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कौन हैं वह डॉक्टर जिसने किया है धोनी के घुटने का ऑपरेशन, पंत और जडेजा भी करा चुके हैं इलाज
मुंबई: इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में चेन्नई सुपर किंग्स को अपनी कप्तानी में चैंपियन बनाने वाले महेंद्र सिंह धोनी के घुटने का ऑपरेशन सफल रहा। धोनी के घुटने का ऑपरेशन मुंबई के में हुआ। उनका सर्जरी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला। हालांकि धोनी को अभी कुछ दिन तक आराम करना होगा उसके बाद ही वह पूरी तरह से रिकवर कर पाएंगे। हालांकि इस बीच डॉ. पारदीवाला चर्चा में आ गए हैं। दरअसल डॉ. पारदीवाला धोनी से पहले कई बड़े स्पोर्ट्स पर्सन का सफल सर्जरी कर चुके हैं।धोनी को आईपीएल के मैच के दौरान चोट लगी। उन्हें अपने घुटने पर पट्टी बांधे हुए भी देखा गया था। चोट के कारण ही धोनी बैटिंग में भी नीचे खेलने आते थे। वहीं फाइनल मैच के बाद उन्होंने कहा भी था कि अभी उनके पास 7-8 महीने का समय है। अगर इस दौरान फिटनेस उनके साथ रहा तो वह अगले सीजन में जरूर खेलेंगे। ऐसे में अब जब उनके घुटने का सफल ऑपरेशन हो चुका तो उम्मीद की जा रही है कि वह आईपीएल 2024 में भी सीएसके के लिए मैदान पर उतरेंगे।डॉ. पारदीवाला से नीरज चोपड़ा, युवराज सिंह, सचिन तेंदुलकर साइना नेहवाल, पहलवान सुशील कुमार, रविंद्र जडेजा, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों ने अपना इलाज कराया है। डॉ. परदीवाला कोकिलाबेन अस्पताल में आर्थ्रोस्कोपी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर हैं।बता दें कि डॉ. पारदीवाला को आर्थोस्कोपिक सर्जरी में करीब 23 से भी अधिक का अनुभव है। इस क्षेत्र में सराहनीय काम के लिए उन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। पारदीवाला भारत के सबसे अनुभवी और बड़े ऑर्थोपेडिक डॉक्टर माने जाते हैं।आईसीसी में भारत के प्रतिनिधिडॉ पारदीवाला आईसीसी में भारत के प्रतिनिधि हैं। यही कारण है कि कोई भी क्रिकेटर अगर चोटिल होते हैं उनका ट्रीटमेंट पारदीवाला के देख रेख में ही होता है। सिर्फ आईसीसी ही नहीं डॉ. पारदीवाला अन्य कई खेल बोर्ड के डॉक्टर हैं और रहे हैं।रिपोर्ट के मुताबिक साल साल साल 2018 में जब कॉमनवेल्थ गेम हुआ था तो उसमें भारत के लिए मेडल जीतने वाले करीब 15 एथलीटों का डॉ पारदीवाला ने ही ऑपरेशन किया। कई एथलीट और प्लेयर भी अपने सोशल मीडिया पर डॉ पारदीवाला के साथ तस्वीर साझा कर चुके हैं। http://dlvr.it/Sq1CVV
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युद्ध और मनुष्य
अदर पर्सन इज़ हेल
क्या बंधुत्व मनुष्य की स्वाभाविक भावदशा है? यह प्रश्न आज पूछा जाना चाहिए। हमें शिक्षा तो यही दी गई है कि सभी मनुष्य बंधु हैं, किन्तु मनुष्य शिक्षाओं से नहीं सामूहिक अवचेतन से संचालित होता है। और मनुष्य के सामूहिक अवचेतन में दूसरी जाति, समुदाय, नस्ल, वर्ग के प्रति जो भय, घृणा, अस्वीकार्यता है, उसने उसमें युद्ध और टकरावों की वृत्ति को जन्म दिया है। इसे ज़ेनोफ़ोबिया कहते हैं। राष्ट्रनीति के स्तर पर यह संरक्षणवाद (प्रोटेक्शनिज़्म) बन जाता है। बीसवीं सदी में कुछ समय तक भूमण्��लीकरण और वैश्वीकरण का स्वांग रचने और यूएन जैसी कठपुतली-संस्थाएँ निर्मित करने के बाद अब इक्कीसवीं सदी में मनुष्य पुन: अपनी बुनियादी संरक्षणवादी वृत्ति पर लौट आया है। इसी के चलते 'बेगर दाय नेबर' की अर्थनीति अपनाई जाती है और वैक्सीन की जमाखोरी की जाती है, बिना यह समझे कि अगर वो सुरक्षित नहीं हैं तो हम भी सुरक्षित नहीं रह सकेंगे। कार्बन-उत्सर्जन सहित अन्य वैश्विक महत्व के बिंदुओं पर इसी के चलते एक राय नहीं बन पाती। पृथ्वी एक ग्रह नहीं है, अनेक राष्ट्रों का संकुल है और हर राष्ट्र स्वयं में एक ग्रह है। राष्ट्रनायकों को लगता है जब सर्वनाश होगा तो एक उन्हीं का देश सुरक्षित बचेगा, शेष सभी मर जावेंगे। वो अपने नागरिकों को संशय और अविश्वास का पाठ पढ़ाते हैं और अपनी काल्पनिक सीमारेखा से परे के लोगों को शत्रु समझते हैं।
