#सड़क 2
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Inspired by Prime Minister Narendra Modi, we are opening new doors of development by renovating roads in a large number of villages: Colonel Rajyavardhan Rathore
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने ₹2.51 करोड़ की लागत से 12.14 किमी. लंबाई की 06 सड़कों के नवीनीकरण कार्य की स्वीकृति प्रदान की
झोटवाड़ा की जनता ने 06 सड़कों के नवीनीकरण कार्य की स्वीकृति प्रदान करवाने के लिए कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का आभार जताया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से हम, बड़ी संख्या में गांवों की सड़कों का पुनरुद्धार कर विकास के नए द्वार खोल रहे हैं : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
गांव की सड़कों को शहरों से जोड़ने की दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री झोटवाड़ा से लोकप्रिय भाजपा विधायक कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रेरणादायी मार्गदर्शन में झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में ₹2.51 करोड़ की लागत से 12.14 किमी. लंबाई की 06 सड़कों के नवीनीकरण कार्य की स्वीकृति प्रदान की है। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी के इस सराहनीय कार्य के लिए जनता ने उनका आभार जताते हुए प्रशंसा की है।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी ने भूखरों की ढाणी (कालख) से हनुमान मंदिर (कालख) तक ₹15 लाख की लागत से 0.24 किमी., बेगस से आचूकिया (फतेहपुरा) तक ₹31.04 लाख की लागत से 1.9 किमी., जोबनेर आसलपुर सड़क से केरिया नाडा (ढाणी बोराज) होते हुए ढाणी बोराज तक ₹32 लाख की लागत से 2 कि.मी., जोरपुरा सुन्दरियावास से घासलों की ढाणी (कुड़ियों का बास) तक ₹48 लाख की लागत से 3 किमी. और आईदान का बास से बस्सी झाझड़ा तक ₹64.40 लाख की लागत से 4 किमी. और जोबनेर से बबेरवालों की ढाणी, बंशीपुरा, अणतपुरा, मंडा भीमसिंह ₹60.70 लाख की लागत से 1 कि.मी. तक के सड़क नवीनीकरण कार्य की स्वीकृति प्रदान की है।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, किसी भी क्षेत्र के विकास में सबसे महत्वपूर्ण पहलू उसकी कनेक्टिविटी यानी सड़क है। जिस भी गांव का सड़क संपर्क बेहतर रहा है, वहां अन्य क्षेत्रों की तुलना में विकास ने पहले दस्तक दी है। यही कारण है कि हम ग्रामीण क्षेत्रों में भी सड़क को बेहतर बनाने पर ख़ास ज़ोर दे रहे है ताकि आवागमन को बेहतर बनाया जा सके। इससे लोगों को रोजगार मिलने में आसानी होती है, यातायात व्यवस्था बेहतर होती है और किसानों को अपनी फसल को मंडियों तक पहुंचाने में मदद मिलती है, जिससे उनकी आय में इजाफा होता है और समय की भी बचत होती। गंभीर बीमारी में ग्रामीणों का शहर के बड़े अस्पताल तक पहुंचना आसान हो जाता है। केवल एक बेहतर सड़क किसी गांव की आधी समस्या का हल हो जाती है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से हम, बड़ी संख्या में गांवों की सड़कों का पुनरुद्धार कर विकास के नए द्वार खोल रहे हैं। आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए अच्छी सड़कें होना बहुत जरूरी हैं और साथ ही गांव की सड़कों को शहरों से जोड़ने की दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं।
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अपकृत्य विधि में उपेक्षा का मतलब क्या होता है? | परिभाषा व आवश्यक तत्वों को विवेचना
