कमर्शियल डिजाइन आसानी से और बहुत ही कम समय मे तैयार कर सकते हैं। आइए अब कोरल ड्रॉ के बारे में जानते हैं।
कोरल ड्रॉ को ओपन करना
कोरल ड्रॉ को खोलने के लिए-
1. Start मेन्यू पर क्लिक करें।
2. All programs पर क्लिक करें।
3. CorelDRAW Graphics Suite 12 पर क्लिक करें।
4. उसके बाद CorelDraw पर क्लिक करें
5. Welcome to CorelDRAW 12 की विंडो स्क्रीन पर खुल जाएगी।
6. New पर क्लिक करने पर CorelDRAW की विंडो खुल जाएगी।
टूल बॉक्स का प्रयोग
CorelDRAW की विंडो के बाई ओर आपको एक Toolbox दिखाई देगा। ये सभी टूल्स डिजाइन बनाने में आपकी सहायता करते हैं।
1. Pick Tool
यह टूल किसी भी Object को सिलेक्ट करने के लिए प्रयोग होता हैं।
2. Shape Tool
Shape Tool का प्रयोग सिलेक्ट किए गए object को नया आकार देने के लिए कि��ा है; जैसे- आपने एक सीधी ला��न खिंची और उसको नया आकर दे दिया।
3. Zoom Tool
किसी भी ऑब्जेक्ट को नाजदिक से देखने के लिए Zoom Tool का प्रयोग करते हैं।
जूम इन और आउट
जूम टूल द्वारा आप ऑब्जेक्ट को छोटा या बड़ा करके देख सकते हैं। आप ज्यादा विस्तार से देखना चाहते हैं तो जूम इन या छोटा देखने के लिए जूम आउट कर सकते हैं। जूम साधरणतः 100% का होता है, आप जाहे तो property bar से भी ऐसे बढ़ा या घटा सकते हैं। जूम इन या आउट से आपके ऑब्जेक्ट पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा। जूम इन या आउट निम्न प्रकार से करें-
जूम इन
जूम टूल पर क्लिक करें।
आप जिस ऑब्जेक्ट को बड़ा करना चाहते हैं, उसके चारों तरफ मकार्यू बॉक्स बनाए। आपका ऑब्जेक्ट जूम हो जाएगा ।
जूम आउट
जूम टूल पर क्लिक करें।
ऑब्जेक्ट को छोटा करने के लिए उस पर माउस द्वारा राइट क्लिक (right click) करें।
Freehand Tool
यह टूल रेखा खिंचने के काम आता हैं। यदि आप बिलकुल सीधा रेखा खिजना चाहतें हैं तो Freehand Tool की सिलेक्ट करके तथा Ctrl 'की' को दबाकर सीधी रेखा खिंचे सकते हैं।
Rectangle Tool
यह टूल rectangle या square बनाने के काम आता है।
Rectangle बनाना
1. Rectangle बनाने के लिए टूल बॉक्स से rectangle टूल लो सिलेक्ट करें। माउस पॉइंटर के साथ आपको एक छोटा सा rectangle का चिन्ह मिलेगा।
2. अब ड्रॉइंग एरिया पर कहीं भी क्लिक करके rectangle बनाए। माउस बटन को वहाँ छोड़ दें, जहाँ तक आपको rectangle चाहिए।
Square बनाना
Square बनाने के लिए rectangle टूल को सिलेक्ट करें।
Square बनाने के लिए माउस पॉइंटर को ड्रैग करते हुए 'Ctrl' key को दबाए रखें, इससे square बिलकुल बराबर आएगा।
यदि आप चाहें तो rectangle या square के कोनों को गोल कर सकते हैं। इसके लिए-
1. सबसे पहले rectangle या square को सिलेक्ट करें, उसके चारों तरफ आपको नोड्स नजर आएंगी।
2. अब Shape टूल को सिलेक्ट करके rectangle के किसी भी एक कोने को ड्रैग करने से कोने गोल हो जाएंगे।
Ellipse Tool
इनका प्रयोग सर्कल या इलिप्स बनाने के लिए होता हैं।
इलिप्स बनाने के लिए टूल बॉक्स से इलिप्स टूल को सिलेक्ट करें।
ड्राइंग एरिया में कहीं भी क्लिक करके माउस को ड्रैग करें।
जिस साइज का इलिप्स बनाना चाहते हैं, वहाँ माउस को रोक दे।
सर्कल बनाना
इलिप्स टूल को सिलेक्ट करें।
सर्कल बनाते समय Ctrl 'की' को दबाकर रखें।
अब जहाँ भी सर्कल को खत्म करना है, वहाँ माउस बटन को छोड़ दें।
