बीजेपी ने बनाया गुजरात रिकॉर्ड, हिमाचल में कांग्रेस की बढ़त: 10 तथ्य
बीजेपी ने बनाया गुजरात रिकॉर्ड, हिमाचल में कांग्रेस की बढ़त: 10 तथ्य
चुनाव परिणाम: गुजरात बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है
नई दिल्ली:
गुजरात में बीजेपी ने अब तक के सबसे अच्छे नतीजे हासिल किए, आम आदमी पार्टी (आप) ने कांग्रेस के वोट काट लिए, क्योंकि आज दो राज्यों में वोटों की गिनती हुई। हिमाचल प्रदेश में शुरुआती रुझानों में बीजेपी से कांटे की टक्कर के बाद कांग्रेस आगे चल रही है
यहां गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव परिणामों पर 10 बड़े अपडेट दिए गए…
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गुजरात चुनाव परिणाम 2022 लाइव अपडेट: क्या आप या कांग्रेस मोदी के गृह क्षेत्र में भाजपा को पछाड़ देगी? हाई-स्टेक पोल में वोटों की गिनती आज
गुजरात चुनाव परिणाम 2022 लाइव अपडेट: क्या आप या कांग्रेस मोदी के गृह क्षेत्र में भाजपा को पछाड़ देगी? हाई-स्टेक पोल में वोटों की गिनती आज
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href=”https://www.news18.com/news/elections/gujarat-election-result-2022-live-streaming-when-and-how-to-watch-live-online-telecast-the-counting-of -votes-know-latest-details-6565117.html”>गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 होने के लिए तैयार है, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), इसकी सबसे पुरानी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस और नई-नई आम आदमी पार्टी (आप) ) शीर्ष पार्टियां मैदान में हैं।
गुजरात विधानसभा…
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कमलनाथ के गढ़ में शिवराज का कब्जा,काम आया भाजपा का आदिवासी कार्ड चिंता में कांग्रेस
कमलनाथ के गढ़ में शिवराज का कब्जा,काम आया भाजपा का आदिवासी कार्ड चिंता में कांग्रेस
कमलनाथ के गढ़ में सफल शिवराज..?,73% नगर पालिका, नगर परिषदों में BJP का कब्जा।
आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्रों में मोदी-शाह और शिवराज का जादू चल रहा है यह कहना गलत नहीं होगा। क्योंकि बीते शुक्रवार आए 46 निकाय चुनावों के परिणाम में मिली भाजपा की जीत इस ओर साफ इशारा कर रही है। कि कमलनाथ के गढ़ में शिवराज सेंध लगाने में कितने सफल हुए। कुछ राजनीतिक पंडित आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए, इन नगरीय चुनावों…
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Ganaur Assembly Election
Ganur Candidates List
Devender kaushik — BJP
Kuldeep Sharma — INC
Nar Singh — INLD/BSP
Anil Tyagi — JJP/ASP
हरियाणा में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है. आज हम आपको गनौर विधानसभा सीट (Ganaur assembly constituency) के बारे में बताने जा रहे हैं. गनौर सीट सोनीपत जिले में है. ये सीट हमेशा कांग्रेस के कब्जे में रही, साल 2019 के विधानसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी की निर्मल चौधरी यहां से जीतीं. उन्होंने कांग्रेस के कुलदीप शर्मा को 10280 वोटों की मार्जिन से हराया था. इस बार भाजपा ने देवेन्द्र कौशिक को उतारा है. वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर से भरोसा जताते हुए कुलदीप शर्मा को टिकट दिया है. जेजेपी ने अनिल त्यागी को टिकट दिया है. आम आदमी पार्टी ने सरोज बाला राठी पर दांव लगाया है. बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे देवेंद्र कादियान लड़ाई को त्रिकोणीय बन रहे हैं. इस बार गनौर सीट का परिणाम (Ganaur assembly constituency result) किस पार्टी के पक्ष में होगा यह अब जनता को तय करना है.