असावधानी क्या है - समाज में जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के प्रति सावधानी बरतने के विधिक कर्त्तव्य का उल्लंघन करता है और जिसके परिणामस्वरूप उस दूसरे व्यक्ति को नुकसान होता है तब उसे उपेक्षा कहा जाता है तथा जो व्यक्ति ऐसी उपेक्षा करता है वह व्यक्ति उपेक्षा के अपकृत्य के अधीन दायी होता है। आसान शब्दों में – किसी व्यक्ति द्वारा सावधानी बरतने के कर्त्तव्य के उल्लंघन को ��पेक्षा कहते है| उपेक्षा की परिभाषा क्या है – सॉमण्ड (Salmond) के अनुसार – उपेक्षा में जहाँ सावधानी बरतना विधि द्वारा अपेक्षित होता है, वहां सावधानी बरतने के विधिक कर्त्तव्य का उल्लंघन किया जाता है। विनफील्ड के अनुसार – उपेक्षा एक अपकृत्य के रूप में सावधानी ��रतने के विधिक कर्त्तव्य का उल्लंघन है जिसके परिणामस्वरूप प्रतिवादी के न चाहने पर भी वादी को क्षति (नुकसान) कारित होती है। लार्ड राइट के अनुसार – उपेक्षा किसी कार्य को करने या करने से प्रतिविरत रहने वाला एक लापरवाही युक्त आचरण है जो किसी कर्त्तव्य को भंग करता है और जिससे अन्य व्यक्ति को क्षति पहुँचती है। उपेक्षा के आवश्यक तत्व (essential elements of neglect) – जेकब मेथ्यू बनाम पंजाब राज्य (ए.आई. आर. 2005 एस.सी. 3180) के मामले में न्यायालय द्वारा असावधानी (Negligence) के तीन आवश्यक तत्व बताये गये है - (क) विधिक कर्तव्य, (ख) कर्तव्य का भंग किया जाना, तथा (ग) ऐसे कर्तव्य- भंग से क्षति कारित होना। विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषा के अनुसार उपेक्षा के निम्नांकित तत्व परिलक्षित होते है - (i) प्रतिवादी का सावधानी बरतने का विधिक कर्त्तव्य होना, (ii) प्रतिवादी ने अपने कर्तव्य का उल्लंघन किया हो, (iii) कर्तव्य के उल्लंघन से वादी को क्षति कारित होना। (i) सावधानी बरतने का विधिक कर्त्तव्य - वादी के प्रति, प्रतिवादी का सावधानी बरतने का विधिक कर्त्तव्य होना उपेक्षा का पहला आवश्यक तत्व है| पोलक के अनुसार यदि सावधानी बरतने का कोई विधिक कर्तव्य नहीं है तो उपेक्षा के लिए कार्यवाही नहीं की जा सकती है। जब तक सावधानी बरतने का विधिक कर्त्तव्य नहीं हो उपेक्षा तब तक अनुयोज्य नहीं होती।(2) सावधानी बरतने के कर्त्तव्य का उल्लंघन – प्रतिवादी द्वारा अपने विधिक कर्तव्य का उल्लंघन किया जाना है, यह उपेक्षा का दूसरा आवश्यक तत्व है| कर्त्तव्य का उल्लंघन अथवा कर्त्तव्य भंग से तात्पर्य है - सम्यक् सावधानी का अनुपालन न करना जो किसी परिस्थिति विशेष में बरतनी आवश्यक है।विश्वनाथ गुप्त बनाम मुन्ना के मामले में यह अभिनिर्धारित किया गया कि, वाहन चालक का यह कर्त्तव्य है कि वह सड़क पर पैदल चलने वाले व्यक्तियों के प्रति पूर्ण सावधानी एवं सर्तकता बरते। उसका यह कर्तव्य उस समय और अधिक बढ़ जाता है जब सड़क पर चलने वाले व्यक्ति बच्चे हो। ऐसी स्थिति में चालक को वाहन ऐसी गति से चलाना चाहिये कि आवश्यकता पड़ने पर उसे रोका जा सके। (निर्णय पत्रिका 1971 मध्य प्रदेश 365) (3) वादी को क्षति कारित होना - यह उपेक्षा का तीसरा आवश्यक तत्व है, प्रतिवादी के कर्तव्य-भंग से वादी को जो नुकसान होता है वह नुकसान प्रतिवादी के कार्य प्रत्यक्ष परिणाम से होनी चाहिये ना की दूरवर्ती से।हेतलबेन जितेन्द्र कुमार व्यास बनाम पुलिस इन्सपेक्टर साबरमती पुलिस स्टेशन के मामले में एक वैवाहिक जुलूस निकल रहा था। उसमें की जा रही आतिशबाजी से एक ढाई वर्षीय बच्चे की आँख क्षतिग्रस्त हो गई। न्��ायालय ने वर-वधू के अभिभावकों को असावधानी का दोषी ठहराते हुए उन्हें प्रतिकर का संदाय करने का आदेश दिया। (ए.आई.आर. 2006 गुजरात 97) Read More - असावधानी (उपेक्षा) से आप क्या समझते हैं? Definition of Neglect Read the full article
#DefinitionofNeglect#LawNotesinHindi#tort#tortlawinhindi#उपेक्षाकिसेकहतेहै#उपेक्षाकीपरिभाषा#उपेक्षाकेआवश्यकतत्व