आर्क या पाई का आकार बनाना
आपके द्वारा बनाए हुए सर्कल या इलिप्स को आप आर्क या पाई का आकार भी दे सकते हैं। इसके लिए -
1. Pick टूल या shape टूल से सर्कल या इलिप्स को सिलेक्ट करें।
2. इलिप्स या सर्कल को पाई के आकार में बनाने के लिए property bar से पाई के आइकन पर क्लिक करें।
3. इलिप्स या सर्कल को आर्क के आकार में बनाने के लिए property bar से आर्क के आइकन पे क्लिक करें।
Graph Paper Tool
इसका प्रयोग अधिकतर columns और rows या फिर Table बनाने के लिए किया जाता हैं।
1. Graph Paper Tool को सिलेक्ट करें।
2. अब आपको जितने भी कॉलम और रो चाहिए उतने टाइप कर लें। उदाहरण के लिए, आपको 5 कॉलम और 4 रो चाहिए तो इसके लिए -
3. माउस पॉइंट को ड्राइंग एरिया में ड्रैग करें और जहाँ भी ग्रिड को समाप्त करना चाहते हैं, माउस बटन को वही छोड़ दें। अब 5 कॉलम और 4 रो स्क्रीन पर आ जाएंगी।
पोलिगन बनाना
ग्राफ पेपर (Graph Paper) टूल में काले रंग का एक ऐरो बना होता है। इस ऐरो पर क्लिक करने से टूल खुल जाते हैं, जिसमे पहले नंबर पर ग्राफ टूल, दूसरे नंबर पर पॉलीगन और तीसरे नंबर पर स्पाइरल टूल होता है।
1. पॉलीगन टूल को सिलेक्ट करें।
2. पॉलीगन पंचभुजी होता है। ड्राइंग एरिया में माउस द्वारा पॉइंटर को ड्रैग करें। जहाँ पॉलीगन को समाप्त करना चाहते हैं, वहीं माउस पॉइंटर को छोड़ दें।
3. यदि आप बनाए हुए पॉलीगन की सतह की संख्या बढ़ाना चाहते हैं तो पहले pick tool से पॉलीगन को सिलेक्ट करें।
4. Number of points on polygon पर माउस पॉइंटर से पॉलीगन की जितनी भुजाएँ चाहिए, उतने नंबर लिख दें। मान लीजिए, आपको पॉलीगन की 10 भुजाएँ चाहिए तो text box में 10 लिखकर Enter दबा दें। पॉलीगन 10 भुजाओवाला बन जाएगा।
स्टार बनाना
स्टार बनाने के लिए पॉलीगन टूल पर डबल क्लिक करने पर option का डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर आ जाएगा -
Polygon as star पर क्लिक करें।
Numbers points/sides बॉक्स में कितने corners चाहिए, उनकी संख्या लिखें।
अब OK बटन पर क्लिक कर दे
4. खाली जगह पर क्लिक करें और माउस पॉइंटर को ड्रैग करें। जहाँ भी स्टार को समाप्त करना चाहते हैं, माउस पॉइंटर को वहीं छोड़ दें।
स्पाइरल बनाना
ग्राफ पेपर के ऐरो option में तीसरा टूल स्पाइरल होता हैं।
स्पाइरल टूल को सिलेक्ट करें।
खाली एरिया में माउस को क्लिक करके ड्रैग करें। जहाँ भी स्पाइरल समाप्त करना चाहते हैं, वहाँ पर माउस पॉइंटर को छोड़ दे।
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टैली से बहार निकलना (Quitting Tally)
यदि टैली पर आपका कार्य समाप्त हो गया है और आप इस प्रोग्राम से बहार निकलना चाहते है, तो Gateway of Tally मेन्यू मे Quit विकल्प को चुनिए या Q दबाइए, यदि आप गेट्वे ऑफ टैली के अलावा किसी अन्य मेन्यू मे है, तो क्रमश: Q दबा-दबाकर पीछे आते हुए गेट्वे तक पहुचिए और एक बार फिर Q दबाकर टैली से बाहर आ जाइए,
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यहॉ हमने टैली की मुख्य-मुख्य बातो की ही चर्चा की है. वास्तव मे तो टैली बहुत शक्तिशाली सोफ्ट्वेयर है और उसमे असंख्य विशेषताए है. यही कारण है कि लम्बे समय से टैली लोकप्रियता के शिखर पर है. इसकी अन्य विशेषताओ के बारे मे जानने के लिए आपको टैली पर ही अध्ययन करना चाहिए.