गनौर: राजनीतिक इतिहास
हरियाणा की गनौर सीट पर साल 2009 में पहली बार चुनाव हुआ था. अभी तक यहां पर तीन बार चुनाव हुआ है. बता दें कांग्रेस ने इस सीट पर दो बार कब्जा किया है. साल 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कुलदीप शर्मा ने जीत हासिल किया था. बता दें कुलदीप शर्मा ने 2009 और 2014 के चुनाव में जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने इस सीट पर 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी.
2019 गनौर विधानसभा चुनाव परिणाम (Ganaur Assembly Election Results 2019)
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के निर्मल रानी ने जीत हासिल किया था. उन्हें 57,830 वोट मिले थे.उनका वोट शेयर 48.33% था. वहीं दूसरे नबंर पर कांग्रेस के कुलदीप शर्मा थे. उन्हें 47550 वोट मिले थे.उनका वोट शेयर 39.74% था. वहीं तीसरे नबंर पर जेजेपी के रणधीर सिंह मलिक थे.उन्हें 6518 वोट मिले थे. उनका वोट शेयर 5.45% था.
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हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 1561 प्रत्याशियों ने किया नामांकन
चण्डीगढ़ – हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि 5 अक्तूबर को हरियाणा विधानसभा की सभी 90 सीटों पर होने वाले आम चुनाव के लिए 1561 प्रत्याशियों ने 1747 नामांकन पत्र भरे, जिनकी समीक्षा की गई है। सोमवार 16 सितम्बर तक नामांकन वापिस लिए जा सकते है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में मतदान 5 अक्टूबर तथा मतगणना 8 अक्टूबर, 2024 को होगी और चुनाव परिणाम भी उसी दिन घोषित कर दिए…
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Congress-National Conference ka Gathabandhan Turutikaran ki Raajaneeti ka Parinaam: Nityanand Rai
पटना। बिहार की राजधानी पटना में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच हुए गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। नित्यानंद राय ने साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन तुष्टिकरण की राजनीति का परिणाम है और यह देश के लिए खतरनाक है। उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि कांग्रेस और फारूक अब्दुल्ला का गठबंधन नहीं चलेगा। इस देश में दो निशान और दो प्रधान नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला देश की अखंडता के लिए किया गया है और यह फैसला वापस नहीं लिया जाएगा।
Read More: https://www.deshbandhu.co.in/states/congress-national-conference-alliance-is-the-result-of-appeasement-politics-nityanand-rai-490570-1
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29 साल बाद भी कांग्रेस को जीत का इंतजार, JMM पर सीट बदलने का दबाव, BJP भी पुनर्वापसी की तैयारी में
गुमलाः गुमला विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अंतिम बार 1985 में जीत हासिल की। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में अलायंस के तहत कांग्रेस ने यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए छोड़ दी। लेकिन जिस तरह से लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव में लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत को बड़ी जीत मिली, उसके बाद गुमला और बिशुनपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस की ओर से दावेदारी की जा रही है। कांग्रेस की ओर से जेएमएम पर इन दोनों सीटों की अदला-बदली करने का दबाव बनाया जा रहा है।
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस को बढ़त
लोकसभा चुनाव में लोहरदगा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विजय सुखदेव भगत को बड़ी जीत मिली। कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में इस तरह का लहर देखने को मिला कि गुमला विधानसभा क्षेत्र में भी बीजेपी प्रत्याशी को हार मिली। वर्ष 2019 के गुमला विधानसभा सीट से जेएमएम के भूषण तिर्की ने जीत हासिल की थी। वहीं लोकसभा चुनाव 2024 में भी जेएमएम-कांग्रेस के साझा प्रत्याशी को बढ़त मिली।
