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ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत आज, इसे करना से मिलता है 32 गुना फल, जानिए धन- लाभ के आसान उपाय
चैतन्य भारत न्यूज वैसे तो हर माह की पूर्णिमा का अपना महत्व होता है लेकिन ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को और भी अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। धार्मिक तौर पर इस दिन स्नान दान का काफी महत्व होता है। इस पूर्णिमा पर स्नान, दान और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान कर के दान करने से पापों का नाश होता है। इस बार स्नान पूर्णिमा 24 जून को है। आइए जानते हैं स्नान पूर्णिमा का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
स्नान पूर्णिमा का महत्व जिस तरह कार्तिक, माघ, वैशाख की पूर्णिमा का विशेष महत्व गंगा स्नान करने से होता है। उसी प्रकार इस दिन स्नान करना अति शुभ एवं उत्तम माना गया है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा और कथा करने से भी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पूर्णिमा पर गीता पाठ करने का भी महत्व है। इस दिन गीता पाठ करने से पितरों को तृप्ति प्राप्त होती है। स्नान पूर्णिमा पर दान का फल अन्य पूर्णिमा व दिनों की तुलना में 32 गुना अधिक प्राप्त होता है।
स्नान पूर्णिमा की पूजा-विधि पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं अगर संभव हो तो किसी तीर्थ पर जाकर नहाएं। सुबह व्रत का संकल्प लेकर दिनभर व्रत रखें। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा व कथा की जाती है। पूजा स्थान पर भगवान को फूल, अर्पन, फल आदि चढ़ा कर पूजा करें। इस दिन चंद्रमा की उपासना जरूर करना चाहिए। इस दिन जरुरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मण को भोजन कराए। इसके बाद दान-दक्षिणा देकर अपना व्रत खोलें। धन- लाभ के आसान उपाय माता लक्ष्मी की पूजा करें: पूर्णिमा तिथि पर मां लक्ष्मी की पूजा करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है। मां लक्ष्मी के साथ ही भगवान विष्णु की पूजा भी करें। घी की ज्योत जलाएं: इस पावन दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा के समक्ष घी की ज्योत जलाएं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से घर में सकारात्मकता का वास होता है और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को खीर काफी पसंद होती है। इस पावन दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की ��िशेष कृपा प्राप्त होती है। कुंवारी कन्याओं को भोजन कराएं: पूर्णिमा तिथि पर कुंवारी कन्याओं को भोजन करवाना भी शुभ होता है। ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं। इस दिन कुंवारी कन्याओं को भोजन करवाएं और उन्हें दान- दक्षिणा भी दें। Read the full article
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ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत करने से मिलता है 32 गुना फल, जानिए इस दिन का महत्व
चैतन्य भारत न्यूज वैसे तो हर माह की पूर्णिमा का अपना महत्व होता है लेकिन ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को और भी अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। धार्मिक तौर पर इस दिन स्नान दान का काफी महत्व होता है। इस पूर्णिमा पर स्नान, दान और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान कर के दान करने से पापों का नाश होता है। इस बार स्नान पूर्णिमा 24 जून को है। आइए जानते हैं स्नान पूर्णिमा का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
स्नान पूर्णिमा का महत्व जिस तरह कार्तिक, माघ, वैशाख की पूर्णिमा का विशेष महत्व गंगा स्नान करने से होता है। उसी प्रकार इस दिन स्नान करना अति शुभ एवं उत्तम माना गया है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा और कथा करने से भी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पूर्णिमा पर गीता पाठ करने का भी महत्व है। इस दिन गीता पाठ करने से पितरों को तृप्ति प्राप्त होती है। स्नान पूर्णिमा पर दान का फल अन्य पूर्णिमा व दिनों की तुलना में 32 गुना अधिक प्राप्त होता है।
स्नान पूर्णिमा की पूजा-विधि पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं अगर संभव हो तो किसी तीर्थ पर जाकर नहाएं। सुबह व्रत का संकल्प लेकर दिनभर व्रत रखें। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा व कथा की जाती है। पूजा स्थान पर भगवान को फूल, अर्पन, फल आदि चढ़ा कर पूजा करें। इस दिन चंद्रमा की उपासना जरूर करना चाहिए। इस दिन जरुरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मण को भोजन कराए। इसके बाद दान-दक्षिणा देकर अपना व्रत खोलें। Read the full article
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आज है स्नान दान पूर्णिमा, इस दिन व्रत को करने से मिलता है 32 गुना फल
चैतन्य भारत न्यूज वैसे तो हर माह की पूर्णिमा का अपना महत्व होता है लेकिन ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को और भी अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। धार्मिक तौर पर इस दिन स्नान दान का काफी महत्व होता है। इस पूर्णिमा पर स्नान, दान और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान कर के दान करने से पापों का नाश होता है। इस बार स्नान पूर्णिमा 05 जून को है। आइए जानते हैं स्नान पूर्णिमा का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
स्नान पूर्णिमा का महत्व जिस तरह कार्तिक, माघ, वैशाख की पूर्णिमा का विशेष महत्व गंगा स्नान करने से होता है। उसी प्रकार इस दिन स्नान करना अति शुभ एवं उत्तम माना गया है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा और कथा करने से भी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पूर्णिमा पर गीता पाठ करने का भी महत्व है। इस दिन गीता पाठ करने से पितरों को तृप्ति प्राप्त होती है। स्नान पूर्णिमा पर दान का फल अन्य पूर्णिमा व दिनों की तुलना में 32 गुना अधिक प्राप्त होता है।
स्नान पूर्णिमा की पूजा-विधि पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं अगर संभव हो तो किसी तीर्थ पर जाकर नहाएं। सुबह व्रत का संकल्प लेकर दिनभर व्रत रखें। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा व कथा की जाती है। पूजा स्थान पर भगवान को फूल, अर्पन, फल आदि चढ़ा कर पूजा करें। इस दिन चंद्रमा की उपासना जरूर करना चाहिए। इस दिन जरुरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मण को भोजन कराए। इसके बाद दान-दक्षिणा देकर अपना व्रत खोलें। Read the full article
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आज है स्नान दान पूर्णिमा, इस दिन व्रत को करने से मिलता है 32 गुना फल
चैतन्य भारत न्यूज मार्गशीर्ष या अगहन माह को अति पवित्र और श्रेष्ठ माना गया है। पुराणों में इस महीने की पूर्णिमा को भी महत्वपूर्ण और फलदायी माना गया है। इस पूर्णिमा पर स्नान, दान और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान कर के दान करने से पापों का नाश होता है। इस बार स्नान पूर्णिमा 12 दिसंबर गुरूवार को है। आइए जानते हैं स्नान पूर्णिमा का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
स्नान पूर्णिमा का महत्व जिस तरह कार्तिक, माघ, वैशाख की पूर्णिमा का विशेष महत्व गंगा स्नान करने से होता है। उसी प्रकार इस दिन स्नान करना अति शुभ एवं उत्तम माना गया है। मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व अधिक होता है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा और कथा करने से भी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर गीता पाठ करने का भी महत्व है। इस दिन गीता पाठ करने से पितरों को तृप्ति प्राप्त होती है। स्नान पूर्णिमा पर दान का फल अन्य पूर्णिमा व दिनों की तुलना में 32 गुना अधिक प्राप्त होता है। इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
स्नान पूर्णिमा की पूजा-विधि पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं अगर संभव हो तो किसी तीर्थ पर जाकर नहाएं। सुबह व्रत का संकल्प लेकर दिनभर व्रत रखें। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा व कथा की जाती है। पूजा स्थान पर भगवान को फूल, अर्पन, फल आदि चढ़ा कर पूजा करें। इस दिन चंद्रमा की उपासना जरूर करना चाहिए। इस दिन जरुरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मण को भोजन कराए। इसके बाद दान-दक्षिणा देकर अपना व्रत खोलें। ये भी पढ़े... साल के आखिरी महीने में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट पाना चाहते हैं लक्ष्मी माता की कृपा, तो शुक्रवार को इस विधि से करें मां की पूजा-अर्चना सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुक्रवार को ऐसे करें मां संतोषी की पूजा Read the full article
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