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विभिन्न रिपोर्टे देखना (Display Various Reports)
बैलेस शीट तथा लाभ-हानि खातो के अलावा अन्य प्रकार की रिपोर्टो को देखने के लिए Gateway of Tally मेन्यू मे Display विकल्प को चुनिए या D दबाइए, ऐसा करते ही आपकी स्क्रीन पर चित्र कि तरह Display Menu खुल जाएगा, जिसमे विभिन्न रिपोर्टो के विकल्प दिए होते है.
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आप इनमे से जिस रिपोर्ट को देखना चाहते है, उसके विकल्प को चुनिए या की-बार्ड पर उस विकल्प की हॉट-की (Hot Key) का बटन दबाइए, इससे वह रिपोर्ट दिखाई पडने लगेगी. यदि आप किसी रिपोर्ट को छापना चाहते है. तो उसके लिए Alt के साथ P दबाइए,
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खातो का संगठन (Accounts Organisation)
टैली मे खातांकन का कार्य किसी कोड के बिना किया जाता है. इसको गलतियो ��े मुक्त रखने के लिए आपको कुछ मानक नियमो या परम्पराओ का पालन करना आवश्यक है. टैली पर आपके कार्य की सफलता मुख्य रुप से इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने हाथ से किए जाने वाले खातांकन (Accounting) के कार्य को टैली मे करने के लिए उसकी आवश्यक्ताओ के अनुसार किस प्रकार योजना बनाते है. इसके लिए खातो के संगठन का ज्ञान होना अनिवार्य है.
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हस्तचालित खातांकन मे ट्रायल बैलेस (Trial Balance) के बाद खातो और बहियो को समूहबध्द करके अंतिम खाते अर्थात् लाभ-हानि खाता तथा बैलेस शीट (Balance Sheet) तैयार किए जाते है. इसलिए जब तक आप ट्रायल बैलेस न बना ले, तब तक अंतिम खाते तैयार नही किए जा सकते. लेकिन टैली मे कोई खाता बनाते समय ही उसको उचित खाता समूह (Account Group) मे रख देते है. खाता समूहो की सहायता से आप अपने खातो को वर्गीकृत कर सकते है और आवश्यक रिपोर्ट तत्काल प्राप्त कर सकते है. बाद मे कभी आवश्यक्ता होने पर आप खातो के सगंठन को सुधार भी सकते है.
उदाहरण के लिए, आप किसी खर्च को निम्न प्रकार समूहो और उप-समूहो मे भी बांट सकते है-
खर्च खाता (Empenditure Account)
कार्मिक खर्च (Emplyee Expenses)
वेतन और मजदूरी (Salaries and Wages)
वेतन (Salaries)
प्रबन्धको का वेतन (Managers Salary)
तकनीशियनो को वेतन (Technicians Salary)
मजदूरी (Wages)
स्थायी मजदूरो की मजदूरी (Permanent Workers Wages)
अस्थायी मजदूरो की मजदूरी (Temporary Workers Salary)
बोनस (Bonus)
वैधानिक बोनस (Statutory Bonus)
अनुकम्पा बोनस (Ex-gratia Bonus)
प्रलोभन (Incentive)
उत्पादन प्रलोभन (Production Incentive)
उपस्थिति प्रलोभन (Attendance Incentive)
प्रशासनिक खर्च (Administrative Expenses)
यह आवश्यक नही है की आप इतने खाते बनाए ही और उन्हे इसी प्रकार वर्गीकृत करे, समूहो और खातो की संख्या आपकी आवश्यकता के अनुसार कम या अधिक भी हो सकती है. समूह बनाने का लाभ यह है कि आप जिस प्रकार से समूह बनाते है, उसी प्रकार से समूहो और उपसमूहो के अनुसार खातो का योग प्रात्प कर सकते है, ताकि उनसे अन्य रिपोर्टे बना सके.
यह भी स्पष्ट रुप से समझ लेना चहिए कि वाउचरो मे दिखाया जाने वाला लेन-देन केवल खातो के साथ होता है, किसी खाता समूह के साथ कभी नही. खाता समूह केवल खातो को संगठित करने की विधि है.