प्रत्याशी का नाम
पार्टी
प्राप्त मत
सुखदेव भगत
कांग्रेस
81242
समीर उरांव
भाजपा
61799
चमरा लिंडा
निर्दलीय
2791
जेएमएम ने बीजेपी को मात देने में सफलता हासिल की
वर्ष 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कमलेश उरांव और शिवशंकर उरांव ने जीत हासिल की, लेकिन वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम ने गुमला में बीजेपी को मात देने में सफलता हासिल की और भूषण तिर्की विधायक निर्वाचित हुए। भूषण तिर्की इससे पहले भी वर्ष 2005 में जेएमएम टिकट पर गुमला से निर्वाचित हो चुके हैं।
गुमला विधानसभा चुनाव परिणाम 2019
प्रत्याशी का नाम
पार्टी
प्राप्त मत
भूषण तिर्की
जेएमएम
67130
मिशिर कुजूर
भाजपा
59537
गुमला विधानसभा चुनाव परिणाम 2014
प्रत्याशी का नाम
पार्टी
प्राप्त मत
शिवशंकर उरांव
भाजपा
50473
भूषण तिर्की
जेएमएम
6441
गुमला विधानसभा चुनाव परिणाम 2009
प्रत्याशी का नाम
पार्टी
प्राप्त मत
कमलेश उरांव
बीजेपी
39055
भूषण तिर्की
जेएमएम
27468
1995 के बाद से बीजेपी-जेएमएम के बीच हो रही टक्कर
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित गुमला विधानसभा सीट 1951 में अस्तित्व में आई। तब से लेकर अब तक क्षेत्र में 16 विधायक चुने गए हैं। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम के भूषण तिर्की ने बीजेपी के शिवशंकर उरांव को पराजित कर इस सीट पर कब्जा किया। 1995 के बाद इस सीट पर जेएमएम और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला होता रहा है। गुमला सीट दो बार जनसंघ और तीन बार बीजेपी ने जीत हासिल की। जबकि तीन-तीन बार कांग्रेस और जेएमएम को भी जीत मिली।
गुमला विधानसभा सीट से 1951 से अब तक के विधायक
वर्ष
विजेता
पार्टी
1951
सुकरू उरांव
जेएचपी
1957
सुकरू उरांव
जेएचपी
1962
पुनई उरांव
जेपी
1967
रोपना उरांव
जनसंघ
1969
रोपना उरांव
जनसंघ
1972
बैरागी उरांव
कांग्रेस
1977
जयराम उरांव
निर्दलीय
1980
बैरागी उरांव
कांग्रेस
1985
बैरागी उरांव
कांग्रेस
1990
जीतवाहन बड़ाईक
भाजपा
2000
सुदर्शन भगत
भाजपा
2005
भूषण तिर्की
जेएमएम
2009
कमलेश उरांव
भाजपा
2014
शिवशंकर उरांव
भाजपा
2019
भूषण तिर्की
जेएमएम
गुमला विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
गुमला अभी तक रेल लाइन से नहीं जुड़ा है। गुमला को रेल लाइन से जोड़ने की मांग काफी पुरानी है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र के कई इलाकों में अब भी पानी की सप्लाई होती है, हालांकि वर्षाें पहले पाइप बिछाया गया है, परंतु पानी की आपूर्ति शुरू नहीं होने से नाराजगी है। इसके अलावा बिजली भी गुमला विधानसभा क्षेत्र में बिजली की बड़ी समस्या है। पावर हाउस से कम क्षमता का ट्रांसफार्मर होने की वजह से गुमला को पर्यापत बिजली नहीं मिलती है। इसके अलावा गुमला के कार्तिक उरांव कॉलेज में शिक्षक और संसाधन का अभाव है। लोहरदगा, सिमडेगा और गुमला जिले को मिलाकर गुमला में विश्वविद्यालय बनाने की मांग भी लगातार उठती रही है। http://dlvr.it/TCgvMH
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दोस्तों नमस्कार, हरियाणा में विधानसभा के चुनाव का ऐलान हो गया है। 1 अक्टूबर को हरियाणा में विधानसभा का चुनाव एक चरण ने पूरा होगा और 4 अक्टूबर को किसका परिणाम आएगा। 5 से 6 बजे तक यह तय हो जाएगा कि हरियाणा में अबकी बार किसकी सरकार बनेगी। चुनाव का ऐलान होते ही आज हमारे संवाददाता ने हरियाणा की जनता से उनकी राय जानने की कोशिश की। इस वीडियो में हम आपको दिखा रहे हैं कि हरियाणा के चुनाव को लेकर हरियाणा की जनता क्या सोचती है। हरियाणा में हुआ चुनाव का ऐलान... क्या बोली हरियाणा की आम जनता. Haryana E...