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मजदूरों से भरी पिकअप पुल से टकराई, दुधमुंही बच्ची समेत दो की मौत; 16 लोग हुए जख्मी
Bihar News: बिहार के नालंदा जिले में दर्दनाक सड़क हादसा हो गया है। बेना थाना इलाके के बख्तियारपुर रजौली एनएच 20 पर सिरनामा गांव के समीप मजदूरों से भरी पिकअप एक पुल से टकरा गई । हादसे में एक दुधमुंही बच्ची समेत 2 की मौत हो गई । जबकि हादसे में 16 लोग जख्मी हो गए इसमें तीन को चिंताजनक हालत में पावापुरी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है। सभी लोग नवादा जिला के स्टालिन गांव से ईंट भट्टा पर मजदूरी करने…
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भीषण बस हादसा: भीषण सड़क हादसा, अब तक 5 लोगों की मौत; 2 दर्जन से ज्यादा घायल
हज़ारीबाग़: हज़ारीबाग़ जिले के बरकट्ठा प्रखंड के गोरहर में गुरुवार की सुबह 6 बजे कोलकाता से पटना जा रही विशाल यात्री बस पलट गई। इसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गई. इस भयानक हादसे में अब तक 5 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. दो दर्जन से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. बताया जा रहा है कि यहां सड़क वन वे है और कंपनी ने सिक्स लेन सड़क निर्माण के दौरान सड़क काट दी है. इससे बस अनियंत्रित होकर…
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ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर भीषण सड़क हादसा, एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत
ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर भीषण सड़क हादसा हुआ है। 5 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है, जिसमें तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। ये हादसा नोएडा से परी चौक जाते समय हुआ। ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र का है मामला। मारने वालों में 3 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल है। एक ही परिवार के थे सभी मृतक घटना ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र की है. रविवार को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर एक भयानक रोड…
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प्रयागराज में पत्रकर देवेन्द्र राय की सड़क हादसे में मौत
प्रयागराज, 2 नवंबर 2024। यूपी के प्रयागराज में पत्रकार देवेन्द्र राय की सड़क हादसे में मौत हो गयी। घटना 1 नवंबर शुक्रवार की देर रात की है। मिली जानकारी के मुताबिक घटना खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के चकिया कर्बला इलाके में हुई। मूल रूप से झूंसी के रहने वाले 42 वर्षीय देवेंद्र राय उर्फ लकी वर्तमान में सिविल लाइंस में किराए के मकान में रहते थे। शुक्रवार की देर रात वह बाइक से घर लौट रहे थे। चकिया इलाके…
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गंगाशहर निवासी युवक व रथखाना निवासी युवती की सड़क दुर्घटना में हुई मौत
बीका���ेर,गंगाशहर निवासी युवक व रथखाना निवासी युवती की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। मृतक की पहचान बोथरा चौक -2, गंगाशहर निवासी 25 वर्षीय मुनित बोथरा पुत्र महेन्द्र बोथरा है। वहीं मृतक की पहचान रथखाना निवासी लवीना बदलानी पुत्री दिलीप बदलानी है। गंगाशहर थाने के एएसआई लाभूराम के अनुसार दुर्घटना सुबह करीब 6:20 बजे उदयरामसर चुंगी से आगे नोखा रोड़ पर हुई। दोनों बरसिंहसर रोड़ स्थित एक रिसोर्ट से लौट रहे…
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नीमराणा राजस्थान में आवासीय घर क्यों खरीदें?
