मिस्ट्री से भरी रही है एक्ट्रेस श्रिया सरन की जिंदगी
बॉलीवुड से लेकर साउथ की फिल्मों तक अपनी एक्टिंग और स्टाइल से दिल जीतने वाली एक्ट्रेस श्रिया सरन आज अपना 42वां जन्मदिन मना रही हैं। उनका जन्म 11 सितंबर 1982 को हरिद्वार, उत्तराखंड में हुआ था। उन्होंने अजय देवगन की फिल्म ‘दृश्यम’ में अपनी मासूमियत से दर्शकों को खासा प्रभावित किया। इस फिल्म में उनकी क्यूटनेस को बहुत पसंद किया गया और उन्होंने दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना ली।
हालांकि, रील लाइफ…
अजय देवगन के साथ कार्तिक आर्यन की नई पोस्ट में दृश्यम ट्विस्ट है
अजय देवगन के साथ कार्तिक आर्यन की नई पोस्ट में दृश्यम ट्विस्ट है
दृश्यम 2 बाय अजय देवगन बॉक्स ऑफिस पर असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है, और कार्तिक आर्यन सभी स्तुति है। अभिनेता IFFI 2022 के लिए गोवा में हैं, और कार्तिक ने एक प्रफुल्लित करने वाला पोस्ट साझा किया है जो आपको हंसने पर मजबूर कर देगा।
कार्तिक ने गोवा से अजय के साथ अपनी एक इंस्टाग्राम फोटो पोस्ट की और उसे कैप्शन दिया, ‘इंस्टाग्राम पर गोवा से अजय के साथ अपनी एक तस्वीर लेते हुए कार्तिक ने कैप्शन…
नहीं रहे आज़ाद भारत के पहले वोटर, अब तक इतनी दफा की थी वोटिंग
नहीं रहे आज़ाद भारत के पहले वोटर, अब तक इतनी दफा की थी वोटिंग
भारत का पहला चुनाव 1947 में आज़ा���ी के बाद 1952 में हुआ था। उस समय से ही देश की जनता बतौर मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए जनप्रतिनिधियों को चुनते आ रही है। आज़ाद भारत के उस ज़माने के कई वोटर्स सालों पहले सुपुर्द ऐ ख़ाक हो चुके हैं। मगर स्वतंत्र भारत के एक वोटर आज भी थे जो लोगों के लिए एक मिसाल बनकर उभरे लेकिन शनिवार सुबह इस आज़ाद भारत के सबसे पहले वोटर ने अंतिम साँस ली। और इस दुनिया से रुखसत हो…
रजनीकांत शादी की बात करने गया श्रेया सरन के घर
#Rajinikanth #SivajiTheBoss #ShriyaSaran #Vivek
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रेडियो स्टेशन के लिए मोहल्ला समिति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंच ने विधायक को आभार पत्र दिया
इटारसी। विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा के प्रयासों ने केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय नई दिल्ली ने नगर में एफएम रेडियो प्रसारण केंद्र खुलने की स्वीकृति दी है। इसके बाद से संगीत प्रेमियों में हर्ष की लहर है।
मोहल्ला समिति वार्ड 23 अहिल्या नगर एवं उपभोक्ता संरक्षण मंच के सदस्यों ने विधायक डॉ सीता सरन शर्मा से भेंटकर उनके द्वारा दिलवाई एफएम रेडियो स्टेशन की महत्वपूर्ण सौगात पर पुष्प गुच्छ भेंट कर एवं आभार…
সবাই কে অনুরোধ করছি শান্ত মনে মনোযোগ সহকারে সৎ প্রতিবেদন টা শুনুন। সময় নষ্ট না করে মোক্ষ প্রাপ্তির জন্য শ্রাস্ত্রানুকুল সৎ সাধনার আসল মন্ত্র জ্ঞান গ্রহণ করে জীবন মরনের রোগ থেকে মুক্তি লাভ করুন । একুশ ব্রম্ভান্ডে এক মাত্র বাখবর সন্ত বা বিশ্ব বিজেতা জগৎগুরু মহান সন্ত রামপাল মহারাজ জীর স্মরণ গ্রহণ করুন।🙏🙏
आलोचक की रेटिंग:
3.5/5
दृश्यम 2 वहीं से शुरू होती है जहां दृश्यम (2015) छूटी थी। पहली फिल्म में क्या हुआ, इसका एक संक्षिप्त विवरण यहां दिया गया है। विजय सलगांवकर (अजय देवगन) की बड़ी बेटी, अंजू (इशिता दत्ता) अनजाने में गोवा पुलिस महानिरीक्षक मीरा देशमुख (तब्बू) के बेटे की हत्या कर देती है। लड़के ने उसका न्यूड वीडियो बना लिया था और इसके लिए उसे ब्लैकमेल कर रहा था। विजय शव को छिपा देता है और यह…
