#वशीकरण का मंत्र
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अपनी राशि के समय के अनुसार शुद्ध मुहूर्त में करें दिपावली का पूजन हो जाएँगे माला - माल साल भर में!
🌞🌳 🕉दीपावली पूजन के लिये चार विशेष मुहूर्त
👉1- वृश्चिक लग्न- यह लग्न दीपावली के सुबह आती है वृश्चिक लग्न में मंदिर, स्कूल, हॉस्पिटल, कॉलेज आदि में पूजा होती है। राजनीति से जुड़े लोग एवं कलाकार आदि इसी लग्न में पूजा करते हैं।
👉2- कुंभ लग्न- यह दीपावली की दोपहर का लग्न होता है। इस लग्न में प्रायः बीमार लोग अथवा जिन्हें व्यापार में काफी हानि हो रही है, जिनकी शनि की खराब महादशा चल रही हो उन्हें इस लग्न में पूजा करना शुभ रहता है।
👉3- वृषभ लग्न- यह लग्न दीपावली की शाम को प्रायः मिल ही जाता है तथा इस लग्न में गृहस्थ एवं व्यापारियों को पूजा करना सबसे उत्तम माना गया है।
👉4- सिंह लग्न- यह लग्न दीपावली की मध्यरात्रि के आस-पास पड़ता है तथा इस लग्न में तांत्रिक, सन्यासी आदि के लिए पूजा करना शुभ रहता है ।
दिल्ली के अनुसार लग्न की समय अवधि :-
👉वृश्चिक लग्न:- 07:00 से 10 :10 तक 👉कुंभ लग्न:- 13 :57 से 15 : 24 तक 👉वृषभ लग्न:- 18 :24 से 20 :19 तक 👉सिंह लग्न:- 00:59 से 03 :16 तक
🕉🚩महानिशीथ काल:-
महानिशीथ काल में धन लक्ष्मी का आवाहन एवं पूजन, गल्ले की पूजा तथा हवन इत्यादि कार्य किया जाता है। श्री महालक्ष्मी पूजन, महाकाली पूजन, लेखनी, कुबेर पूजन, अन्य वैदिक तांत्रिक मंन्त्रों का जपानुष्ठान किया जाता है।
महानिशीथ काल रात्रि में 23:38 से 24:30 मिनट तक रहेगा। इस समयावधि में कर्क लग्न और सिंह लग्न होना शुभस्थ है। इसलिए अशुभ चौघडियों को भुलाकर यदि कोई कार्य प्रदोष काल अथवा निशिथकल में शुरु करके इस महानिशीथ काल में संपन्न हो रहा हो तो भी वह अनुकूल ही माना जाता है। महानिशिथ काल में पूजा समय चर लग्न में कर्क लग्न उसके बाद स्थिर लग्न, सिंह लग्न भी हों, तो विशेष शुभ माना जाता है। महानिशीथ काल में कर्क लग्न और सिंह लग्न होने के कारण यह समय शुभ हो गया है। जो शास्त्रों के अनुसार दीपावली पूजन करना चाहते हो, वह इस समयावधि को पूजा के लिये प्रयोग कर सकते हैं। इसमें किया हुआ तंत्र प्रयोग मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तंभन इत्यादि कर्म तांत्रिकों की ओर से किए जाते हैं। इस समय में किया हुआ कोई भी मंत्र सिद्ध हो जाता है। इस समय में सभी आसुरी शक्तियां जागृत हो जाती हैं। इस समय में घोर, अघोर, डाबर, साबर सभी प्रकार के मंत्रों की सिद्धि हो जाती है। इसी समय उल्लूक तंत्र का प्रयोग साधक लोग करते हैं। पंच प्रकार की पूजा, काली पूजा, तारा, छिन्नमस्ता, बगुलामुखी पूजा इसी समय की जाती है। जो जन शास्त्रों के अनुसार दीपावली पूजन करना चाहते हो, उन्हें इस समयावधि को पूजा के लिये प्रयोग करना चाह��ए। वृष एवं सिंह लग्न में कनकधारा एवं ललितासहस्त्रनाम का पाठ विशेष लाभदायक माना गया है।
🕉🚩दीपदान मुहूर्त : लक्ष्मी पूजा दीपदान के लिए प्रदोष काल (रात्रि का पंचमांश प्रदोष काल कहलाता है) ही विशेषतया प्रशस्त माना जाता है। दीपावली के दिन प्रदोष काल सायं 05:50 से रात्रि 08:27 बजे तक रहेगा ।
🕉🚩राशियों के अनुसार लक्ष्मी पूजन मेष, सिंह और धनु
ये तीनों अग्नि तत्व प्रधान राशि है इन राशि वालों के लिए धन लक्ष्मी की पूजा विशेष लाभकारी होती है, मां लक्ष्मी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें उनके पास अनाज की ढेरी हो। चावल की ढेरी पर लक्ष्मीजी का स्वरूप स्थापित करें उनके सामने घी का दीपक जलाएं, उनको चांदी का सिक्का अर्पित करें। पूजा के उपरान्त उसी चांदी के सिक्के को अपने धन स्थान पर रख दें।
🕉🚩मिथुन, तुला और कुम्भ राशि
इन राशि वालों के लिए गजलक्ष्मी के स्वरूप की आराधना विशेष होती है, कारोबार में धन की प्राप्ति के लिए गज लक्ष्मी की पूजा, लक्ष्मीजी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें दोनों तरफ उनके साथ हाथी हों, लक्ष्मीजी के समक्ष घी के तीन दीपक जलाएं, मां लक्ष्मी को एक कमल या गुलाब का फूल अर्पित करें, पूजा के उपरान्त उसी फूल को अपनी तिजोरी में रख दें।
🕉🚩वृष, कन्या, और मकर राशि :-
इस राशि के लोगों के लिए ऐश्वर्यलक्ष्मी की पूजा विशेष होती है, नौकरी में धन की बढ़ोतरी के लिए ऐश्वर्य लक्ष्मी की पूजा, गणेशजी के साथ लक्ष्मीजी की स्थापना करें, गणेशजी को पीले और लक्ष्मीजी को गुलाबी फूल चढ़ाएं, लक्ष्मीजी को अष्टगंध चरणों में अर्पित करें, नित्य प्रातः स्नान के बाद उसी अष्टगंध का तिलक लगाएं।
🕉🚩कर्क, वृश्चिक और मीन राशि :-