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मंगलौर उपचुनाव के नतीजे: भाजपा की रणनीति और मुस्लिम वोट बैंक का महत्व
साभार गूगल
हाल ही में संपन्न १३ विधानसभा चुनावों के परिणाम ने विश्व की सबसे बड़ी पार्टी कही जाने वाली भाजपा के समर्थकों और संपूर्ण दुनिया में बसे हिंदू/भारत हितैषियों को चिंतन करने पर विवश कर दिया है। इन चुनावों में कांग्रेस समर्थित ईकोसिस्टम ने यह प्रचारित किया कि राहुल गांधी की रणनीति ने उत्तराखंड में भाजपा को मात दी है। हालांकि, राहुल गांधी की राजनीतिक बौद्धिकता को पालिका स्तर के चुनाव…
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उत्तराखंड में दोनों विधानसभा उपचुनाव के परिणामों के बाद कांग्रेस को क्यों याद आये राम और महादेव ?
डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 13 जुलाई 2024। उत्तराखंड की दो सीटों पर हुए उप चुनाव के चुनाव परिणाम आ गये हैं और दोनों सीटों पर सत्तारूढ़ भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा है। हालांकि यह भी सच्चाई है कि भाजपा इन दोनों सीटों पर पिछला चुनाव भी नहीं जीती थी। यानी उसकी सीटों की संख्या में कोई कमी नहीं आयी है।
लेकिन हार इसलिये भी बड़ी है कि उत्तराखंड में अभी हाल ही में हुए लोक सभा चुनाव में भाजपा…
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आज 6 राज्यों में मतदान परिणाम, तेलंगाना, बिहार में बड़ी लड़ाई: 10 तथ्य
आज 6 राज्यों में मतदान परिणाम, तेलंगाना, बिहार में बड़ी लड़ाई: 10 तथ्य
मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होती है और आमतौर पर दोपहर तक परिणाम आने की उम्मीद है। (प्रतिनिधित्व के लिए छवि)
नई दिल्ली:
छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों के चुनाव के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे. प्रतिष्ठा की लड़ाई बिहार और तेलंगाना में लड़ी जा रही है और हरियाणा में पारिवारिक विरासत दांव पर है।
यहां 10 बिंदु दिए गए हैं जो बताते हैं कि इन चुनावों का क्या मतलब है:
पहले कुछ राउंड की मतगणना के बाद, भाजपा…
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Jamshedpur bjp : संगठनात्मक बैठक से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी जमशेदपुर भाजपा, जमशेदपुर महानगर के विभिन्न मंडलों में बैठकों का दौर हुआ शुरू, जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने ली कार्यकर्ताओं की बैठक
जमशेदपुर : लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. जमशेदपुर लोकसभा सीट पर बिद्युत बरण महतो के ऐतिहासिक तीन बार जीत दर्ज करने के बाद जमशेदपुर महानगर अंतर्गत विभिन्न मंडलों में भारतीय जनता पार्टी संगठनात्मक बैठक के जरिये कार्यकर्ताओं को एकजुट करने एवं संगठन मजबूती पर चर्चा कर रही है. इसी कड़ी, में जमशेदपुर महानगर के विभिन्न मंडलों में मैराथन बैठक का दौर…
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लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लगाई जीत की हेट्रिक
लोकसभा चुनाव-2024 : हाडौती संभाग में खिला कमल, कोटा-बूंदी व झालावाड-बारां दोनों सीटों पर भाजपा का वर्चस्व
न्यूजवेव @कोटा