श्रीगणेशाय नमः
श्रीजानकीवल्लभो विजयते
श्रीमद्-गोस्वामी-तुलसीदास-कृत
छप्पय
सिंधु-तरन, सिय-सोच-हरन, रबि-बाल-बरन तनु ।
भुज बिसाल, मूरति कराल कालहुको काल जनु ।।
गहन-दहन-निरदहन लंक निःसंक, बंक-भुव ।
जातुधान-बलवान-मान-मद-दवन पवनसुव ।।
कह तुलसिदास सेवत सुलभ सेवक हित सन्तत निकट ।
गुन-गनत, नमत, सुमिरत, जपत समन सकल-संकट-विकट ।।१।।
स्वर्न-सैल-संकास कोटि-रबि-तरुन-तेज-घन ।
उर बिसाल भुज-दंड चंड नख-बज्र बज्र-तन ।।
पिंग नयन, भृकुटी कराल रसना दसनानन ।
कपिस केस, करकस लँगूर, खल-दल बल भानन ।।
कह तुलसिदास बस जासु उर मारुतसुत मूरति बिकट ।
संताप पाप तेहि पुरुष पहिं सपनेहुँ नहिं आवत निकट ।।२।।
झूलना
पंचमुख-छमुख-भृगु मुख्य भट असुर सुर, सर्व-सरि-समर समरत्थ सूरो ।
बाँकुरो बीर बिरुदैत बिरुदावली, बेद बंदी बदत पैजपूरो ।।
जासु गुनगाथ रघुनाथ कह, जासुबल, बिपुल-जल-भरित जग-जलधि झूरो ।
दुवन-दल-दमनको कौन तुलसीस है, पवन को पूत रजपूत रुरो ।।३।।
घनाक्षरी
भानुसों पढ़न हनुमान गये भानु मन-अनुमानि सिसु-केलि कियो फेरफार सो ।
पाछिले पगनि गम गगन मगन-मन, क्रम को न भ्रम, कपि बालक बिहार सो ।।
कौतुक बिलोकि लोकपाल हरि हर बिधि, लोचननि चकाचौंधी चित्तनि खभार सो।
बल कैंधौं बीर-रस धीरज कै, साहस कै, तुलसी सरीर धरे सबनि को सार सो ।।४।।
भारत में पारथ के रथ केथू कपिराज, गाज्यो सुनि कुरुराज दल हल बल भो ।
कह्यो द्रोन भीषम समीर सुत महाबीर, बीर-रस-बारि-निधि जाको बल जल भो ।।
बानर सुभाय बाल केलि भूमि भानु लागि, फलँग फलाँग हूँतें घाटि नभतल भो ।
नाई-नाई माथ जोरि-जोरि हाथ जोधा जोहैं, हनुमान देखे जगजीवन को फल भो ।।५
गो-पद पयोधि करि होलिका ज्यों लाई लंक, निपट निसंक परपुर गलबल भो ।
द्रोन-सो पहार लियो ख्याल ही उखारि कर, कंदुक-ज्यों कपि खेल बेल कैसो फल भो ।।
संकट समाज असमंजस भो रामराज, काज जुग पूगनि को करतल पल भो ।
साहसी समत्थ तुलसी को नाह जाकी बाँह, लोकपाल पालन को फिर थिर थल भो ।।६
कमठ की पीठि जाके गोडनि की गाड़ैं मानो, नाप के भाजन भरि जल निधि जल भो ।
जातुधान-दावन परावन को दुर्ग भयो, महामीन बास तिमि तोमनि को थल भो ।।
कुम्भकरन-रावन पयोद-नाद-ईंधन को, तुलसी प्रताप जाको प्रबल अनल भो ।
भीषम कहत मेरे अनुमान हनुमान, सारिखो त्रिकाल न त्रिलोक महाबल भो ।।७
दूत रामराय को, सपूत पूत पौनको, तू अंजनी को नन्दन प्रताप भूरि भानु सो ।
सीय-सोच-समन, दुरित दोष दमन, सरन आये अवन, लखन प्रिय प्रान सो ।।
दसमुख दुसह दरिद्र दरिबे को भयो, प्रकट तिलोक ओक तुलसी निधान सो ।
ज्ञान गुनवान बलवान सेवा सावधान, साहेब सुजान उर आनु हनुमान सो ।।८
दवन-दुवन-दल भुवन-बिदित बल, बेद जस गावत बिबुध बंदीछोर को ।
पाप-ताप-तिमिर तुहिन-विघटन-पटु, सेवक-सरोरुह सुखद भानु भोर को ।।
लोक-परलोक तें बिसोक सपने न सोक, तुलसी के हिये है भरोसो एक ओर को ।
राम को दुलारो दास बामदेव को निवास, नाम कलि-कामतरु केसरी-किसोर को ।।९।।
महाबल-सीम महाभीम महाबान इत, महाबीर बिदित बरायो रघुबीर को ।
कुलिस-कठोर तनु जोरपरै रोर रन, करुना-कलित मन धारमिक धीर को ।।
दुर्जन को कालसो कराल पाल सज्जन को, सुमिरे हरनहार तुलसी की पीर को ।
सीय-सुख-दायक दुलारो रघुनायक को, सेवक सहायक है साहसी समीर को ।।१०।।
रचिबे को बिधि जैसे, पालिबे को हरि, हर मीच मारिबे को, ज्याईबे को सुधापान भो ।
धरिबे को धरनि, तरनि तम दलिबे को, सोखिबे कृसानु, पोषिबे को हिम-भानु भो ।।
खल-दुःख दोषिबे को, जन-परितोषिबे को, माँगिबो मलीनता को मोदक सुदान भो ।
