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#सड़क 2
laweducation · 1 year
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अपकृत्य विधि में उपेक्षा का मतलब क्या होता है? | परिभाषा व आवश्यक तत्वों को विवेचना
असावधानी क्या है - समाज में जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के प्रति सावधानी बरतने के विधिक कर्त्तव्य का उल्लंघन करता है और जिसके परिणामस्वरूप उस दूसरे व्यक्ति को नुकसान होता है तब उसे उपेक्षा कहा जाता है तथा जो व्यक्ति ऐसी उपेक्षा करता है वह व्यक्ति उपेक्षा के अपकृत्य के अधीन दायी होता है। आसान शब्दों में – किसी व्यक्ति द्वारा सावधानी बरतने के कर्त्तव्य के उल्लंघन को उपेक्षा कहते है| उपेक्षा की परिभाषा क्या है  – सॉमण्ड (Salmond) के अनुसार – उपेक्षा में जहाँ सावधानी बरतना विधि द्वारा अपेक्षित होता है, वहां सावधानी बरतने के विधिक कर्त्तव्य का उल्लंघन किया जाता है। विनफील्ड के अनुसार – उपेक्षा एक अपकृत्य के रूप में सावधानी बरतने के विधिक कर्त्तव्य का उल्लंघन है जिसके परिणामस्वरूप प्रतिवादी के न चाहने पर भी वादी को क्षति (नुकसान) कारित होती है। लार्ड राइट के अनुसार – उपेक्षा किसी कार्य को करने या करने से प्रतिविरत रहने वाला एक लापरवाही युक्त आचरण है जो किसी कर्त्तव्य को भंग करता है और जिससे अन्य व्यक्ति को क्षति पहुँचती है। उपेक्षा के आवश्यक तत्व (essential elements of neglect) – जेकब मेथ्यू बनाम पंजाब राज्य (ए.आई. आर. 2005 एस.सी. 3180) के मामले में न्यायालय द्वारा असावधानी (Negligence) के तीन आवश्यक तत्व बताये गये है - (क) विधिक कर्तव्य, (ख) कर्तव्य का भंग किया जाना, तथा (ग) ऐसे कर्तव्य- भंग से क्षति कारित होना। विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषा के अनुसार उपेक्षा के निम्नांकित तत्व परिलक्षित होते है - (i) प्रतिवादी का सावधानी बरतने का विधिक कर्त्तव्य होना, (ii) प्रतिवादी ने अपने कर्तव्य का उल्लंघन किया हो, (iii) कर्तव्य के उल्लंघन से वादी को क्षति कारित होना। (i) सावधानी बरतने का विधिक कर्त्तव्य - वादी के प्रति, प्रतिवादी का सावधानी बरतने का विधिक कर्त्तव्य होना उपेक्षा का पहला आवश्यक तत्व है| पोलक के अनुसार यदि सावधानी बरतने का कोई विधिक कर्तव्य नहीं है तो उपेक्षा के लिए कार्यवाही नहीं की जा सकती है। जब तक सावधानी बरतने का विधिक कर्त्तव्य नहीं हो उपेक्षा तब तक अनुयोज्य नहीं होती।(2) सावधानी बरतने के कर्त्तव्य का उल्लंघन – प्रतिवादी द्वारा अपने विधिक कर्तव्य का उल्लंघन किया जाना है, यह उपेक्षा का दूसरा आवश्यक तत्व है| कर्त्तव्य का उल्लंघन अथवा कर्त्तव्य भंग से तात्पर्य है - सम्यक् सावधानी का अनुपालन न करना जो किसी परिस्थिति विशेष में बरतनी आवश्यक है।विश्वनाथ गुप्त बनाम मुन्ना के मामले में यह अभिनिर्धारित किया गया कि, वाहन चालक का यह कर्त्तव्य है कि वह सड़क पर पैदल चलने वाले व्यक्तियों के प्रति पूर्ण सावधानी एवं सर्तकता बरते। उसका यह कर्तव्य उस समय और अधिक बढ़ जाता है जब सड़क पर चलने वाले व्यक्ति बच्चे हो। ऐसी स्थिति में चालक को वाहन ऐसी गति से चलाना चाहिये कि आवश्यकता पड़ने पर उसे रोका जा सके। (निर्णय पत्रिका 1971 मध्य प्रदेश 365) (3) वादी को क्षति कारित होना - यह उपेक्षा का तीसरा आवश्यक तत्व है, प्रतिवादी के कर्तव्य-भंग से वादी को जो नुकसान होता है वह नुकसान प्रतिवादी के कार्य प्रत्यक्ष परिणाम से होनी चाहिये ना की दूरवर्ती से।हेतलबेन जितेन्द्र कुमार व्यास बनाम पुलिस इन्सपेक्टर साबरमती पुलिस स्टेशन के मामले में एक वैवाहिक जुलूस निकल रहा था। उसमें की जा रही आतिशबाजी से एक ढाई वर्षीय बच्चे की आँख क्षतिग्रस्त हो गई। न्यायालय ने वर-वधू के अभिभावकों को असावधानी का दोषी ठहराते हुए उन्हें प्रतिकर का संदाय करने का आदेश दिया। (ए.आई.आर. 2006 गुजरात 97) Read More -  असावधानी (उपेक्षा) से आप क्या समझते हैं? Definition of Neglect Read the full article
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sharpbharat · 15 hours
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Adityapur ci negligency : सीआइ की लापरवाही के कारण कब्जामुक्त नहीं कराई जा सकी सड़क व नाली, गम्हरिया मोतीनगर रोड में ओमप्रकाश तिवारी ने वर्षों से नाली व सड़क पर कर रखा है कब्जा
गम्हरिया : सीआइ प्रमोद कुमार सिंह की लापरवाही के कारण आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 4 स्थित गम्हरिया मोतीनगर रोड नंबर 2 में सरकारी सड़क एवं नाले को कब्जामुक्त नहीं किया गया. बता दें कि ओमप्रकाश तिवारी नामक व्यक्ति ने वर्षों से सड़क व नाले का अतिक्रमण कर रखा है. इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके खिलाफ श्यामसुंदर साह ने एसडीओ कोर्ट में शिकायत की थी. सुनवाई के दौरान एसडीओ कोर्ट…
