#विश्राम
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बाइबल के उत्पत्ति 2:1-3 के अनुसार परमात्मा ने सारी सृष्टि की रचना 6 दिन में की और सातवें दिन विश्राम किया।
वह परमात्मा कौन है?🤔बाइबल ग्रंथ क्या कहता है? क्रिस्मस के बारे में
#WhatDoesBibleSayForChristmas
जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक *ज्ञान गंगा *
Gyan Ganga
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आओ ���ानें भगवान (अल्लाह) को
क़ुरआन मजीद, सूरत फ़ुरकानि 25 आयत 59 में लिखा है कि जिस अल्लाह ने 6 दिन में सर्व सृष्टि की रचना कर सातवें दिन विश्राम किया,
#आओ_जानें_भगवान_को
Sant Rampal Ji Maharaj
#आओ जानें भगवा लिखा है कि जिस अल्लाह ने 6 दिन में सर्व सृष्टि की रचना कर सातवें दिन विश्राम किया#आओ_जानें_भगवान_कोSant Rampal Ji Maharaj
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#santrampaljimaharaj#सत भक्ति संदेश#ईसाई_नहीं_समझे_HolyBibleसाकारउत्पति नामा#पृष्ठ से परमेश्वर में छाडिन में सुष्टि स्त्री तथा सातवें दिन विश्राम किया#प्रभु ने पाँच दिन तक
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#WhatDoesBibleSayForChristmas
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बाइबल के उत्पत्ति 1:26 - 2:3 के अनुसार परमात्मा ने सारी सृष्टि की रचना 6 दिन में की और सातवें दिन विश्राम किया।
वह परमात्मा कौन है?
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#christmaslights

#santrampaljimaharaj#kabirisgod#spirtuality#santrampalji is trueguru#vedic astrology#अनसुना_पाँचवाँ_वेद#bhakti#life
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Felizes os que dão risada das suas tolices, pois deles é a fonte do relaxamento.
✍️Augusto Cury
Happy are those who laugh at their foolishness, for it is the source of relaxation.
Felices aquellos que se ríen de su necedad porque es fuente de relajación.
سعداء هم الذين يتوردون من حماقتهم لأنها استرخاء
खुश होकर, वू अपनी मूर्खता पर हंसते हैं क्योंकि यह विश्राम विश्राम का स्रोत है
#claudia mateus#didiribeiro#marcus cruzes#alternative rock#aikolis#lacarolita#leusaposts#asikan#ayanhan07 world#aram22#pa ola 123#lijanaa
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#आओ_जानें_भगवान_को
Sant Rampal Ji Maharaj
♠️आओ जानें भगवान को
बाइबल उत्पत्ति ग्रंथ 1:20 - 1:30 स्पष्ट करता है कि परमेश्वर ने 6 दिन में सृष्टि को उत्पन्न किया और सातवें दिन अपने काम से विश्राम लिया।
सबको उत्पन्न करने वाला परमात्मा कौन है?

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जानबूझकर विश्वास
आज के आध्यात्मिक अनुशासन 1. जैसे ही दिन शुरू होता है – भजन संहिता 91:1-2 सुबह की शांति में, हमें याद दिलाया जाता है कि जो लोग परमप्रधान की शरण में रहते हैं, वे उसकी छाया में विश्राम पाएंगे। जैसे ही हम दिन में कदम रखते हैं, हम इस विश्वास के साथ ऐसा करते हैं कि परमेश्वर हमारा शरणस्थान और किला है। चाहे हम किसी भी परिस्थिति का सामना क्यों न करें, हम उसकी उपस्थिति में सुरक्षित रूप से पकड़े जाते…
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#GodMorningThursday
क़ुरआन मजीद, सूरत फ़ुरकानि 25 आयत 59 में लिखा है कि जिस अल्लाह ने 6 दिन में सर्व सृष्टि की रचना कर सातवें दिन विश्राम किया, उसकी ख़बर किसी बाख़बर से पूछो।
तो सृष्टि की रचना करने वाला अल्लाह कौन है?
