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सूरत फुरकानि-25 (कुरआन शरीफ से हिंदी)
आयत नं. 53 से 59 तक उसी कबीर अल्लाह की महिमा (पाकी) ब्यान की गई है। कहा है कि यह कबीर वह कादर अल्लाह है जिसने सब सृष्टि की रचना की है। उसने मानव उत्पन्न किए। फिर उनके संस्कार बनाए। रिश्ते-नाते उसी की कृपा से बने हैं। खारे-मीठे ��ल की धाराएँ भी उसी ने भिन्न-भिन्न अपनी कुदरत (शक्ति) से बहा रखी हैं। पानी की बूँद से आदमी (मानव=स्त्री-पुरूष) उत्पन्न किया।
#कबीरखुदा_का_नाम_कबीर
Baakhabar Sant Rampal Ji Maharaj
https://youtu.be/qS3CO9pmqPk?si=JiKQ0UfuPMh0dgnG
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गीता जी में मोक्ष के लिए ॐ तत् सत् का जाप करने का निर्देश है जिसमें ॐ(क्षर पुरूष) तत्(अक्षर पुरुष) व सत्(परम अक्षर ब्रह्म) का जाप है जिसमें तत् व सत् सांकेतिक हैं
#ॐ_तत_सत_का_Decode
Tattvadarshi Sant Rampal Ji
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क्या गीता ज्ञान दाता श्री कृष्ण जी नहीं है क्योंकि श्री कृष्ण जी तो सर्व समक्ष साक्षात् थे। श्री कृष्ण नहीं कहते कि मैं अपनी योगमाया से छिपा रहता हूँ। इसलिए गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी के अन्दर प्रेतवत् प्रवेश करके काल ने बोला था।
#खुल_गया_राज_गीता_का
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पांचवें वेद "सूक्ष्मवेद" में परमात्मा ने बताया है:
नाम उठत नाम बैठत, नाम सोवत जाग रे।
नाम खाते नाम पीते, नाम सेती लाग रे।।
नाम का जाप काम करते-करते कर सकते हैं
#पांचवें_वेद_का_रहस्य
Sant Rampal Ji discloses 5thVeda
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क्या सनातनी पूजा के पतन के पीछे कोई गहरी साजिश है?
संत रामपाल जी महाराज ने बताया सच्चाई।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबा��ी भाग - 5"।
4 जनवरी 2025, दोपहर 2 बजे
Factful Debates यूट्यूब चैनल पर।
#हे_भोलेइंसान_आंखों_देखलेभगवान
सनातनी पूजा के पतन की कहानी
https://youtu.be/JsXEEPe3NFQ?si=mKh_eFrFZQpYgt4z
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सतयुग, त्रेतायुग और द्वापरयुग में एक सनातन धर्म था तो कलयुग में मानव अनेक धर्म में क्यों बंट गया?
जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
#हिन्दूसाहेबान_नहीं_समझे_गीता_वेद_पुराण
#SantRampalJiMaharaj
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जानें अनजाना सच
क्या राधास्वामी पंथ का प्रवर्तक प्रेत बना था?
जानने के लिए देखिये यह चौंकाने वाली अद्भुत वीडियो
"कबीर का ज्ञान सच्चा या राधास्वामी का
#जानें_अनजाना_सच
Factful Debates YouTube Channel
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भविष्यवक्ता ‘‘श्री वेजीलेटिन’’ के अनुसार विश्व में आपसी प्रेम का अभाव, मानवता का ह्यस, माया संग्रह की दौड़, लूट व राज नेताओं का अन्यायी हो जाना आदि-आदि बहुत से उत्पात देखने को मिलेगें। परन्तु भारत से उत्पन्न हुई शांति भ्रातृत्व भाव पर आधारित नई सभ्यता विश्वभर में अमन व चैन उत्पन्न करेगी।
संत रामपाल जी ही वह महापुरुष हैं भेदभाव की सारी सीमाएं समाप्त कर अमन व शांति का पैगाम दे रहे हैं।
#युग_परिवर्तन_निकट_है
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सतलोक में आत्मा को पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है, जो स्वर्गलोक और ब्रह्मलोक में असंभव है। स्वर्गलोक और ब्रह्मलोक की आत्माएं जन्म और मृत्यु के चक्र में बंधी रहती हैं
#सतलोक_Vs_स्वर्ग
Immortal Place Satlok
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सतलोक Vs स्वर्ग
हम सभी जानते हैं यह लोक नश्वर है यानी जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु अवश्य होगी और यह चक्र स्वर्गलोक से लेकर ब्रह्मलोक तक चलता है।
#सतलोक_Vs_स्वर्ग
Immortal Place Satlok
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आध्यात्मिक पुस्तक "धरती ऊपर स्वर्ग" में बताया गया है कि धार्मिक शास्त्र परमात्मा का बनाया संविधान है। जो व्यक्ति संविधान का उल्लंघन करता है, वह दंडित होता है। उसे न सुख प्राप्त होता है, न कार्य सिद्ध होते हैं
#धरती_ऊपर_स्वर्ग
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धरती ऊपर स्वर्ग" पुस्तक के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज ने दहेज कुप्रथा के समूल नाश का मूल मंत्र दिया है।
#धरती_ऊपर_स्वर्ग
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धरती ऊपर स्वर्ग"
संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित यह अनमोल पुस्तक व्यर्थ सामाजिक परंपराओं, धार्मिक आडंबरों के दौर से गुजर रही दुनिया के लिए एक वरदान है।
#धरती_ऊपर_स्वर्ग
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धरती ऊपर स्वर्ग" के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज ने हमें चेताया है कि सत भक्ति के बिना अनमोल मनुष्य जीवन व्यर्थ है।
कबीर, हरि के नाम बिना, नारी कुत्तिया होय।
#धरती_ऊपर_स्वर्ग
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पवित्र कुरान शरीफ में प्रभु सशरीर है तथा उसका नाम कबीर है सुरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 में लिखा है कि कबीर परमात्मा ने छः दिन में सृष्टी की रचना की तथा सातवें दिन तख्त पर जा विराजा।
#कुल_का_मालिक_एक
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क्या वह यीशु थे जो कब्र से निकले थे?
नहीं, वह यीशु नहीं थे जो कब्र से निकले थे। वे पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब थे, जो उनके अनुयायियों का विश्वास बनाए रखने के लिए यीशु के रूप में प्रकट हुए थे। अन्यथा उनके अनुयायियों ने भगवान में विश्वास खो दिया होता और नास्तिक बन गए होते।
#बाइबल_के_अनुसार_कैसाहै_प्रभु
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परमेश्वर अमर है, लेकिन ईसा मसीह जी की मृत्यु हुई
हजरत ईसा मसीह की मृत्यु पूर्व ही निर्धारित थी। स्वयं ईसा जी ने कहा कि मेरे बारह शिष्यों में से ही एक मुझे विरोधियों को पकड़वाएगा। एक ईसा मसीह का खास यहूंदा इकसरौती नामक शिष्य था, जिसने तीस रूपये के लालच में अपने गुरु जी को विरोधियों के हवाले कर दिया।
(मत्ती 26ः24-55 पृष्ठ 42-44).
#बाइबल_अनुसारपरमात्मा_कैसा_है
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