आरत की आरति निवारिबे को तिहुँ पुर, तुलसी को साहेब हठीलो हनुमान भो ।।११।।
सेवक स्योकाई जानि जानकीस मानै कानि, सानुकूल सूलपानि नवै नाथ नाँक को ।
देवी देव दानव दयावने ह्वै जोरैं हाथ, बापुरे बराक कहा और राजा राँक को ।।
जागत सोवत बैठे बागत बिनोद मोद, ताके जो अनर्थ सो समर्थ एक आँक को ।
सब दिन रुरो परै पूरो जहाँ-तहाँ ताहि, जाके है भरोसो हिये हनुमान हाँक को ।।१२।।
सानुग सगौरि सानुकूल सूलपानि ताहि, लोकपाल सकल लखन राम जानकी ।
लोक परलोक को बिसोक सो तिलोक ताहि, तुलसी तमाइ कहा काहू बीर आनकी ।।
केसरी किसोर बन्दीछोर के नेवाजे सब, कीरति बिमल कपि करुनानिधान की ।
बालक-ज्यों पालिहैं कृपालु मुनि सिद्ध ताको, जाके हिये हुलसति हाँक हनुमान की ।।१३।।
करुनानिधान, बलबुद्धि के निधान मोद-महिमा निधान, गुन-ज्ञान के निधान हौ ।
बामदेव-रुप भूप राम के सनेही, नाम लेत-देत अर्थ धर्म काम निरबान हौ ।।
आपने प्रभाव सीताराम के सुभाव सील, लोक-बेद-बिधि के बिदूष हनुमान हौ ।
मन की बचन की करम की तिहूँ प्रकार, तुलसी तिहारो तुम साहेब सुजान हौ ।।१४।।
मन को अगम, तन सुगम किये कपीस, काज महाराज के समाज साज साजे हैं ।
देव-बंदी छोर रनरोर केसरी किसोर, जुग जुग जग तेरे बिरद बिराजे हैं ।
बीर बरजोर, घटि जोर तुलसी की ओर, सुनि सकुचाने साधु खल गन गाजे हैं ।
बिगरी सँवार अंजनी कुमार कीजे मोहिं, जैसे होत आये हनुमान के निवाजे हैं ।।१५।।
सवैया
जान सिरोमनि हौ हनुमान सदा जन के मन बास तिहारो ।
ढ़ारो बिगारो मैं काको कहा केहि कारन खीझत हौं तो तिहारो ।।
साहेब सेवक नाते तो हातो कियो सो तहाँ तुलसी को न चारो ।
दोष सुनाये तें आगेहुँ को होशियार ह्वैं हों मन तौ हिय हारो ।।१६।।
तेरे थपे उथपै न महेस, थपै थिरको कपि जे घर घाले ।
तेरे निवाजे गरीब निवाज बिराजत बैरिन के उर साले ।।
संकट सोच सबै तुलसी लिये नाम फटै मकरी के से जाले ।
बूढ़ भये, बलि, मेरिहि बार, कि हारि परे बहुतै नत पाले ।।१७।।
सिंधु तरे, बड़े बीर दले खल, जारे हैं लंक से बंक मवा से ।
तैं रनि-केहरि केहरि के बिदले अरि-कुंजर छैल छवा से ।।
तोसों समत्थ सुसाहेब सेई सहै तुलसी दुख दोष दवा से ।
बानर बाज ! बढ़े खल-खेचर, लीजत क्यों न लपेटि लवा-से ।।१८।।
अच्छ-विमर्दन कानन-भानि दसानन आनन भा न निहारो ।
बारिदनाद अकंपन कुंभकरन्न-से कुंजर केहरि-बारो ।।
राम-प्रताप-हुतासन, कच्छ, बिपच्छ, समीर समीर-दुलारो ।
पाप-तें साप-तें ताप तिहूँ-तें सदा तुलसी कहँ सो रखवारो ।।१९।।
घनाक्षरी
जानत जहान हनुमान को निवाज्यौ जन, मन अनुमानि बलि, बोल न बिसारिये ।
सेवा-जोग तुलसी कबहुँ कहा चूक परी, साहेब सुभाव कपि साहिब�� सँभारिये ।।
अपराधी जानि कीजै सासति सहस भाँति, मोदक मरै जो ताहि माहुर न मारिये ।
साहसी समीर के दुलारे रघुबीर जू के, बाँह पीर महाबीर बेगि ही निवारिये ।।२०।।
बालक बिलोकि, बलि बारेतें आपनो कियो, दीनबन्धु दया कीन्हीं निरुपाधि न्यारिये ।
रावरो भरोसो तुलसी के, रावरोई बल, आस रावरीयै दास रावरो बिचारिये ।।
बड़ो बिकराल कलि, काको न बिहाल कियो, माथे पगु बलि को, निहारि सो निवारिये ।
केसरी किसोर, रनरोर, बरजोर बीर, बाँहुपीर राहुमातु ज्यौं पछारि मारिये ।।२१।।
उथपे थपनथिर थपे उथपनहार, केसरी कुमार बल आपनो सँभारिये ।
राम के गुलामनि को कामतरु रामदूत, मोसे दीन दूबरे को तकिया तिहारिये ।।
साहेब समर्थ तोसों तुलसी के माथे पर, सोऊ अपराध बिनु बीर, बाँधि मारिये ।
पोखरी बिसाल बाँहु, बलि, बारिचर पीर, मकरी ज्यौं पकरि कै बदन बिदारिये ।।२२।।
राम को सनेह, राम साहस लखन सिय, राम की भगति, सोच संकट निवारिये ।