राजस्थान के नीमराणा में आवासीय रियल एस्टेट की संभावनाएं मुख्य रूप से निम्नलिखित कारणों से उज्ज्वल दिखती हैं:
1. औद्योगिक विकास और आर्थिक विकास:
नीमराना दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (DMIC) का एक हिस्सा है और यहाँ जबरदस्त औद्योगिक विकास हो रहा है। जापानी और कोरियाई कंपनियों द्वारा यहाँ अपनी इकाइयाँ स्थापित करने के साथ, नीमराणा धीरे-धीरे और लगातार एक औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। इससे उस क्षेत्र में पेशेवरों और श्रमिकों के लिए आवास की मांग पैदा होती है।
2. कनेक्टिविटी और बुनियादी ढाँचा विकास:
दिल्ली (NH-48 के माध्यम से) तक पहुँच और जयपुर से निकटता ने नीमराणा को और अधिक सुलभ बना दिया है। सड़क मार्गों, प्रस्तावित हवाई अड्डों और मौजूदा औद्योगिक परियोजनाओं में और वृद्धि से क्षेत्र में आवासों की मांग बढ़ेगी।
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3. किफायती आवास:
गुरुग्राम और दिल्ली, संबंधित पड़ोसी शहरों की तुलना में, नीमराणा तुलनात्मक रूप से अधिक किफायती आवास विकल्प प्रदान कर रहा है। ��ध्यम आय वर्ग, निवेशक और युवा पेशेवर जो आवागमन के साधनों में प्रमुख शहरों से आसान दूरी के भीतर किफायती घरों की तलाश कर रहे हैं, वे इन क्षेत्रों की ओर आकर्षित हुए हैं।
4. पर्यटन और शैक्षणिक संस्थान:
नीमराना का ऐतिहासिक महत्व और नीमराना फोर्ट पैलेस जैसी जगहें इसे एक उभरता हुआ पर्यटन स्थल बनाती हैं। इसके अलावा, इस स्थान पर स्थित विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों ने किराए पर आवासीय स्थान की मांग बढ़ा दी है।
5. रियल एस्टेट में निवेश:
बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं और औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ, नीमराना उन निवेशकों द्वारा लक्षित किया जा रहा है जो मानते हैं कि यह क्षेत्र रियल एस्टेट की सराहना के लिए एक संभावित हॉटस्पॉट है। निवेशक भविष्य के विकास को ध्यान में रखते हुए आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
6. शहरीकरण और विस्तार:
बेहतर जीवन स्थितियों के लिए अधिक से अधिक लोग उपनगरों और छोटे शहरों की ओर जा रहे हैं, नीमराना में भी एनसीआर के बढ़ते रियल्टी बाजार की तरह ही शहरीकरण के रुझान देखने को मिल सकते हैं। संक्षेप में, नीमराना का आवासीय रियल एस्टेट बाजार निश्चित रूप से फलेगा-फूलेगा क्योंकि लोग औद्योगिक विकास, उचित बुनियादी ढांचे और आवास की सामर्थ्य के कारण यहाँ आते हैं। इस प्रकार, जल्द ही, यह निवेशकों के साथ-साथ उन लोगों के लिए भी एक शानदार अवसर है जो इस क्षेत्र में घर खरीदने की योजना बना रहे हैं।
For More Info Visit: https://www.rajasthanaffordablehousing.org/
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#सत_भक्ति_संदेश
📲अधिक जानकारी के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj " Youtube Channel पर विजिट करें।
Watch MH1 TV 2:00pm Daily 👀
सर शब्द प्रताप के लिए सड़क को विशेष ज्ञान होना आवश्यक है।
परमात्मा और सतगुरु के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित होना अनि��ार्य है।
सर्व संसार असर तथा दुखालय मनाना चाहिए।।
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Best Sexologist in Patna for SD Treatment due to Smoking | Dr. Sunil Dubey
अच्छे यौन स्वास्थ्य के लिए धूम्रपान का त्याग करे: -
अगर आप धूम्रपान के आदी हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह आपके यौन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है...
