#वट सावित्री व्रत कब है
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Vat Savitri Vrat Puja Kab Hai - Know The Importance and Method of Worship | Bhakti Aanand
According to Hindu scriptures, Vat Savitri Vrat is observed on the Amavasya Tithi of Jyeshtha month. Women observe Vat Savitri Vrat with full devotion for the long life of their husbands as well as to attain happiness and prosperity. Apart from this, the banyan tree is worshipped with rituals on this day. Today we are going to give you information about the importance and method of worship of Vat Savitri Vrat.
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Jyeshtha Amavasya 2024: कब है ज्येष्ठ माह की अमावस्या जानिए तिथि और शुभ मुहूर्तJyeshtha Amavasya 2024 अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है। साल में 12 अमावस्याएं होती हैं, सभी का अपना-अपना महत्व होता है लेकिन ज्येष्ठ अमावस्या सबसे खास मानी जाती है। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी मनाया जाता है।
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वट सावित्री व्रत कब है 2024 में | Vat Savitri Vrat 2024 Date Time | Vat ...
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जाने कब है वट सावित्री व्रत
जाने कब है वट सावित्री व्रत
ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन हिंदू धर्म में वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखमय जीवन के लिए व्रत रखती हैं और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करती हैं। इस दिन वट के वृक्ष की पूजा का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है ,और वट के वृक्ष की परिक्रमा कर पति की लंबी आयु की प्रार्थना करते हैं। बता दें कि इस साल वट सावित्री का…
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Vat Savitri Vrat Date Time: कब है वट सावित्री व्रत? जानें डेट, पूजा मुहूर्त, विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट
Vat Savitri Vrat Date Time: कब है वट सावित्री व्रत? जानें डेट, पूजा मुहूर्त, विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट
Vat Savitri Vrat 2021 Date Time: हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद ख़ास स्थान रखता है. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलायें अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. इसके अलावा सुहागिन महिलाएं यह व्रत अखंड सौभाग्य एवं संतान प्राप्ति के लिए रखती है. वट सावित्री व्रत, हर साल ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को रखा जाता है. मान्यता है कि इस…
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2020 में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें पूरे साल की लिस्ट
चैतन्य भारत न्यूज साल 2020 यानी नए साल के आते ही हर कोई जानना चाहता है कि कौन-सा त्योहार कब पड़ रहा है। इसलिए हम आपको वैदिक ज्योतिष कैलेंडर के अनुसार साल 2020 में पड़ने वाले त्योहार और व्रत की तारीख के बारे में बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं इस नववर्ष में कौन सा त्योहार कब पड़ेगा? (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जनवरी 2020 के त्योहार 6 जनवरी, सोमवार पौष पुत्रदा एकादशी 10 जनवरी, शुक्रवार पौष पूर्णिमा 11 जनवरी,शनिवार चंद्र ग्रहण 13 जनवरी,सोमवार सकट चौथ 15 जनवरी,बुधवार मकर संक्रांति, पोंगल 20 जनवरी, सोमवार षट्तिला एकादशी 23 जनवरी, गुरुवार मासिक शिवरात्र�� 24 जनवरी, शुक्रवार मौनी अमावस्या 29 जनवरी, बुधवार वसंत पंचमी फरवरी 2020 के त्योहार 1 फरवरी, शनिवार रथ सप्तमी 2 फरवरी, रविवार भीष्म अष्टमी 5 फरवरी,बुधवार जया एकादशी 9 फरवरी,रविवार माघ पूर्णिमा 13 फरवरी, गुरुवार कुंभ संक्रांति 19 फरवरी, बुधवार विजया एकादशी 20 फरवरी, गुरुवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 21 फरवरी, बुधवार महाशिवरात्रि 23 फरवरी, रविवार फाल्गुन अमावस्या मार्च 2020 के त्योहार 6 मार्च, शुक्रवार आमलाकी