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#स्वामी हनुमान
angrezzzz · 9 months
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Swami Samarth Aarti PDF Download in Marathi : जय जय सद्गुरु स्वामी समर्थ आरती संग्रह
Swami Samarth Aarti PDF: आप सब तो जानते ही होंगे कि स्वामी समर्थ आरती एक प्राचीन भक्ति संगीत है जो महाराष्ट्र के महान संत श्री स्वामी समर्थ महाराज जी को समर्पित किया गया है। हम सब उनकी आरती करना पसंद करते हैं। ताकि उनकी कृपा हम पर हमेशा बनी रहे। इस आरती का मुख्य उद्देश्य भक्तों के मन में भगवन के प्रति श्रद्धा भावना को जागृत करना है। इसलिए हम आज आपके लिए लाये हैं Swami Samarth ji ki Aarti PDF, जिसे आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
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goludahiys · 5 months
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#अयोध्यासे_जानेकेबाद_हनुमानको मिले पूर्ण परमात्मा
पवित्र आत्मा परमार्थी स्वभाव हनुमान जी को परमेश्वर कबीर जी ने अपनी शरण में लिया। परमार्थी आत्मा को संसार तथा काल के स्वामी भले ही परोपकार का फल नहीं देते, परंतु परमेश्वर ऐसी आत्माओं को शरण में अवश्य लेते हैं क्योंकि ऐसी आत्मा ही परम भक्त बनकर भक्ति करते हैं और मोक्ष प्राप्त करते हैं।
- संत रामपाल जी महाराज
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helputrust · 1 year
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आध्यात्मिक अलौकिक व चमत्कारिक शक्तियों के स्वामी, महान संत और सनातन धर्म की विलक्षण विभूति, हनुमान जी के परम भक्त बाबा नीम करोली महाराज जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि ।
#BabaNeemKaroli
#HelpUTrust
#HelpUEducationalandCharitableTrust
www.helputrust.org
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StoryOfHanumanJi
⚜️ हनुमान जी ने मुनिंद्र ऋषि जी की शरण कैसे ग्रहण की?
कौन थे मुनिंद्र ऋषि, यह जानने के लिए Download करें हमारी Official App
"Sant Rampal Ji Maharaj" या Visit करें Satlok Ashram YouTube Channel
⚜️परमार्थी हनुमान जी को निस्वार्थ दुःखियों की सहायता करने का फल मिला। परमात्मा स्वयं आए, मोक्ष मार्ग बताया। हनुमान जी फिर मानव जीवन प्राप्त करेंगे। तब परमेश्वर कबीर जी उनको शरण में लेकर मुक्त करेंगे। उस आत्मा में सत्य भक्ति बीज डल चुका है।
- संत रामपाल जी महाराज
⚜️कबीर परमेश्वर जी ने हनुमान जी को सृष्टि रचना सुनाई। सत्यकथा सुनकर हनुमान जी गदगद हुए। सत्यलोक देखने की प्रार्थना की। हनुमान जी को दिव्य दृष्टि देकर सतलोक दिखाया। ऋषि मुनीन्द्र जी (कबीर परमेश्वर जी) सिंहासन पर बैठे दिखाई दिए। मुनीन्द्र जी नीचे आए। हनुमान जी को विश्वास हुआ कि ये परमेश्वर हैं। सत्यलोक सुख का स्थान है। परमेश्वर कबीर जी से दीक्षा ली। अपना जीवन धन्य किया। मुक्ति के अधिकारी हुए।
⚜️पवित्र आत्मा परमार्थी स्वभाव हनुमान जी को परमेश्वर कबीर जी ने अपनी शरण में लिया। परमार्थी आत्मा को संसार तथा काल के स्वामी भले ही परोपकार का फल नहीं देते, परंतु परमेश्वर ऐसी आत्माओं को शरण में अवश्य लेते हैं क्योंकि ऐसी आत्मा ही परम भक्त बनकर भक्ति करते हैं और मोक्ष प्राप्त करते हैं।
⚜️हनुमान जी ने अपनी पूजा करने के लिए कभी नहीं कहा। वो तो खुद एक भक्त थे | यह शास्त्र विधि छोड़ कर मनमाना आचरण है जिससे कोई लाभ नहीं है।
⚜️हनुमान जयंती पर जानिए आखिर किस भगवान की शरण में जाने से हनुमान जी को पूर्ण मोक्ष मार्ग मिला।