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100newsup · 5 days
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नोएडा में ट्रैक्टर ने कार में मारी टक्कर, कार के उड़े परखच्चे, सड़क हादसे में 4 दोस्तों की मौत
नोएडा. दिल्ली से सटे नोएडा में रविवार देर रात हुए सड़क हादसे में चार दोस्तों की मौत हो गई, सभी मृतक दिल्ली के न्यू कोंडली से नोएडा डिनर करने आए थे। डिनर के बाद लौटते वक्त सेक्टर 11 के पास उनकी कार की टक्कर ट्रैक्टर से हो गई। इस भीषण सड़क हादसे में चार की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। हादसा करीब रात 2 बजे का बताया का रहा है। घायल उत्तम ने बताया कि वह अपने चार दोस्तों, मोहित,…
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ashok-kumars-world · 9 days
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दो खबरों पर जरा नजर डालिए।
1- 12 हजार करोड़ रुपये की मालियत वाले रेमंड ग्रुप के मालिक विजयपत सिंघानिया पैदल हो गए। बेटे ने पैसे-पैसे के लिए मोहताज कर दिया।
2- करोड़ों रुपये के फ्लैट्स की मालकिन आशा साहनी का मुंबई के उनके फ्लैट में कंकाल मिला।
विजयपत सिंघानिया और आशा साहनी, दोनों ही अपने बेटों को अपनी दुनिया समझते थे। पढ़ा-लिखाकर योग्य बनाकर उन्हें अपने से ज्यादा कामयाबी की बुलंदी पर देखना चाहते थे। हर मां, हर पिता की यही इच्छा होती है। विजयपत सिंघानिया ने यही सपना देखा होगा कि उनका बेटा उनकी विरासत संभाले, उनके कारोबार को और भी ऊंचाइयों पर ले जाए। आशा साहनी और विजयपत सिंघानिया दोनों की इच्छा पूरी हो गई। आशा का बेटा विदेश में आलीशान जिंदगी जीने लगा, सिंघानिया के बेटे गौतम ने उनका कारोबार संभाल लिया, तो फिर कहां चूक गए थे दोनों। क्यों आशा साहनी कंकाल बन गईं, क्यों विजयपत सिंघानिया 78 साल की उम्र में सड़क पर आ गए। मुकेश अंबानी के राजमहल से ऊंचा जेके हाउस बनवाया था, लेकिन अब किराए के फ्लैट में रहने पर मजबूर हैं। तो क्या दोषी सिर्फ उनके बच्चे हैं..?
अब जरा जिंदगी के क्रम पर नजर डालें। बचपन में ढेर सारे नाते रिश्तेदार, ढेर सारे दोस्त, ढेर सारे खेल, खिलौने..। थोड़े बड़े हुए तो पाबंदियां शुरू। जैसे जैसे पढ़ाई आगे बढ़ी, कामयाबी का फितूर, आंखों में ढेर सारे सपने। कामयाबी मिली, सपने पूरे हुए, आलीशान जिंदगी मिली, फिर अपना घर, अपना निजी परिवार। हम दो, हमारा एक, किसी और की एंट्री बैन। दोस्त-नाते रिश्तेदार छूटे। यही तो है शहरी जिंदगी। दो पड़ोसी बरसों से साथ रहते हैं, लेकिन नाम नहीं जानते हैं एक-दूसरे का। क्यों जानें, क्या मतलब है। हम क्यों पूछें..। फिर एक तरह के डायलॉग-हम लोग तो बच्चों के लिए जी रहे हैं।
मेरी नजर में ये दुनिया का सबसे घातक डायलॉग है-'हम तो अपने बच्चों के लिए जी रहे हैं, बस सब सही रास्ते पर लग जाएं।' अगर ये सही है तो फिर बच्चों के कामयाब होने के बाद आपके जीने की जरूरत क्यों है। यही तो चाहते थे कि बच्चे कामयाब हो जाएं। कहीं ये हिडेन एजेंडा तो नहीं था कि बच्चे कामयाब होंगे तो उनके साथ बुढ़ापे में हम लोग मौज मारेंगे..? अगर नहीं तो फिर आशा साहनी और विजयपत सिंघानिया को शिकायत कैसी। दोनों के बच्चे कामयाब हैं, दोनों अपने बच्चों के लिए जिए, तो फिर अब उनका काम खत्म हो गया, जीने की जरूरत क्या है।
आपको मेरी बात बुरी लग सकती है, लेकिन ये जिंदगी अनमोल है, सबसे पहले अपने लिए जीना सीखिए। जंगल में हिरन से लेकर भेड़िए तक झुंड बना लेते हैं, लेकिन इंसान क्यों अकेला रहना चाहता है। गरीबी से ज्यादा अकेलापन तो अमीरी देती है। क्यों जवानी के दोस्त बढ़ती उम्र के साथ छूटते जाते हैं। नाते रिश्तेदार सिमटते जाते हैं..। करोड़ों के फ्लैट की मालकिन आशा साहनी के साथ उनकी ननद, भौजाई, जेठ, जेठानी के बच्चे पढ़ सकते थे..? क्यों खुद को अपने बेटे तक सीमित कर लिया। सही उम्र में क्यों नहीं सोचा कि बेटा अगर नालायक निकल गया तो कैसे जिएंगी। जब दम रहेगा, दौलत रहेगी, तब सामाजिक सरोकार टूटे रहेंगे, ऐसे में उम्र थकने पर तो अकेलापन ही हासिल होगा।
इस दुनिया का सबसे बड़ा भय है अकेलापन। व्हाट्सएप, फेसबुक के सहारे जिंदगी नहीं कटने वाली। जीना है तो घर से निकलना होगा, रिश्ते बनाने होंगे। दोस्ती गांठनी होगी। पड़ोसियों से बातचीत करनी होगी। आज के फ्लैट कल्चर वाले महानगरीय जीवन में सबसे बड़ी चुनौती तो ये है कि खुदा न खासता आपकी मौत हो गई तो क्या कंधा देने वाले चार लोगों का इंतजाम आपने कर रखा है..? जिन पड़ोसि��ों के लिए नो एंट्री का बोर्ड लगा रखा था, जिन्हें कभी आपने घर नहीं बुलाया, वो भला आपको घाट तक पहुंचाने क्यों जाएंगे..?