मुद-मरकट रोग-बारिनिधि हेरि हारे, जीव-जामवंत को भरोसो तेरो भारिये ।।
कूदिये कृपाल तुलसी सुप्रेम-पब्बयतें, सुथल सुबेल भालू बैठि कै बिचारिये ।
महाबीर बाँकुरे बराकी बाँह-पीर क्यों न, लंकिनी ज्यों लात-घात ही मरोरि मारिये ।।२३।।
लोक-परलोकहुँ तिलोक न बिलोकियत, तोसे समरथ चष चारिहूँ निहारिये ।
कर्म, काल, लोकपाल, अग-जग जीवजाल, नाथ हाथ सब निज महिमा बिचारिये ।।
खास दास रावरो, निवास तेरो तासु उर, तुलसी सो देव दुखी देखियत भारिये ।
बात तरुमूल बाँहुसूल कपिकच्छु-बेलि, उपजी सकेलि कपिकेलि ही उखारिये ।।२४।।
करम-कराल-कंस भूमिपाल के भरोसे, बकी बकभगिनी काहू तें कहा डरैगी ।
बड़ी बिकराल बाल घातिनी न जात कहि, बाँहूबल बालक छबीले छोटे छरैगी ।।
आई है बनाइ बेष आप ही बिचारि देख, पाप जाय सबको गुनी के पाले परैगी ।
पूतना पिसाचिनी ज्यौं कपिकान्ह तुलसी की, बाँहपीर महाबीर तेरे मारे मरैगी ।।२५।।
भालकी कि कालकी कि रोष की त्रिदोष की है, बेदन बिषम पाप ताप छल छाँह की ।
करमन कूट की कि जन्त्र मन्त्र बूट की, पराहि जाहि पापिनी मलीन मन माँह की ।।
पैहहि सजाय, नत कहत बजाय तोहि, बाबरी न होहि बानि जानि कपि नाँह की ।
आन हनुमान की दुहाई बलवान की, सपथ महाबीर की जो रहै पीर बाँह की ।।२६।।
सिंहिका सँहारि बल, सुरसा सुधारि छल, लंकिनी पछारि मारि बाटिका उजारी है ।
लंक परजारि मकरी बिदारि बारबार, जातुधान धारि धूरिधानी करि डारी है ।।
तोरि जमकातरि मंदोदरी कढ़ोरि आनी, रावन की रानी मेघनाद महँतारी है ।
भीर बाँह पीर की निपट राखी महाबीर, कौन के सकोच तुलसी के सोच भारी है ।।२७।।
तेरो बालि केलि बीर सुनि सहमत धीर, भूलत सरीर सुधि सक्र-रबि-राहु की ।
तेरी बाँह बसत बिसोक लोकपाल सब, तेरो नाम लेत रहै आरति न काहु की ।।
साम दान भेद बिधि बेदहू लबेद सिधि, हाथ कपिनाथ ही के चोटी चोर साहु की ।
आलस अनख परिहास कै सिखावन है, एते दिन रही पीर तुलसी के बाहु की ।।२८।।
टूकनि को घर-घर डोलत कँगाल बोलि, बाल ज्यों कृपाल नतपाल पालि पोसो है ।
कीन्ही है सँभार सार अँजनी कुमार बीर, आपनो बिसारि हैं न मेरेहू भरोसो है ।।
इतनो परेखो सब भाँति समरथ आजु, कपिराज साँची कहौं को तिलोक तोसो है ।
सासति सहत दास कीजे पेखि परिहास, चीरी को मरन खेल बालकनि को सो है ।।२९।।
आपने ही पाप तें त्रिपात तें कि साप तें, बढ़ी है बाँह बेदन कही न सहि जाति है ।
औषध अनेक जन्त्र मन्त्र टोटकादि किये, बादि भये देवता मनाये अधिकाति है ।।
करतार, भरतार, हरतार, कर्म काल, को है जगजाल जो न मानत इताति है ।
चेरो तेरो तुलसी तू मेरो कह्यो राम दूत, ढील तेरी बीर मोहि पीर तें पिराति है ।।३०।।
दूत राम राय को, सपूत पूत बाय को, समत्व हाथ पाय को सहाय असहाय को ।
बाँकी बिरदावली बिदित बेद गाइयत, रावन सो भट भयो मुठिका के घाय को ।।
एते बड़े साहेब समर्थ को निवाजो आज, सीदत सुसेवक बचन मन काय को ।
थोरी बाँह पीर की बड़ी गलानि तुलसी को, कौन पाप कोप, लोप प्रकट प्रभाय को ।।३१।।
देवी देव दनुज मनुज मुनि सिद्ध नाग, छोटे बड़े जीव जेते चेतन अचेत हैं ।
पूतना पिसाची जातुधानी जातुधान बाम, राम दूत की रजाइ माथे मानि लेत हैं ।।
घोर जन्त्र मन्त्र कूट कपट कुरोग जोग, हनुमान आन सुनि छाड़त निकेत हैं ।
क्रोध कीजे कर्म को प्रबोध कीजे तुलसी को, सोध कीजे तिनको जो दोष दुख देत हैं ।।३२।।
तेरे बल बानर जिताये रन रावन सों, तेरे घाले जातुधान भये घर-घर के ।
तेरे बल रामराज किये सब सुरकाज, सकल समाज साज साजे रघुबर के ।।
तेरो गुनगान सुनि गीरबान पुलकत, सजल बिलोचन बिरंचि हरि हर के ।