इस राशि के लिए वरलक्ष्मी की पूजा विशेष होती है। धन के नुकसान से बचने के लिए वर जयपुर लक्ष्मी की पूजा में लक्ष्मीजी के उस स्वरूप की स्थापना करें। जिसमें वह खड़ी हों और धन दे रही हों, उनके सामने सिक्के तथा नोट अर्पित करें, पूजन के बाद यही धनराशि अपनी तिजोरी में रखें, इसे खर्च न करें। उपरोक्त विधि-विधान से पूजन करने पर भुवनेश्वर महालक्ष्मी आप पर प्रसन्न होगीं जम्मू तथा घर में समृद्धि व प्रसन्नता आयेगी
🕉🚩भारत में दीपावली पूजन का मुहूर्त (31.10.2024):-
👉व्यावसायिक स्थल में पूजन का समय, कुम्भ लग्न:- 13 :57 से 15 : 24 तक
👉घर में पूजन का समय, वृषभ लग्न:- 18 :24 से 20 :19 तक
👉प्रातः काल में पूजन का समय, वृश्चिक लग्न:- 07:00 से 10 :10 तक
👉साधना और सिद्धि का समय, सिंह लग्न:- 00:59 से 03 :16 तक
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Shadi Tudwane Ka Upay मात्र 72 घंटों में रिजल्ट
मुझे shadi todne ke upay बताइये
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मुझे shadi todne ka totka बताइये
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मुझे shadi rokne ke upay बताइये
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मुझे sagai todne ke upay बताइये
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मुझे shadi tudwane ka upay बताइये
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मुझे kisi ki shadi todne ka upay बताइये
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मुझे apni shadi todne ka upay बताइये
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मुझे rishta todne ka upay बताइये
मुझे rishta todne ka totka बताइये
मुझे shadi todne ke achuk upay बताइये
मुझे marriage todne ka upay बताइये
मुझे marriage todne ka totka बताइये
बहुत से तांत्रिक और पंडित shadi todne ke upay बताते है लेकिन उन से बहुत से उपाय सिद्ध नहीं हो पाते और यदि कुछ लोग अपने गुरु के दिशा निर्देशन में shadi todne ke upay करते भी है तो उनके प्रयास सफल नहीं हो पाते। आखिर यह उपाय या टोटके कार्य क्यों नहीं करते। यदि आप भी यह जानना चाहते है की shadi todne ke upay किस प्रकार से सिद्ध किये जाये जिनका उपयोग करके कोई भी व्यक्ति अपने प्रेमी या प्रेमिका की शादी को तोड़ या रोक सके. यदि आप शादी तोड़ने के असली उपायों या टोटकों को करना चाहते है तो निचे लिखे टोटकों को अंत तक पूरा पढ़े.
विधि संख्या…… 01
क्रीं कालिका षोड़स वर्षीय जवान हाथ में खड़ग खप्पड़ कमान गले नर मुंड माला रहे श्मशान आओ आओ माँ कालिके मेरा कहना मान नहीं आये कलिका तो भैरव की दुहाई शब्द साँचा, फुरो मंत्र खुदाई
प्रयोग विधि….. यह वशीकरण तंत्र का प्रभावशाली मंत्र है इसका दुरुपयोग ना किया जाए. इसे सिद्ध करने के लिए साधक किसी भी मास के कृष्ण पक्ष की शनिवार से इसे जपना प्रारंभ करें. यह 21 दिन की क्रिया है जिसे अर्धरात्रि में ही किया जाए. जाप के समय राई के 21 दाने हाथ में लेकर उन्हें 21 बार ही अभिमंत्रित करके जिस व्यक्ति की शादी तोड़नी हो उस व्यक्ति का नाम लेकर अग्नि में डाल दें. फल स्वरुप आप किसी भी व्यक्ति की शादी को या सगाई को सरलतापूर्वक घर बैठे आसानी से तोड़ सकते हैं.
विधि संख्या…… 02
ॐ नमो आठ खाट की लाकड़ी मूँज बनी का कावा मुवा मुर्दा बोले न बोले तो महावीर की आन शब्द साँचा फुरे मंत्र ईश्वरो वाचा
प्रयोग विधि….. शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर हकीक की माला लेकर ऊपर दिए गए मंत्र को 10008 बार जप कर सिद्ध कर लें तथा प्रयोग हेतु आप लाख की स्याही से जिस व्यक्ति की कलाई पर यह मंत्र लिख देंगे उस व्यक्ति की मंगनी या शादी को आप केवल मात्र 7 दिनों के अंदर तोड़ पाएंगे. स्त्रियां इस टोटके को या इस मंत्र को अपने प्रेमी के ऊपर महावारी या शुद्धता के दिनों में ना करें अन्यथा यह टोटका अपनी शक्ति नहीं दिखा पाएगा.
विधि संख्या…… 03
ओम नमः कामाख्या देवी अमुकी (प्रेमी अथवा प्रेमिका का नाम ) में वंशकरी स्वाहा
प्रयोग विधि….. अमावस्या के दिन इस मंत्र को 108 बार जप कर सिद्ध करने के बाद चिता की राख व ब्रह्मा दंडी बूटी को अभिमंत्रित करके जिस व्यक्ति के ऊपर फेंकेंगे उस व्यक्ति की शादी केवल मात्र 3 दिनों के अंदर टूट जाएगी या टल जाएगी. इसके अतिरिक्त नीलगाय व मानव दंत घिस कर इस मंत्र से अभिमंत्रित कर ललाट पर तिलक धारण करने से भी अपनी शादी या सगाई को तोड़ा जा सकता है. शादी तोड़ने का यह अचूक उपाय माना गया है जिसका टलना संभव नहीं है.