जानने के लिए पढ़िये "मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरआन"।
#santrampaljiquotes#santrampalji is trueguru#santrampaljimaharaj#across the spiderverse#succession#satlokashram#supreme god kabir
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हनुमानजी, जो भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त और वीर योद्धा हैं, का नाम सुनते ही हमारी आत्मा में शक्ति और भक्ति का संचार होता है। उनका जीवन और उनके उपदेश हमें सिखाते हैं कि सच्ची भक्ति, सेवा, और साहस का क्या महत्व है। हनुमानजी के प्रेरणादायक विचार और कथन न केवल हमारे मन को सशक्त बनाते हैं, बल्कि हमारे जीवन को भी एक नई दिशा देते हैं। इस लेख में हम हनुमानजी के कुछ महत्वपूर्ण विचारों को विस्तार से समझेंगे, और जानेंगे कि कैसे उनके जीवन के उपदेशों से हम अपने जीवन में प्रेरणा पा सकते हैं। हनुमानजी के प्रेरणादायक कथन और उनके अर्थ "राम काज किन्हें बिना मोहि कहां विश्राम" हनुमानजी का यह प्रसिद्ध कथन उनकी भगवान श्रीराम के प्रति असीम भक्ति को दर्शाता है। इसका अर्थ है कि भगवान राम के कार्य को किए बिना उन्हें चैन नहीं मिलता। हनुमानजी की यह निष्ठा हमें सिखाती है कि जब हम किसी काम को सच्चे मन से करते हैं, तो हमारी पूरी आत्मा उस कार्य में लग जाती है। भगवान श्रीराम के कार्य को निष्ठा और सेवा के साथ करने का उनका समर्पण आज के समय में भी प्रेरणादायक है। "जो कोई तुम्हारी शरण में आता है, उसकी रक्षा मैं स्वयं करता हूँ।" हनुमानजी के इस कथन से उनकी करुणा, सुरक्षा का भाव, और सेवा का महत्व झलकता है। यह संदेश हमें सिखाता है कि जब हम ईश्वर की शरण में आते हैं, तब वे हमारे हर संकट को दूर करते हैं। हनुमानजी के इस विचार को अपनाकर हम सभी को ईश्वर पर विश्वास करना चाहिए, चाहे कैसी भी कठिनाई क्यों न हो। "मैं हूँ भक्तों का सेवक, मुझे उनकी सेवा से खुशी मिलती है।" हनुमानजी का यह कथन एक असाधारण भावना को दर्शाता है। वे अपने भक्तों की सेवा करने में अत्यंत संतुष्टि महसूस करते हैं। उनकी यह सेवा भावना हमें अपने जीवन में भी सेवा का महत्व सिखाती है। सेवा से आत्मिक सुख और शांति प्राप्�� होती है और इससे हमें असली खुशी मिलती है। "संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमिरे हनुमत बलबीरा" हनुमान चालीसा का यह लोकप्रिय दोहा हमें विश्वास और आत्मनिर्भरता की शक्ति का महत्व सिखाता है। हनुमानजी का नाम सभी भक्तों के संकट को समाप्त कर सकता है। जब हम उन्हें सच्चे मन से स्मरण करते हैं, तो वे हमारे जीवन में उपस्थित हर प्रकार की कठिनाई और संकट को दूर करने में सक्षम होते हैं। "सब पर राम तपस्वी राजा, तिन के काज सकल तुम साजा" इस कथन के माध्यम से हनुमानजी ने भगवान श्रीराम के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया है। उनका यह विचार हमें सिखाता है कि गुरु, मार्गदर्शक, या इष्ट के प्रति सम्मान और आस्था रखनी चाहिए। उनके आशीर्वाद से ही किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त होती है। "बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवनकुमार, बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार" यह हनुमान चालीसा का एक अंश है जिसमें हनुमानजी को बुद्धि, बल और विद्या के वरदान के लिए प्रार्थना की जाती है। यह हमें यह सिखाता है कि सच्चा ज्ञान, शक्ति और सद्गुण पाने के लिए हमें सच्चे मन से हनुमानजी का स्मरण करना चाहिए। हनुमानजी के विचारों का जीवन पर प्रभाव हनुमानजी का जीवन और उनके उपदेश हमारे जीवन में मार्गदर्शक के रूप में काम कर सकते हैं। उनके विचार और उपदेश हमें प्रेरणा और साहस देते हैं, साथ ही सेवा का महत्व भी समझाते हैं। यहां उनके कुछ मुख्य विचारों का विस्तार किया गया है जो हमारे जीवन को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं: भक्ति और समर्पण का महत्व: हनुमानजी ने भगवान श्रीराम के प्रति अपनी असीम भक्ति का प्रदर्शन किया और अपने प्रभु की सेवा में जीवन समर्पित कर दिया। उनकी भक्ति हमें यह सिखाती है कि जब हम सच्चे मन से अपने कार्य या अपने इष्ट के प्रति समर्पित होते हैं, तो कठिनाइयाँ स्वतः ही दूर हो जाती हैं। हर किसी के जीवन में निष्ठा और समर्पण के बिना संतोष प्राप्त करना कठिन है। साहस और आत्मविश्वास: हनुमानजी न केवल भगवान राम के सेवक थे बल्कि अद्वितीय वीरता के प्रतीक भी थे। उनकी निर्भीकता और अदम्य साहस ने उन्हें हर चुनौती का सामना करने में सक्षम बनाया। उनका यह गुण हमारे जीवन में भी साहस और आत्मविश्वास का संचार करता है। कठिन परिस्थितियों म��ं भी हमें अपने उद्देश्यों की ओर आत्मविश्वास के साथ बढ़ना चाहिए। सेवा भाव: हनुमानजी की सेवा का भाव उनके जीवन का सबसे अनमोल पहलू था। उनके जीवन से हम यह सिख सकते हैं कि सच्ची सेवा केवल दूसरों के प्रति समर्पण में है। समाज और जरूरतमंदों की सेवा करना हमारे जीवन का वास्तविक उद्देश्य हो सकता है और इससे हमे आंतरिक शांति और आत्मसंतोष मिलता है। विनम्रता और सरलता: हनुमानजी का यह गुण सबसे अद्वितीय है। उन्होंने कभी भी अपनी शक्तियों का अहंकार नहीं किया और सदैव विनम्र और सरल बने रहे। वे अपनी
अद्वितीय शक्तियों के बावजूद अपने प्रभु के प्रति निष्ठा और विनम्रता के साथ समर्पित र���े। यह हमें यह सिखाता है कि चाहे हमारे पास कितनी भी योग्यताएं क्यों न हों, हमें हमेशा विनम्र और संतुलित रहना चाहिए। धैर्य और दृढ़ता: जब हनुमानजी ने माता सीता को खोजने का संकल्प लिया, तब उनके सामने अनेकों बाधाएं आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने दृढ़ निश्चय और धैर्य के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। उनका यह गुण हमें यह सिखाता है कि धैर्य और दृढ़ता से ही सफलता मिलती है। हनुमानजी की शिक्षाओं से जीवन को संवारें हनुमानजी के जीवन से प्रेरणा लेकर हम अपने जीवन को भी खुशहाल और संतोषजनक बना सकते हैं। उनके विचारों और उपदेशों को अपने जीवन में उतारकर हम अपने आचरण में सुधार कर सकते हैं। यहां हनुमानजी की शिक्षाओं के कुछ प्रमुख पहलू दिए गए हैं जिनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए: सच्ची आस्था का पालन करें: हनुमानजी के जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि सच्ची आस्था से ही जीवन के सभी कार्य सफल होते हैं। हमें अपने इष्ट या जीवन में किसी भी लक्ष्य के प्रति सच्ची आस्था रखनी चाहिए। समर्पण से सेवा करें: हनुमानजी का सेवा भाव हमारे लिए एक प्रेरणास्त्रोत है। हमें भी अपने जीवन में दूसरों की सेवा का भाव रखना चाहिए। यह सेवा का भाव हमें आत्मिक सुख प्रदान करेगा। संकटों का डटकर सामना करें: हनुमानजी ने अपने साहस और आत्मविश्वास से सभी संकटों का सामना किया। हमें भी जीवन में आने वाली हर चुनौती का सामना आत्मविश्वास के साथ करना चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए। FAQs: हनुमानजी के बारे में सामान्य प्रश्न हनुमानजी को 'बजरंगबली' क्यों कहा जाता है? हनुमानजी को बजरंगबली इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनका शरीर वज्र के समान मजबूत और शक्तिशाली है। 'बजरंग' शब्द का अर्थ होता है वज्र के समान शक्ति वाला और 'बली' का अर्थ होता है बलशाली। हनुमान चालीसा का नियमित पाठ क्यों किया जाता है? हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के दुख और संकट दूर होते हैं। यह मानसिक शांति और आत्मबल को बढ़ाता है। हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से भक्तों को साहस, आत्मविश्वास, और शांति मिलती है। हनुमानजी की पूजा का शुभ समय कौन सा है? हनुमानजी की पूजा का सबसे शुभ समय मंगलवार और शनिवार माना जाता है। इन दिनों भक्त विशेष पूजा, हनुमान चालीसा का पाठ और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। हनुमानजी किसके आराध्य देव हैं? हनुमानजी को विशेष रूप से उन लोगों के आराध्य देव माना जाता है जो शक्ति, साहस और ज्ञान की प्राप्ति के लिए उन्हें पूजते हैं। वे संकटमोचक देवता माने जाते हैं जो अपने भक्तों की हर विपत्ति को दूर करते हैं। हनुमानजी के विचार और उपदेश हमारे जीवन को एक नई दिशा और सकारात्मक ऊर्जा देते हैं। उनके उपदेशों को अपने जीवन में उतारकर हम आत्मिक शांति, सफलता, और संतोष प्राप्त कर सकते हैं।
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#आओ_जानें_भगवान_को
क़ुरआन मजीद, सूरत फ़ुरकानि 25 आयत 59 में लिखा है कि जिस अल्लाह ने 6 दिन में सर्व सृष्टि की रचना कर सातवें दिन विश्राम किया, उसकी ख़बर किसी बाख़बर से पूछो।
तो सृष्टि की रचना करने वाला अल्लाह कौन है?
जानने के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App में पढ़िये ई-बुक "मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरआन"
Sant Rampal Ji Maharaj
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#SantRampalJiMaharaj
#noidagbnup16
बाइबल के उत्पत्ति 2:1-3 के अनुसार परमात्मा ने सारी सृष्टि की रचना 6 दिन में की और सातवें दिन विश्राम किया।
वह परमात्मा कौन है?

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बाइबल के उत्पत्ति 2:1-3 के अनुसार परमात्मा ने सारी सृष्टि की रचना 6 दिन में की और सातवें दिन विश्राम किया।
वह परमात्मा कौन है?
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