#संत आशाराम बापू
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आशाराम बापू की रिहाई नहीं होने पर संत करेंगे प्रधानमन्त्री आवास पर आत्मद...
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#मेरे_अज़ीज़_हिंदुओं_स्वयं_पढ़ो_अपने_ग्रंथ
#SantRampalJiMaharaj
#हे_मेरी_कौम_के_हिंदुओं
#हिन्दू_भाई_संभलो
#Hindu #Hinduism #ayodhya #rammandir #Hindiquotes #Sanatani #SanatanDharma #ramayana #BhagavadGita #trendingreels #virals
हिन्दू धर्म के गुरूओं द्वारा गीता अध्याय 18 श्लोक 66 के अर्थ व्रज शब्द का वास्तविक अर्थ जाना होता है। यह हमारे धर्मगुरूओं द्वारा हिन्दुओं के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया है ।
आशाराम बापू जी ने गीता जी का गल्त अनुवाद किया है -
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज ।
अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः ॥६६॥ मुझ सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा।
जबकि संत ��ामपाल जी महाराज ने समाज को सही गीता ज्ञान बताया है।
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पवित्र हिन्दू धर्म के गुरूओं द्वारा गीता अध्याय 18 श्लोक 66 के अर्थ व्रज शब्द का वास्तविक अर्थ जाना होता है। यह हमारे धर्मगुरूओं द्वारा हिन्दुओं के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया है ।
आशाराम बापू जी ने गीता जी का गल्त अनुवाद किया है -
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज ।
अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः ॥६६॥ मुझ सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा।
जबकि संत रामपाल जी महाराज ने समाज को सही गीता ज्ञान बताया है।
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पवित्र हिन्दू धर्म के गुरूओं द्वारा गीता अध्याय 18 श्लोक 66 के अर्थ व्रज शब्द का वास्तविक अर्थ जाना होता है। यह हमारे धर्मगुरूओं द्वारा हिन्दुओं के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया है ।
आशाराम बापू जी ने गीता जी का गल्त अनुवाद किया है -
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज ।
अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः ॥६६॥ मुझ सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा।
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पवित्र हिन्दू धर्म के गुरूओं द्वारा गीता अध्याय 18 श्लोक 66 के अर्थ व्रज शब्द का वास्तविक अर्थ जाना होता है। यह हमारे धर्मगुरूओं द्वारा हिन्दुओं के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया है ।
आशाराम बापू जी ने गीता जी का गल्त अनुवाद किया है -
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज ।
अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः ॥६६॥ मुझ सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा।
जबकि संत रामपाल जी महाराज ने समाज को सही गीता ज्ञान बताया है।
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#Mere_Aziz_Hinduon_Swayam Padho Apne Granth
संत रामपाल जी महाराज
पवित्र हिन्दू धर्म के गुरूओं द्वारा गीता अध्याय 18 श्लोक 66 के अर्थ में व्रज शब्द का अर्थ आना किया है जबकि व्रज शब्द का वास्तविक अर्थ जाना होता है। यह हमारे धर्मगुरूओं द्वारा हिन्दुओं के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया है जबकि संत रामपाल जी महाराज ने समाज को सही गीता ज्ञान बताया है।
आशाराम बापू
सभी धार्मिक प्रथाओं को त्याग दो और केवल मेरी शरण लो। मैं तुम्हें सभी पापों से मुक्त कर दूंगा; शोक मत करो। सभी धर्मों, अर्थात् सभी कर्तव्यों और कार्यों को त्याग कर मुझमें ही एकमात्र सर्वशक्तिमान परमेश्वर की शरण में आ जाओ। मैं तुम्हें सभी पापों से मुक्त कर दूंगा, तुम शोक मत करो।
Sant Rampal Ji Maharaj
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आशाराम बापू ने गीता जी के 18 वें अध्याय के 66 वें श्लोक में व्रज का अर्थ आना कर लोगों को मूर्ख बनाया है जबकि व्रज का अर्थ जाना होता है। संत रामपाल जी महाराज ने नकली गुरुओं का ये अज्ञान उजागर किया है।
हिंदुओं आंखें खोलो।
#प्राणिमात्र_के_हितैषी नही है आशाराम बापू...🙏🏻📚🚩
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#हिन्दू_भाई_संभलो
आशाराम बापू
सम्पूर्ण धर्मों को अर्थात् सम्पूर्ण कर्तव्यकर्मों को मुझमे त्यागकर तू केवल एक मुझ सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा। मै तुझे सम्पूर्ण पापो से मुक्त कर दूँगा, तू शोक मत कर
जबकि संत रामपाल जी महाराज ने समाज को सही गीता ज्ञान बताया है
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हिन्दु भाई अज्ञानता से जागों
आशाराम बापू
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज ।
अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः ॥६६॥
सम्पूर्ण धर्मो को अर्थात् सम्पूर्ण कर्तव्यकर्मों को मुझमें त्यागकर तू केवल एक मुझ सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा। मैं तुझे सम्पूर्ण पापों से मुक्त कर दूँगा, तू शोक मत कर। (६६)
V/s
संत रामपाल जी महाराज
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पवित्र हिन्दु धर्म के गुरूओं द्वारा गीता अध्याय 18 श्लोक 62 के अर्थ में व्रज शब्द का अर्थ आना किया है जबकि व्रज शब्द का वास्तविक अर्थ जाना होता है। यह हमारें धर्मगुरूओं द्वारा हिन्दुओं के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया है जबकि संत रामपाल जी महाराज ने समाज को सही गीता ज्ञान बताया है।
संस्कृत हिन्दी शब्दार्थकोश में प्रमाण
व्रज [भ्वा० प० अक० - व्रजति] 1. जाना। 2. चलना। 3. पधारना। 4. दर्शन करना। 5. विदा करना। 6. (समय का ) बीतना। अनु- 1. बाद में जाना। 2. अनुभव करना। 3. अभ्यास करना। 4. सम्पन्न करना। 5. सहारा लेना। आ-पहुँचना। उप सम्-
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#GodMorningSunday
#हिन्दू_भाई_संभलो
पवित्र हिन्दु धर्म के गुरूओं द्वारा गीता अध्याय 18 श्लोक 62 के अर्थ में व्रज शब्द का अर्थ आना किया है जबकि व्रज शब्द का वास्तविक अर्थ जाना होता हैजबकि संत रामपाल जी महाराज ने समाज को सही गीता ज्ञान बताया है।
आशाराम बापू
सम्पूर्ण धर्मों को अर्थात् सम्पूर्ण कर्तव्यकर्मों को मुझमें त्यागकर तू केवल एक मुझ सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा।
अवश्य पढ़ें आध्यात्मिक पुस्तक "जीने की राह"।
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#हिन्दू_भाई_संभलो
हिन्दु भाई अज्ञानता से जागों
श्रीमद् भगवद्गीता
संत रामपाल जी महाराज
पवित्र हिन्दु धर्म के गुरूओं द्वारा गीता अध्याय 18 श्लोक 66 के अर्थ में व्रज शब्द का अर्थ आना किया है जबकि व्रज शब्द का वास्तविक अर्थ जाना होता है। यह हमारे धर्मगुरूओं द्वारा हिन्दुओं के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया है जबकि संत रामपाल जी महाराज ने समाज को सही गीता ज्ञान बताया है।
आशाराम बापू
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज । अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः ॥६६॥ सम्पूर्ण धर्मों को अर्थात् सम्पूर्ण कर्तव्यकर्मों को मुझमें त्यागकर तू केवल एक मुझ सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा। मैं तुझे सम्पूर्ण पापों से मुक्त कर दूँगा, तू शोक मत कर। (६६)
संस्कृत हिन्दी शब्दार्थकोश में प्राण
Hindu Bhai Dhokhe Mein
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#GodMorningSunday
#हिन्दू_भाई_संभलो
पवित्र हिन्दु धर्म के गुरूओं द्वारा गीता अध्याय 18 श्लोक 62 के अर्थ में व्रज शब्द का अर्थ आना किया है जबकि व्रज शब्द का वास्तविक अर्थ जाना होता हैजबकि संत रामपाल जी महाराज ने समाज को सही गीता ज्ञान बताया है।
आशाराम बापू
सम्पूर्ण धर्मों को अर्थात् सम्पूर्ण कर्तव्यकर्मों को मुझमें त्यागकर तू केवल एक मुझ सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा।
अवश्य पढ़ें आध्यात्मिक पुस्तक "जीने की राह"।
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पवित्र हिन्दु धर्म के गुरूओं द्वारा गीता अध्याय 18 श्लोक 62 के अर्थ में व्रज शब्द का अर्थ आना किया है जबकि व्रज शब्द का वास्तविक अर्थ जाना होता हैजबकि संत रामपाल जी महाराज ने समाज को सही गीता ज्ञान बताया है।
आशाराम बापू
सम्पूर्ण धर्मों को अर्थात् सम्पूर्ण कर्तव्यकर्मों को मुझमें त्यागकर तू केवल एक मुझ सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा।
अवश्य पढ़ें आध्यात्मिक पुस्तक "जीने की राह"।
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पवित्र हिन्दु धर्म के गुरूओं द्वारा गीता अध्याय 18 श्लोक 62 के अर्थ में व्रज शब्द का अर्थ आना किया है जबकि व्रज शब्द का वास्तविक अर्थ जाना होता हैजबकि संत रामपाल जी महाराज ने समाज को सही गीता ज्ञान बताया है।
आशाराम बापू
सम्पूर्ण धर्मों को अर्थात् सम्पूर्ण कर्तव्यकर्मों को मुझमें त्यागकर तू केवल एक मुझ सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा।
अवश्य पढ़ें आध्यात्मिक पुस्तक "जीने की राह"।
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पवित्र हिन्दु धर्म के गुरूओं द्वारा गीता अध्याय 18 श्लोक 62 के अर्थ में व्रज शब्द का अर्थ आना किया है जबकि व्रज शब्द का वास्तविक अर्थ जाना होता है जबकि संत रामपाल जी महाराज ने समाज को सही गीता ज्ञान बताया है।
आशाराम बापू
सम्पूर्ण धर्मों को अर्थात् सम्पूर्ण कर्तव्यकर्मों को मुझमें त्यागकर तू केवल एक मुझ सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा।
अवश्य पढ़ें आध्यात्मिक पुस्तक "जीने की राह"।
#हिन्दू_भाई_संभलो
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🚩 सुब्रमण्यम #स्वामी का खुलासा : आशाराम बापू को किसने ने जेल भेजा है ? वे अभी तक क्यों जेल में है ? 18, मार्च 2023
🚩तत्कालीन #सरकार के समय हिंदू धर्म के बारे में बड़े बड़े कथाकार भी बोलने में हिच खिचाते थे,उस समय बापू आशारामजी हिंदू धर्म का खुलकर प्रचार करते थे,करोड़ों लोगों में हिंदू धर्म की लो जगाई लाखों लोगों की घर वापसी करवाई ,धर्मान्तरण कराने वाले #मिशनरियों की दुकानें बंद होने लगी,उस समय हवाई जहाज में यात्रा के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी की मुलाकात आशाराम बापू से हुई।
स्वामी ने कहा कि बापू आप #धर्मान्तरण के विरोध में जो कार्य कर रहे है,उससे वेटिकन सिटी आपसे नाराज है,आपको जेल भेजने का प्लान कर रही है, उस समय बापू आशारामजी बोले की मैं हिन्दू धर्म और संस्कृती की सेवा कर रहा हु, बाकी जो भगवान की मर्जी होगी, उसमे हम राजी है, बाद में आखिरकार यही हुआ, उनके ऊपर रेप के झूठे आरोप लगाकर , मिडिया ट्रायल करवाकर उनको जेल भिजवा दिया, आज वे संत 10 साल से जेल में है, 1 दिन भी रिहा नही किया गया, उस पर सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट के माध्यम से बताया कि
Asaram Bapu has suffered this bogus case because of three highly placed politicians: Two from Gujarat and one from Italy. ( तीन उच्च पदस्थ राजनेताओं के कारण आसाराम बापू को इस झूठे मामले का सामना करना पड़ा है: दो गुजरात से और एक इटली से।)
🚩इससे पहले भी ट्वीट करके बताया था की
मोदी और अमित शाह नही चाहते कि हिन्दू संत आशाराम बापू कभी बाहर आये।
🚩स्वामी ने न्याय पालिका पर सवाल उठाते हुए बताया कि आशाराम बापू का केस बोगस है, उनकी जमानत लगातार खारिज करना न्यायपालिका की 21वीं सदी की सबसे बड़ी चूक है।
🚩स्वामी पहले भी कई बार मीडिया में बता चुके है की मैंने आशाराम बापू का केस पढ़ा है, केस बोगस है, आरोप लगाने वाली लड़की कुटिया में गई ही नही है , मेडिकल रिपोर्ट में भी साफ लिखा है की लड़की को टच भी नही किया है और लड़की के कॉल डिटेल से साफ पता चलता है की जिस समय पर तथाकथित छेड़छाड़ का आरोप लगाया है उस समय तो लड़की अपने मित्र से बात कर रही थी और आशाराम बापू उस समय एक कार्यक्रम में व्यस्त थे उसके 50-60 गवाह भी है फिर भी उनको जेल में रखना अन्याय की पराकाष्ठा है।
🚩आशाराम बापू ने इन कार्यों को किया,इसलिए तो उनको जेल नही भेजा गया है ?
🚩1). लाखों धर्मांतरित ईसाईयों को पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर जीवनोपयोगी सामग्री दी, जिससे धर्मान्तरण करने वालों का धंधा चौपट हो गया।
🚩2). कत्लखाने में जाती हज़ारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया।
🚩3). शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया।
🚩4). विदेशी कंपनियों द्वारा देश को लूटने से बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथिक के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाया ।
🚩5). लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र देकर और योग व उच्च संस्कार का प्रशिक्षण देकर ओज��्वी- तेजस्वी बनाया ।
🚩6). लंदन, पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका और बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया।
🚩7). वैलेंटाइन डे की जगह “मातृ-पितृ पूजन दिवस” का प्रारम्भ करवाया।
🚩8). क्रिसमस डे के दिन प्लास्टिक के क्रिसमस ट्री को सजाने के बजाय, तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू करवाया।
🚩9). करोड़ों लोगों को अधर्म से धर्म की ओर मोड़ दिया ।
🚩10). नशा मुक्ति अभियान के द्वारा लाखों लोगों को व्यसन-मुक्त कराया।
🚩11). वैदिक शिक्षा पर आधारित अनेकों गुरुकुल खुलवाए ।
🚩12). मुश्किल हालातों में कांची कामकोठी पीठ के “शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वतीजी” बाबा रामदेव, मोरारी बापूजी, साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य संतों का साथ दिया ।
🚩13). योग,प्राणायाम ,ध्यान, भारतीय संस्कृति की शिक्षा के लिए 19000 बाल संस्कार केंद्र खोले।
🚩ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये है जो यहाँ विस्तार से नही बता पा रहे है।
🚩हिंदू संत आशाराम बापू पर जिस तरह से षड्यंत्र हुआ है और उनके जो समाज उत्थान के सेवाकार्य को देखते हुए और उनकी उम्र को ध्यान रखते हुए जनता की मांग है कि न्यायालय ओर सरकार उनको शीघ्र रिहा करें ।
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