विश्व-बंधुत्व मनुष्य के लिए दूर का सपना है। वह वृक्ष पर विराजित उस गजराज की तरह है, जिसके बारे में यह कोई नहीं जानता कि वह वहाँ कैसे पहुँचा, लेकिन यह सभी जानते हैं कि शीघ्र ही वह धड़ाम से धरती पर गिरेगा। मनुष्य का भ्रातृत्व भी अतीत में ऐसे ही धड़ाम से गिरता रहा है। संधियाँ टूटती रही हैं, सम्बंध विच्छेद होते रहे हैं। मनुष्य की बुनियादी वृत्ति विभेद की है, सह-अस्तित्व की नहीं। यह अकारण नहीं है कि मनुष्य जब सर्वनाश की कल्पना करता है तो उसमें यह भी जोड़ देता है कि जब परग्रही धरती पर आएँगे तो हमें नष्ट कर देंगे। वह परग्रहियों को भी अपने परिप्रेक्ष्य से देखता और समझता है (जैसे उसने अपने ईश्वरों की परिकल्पना भी अपने ही रूप में की है?)। उसे लगता है परग्रही भी अपने से भिन्न जाति को देखते ही उसे नष्ट कर देंगे, क्योंकि मनुष्य ने स्वयं इतिहास के लम्बे अनुक्रम में यही किया है। निएंडरथलों का संहार किसने किया, अगर सेपियन्स ने नहीं? ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के मेगाफ़ॉना की बात तो रहने ही दें, पृथ्वी पर पच्चीस-तीस हज़ार पहले तक जो भिन्न मानव-जातियाँ थीं, वे कहाँ विलुप्त हो गईं? सेपियन्स से अधिक संहारक जाति ज्ञात-ब्रह्माण्ड में कोई दूसरी नहीं है। वह इतनी घातक है कि स्वयं के अस्तित्व के लिए भी ख़तरा है। अंतर इतना ही है कि पहले जहाँ वह होमो जाति के दूसरे मनुष्यों को पराया समझती थी, वहीं अब वह सेपियन्स जाति के भिन्न मनुष्यों को विजातीय कहकर उनका नाश करने को तत्पर रहती है। किन्तु उसके लिए वि��ेद को रेखांकित करना और विपरीत को नष्ट करना ज़रूरी है- यह उसकी बुनियादी इंस्टिंक्ट है।
राष्ट्र और सम्प्रदाय : इन दो संस्थाओं का निर्माण और पोषण मनुष्य की विभेदकारी दृष्टि का सर्वोच्च प्रतिमान है। ये दोनों संस्थाएँ मनुष्य ने युद्ध करने के लिए ही रचीं। मज़हब ने आपस में बैर रखना ही सिखाया है। धर्मयुद्धों ने सर्वाधिक हत्याएँ कीं और असंख्य मनुष्यों के निजी जीवन को दु:खमय बनाया। यों तो मनुष्य कहता है कि ईश्वर एक है और सभी ईश्वर की संतानें हैं, किन्तु ईश्वर एक नहीं है। अल्लाह अकबर नहीं है। अलग-अलग जातियों के अलग-अलग ईश्वर हैं, जो आपस में लड़वाते हैं। कुछ ईश्वर ऐसे भी हैं, जो अतीत में थे किन्तु अब मर गए- जैसे बेबीलोन-वासियों का मार्दूक। कुछ ईश्वरों की भविष्य में कल्पना की जाएगी, क्योंकि यह मनुष्य के लिए बुनियादी महत्व की वस्तु है। सम्प्रदाय का विचार मनुष्यों को जोड़ता ज़रूर है, किन्तु केवल दूसरों के विरुद्ध। ऐसा नहीं है कि मनुष्य बंधुत्व में समर्थ नहीं, किन्तु उसका बंधुत्व किसी जाति, समुदाय, वर्ग (या किसी स्पोर्ट्स-टीम के फैन्स होने) तक सीमित है, वह उनमें क़बीलाई वृत्तियों को जगाता है। भारत में जाति-व्यवस्था की लोकप्रियता और अमरत्व का कारण भी वही क़बीलाई वृत्ति है। हर वो विचार जो दूसरों के प्रति संशय और विद्वेष और उनसे विलगाव की भावना को पोसता है, मनुष्य के मन को रुचता है।