जानने के लिए Download करें हमारी Official App
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⚜️हनुमान जी राम जी को भगवान मानते थे और हमने हनुमान जी को पूजना शुरू कर दिया।
हनुमान जी जैसे भक्त होना दुर्लभ है पर हनुमान जी के भक्त बनना शास्त्र विरुद्ध है।
⚜️कबीर परमेश्वर जी ने हनुमान जी को सृष्टि रचना सुनाई। दिव्य दृष्टि देकर सतलोक दिखाया। हनुमान जी को विश्वास हुआ कि ये परमेश्वर हैं। सत्यलोक सुख का स्थान है।
⚜️परमार्थी स्वभाव हनुमान जी को परमेश्वर कबीर जी ने अपनी शरण में लिया।
⚜️कबीर परमात्मा मुनीन्द्र ऋषि के रूप में स्वयं आए, हनुमान जी को मोक्ष मार्ग बताया। उनका कल्याण हुआ। हनुमान जी फिर मानव जीवन प्राप्त करेंगे। तब परमेश्वर कबीर जी उनको शरण में लेकर मुक्त करेंगे
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iskconchd · 2 years
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श्रीमद्‌ भगवद्‌गीता यथारूप 1.20 https://srimadbhagavadgita.in/1/20 अथ व्यवस्थितान्दृष्ट्वा धार्तराष्ट्रान्कपिध्वजः प्रवृत्ते शस्त्रसम्पाते धनुरुद्यम्य पाण्डवः हृषीकेशं तदा वाक्यमिदमाह महीपते ॥ १.२० ॥ TRANSLATION उस समय हनुमान से अंकित ध्वजा लगे रथ पर आसीन पाण्डुपुत्र अर्जुन अपना धनुष उठा कर तीर चलाने के लिए उद्यत हुआ । हे राजन् ! धृतराष्ट्र के पुत्रों को व्यूह में खड़ा देखकर अर्जुन ने श्रीकृष्ण से ये वचन कहे । PURPORT युद्ध प्रारम्भ होने ही वाला था । उपर्युक्त कथन से ज्ञात होता है कि पाण्डवों की सेना कि अप्रत्याशित व्यवस्था से धृतराष्ट्र के पुत्र बहुत कुछ निरुत्साहित थे क्योंकि युद्धभूमि में पाण्डवों का निर्देशन भगवान् कृष्ण के आदेशानुसार हो रहा था । अर्जुन की ध्वजा पर हनुमान का चिन्ह भी विजय का सूचक है क्योंकि हनुमान ने राम तथा रावण युद्ध में राम कि सहायता की थी जिससे राम विजयी हुए थे । इस समय अर्जुन कि सहायता के लिए उनके रथ पर राम तथा हनुमान दोनों उपस्थित थे । भगवान् कृष्ण साक्षात् राम हैं और जहाँ भी राम रहते हैं वहाँ नित्य सेवक हनुमान होता है तथा उनकी नित्यसंगिनी, वैभव कि देवी सीता उपस्थित रहती हैं । अतः अर्जुन के लिए किसी भी शत्रु से भय का कोई कारण नहीं था । इससे भी अधिक इन्द्रियों के स्वामी भगवान् कृष्ण निर्देश देने की लिए साक्षात् उपस्थित थे । इस प्रकार अर्जुन को युद्ध करने के मामले में सारा सत्परामर्श प्राप्त था । ऐसी स्थितियों में, जिनकी व्यवस्था भगवान् ने अपने शाश्र्वत भक्त के लिए की थी, निश्चित विजय के लक्षण स्पष्ट थे । ----- Srimad Bhagavad Gita As It Is 1.20 atha vyavasthitān dṛṣṭvā dhārtarāṣṭrān kapi-dhvajaḥ pravṛtte śastra-sampāte dhanur udyamya pāṇḍavaḥ hṛṣīkeśaṁ tadā vākyam idam āha mahī-pate TRANSLATION At that time Arjuna, the son of Pāṇḍu, seated in the chariot bearing the flag marked with Hanumān, took up his bow and prepared to shoot his arrows. O King, after looking at the sons of Dhṛtarāṣṭra drawn in military array, Arjuna then spoke to Lord Kṛṣṇa these words. PURPORT The battle was just about to begin. It is understood from the above statement that the sons of Dhṛtarāṣṭra were more or less disheartened by the unexpected arrangement of military force by the Pāṇḍavas, who were guided by the direct instructions of Lord Kṛṣṇa on the battlefield. The emblem of