तुलसी के माथे पर हाथ फेरो कीसनाथ, देखिये न दास दुखी तोसो कनिगर के ।।३३।।
पालो तेरे टूक को परेहू चूक मूकिये न, कूर कौड़ी दूको हौं आपनी ओर हेरिये ।
भोरानाथ भोरे ही सरोष होत थोरे दोष, पोषि तोषि थापि आपनी न अवडेरिये ।।
अँबु तू हौं अँबुचर, अँबु तू हौं डिंभ सो न, बूझिये बिलंब अवलंब मेरे तेरिये ।
बालक बिकल जानि पाहि प्रेम पहिचानि, तुलसी की बाँह पर लामी लूम फेरिये ।।३४।।
घेरि लियो रोगनि, कुजोगनि, कुलोगनि ज्यौं, बासर जलद घन घटा धुकि धाई है ।
बरसत बारि पीर जारिये जवासे जस, रोष बिनु दोष धूम-मूल मलिनाई है ।।
करुनानिधान हनुमान महा बलवान, हेरि हँसि हाँकि फूँकि फौजैं ते उड़ाई है ।
खाये हुतो तुलसी कुरोग राढ़ राकसनि, केसरी किसोर राखे बीर बरिआई है ।।३५।।
सवैया
राम गुलाम तु ही हनुमान गोसाँई सुसाँई सदा अनुकूलो ।
पाल्यो हौं बाल ज्यों आखर दू पितु मातु सों मंगल मोद समूलो ।।
बाँह की बेदन बाँह पगार पुकारत आरत आनँद भूलो ।
श्री रघुबीर निवारिये पीर रहौं दरबार परो लटि लूलो ।।३६।।
घनाक्षरी
काल की करालता करम कठिनाई कीधौं, पाप के प्रभाव की सुभाय बाय बावरे ।
बेदन कुभाँति सो सही न जाति राति दिन, सोई बाँह गही जो गही समीर डाबरे ।।
लायो तरु तुलसी तिहारो सो निहारि बारि, सींचिये मलीन भो तयो है तिहुँ तावरे ।
भूतनि की आपनी पराये की कृपा निधान, जानियत सबही की रीति राम रावरे ।।३७।।
पाँय पीर पेट पीर बाँह पीर मुँह पीर, जरजर सकल पीर मई है ।
देव भूत पितर करम खल काल ग्रह, मोहि पर दवरि दमानक सी दई है ।।
हौं तो बिनु मोल के बिकानो बलि बारेही तें, ओट राम नाम की ललाट लिखि लई है ।
कुँभज के किंकर बिकल बूढ़े गोखुरनि, हाय राम राय ऐसी हाल कहूँ भई है ।।३८।।
बाहुक-सुबाहु नीच लीचर-मरीच मिलि, मुँहपीर केतुजा कुरोग जातुधान हैं ।
राम नाम जगजाप कियो चहों सानुराग, काल कैसे दूत भूत कहा मेरे मान हैं ।।
सुमिरे सहाय राम लखन आखर दोऊ, जिनके समूह साके जागत जहान हैं ।
तुलसी सँभारि ताड़का सँहारि भारि भट, बेधे बरगद से बनाइ बानवान हैं ।।३९।।
बालपने सूधे मन राम सनमुख भयो, राम नाम लेत माँगि खात टूकटाक हौं ।
परयो लोक-रीति में पुनीत प्रीति राम राय, मोह बस बैठो तोरि तरकि तराक हौं ।।
खोटे-खोटे आचरन आचरत अपनायो, अंजनी कुमार सोध्यो रामपानि पाक हौं ।
तुलसी गुसाँई भयो भोंडे दिन भूल गयो, ताको फल पावत निदान परिपाक हौं ।।४०।।
असन-बसन-हीन बिषम-बिषाद-लीन, देखि दीन दूबरो करै न हाय हाय को ।
तुलसी अनाथ सो सनाथ रघुनाथ कियो, दियो फल सील सिंधु आपने सुभाय को ।।
नीच यहि बीच पति पाइ भरु हाईगो, बिहाइ प्रभु भजन बचन मन काय को ।
ता तें तनु पेषियत घोर बरतोर मिस, फूटि फूटि निकसत लोन राम राय को ।।४१।।
जीओं जग जानकी जीवन को कहाइ जन, मरिबे को बारानसी बारि सुरसरि को ।
तुलसी के दुहूँ हाथ मोदक हैं ऐसे ठाँउ, जाके जिये मुये सोच करिहैं न लरि को ।।
मोको झूटो साँचो लोग राम को कहत सब, मेरे मन मान है न हर को न हरि को ।
भारी पीर दुसह सरीर तें बिहाल होत, सोऊ रघुबीर बिनु सकै दूर करि को ।।४२।।
सीतापति साहेब सहाय हनुमान नित, हित उपदेश को महेस मानो गुरु कै ।
मानस बचन काय सरन तिहारे पाँय, तुम्हरे भरोसे सुर मैं न जाने सुर कै ।।
ब्याधि भूत जनित उपाधि काहु खल की, समाधि कीजे तुलसी को जानि जन फुर कै ।
कपिनाथ रघुनाथ भोलानाथ भूतनाथ, रोग सिंधु क्यों न डारियत गाय खुर कै ।।४३।।
कहों हनुमान सों सुजान राम राय सों, कृपानिधान संकर सों सावधान सुनिये ।
हरष विषाद राग रोष गुन दोष मई, बिरची बिरञ्ची सब देखियत दुनिये ।।
माया जीव काल के करम के सुभाय के, करैया राम बेद कहैं साँची मन गुनिये ।