अगर आप धूम्रपान के आदी या शौकीन हैं तो अपने ��ौन स्वास्थ्य को लेकर सावधान हो जाइए। आमतौर पर हर उम्र के लोग सड़क किनारे या निजी जगहों पर धूम्रपान करते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं। इनमें से कुछ लोग धूम्रपान के आदी होते हैं, जबकि कुछ युवा इसका सेवन सिर्फ मनोरंजन या मौज-मस्ती के लिए करते हैं। भारत में करीब 28.5% लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, जिनमें से 42% पुरुष और 14% महिलाएं किसी न किसी रूप में तंबाकू या धूम्रपान का सेवन करती हैं।
मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय भारत के ऐसे राज्य हैं जहां तंबाकू के सेवन की दर बहुत ज्यादा है, जहां पुरुष और महिलाएं दोनों ही इसका खुलेआम सेवन करते हैं। दरअसल, यह डेटा सिर्फ जानकारी के लिए है, यहां हम गुप्त व यौन समस्याओं के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं जहां धूम्रपान पुरुष और महिला के यौन स्वास्थ्य में गड़बड़ी का एक बड़ा कारण है। विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, जो पटना में सबसे अच्छे क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट हैं, कहते हैं कि आमतौर पर पूरे भारत से गुप्त व यौन रोगी अपने इलाज के लिए उनसे सलाह लेते हैं और वे सभी का इलाज करते हैं। अपने चिकित्सा व उपचार में उन्होंने पाया कि धूम्रपान और शराब पीना जैसे जीवनशैली कारक बहुत सारे लोगो के गुप्त व यौन समस्याओं का एक प्रमुख कारण हैं।
धूम्रपान व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है:
धूम्रपान एक जोखिम कारक है जो पुरुष और महिला के यौन स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। आइए जानते हैं धूम्रपान के कारण यौन स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में-
पुरुष-
धूम्रपान करने से पुरु��ों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) का जोखिम 50-60% तक बढ़ सकता है।
धूम्रपान करने से पुरुषों में शीघ्रपतन (पीई) का जोखिम 20-30% तक बढ़ सकता है।
धूम्रपान करने से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर 10-20% तक कम हो सकता है।
धूम्रपान करने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता 10-20% तक कम हो सकती है।
धूम्रपान करने से पुरुषों में यौन इच्छा 20-30% तक कम हो सकती है।
महिला-
धूम्रपान करने से महिलाओं में यौन इच्छा 20-30% तक कम हो सकती है।
धूम्रपान करने से महिलाओं में योनि के सूखेपन का जोखिम 10-20% तक बढ़ सकती है।
धूम्रपान करने से महिलाओं में दर्दनाक संभोग का जोखिम 10-20% तक बढ़ सकती है।
धूम्रपान करने से महिलाओं में प्रजनन क्षमता 10-20% तक कम हो सकती है।
धूम्रपान करने से मासिक धर्म संबंधी अनियमितताओं का जोखिम बढ़ सकती है, महिलाओं में 10-20% तक की संभवना होती है।
धूम्रपान के तंत्र को समझना:
डॉ सुनील दुबे, बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर कहते हैं कि धूम्रपान के तंत्र और यह यौन स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है, इसके बारे में सभी को पता होना चाहिए। यह एक जीवनशैली कारक का समूह है जो किसी व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य को पूरी तरह प्रभावित करता है। उनका कहना है कि अच्छी आदतें, स्वस्थ आहार और संतुलित दैनिक जीवन हमेशा स्वस्थ दिमाग और शरीर की ओर व्यक्ति को अग्रसर करता है, जहाँ व्यक्ति अपने यौन, वैवाहिक और पारिवारिक जीवन का आनंद लेता है। इसलिए, हमें स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को हमेशा के लिए त्याग करना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते है। अत्यधिक धूम्रपान व्यक्ति के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