टैली स्वत: ही प्रत्येक कम्पनी के लिए कुछ सुरक्षित खाता समूह बना देता है. आप इन समूहो को हटा नही सकते, केवल उनका नाम बदल सकते है, ऐसा इसलिए ��िया जाता है कि परिसम्पत्तियो, देयताओ, आय और व्यय के संबध मे खातांकन की परम्पराओ का पालन सुनिश्चित किया जा सके.
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टैली द्वारा बैलेस शीट मे दिखाए जाने वाले सुरक्षित खाता समूह निम्नलिखित है :
देवताए पक्ष (Liabilities Side)
Capital Account
Reserves and Surplus [Retained Earnings]
Loans (Liabilities)
Bank OD Accounts [Bank OCC Accounts]
Secured Loans
Unsecured Loans
Current Liabilities
Duties and Taxes
Provisions
Sudry Creditors
परिसम्पत्तिया पक्ष (Assets Side)
Fixed Assets
Investments
Current Assets
Bank Accounts
Cash-in-hand
Deposits (Asset)
Loans and Advances (Asset)
Stock-in-hand
Sunday Debtors
Branch/Divisions
Misc. Expenses (Asset)
Suspense Account
इसी प्रकार, टैली द्वारा लाभ-हानि खाते मे दिखाए जाने वाले सुरक्षित खाता समूह निम्नलिखित है-
आय पक्ष (Incomes Side)
Sales Account
Direct Income [Income Direct]
Indirect Income [Income Indirect]
व्यय पक्ष (Expenses Side)
Purchases Account
Direct Expenses [Expenses Direct]
Indirect Expenses [Expenses Indirect]
ऊपर दी गई सूचियो मे बडे कोष्टक मे लिखे हुए नाम मूल खाते के उपनाम (Alias) है.
टैली द्वारा प्रत्येक कम्पनी के लिए केवल दो खाते अपने-आप बनाए जाते है-
नकदी (Cash), जो Cash-in-hand समूह मे रखा जाता है.
लाभ और हानि खाता (Profit and Loss Account), यह प्राथमिक खाता है.
इन दो खातो के अतिरिक्त सभी खाते आपको बनाने पडते है और उन्हे उचित खाता समूह मे रखना पडता है. खाते बनाने के बारे मे आगे बताया गया है.
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नेटवर्किंग
नेटवर्किंग द्वारा एक से अधिक कंप्यूटरो को जोड़कर हार्डवेयर और डेटा को साझा किया जाता है। नेटवर्किंग दो प्रकार की होती है, जिन्हें लोकल एरिया नेटवर्किंग (Local Area Network-LAN) और वाइड एरिया नेटवर्किंग (Wide Area Network-WAN) कहते है। Windows-7 द्वारा LAN करना बहुत आसान है। आइए, Windows-7 में नेटवर्किग के बारे में जानकारी प्राप्त करे।
यदि कंप्यूटर में Windows-7 इंस्टॉल किया गया है तो कंप्यूटर ऑन करके Windows-7 लोड होने पर Log In का मेन्यू आ जाता है। इस मेन्यू में Password देकर आप नेटवर्किंग प्रयोग कर सकते है। यदि किसी अन्य व्यक्ति को नेटवर्किंग प्रयोग करना है तो इसके लिए Start मेन्यू में उपलब्ध Log Off कमांड का प्रयोग करना होगा। अब इसे कोई भी व्यक्ति प्रयोग कर सकता है।
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ड्राइव लेटर निर्धारित करना
नेटवर्किग के लिए यदि आप ड्राइव लेटर निर्धारित करना चाहते है तो निम्न स्टेप ले-
1. डेस्कटॉप में Start बटन पर किल्क करके माउस पॉइंटर को Programs ग्रुप पर ले जाए।
2. अब माउस पॉइंटर को Accessories ग्रुप पर ले जाकर Windows Explorer पर किल्क करे
परिणामस्वरूप Windows Explorer का डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर आ जाएगा।
3. Windows Explorer के Tool मेन्यू में Map Network Drive का प्रयोग करके ड्राइव लेटर बदल ले।
पासवर्ड कैसे बदले?