राजस्थान में कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लगातार तीसरी जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल को 41,974 मतों से हराया। दो जिलों की आठ विधानसभा क्षेत्रों वाली इस सीट पर कुल 15 लाख 959 मतदाताओं में से बिरला को 7,50,496 मत ( 50.00 %) प्राप्त हुये जबकि गुंजल को 7,08,522 (47.20 %) मत प्राप्त हुये। कुल 10,261 ने नोटा पर वोट दिया। इसमें 14,87,901 ( 71.26 %) ने 26 अप्रैल को ईवीएम पर मतदान किया था जबकि 13058 डाक मतपत्र रहे। इस चुनाव में कुल 15 प्रत्याशी मैदान में रहे।
कोटा-बूंदी संसदीय सीट की आठ में से पांच विधानसभा सीटों कोटा दक्षिण, रामगंजमंडी, सांगोद, लाडपुरा, बूंदी पर भाजपा प्रत्याशी बिरला को एवं तीन क्षेत्रों कोटा उत्तर, पीपल्दा व केशवराय पाटन में कांग्रेस प्रत्याशी गुंजल को बढत मिली है। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ.रविन्द्र गोस्वामी ने मंगलवार शाम विजयी प्रत्याशी ओम बिरला को जीत का निर्वाचन पत्र सौंपा। उनके साथ शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी मौजूद रहे। याद दिला दें कि वरिष्ठ भाजपा नेता ओम बिरला 2014 से पहले तीन बार राजस्थान विधानसभा में कोटा से विधायक रह चुके हैं। वर्ष 2019 में सांसद बिरला ने रिकॉर्ड 2.79 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी।
भाजपा ने मनाया विजयी जश्न
मंगलवार शाम को परिणाम घोषित होने पर भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला मतगणना स्थल जेडीबी कॉलेज पहुंचे, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें जीत की बधाई देते हुये विजयी जश्न मनाया। बिरला ने कहा कि यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की जीत है। जनता ने जो विश्वास जताया है, उस पर वे खरा उतरने का प्रयास करेंगे। रात्रि में शक्ति नगर स्थित उनके आवास पर कार्यकर्ताओं की टीमें विजयी जश्न मनाती रही। जिले में 6 जून तक धारा 144 लागू होने से ओम बिरला का विजय जुलूस बाद में निकाला जायेगा।
दुष्यंत सिंह ने बनाया पांचवी जीत का कीर्तिमान
हाडौती संभाग की झालावाड़-बारां सीट पर भाजपा प्रत्याशी दुष्यंत सिंह ने लगातार पांचवी बडी जीत दर्ज कर नया कीर्तिमान बनाया है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला जैन भाया को 3 लाख 71 हजार मतों से हराया। इस सीट पर कुल 14 लाख 15 हजार 420 मतदाताओं ने भाग लिया। जिसमें से दुष्यंत सिंह को 8,08,692 मत एवं कांग्रेस प्रत्याशी को 4,66,988 मत मिले हैं।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस सीट से पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। दुष्यंत सिंह की इतने अधिक मतों से जीत भाजपा के लिये प्रदेश में दूसरी बडी जीत है। झालावाड में भाजपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटकर जीत का जश्न मनाया। याद दिला दें कि वसुंधरा राजे को इस चुनाव में स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी नहीं मिलने पर वे पूरे समय इसी संसदीय क्षेत्र में सघन जनसपंर्क पर रही। हाडौती संभाग की दोनों सीटों पर भाजपा की जीत से पार्टी में खुशी की लहर दौड गई।
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आयोग ने सोशल मीडिया पर फैली गलत सूचनाओं और झूठी खबरों से निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई की है।
घोषणा: ने भारतीय राजनीति में उत्साह और चर्चाओं को बढ़ावा दिया है। इस चुनाव में निर्वाचन आयोग ने 7 चरणों की तिथियों का ऐलान किया है। उपचुनाव विधानसभा चुनाव और आम चुनाव समेत सभी चुनावों की मतगणना 4 जून को होगी। मौजूदा सरकार का कार्यकाल 16 जून को समाप्त हो रहा है, जिससे यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है।