याद कीजिए दो फिल्मों को। एक अवतार, दूसरी बागबां। अवतार फिल्म में नायक अवतार (राजेश खन्ना) बेटों से बेदखल होकर अगर जिंदगी में दोबारा उठ खड़ा हुआ तो उसके पीछे दो वजहें थीं। एक तो अवतार के दोस्त थे, दूसरे एक वफादार नौकर, जिसे अवतार ने अपने बेटों की तरह पाला था। वक्त पड़ने पर यही लोग काम आए। बागबां के राज मल्होत्रा (अमिताभ बच्चन) बेटों से बेइज्जत हुए, लेकिन दूसरी पारी में बेटों से बड़ी कामयाबी कैसे हासिल की, क्योंकि उन्होंने एक अनाथ बच्चे (सलमान खान) को अपने बेटे की तरह पाला था, उन्हें मोटा भाई कहने वाला दोस्त (परेश रावल) था, नए दौर में नई पीढ़ी से जुड़े रहने की कूव्वत थी।
विजयपत सिंघानिया के मरने के बाद सब कुछ तो वैसे भी गौतम सिंघानिया का ही होने वाला था, तो फिर क्यों जीते जी सब कुछ बेटे को सौंप दिया..? क्यों संतान की मुहब्बत में ये भूल गए कि इंसान की फितरत किसी भी वक्त बदल सकती है। जो गलती विजयपत सिंघानिया ने की, आशा साहनी ने की, वो आप मत कीजिए। रिश्तों और दोस्ती की बागबानी को सींचते रहिए, ये जिंदगी आपकी है, बच्चों की बजाय पहले खुद के लिए जिंदा रहिए। आप जिंदा रहेंगे, बच्चे जिंदा रहेंगे। अपेक्षा किसी से भी मत कीजिए, क्योंकि अपेक्षाएं ही दुख का कारण हैं।
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navinsamachar · 11 days
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रोडवेज की बस ने बाइक सवारों को टक्कर मार कर 40 मीटर तक घसीटते हुए ले गई, 2 की मौत
नवीन समाचार, हरिद्वार, 24 सितंबर 2024 (Roadways Bus hit Bike Riders and dragged-2 Died)। हरिद्वार जिले के रुड़की में एक भीषण सड़क दुर्घटना में दो बाइक सवार युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। दुर्घटना उस समय हुई जब एक तेज गति से आती उत्तराखंड रोडवेज की बस ने बाइक सवारों को टक्कर मार दी और उन्हें करीब 40 मीटर तक घसीटते हुए ले गई। दुर्घटना के समय हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल घटनास्थल के पास से गुजर…
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newschakra · 1 month
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रात 2 बजे सड़क पर रो रही थी मासूम, हॉकर ने संभाला, पुलिस ने मां तक पहुंचाया
न्यूज़ चक्र। कोटपूतली मुख्य चौराहे पर कलेक्टर कार्यालय के सामने फ्लाईओवर के नीचे बीती रात करीब 2 बजे 1 साल की नन्हीं मासूम रो रही थी। मासूम बालिका के आसपास कोई नहीं था। रात के समय एक कार्यक्रम में शामिल होकर लौट रहे राजस्थान पत्रिका के समाचार पत्र वितरक लकी धानका ने जब बच्ची को सुनसान सड़क पर अकेले रोते देखा तो उन्होंने उसे जाकर संभाला। लकी ने आसपास आवाज लगाई कि कहीं कोई बालिका का परिजन हो लेकिन…
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तेलंगाना और आंध्र में भारी बारिश से कम से कम 20 लोगों की मौत; रेड्डी ने केंद्र से राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में लगातार दूसरे दिन मूसलाधार बारिश हुई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों राज्यों में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई, बड़े पैमाने पर बाढ़ और जलभराव हुआ, तथा सड़क और रेल यातायात में भारी व्यवधान हुआ। दक्षिण मध्य रेलवे के अनुसार, सोमवार (2 सितंबर) को कई स्थानों पर पटरियों पर पानी भर जाने के कारण कुल छह ट्रेनें रद्द कर दी गईं। रविवार (1 सितंबर) को कुल 140 ट्रेनें रद्द कर दी गईं और…
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indianfasttrack · 1 month
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रात के 2 बजे बीच सड़क पर महिला पर हुआ हमला, बाप बेटों के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज।
कई अपराधिक मामलों के आरोपी परिवार जाकिर डॉटकाम एन्ड फैमली फिर एक बार मालवनी में दहशत फैलाने का काम कर रही है। प्लॉट नंबर 16 में देर रात हुई भीड़ इकट्ठा। बाप और बेटों ने बीच सड़क पर सबके सामने किया महिला पर हमला। पुलिस ने किया एक और मुकदमा दर्ज। (Mumbai Malad Malvani Jakir.com News) इस्माईल शेखमुंबई- मालाड़ (पश्चिम), मालवनी, प्लॉट नंबर 3, बीएमसी कॉलोनी, अब्दुल हमीद रोड़, रुम नंबर 583 मैं हफ्ता…
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more-savi · 1 month
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Tourist Places to Visit in Leh
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Tourist Places to Visit in Leh