यदि आप अपने नेटवर्क का पासपोर्ट बदलना है तो निम्न स्टेप ले.-
1. Windows-7 के डेस्कटॉप पर जाकर Start बटन पर किल्क करें।
2. माउस पॉइंटर को Control Panel विकल्प पर ले जाए।
3. Users Accounts and Family safety विकल्प पर किल्क करने पर निम्न बॉक्स दिखाई देगा-
4. अब Change an account विकल्प पर किल्क करने पर विभिन्न नाम दिखाई देते है।
5. आप जिस account का Password बदलना चाहते है, उस पर किल्क करने पर अगले पेज के अनुसार स्क्रीन दिखाई देती है-
6. अब Change your password विकल्प पर किल्क करके आपना करंट पासवर्ड तथा नया पासवर्ड टाइप करें। उसके बाद Change Password बटन पर किल्क करने पर पासवर्ड बदल जाता है।
नेटवर्किंग में कंप्यूटर कैसे ढूंढे?
यदि आप कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े सैकड़ो कंप्यूटर्स में से किसी कंप्यूटर को ढूंढना चाहते है तो उसके लिए निम्न स्टेप ले-
1. Windows-7 के डेस्कटॉप पर जाकर Start बटन पर किल्क करें।
2. माउस पॉइंटर से Search विकल्प को किल्क करें।
3. अब माउस से पॉइंटर से All files and folders को किल्क करने पर निम्न डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर आ जाता है-
4. उस कंप्यूटर का नाम टाइप करें जिसे आप ढूंढना चाहते है।
5. Search Now बटन दबाने से नेटवर्क में उपलब्ध कंप्यूटर की स्थिति दिखाई देने लगती है।
शेयर फोल्डर बनाना
शेयर फोल्डर का अर्थ उस फोल्डर से है, जिसे नेटवर्क से जुड़े किसी भी कंप्यूटर द्वारा प्रयोग किया जा सके। यदि आप अपने किसी फोल्डर को शेयर फोल्डर बनाना चाहते है तो निम्न स्टेप ले-
1. Windows-7 के डेस्कटॉप में Start बटन पर किल्क करके माउस पॉइंटर को Programs से Accessories पर ले जाए।
2. Windows Explorer विकल्प पर किल्क करे.
3. अब जिस फोल्डर को शेयर फोल्डर बनाना चाहते है, माउस द्वारा उसे चुने।
4. File मेन्यू पर किल्क करें।
5. Properties विकल्प पर किल्क करे।
6. Attributes विकल्पों में से अपनी आवश्यकतानुसार विकल्प चुने।
7. Apply बटन पर किल्क करने पर Confirm Attribute Changes का बॉक्स स्क्रीन पर आ जाता है।
8. OK बटन पर किल्क करने पर फिर Properties के डायलॉग बॉक्स पर आ जाते है।
9. अब OK बटन पर किल्क करने पर चुना फोल्डर बन जाता है।
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दूसरे कंप्यूटर का शेयर फोल्डर खोलना
नेटवर्क से जुड़े किसी भी अन्य कंप्यूटर के शेयर फोल्डर खोलने और प्रयोग करने की विधि इस प्रकार है-
Windows-7 के डेस्कटॉप में जाकर Network Moorhead पर किल्क करके इस फोल्डर को खोले।
अब इसमें उपलब्ध शेयर फोल्डर्स में से उस फोल्डर को चुने जिसे खोलना चाहते है।
माउस द्वारा डबल किल्क करने पर वह शेयर फोल्डर आपके कंप्यूटर में आकर खुल जाएगा।
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खातो का भेद (Types of Accounts)
सामान्य बही (General Ledger) मे रखे अथवा व्यवस्थित किए जाने वाले खातो को मुख्य रुप से दो श्रेणियाँ मे बांटा जाता है-
वैयक्तिक खाते (Personal Accounts) : किसी व्यक्ति या कम्पनी के खातो को वैयक्तिक खाते कहा जाता है. उदाहरण के लिए, ग्राहको, आपूर्तिकर्ताओ, मालिको, लेनदारो तथा देनदारो के खाते वैयक्तिक खाते होते है.
अवैयक्तिक खाते (Impersonal Accounts) : जो खाते वैयक्तिक नही होते, उन्हे अवैयक्तिक खाते कहते है. इन खातो का सम्बंध किसी सम्पत्ति, आय अथवा व्यय से हो सकता है,
इस प्रकार के खातो को भी मुख्यत दो वर्गो मे बांटा जाता है-
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वास्तविक खाते (Real Accounts) : ऐसे खाते है, जो किसी चल अथवा अंचल सम्पत्ति, जैसे नकदी, भबन, फैक्टरी, मशीनरी, वाहन, फर्निचर आदि से सम्बंधित होते है, उन्हे वास्वविक खाते कहा जाता है.