संवहनी क्षति: जननांग क्षेत्र में रक्त प्रवाह में कमी का होना।
हार्मोन असंतुलन: टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजन के स्तर में गड़बड़ी या कमी होना।
तंत्रिका संबंधी क्षति: तंत्रिका कार्य में कमी और संवेदनशीलता में कमी होना।
सूजन: ऑक्सीडेटिव तनाव में वृद्धि, ऊतक क्षति का होना।
धूम्रपान छोड़ने के फायदे:
डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि धूम्रपान छोड़ने से यौन स्वास्थ्य के लिए कई लाभ होते हैं। सबसे पहले तो यह 2 से 4 सप्ताह में स्तंभन दोष में सुधार करता है, 2-6 महीनों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है, 6-12 महीनों में प्रजनन क्षमता, कामेच्छा और उत्तेजना को बढ़ाता है और यौन रोग और बांझपन के जोखिम के कारक को कम करता है।
https://dubeyclinic.com/
स्थायी गुप्त व यौन रोग समाधान के लिए दुबे क्लिनिक में अपॉइंटमेंट:
डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि भारत में करीबन 40% पुरुष धूम्रपान के कारण स्तंभन दोष का अनुभव करते हैं, जबकि 25% महिलाएं धूम्रपान के कारण कम कामेच्छा का अनुभव करती हैं। भारत में धूम्रपान बंद करने के कार्यक्रमों की सफलता दर 50-70% रही है। खैर, हमें हमेशा सभी लोगो को अच्छे कार्य को करने के लिए प्रेरित करना व अच्छी आदतों को अपनाने के लिए सलाह देना चाहिए।
यदि आप गुप्त व यौन रोगी (पुरुष या महिला) हैं और धूम्रपान के आदी हैं और अपने यौन जीवन में स्तंभन दोष, शीघ्रपतन, बांझपन, कम कामेच्छा या किसी भी यौन विकार जैसी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं; तो आपको दुबे क्लिनिक से अवश्य जुड़ना चाहिए। दुबे क्लिनिक पटना में स्थित एक प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है, जहाँ पूरे भारत से लोग अपने यौन स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए इस क्लिनिक से ऑनलाइन और ऑफलाइन जुड़ते हैं। जरूरतमंद लोग हर दिन सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक फ़ोन पर अपॉइंटमेंट उपलब्ध हैं। बस इसे बुक करें और आयुर्वेद के तहत अपना संपूर्ण गुप्त व यौन उपचार पाएँ। दुबे क्लिनिक से अब तक 7.65 लाख से ज़्यादा गुप्त व यौन रोगी लाभान्वित हो चुके हैं।
और अधिक जानकारी के लिए: -
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350-92586
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
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Jamshedpur jugsalai mla mangal kalindi initiative : विधायक मंगल कालिंदी की दो पहल, 1. पटमदा में विधायक मंगल कालिंदी ने ग्राम प्रधान भवन का किया उदघाटन, लोगोंको होगी सहूलियत, 2. हुलूदबनी श��तला चौक से बयांगबिल ग्राम तक सड़क का विधायक ने किया शिलान्यास