विधि संख्या…… 04
ॐ नमो कालभैरव काली रात काला आया आधी रात चले कतार बांधूं तू बावन वीर पर नारी सो रखे सीर छाती धरिके वाको लाओ सोती होय जगा के लाओ शब्द साँचा पिंड काचा फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा सत्य नाम आदेश गुरु का
प्रयोग विधि….. इस मंत्र को प्रेत भूमि में 7 दिन तक नित्य 108 बार जापे और मां काली की पूजा कर काले धतूरे का फल पुष्य नक्षत्र में, फूल भरनी नक्षत्र में, पत्ते विशाखा नक्षत्र में तथा जड़ हस्त नक्षत्र में लाएं और इसी वृक्ष की जड़ कृष्ण पक्षीय सक्रांति में लाकर कपूर, गोरोचन, कुमकुम के साथ पीसकर उस व्यक्ति के ललाट पर तिलक कर दें जिस व्यक्ति की शादी को आप तोडना चाहते हैं फल स्वरुप उस व्यक्ति की शादी केवल मात्र 11 दिनों के अंतराल में टूट जाएगी या उस व्यक्ति की शादी रुक जाएगी।
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वैदिक सभ्यता क्या है?
https://grammarpdf.com/vaidik-sabhyata-in-hindi
वैदिक सभ्यताः - सिंधु घाटी सभ्यता के पश्चात भारत में जिस नवीन सभ्यता का विकास हुआ उसे ही आर्य अथवा वैदिक सभ्यता या वैदिक काल के नाम से जाना जाता है। वैदिक सभ्यता या वैदिक काल की जानकारी हमे मुख्यतः वेदों से प्राप्त होती है
वैदिक काल (1500 ई. पूर्व-600ई.पूर्व)
उत्तर वैदिक काल (1000-600ई.पूर्व) - इस काल की जानकारी अन्य वेद यजुर्वेद सामवेद अथर्ववेद से मिलते हैं
ऋग्वैदिक काल (1500-1000ई.पूर्व) - इस काल की जानकारी ऋग्वेद से मिलती है
वैदिक काल में आर्यों का आगमन भारत में हुआ था। आर्य संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है "श्रेष्ठ" आर्यों का मूल निवास स्थान
मैक्समूलर - मध्य एशिया दयानंद सरस्वती - तिब्बत बाल गंगाधर तिलक - उत्तरी ध्रुव
आर्य सर्वप्रथम पंजाब एवं अफगानिस्तान में आकर बसे । यह एक ग्रामीण सभ्यता थी। आर्यों की भाषा संस्कृत थी।
आर्यों की प्रशासनिक इकाई पांच भागों में बटी थी - कुल, ग्राम, विश, जन, राष्ट्र
कुल कितने वेद हैं:- 4 वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद, सामवेद
ऋग्वेदः - ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है
इसमें 10 मंडल 1028 सूक्त और 10462 ऋचाएं हैं ऋग्वेद के तीसरे मंडल में गायत्री मंत्र हैं
ऋग्वेद :-
ऋग्वेद मैं स्तोत्र और प्रार्थनाएं का संचय है
ऋग्वेद में कुल मंत्रों की संख्या 10580 है इसमें 118 मंत्र दोहराए गए हैं मूल मंत्रों की संख्या 10462 है
यजुर्वेदः -
यजुर्वेद में यज्ञों के नियमों एवं विधि विधान का संकलन मिलता है इसमें बलिदान विधि का भी वर्णन है
सामवेद:-
"साम" का शाब्दिक अर्थ है गान इसे भारतीय "संगीत का जनक" कहा जाता है इसमें संगीतमय स्तोत्र का वर्णन है
अथर्ववेदः -
अथर्ववेद अथर्वा ऋषि द्वारा रचित है इसमें कुल 731 मंत्र हैं तथा लगभग 6000 पद्य हैं अथर्ववेद का संबंध चिकित्सा तंत्र मंत्र और वशीकरण से है
वेद - 4 पुराण - 18 उपनिषद - 108
उपनिषद का शाब्दिक अर्थ है "गुरुओं के समीप बैठना" "सत्यमेव जयते" मुंडक उपनिषद से लिया गया है
वेदांग की संख्या 6 है -
ऋग्वैदिक काल में समाज 4 वर्णों में बंटा हुआ था
ब्राह्मण
क्षत्रिय
वैश्य
शूद्र
ऋग्वैदिक काल में वर्ण व्यवसाय के आधार पर निर्धारित किए गए थे
वैदिक काल के देवताः-
1. इंद्रः- यह आर्यों के सर्वाधिक प्रिय देवता थे, इन्हें युद्ध तथा वर्षा का देवता माना जाता था और इन्हें पुरंदर भी कहते थे
2. अग्निः- आग के देवता
3. वरुण:- वायु देवता
4. सोमः - जंगल के देवता
5. मारुतः - तूफान के देवता
6. रुद्रः- ये सबसे क्रोध वाले देवता थे
ऋग्वैदिक काल की नदियां:-
आधुनिक नाम = प्राचीन नाम
शुतुद्रि = सतलज
पुरुष्णी = रावी
अस्किनी = चिनाब
वितस्ता =झेलम
विपाशा = व्यास
सरस्वती/दृशद्वती = घग्घर
कुभा = काबुल
कुमु = कुर्रम
सदानीरा = गंडक
सुवस्तु = स्वात
वेद और उपनिषद को पढ़कर ही 6 ऋषियों ने अपना दर्शन गढ़ा है। इसे भारत का षड्दर्शन कहते हैं।
1. सांख्य दर्शनः - कपिल
2. न्याय दर्शन:- गौतम
3. योग दर्शन:- पतंजलि
4. वैशेषिक दर्शनः - कणाद
5. उत्तर मीमांसाः- वादरायण
6. पूर्वी मीमांसाः- जैमिनी
ऋग्वैदिक काल महत्वपूर्ण तथ्य
आर्यों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन था
आर्यों का समाज पितृप्रधान था
गाय को अधन्या (ना मारे जाने योग्य पशु की श्रेणी में रखा गया था)
आर्यों का प्रिया पशु घोड़ा एवं सर्वाधिक प्रिय देवता इंद्र थे
आर्यों द्वारा खोजी के धातु लोहा थी
ऋग्वेद में सरस्वती नदी सबसे महत्वपूर्ण तथा पवित्र मानी जाती थी
ऋग्वेद में गंगा का उल्लेख 1 बार यमुना का उल्लेख 3 बार तथा सिंधु नदी का उल्लेख सर्वाधिक बार हुआ है
उत्तरवैदिक काल के महत्वपूर्ण तथ्य
उत्तरवैदिक काल में इंद्र की बजाए प्रजापति सर्वाधिक प्रिय देवता बन गए
उत्तर वैदिक काल में वर्ण व्यवसाय की बजाय जन्म के आधार पर निर्धारित होने लगे थे
यव (जौ), व्रीहि (धान), माड़ (उड़द), गुदग (मूंग), गोधूम (गेंहू), मसूर आदि खाद्यान्नों का वर्णन यजुर्वेद में मिलता है।
उत्तरवैदिक ग्रन्थों में लोहे के लिए लौह अयस एवं कृष्ण अयस शब्द का प्रयोग हुआ है अतरंजीखेड़ा में पहली बार कृषि से सम्बन्धित लौह उपकरण प्राप्त हुए हैं।
वैदिक सभ्यता के महत्वपूर्ण प्रश्न -
पूर्व-वैदिक या ऋग्वैदिक संस्कृति का काल किसे माना जाता है ? - 1500 ई. पू.-1000 ई. पू.