नाममात्र खाते (Nominal Accounts) : ये ऐसे खाते होते है जो आय और व्यय, जैसे बिक्री, खरीद, दी गई छुट (Discount allowed), प्राप्त छुट (Discount received), मरम्म्त, किराया, वेतन, ब्याज, हास (Depreciation) आदि से सम्बंध रखते है.
आप पढ चुके है कि दोहरी प्रविष्ट प्रणाली मे प्रत्येक लेन-देन के नामे तथा जमा दोनो पक्षो को खातो मे रिकॉर्ड किया जाता है. लेन-देनो को दर्ज करने के कुछ मानक नियम बनाए गए है, जिसका पालन करना आवश्यक है. ऊपर बताए गए प्रत्येक प्रकार के खाते को नामे और जमा करने के सुनहरे नियम (Golden Rules) निम्न प्रकार है-
वैयक्तिक खाते :
प्राप्त करने वाले के नामे (Debit the Receiver)
देने वाले के जमा (Credit the Giver)
वास्तविक खाते :
जो आता है उसे नामे (Debit what Comes In)
जो जाता है उसे जमा (Credit the Giver)
नाममात्र खाते :
सभी खर्च और हानि को नामे (Debit all Expenses and Losses)
सभी आय और लाभ को जमा (Credit all Incomes and Gains)
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प्राय प्रतिदिन अथवा प्रत्येक माह के अंत मे अथवा किसी अन्य निरर्धारित समय अंतराल पर हम सभी खातो का अवशेष (Balance) निकालते है. अवशेष से हमारा तात्पर्य किसी खाते के सभी नामे और जमा लेन-देनो को अंतर निकालना होता है. यदि किसी खाते मे जमा की कुल राशि नामे की कुल राशि से अधिक है, तो अवशेष को जमा अवशेष (Credit Balance) कहते है. यदि नामे की कुल राशि जमा की कुल राशि से अधिक है, तो अवशेष को नामो अवशेष (Debit Balance) कहा जाता है.
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Page View बदलना
View मेन्यू के सबसे ऊपर वाले चार विकल्पों द्वारा चार तरह से पेज को देखा जा सकता है-
Normal
Web Layout
Print Layout
Outline
Normal
इस option द्वारा अधिकांश text को साफ-साफ देखा जा सकता है और आसानी से edit भी किया जा सकता है, परन्तु पूरे text को एक साथ नही देख सकते है।
Web Layout
यह option आपको यह दिखाता है कि डॉक्यूमेंट के पेज में text किस प्रकार सेट हुआ है।
Print Layout
यह option out line view का एक विशेष रूप है, जिसमे हम बडे और structured डॉक्यूमेंट को देख सकते है।
Out line
इस option में text structured out line ले रूप में दिखाई देता है।
Word से बाहर कैसे निकाले?
Word से बाहर आने के लिए फाइल मेन्यू में माउस से Exit पर किल्क करते है। इसके अलावा close box पर माउस से किल्क करके भी बाहर आ सकते है।
Word में डॉक्यूमेंट कैसे तैयार करे?
MS-Word की स्क्रीन और उसके कुछ आवश्यक टूल्स की जानकारी तो हम प्राप्त कर चुके है। अब ��म यह जानेंगे कि उसमें किसी डॉक्यूमेंट को कैसे तैयार करते है। Word को अपने कंप्यूटर पर लोड करके निम्न स्टेप ले-
फाइल विकल्प पर किल्क करके New पर किल्क करे। स���क्रीन पर New का डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।
Sample text के लिए Template पर किल्क करके OK बटन पर किल्क करे।
अब स्क्रीन पर एक कर्सर दिखाई देगा, जो यह संकेत करता है कि टाइप किया जानेवाला अक्षर किया स्थान पर आएगा।
कर्सर मूवमेंट
स्क्रीन पर जिस जगह मैटर टाइप करना चाहते है, उस जगह कर्सर ले जाए। इस कार्य के लिए निम्न स्टेप ले-
Text को Insert करना
अपने डॉक्यूमेंट में किसी भी text को insert कर सकते है। इसके लिए निम्न स्टेप लेते है-
सबसे पहले कर्सर को पेज में उस जगह पर ले जाए, जहां text मैटर को insert करना चाहते है।
अब वह text मैटर टाइप करें, जो insert करना चाहते है।
जिस जगह मैटर insert किया गया था, उसके आगे का सारा text मैटर अपने आप ही आगे खिसक जाता है और टाइप किया गया मैटर बीच मे adjust हो जाता है।
Text को Delete कैसे करे?
