amirhashmilive
Amir Hashmi
18 posts
Don't wanna be here? Send us removal request.
amirhashmilive · 5 days ago
Text
दर्द निवारक दवाएँ बनाम नींद की गोलियाँ
दर्द निवारक दवाएँ (पेनकिलर्स) और नींद की गोलियाँ, दोनों ही आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था का हिस्सा हैं, जो आवश्यकता के अनुसार राहत पहुँचाने के लिए उपयोग में लाई जाती हैं। लेकिन जब इनका अंधाधुंध या गलत तरीके से सेवन किया जाता है, तो ये दवाएँ एक गंभीर सामाजिक और स्वास्थ्य संकट पैदा करती हैं। भारत सहित विश्वभर में इन दवाओं के दुरुपयोग के आँकड़े चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं। नशे की लत और खतरे का आकलनदर्द…
0 notes
amirhashmilive · 10 days ago
Text
युद्ध, शक्ति और व्यक्तित्व
“युद्ध हमेशा विचारधाराओं के राजनीतिक और आर्थिक शक्तियों द्वारा किए गए हेरफेर पर निर्भर करता है; सच्ची शांति वहीं है जहां व्यक्ति की पहचान शक्ति, धन या छल से अछूती हो।”— अमीर हाशमी लेख: युद्ध, राजनीति और आर्थिक शक्ति का प्रभाव परिचय युद्ध, जो मानव इतिहास का एक अटूट हिस्सा रहा है, अक्सर राष्ट्रवाद, धर्म या विचारधारा के नाम पर महिमामंडित किया जाता है। लेकिन अगर इसके पीछे के असली कारणों को देखें,…
0 notes
amirhashmilive · 10 days ago
Text
Quote by Amir Hashmi:
“War thrives on ideologies manipulated by politics and fueled by the economy; true peace lies in individuality, untouched by power, wealth, or deception.”— Amir Hashmi The Intersection of War, Politics, and Economic Power Introduction War, an enduring facet of human history, is often glorified under the banners of nationalism, religion, or ideology. However, beneath the surface, the true…
0 notes
amirhashmilive · 12 days ago
Text
अंबेडकर और गांधी: मतभेद, घटनाक्रम, और विचारधारा का परिप्रेक्ष्य
डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दो महानायक थे, जिनका उद्देश्य भारतीय समाज को न्याय, समानता और स्वतंत्रता के आदर्शों पर आधारित करना था। हालांकि, उनकी दृष्टियां और कार्यप्रणालियां भिन्न थीं, विशेषकर दलितों के अधिकारों और सामाजिक सुधारों के संदर्भ में। उनके बीच मतभेद भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसमें कई घटनाक्रम, विचारधाराएं और परिकल्पनाएं शामिल…
0 notes
amirhashmilive · 14 days ago
Text
Shikwa and Jawab-e-Shikwa: The Controversy Surrounding Allama Iqbal's Masterpiece
Allama Iqbal (1877–1938), renowned as a philosopher, poet, and thinker, profoundly influenced the Indian subcontinent. His works primarily centered on themes of Islam, humanity, and self-realization (khudi). Two of his most celebrated yet controversial poems, “Shikwa” (Complaint) and “Jawab-e-Shikwa” (Response to the Complaint), sparked debates and criticism but later established his legacy as a…
0 notes
amirhashmilive · 14 days ago
Text
शिकवा और जवाब-ए-शिकवा: अल्लामा इकबाल पर विवाद और फतवे का घटनाक्रम
अल्लामा इकबाल (1877-1938) भारतीय उपमहाद्वीप के प्रसिद्ध दार्शनिक, कवि, और विचारक थे। उनकी रचनाएँ इस्लाम, इंसानियत, और खुदी (आत्म-साक्षात्कार) के विषयों पर आधारित थीं। उनकी कविता “शिकवा” और उसके उत्तर में लिखी “जवाब-ए-शिकवा” इस्लामी समाज में आत्म-निरीक्षण और चेतना को जगाने का माध्यम बनीं। इन कविताओं ने जहाँ प्रशंसा प्राप्त की, वहीं विवादों और फतवों का कारण भी बनीं। घटनाक्रम: क्रोनोलॉजिकल ऑर्डर…