तुम्ह तें कहा न होय हा हा सो बुझैये मोहि, हौं हूँ रहों मौनही बयो सो जानि लुनिये ।।४४।।
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तृतीय बड़ा मंगलवार | हेल्प यू संजीवनी हनुमान भजन संध्या | अलीगंज श्री महावीर जी हनुमान मंदिर, लखनऊ
लखनऊ, 23.05.2023 | बड़ा मंगल (जेष्ठ माह के तीसरे मंगलवार) के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा अलीगंज श्री महावीर जी हनुमान मंदिर, लखनऊ में "हेल्प यू संजीवनी हनुमान भजन संध्या" का आयोजन किया गया | भजन संध्या में प्रदीप अली एवं आकांक्षा सिंह ने कर्णप्रिय भगवत भजन द्वारा भक्तजनों के ह्रदय को आस्था एवं भक्ति से सराबोर कर दिया |
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने सभी को बड़ा मंगल की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, आज हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा महावीर हनुमान की कृपा से हेल्प यू संजीवनी हनुमान भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है | महावीर हनुमान निश्चय ही बल बुद्धि और विद्या के दाता है तथा भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं | इसीलिए कहा जाता है 'बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार' | भजन संध्या के माध्यम से हम आप सभी से जनहित में रक्तदान करने की अपील करते हैं क्योंकि वस्तुओं का दान देकर हम कुछ समय के लिए किसी की मदद कर सकते हैं लेकिन रक्तदान द्वारा हम किसी की जिंदगी बचा सकते हैं | तो आगे आइए और हमारे इस नेक कार्य में हमारा साथ दीजिए |"
भजन संध्या की शुरुआत आकांक्षा सिंह ने गणपति वंदना गाकर की | इसके बाद प्रदीप अली एवं आकांक्षा सिंह ने तेरे मन में राम | आज मोहे रघुवर की सुध आई | मैं तो कब से तेरी सरन| तुम बिन मोरी कौन खबर ले | राणा जी मैं गोविंद गुण गाना | पायो जी मैंने राम रतन धन पायो | श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम| छोटो सो मेरो मदन गोपाल | श्याम चूड़ी बेचने आया भजन गाकर भक्तजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया | तबला पर नितीश कुमार, गिटार पर गोपाल गोस्वामी तथा कीबोर्ड पर रिंकू राज ने साथ दिया |
भजन संध्या में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को रक्तदान जागरूकता पैम्फलेट बांटे गए, जिसके तहत लोगों से स्वेच्छा से रक्तदान करने की अपील की गई और ट्रस्ट द्वारा चला�� जा रहे "हेल्प यू ब्लड डोनर" अभियान को सफल बनाने में अपना अहम योगदान देने को कहा गया |
भजन संध्या में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, बड़ी संख्या में हनुमान भक्तों, ट्रस्ट के सलाहकार तथा स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
तृतीय बड़ा मंगलवार | हेल्प यू संजीवनी हनुमान भजन संध्या | अलीगंज श्री महावीर जी हनुमान मंदिर, लखनऊ
लखनऊ, 23.05.2023 | बड़ा मंगल (जेष्ठ माह के तीसरे मंगलवार) के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा अलीगंज श्री महावीर जी हनुमान मंदिर, लखनऊ में "हेल्प यू संजीवनी हनुमान भजन संध्या" का आयोजन किया गया | भजन संध्या में प्रदीप अली एवं आकांक्षा सिंह ने कर्णप्रिय भगवत भजन द्वारा भक्तजनों के ह्रदय को आस्था एवं भक्ति से सराबोर कर दिया |