Tourist Places to Visit in Leh - अगर आप लेह में घूमने के लिए बेहतरीन जगहों के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर हैं।  लेह में देखने के लिए बहुत सी शानदार चीज़ें हैं, पुराने मठों से लेकर खूबसूरत झीलों और अद्भुत पहाड़ों तक। यह एक ऐसी जगह है जिसे हर किसी को कम से कम एक बार ज़रूर देखना चाहिए । हिमालय के लद्दाख राज्य की मनमोहक राजधानी लेह, लुभावने परिदृश्यों, जीवंत संस्कृति और समृद्ध विरासत की भूमि है। समुद्र तल से 3,524 मीटर की ऊँचाई पर स्थित, लेह रोमांच के शौकीनों, प्रकृति प्रेमियों और अध्यात्म चाहने वालों के लिए एक स्वर्ग है। इसके आश्चर्यजनक मठ, शांत झीलें और राजसी पहाड़ इसे प्रामाणिक और विस्मयकारी अनुभव चाहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक ज़रूरी जगह बनाते हैं। - Leh Palace 17वीं शताब्दी में निर्मित लेह पैलेस एक आकर्षक वास्तुशिल्प चमत्कार है जो शहर के समृद्ध इतिहास का प्रतीक है। अपनी नौ मंजिलों और आसपास के पहाड़ों के शानदार दृश्यों के साथ, यह आगंतुकों को लद्दाख की विरासत की एक झलक प्रदान करता है। - Shanti Stupa लेह के ऊपर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित शांति स्तूप एक आकर्षक सफेद गुंबद वाला बौद्ध स्तूप है जिसे शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था। आगंतुक इस पवित्र स्थल से आसपास के पहाड़ों और सिंधु घाटी के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। - Thiksey Monastery तिब्बत के ल्हासा में प्रसिद्ध पोटाला पैलेस जैसा दिखने वाला यह प्राचीन मठ एक वास्तुशिल्प चमत्कार है जिसमें कई स्तूप, मूर्तियाँ और थंगका हैं। आगंतुक सुबह की प्रार्थना देख सकते हैं और मठ परिसर का भ्रमण करते हुए आध्यात्मिक माहौल में डूब सकते हैं। - Pangong Lake बॉलीवुड फिल्म "3 इडियट्स" से मशहूर हुई पैंगोंग झील प्रकृति का एक मनमोहक आश्चर्य है। अपने नीले रंग के लगातार बदलते रंगों के साथ, यह उच्च ऊंचाई वाली झील आगंतुकों को ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों की पृष्ठभूमि के सामने एक अवास्तविक अनुभव प्रदान करती है। - Nubra Valley दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरेबल दर्रे, खारदुंग ला के ज़रिए पहुँचा जा सकने वाली नुब्रा घाटी सफ़ेद रेत के टीलों, हरे-भरे मरुद्यानों और खूबसूरत गांवों का एक स्वर्गिक विस्तार है। घाटी में आकर्षक डिस्किट मठ भी है, जो इस क्षेत्र की आध्यात्मिक परंपराओं की झलक प्रदान करता है। - Hemis Monastery लद्दाख में सबसे बड़े और सबसे धनी मठ के रूप में जाना जाने वाला हेमिस मठ प्राचीन थांगका, भित्तिचित्रों और कलाकृतियों का खजाना है। यह हर साल हेमिस महोत्सव का भी आयोजन करता है, जिसमें नकाबपोश नृत्य और सांस्कृतिक प्रदर्शन शामिल होते हैं। - Alchi Monastery अपनी उत्कृष्ट 11वीं शताब्दी की दीवार चित्रकलाओं के लिए प्रसिद्ध, अलची मठ सिंधु नदी के तट पर बसा एक छिपा हुआ रत्न है। विस्तृत कलाकृति और शांत वातावरण इसे कला और संस्कृति के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक ज़रूरी जगह बनाते हैं। - Leh Market चहल-पहल से भरे लेह मार्केट में जाने से स्थानीय तिब्बती और लद्दाखी हस्तशिल्प, आभूषण और स्मृति चिन्ह देखने का मौका मिलता है। यह मार्केट स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेने और दोस्ताना स्थानीय लोगों से बातचीत करने के लिए भी एक शानदार जगह है। - Stok Palace लद्दाख के शाही परिवार का घर, स्टोक पैलेस में एक संग्रहालय है, जिसमें शाही कलाकृतियां, धार्मिक वस्तुएं और पारंपरिक पोशाक प्रदर्शित की गई है, जो आगंतुकों को क्षेत्र की शाही विरासत की झलक प्रदान करती है। - Changthang Wildlife Sanctuary साहसी लोग चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य में वन्यजीव सफारी का आनंद ले सकते हैं, जहाँ वे तिब्बती जंगली गधे, हिम तेंदुए और विभिन्न प्रवासी पक्षियों जैसी दुर्लभ प्रजातियों को देख सकते हैं, जो कि कठोर लेकिन आकर्षक इलाके के बीच में हैं। इन आकर्षक आकर्षणों के अलावा, लेह शहर में हिमालय के विस्मयकारी परिदृश्यों के बीच ट्रैकिंग, माउंटेन बाइकिंग और राफ्टिंग के अवसर उपलब्ध हैं। तिब्बती और भारतीय स्वादों से प्रभावित स्थानीय व्यंजन खाने के शौकीनों के लिए एक खुशी की बात है। How to reach Leh. भारतीय हिमालय में एक उच्च ऊंचाई वाले शहर लेह तक पहुंचना अपने आप में एक रोमांच हो सकता है। वहां पहुंचने के कई तरीके हैं: 1. हवाई मार्ग से: लेह हवाई अड्डे (कुशोक बकुला रिम्पोची हवाई अड्डा) के लिए उड़ान: लेह पहुंचने का सबसे आसान और तेज़ तरीका दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़ या श्रीनगर जैसे प्रमुख शहरों से सीधी उड़ान लेना है। लेह का हवाई अड्डा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, और उड़ान हिमालय के शानदार दृश्य पेश करती है। हालाँकि, मौसम की स्थिति के कारण उड़ानें रद्द हो सकती हैं, खासकर सर्दियों के दौरान। 2. सड़क मार्ग से: मनाली-लेह राजमार्ग: दूरी: लगभग 490 किमी। सबसे अच्छा समय: जून से सितंबर। मार्ग: यह मार्ग रोहतांग दर्रे, बारालाचा ला और तंगलांग ला सहित आश्चर्यजनक परिदृश्यों से होकर गुजरता है। यात्रा में 2-3 दिन लगते हैं, और रात भर ठहरने की जगह आमतौर पर केलोंग या जिस्पा में होती है। श्रीनगर-लेह राजमार्ग: दूरी: लगभग 420 किमी। सबसे अच्छा समय: मई से अक्टूबर। मार्ग: यह मार्ग मनाली-लेह राजमार्ग से कम चुनौतीपूर्ण है और कारगिल, ज़ोजी ला और द्रास से होकर गुजरता है। कारगिल में रात भर रुकने के साथ यात्रा में लगभग 2 दिन लगते हैं। बस से: हिमाचल प्रदेश राज्य परिवहन (HRTC) और J&K राज्य सड़क परिवहन (JKSRTC): दोनों मनाली और श्रीनगर से लेह के लिए बस सेवाएँ प्रदान करते हैं। बसें किफ़ायती हैं, लेकिन पहुँचने में अधिक समय लेती हैं। निजी बसें और टैक्सियाँ: निजी बस सेवाएँ और टैक्सियाँ भी उपलब्ध हैं और इन्हें मनाली या श्रीनगर से बुक