0 notes
amirhashmilive · 16 days ago
Text
राजनीति और धर्म: इंडिविजुअलिटी बनाम पर्सनालिटी का संघर्ष
इंसान की इंडिविजुअलिटी यानी व्यक्तिगत पहचान उसकी स्वतंत्र सोच, मूल्यों, और ईश्वर से सीधी जुड़ाव का प्रतीक होती है। धर्म का मूल उद्देश्य इस इंडिविजुअलिटी को पोषित करना है, त���कि हर व्यक्ति अपने अस्तित्व और आत्मा की खोज कर सके। लेकिन जैसे-जैसे धार्मिक संस्थाएं और राजनीति का प्रभुत्व बढ़ा, इस स्वतंत्र पहचान को कुचलने और पर्सनालिटी यानी नियंत्रित व्यक्तित्व को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया। यह लेख इस…
0 notes
amirhashmilive · 16 days ago
Text
बेनरालिजुमैब (Benralizumab) और अस्थमा पर शोध: एक विस्तृत अवलोकन
अस्थमा: एक वैश्विक और भारतीय चुनौती अस्थमा एक पुरानी श्वसन संबंधी बीमारी है जो वायुमार्ग में सूजन के कारण होती है। यह सांस लेने में कठिनाई, खांसी और सीने में जकड़न जैसे लक्षण उत्पन्न करती है। भारत में, अस्थमा का औसत प्रसार दर लगभग 2.05% है, जो 18 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करता है। भारतीय अध्ययन (INSEARCH) के अनुसार, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अस्थमा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।…
0 notes
amirhashmilive · 24 days ago
Text
बेनरालिजुमैब (Benralizumab) और अस्थमा पर शोध: एक विस्तृत अवलोकन
अस्थमा: एक वैश्विक और भार���ीय चुनौती अस्थमा एक पुरानी श्वसन संबंधी बीमारी है जो वायुमार्ग में सूजन के कारण होती है। यह सांस लेने में कठिनाई, खांसी और सीने में जकड़न जैसे लक्षण उत्पन्न करती है। भारत में, अस्थमा का औसत प्रसार दर लगभग 2.05% है, जो 18 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करता है। भारतीय अध्ययन (INSEARCH) के अनुसार, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अस्थमा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।…
0 notes
amirhashmilive · 24 days ago
Text
बेनरालिजुमैब (Benralizumab) और अस्थमा पर शोध: एक विस्तृत अवलोकन
अस्थमा: एक वैश्विक और भारतीय चुनौती अस्थमा एक पुरानी श्वसन संबंधी बीमारी है जो वायुमार्ग में सूजन के कारण होती है। यह सांस लेने में कठिनाई, खांसी और सीने में जकड़न जैसे लक्षण उत्पन्न करती है। भारत में, अस्थमा का औसत प्रसार दर लगभग 2.05% है, जो 18 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करता है। भारतीय अध्ययन (INSEARCH) के अनुसार, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अस्थमा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।…
0 notes
amirhashmilive · 1 month ago
Text
रिहला: इब्न बतूता की ऐतिहासिक यात्राओं का अद्भुत दस्तावेज
अमीर हाशमी की कलम से #ahkks इब्न बतूता का नाम इतिहास में एक ऐसे यात्री के रूप में दर्ज है, जिन्होंने 14वीं सदी के अज्ञात और खतरों से भरे विश्व को अपने साहस और ज्ञान से देखा, समझा, और दर्ज किया। 1304 में मोरक्को के टंगियर में जन्मे इब्न बतूता विद्वानों और न्यायाधीशों के परिवार से थे। एक शिक्षित वातावरण में पले-बढ़े इब्न बतूता का झुकाव प्रारंभ से ही धार्मिक और बौद्धिक ज्ञान की ओर था। उनकी…
1 note · View note
amirhashmilive · 1 month ago
Text
रिहला: इब्न बतूता की ऐतिहासिक यात्राओं का अद्भुत दस्तावेज