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने सभी को बड़ा मंगल की श���भकामनाएं देते हुए कहा कि, आज हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा महावीर हनुमान की कृपा से हेल्प यू संजीवनी हनुमान भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है | महावीर हनुमान निश्चय ही बल बुद्धि और विद्या के दाता है तथा भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं | इसीलिए कहा जाता है 'बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार' | भजन संध्या के माध्यम से हम आप सभी से जनहित में रक्तदान करने की अपील करते हैं क्योंकि वस्तुओं का दान देकर हम कुछ समय के लिए किसी की मदद कर सकते हैं लेकिन रक्तदान द्वारा हम किसी की जिंदगी बचा सकते हैं | तो आगे आइए और हमारे इस नेक कार्य में हमारा साथ दीजिए |"
भजन संध्या की शुरुआत आकांक्षा सिंह ने गणपति वंदना गाकर की | इसके बाद प्रदीप अली एवं आकांक्षा सिंह ने तेरे मन में राम | आज मोहे रघुवर की सुध आई | मैं तो कब से तेरी सरन| तुम बिन मोरी कौन खबर ले | राणा जी मैं गोविंद गुण गाना | पायो जी मैंने राम रतन धन पायो | श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम| छोटो सो मेरो मदन गोपाल | श्याम चूड़ी बेचने आया भजन गाकर भक्तजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया | तबला पर नितीश कुमार, गिटार पर गोपाल गोस्वामी तथा कीबोर्ड पर रिंकू राज ने साथ दिया |
भजन संध्या में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को रक्तदान जागरूकता पैम्फलेट बांटे गए, जिसके तहत लोगों से स्वेच्छा से रक्तदान करने की अपील की गई और ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे "हेल्प यू ब्लड डोनर" अभियान को सफल बनाने में अपना अहम योगदान देने को कहा गया |
भजन संध्या में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, बड़ी संख्या में हनुमान भक्तों, ट्रस्ट के सलाहकार तथा स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
तृतीय बड़ा मंगलवार | हेल्प यू संजीवनी हनुमान भजन संध्या | अलीगंज श्री महावीर जी हनुमान मंदिर, लखनऊ
लखनऊ, 23.05.2023 | बड़ा मंगल (जेष्ठ माह के तीसरे मंगलवार) के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा अलीगंज श्री महावीर जी हनुमान मंदिर, लखनऊ में "हेल्प यू संजीवनी हनुमान भजन संध्या" का आयोजन किया गया | भजन संध्या में प्रदीप अली एवं आकांक्षा सिंह ने कर्णप्रिय भगवत भजन द्वारा भक्तजनों के ह्रदय को आस्था एवं भक्ति से सराबोर कर दिया |
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने सभी को बड़ा मंगल की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, आज हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा महावीर हनुमान की कृपा से हेल्प यू संजीवनी हनुमान भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है | महावीर हनुमान निश्चय ही बल बुद्धि और विद्या के दाता है तथा भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं | इसीलिए कहा जाता है 'बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार' | भजन संध्या के माध्यम से हम आप सभी से जनहित में रक्तदान करने की अपील करते हैं क्योंकि वस्तुओं का दान देकर हम कुछ समय के लिए किसी की मदद कर सकते हैं लेकिन रक्तदान द्वारा हम किसी की जिंदगी बचा सकते हैं | तो आगे आइए और हमारे इस नेक कार्य में हमारा साथ दीजिए |"