Hanumān on the flag of Arjuna is another sign of victory because Hanumān cooperated with Lord Rāma in the battle between Rāma and Rāvaṇa, and Lord Rāma emerged victorious. Now both Rāma and Hanumān were present on the chariot of Arjuna to help him. Lord Kṛṣṇa is Rāma Himself, and wherever Lord Rāma is, His eternal servitor Hanumān and His eternal consort Sītā, the goddess of fortune, are present. Therefore, Arjuna had no cause to fear any enemies whatsoever. And above all, the Lord of the senses, Lord Kṛṣṇa, was personally present to give him direction. Thus, all good counsel was available to Arjuna in the matter of executing the battle. In such auspicious conditions, arranged by the Lord for His eternal devotee, lay the signs of assured victory. ----- #krishna #iskconphotos #motivation #success #love #bhagavatamin #india #creativity #inspiration #life #spdailyquotes #devotion
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rightnewshindi · 4 days
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Horoscope 17 September: आज का दिन इन राशि के लोगों के लिए रहेगा बेहद शुभ, पढ़ें 17 सितंबर का राशिफल
Horoscope 17 September: आज का दिन इन राशि के लोगों के लिए रहेगा बेहद शुभ, पढ़ें 17 सितंबर का राशिफल #News #RightNewsIndia #RightNews
Horoscope Rashifal 17 September 2024: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कुल 12 राशियों का वर्णन किया गया है। हर राशि का स्वामी ग्रह होता है। ग्रह-नक्षत्रों की चाल से राशिफल का आकंलन किया जाता है। 17 सितंबर 2024 को मंगलवार है। मंगलवार का दिन बजरंगबली को समर्पित होता है। इस दिन विधि-विधान से बजरंगबली की पूजा-अर्चना की जाती है। हनुमान जी की पूजा-उपासना करने से जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है और जीवन…
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bikanerlive · 25 days
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*जन्माष्टमी पर्व गौशाला में एक क्विंटल हरा चारा श्री रूद्र हनुमान सेवा समिति* , बीकानेर 26 अगस्त
श्री गुरु अर्जुन दास सत्संग भवन एवं श्री रूद्र हनुमान सेवा समिति द्वारा हर वर्ष की तरह जन्माष्टमी पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। श्री गुरु अर्जुन दास जी गायों के लिए गौशाला में सवामणि गुड डाला। साथ ही बीकानेर इकाई द्वारा इस बार गायों के लिए गौशाला में एक क्विंटल हरा चारा डाला गया। कार्यक्रम मे अभिषेक गुप्ता, उषा गुप्ता, मयंक, हिमांशु किराडू, बसंत किराडू, अनिल स्वामी, वैभव उपस्थित रहे। इसके…
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astroclasses · 1 month
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ramkaranjangra · 1 month
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#सत_‌भक्ति_संदेश
इतिहास गवाह है मीरा बाई, रविदास जी, ध्रुव, राम, कृष्ण, हनुमान, रावण, नारद मुनि, गुरुनानक देव जी, नामदेव, सुखदेव जी, इन सभी ने गुरु बनाए और कबीर साहेब ने स्वयं कबीर परमात्मा होते हुए स्वामी रामदेवानंद जी को गुरु बनाया था।
#GodMorningThursday
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bhartiswami · 2 months
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#GodNightSunday