पटमदा : जमशेदपुर के जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी के विधायक निधि से पटमदा के बिरसा चौक में निर्मित ग्राम प्रधान भवन का उदघाटन सोमवार को विधायक के उपस्थिति में सेवानिवृत शिक्षक सह ग्राम प्रधान मदन मोहन व ग्राम प्रधान सुधीर चंद्र टुडू के हाथों से फीता काटकर किया गया. इस दौरान संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि ग्राम प्रधान संघ के भवन निर्माण की मांग वर्षों पुरानी थी, जिसे आज पूरा कर दिया गया. उन्होंने…
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नोएडा में ट्रैक्टर ने कार में मारी टक्कर, कार के उड़े परखच्चे, सड़क हादसे में 4 दोस्तों की मौत
नोएडा. दिल्ली से सटे नोएडा में रविवार देर रात हुए सड़क हादसे में चार दोस्तों की मौत हो गई, सभी मृतक दिल्ली के न्यू कोंडली से नोएडा डिनर करने आए थे। डिनर के बाद लौटते वक्त सेक्टर 11 के पास उनकी कार की टक्कर ट्रैक्टर से हो गई। इस भीषण सड़क हादसे में चार की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। हादसा करीब रात 2 बजे का बताया का रहा है। घायल उत्तम ने बताया कि वह अपने चार दोस्तों, मोहित,…
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दो खबरों पर जरा नजर डालिए।
1- 12 हजार करोड़ रुपये की मालियत वाले रेमंड ग्रुप के मालिक विजयपत सिंघानिया पैदल हो गए। बेटे ने पैसे-पैसे के लिए मोहताज कर दिया।
2- करोड़ों रुपये के फ्लैट्स की मालकिन आशा साहनी का मुंबई के उनके फ्लैट में कंकाल मिला।
विजयपत सिंघानिया और आशा साहनी, दोनों ही अपने बेटों को अपनी दुनिया समझते थे। पढ़ा-लिखाकर योग्य बनाकर उन्हें अपने से ज्यादा कामयाबी की बुलंदी पर देखना चाहते थे। हर मां, हर पिता की यही इच्छा होती है। विजयपत सिंघानिया ने यही सपना देखा होगा कि उनका बेटा उनकी विरासत संभाले, उनके कारोबार को और भी ऊंचाइयों पर ले जाए। आशा साहनी और विजयपत सिंघानिया दोनों की इच्छा पूरी हो गई। आशा का बेटा विदेश में आलीशान जिंदगी जीने लगा, सिंघानिया के बेटे गौतम ने उनका कारोबार संभाल लिया, तो फिर कहां चूक गए थे दोनों। क्यों आशा साहनी कंकाल बन गईं, क्यों विजयपत सिंघानिया 78 साल की उम्र में सड़क पर आ गए। मुकेश अंबानी के राजमहल से ऊंचा जेके हाउस बनवाया था, लेकिन अब किराए के फ्लैट में रहने पर मजबूर हैं। तो क्या दोषी सिर्फ उनके बच्चे हैं..?
अब जरा जिंदगी के क्रम पर नजर डालें। बचपन में ढेर सारे नाते रिश्तेदार, ढेर सारे दोस्त, ढेर सारे खेल, खिलौने..। थोड़े बड़े हुए तो पाबंदियां शुरू। जैसे जैसे पढ़ाई आगे बढ़ी, कामयाबी का फितूर, आंखों में ढेर सारे सपने। कामयाबी मिली, सपने पूरे हुए, आलीशान जिंदगी मिली, फिर अपना घर, अपना निजी परिवार। हम दो, हमारा एक, किसी और की एंट्री बैन। दोस्त-नाते रिश्तेदार छूटे। यही तो है शहरी जिंदगी। दो पड़ोसी बरसों से साथ रहते हैं, लेकिन नाम नहीं जानते हैं एक-दूसरे का। क्यों जानें, क्या मतलब है। हम क्यों पूछें..। फिर एक तरह के डायलॉग-हम लोग तो बच्चों के लिए जी रहे हैं।
मेरी नजर में ये दुनिया का सबसे घातक डायलॉग है-'हम तो अपने बच्चों के लिए जी रहे हैं, बस सब सही रास्ते पर लग जाएं।' अगर ये सही है तो फिर बच्चों के कामयाब होने के बाद आपके जीने की जरूरत क्यों है। यही तो चाहते थे कि बच्चे कामयाब हो जाएं। कहीं ये हिडेन एजेंडा तो नहीं था कि बच्चे कामयाब होंगे तो उनके साथ बुढ़ापे में हम लोग मौज मारेंगे..? अगर नहीं तो फिर आशा साहनी और विजयपत सिंघानिया को शिकायत कैसी। दोनों के बच्चे कामयाब हैं, दोनों अपने बच्चों के लिए जिए, तो फिर अब उनका काम खत्म हो गया, जीने की जरूरत क्या है।