उत्तर-वैदिक संस्कृति का काल किसे माना जाता है ? - 1000 ई. पू.-600 ई. पू.
'आर्य' शब्द का शाब्दिक अर्थ है - श्रेष्ठ या कुलीन
किस फसल का ज्ञान वैदिक काल के लोगों को नहीं था ? - तम्बाकू
उत्तर-वैदिक काल के वेदविरोधी और ब्राह्मणविरोधी धार्मिक अध्यापकों को किस नाम से जाना जाता था ? - श्रमण
वैदिक गणित का महत्वपूर्ण अंग है - शुल्व सूत्र
किस वेद में प्राचीन वैदिक युग की संस्कृति के बारे में सूचना दी गई है? - ऋग्वेद
वेदों की संख्या कितनी है ? - चार
भारत के राजचि में प्रयुक्त होने वाले शब्द 'सत्यमेव जयते' किस उपनिषद् से लिए गए हैं ? - मुण्डक उपनिषद् से
ऋग्वैदिक आर्यों का मुख्य व्यवसाय क्या था ? - पशुपालन
भारतीय संगीत का आदिग्रन्थ कहा जाता है - सामवेद
प्रमुख दर्शन और उनके प्रवर्तक
प्रवर्तक = दर्शन
कपिल = सांख्य
गौतम = न्याय
चार्वाक = चार्वाक
योग = पतंजलि
जैमिनी = पूर्व मीमांसा
बादरायण = उत्तरमीमांसा
कणाद = वैशेषिक
कृष्ण भक्ति का प्रथम और प्रधान ग्रन्थ है – श्रीमद्भागवतगीता
ऋग्वेद में संपत्ति का प्रमुख रूप क्या है ? - गोधन
ऋग्वेद के किस मंडल में शूद्र का उल्लेख पहली बार मिलता है ? - 10वें
वेदों की ऋचाओं को पढ़ने वाले ऋषि को क्या कहते हैं - होतृ
ऋग्वेद का सम्बन्ध किससे है ? - ईश्वर महिमा से
ऋग्वेद में कुल मंडल हैं - 10
ऋग्वेद में कुल सूक्तियाँ हैं -1028
ऋग्वेद में कुल ऋचाएँ हैं -10580
ऋग्वेद में इन्द्र के लिए ऋचाएँ हैं -250
ऋग्वेद में अग्नि के लिए ऋचाएँ हैं -200
सबसे पुराना वेद कौन-सा है ? - ऋग्वेद
ज्ञान-वेदों की संख्या चार है-ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद तथा अथर्ववेद। इनमें सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद है।
त्रयी नाम है - तीन वेदों का
ज्ञान-ऋग्वेद, यजुर्वेद तथा सामवेद को 'वेदत्रयी' या 'त्रयी' कहा जाता है।
किस वैदिक ग्रन्थ में 'वर्ण' शब्द का सर्वप्रथम नामोल्लेख मिलता है ? - ऋग्वेद में
भारत का सबसे प्राचीन धर्म ग्रन्थ कौन-सा है ? - वेद
अथर्व का अर्थ क्या है ? - पवित्र जादू
पूर्व मीमांसा दर्शन के प्रतिपादक कौन है ? - जैमिनी
सबसे प्राचीन पुराण कौन-सा है ? - मत्स्य पुराण
ब्राह्मण ग्रन्थों में सबसे प्राचीन ग्रन्थ कौन-सा है ? - शतपथ ब्राह्मण
वर्ण व्यवस्था से सम्बन्धित 'पुरुष सूक्त' मूलतः पाया जाता है - ऋग्वेद में
'गोपथ ब्राह्मण' सम्बन्धित है - अथर्ववेद से
उपनिषदों का मुख्य विषय है - दर्शन
नचिकेता आख्यान का उल्लेख मिलता है - कठोपनिषद् में
पुराणों की संख्या कितनी है ? -18
वैदिक धर्म का मुख्य लक्षण किसकी उपासना से था ? - प्रकृति
किस देवता के ल��ए ऋग्वेद में 'पुरंदर' शब्द का प्रयोग हुआ है? – इंद्र
'शुल्व सूत्र' किस विषय से सम्बन्धित पुस्तक है ? - ज्यामिति
'असतो मा सदगमय' कहाँ से लिया गया है ? - ऋग्वेद
आर्य भारत में बाहर से आए और सर्वप्रथम बसे थे - पंजाब में
ऋग्वेद का कौन-सा मंडल पूर्णतः सोम को समर्पित है ? - नौवाँ मंडल
प्रसिद्ध दस राजाओं का युद्ध 'दाशराज युद्ध' किस नदी के तट पर लड़ा गया ? - परुष्णी
धर्मशास्त्रों में भूराजस्व की दर क्या है ? -1/6
800 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व का काल किस युग से जुड़ा है? - ब्राह्मण युग
आरम्भिक वैदिक साहित्य में सर्वाधिक वर्णित नदी है - सिन्धु
उपनिषद् काल के राजा अश्वपति कहाँ के शासक थे ? - केकय के
अध्यात्म ज्ञान के विषय में नचिकेता और यम का संवाद किस उपनिषद् में प्राप्त होता है ? - कठोपनिषद् में
वैदिक नदी कुभा (काबुल) का स्थान कहाँ निर्धारित होना चाहिए ? - अफगानिस्तान में
कपिल मुनि द्वारा प्रतिपादित दार्शनिक प्रणाली है - सांख्य दर्शन
भारत के किस स्थल की खुदाई से लौह धातु के प्रमाण मिले हैं ? प्रचलन के प्राचीनतम - अतरंजीखेड़ा
किस काल में अछूत की अवधारणा स्पष्ट रूप से उदित हुयी ? - धर्मशास्त्र के काल में
गायत्री मंत्र (देवी सावित्री को सम्बोधित) किस पुस्तक में मिलता है ? - ऋग्वेद में
न्यायदर्शन को प्रचारित किया था - गौतम ने
प्राचीन भारत में 'निष्क' से जाने जाते थे - स्वर्ण आभूषण
योग दर्शन के प्रतिपादक हैं - पतंजलि
उपनिषद् पुस्तकें हैं - दर्शन पर
पूर्व-वैदिक आर्यों का धर्म प्रमुखतः था - प्रकृति-पूजा और यज्ञ
'चरक संहिता' नामक पुस्तक किस विषय से सम्बन्धित है ? - चिकित्सा
यज्ञ सम्बन्धी विधि-विधानों का पता चलता है - यजुर्वेद से
वैदिक युगीन 'सभा' क्या थी ? - मंत्रिपरिषद्
वैदिक युग में प्रचलित लोकप्रिय शासन प्रणाली थी - गणतंत्र
सबसे प्राचीन वेद कौन-सा है ? - ऋग्वेद
कौन भारतीय दर्शन की आरम्भिक विचारधारा है ? - सांख्य
सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा एवं वेदांत - इन छः भिन्न भारतीय दर्शनों की स्पष्ट रूप से अभिव्यक्ति हुई - वैदिक युग में
वह दस्तकारी कौन-सी है जो आर्यों द्वारा व्यवहार में नहीं लाई गई थी ? - लुहार (लुहारगीरी)
प्राचीनतम व्याकरण 'अष्टाध्यायी' के रचनाकार हैं - पाणिनि
कौन-सी स्मृति प्राचीनतम है ? - मनुस्मृति
'आदि काव्य' की संज्ञा किसे दी जाती है ? - रामायण
प्राचीनतम पुराण है - मत्स्य पुराण
ऋग्वेद में सबसे पवित्र नदी किसे माना ��या है ? - सरस्वती
वैदिक समाज की आधारभूत इकाई थी - काल/कुटुम्ब
ऋग्वैदिक युग की प्राचीनतम संस्था कौन-सी थी ? - विदथ
ब्राह्मण ग्रन्थों में सर्वाधिक प्राचीन कौन है ? - शतपथ ब्राह्मण
'गोत्र' व्यवस्था प्रचलन में कब आई ? - उत्तर-वैदिक काल
'मनुस्मृति' मुख्यतया सम्बन्धित है - समाज व्यवस्था से
गायत्री मंत्र की रचना किसने की थी ? - विश्वामित्र ने
'अवेस्ता' और 'ऋग्वेद' में समानता है। 'अवेस्ता' किस क्षेत्र से सम्बन्धित है? - ईरान से
किसका संकलन ऋग्वेद पर आधारित है ? - सामवेद का
किस वेद में जादुई माया और वशीकरण (magical charms and spells) का वर्णन है ? - अथर्ववेद में
'आर्य' शब्द इंगित करता है - नृजाति समूह को
प्राचीनतम विवाह संस्कार का वर्णन करने वाला 'विवाह सूक्त' किसमें पाया जाता है ? - ऋग्वेद में
ऋग्वेद में 'अघन्य' (वध योग्य नहीं) शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया था ? - गाय के
ऋग्वेद में किन नदियों का उल्लेख अफगानिस्तान के साथ आर्यों के सम्बन्ध का सूचक है ? - कुभा, क्रमु
आर्यों के आर्कटिक होम सिद्धान्त का पक्ष किसने लिया था ? - बी. जी. तिलक ने
'अथर्व' का अर्थ है - पवित्र जादू
कौन-सा वेद अंशतः गद्य रूप में भी रचित है ? - यजुर्वेद
उत्तर-वैदिक काल में किस देवता को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था ? - प्रजापति
- संस्कारों की कुल संख्या कितनी है ? -16
कर्म का सिद्धान्त सम्बन्धित है - मीमांसा से
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किसी ने कुछ किया है कैसे पता करें - ५ तरीकों से मिनटों में जाने
किसी ने कुछ किया है कैसे पता करें – ५ तरीकों से मिनटों में जाने – जब किसी परिवार में हर हमेशा बुरी चीजें होने लगती हैं तो व्यक्ति के मन यह शंका उत्पन्न होती हैं की क्या किसी ने कुछ किया है ?। पुरातन काल से ही तन्त्र-मंत्र, वशीकरण और काला जादू का प्रयोग किया जाता रहा हैं। कई शास्त्रों में भी काला जादू और अन्य तरह के प्रयोगों के बारें में बताया गया हैं। इन विद्धाओं का प्रयोग दूसरों को अपने वश में…
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Kamakhya mohini mantra कामाख्या मोहिनी मंत्र – अचूक प्रभावशाली वशीकरण विद्या ph. 85280 57364
Kamakhya mohini mantra कामाख्या मोहिनी मंत्र – अचूक प्रभावशाली वशीकरण विद्या ph. 85280 57364
कामाख्या मोहिनी मंत्र – अचूक प्रभावशाली वशीकरण विद्या ph. 85280 57364
Kamakhya mohini mantra कामाख्या मोहिनी मंत्र – अचूक प्रभावशाली वशीकरण विद्या ph. 85280 57364 इस मंत्र को सिद्ध करने के पश्चात् आप किसी का भी वशीकरण कर सकते हो यह एक अचूक प्रभावकारी मंत्र है
कामाख्या मोहिनी मंत्र Kamakhya mohini mantra
ॐ कामरू देस कामाख्या देवी तहाँ बसे इस्माइल जोगी, इस्माइल जोगी ने बोयी बारी फूल उतारे लोना चमारी एक फूल हँसे, दूसरा विगसे तीजे फूल में छोटा बड़ा नाहरसिंह बसे, जो सूँघे इस फूल की बास सो आवै हमारे पास और के पास जाय हियो फाट मर जाय मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा ।
कामाख्या मोहिनी मंत्र Kamakhya mohini mantra साधना विधि
किसी शुभ रविवार को नहा-धोकर पूजा के लिए यह सामग्री संजोयें – सुपारी, पान, लौंग, फूल-मिठाई, दीपक, गूगल या लोबान अथवा अगरबत्ती, घी। सर्वप्रथम स्नान करके पूजा करें। ऊपर लिखा मन्त्र बराबर पढ़ते रहें। ऊपर लिखी चीजें एक- एक करके पान पर चढ़ावें और धूप-दीप देकर आग जलायें और उसके मन्त्र पढ़ते हुए ही १-१ फूल घी में डुबोकर हवन करते रहें।
१०८ फूलों की आहुति देकर फिर मन्त्र का १०८ बार जप करें। यह क्रिया लगातार २१ दिनों तक की जानी चाहिए। बाईसवें दिन सामर्थ्य के अनुसार ब्राह्मणों को भोजन करायेम और दक्षिणा दें। पूरी साधना अवधि में ब्रह्मचर्य से रहें। इस प्रकार मन्त्रसिद्ध हो जायेगा ।
बाद में जब कभी आवश्यकता हो, किसी को अपने प्रति अनुरक्त, सम्मोहित या वशीभूत करना हो तो कोई सुगन्धित पुष्प लें और उस पर सात बार मन्त्र पढ़कर फूँक मारें । इस तरह वह पुष्प मन्त्राभिषिक्त हो जायेगा। ऐसा मन्त्रसिद्ध पुष्प यदि अभीष्ट व्यक्ति (नारी या पुरुष) की सुँघाया जाय तो वह साधक की ओर स्वभावतः आकृष्ट हो जाता है।
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Hanuman Shabar Mantra PDF हिंदी में पढ़ें और जानिए इन शक्तियों का राज
Hanuman Shabar Mantra PDF: क्या आप जानते हैं हनुमान जी को समर्पित कुछ हनुमान शाबर मंत्रों को श्री गोरखनाथ जी अथवा मत्ये��द्रनाथ जी द्वारा लगभग 500 वर्ष पूर्व लिखा गया था। इनका शाबर मन्त्रों का प्रोग के चीजों के लिए किया जा सकता है। इनमे हनुमान जी को विशेष प्रकार की प्रार्थना लिखी गयी जो उन्हें आपके काम सफल करने के लिए प्रेरित करती है।
Hanuman Shabar Mantra साधारण भाषा में लिखे गए हैं जिनको पढ़ना बहुत आसान होता है। विशष रूप में इनका उपयोग कामनापूर्ति, बहरी शक्तियों से सुरक्षा, हनुमान जी के के साक्षात्कार हेतु शाबर मंत्र , वशीकरण करने हेतु, पैसों और स्वस्थ हेतु इत्यादि के लिए किया जाता हैं। आइये इनके बारे में विस्तार पूर्वक जानें।
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मंसूर अली की अनसुनी दास्तान |(The Story of Manshoor Ali Part - 02)Al Kab...परमात्मा कबीर जी अपने सिद्धांत अनुसार एक अच्छी आत्मा समशतरबेज मुसलमान को जिंदा बाबा के रूप में मिले थे। उन्हें अल्लाहू अकबर (कबीर परमात्मा) यानि अपने विषय में समझाया, सतलोक दिखाया, वापिस छोड़ा। उसके पश्चात् कबीर परमात्मा यानि जिंदा बाबा नहीं मिले। उसे केवल एक मंत्र दिया ‘‘अनल हक’’ जिसका अर्थ मुसलमान गलत करते थे कि म��ं वही हूँ यानि मैं ��ल्लाह हूँ अर्थात् जीव ही ब्रह्म है। वह यथार्थ मंत्र ‘‘सोहं’’ है। इसका कोई अर्थ करके स्मरण नहीं करना होता। इसको परब्रह्म (अक्षर पुरूष) का वशीकरण मंत्र मानकर जाप करना होता है। समशतरबेज परमात्मा के दिए मंत्र का नाम जाप करता था। उसका आश्रम एक शहर के बाहर बणी में था। उस नगरी के राजा की एक लड़की जिसका नाम शिमली था, समशतरबेज के ज्ञान व सिद्धि से प्रभावित होकर उनकी परम भक्त हो गई। उसने दिन-रात नाम जाप किया। सतगुरू की सेवा करने प्रतिदिन आश्रम में जाने लगी। पिता जी से आज्ञा लेकर जाती थी। बेटी के साधु भाव को देखकर पिता भी उसे नहीं रोक पाया। वह प्रतिदिन सुबह तथा शाम सतगुरू जी का भोजन स्वयं बनाकर ले जाया करती थी
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एक चुटकी सौंफ से वशीकरण करने के उपाय और मंत्र प्राप्त करे ✆ +91-9914937826
सौंफ से वशीकरण आज के समय में बहुत अधिक प्रसिद्ध और ज्यादा इस्तेमाल में आने वाला साधन बन चूका है। आप सौंफ से वशीकरण करने के उपाय से अपने जीवन में होने वाली समस्या को दूर कर सकते है। अपनी समस्या को अच्छे से हल करने के लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि आप अपनी समस्या को साँझा करे ज्योतिष जे डी शास्त्री जी से वह आपकी किसी भी तरह की समस्या का समाधान आपको देने के लिए प्रचलित है। उन्होंने कई लोगो की समस्या को अपने जीवन में हल करवाने में मदद की है। सौंफ वैसे तो खाने पिने की चीज़ो में स्वाद लाने का एक अच्छा साधन है और इससे आपकी किसी भी की समस्या का समाधान हो सकता है।
काम में बाधा को रोकने में सहायक
आपके किसी काम में रुकावट आ रही है ? तो यह उसको दूर करने में मदद करता है। कभी भी कोई समस्या आपको परेशान करे तो यह आपकी मदद करने सहायक है। जैसे की आपकी कामयाबी में रुकावट , शादी में रुकावट , पढ़ाई लिखाई में रुकावट , इत्यादि। यह सब का समाधान आपको आसानी से मिल जाएगा। आपको एक फ़ोन मिलाना है जे डी शास्त्री जी को। वह आपकी समस्या का समाधान आसानी से दे सकते है।
सौंफ का वशीकरण मंत्र
सौंफ से वशीकरण करने के लिए ज्योतिष जे डी शास्त्री जी कुछ मंत्र बताते है जो की हर इंसान की जरूरत के हिसाब से ��लग अलग हो सकते है। इसलिए आपको अपनी समस्या को पंडित जी से साँझा करना होगा। तभी आपकी समस्या का समाधान आपको मिल सकता है। आप अपने जीवन की किसी भी तरह की समस्या का समाधान चुटकियो में पा सकते है। क्योंकि पूरी 100% गारंटी के साथ आपकी समस्या का समाधान आपको मिलेगा।
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मुरली का सार:-“मीठे बच्चे - सतगुरू का सहज वशीकरण मंत्र तुम्हें मिला हुआ ...