किया जा सकता है। ट्रेन से: निकटतम रेलवे स्टेशन: जम्मू तवी रेलवे स्टेशन: लेह से लगभग 700 किमी. यहाँ से आप श्रीनगर के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं और फिर लेह जा सकते हैं। पठानकोट रेलवे स्टेशन: दूसरा विकल्प पठानकोट के लिए ट्रेन लेना और फिर श्रीनगर होते हुए सड़क मार्ग से यात्रा जारी रखना है। लेह की यात्रा के लिए सुझाव: - लेह बहुत ऊँचाई पर है (3,500 मीटर या 11,500 फ़ीट), । आगे की खोज करने से पहले लेह में एक या दो दिन बिताएँ। - लेह के लिए सड़कें आमतौर पर मई से अक्टूबर तक खुली रहती हैं। भारी बर्फबारी के कारण सर्दियों में यात्रा करना मुश्किल हो सकता है। - लेह के आस-पास के कुछ इलाकों में जाने के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) की ज़रूरत हो सकती है। इन्हें ऑनलाइन या लेह में प्राप्त किया जा सकता है।   - Tourist Places to Visit in Mahabaleshwar - Tourist Places to visit in Kheda Read the full article
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rightnewshindi · 1 month
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ठियोग में हुआ भीषण हादसा; बेकाबू ट्रक ने रौंदी कई गाड़ियां, मंदिर का गेट और एक शेड भी तोड़ा, एक व्यक्ति हुआ घायल
Accident In Shimla: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला जिले में एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना (Tragic Road Accident) हुई, जिसमें एक सेब से लदे ट्रक (Trucks Loaded With Apples) ने कई वाहनों और एक शेड को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस हादसे में एक व्यक्ति घायल हुआ है, जिसका इलाज स्थानीय अस्पताल (Theog Hospital) में चल रहा है। है। इस दुर्घटना में ट्रक ने 5 गाड़ियों, 2 बाइक, एक मंदिर के गेट और एक शेड को…
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livenews24x7hindi · 2 months
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90 लाख की FD के लालच में 82 साल के बुजुर्ग की हत्या, बैंक मैनेजर समेत 5 लोगों ने फिल्मी स्टाइल में रची साजिश
केरल में इस हिट एंड रन मामले की जांच कर रही पुलिस टीम को भी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखने के बाद संदेह होने लगा कि कार चालक ने जानबूझकर पपचन की साइकिल को टक्कर मारी थी। कोल्लम: केरल के कोल्लम शहर में एक सनसनीखेज हत्या का मामला सामने आया है। 2 महीने पहले सड़क दुर्घटना में मारे गए 82 वर्षीय व्यक्ति की मौत कोई दुर्घटना नहीं बल्कि एक सुनियोजित हत्या थी। जानकारी के अनुसार, 82 वर्षीय पप्पन बीएसएनएल के…
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snehagoogle · 2 months
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what is the connection between speed and fuel
what is the connection between speed and fuel
The fuel consumption increases in low gears and with speed. Thus, at constant speed on a flat road, the lowest fuel consumption is obtained at the minimum speed possible on the highest gear.29 Sept 2017
Relation between speed and fuel consumption.
ResearchGate
https://www.researchgate.net › figure › Relation-betwee...
Context 1
... with CI = 0 that gives the minimum fuel consumption for a given flight distance. v MEC is assumed to be the minimum operational airspeed, which minimizes the fuel consumption over a given flight time. v eq is the minimum airspeed yielding the same fuel consumption as flying at v ECON , which is explored by Delgado and Prats [13]. As shown in Fig. 2, for all cruise speeds between v eq and v ECON , the amount of fuel consumption is the same or lower than the nominal flight. The three airspeed mentioned above can be obtained by solving the following optimization ...
. Most existing research focuses on achievable delays using speed control for a single aircraft. [7][8][9] In the authors' previous study, 17) the achievable delay acceptable for all flights flying on the same route and its compliance rate were statistically analyzed based on past actual flight data. The prior work focused on the international arrivals at Tokyo International Airport, because the metering time is to be assigned to international flights and combined with ground delays assigned to domestic flights for the initial implementations in Japan. ...
... We also investigate the potential benefit of saving fuel using speed control. Although only the delay by reducing speed was considered in our previous study 17) and existing research, [7][8][9] the negative delay, corresponding to early flyover, by increasing speed is also analyzed in this study because time-based metering operations are not limited to delays. Moreover, this study considers increasing the achievable delay and its compliance rate using flight-level change in addition to speed control. ...