सातवें और अंतिम चरण का मतदान 1 जून को होना है। इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधित्व वाले वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर जैसे निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं। समाजवादी पार्टी ने आगामी सात चरण के संसदीय चुनावों के लिए अपनी पांचवीं सूची में उत्तर प्रदेश से छह अतिरिक्त लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश में सभी चरणों में मतदान होने की यह खबर राजनीतिक दलों के बीच जोरदार मुकाबला दर्शाती है।
आयोग ने सोशल मीडिया पर फैली गलत सूचनाओं और झूठी खबरों से निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई की है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि आयोग सक्रिय रूप से गलत सूचनाओं का मुकाबला करेगा और मतदाताओं को सटीक जानकारी प्रदान करेगा। इससे चुनाव प्रक्रिया में निष्क्रियता को कम किया जा सकता है और लोगों को सही जानकारी मिल सकती है। सोशल मीडिया का महत्व इस चुनाव में और भी बढ़ गया है। यहां पर रहे लोग न खेतों से ही सटीक जानकारी प्राप्त कर रहे हैं बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी राजनीतिक घटनाओं को लेकर चर्चा कर रहे हैं। इससे युवा पीढ़ी का रुझान भी नजर आ रहा है, जो डिजिटल मीडिया को अपनी राय और विचारों को व्यक्त करने का मंच बना रही है।
माध्यम: से निकलने वाले नतीजों का जोरदार प्रभाव भी रहता है। इससे न केवल राजनीतिक पार्टियों को जानकारी मिलती है बल्कि लोगों को भी देश की राजनीति में सकार त्रास्ती पर जानकारी और विश्वास की मजबूती होती है। चुनाव प्रक्रिया में गलत सूचनाओं और झूठी खबरों का फैलाव एक बड़ी चुनौती होती है जिससे लोगों को सही जानकारी प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए चुनाव आयोग की इस कड़ी कार्रवाई से सही और सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए लोगों को एक आत्म-संज्ञानी भूमिका निभाने की आवश्यकता है। चुनाव प्रक्रिया में समाज की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लोकतंत्र में लोकसभा चुनाव एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं क्योंकि यहाँ पर लोगों को अपने प्रतिनिधि चुनने का मौका मिलता है। इसलि�� सही और सटीक जानकारी के आधार पर ही वे ठीक निर्णय ले सकते हैं।
प्रक्रिया: में बड़ा महत्व रखता है। लोग यहाँ पर राजनीतिक विषयों पर चर्चा करते हैं जो कि राजनीतिक जागरूकता में एक महत्वपूर्ण कड़ी होती है। इससे युवा पीढ़ी का रुझान भी नजर आ रहा है जो डिजिटल मीडिया को अपनी राय और विचारों को व्यक्त करने का मंच बना रही है। चुनाव के माध्यम से निकलने वाले नतीजों का जोरदार प्रभाव भी रहता है। इससे न केवल राजनीतिक पार्टियों को जानकारी मिलती है बल्कि लोगों को भी देश की राजनीति में सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। यहाँ तक कि यह चुनाव राजनीतिक प्रक्रिया में भागीदारी के लिए एक अवसर भी प्रदान करता है जिससे समाज में नागरिक शामिल होते हैं और राजनीतिक प्रक्रिया में विश्वास और सहयोग का संवाद बना रहता है।
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महाराष्ट्र में सीएम के लिए कौन है पहली पसंद, ताजा सर्वे में चाैंकाने वाले नतीजे, जानें