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Shadi Todne Ka Totka शादी तोड़ने का टोटका
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Shadi Rokne Ka Mantra शादी रोकने का महामंत्र कौनसा है
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Rishta Todne Ka Upay रिश्ता तोड़ने का उपाय कौनसा है
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अगर आपके लवर की शादी हो रही और आप उस शादी को तोडना चाहते है तो आप इस टोटके को कर सकते है
टोटका करने हेतु यह सामग्री इकट्ठी कर लें मिट्टी का कलश सूजी नीम के पत्ते मिट्टी का दीपक नींबू काला कपडा
गृहथमिक तंत्र के अनुसार Shadi Todne Ke Upay कर सकते है. यदि आपको तंत्र ग्रंथों के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है लेकिन यदि आप इन तंत्र ग्रंथों में वर्णित उपाय करना चाहते है तो हम तंत्र ग्रंथों का अध्यन्न करके आपके लिए नींबू से Shadi Todne Ke Upay टोटका लिख रहे है. अमावस्या की रात में आप ऊपर बताये सारे सामान को लेकर शमशान में चले जाएं तथा कलश को भूमि पर रखकर चारों तरफ पानी से एक चक्र बना लें. इसके बाद में आप उस कलश के अंदर एक मुट्ठी सूजी डाल लें तथा उस सूजी के ऊपर आप नीम के कुछ पत्ते रखकर छोड़ दें. नींबू से Shadi Todne Ke Upay का तांत्रिक प्रयोग कैसे करें? यदि आप तांत्रिक पद्धति से किसी की शादी तोड़ने या रोकने की सोच रहे है तो जानकारी आपकी मदद जरुर करेगी. इतना हो जाने के बाद में आप उस कलश ने भीतर एक मिट्टी का दीपक जलाकर छोड़ दें तथा उस कलश के अंदर सात बार उस व्यक्ति का नाम पुकारे ज��सकी शादी को तोडना या रोकना चाहते है. अब आप सात नींबू लेकर उस कलश के अंदर सूजी के ऊपर रख दें तथा अपने मन में वशीकरण के इस मंत्र का जाप कर लें.
मंत्र….. ॐ क्रं क्रीं क्रों कामाख्या देवी नमोः नमः
मैं नींबू से Shadi Todne Ke Upay करना चाहता/चाहती हूँ अतः मुझे कोई टोटका बताये? पिछले कुछ समय से हम सोच रहे है नींबू से Shadi Todne Ke Upay करने वाले टोटके के बार में बात की जाये लेकिन समय के चलते हम ऐसा नहीं कर पाए किन्तु आज हमसे समय निकालकर इस टोटके को लिखा है. मंत्र को बोल लेने के बाद में आप सभी नींबू को कलश से बाहर निकाल लें तथा सभी के ऊपर अपने मुख की लार से उस व्यक्ति का नाम लिख दें जिसकी शादी को खंडित करना चाहते है. अब उन सभी नींबू को काटकर उस कलश के अंदर निचोड़ दें तथा उस कलश के मुहं पर एक काला कपडा बांध दें. नींबू से Shadi Todne Ke Upay करने हेतु कौनसा मुहूर्त श्रेष्ठ होता है? यदि आप नींबू से वशीकरण करना चाह रहे है तो आप इस हेतु नक्तनकरा मुहूर्त का चयन कर सकते है ताकि आपको आपके परिश्रम का फल जल्द से जल्द मिल सके. अब आप अपने स्थान से खड़े हो जाएं तथा उस कलश को हाथ में लेकर किसी चिता के परिक्रमा कर लें तथा इस कलश को उस व्यक्ति के घर के बाहर रख दें जिसकी शादी को तोडना हो. यदि कोई व्यक्ति इस विधि को कर लेगा तो केवल 07 दिन में अपने प्रेमी या प्रेमिका की शादी को तोड़ पायेगा।
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चमत्कारी प्राचीन लोना चमारी lona chamari साधना शाबर मंत्र lona chamari ph.85280 57364
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लोना चमारी साधना lona chamari sadhna
लोना चमारी lona chamari का भोग
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लोना चमारी lona chamari साधना के लाभ
चमत्कारी प्राचीन लोना चमारी lona chamari साधना शाबर मंत्र lona chamari – पलभर में सिद्ध करे सभी काम, कामरु देश लूना चमारी साधना गुरु मंत्र साधना .कॉम में आपका हार्दिक स्वागत है । दोस्तों तंत्र मंत्र में जहां 52वीर 56 कलवा चौसठ योगिनी का बहुत बड़ा स्थान है साथ में लोक देवताओं का स्थान है । जिसमें गोगा जाहरवीर मीरा पहलवान और भी हमारे बहुत सारे लोक देवता का स्थान है ! lona chamari
और भी हमारे देवता हो बाबा नागार सेन हो चाहे ग्राम खेड़े हो चौक चौराहे वाली माता हो उसी प्रकार एक ऐसी तंत्र की देवी हैं जिनको लूना चमारी के नाम से जाना जाता है । लूना जोगन के नाम से जाना जाता है जो कामरु देश कामाख्या की हैं अपने आप में असीम शक्तियों को समाहित करने वाली यह देवी एक बहुत बड़ी जादूगरनी के नाम पर बहुत बड़ी जादूगरनी के रूप में पूजी जाती हैं । जिसमें बहुत सारे लोगों के घर की कुलदेवी के रूप में पूजते हैं ,तो कुछ लोगों की देवी कहीं जाती है ।
लूना जोगन को लूणा जोगन इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इनके जो गुरु थे । इस्माइल जोगी थे तो जिस तरीके से नाथ परंपरा चली गुरु गोरखनाथ के बाद उनके शिष्य थे । वह नाथ कहलाए चौरंगीनाथ भरतरी नाथ उसी प्रकार से इस्माइल जोगी की जो शिष्या थी । वह लूना चमारी और लूना जोगन के नाम से प्रसिद्ध हुई । जिनका नाम आज तंत्र की दुनिया में बड़े सम्मान से लिया जाता है ,और साथ-साथ जितने भी शाबर मंत्र हैं उन शाबर मंत्रों में लूना चमारी का एक विशेष स्थान है ।