यदि हमने फाइल में भूलवश कोई गलत मैटर टाइप कर दिया है या पहले से टाइप किए गए किसी मैटर को delete करना चाहते है तो इस कार्य को दो विधियों द्वारा किया जा सकता है। यदि हम कर्सर से बाई ओर मैटर delete करना चाहते है तो Backspace key का प्रयोग करते है यदि कर्सर की दाई ओर का मैटर delete करना चाहिए है तो Delete key का प्रयोग करते है।
Backspace key द्वारा text मिटाना
Backspace key द्वारा किसी text को मिटाने के लिए निम्न स्टेप लेते है-
कर्सर को उस अक्षर या text के आगे ले जाए जिसे मिटाना है।
अब Delete key को दबाए । फलस्वरूप वह text या शब्द एक-एक अक्षर करके delete हो जाता है। Delete key को तब तक दबाते रहे जब कि हमारा पूरा text या शब्द delete नही हो जाता।
Text को सिलेक्ट करना
यदि हम माउस की सहायता से किसी text को सिलेक्ट करना चाहते है तो उसके लिए जिस text को सिलेक्ट करना है, उसके शुरू में माउस का पॉइंटर रखकर किल्क करते है और माउस का बटन दबाते हुए text के दूसरे सिरे तक drag करके ले जाते है। अब माउस का बटन छोड़ देते है। इस प्रकार पेज में किसी भी text या अक्षर को सिलेक्ट कर सकते है।
यदि हम की-बोर्ड की सहायता से किसी text या अक्षर को सिलेक्ट करना चाहते है तो निम्न 'की' - फंक्शन का प्रयोग कर सकते है-
सिलेक्ट किए गए Text को बदलना
यदि हमने कोई text सिलेक्ट कर रखा है और फिर कोई मैटर स्वत: ही सिलेक्ट किए गए मैटर को overwrite करके उसका स्थान ले लेगा।
डॉक्यूमेंट के अंत मे Text जोड़ना
यदि हम पहले टाइप किए गए text में कुछ text जोड़ना चाहते है तो इसके लिए-
डॉक्यूमेंट के अंत मे और text जोड़ने से पहले कर्सर (Insertion Point) को उस स्थान पर ले जाए।
डॉक्यूमेंटके जिस text के बाद नया text जोड़ना है, उस text के अंत मे माउस से किल्क करे।
अब जो text जोड़ना है, उसे टाइप करें।
मैटर पर Overtype कैसे करे?
जब की-बोर्ड पर insert key को एक बार दबाते है तो insert मोड़ ऑफ हो जाता है और जब उसे दूसरी बार दबाते है तो insert मोड़ ऑन हो जाता है। जिस समय insert मोड़ ऑन हो ओर मैटर के बीच कही भी टाइप करें तो आगे मैटर एक-एक स्थान आगे की ओर खिसकता है और टाइप किया गया अक्षर या शब्द बीच मे आ जाता है। यदि कर्सर (Insertion Point) से दाहिनी ओर का मैटर मिटाना चाहते है और उसके ऊपर नया मैटर टाइप करना चाहते है तो insert मोड़ ऑफ करना होता है।
अब जो भी मैटर टाइप करेगे, वह कर्सर से दाहिनी ओर वाले मैटर पर overtype हो जाएगा। इसके लिए निम्न स्टेप ले-
की-बोर्ड पर Insert key दबाकर स्क्रीन पर 'OVR' इंडिकेटर ऑन करे।
अब कर्सर को उस जगह ले जाए जहाँ नए मैटर का पहला अक्षर टाइप करना चाहते है।
अब मैटर टाइप करें।
वापस insert मोड़ में आने के लिए की-बोर���ड पर insert key को दबाए।
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MS-Word का परिचय
MS-Word माइक्रोसॉफ्ट ऑफीस का एक अभिन्न अंग है। MS-Word में डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए निम्न सुविधाएं प्राप्त होती है-
MS-Word Window based सॉफ्टवेयर है, अतः इस सॉफ्टवेयर में हम माउस का प्रयोग कर सकते है।
सॉफ्टवेयर में हम अपने डॉक्यूमेंट की स्पेलिंग्स ग्रामर भी चेक कर सकते है।
MS-Wordके हम किसी अन्य सॉफ्टवेयर के डॉक्यूमेंट को भी प्लेस कर सकते है।
MS-Word में हम किल्क आर्ट (रेडिमेट चित्र) का भी प्रयोग कर सकते है।
MS-Word कैसे लोड करें?