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए महायुति और महाविकास आघाडी (MVA) दोनों ने ही सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है, लेकिन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? इसको लेकर महायुति और महाविकास आघाडी दोनों के घटकों में बयानबाजी होती आई है। ऐसे में अब जब महाराष्ट्र चुनावों के ऐलान में सिर्फ एक महीना बाकी रह गया है तब महाराष्ट्र के लोग किसको अगले सीएम के तौर पर देखना चाहते है? या फिर सीएम पद के लिए सबसे आगे कौन है? इसको लेकर हाल ही में हुए एक सर्वे में दिलचस्प तस्वीर उभरकर सामने आई है। किसे मिले ज्यादा फीसदी मत? महाराष्ट्र्र के वरिष्ठ सेफोलॉजिस्ट दयानंद नेने ने 16 अगस्त से 25 अगस्त के बीच राज्य में सर्वे किया था। इसमें उन्होंने लोगों से पूछा था कि वे किसको अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं तो इसमें 23 फीसदी लोगों ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम के तौर देखने की इच्छा व्यक्त की। इसके बाद दूसरे नंबर पर उद्धव ठाकरे रहे। उन्हें इस सर्वे में 21 फीसदी वोट मिले। तीसरे नंबर पर मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रहे। उन्हें फिर से मुख्यमंत्री के तौर पर देखने के 18 फीसदी लोगों ने अपना समर्थ ने दिया। सर्वे में अजित पवार और सुप्रिया सुले को सात-सात फीसदी वोट मिले, जब महाराष्ट्र कांग्रेस के चीफ नाना पटोले को सिर्फ 2 फीसदी लोगों ने अपनी पंसद बताया। सर्वे में 22 फीसदी लोगों ने 'डोन्ट नो (पता नही)' का विकल्प भी चुना। किसे-किस क्षेत्र से मिला समर्थन? 1.देवेंद्र फडणवीस: मुख्य रूप से नागपुर, गोंदिया भंडारा, गढ़चिरौली, मुंबई, एमएमआर, पुणे, नासिक क्षेत्रों से मिला समर्थन।2.उद्धव ठाकरे: मुख्य रूप से मुंबई, संभाजी नगर, धाराशिव और हिंगोली इलाकों से समर्थन मिला।3. एकनाथ शिंदे: ठाणे, एमएमआर, संभाजी नगर, जलगांव, कोल्हापुर क्षेत्रों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।4. अजित पवार/सुप्रिया सुले: राष्ट्रवादी के प्रभाव वाले क्षेत्र पश्चिम महाराष्ट्र से समर्थन मिला। 5. नाना पटोले: विदर्भ के एक छोटे हिस्से भंडारा और चंद्रपुर से सर्वे में मत प्राप्त हुए। अक्टूबर में ऐलान, नवंबर में चुनावमहाराष्ट्र विधानसभा चुनावों का ऐलान 9 अक्तूबर को संभव है। ऐसे में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग 15 से 20 नवंबर के बीच हो सकी है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि चुनाव आयोग जम्मू कश्मीर और हरियाणा के चुनाव परिणाम आने के बाद महाराष्ट्र चुनावों का ऐलान कर सकता है। महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं। 2019 के चुनावों में बीजेपी 105 सीटें लेकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। तब वह शिवसेना के साथ मिल लड़ी थी। पिछले पांच सालों में राज्य की राजनीति काफी बदल चुकी है। शिवसेना दो भागों में विभाजित है। ऐसी ही स्थिति राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की है। ऐसे में 2024 विधानसभा चुनावों को बेहद निर्णायक और दिलचस्प माना जा रहा है। http://dlvr.it/TCg0mv
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Haryana Politics: कौन है नायब सिंह सैनी, आखिर सैनी को ही क्यों बनाया गया हरियाणा का सीएम? ये है बड़ी वजह
Haryana Politics: हरियाणा: हरियाणा के राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। भाजपा के अचानक उठाए गए इस कदम के बाद सवाल उठता है कि आखिर सैनी जैसे नए चेहरे को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी देने की वजह क्या है? आखिर क्यों नायब सिंह को ही सीएम पद के लिए चुना गया?