राष्ट्र की अवधारणा भी नई है। अतीत में साम्राज्य एक राजनैतिक इकाई के रूप में प्रचलित थे, किन्तु साम्राज्यों की सीमारेखाएँ निश्चित नहीं थीं और बदलती रहती थीं। युवाल नोआ हरारी ने बड़े पते की बात कही है कि चूँकि साम्राज्यों में सम्प्रभुता नहीं थी, इससे उनमें बहुलता का विचार चला आया था। इसके विपरीत राष्ट्र एक सम्प्रभु-संरचना होती है, उसकी निश्चित सीमाएँ होती हैं और उन सीमाओं में रहने वाले नागरिक- जो अमूमन एक भाषा बोलते हैं और एक ईश्वर को मानते हैं- किन्हीं काल्पनिक नियमों (संविधान) के अधीन होते हैं। अतीत में जो धर्मग्रंथ थे, वह वर्तमान में संविधान है।
धरती पर सीमाएँ खींचकर मनुष्य का मन नहीं भरा तो समुद्र और आकाश में भी सीमाएँ खींची गईं और फिर अंतरिक्ष में जाकर वह किंकर्तव्यविमूढ़ हो गया कि अब यहाँ कैसे सीमा बाँधें। अलबत्ता चंद्रमा पर किसी देश का झण्डा गाड़ने में उसे लज्जा नहीं आई। राष्ट्र के विचार की लोकप्रियता का यही कारण है कि वह मनुष्य के मन को निश्चय से भरता है और उसमें- काल्पनिक ही सही- एक सीमारेखा का आश्वासन जगाता है। मनुष्य को बतलाया जावे कि वास्तव में ��ृथ्वी पर कहीं कोई सीमारेखाएँ नहीं हैं तो वह भयभीत हो जावेगा और उसकी रातों की नींद उड़ जावेगी। राष्ट्र को प्रेम करना पृथ्वी को प्रेम करने से अधिक सरल है, क्योंकि विखण्डन मनुष्य के मन को लुभाता है। पृथ्वी से प्रेम करेंगे तो युद्ध के लिए किस ग्रह पर चढ़ाई करेंगे, मंगल पर तो अभी तक जीवन मिला नहीं? राष्ट्रवाद के मूल में विद्वेष है और कार्ल सैगन कुछ सोचकर ही विश्व-बंधुत्व का आवाहन करता था- वह आसन्न एटमी युद्धों का युग जो था।
रूस, यूक्रेन और नाटो के बीच आज जो चल रहा है, वह मनुष्यता के मन का वही रंगमंच है, जो इस धरती पर अभी तक हज़ारों बार दोहराया जा चुका है। वे हमारी सीमाओं की घेराबंदी कर रहे हैं और हमें उनका प्रतिकार करना ही होगा- यह वाक्य ठीक उसी तरह से मनुष्यों को युद्ध के लिए उद्वेलित करता है, जैसे यह कि वे हमारी स्त्रियों के गर्भ में अपना बीज रोपकर अपनी नस्ल को बढ़ा रहे हैं। नस्ली गौरव और देशाभिमान में तात्विक रूप से भेद नहीं है। उनकी वस्तु समान है। जर्मनी ने वरसाय के अपमान को जिलाए रखा था, ताकि दूसरे विश्व युद्ध को जन्म दे सके। रूस ने सोवियत-विघटन के पराजय-बोध को अपने भीतर पाल-पोसकर आज युद्ध जितना बड़ा कर लिया है। आज दुनिया को जहाँ महामारी का संयुक्त रूप से सामना करने के लिए एक वैश्विक संधि बनाने, कार्बन-उत्सर्जन और जलवायु-संकट पर एक पृथ्वीवासी की तरह सोचने और दूसरे ग्रहों पर जीवन की सम्भावनाओं पर विचार करने की आवश्यकता है, वहीं वे आज राष्ट्रीय और साम्प्रदायिक गौरव का हवाला देकर आपस में लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
अस्तित्ववादी दार्शनिक ज्याँ पॉल सार्त्र ने कुछ सोचकर ही कहा था कि- 'अदर पर्सन इज़ हेल।' वे मनुष्य के मन को अच्छी तरह समझते थे। तमाम मसीहा और महात्मा समझा-समझाकर हार गए कि सब एक हैं, लेकिन मनुष्य के भीतर विघटन का जो बीज है, उसके प्रति विद्रोह करने की शक्ति उसकी तो नहीं है। अगर सच में ही विश्व-बंधुत्व की स्थापना हो गई, तो मनुष्य अवसाद से भर उठेगा और सामूहिक-आत्मघात को प्रेरित हो उठेगा। और स्वयं को नष्ट करने और दूसरों का नाश करने के बीच मनुष्य की बुद्धि को बेहतर विकल्प दूसरा वाला ही जान पड़ता है। युद्ध और संघर्ष और सर्वनाश मनुष्य की नियति हैं। हमारी संतानें एक न्यूनतम रूप से सुखी, संतोषी, गरिमामयी, रचनात्मक और शांतिपूर्ण जीवन बिता सकेंगी, आइये इसके लिए उस ईश्वर से प्रार्थना करें, जिसका कहीं पर कोई अस्तित्व नहीं।