भजन संध्या की शुरुआत आकांक्षा सिंह ने गणपति वंदना गाकर की | इसके बाद प्रदीप अली एवं आकांक्षा सिंह ने तेरे मन में राम | आज मोहे रघुवर की सुध आई | मैं तो कब से तेरी सरन| तुम बिन मोरी कौन खबर ले | राणा जी मैं गोविंद गुण गाना | पायो जी मैंने राम रतन धन पायो | श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम| छोटो सो मेरो मदन गोपाल | श्याम चूड़ी बेचने आया भजन गाकर भक्तजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया | तबला पर नितीश कुमार, गिटार पर गोपाल गोस्वामी तथा कीबोर्ड पर रिंकू राज ने साथ दिया |
भजन संध्या में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को रक्तदान जागरूकता पैम्फलेट बांटे गए, जिसके तहत लोगों से स्वेच्छा से रक्तदान करने की अपील की गई और ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे "हेल्प यू ब्लड डोनर" अभियान को सफल बनाने में अपना अहम योगदान देने को कहा गया |
भजन संध्या में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, बड़ी संख्या में हनुमान भक्तों, ट्रस्ट के सलाहकार तथा स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
तृतीय बड़ा मंगलवार | हेल्प यू संजीवनी हनुमान भजन संध्या | अलीगंज श्री महावीर जी हनुमान मंदिर, लखनऊ
लखनऊ, 23.05.2023 | बड़ा मंगल (जेष्ठ माह के तीसरे मंगलवार) के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा अलीगंज श्री महावीर जी हनुमान मंदिर, लखनऊ में "हेल्प यू संजीवनी हनुमान भजन संध्या" का आयोजन किया गया | भजन संध्या में प्रदीप अली एवं आकांक्षा सिंह ने कर्णप्रिय भगवत भजन द्वारा भक्तजनों के ह्रदय को आस्था एवं भक्ति से सराबोर कर दिया |
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने सभी को बड़ा मंगल की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, आज हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा महावीर हनुमान की कृपा से हेल्प यू संजीवनी हनुमान भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है | महावीर हनुमान निश्चय ही बल बुद्धि और विद्या के दाता है तथा भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं | इसीलिए कहा जाता है 'बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार' | भजन संध्या के माध्यम से हम आप सभी से जनहित में रक्तदान करने की अपील करते हैं क्योंकि वस्तुओं का दान देकर हम कुछ समय के लिए किसी की मदद कर सकते हैं लेकिन रक्तदान द्वारा हम किसी की जिंदगी बचा सकते हैं | तो आगे आइए और हमारे इस नेक कार्य में हमारा साथ दीजिए |"
भजन संध्या की शुरुआत आकांक्षा सिंह ने गणपति वंदना गाकर की | इसके बाद प्रदीप अली एवं आकांक्षा सिंह ने तेरे मन में राम | आज मोहे रघुवर की सुध आई | मैं तो कब से तेरी सरन| तुम बिन मोरी कौन खबर ले | राणा जी मैं गोविंद गुण गाना | पायो जी मैंने राम रतन धन पायो | श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम| छोटो सो मेरो मदन गोपाल | श्याम चूड़ी बेचने आया भजन गाकर भक्तजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया | तबला पर नितीश कुमार, गिटार पर गोपाल गोस्वामी तथा कीबोर्ड पर रिंकू राज ने साथ दिया |
भजन संध्या में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को रक्तदान जागरूकता पैम्फलेट बांटे गए, जिसके तहत लोगों से स्वेच्छा से रक्तदान करने की अपील की गई और ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे "हेल्प यू ब्लड डोनर" अभियान को सफल बनाने में अपना अहम योगदान देने को कहा गया |
भजन संध्या में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, बड़ी संख्या में हनुमान भक्तों, ट्रस्ट के सलाहकार तथा स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |