#श्री केदारनाथ धाम
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सभी श्रद्धालुओं के लिए चार धाम के सभी मंदिरों के कपाट कुछ ही दिनों बाद खोले जाएंगे। श्री बद्रीनाथ धाम के मंदिर के पट 12 मई 2024 को सुबह 6 बजे खोले जाएंगे, अन्य 03 धाम के पट खुलने की तारीख आना बाकी हैं। यात्रा शुरू होने से पहले ही कई लोग भी ठगी करने के लिए तैयार हो जाते हैं। जो आपको हेलीकॉप्टर बुकिंग, होटल बुकिंग, चार धाम यात्रा पैकेज, मंदिर में पूजा दर्शन के नाम पर ठगने का प्रयास करेंगे।
आपको यात्रा, हेलीकॉप्टर टिकट ओर होटल बुक करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना है।
गुप्तकाशी, फाटा, सेरसी से केदारनाथ धाम के लिए हेलीकॉप्टर की बुकिंग आधिकारिक वेबसाइट के अलावा अन्य किसी भी वेबसाइट या कोई भी व्य��्ति टिकट को नहीं बुक कर सकता है। केदारनाथ धाम की हेली सेवा बुकिंग हेत�� आधिकारिक वेबसाइट- 🚁 https://heliyatra.irctc.co.in है।
यात्रा रजिस्ट्रेशन मार्च 2024 अंत में या अप्रैल में शुरू होगा, जो एकदम फ्री होता है। यात्रा रजिस्ट्रेशन हेतु आधिकारिक वेबसाइट- 📋 https://registrationandtouristcare.uk.gov.in है।
आप अपनी यात्रा को केवल रजिस्टर्ड ट्रैवल एजेंट के माध्यम से करें, रजिस्टर्ड ट्रैवल एजेंट की जानकारी आप उत्तराखंड पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उसकी जानकारी ले सकते हैं 🏞️ https://uttarakhandtourism.gov.in
केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम के दर्शन एवं पूजा बुकिंग की आधिकारिक वेबसाइट 🕉️ https://badrinath-kedarnath.gov.in है।
चार धाम यात्रा के लिए स्थानीय स्तर पर की जाने वाली होटल, धर्मशाला, आश्रम की बुकिंग इत्यादि भी सोच समझ कर करें। पूर्ण जानकारी लेने के बाद ही पैसों का लेन-देन करें।
रजिस्ट्रेशन से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए उत्तराखंड टूरिस्ट केयर के Toll Free नंबर पर बात कर सकते हैं। ☎️ 01364 3520100, 0135 3520100
दर्शन एवं पूजा बुकिंग से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के हेल्पलाइन नंबर पर बात कर सकते हैं। ☎️ 0135-2741600
आप जागरूक रहें, सावधानी बरतें और अपनी यात्रा को सुगम बनाएं।
धन्यवाद, टीम सागर टूर & ट्रेवल्स 🙏 ऋषिकेश 🙏
#uttarakhandheaven #UttarakhandPolice #uttarakhandtourismofficial #uttarakhand #chardhamyatra
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🔱 हर हर महादेव 🙏✨ श्री केदारनाथ धाम के दिव्य दर्शन – 30/12/2024
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सीईओ बीकेटीसी के निर्देश पर संस्कृत विद्यालय कमेड़ा के छात्र-छात्राओं ने किया श्री बदरीनाथ धाम के शीतकालीन पूजा स्थलों एवं औली का शैक्षिक भ्रमण
जोशीमठ/गोपेश्वर : श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति की पहल से श्री नन्दा देवी संस्कृत उत्तर मध्यमा विद्यालय कमेड़ा (नन्दप्रयाग) के छात्र- छात्राओं ने अध्यापकों के साथ श्री बदरीनाथ धाम के शीतकालीन पूजा स्थल श्री योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ सहित शीतकालीन स्कीइंग स्थल औली का शैक्षणिक भ्रमण आज रविवार को संपन्न हो गया है। छात्र- छात्राओं के साथ प्राधानाचार्य,शिक्षक, तथा…
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श्रीकेदारनाथ धाम की यात्रा संपन्न होने के बाद श्रीकेदारनाथ धाम सहित यात्रा मार्ग में चलाया साफ-सफाई अभियान
श्रीकेदारनाथ धाम की यात्रा संपन्न होने के बाद श्रीकेदारनाथ धाम सहित यात्रा मार्ग में चलाया साफ-सफाई अभियान Rudraprayag/Dehradun: श्रीकेदारनाथ धाम की यात्रा संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार जिलाधिकारी सौरभ गहरवार की निगरानी में केदारनाथ धाम सहित यात्रा मार्ग में साफ-सफाई अभियान चलाया जा रहा है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने अवगत कराया है कि…
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सनातनी मुकेश अंबानी ने बाबा 'केदार' के किए दर्शन, बाबा श्री बदरीनाथ- केदारनाथ धाम के लिए दान किए पांच करोड़ रुपये #MukeshAmbani #Kedarnath #BadrinathDham #Sanatani #JaiBabaKedar
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jamshedpur durga puja : केदारनाथ, बद्रीनाथ के बाद गंगोत्री धाम का दर्शन कर सकेंगे बागबेड़ा लाल बिल्डिंग में, लोगों के लिए बना आकर्षण का केंद्र
जमशेदपुर : जमशेदपुर के बागबेड़ा लाल बिल्डिंग स्थित श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमिटी की ओर से इस वर्ष चार धाम में से एक गंगोत्री धाम का प्रारूप बनाया जा रहा है. पूजा पंडाल सह मेले का उदघाटन पोटका विधायक संजीव सरदार द्वारा वैदिक मंत्रोचारण के साथ किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक संजीव सरदार ने इस पूजा को श्रेत्र का आदर्श पूजा बताते हुए आयोजन समिति को धन्यवाद दिया. साथ ही साथ…
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CM Dhami Visit Kedarnath : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किए बाबा केदारनाथ के दर्शन
देहरादून : CM Dhami Visit Kedarnath मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को बाबा केदारनाथ के दर्शनों को श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। मुख्यमंत्री ने बाबा केदारनाथ का रुद्राभिषेक एवं विशेष पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली एवं विश्व कल्याण की कामना की। इसके बाद उन्होंने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। Opposition Protest : INDIA ब्लॉक के सांसदों क�� विरोध प्रदर्शन; लगाया…
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart21 के आगे पढिए.....)
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart22
"शंकराचार्यों की शास्त्र विरुद्�� पूजा पर एक नजर" आदि शंकराचार्य के ज्ञान की अब एक झलक पुस्तक हिमालय तीर्थ की दिखाता हूँ :-
पवित्र पुस्तक "हिमालय तीर्थ" पर विवेचन करता हूँ फिर आगे लगी फोटोकॉपी वाला लेख आपको आसानी से समझ आएगा।
"अध्याय = उत्तराखंड के पंच केदार"
"श्री केदरानाथ" इस पुस्तक में श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी व अन्य देवी-देवताओं की भक्ति व स्थान बताए हैं। स्कंद पुराण का हवाला देकर बताया है कि स्कंद पुराण केदार खंड 41/5-6 में श्री शंकर भगवान जी ने माता पार्वती जी के प्रश्न का स्वयं उत्तर इस प्रकार दिया है कि हे प्राणेश्वरी! यह केदार क्षेत्र उतना ही प्राचीन है जितना मैं हूँ। मैंने इसी स्थान पर ब्रह्मा का रूप धारण करके सृष्टि की रचना की थी। यह स्थान मेरा चिरप्रिय आवास है। यह केदार खंड मेरा चिरनिवास होने के कारण भू-स्वर्ग (पृथ्वी का स्वर्ग) के समान है।
(स्कंद पुराण का प्रकरण समाप्त)
श्री केदार नाथ की अन्य विशेषता बताई है कि भगवान शंकर के बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से ग्यारहवां यहाँ पर है।
अन्य विशेषता बताई है कि "यह स्थान समुद्र तल से 11750 फुट (3500 मीटर) की ऊँचाई पर है। यह "ज्योतिर्लिंग" नर तथा नारायण ऋषियों द्वारा प्रतिष्ठित (स्थापित) है। इन दोनों ने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए बडी कठिन (घोर) तपस्या की। भगवान के प्रसन्न होने पर उनसे वर मांगा कि आप ज्योतिर्लिंग रूप में यहाँ स्थापित हों ताकि आप ज्योतिर्लिंग के दर्शन करके भक्तों पर महान उपकार हो सके। भगवान शंकर ने स्वीकार किया। उस दिन से इस केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा शुरू हुई।
"अनोखी घटना" पृष्ठ 19 पर :-
केदार का शाब्दिक अर्थ ऐसे स्थान से होता है जहाँ दलदल एवं अति मात्रा में जल हो। नर और नारायण ऋषियों के पश्चात् अन्य ऋषि-मुनियों व भक्तों द्वारा यह ज्योतिर्लिंग पूजित रहा है।
घटना : पाँच केदार कैसे बने? पांडव हिमालय में जिंदगी के अंतिम दिन व्यतीत करने गए हुए थे। एक दिन भीम ने देखा कि एक भैंस दूर घूम रही है। भीम ने सोचा कि भैंस दूध वाली लगती है। उसको पकड़ने के लिए चला तो देखते-देखते भैंस धरती में समाने लगी। भीम उसको रोकने के लिए दौड़ा, तब तक पृष्ठ भाग (पिछला भाग) ही बाहर था। आगे का हिस्सा मुख, सिर आदि जमीन में समा चुके थे। भैंस का पिछला भाग पत्थर बन गया। फिर शिव जी ने दर्शन दिए और पांडवों को आदेश दिया कि इस भैंस के पिछले भाग (गोबर द्वार व मूत्र द्वार) की पूजा करो जिससे तुम्हारी गोत्र हत्या, गुरू हत्या पाप को समाप्त करने के रूप में पूजा-अर्चना हो जाएगी।
ऐसा आदेश देकर शिव जी अंतर्ध्यान हो गए। महिष (भैंस) का जो पिछला भाग शिला (पत्थर) रूप बन गया था, वह पांडवों द्वारा पूजित हुआ व तब से आज तक पूजित है।
1. उस महिष (भैंस) का अग्र भाग यानि सिर नेपाल में जाकर प्रकट हुआ जो पशुपतिनाथ नाम से प्रसिद्ध हुआ।
2. बाहू (अगले पैर) तुंग नाथ में 3. मुख रूद्र नाथ में 4. नाभि महेश्वर में 5. जटा कल्पेश्वर में प्रकट हुए। चार भाग केदार क्षेत्र में प्रतिष्ठित हुए। पांचवा केदारनाथ सहित पंच केदार विख्यात हैं। पशुपतिनाथ नेपाल देश में है।
उपरोक्त पूजा का फल :-
यदि कोई शुद्ध मन से विचार कर ले कि मैं केदारनाथ जाऊँगा तो इतने संकल्प मात्र से ही उसके तीन सौ कुलों के पितृगण शिव लोक को प्राप्त कर लेते हैं। (यह पृष्ठ 21 पर लिखा है।) इसी पृष्ठ 21 पर लिखा है कि ज्योतिर्लिंग के पास केदार क्षेत्र में ही एक उदक कुण्ड स्थित है। उसके जल को पीने से घोर पापी भी मरणोपरान्त शिव लोक प्राप्त कर शिव स्वरूप हो जाता है।
विचार करो : शिव लोक में तो रहते ही भूत, पिशाच, भैरव आदि पतित जीव हैं। इसीलिए तो शिव जी को भूतनाथ भी कहा जाता है। पुराण में कथा है कि जिस समय शिव जी का विवाह पार्बती से होना था तो उसके साथ भूत, प्रेत, भैरव आदि सेना गई थी। देवता कोई नहीं साथ गया था। फिर उपरोक्त साधना, गीता व वेद शास्त्रों में न लिखी होने से शास्त्रविधि त्यागकर मनमाना आचरण हुआ। जिससे न सुख मिलता है, न सिद्धि, न गति यानि मोक्ष मिलता है अर्थात् जो व्यर्थ है।
पुस्तक हिमालय तीर्थ के पृष्ठ 36-38 पर लिखा है कि शंकर भगवान स्वयं बुद्ध अवतार धारण करके धरती पर जन्में। बौद्ध धर्म चलाया। मूर्ति पूजा का विरोध किया। बौद्ध धर्म के दो समुदायों हीनयान तथा महायान के पारंपरिक संघर्ष ने बदरिकाश्रम यानि बदरीनाथ को भी अपने कब्जे में ले लिया। पुजारी उस भगवान नारायण की मूर्ति को नारदकुण्ड में ��ालकर इस धाम से पलायन कर गए यानि भाग गए।
आगे लिखा है कि कालांतर म���ं यानि कुछ समय पश्चात् भगवान आशुतोष यानि भगवान शंकर जी कलयुग के तीन हजार वर्ष व्यतीत होने पर आदि श्री शंकराचार्य जी के रूप में उत्पन्न हुए। फिर उस मूर्ति को नारदकुण्ड से निकलवाकर पुनः बदरिकाश्रम में स्थापित किया। तब से फिर उस मूर्ति की पूजा प्रारंभ हुई है। यह भी लिखा है कि भगवान शंकर भी इसी स्थान पर ब्रह्म हत्या से मुक्त हुए। भगवान राम तथा देवराज इंद्र को भी ब्रह्म हत्या से मुक्त होने के लिए बदरिकाश्रम धाम का सेवन (पूजन) करना पड़ा।
फिर कुछ और पूजा, परिक्रमा करना लिखा है। उसी बद्रीनाथ के आसपास के स्थान हैं। इन सब क्रियाओं से यानि उपरोक्त पूजा से विष्णु लोक प्राप्त होता है।
विचार करो :- विष्णु जी सतगुण युक्त देवता हैं। श्री शिव जी तमगुण युक्त देवता हैं। इनके लोकों में साधक चला गया तो क्या मुक्ति हो गई?
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
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भारी सुरक्षा के बीच ब्लैक गॉगल पहनकर योगी आदित्यनाथ पहुंचे बाबा केदारनाथ देखिए वीडियो
केदारनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ श्री केदारनाथ धाम पहुँच गए हैं। उनके साथ मुख्य सचिव उत्तर प्र��ेश दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव ग्रह/ सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद भी केदारनाथ पहुचें । https://www.lokjantoday.com/wp-content/uploads/2023/10/VID-20231008-WA0007.mp4 केदारनाथ हैली पैड पर उनका स्वागत बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजय अजयेंद्र, जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग…
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केदारनाथ मामले में सरकार खुद भ्रमित, सिटिंग हाइकोर्ट जज की निगरानी में हो जांच - गोगी
देहरादून,22 जून केदारनाथ मामले में सरकार खुद भ्रमित है ,करोडों हिंदुओं की आस्था के केंद्र श्री केदारनाथ धाम में गर्भगृह की दीवारों को स्वर्णमंडित करने के स्थान पर पीतल लगाने के आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज भाजपा सरकार का पुतला फूंका। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए सरकार का पुतला फूंका। गोगी ने कहा कि भाजपा…
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केदारनाथ आपदा के 10 वर्ष पूरे होने पर धाम पहुंचे सीएम धामी, बाबा से की देश - प्रदेश के खुशहाली की कामना
रूद्रप्रयाग: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ आपदा के 10 वर्ष पूरे होने पर श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। मुख्यमंत्री ने बाबा केदारनाथ के दर्शन कर देश व प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर केदारनाथ की त्रासदी में हताहत हुए लोगों की शांति एवं उनकी मुक्ति के लिए हवन कर प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित भगवान ईशानेश्वर के दर्शन कर पूजा अर्चना भी…
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Bollywood Update: अक्षय कुमार ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए
रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड)। बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने मंगलवार को केदारनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि कुमार अपने पारिवारिक मित्र सुमित अदालका के साथ हेलीकॉप्टर से सुबह केदारनाथ पहुंचे और उन्होंने एक आम श्रद्धालु की तरह भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। फिल्म अभिनेता हैलीपेड से बिना जूते पहने नंगे पांव चलकर मंदिर तक पहुंचे जहां उन्होंने भोले बाबा के दर्शन के किए और पूजा में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मंदिर समिति की ओर से सिंह ने उन्हें बाबा केदारनाथ का प्रसाद, भस्म तथा रूद्राक्ष माला भेंट की।दर्शन के बाद अभिनेता ने कहा कि केदारनाथ धाम में भगवान शिव के दर्शन करके वह बहुत अभिभूत हैं। उन्होंने मंदिर परिसर में मौजूद तीर्थयात्रियों का अभिवादन भी किया।उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में 11750 फुट की उंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम की यात्रा में इन दिनों बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। पच्चीस अप्रैल को मंदिर के कपाट खुलने के बाद से शुक्रवार तक ��ार लाख 52 हजार 84 श्रद्धालु भगवान केदार के दर्शन कर चुके हैं। Read the full article
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केदारनाथ धाम दर्शन सम्बंधित प्रोपेगंडा का खंडन, फैलाई जा रही अफवाहें
चारधाम यात्रा में विधिवत पूजा अर्चना के पश्चात श्री बाबा केदार के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शन हेतु खुल चुके है। चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं पुलिस एवं प्रशासन द्वारा सम्पूर्ण व्यवस्था की गयी है। कुछ लोगों द्वारा चारधाम यात्रा में व्यवधान उत्पन्न करने हेतु प्रोपगण्डा के तहत अफवाहें फैलाई जा रही है। कृपया यात्रा संबंधी व्यवस्थाओं को जारी रखने में हमारी सहायता करें। इन अफवाहों से प्रदेश…
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बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी ने तीर्थयात्रियों से श्री बदरीनाथ – केदारनाथ धाम की शीतकालीन पूजाओं में शामिल होने का किया आह्वान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 8 दिसंबर को पंचकेदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से चार धाम शीतकालीन यात्रा शुभारंभ के बाद शीतकालीन यात्रा हेतु उत्साह पांडुकेश्वर/जोशीमठ/ उखीमठ : श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी )ने तीर्थयात्रियों से श्री बदरीनाथ धाम तथा श्री केदारनाथ धाम की शीतकालीन पूजाओं में शामिल होने का आव्हान किया है। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद…
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श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट आज इस समय होंगे शीतकाल हेतु बंद
श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट आज इस समय होंगे शीतकाल हेतु बंद चमोली/देहरादून: श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया कि शीतकाल हेतु भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद होने की प्रक्रिया में रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री भेष धारणकर माता लक्ष्मी को श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भ-गृह में विराजमान करेंगे इससे कुछ ही समय पूर्व श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी उत्सव विग्रह मंदिर परिसर में लाए…
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बाबा श्री केदारनाथ के जयघोष और मंत्रोच्चार के साथ विधिविधान से खुले केदारनाथ धाम के कपाट
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