जब हम अपने कंप्यूटर को ऑन करते है तो विंडोज के डेस्कटॉप पर जाकर रुक जाता है। आगे के स्टेप है-
Start बटन पर किल्क करके Programs में जाए और फिर MS-Office में MS-Word के आइकन पर माउस से किल्क करे।
इससे Word की स्क्रीन आ जाती है।
यदि आपकी स्क्रीन पर यहाँ दिखाई गई स्क्रीन से कम या अधिक टूलबार दिखाई देते है तो चिंता की कोई बात नही, क्योकि हम किसी भी टूलबार को enable और disable कर सकते है।
टूलबार
टूलबार कंप्यूटर की स्क्रीन के सबसे ऊपर (Top में) नगर आती है। इसके अतिरिक्त यह टूलबार स्क्रीन के नीचे (Bottom) पर दाए-बाए ही नगर आती है। इसके द्वारा हम किसी भी टूल को चुनकर एक निश्चित कार्य कर सकते है। MS-Word में टूल का प्रयोग करने का मुख्य लाभ यह होता है कि वर्डस्टार की तरह हमे एक-एक मेन्यू में जाकर कमांड देने की आवश्यकता नही पड़ती। उदाहरण के लिए, यदि हम पहले से save किसी फाइल को open करना चाहते है तो पहले नीचे आनेवाले पुल डाउन मेन्यू में Open पर माउस से किल्क करते है। इसके बाद जो फाइल खोलनी है, उस फाइल को माउस सिलेक्ट करके के Enter दबाए है तो वह फाइल हमारे कंप्यूटर की स्क्रीन पर open हो जाती है।
टूलबार को हटाना या लाना
यदि हम चाहते है कि हमारी स्क्रीन पर टूलबार दिखाई न दे तो उसे Off करके हटा भी सकते है। अगर वह पहले से ही हटा हुआ है तो उसे On या Off करके पुनः ला सकते है
टूलबार को On या Off करके लाने या हटाने के लिए निम्न स्टेप लेते है-
View मेन्यू पर किल्क करके पॉइंटर को Toolbar विकल्प पर ले जाए ।
यह सुनिश्चित कर ले कि 'Standard' और 'Formatting' के अतिरिक्त और सभी विकल्पों को Off कर रखा है। यदि आपके बॉक्स में (P) का निशान है तो वह ऑन है, अतः वहां माउस से किल्क करके उसे Off कर दे।
माउस की सहायता से OK बटन पर किल्क करे।
इस प्रकार हमारी स्क्रीन से टूलबार ऑफ हो जाएगा। यदि टूलबार को पुनः ऑन करना चाहते है तो Toolbars.... विकल्प में सभी बॉक्सो पर मार्क लगाने के लिए माउस से किल्क करते जाए और अंत मे OK बटन पर माउस से किल्क कर दे।
Page Setup का निर्धारिण
पेज सेटअप में डॉक्यूमेंट के पेज का साइज बदल सकते है और उसके लेआउट को भिन्न-भिन्न प्रकार से सेट कर सकते है। डॉक्यूमेंट का पेज सेटअप बदलने के लिए निम्न स्टेप लेते है-
फाइल मेन्यू पर जाकर पेज सेटअप को चुनते है तो स्क्रीन पर पेज सेटअप डायलॉग बॉक्स आ जाता है।
स्क्रीन पर दिखने वाले विकल्पों Margins, Paper Size, Paper Source और Layout को टैब से या माउस की सहायता से चुन सकते है। मान लीजिए कि हम पेपर साइज विकल्प को चुनना चाह्ते है तो पेपर साइज पर माउस से किल्क करते है। अब Paper Size डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर आ जाता। है-
ध्यान रखे:- किसी भी डायलॉग बॉक्स में एक दूसरे विकल्प पर जाने के लिए Tab key का प्रयोग किया जाता है।
Help कैसे देखे?
यदि हम किसी आइकन से संबंधित कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, जो अपने माउस का पॉइंटर उस आइकन पर कुछ क्षणों के लिए रोक देते है, परिणामस्वरूप उस आइकन से संबंधित Help स्क्रीन पर आ जाती है। इस स्क्रीन पर उस आइकन से होनेवाले कार्यो की संक्षिप्त जानकारी दी जाती है।
इसके अतिरिक्त स्क्रीन के नीचे (Bottom में) status bar पर माउस का पॉइंटर रखकर हम विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते है।
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