अमीर हाशमी की कलम से #ahkks इब्न बतूता का नाम इतिहास में एक ऐसे यात्री के रूप में दर्ज है, जिन्होंने 14वीं सदी के अज्ञात और खतरों से भरे विश्व को अपने साहस और ज्ञान से देखा, समझा, और दर्ज किया। 1304 में मोरक्को के टंगियर में जन्मे इब्न बतूता विद्वानों और न्यायाधीशों के परिवार से थे। एक शिक्षित वातावरण में पले-बढ़े इब्न बतूता का झुकाव प्रारंभ से ही धार्मिक और बौद्धिक ज्ञान की ओर था। उनकी…
1 note · View note
amirhashmilive · 1 month ago
Text
फ़्रीडम एट मिडनाइट का विश्लेषण (Freedom at Midnight)
लेखक: डोमिनिक लापिएर और लैरी कॉलिन्स पुस्तक का परिचय:“फ़्रीडम एट मिडनाइट” एक ऐतिहासिक और अत्यधिक महत्वपूर्ण कृति है, जो भारत की स्वतंत्रता और विभाजन की गाथा का जीवंत चित्रण करती है। यह पुस्तक ब्रिटिश साम्राज्य के अंतिम दिनों, भारत की आज़ादी की कहानी, विभाजन की पीड़ा, और उन नेताओं की भूमिका पर प्रकाश डालती है जिन्होंने उस समय के कठिन निर्णय लिए थे। यह पुस्तक 1947 के ऐतिहासिक वर्ष का विस्तारपूर्वक…
0 notes
amirhashmilive · 2 months ago
Text
ब्राह्मणवाद का ऐतिहासिक उद्गम और प्रभाव
ब्राह्मणों का इतिहास भारत के प्राचीन समाज के निर्माण और विकास से जुड़ा हुआ है। ब्राह्मणों को समाज में एक उच्च स्थान प्राप्त था और उन्हें वैदिक यज्ञों, धार्मिक अनु���्ठानों और शिक्षा का संरक्षक माना जाता था। इस आर्टिकल में हम ब्राह्मणों की उत्पत्ति, जाति और वर्ण व्यवस्था की स्थापना, इसके राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव, महात्मा गांधी और डॉ. बी. आर. अंबेडकर द्वारा ब्राह्मणवाद के विरुद्ध संघर्ष, और निम्न…
0 notes
amirhashmilive · 2 months ago
Text
#Zombindia: असंवेदनशीलता का भवर
मलाड में सड़क विवाद में युवक की हत्या ने खोली समाज की असंवेदनशीलता की परतें मुंबई, 12 अक्टूबर 2024 मुंबई के मलाड ईस्ट इलाके में एक दुखद घटना ने देश भर को हिला कर रख दिया, जहाँ एक 27 वर्षीय युवक, आकाश माईन, को मामूली सड़क विवाद के बाद भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डाला गया। यह घटना 12 अक्टूबर को उस समय हुई, जब आकाश अपनी पत्नी के साथ बाइक से अपने माता-पिता के घर जा रहे थे। एक ऑटो-रिक्शा ने उनकी बाइक…
0 notes
amirhashmilive · 2 months ago
Text
#Zombindia: असंवेदनशीलता का भवर
मलाड में सड़क विवाद में युवक की हत्या ने खोली समाज की असंवेदनशीलता की परतें मुंबई, 12 अक्टूबर 2024 मुंबई के मलाड ईस्ट इलाके में एक दुखद घटना ने देश भर को हिला कर रख दिया, जहाँ एक 27 वर्षीय युवक, आकाश माईन, को मामूली सड़क विवाद के बाद भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डाला गया। यह घटना 12 अक्टूबर को उस समय हुई, जब आकाश अपनी पत्नी के साथ बाइक से अपने माता-पिता के घर जा रहे थे। एक ऑटो-रिक्शा ने उनकी बाइक…
0 notes
amirhashmilive · 2 months ago
Text
भारतीय न्यायपालिका: राजनीतिक हस्तक्षेप और सुधार
भारतीय न्यायिक प्रणाली अपने विशाल और जटिल तंत्र के बावजूद आज धीमी गति और मामलों की भारी संख्या के कारण संकट में है। लाखों मामले वर्षों से अदालतों में लंबित हैं, और न्यायाधीशों की कमी ने इस प्रक्रिया को और अधिक बाधित किया है।
भारत की न्यायिक प्रणाली दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जटिल न्यायिक तंत्रों में से एक है। देश का संविधान न्यायपालिका को एक स्वतंत्र और निष्पक्ष इकाई के रूप में मान्यता देता है, जिसका मुख्य उद्देश्य संविधान की रक्षा करना और नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा करना है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में न्यायालयों के धीमी गति से काम करने, न्याय में देरी और राजनीतिक हस्तक्षेप जैसे मुद्दों ने इस प्रणाली की…
0 notes