Haryana Politics: बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में मंगलवार दोपहर अचानक हुए बड़े उलटफेर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके साथी कैबिनेट मंत्रियों ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। जिसके बाद नायब सिंह सैनी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया गया। सैनी के साथ ही 5 अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गयी। ना���ब सिंह सैनी हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र से सांसद हैं।
Haryana Politics: नायब सिंह सैनी ओबीसी समुदाय से आते हैं। पिछले साल उन्हें बीजेपी हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। सैनी को पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर का विश्वासपात्र माना जाता है। उन्हें संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है।
Haryana Politics: 1996 में उन्हें हरियाणा बीजेपी के संगठन में जिम्मेदारी दी गई। साल 2005 में नायब सिंह सैनी भाजपा अंबाला युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बने। इसके बाद नायब सिंह सैनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2014 के विधानसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी को नारायणगढ़ से टिकट दिया गया और वह जीतकर विधानसभा पहुंच गए। इसके बाद 2023 में उन्हें हरियाणा बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
Haryana Politics: मनोहर लाल खट्टर के करीबी
Haryana Politics: नायब सिंह सैनी को मनोहर लाल खट्टर के करीबी होने का भी फायदा मिला। उन्हें सीएम बनाने को हरियाणा की जाति-केंद्रित राजनीति में गैर-जाट मतदाताओं खासतौर पर पिछड़े समुदायों को एकजुट करने की बीजेपी की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है। सैनी राज्य में आठ प्रतिशत ओबीसी समुदाय पर मजबूत पकड़ रखते हैं। राज्य में सैनी जाति की कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला, हिसार और रेवाड़ी जिलों में अच्छी खासी आबादी है।
Haryana Politics: हरियाणा में जातियों का गणित
Haryana Politics: हरियाणा की आबादी में जाट लगभग 23 प्रतिशत हैं। यहां जाट राजनीतिक रूप से भी प्रभावी रहे हैं। राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से कम से कम 40 सीटों पर जाटों का सीधा प्रभाव है।
Haryana Politics: 2014 के विधानसभा चुनाव में जाटों ने बीजेपी को एकतरफा वोट दिया था लेकिन 2019 चुनावों में मामला उल्टा पड़ गया।जाटों का वोट कांग्रेस, जेजेपी और आईएनएलडी को गया।भाजपा के दिग्गज जाट नेताकैप्टन अभिमन्यु, ओम प्रकाश धनखड़, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेम लता और तत्कालीन राज्य भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला सभी चुनाव हार गए।
Haryana Politics: हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर पंजाबी समुदाय से आते हैं। जाटों को ये बात खटकती रही है। 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन इसका ही परिणाम रहा। नायब सैनी पिछड़ी जाति से आते हैं। कहा जा रहा है कि सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी राज्य में पंजाबी और बैकवर्ड वोट बैंक बनाना चाहती है।
Haryana Politics: नायब सैनी सीएम बनाने को गैर-जाट और ओबीसी मतदाताओं को खुश करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा, यह मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करने की भी एक कोशिश है। हरियाणा की आबादी का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा जाट हैं, जिनका समर्थन मोटे तौर पर कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी और इंडियन नेशनल लोक दल के बीच बंटा हुआ है।
Haryana Politics: हरियाणा का ओबीसी समुदाय पिछले कुछ समय से सत्ताधारी दल पर समुदाय के लोगों की अनदेखी के आरोप लगा रहा है। हाल ही में रोहतक मे ओबीसी समाज ने एक बड़ी रैली की थी, जिसमें कहा गया था कि सरकार में ओबीसी समाज अब तक अपने हक और अधिकारों से वंचित है। समुदाय के लोगों ने कहा कि अगर उनको हक नहीं मिला तो सत्ताधारी दल को समुदाय के लोग वोट नहीं करेंगे।
Haryana Politics: ओबीसी समाज के संगठनों के पदाधिकारियों की मांग है कि समुदाय के लोगों को हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से कम से कम 25 मिलें। कहना है कि हरियाणा में ओबीसी समुदाय के काफी वोट बैंक होने के बावजूद समाज के लोगों को उस लिहाज से टिकट नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि इस बार लोकसभा की 10 में से 3 और विधानसभा की 90 में से कम से कम 25 सीट ओबीसी समुदाय के लोगों को दी जाएं।
Source: https://newsplus21.com/haryana-politics-who-is-nayab-singh-saini-why-was-saini-made-the-cm-of-haryana-this-is-the-big-reason/
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