... Then, a single Mach number value corresponding to v ECON is estimated using the linear least-squares method. In our previous work, 17) the accuracy of airspeed estimation was demonstrated by comparing the actual airspeed from an airborne flight recorder and the estimated airspeed. (See Matsuno and Andreeva-Mori 17) for a more detailed discussion.) ..
Be it speed or fuel, both mean burning
Ash burns, water also burns, only then the journey of smoke, clouds and rain takes place
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गति और ईंधन में संपर्क क्या है
कम गियर में और गति के साथ ईंधन की खपत बढ़ जाती है। इस प्रकार, एक सपाट सड़क पर निरंतर गति पर, उच्चतम गियर पर संभव न्यूनतम गति पर सबसे कम ईंधन की खपत प्राप्त होती है। 29 सितंबर 2017
गति और ईंधन की खपत के बीच संबंध।
रिसर्चगेट
https://www.researchgate.net › चित्र › संबंध-बीटवी...
संदर्भ 1
... CI = 0 के साथ जो किसी दी गई उड़ान दूरी के लिए न्यूनतम ईंधन की खपत देता है। v MEC को न्यूनतम परिचालन हवाई गति माना जाता है, जो किसी दिए गए उड़ान समय में ईंधन की खपत को कम करता है। v eq न्यूनतम हवाई गति है जो v ECON पर उड़ान भरने के समान ईंधन की खपत देती है, जिसे डेलगाडो और प्रैट [13] द्वारा खोजा गया है। जैसा कि चित्र 2 में दिखाया गया है, v eq और v ECON के बीच सभी क्रूज गति के लिए, ईंधन की खपत की मात्रा नाममात्र उड़ान के समान या उससे कम है। ऊपर उल्लिखित तीन हवाई गति निम्नलिखित अनुकूलन को हल करके प्राप्त की जा सकती हैं ...
अधिकांश मौजूदा शोध एकल विमान के लिए गति नियंत्रण का उपयोग करके प्राप्त करने योग्य देरी पर केंद्रित हैं। [७][८][९] लेखकों के पिछले अध्ययन में, १७) एक ही मार्ग पर उड़ान भरने वाले सभी उड़ानों के लिए स्वीकार्य प्राप्त करने योग्य देरी और इसकी अनुपालन दर का पिछले वास्तविक उड़ान डेटा के आधार पर सांख्यिकीय रूप से विश्लेषण किया गया था। पिछला कार्य टोक्यो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय आगमन पर केंद्रित था, क्योंकि मीटरिंग समय को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को सौंपा जाना है और जापान में प्रारंभिक कार्यान्वयन के लिए घरेलू उड़ानों को सौंपे गए ग्राउंड देरी के साथ जोड़ा जाना है। ...
... हम गति नियंत्रण का उपयोग करके ईंधन की बचत के संभावित लाभ की भी जांच करते हैं। यद्यपि हमारे पिछले अध्ययन १७) और मौजूदा शोध में केवल गति को कम करने से देरी पर विचार किया गया था, [७][८][९] इस अध्ययन में गति बढ़ाकर, जल्दी फ्लाईओवर के अनुरूप नकारात्मक देरी का भी विश्लेषण किया गया हमारे पिछले काम में, 17) हवाई उड़ान रिकॉर्डर से वास्तविक हवाई गति और अनुमानित हवाई गति की तुलना करके हवाई गति अनुमान की सटीकता का प्रदर्शन किया गया था। (अधिक विस्तृत चर्चा के लिए मात्सुनो और एंड्रीवा-मोरी 17 देखें) ..
गति हो या ईंधन हो दोनों का मतलब ही है जलना
राख भी जलता है पानी भी जलता है तब ही तो धुएं बादल और बरखा की सफर
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sharpbharat · 2 months
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Jamshedpur rural theft - पोटका में बंद घर का ताला तोड़कर चोरी, चोरों ने लाखों के जेवरात व नकदी ले भागे
पोटका / जमशेदपुर : पोटका थाना क्षेत्र के हाता हल्दीपोखर  सड़क साईं मंदिर के नजदीक बीते रात को अज्ञात चोरों द्वारा देवाशिष् डे के घर में ताला तोड़कर चोरी की घटना को अंजाम दिया गया. घटना के संबंध में देवाशीष ने बताया कि उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए परिवार जमशेदपुर में रहते हैं. इस बीच अपने परिवार से मिलने के लिए शनिवार को जमशेदपुर गए हुए थे कि लगभग रात के 2:00 अज्ञात चोरों द्वारा घर का ताला तोड़कर…
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dainiksamachar · 2 months
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पहाड़ों पर बाढ़ का खतरा, दिल्ली-NCR में होगी तबाही वाली बारिश? जानिए वेदर अपडेट
आज का मौसम 2 अगस्त 2024: दिल्ली में दो दिन पहले हुए जोरदार बारिश के बाद कई जगहों पर जलभराव हो गया है। हालांकि लोगों को उमस भरी गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 6 अगस्त तक लोगों को बारिश का सामना करना पड़ेगा। इस दौरान कभी रुक-रुक कर तो कभी तेज बारिश होगी। हालांकि, बारिश के कारण लोगों को भीषण गर्मी से राहत तो मिल गई है लेकिन जलभराव और अन्य कारणों से उनकी दिक्कतें बढ़ गई हैं।मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 6 अगस्त तक अधिकतम तापमान 35 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री तक रहने की आशंका जताई गई है। 1 अगस्त को अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री रहेगा। आसमान में बादल छाए रहेंगे और बारिश होने की संभावना बनी रहेगी। वहीं 2 अगस्त को भी अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री बना रहेगा। इसके साथ ही साथ उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड़ में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। लेकिन अगले 4 से 5 दिनों में उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बारिश धीरे-धी��े कम हो जाएगी। अभी राजस्थान में बारिश जारी रहेगी। वहीं, हिमाचल प्रदेश में भी भारी वर्षा की संभावना है। दिल्ली में आज कैसा रहेगा मौसम? दिल्ली में बारिश के बाद मौसम सुहाना हो गया है। मौसम विभाग का कहना है आज भी दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, आज यानी 2 अगस्त को दिल्ली में बादल छाए रहेंगे और कुछ इलाकों में बरसात भी हो सकती है। हालांकि, आज का तापमान कल की तुलना में ज्यादा रहने की उम्मीद है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री रह सकता है। 