सुशोभित
तुम करो दर्ज काग़ज़���ं में, तारीख़ें युद्ध की
मैं तड़पता हूं सोचकर, किसका कौन गया...
- नीरज कुमार उपाध्याय
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फुटबॉल खेलने के नियम : Football Game Rules in Hindi
फुटबॉल खेलने के नियम : Football Game Rules in Hindi
फुटबॉल खेलने के नियम : Football Game Rules in Hindi – यहाँ फुटबॉल का खेल बड़ा ही रोचक खेल है इसमें ढेरों नियम है जिनके अनुसार खिलाडी खेलते हैं। और कोई स्पोर्ट्स लाइक पर्सन या खिलाडी इनको जानना चाहता है। यहाँ पर इन खेल के नियमों का उल्लेख है साथ ही फूटबाल की अन्य जानकारी भी। दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल यदि कोई है तो वह फुटबॉल है। इस खेल फूटबाल की लोकप्रियता कितनी है। आप फीफा फूटबाल विश्व कप से…
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जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में लोकार्पण एवं खिलाड़ी सम्मान समारोह को संबोधित किया। राजस्थान हाई परर्फोंमेंस स्पोर्ट्स एंड रिहेबिलिटेशन सेंटर, नवीनीकृत सिंथेटिक हॉकी एस्ट्रो टर्फ और बैडमिंटन इंडोर हॉल का लोकार्पण करने के साथ ओलंपिक और पैरा ओलंपिक में राजस्थान के पदक विजेताओं, एशियन गेम्स-2022 और कॉमनवैल्थ गेम्स-2022 में क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया।
पदक विजेता खिलाड़ियों को दी जाने वाली अनुदान राशि के लिए ऑनलाइन पोर्टल को भी लॉन्च किया। समारोह में अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों ने संवाद करते खिलाड़ी हितों में लिए गए फैसलों के लिए धन्यवाद दिया।
राज्य सरकार खेलों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं का विकास कर खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन व सम्मान देने और खेल मैदानों के सुदृढ़ीकरण में कोई कमी नहीं रख रही है। राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ खेलों के विकास के लिए बड़े फैसले ले रही है। पूरा विश्वास है कि देश में राजस्थान खेलों में अग्रणी बन रहा है। खेल हमेशा दूरदृष्टि और पक्के इरादे के साथ खेले जाते हैं, उसी तरह राज्य सरकार भी खेलों के प्रोत्साहन में दूरदृष्टि के साथ फैसले ले रही है। खिलाड़ियों को विश्वास दिलाया कि पदक विजेताओं के लिए प्रोत्साहन राशि में लगातार बढ़ोतरी होती रहेगी। राजस्थान में खिलाड़ियों के लिए राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड दिए जाने की घोषणा की।
पूर्व के वर्षों में चिंता रहती थी कि भारत कई छोटे देशों की तुलना में पदक नहीं जीत पा रहा है, लेकिन अब ओलंपिक व पैरा ओलंपिक में राजस्थान लीड ले रहा हैं। खिलाड़ियों के हितों में राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसलें सार्थक हो रहे हैं। केंद्र सरकार में जब खेल मंत्री था, तब इच्छा थी कि खेलों को किस प्रकार आगे बढ़ाएं। वहीं इच्छा अब पूरी कर रहा हूं। अब राजस्थान में खेलों का माहौल बदल रहा है। खेल विकास के लिए संकल्पित राज्य सरकार खिलाड़ियों, विशेषज्ञों और खेल परिषद से प्राप्त सुझावों के अनुरूप सुविधाएं बढ़ाएंगी। विधायकों से भी खेल मैदानों को विकसित करने के लिए प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं।
राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक 29 अगस्त, 2022 से शुरू होंगे। इनमें 27 लाख से अधिक हर उम्र के खिलाड़ी मैदान में नजर आएंगे। मैदान में रोमांच तब और बढ़ेगा जब दादा-दादी अपने पोते-पोतियों को और पोते-पोती अपने दादा-दादियों को खेलते देखेंगे। आयोजन राज्य में प्रतिभा खोज का एक बड़ा मंच बनेगा। गांवों में खेलों का माहौल बनेगा। ग्रामीण ओलम्पिक में विजेताओं को पंचायत कॉन्ट्रेक्चुअल काडर में रिक्त पदों की भर्ती में प्राथमिकता भी दी जाएगी। समारोह में ग्रामीण ओलंपिक की मशाल को भी रवाना किया।
पदक विजेता खिलाड़ियों को अनुदान राशि के लिए अब खेल परिषद तक नह��ं आना पड़ेगा। प्रक्रिया को सुलभ बनाने के लिए ऑनलाईन पोर्टल को लॉन्च किया गया है।
राजस्थान के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लगभग 229 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न पॉलिसी के तहत राजकीय सेवाओं में निय���क्तियां दी गई है। साथ ही खिलाड़ियों के लिए 2 प्रतिशत का आरक्षण प्रावधान भी किया है। ओलम्पिक, पैरा ओलंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स के पदक विजेताओं के साथ अर्जुन और द्रोणाचार्य अवार्डीज को स्पोर्ट्स पर्सन पेंशन मिलेंगी। ओलंपिक और पैरा ओलंपिक पदक विजेताओं को 25-25 बीघा निःशुल्क भूमि का आवंटित करने का अहम फैसला लिया गया। गुरू वशिष्ठ और महाराणा प्रताप अवार्डीज को मिलने वाली पुरस्कार राशि को बढ़ाने के लिए भी घोषणा की।
समारोह में खेल एवं युवा मामलात राज्य मंत्री श्री अशोक चांदना ने कहा कि राज्य सरकार के निर्णयों और नीतियों से खेलों का माहौल पूरी तरह बदल गया। खेल सुविधाओं का व्यापक विस्तार और खिलाड़ियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, उनका भविष्य सुरक्षित हो रहा है। इससे राजस्थान देश में अग्रणी खेल राज्य बनकर उभर रहा है। इसी का नतीजा है कि अब राजस्थान के खिलाड़ी दूसरे राज्यों में नहीं जा रहे हैं। राजस्थान राज्य क्रीडा परिषद की अध्यक्ष डॉ. कृष्णा पूनिया ने कहा कि राजस्थान वह राज्य बन गया है जहां पर पदक जीतते ही नौकरियां मिल रही हैं। अब हरियाणा का एथलीट भी राजस्थान की ओर देखने लगा है।
समारोह में जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी, उद्योग मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत, आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री श्री गोविंद राम मेघवाल, विधायक श्री रफीक खान, श्री नरेंद्र बुढ़ानिया, राजस्थान पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष श्री धर्मेंद्र राठौड़, राजस्थान राज्य क्रीडा परिषद के उपाध्यक्ष श्री सतबीर चौधरी एवं शासन सचिव श्री नरेश ठकराल सहित राजस्थान भर से आए प्रशिक्षक और बड़ी संख्या में खिलाड़ी उपस्थित थे।
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मैं एक साथ दो महिलाओं के साथ निजी पलों का आनंद लेता हूं। एक सामने अधिक मजेदार है और दूसरा अधिक मजेदार है। हमें बीमारी होने की कितनी संभावना है? पढ़ें विशेषज्ञ का जवाब
मैं एक साथ दो महिलाओं के साथ निजी पलों का आनंद लेता हूं। एक सामने अधिक मजेदार है और दूसरा अधिक मजेदार है। हमें बीमारी होने की कितनी संभावना है? पढ़ें विशेषज्ञ का जवाब
मैं 24 साल का आदमी हूं। पेशे से मैं एक स्पोर्ट्स पर्सन हूं। मैं रोजाना दो घंटे साइकिल चलाता हूं। लेकिन मेरे कुछ दोस्तों ने मुझे बताया कि कुछ घंटों के लिए साइकिल चलाने से पुरुषों को मिचली आती है और उनकी जान को खतरा होता है। यह सुनते ही मैं थोड़ा तनाव में महसूस करता हूं। क्या यह सच है कृपया मुझे इसके बारे में विस्तृत और सही जानकारी दें। यह सच है कि साइकिल की सीट वीर्य कम करने के लिए जानी जाती है।…