अगर लूना चमारी की आन किसी मंत्र में दे दी जाए शाबर मंत्र में तो निश्चित रूप ��े उस देवता को वह कार्य करना पड़ता है । या फिर उस देवता को अपनी शक्ति का अंश प्रदान करना पड़ता है, यह बहुत बढ़िया जादूगरनी थी इनाम तांत्रिक कह सकते हैं । जिन्होंने बहुत सारी साधना की थी और साथ साथ में गुरु गोरखनाथ जी को खुश किया था । गुरु गोरखनाथ जी से 56 कलवो का वरदान प्राप्त किया था । मां भगवती मां दुर्गा की साधना करके इन्होंने असीम शक्तियां हासिल की थी और गुरु इस्माइल जोगी उनसे इन्होंने बहुत सारी कलाएं बहुत सारी तंत्र मंत्र की दीक्षा जो है वह ग्रहण की थी ।
जब इन के पास ५६ कालवे आ गए थे तो बहुत काम करने के लाइक हो गई थी । बहुत सारे कार्य को करने में सक्षम हो गई मैं आपको बता दूं जब 56 कलवे जैसे हम बोलते हैं गोगा जाहरवीर के पास में गोगा जाहरवीर जी महाराज से पांच बावरियों को 56 कलवे मिले उन पांच बावरियों का 56 कलवे प्रदान किए गए, तो अगर आपने उनकी कहानी पढ़ी हो तो जब उनके सर कट गए थे ।
तब भी वह युद्ध में लड़ते रहे थे और सा साथ में वह जैसे पीर अस्तबली उनके स्थान पर जाकर अमर हो गए और पांच बावरियों की कई स्थान है । जहां पर उनकी पूजा होती है चाहे सफीदों धाम मुरथल खेड़ा हो इसी प्रकार जब 56 कल्वो की जो शक्ति होती है ।
वह असीम होती है जिस जिस ने 56 कल्वो को प्राप्त किया है । उसका नाम इस जग में अमर हो गया है और यहां तक कि वह पूजनीय हो गया है अगर 56 कलवे कर लेते है । यह बहुत अद्भुत कार्य करते हैं जैसे कि किसी की खबर मंगवानी हो उनकी शक्ति के द्वारा किसी को पीड़ा देनी हो शमशान की शक्ति का काट करना हो वह बांधनी कोख खोलनी हो ।
हाजिरी मंगवानी हो मारण करना हो आकर्षण करना हो वशीकरण करना हो उच्चाटन करना हो । इस सभी क्रियाएं 56 कलुआ के द्वारा की जा सकती है और साथ ही किसी की भी पूछा देना किसी भगत के द्वारा वह भी 56 कलवे करते हैं उस कार्य को भी 56 कलवे सिद्ध करते हैं । 56 कलवे के द्वारा किसी भी व्यक्ति की सालों पुरानी बातें वह भगत खोल के रख सकता है
https://gurumantrasadhna.com/lona-chamari-sadhna/
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Shadi Todne Ka Upay सिर्फ 72 घंटे में जादू
Shadi Todne Ke Upay शादी तोड़ने के उपाय कैसे करें
Shadi Todne Ka Upay शादी तोड़ने का उपाय कैसे करें
Shadi Todne Ka Totka शादी तोड़ने का टोटका कैसे करें
Shadi Todne Ke Totke शादी ��ोड़ने के टोटके कैसे करें
Shadi Rokne Ke Upay शादी रोकने के उपाय कैसे करें
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Shadi Rokne Ka Totka शादी रोकने का टोटका कैसे करें
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Sagai Todne Ke Upay सगाई/मंगनी तोड़ने के उपाय कैसे करें
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Rishta Todne Ka Totka रिश्ता तोड़ने का टोटका कैसे करें
Rishta Todne Ka Upay रिश्ता तोड़ने का उपाय इन हिंदी कैसे करें
Shadi Tudwane Ka Totka शादी तुड़वाने का टोटका कैसे करें
Kisi Ki shadi Todne Ka Upay कैसे करें
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Kisi Ki Shadi Ya Rista Todne Ka Totka कैसे करें
बस यह टोटका सभी से छिपकर कर लोगे तो आपके Bf या Gf की शादी सिर्फ 05 दिन में टूट जाएगी
टोटका करने हेतु यह सा��ग्री ले आयें गुड़ कोयला कपूर नींबू सिंदूर रुई
Shadi Todne Ke Upay पुरश्चरणरसोल्लास तंत्र में लिखित है. यदि आप तंत्र में नींबू का उपयोग करके शादी तोडना चाहते है तो यह टोटका अवश्य ही आपकी सहायता करके उस व्यक्ति की शादी को कुछ ही समय में तोड़ या रोक देगा. शनिवार वाले दिन रात्रि में जब सभी सो जाएं तो आप गुड़ से चाशनी का निर्माण कर लें तथा उस चाशनी को ठंडा करके अपने पास रख लें. इतना हो जाने के बाद में आप उस चाशनी की मदद से जमीन पर उस इंसान का नाम लिख दें शादी तोड़नी हो या शादी रोकनी हो. अब आप कोयला लेकर उनको कूटकर बारीक पीस लें तथा नाम के ऊपर कोयले को अच्छे से लगाकर एक कटोरी में तीन कपूर जला दें. नींबू से shadi todne ke upay कैसे करें? यदि आप तांत्रिक साधना की मदद से वशीकरण का मार्ग बनाने के सोच रहे है तो हमारा यह टोटका निश्चित ही आपका सहयोग करेगा. अब आप एक नींबू लेकर जमीन पर लिखे नाम के ऊपर से घुमाते हुए इस मंत्र का जाप कर लें.
नींबू से shadi todne ke upay का मंत्र….. ॐ क्रीं श्रीं चाण्डालिनी फट स्वः
नींबू से shadi todne ke upay का मंत्र कौनसा है? यदि आप कोई ऐसा मंत्र करना चाहते है जो की नींबू के ऊपर पढ़कर किसी की शादी को आसानी से तोडा या रोका जा सके तो आप ऊपर लिखे मंत्र को कम से कम 108 जाप कर लें. मंत्र को पढ़ने के बाद आप नींबू के ऊपर अपने मुख से 21 श्वास छोड़ें तथा उस नींबू को दो बराबर भागों में काटकर नाम के ऊपर रख दें. यहाँ तक का प्रयोग हो जाने के बाद में आप आप नींबू के दोनों भागों के ऊपर सिंदूर से तिलक कर दें तथा दोनों भागों को उस नाम के ऊपर निचोड़ दें. नींबू से करना तंत्र की सबसे महानतम विधियों में से एक माना जाता है जिसके पूर्ण होने पर कोई भी व्यक्ति अपने निकटतम व्यक्ति की शादी को आसानी से तोड़ या रोक सकता है. नींबू से shadi todne ke upay कैसे करते है? टोने तथा टोटके में विश्वास रखने वाले यदि इस विधि को करेंगे तो शादी तोड़ने की साधना को प्राप्त कर सकते है. इतना हो जाने के बाद आप उस जगह के ऊपर रुई को रख दें ताकि लिखा हुआ नाम दिखाई न दें तथा आप उस स्थान से दूर हो जाएं. इस टोने-टोटके को नींबू से करके शादी को तोडा जा सकता है.
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