आपको मेरी बात बुरी लग सकती है, लेकिन ये जिंदगी अनमोल है, सबसे पहले अपने लिए जीना सीखिए। जंगल म���ं हिरन से लेकर भेड़िए तक झुंड बना लेते हैं, लेकिन इंसान क्यों अकेला रहना चाहता है। गरीबी से ज्यादा अकेलापन तो अमीरी देती है। क्यों जवानी के दोस्त बढ़ती उम्र के साथ छूटते जाते हैं। नाते रिश्तेदार सिमटते जाते हैं..। करोड़ों के फ्लैट की मालकिन आशा साहनी के साथ उनकी ननद, भौजाई, जेठ, जेठानी के बच्चे पढ़ सकते थे..? क्यों खुद को अपने बेटे तक सीमित कर लिया। सही उम्र में क्यों नहीं सोचा कि बेटा अगर नालायक निकल गया तो कैसे जिएंगी। जब दम रहेगा, दौलत रहेगी, तब सामाजिक सरोकार टूटे रहेंगे, ऐसे में उम्र थकने पर तो अकेलापन ही हासिल होगा।
इस दुनिया का सबसे बड़ा भय है अकेलापन। व्हाट्सएप, फेसबुक के सहारे जिंदगी नहीं कटने वाली। जीना है तो घर से निकलना होगा, रिश्ते बनाने होंगे। दोस्ती गांठनी होगी। पड़ोसियों से बातचीत करनी होगी। आज के फ्लैट कल्चर वाले महानगरीय जीवन में सबसे बड़ी चुनौती तो ये है कि खुदा न खासता आपकी म��त हो गई तो क्या कंधा देने वाले चार लोगों का इंतजाम आपने कर रखा है..? जिन पड़ोसियों के लिए नो एंट्री का बोर्ड लगा रखा था, जिन्हें कभी आपने घर नहीं बुलाया, वो भला आपको घाट तक पहुंचाने क्यों जाएंगे..?
याद कीजिए दो फिल्मों को। एक अवतार, दूसरी बागबां। अवतार फिल्म में नायक अवतार (राजेश खन्ना) बेटों से बेदखल होकर अगर जिंदगी में दोबारा उठ खड़ा हुआ तो उसके पीछे दो वजहें थीं। एक तो अवतार के दोस्त थे, दूसरे एक वफादार नौकर, जिसे अवतार ने अपने बेटों की तरह पाला था। वक्त पड़ने पर यही लोग काम आए। बागबां के राज मल्होत्रा (अमिताभ बच्चन) बेटों से बेइज्जत हुए, लेकिन दूसरी पारी में बेटों से बड़ी कामयाबी कैसे हासिल की, क्योंकि उन्होंने एक अनाथ बच्चे (सलमान खान) को अपने बेटे की तरह पाला था, उन्हें मोटा भाई कहने वाला दोस्त (परेश रावल) था, नए दौर में नई पीढ़ी से जुड़े रहने की कूव्वत थी।
विजयपत सिंघानिया के मरने के बाद सब कुछ तो वैसे भी गौतम सिंघानिया का ही होने वाला था, तो फिर क्यों जीते जी सब कुछ बेटे को सौंप दिया..? क्यों संतान की मुहब्बत में ये भूल गए कि इंसान की फितरत किसी भी वक्त बदल सकती है। जो गलती विजयपत सिंघानिया ने की, आशा साहनी ने की, वो आप मत कीजिए। रिश्तों और दोस्ती की बागबानी को सींचते रहिए, ये जिंदगी आपकी है, बच्चों की बजाय पहले खुद के लिए जिंदा रहिए। आप जिंदा रहेंगे, बच्चे जिंदा रहेंगे। अपेक्षा किसी से भी मत कीजिए, क्योंकि अपेक्षाएं ही दुख का कारण हैं।
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चौपाल में गहरी खाई में गिरी स्कॉर्पियो, दो लोगों की मौत; दो गंभीर रूप से घायल
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हावड़ा में भीषण सड़क हादसा, तृणमूल विधायक की कार से ट्रेलर में टक्कर, दो की मौत
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रात 2 बजे सड़क पर रो रही थी मासूम, हॉकर ने संभाला, पुलिस ने मां तक पहुंचाया
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