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टोक्यो पैरालंपिक एथलीटों का स्वागत करते खेल उद्यमी | खेल उद्यमियों का टोक्यो पैरालंपिक एथलीटों का स्वागत है
टोक्यो पैरालंपिक एथलीटों का स्वागत करते खेल उद्यमी | खेल उद्यमियों का टोक्यो पैरालंपिक एथलीटों का स्वागत है
मेरठ2 घंटे पहले लिंक की प्रतिलिपि करें मेरठ पहुंचे सभी खिलाड़ियों का स्वागत और सम्मान किया गया। टोक्यो पैरालिंपिक 2020 में देश के लिए पदक जीतने वाले एथलीटों का स्पोर्ट्स सिटी मेरठ में स्वागत किया गया। 11 नवंबर को देश भर से पैरालंपिक एथलीट सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय, मोदीपुरम में होने वाले स्पोर्ट्स पर्सन अवॉर्ड समारोह में शामिल होने के लिए मेरठ पहुंचे. बुधवार रात मेरठ पहुंचे सभी पदक…
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Railway Jobs: 12वीं पास भी पाएं रेलवे में सरकारी नौकरी, 7th CPC के तहत वेतन, देखें पूरी डीटेल्स
Railway Jobs: 12वीं पास भी पाएं रेलवे में सरकारी नौकरी, 7th CPC के तहत वेतन, देखें पूरी डीटेल्स
हाइलाइट्स रेलवे में सरकारी नौकरी पाने का शानदार मौका। आरआरसी ने पूर्वी रेलवे में निकाली भर्ती। 12वीं पास भी कर सकते हैं आवेदन। RRC Railway Recruitment 2021: रेलवे में नौकरी (Railway Jobs) चाहिए तो आवेदन करने का सही मौका है। रेलवे रिक्रूटमेंट सेल (RRC) ने ईस्टर्न रेलवे में ग्रुप सी पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया है। यह भर्ती खासतौर पर स्पोर्ट्स पर्सन के लिए निकाली गई है। इच्छुक और योग्य…
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#12th pass govt jobs#7th Pay Commission#govt jobs#Jobs Junction Headlines#Jobs Junction News#Jobs Junction News in Hindi#Latest Jobs Junction News#railway jobs#rrc#rrc railway recruitment 2021#rrc recruitment 2021#sarkari naukri 2021#जॉब Junction Samachar#रेलवे जॉब#रेलवे भर्ती
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विदेशी यात्रा पर जाने वालों को एक माह के अंदर लग जायेगी कोविशील्ड की दूसरी डोज़ Divya Sandesh
#Divyasandesh
विदेशी यात्रा पर जाने वालों को एक माह के अंदर लग जायेगी कोविशील्ड की दूसरी डोज़
झांसी। विदेश यात्रा पर जाने वालों के लिए सरकार ने कोरोना वैक्सीन के दो टीकों के बीच 84 दिनों के अनिवार्यता के नियम में ढील दी है और अब ऐसे लोगों को एक माह के भीतर ही कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज़ भी दी जा सकेगी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ॰ रविशंकर ने बुधवार को बताया कि प्रदेश सरकार ने विदेश यात्रा पर जाने वालों के लिए 84 दिन की बाध्यता खत्म कर दी है। वह कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज लगने के एक माह के अंदर दूसरी डोज लगवा सकते हैं। इसके लिए यहां ऐसे लोगों मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के कमरा न॰ 12 में अपर शोध अधिकारी से मिल सकते है। वहाँ पुष्टि कराने के बाद वह झोकन बाग स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास���थ्य केंद्र पर टीका लगवा सकते है। उन्होने बताया कि सिर्फ विदेश यात्रियों को ही यह सुविधा दी जा रही है। ऐसे लोगों को दूसरी डोज के लिए अपने साथ पासपोर्ट लाना अनिवार्य है। पासपोर्ट में दर्ज विदेश यात्रा की तिथि को पोर्टल में डालकर सत्यापित किया जाएगा। स्टूडेंट जो विदेश पढ़ने जा रहे हों, विदेश में नौकरी करने जा रहे लोग, ओलंपिक गेम्स में शामिल होने जा रहे एथलीट, स्पोर्ट्स पर्सन, साथ में जाने वाला स्टाफ को यह सुविधा दी जायेगी।