5 और 6 अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग के मुताबिक, 3 और 4 अगस्त को अधिकतम तापमान 35 डिग्री तक पहुंच जाएगा। 5 और 6 अगस्त को अधिकतम पर 34 डिग्री रहने की उम्मीद है। दिल्ली-एनसीआर में 5 और 6 अगस्त को भारी बारिश की उम्मीद है। दरअसल बुधवार शाम से हुई तेज बारिश से एनसीआर में जगह-जगह जलभराव के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। देर रात तक लोग दिल्ली और नोएडा में लंबे-लंबे जाम से जूझते दिखाई दिए। नोएडा में देर रात तक पुलिसकर्मी और यातायात कर्मी सड़कों पर मौजूद दिखाई दिए। दिल्ली के कई इलाके, खासतौर से लुटियन जोन में भी कई जगहों पर भारी जलभराव देखने को मिला। इस भारी बारिश को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एक अगस्त को सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में छुट्टी कर दी है। आज आपके यहां कैसा रहेगा तापमान? शहर न्यूनतम तापमान (°C) अधिकतम तापमान (°C) दिल्ली 25 34 नोएडा 26 34 गाजियाबाद 26 35 पटना 27 33 लखनऊ 27 35 जयपुर 25 31 भोपाल 23 27 मुंबई 26 31 अहमदाबाद 26 34 जम्मू 24 31 हिमाचल में बाढ़ का खतरा, सेना के जवान तैनात हिमाचल में बारिश से बने बाढ़ के हालातों के बाद सेना बुलाई गई है। स्थानीय प्रशासन की तरफ सुबह 9 बजे राहत बचाव के लिए सेना की मदद का अनुरोध किया गया था। सेना के कुल 160 जवान राहत बचाव के काम में जुटे हैं। इसमें एक इंजीनियर टास्क फोर्स और एक मेडिकल टीम भी शामिल है। सेना कॉलम स्टैंडबाय पर भी हैं। मनाली में एक कॉलम को स्टैंडबाय पर रखा हुआ है जरूरत पड़ने और प्रशासन के अनुरोध पर तुरंत तैनात कर दिया जाएगा। एयरफोर्स भी अलर्ट पर है। चंडीगढ़ और सरसाव बेस पर हेलिकॉप्टर स्टैंडबाय पर हैं। उत्तराखंड में भारी बारिश, हरिद्वार में टूटा पुल उत्तराखंड के हरिद्वार में बुधवार रात हुई भारी बारिश के कारण गढ़ मीरपुर गांव का एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया जिससे कई गांवों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तेज बारिश की वजह से गढ़ मीरपुर-सुमन नगर गांव सहित दर्जनों गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाला रोह नदी का पुल क्षतिग्रस्त हो गया। इससे पूरे इलाके में सड़क यातायात रुक गया है। भारी बारिश की वजह से गंगा की सहायक नदियों का जलस्तर अपने चरम पर पहुंच गया है। पूरे इलाके के ग्रामीणों को निचले इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है।उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे से लगातार भारी बारिश हो रही है। पहाड़ के लेकर मैदान तक पानी ही पानी है। गढ़वाल, कुमाऊं में हर जगह भारी बारिश का कहर देखने को मिल रही है। http://dlvr.it/TBNXJT
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navinsamachar · 1 month
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हल्द्वानी : सेना में भर्ती की तैयारी के लिए दौड़ रहे 18 साल के लड़के को गाड़ी ने कुचला, मौत
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 2 सितंबर 2024 (Sena men bharti ke liye daud rhe 18 sal k kishor) । सेना भर्ती की तैयारी में जुटे बीए प्रथम वर्ष के एक 18 वर्षीय छात्र चंदन सिंह रौतेला की सोमवार सुबह रामपुर रोड पर एक सड़क हादसे में मौत हो गई। चंदन सुबह दौड़ने के लिए निकला था, जब तेज रफ्तार हरियाणा नंबर की कार ने उसे कुचल दिया। घटना के बाद चालक कार समेत मौके से फरार हो गया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को…
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davidfegan · 2 months
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मौसम आज का और कल का आपके शहर और गाँव का
मौसम वेब एप्लीकेशन का प्रयोग का तरीका:
हमारी मौसम वेब एप्लीकेशन को प्रयोग कीजिये और जानिए मौसम का हाल आपके अपने शहर और गांव का. आप चाहें तो सर्च बटन से अपने शहर के अलावा किसी और शहर का मौसम भी जान सकते हैं.
जब भी आप हमारी मौसम एप्लीकेशन पे आएंगे, आप जानेंगे न केवल दिन का तापमान बल्कि इस समय की हवा में आद्रता, हवा की गति और भी बहुत कुछ. आप चाह��ं तो आप आज का मौसम के अलावा आने वाले कल का और बीते हुए कल का मौसम भी देख सकते हैं देश के किसी भी शहर का आपकी अपनी भाषा में.
मौसम का हाल जानने के फायदे:
वर्तमान मौसम का अनुमान और आने वाले दिनों के मौसम का पूर्वानुमान या फिर बीते दिनों के मौसम की जानकारी का लाभ हर किसी को मिलता है.
यदि हम अपने देश की बात करें तो कृषि कार्य और किसानो के लिए मौसम का हल जानना और पूर्वानुमान जानना बेहद जरूरी है, वहीँ सरकार के विभिन्न विभाग, एयरलाइन्स, निर्माण कार्य, समुंद्री ट्रांसपोर्ट, सड़क परिवहन, ट्रैवेलिंग और लगभग हर कार्य के लिए मौसम का हाल जानना नित्यंत आवयशक है और इसीलिए हम लाएं हैं आपके शहर और गाँव के मौसम का हल आप ही भाषा में.