इतिहास गवाह है मीरा बाई, रविदास जी, ध्रुव, राम, कृष्ण, हनुमान, रावण, नारद मुनि, गुरुनानक देव जी, नामदेव, सुखदेव जी, इन सभी ने गुरु बनाए और कबीर साहेब ने स्वयं कबीर परमात्मा होते हुए स्वामी रामदेवानंद जी को गुरु बनाया था।
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mahadeosposts · 2 months
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#प्रभु_प्राप्त_संतों_से_रूबरू
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इतिहास गवाह है मीरा बाई, रविदास जी, ध्रुव, राम, कृष्ण, हनुमान, रावण, नारद मुनि, गुरुनानक देव जी, नामदेव, सुखदेव जी, इन सभी ने गुरु बनाए और कबीर साहेब ने स्वयं कबीर परमात्मा होते हुए स्वामी रामदेवानंद जी को गुरु बनाया था।
#GodMorningSaturday
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vidyasatre · 2 months
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#सत_भक्ति_संदेश
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इतिहास गवाह है मीरा बाई, रविदास जी, ध्रुव, राम, कृष्ण, हनुमान, रावण, नारद मुनि, गुरुनानक देव जी, नामदेव, सुखदेव जी, इन सभी ने गुरु बनाए और कबीर साहेब ने स्वयं कबीर परमात्मा होते हुए स्वामी रामदेवानंद जी को गुरु बनाया था।
#God Night Saturday
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#प्रभु_प्राप्त_संतों_से_रूबरू
इतिहास गवाह है मीरा बाई, रविदास जी, ध्रुव, राम, कृष्ण, हनुमान, रावण, नारद मुनि, गुरुनानक देव जी, नामदेव, सुखदेव जी, इन सभी ने गुरु बनाए और कबीर साहेब ने स्वयं कबीर परमात्मा होते हुए स्वामी रामदेवानंद जी को गुरु बनाया था।
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uday-yadav · 2 months
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#प्रभु_प्राप्त_संतों_से_रूबरू
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इतिहास गवाह है मीरा बाई, रविदास जी, ध्रुव, राम, कृष्ण, हनुमान, रावण, नारद मुनि, गुरुनानक देव जी, नामदेव, सुखदेव जी, इन सभी ने गुरु बनाए और कबीर साहेब ने स्वयं कबीर परमात्मा होते हुए स्वामी रामदेवानंद जी को गुरु बनाया था।
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rightnewshindi · 11 days
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Horoscope 10 September; आज इन राशि के लोगों पर बरसेगी हनुमान की की कृपा, पढ़ें 12 सितंबर का राशिफल
Horoscope Rashifal 10 September 2024 : वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कुल 12 राशियों का वर्णन किया गया है। हर राशि का स्वामी ग्रह होता है। ग्रह-नक्षत्रों की चाल से राशिफल का आकंलन किया जाता है। 10 सितंबर, के दिन मंगलवार है। मंगलवार के दिन हनुमान जी की अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी की उपासना से सुख-संपदा में वृद्धि होती है। साथ ही भय, रोग, कष्ट आदि भी दूर होते…
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munirambirat5 · 2 months
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#प्रभु_प्राप्त_संतों_से_रूबरू
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इतिहास गवाह है मीरा बाई, रविदास जी, ध्रुव, राम, कृष्ण, हनुमान, रावण, नारद मुनि, गुरुनानक देव जी, नामदेव, सुखदेव जी, इन सभी ने गुरु बनाए और कबीर साहेब ने स्वयं कबीर परमात्मा होते हुए स्वामी रामदेवानंद जी को गुरु बनाया था।
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