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साइना की रिलीज आज: स्पोर्ट्स पर्सन की बायोपिक हमेशा चलती है पर ‘साइना’ फिल्म के लिये समय हर बार विलेन बना, इस बार मैच कोविड से है
साइना की रिलीज आज: स्पोर्ट्स पर्सन की बायोपिक हमेशा चलती है पर ‘साइना’ फिल्म के लिये समय हर बार विलेन बना, इस बार मैच कोविड से है
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप 43 मिनट पहलेलेखक: राजेश गाबा कॉपी लिंक स्पोर्ट्स पर्सन हमेशा से भारत की जनता के चहेते रहे हैं और उन पर फिल्म बनाना मेकर्स का फेवरेट टॉपिक रहा है। ‘भाग मिल्खा भाग’, ‘धोनी:द अनटोल्ड स्टोरी’, ‘दंगल’ और ‘मैरी कॉम’ जैसी फिल्म���ं यानी दर्शको�� के लिए ढेर सारा इंस्पिरेशन और प्रोड्यूसर के लिये बॉक्स ऑफिस पर सफलता की गारंटी। ‘धोनी’ की…
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Taapsee Pannu will shoot Shabaash Mithu from April first week | तापसी पन्नू को फीमेल क्रिकेटर्स ही सिखाएंगी क्रिकेट के गुर, बायोपिक शाबाश मिथु की शूटिंग अप्रैल फर्स्ट वीक से शुरू होगी
Taapsee Pannu will shoot Shabaash Mithu from April first week | तापसी पन्नू को फीमेल क्रिकेटर्स ही सिखाएंगी क्रिकेट के गुर, बायोपिक शाबाश मिथु की शूटिंग अप्रैल फर्स्ट वीक से शुरू होगी
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप 7 मिनट पहले कॉपी लिंक तापसी पन्नू एक और फिल्म में स्पोर्ट्स पर्सन को पर्दे पर जीती हुई नजर आएंगी। वे क्रिकेटर मिताली राज की बायोपिक में उनका रोल निभाने वाली हैं। जिसकी शूटिंग अप्रैल के पहले हफ्ते से ही मुंबई में शुरू होगी। फिल्म का नाम है शाबाश मिथु। इसका डायरेक्शन राहुल ढोलकिया करेंगे। क्रिकेटर के रोल के लिए तापसी पन्नू की…
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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की बड़ी जीत पर किताब लिखेंगी एक्ट्रेस सैयामी खेर
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की बड़ी जीत पर किताब लिखेंगी एक्ट्रेस सैयामी खेर
सयामी एक स्पोर्ट्स पर्सन भी हैं। फोटो सौजन्य- @ सैयामी / इंस्टाग्राम फिल्म ‘मिर्ज्या’ से बॉलीवुड में कदम रखने वाली सैयामी खेर एक खेल प्रेमी भी हैं। न्यूज 18 आखरी अपडेट:31 जनवरी, 2021, 3:06 PM IST मुंबई। भारतीय क्रिकेट टीम ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। टीम इंडिया ने ब्रिस्बेन के गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को तीन ��िकेट से हराकर चार…
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#एकटरस#ऑसटरलय#ऑस्ट्रेलिया#क#कतब#क्रिकेट#खर#खलफ#जत#पर#पुस्तक#बड#बॉलीवुड#भरत#भारतीय क्रिकेट टीम#मनोरंजन#लखग#लिख रहे हैं#सयम#सयामी खेर#सयामी खेर एक किताब लिखेंगी#सैयामी खेर#सैयामी खेर एक किताब लिखेंगे
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FICCI स्पोर्ट्स सम्मान: रेसलर बजरंग पूनिया और शूटर एलावेनिल वलारिवन स्पोर्ट्स पर्सन अवॉर्ड से सम्मानित
FICCI स्पोर्ट्स सम्मान: रेसलर बजरंग पूनिया और शूटर एलावेनिल वलारिवन स्पोर्ट्स पर्सन अवॉर्ड से सम्मानित