आइये जानते हैं मौसम का हाल जानना विभिन्न प्रकार के लोगों के लिए कैसे लाभदायक है.
1. कृषि कार्य और किसान भाई
भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसान भाईओं की निर्भरता सटीक मौसम की जानकारी पर बहुत ज्यादा है. मौसम के सटीक आकलन और पूर्वानुमान से किसान अपनी फसलों और खेती की उत्पादकता बढ़ा सकता है और नुकसान से बचने के लिए पहले ही योजना बना सकता है. मौसम के सटीक अनुमान के हिसाब से किसान बुवाई, सिंचाई और कटाई को बेह्तरीक तरीके से योजनाबद्ध तरीके से कर सकता है.
यह जानना के कब वर्षा होने वाली है और कितनी, या कब सूखा आ सकता है या कब ओला वृष्टि हो सकती है महत्वपूर्ण है ताकि इसके आधार पे किसान अपनी फसलों की रक्षा के प्रबंध कर सके. यह मौसम एप्लीकेशन हमारे सभी किसान भाईओं को एकदम सटीक जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत और प्रतिबद्ध रहती है.
यह जानना के कब वर्षा होने वाली है और कितनी, या कब सूखा आ सकता है या कब ओला वृष्टि हो सकती है महत्वपूर्ण है ताकि इसके आधार पे किसान अपनी फसलों की रक्षा के प्रबंध कर सके. यह मौसम एप्लीकेशन हमारे सभी किसान भाईओं को एकदम सटीक जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत और प्रतिबद्ध रहती है.
2. परिवहन और यात्रा
पुराने समय से ही जब लोग पैदल भी चलते थे तब भी मौसम की जानकारी का अनुमान लगते थे. आज के आधुनिक युग में जब परिवहन के सांसधन जल, आकाश, सड़क और अब तो समुन्द्र के अंदर भी से चलते हैं तो मौसम जानना सबसे ज्यादा आवश्यक हो गया है.
सड़क मार्ग - चाहे सड़क मार्ग से माल ढुलाई का कार्य हो या फिर जनसामान्य सवाई का, सभी परिवहन निगम अपने मार्ग में आने वाले मौसम की जानकारी पहले से प्राप्त करते हैं. वर्षा की संभावना या ओला वृष्टि की, या बर्फ़बारी की या आंधी तूफ़ान का अनुमान परिवहन चलने वालो को बेहतर योजना बनाने की जानकारी देता है. खासतौर पे पहाड़ी या बर्फीले इलाको पे तो बिना मौसम के पूर्वानुमान के एक छोटी यात्रा का आयोजन भी नहीं किया जाता। यह मौसम एप्लीकेशन ऐसे सभी परिवहन करने वाले लोगों को सटीक जानकारी उपलब्ध करवाती है.
हवाई मार्गहवाई यात्रा के लिए तो मौसम, हवा का दबाव, वर्षा, अंधी तूफ़ान, बर्फ़बारी, ऊंचाई का टेम्प्रेचर यह सब जानना अति महत्व्यपूर्ण शर्तें हैं. सभी हवाई अड्डों पर एक Automated Weather Observing System (AWOS) लगा होता है जिसके द्वारा मौसम के सभी प्रकार के पूर्वानुमान और वर्तमान आकलन किये जाते हैं. वह इतना जरूरी है के बिना उसके एक भी फ्लाइट उड़ने की कल्पना भी नहीं की जा सकती.
Wind direction and velocity meter - हवा की दिशा और गति मापने वाला मीटर: यह उपकरण हवा की गति और दिशा को दिखाता है।
Weather Surveillance Radar - मौसम निगरानी रडार: यह रडार वर्षा, ओले या बर्फ जैसी वर्षण को ढूंढने और उसकी गंभीरता को दिखाने में मदद करता है।
घिरा हुआ मौसम विज्ञान बगीचा: इसमें सभी मौसम-मापने वाले उपकरण रखे जाते हैं।
मौसम को मापने का एक संक्षिप्त इतिहास:
जबसे मानव सभ्यता विकसित हुई है तभी से मनुष्य मौसम के बारे में जानने का प्रयास करता रहा है. बहुत पुरानी बात की जाये तो पुराने यूनान और भारत में 400--500 इसा पूर्व में वर्षा को मापने और दर्ज करने के लिए Rain gauges (वर्षा मापक यन्त्र) का भी जिक्र आता है जो कालांतर में व्याकानिको के द्वारा सन्न 1441 में standardized किया गया. इसको कोरिया में Cheugugi कहा गया है.
सन् 1593 में महान गैलेलिओ गलीली ने पानी में अलग अलग भार के glass bulbs डाल कर पहला थर्मामीटर बनाया, फिर उन्ही के शिष्य Evangelista Torricelli ने सन् 1644 में अनुसन्धान करके पहला बैरोमीटर बनाया जिसे के एटमोस्फियरिक प्रेशर नापना शुरू हुआ जो की मौसम के वर्तमान और पूर्वानुमान लगाने के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ.
मॉडर्न ज़माने में फिर अमेरिका के Utah Agricultural College में दुनिया का बीसवां मौसम स्टेशन स्थापित किया गया जहाँ अधिकतम और न्यूनतम तापमान और मौसम मापने की प्रक्रिया शुरू हुई.
और अब इक्कीसवें सदी में यूएसयू में एक सौर ऊर्जा संचालित पर्यावरणीय वेधशाला स्थापित की गई और यह वेधशाला सभी मानक मौसम स्थितियों, सौर विकिरण के पांच घटकों, हवा में कार्बन डाइऑक्साइड, और भूमिगत सात स्थितियों को मापती है और आपको एक रियल टाइम डाटा उपलब्ध करवाती है।
Source: https://www.maussam.com/
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