Hindi News Sports Wrestlers Bajrang Punia And Elavenil Valarivan Honored With FICCI Sports Award Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप नई दिल्ली8 दिन पहले कॉपी लिंक बजरंग पूनिया को पिछले साल राजीव गांधी खेल रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है। पहलवान बजरंग पूनिया और एलावेनिल वलारिवन को द फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) इंडिया…
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आम आदमी पार्टी के नेता हरपाल सिंह चीमा ने नवजोत सिंह साधु पर अपराधियों का समर्थन करने का आरोप लगाया।
आम आदमी पार्टी के नेता हरपाल सिंह चीमा ने नवजोत सिंह साधु पर अपराधियों का समर्थन करने का आरोप लगाया।
डिजिटल ब्यूरो, अमर अजला, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित: हरिंदर चौधरी अपडेट किया गया, 05 अगस्त 2021 शाम 7:13 बजे IST सार आप नेता चीमा ने कहा कि नवजोत सिंह साधु स्पोर्ट्स पर्सन और युवाओं के रोल मॉडल रहे हैं। अब उन्हें आगे आकर ड्रग डीलरों के खिलाफ बोलना चाहिए और सरकार से कार्रवाई करनी चाहिए. खबर सुनें खबर सुनें आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के नेता हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया है कि नवजोत सिंह साधु…
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हिमाचल प्रदेश पोस्टल सर्किल में पोस्टमैन पद पर निकली भर्ती, ऐसे करें अप्लाई
हिमाचल प्रदेश पोस्टल सर्किल में पोस्टमैन पद पर निकली भर्ती, ऐसे करें अप्लाई
India Post Recruitment 2021: हिमाचल प्रदेश के पोस्टल सर्किल ने नौकरी का नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें कई तरह के पोस्ट के लिए भर्तियां निकली है. हिमाचल सर्किल में पोस्टल असिस्टेंट, सॉर्टिंग असिस्टेंट, पोस्टमैन / मेल गार्ड और मल्टी टास्किंग स्टाफ के पदों की भर्ती निकली है. मल्टी टास्किंग स्टाफ पर मेधावी स्पो��्ट्स पर्सन की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. योग्य उम्मीदवार ऑनलाइन माध्यम से आवेदन…
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शूटिंग अपडेट: तापसी पन्नू को फीमेल क्रिकेटर्स ही सिखाएंगी क्रिकेट के गुर, बायोपिक शाबाश मिथु की शूटिंग अप्रैल फर्स्ट वीक से शुरू होगी
शूटिंग अपडेट: तापसी पन्नू को फीमेल क्रिकेटर्स ही सिखाएंगी क्रिकेट के गुर, बायोपिक शाबाश मिथु की शूटिंग अप्रैल फर्स्ट वीक से शुरू होगी
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप 42 मिनट पहले कॉपी लिंक तापसी पन्नू एक और फिल्म में स्पोर्ट्स पर्सन को पर्दे पर जीती हुई नजर आएंगी। वे क्रिकेटर मिताली राज की बायोपिक में उनका रोल निभाने वाली हैं। जिसकी शूटिंग अप्रैल के पहले हफ्ते से ही मुंबई में शुरू होगी। फिल्म का नाम है शाबाश मिथु। इसका डायरेक्शन राहुल ढोलकिया करेंगे। क्रिकेटर के रोल के लिए तापसी पन्नू की…
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फ्रेण्ड्स क्लबका पूर्वखेलाडी महेश पन्थीको कोरोनाबाट मृत्यु
फ्रेण्ड्स क्लबका पूर्वखेलाडी महेश पन्थीको कोरोनाबाट मृत्यु
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१७ वैशाख काठमाडौं । विश्वभर महामारीको रुपमा फैलिएको कोरोना भाइरसको संक्रमणबाट नेपालका पूर्वफुटबल खेलाडीको अमेरिकामा मृत्यु भएको छ ।
ललितपुरको ए डिभिजन फ्रेण्ड्स क्लबबाट ए डिभिजन लिग खेलेका मशेह पन्थीको कोरोना लागेर मृत्यु भएको हो । फ्रेण्ड्स क्लबलको यसको सामाजिक सञ्जालमा पोष्ट गर्दै पुष्टि गरेको छ ।
फ्रेण्ड्स क्लबले ग्रेट स्पोर्ट्स पर्सन गुमाएको भन्दै दु:ख व्यक्त गरेको छ । यस्तै फ्रेण्ड्स…
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