एकादशी 9 मार्च, सोमवार छोटी होली, होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा 10 मार्च, मंगलवार होली 14 मार्च, शनिवार मीन संक्रांति 16 मार्च,सोमवार शीतला अष्टमी, बसोड़ा 19 मार्च,गुरुवार पापमोचनी एकादशी 21 मार्च, शनिवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 22 मार्च, रविवार मासिक शिवरात्रि 24 मार्च, मंगलवार चैत्र अमावस्या 25 मार्च, बुधवार चैत्र नवरात्रि प्रारंभ, गुडी पडवा 27 मार्च, शुक्रवार गौरी पूजा, गणगौर 30 मार्च, सोमवार यमुना छठ अप्रैल 2020 के त्योहार 2 अप्रैल, गुरुवार राम नवमी, स्वामी नारायण जयंती 3 अप्रैल, शुक्रवार चैत्र नवरात्रि पारणा 4 अप्रैल, शनिवार कामदा एकादशी 5 अप्रैल रविवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 8 अप्रैल, बुधवार हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा 10 अप्रैल, शुक्रवार गुड फ्राइडे 11 अप्रैल, शनिवार संकष्टी चतुर्थी 13 अप्रैल, सोमवार मेष संक्रांति 18 अप्रैल,शनिवार वरुथिनी एकादशी 20 अप्रैल,सोमवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 21 अप्रैल,मंगलवार मासिक शिवरात्रि 22 अप्रैल,बुधवार वैशाख अमावस्या 25 अप्रैल,शनिवार परशुराम जयंती 26 अप्रैल, रविवार अक्षय तृतीया 30 अप्रैल,गुरुवार गंगा सप्तमी मई 2020 के त्योहार 2 मई,शनिवार सीता नवमी 3 मई,रविवार मोहिनी एकादशी 4 मई,सोमवार गौण मोहिनी एकादशी 5 मई, मंगलवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 7 मई, गुरुवार वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा 10 मई, रविवार संकष्टी चतुर्थी 8 मई,शुक्रवार नारद जयंती 14 मई,गुरुवार वृषभ संक्रांति 18 मई,सोमवार अपरा एकादशी 19 मई, मंगलवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 20 मई, बुधवार मासिक शिवरात्रि 22 मई,शुक्रवार शनि जयंती, वट सावित्री व्रत 24 मई,रविवार ईद उल फितर जून 2020 के त्योहार 1 जून, सोमवार गंगा दशहरा 2 जून, मगलवार निर्जला एकादशी 3 जून, बुधवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 5 जून, शुक्रवार ज्येष्ठ पूर्णिमा, वट पूर्णिमा व्रत 6 जून,शनिवार चंद्र ग्रहण 8 जून, सोमवार संकष्टी चतुर्थी 14 जून, रविवार मिथुन संक्रांति 17 जून, बुधवार योगिनी एकादशी 18 जून, गुरुवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 19 जून, शुक्रवार मासिक शिवरात्रि 21 जून, रविवार सूर्य ग्रहण 23 जून, मंगलवार जगन्नाथ रथ यात्रा जुलाई के त्योहार 1 जुलाई, गुरुवार देवशयनी एकादशी 2 जुलाई गुरुवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 5 जुलाई, रविवार अषाढ़ पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण 16 जुलाई, गुरुवार कमिका एकादशी, कर्क संक्रांति 8 जुलाई, बुधवार संकष्टी चतुर्थी 16 जुलाई, गुरुवार कामिका एकादशी , कर्क संक्रांति 18 जुलाई, शनिवार मासिक शिवरात्रि , प्रदोष व्रत (कृष्ण) 20 जुलाई, सोमवार सोमवती अमावस्या 23 जुलाई,गुरुवार हरियाली तीज 25 जुलाई, शनिवार नाग पंचमी 30 जुलाई,गुरुवार श्रावण पुत्रदा एकादशी अगस्त 2020 के त्योहार 1 अगस्त,शनिवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 3 अगस्त, सोमवार श्रावण पूर्णिमा, रक्षाबंधन, राखी, गायत्री जयंती 6 अगस्त, मंगलवार कजरी तीज 7 अगस्त, शुक्रवार संकष्टी चतुर्थी 11 अगस्त, मंगलवार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 12 अगस्त, बुधवार जन्माष्टमी 15 अगस्त,शनिवार अजा एकादशी 16 अगस्त,रविवार सिंह संक्रांति 17 अगस्त, सोमवार मासिक शिवरात्रि 19 अगस्त, बुधवार भाद्रपद अमावस्या 21 अगस्त, शुक्रवार हरतालिका तीज 22 अगस्त, शनिवार गणेश चतुर्थी 23 अगस्त, रविवार ऋषि पंचमी 26 अगस्त, बुधवार राधाष्टमी 29 अगस्त, शनिवार परस्व एकादशी 30 अगस्त, प्रदोष व्रत (शुक्ल) 31 अगस्त, सोमवार ओणम सितंबर 2020 के त्योहार 1 सितम्बर, मंगलवार अनंत चतुर्दशी, गणेश विसर्जन 2 सितम्बर,बुधवार भाद्रपद पूर्णिमा, पितृ पक्ष प्रारंभ 5 सितम्बर, शनिवार संकष्टी चतुर्थी 13 सितम्बर,रविवार इंदिरा एकादशी 15 सितम्बर, मंगलवार मासिक शिवरात्रि , प्रदोष व्रत (कृष्ण) 16 सितम्बर, बुधवार कन्या संक्रांति, विश्वकर्मा पूजा 17 सितम्बर, गुरुवार सर्व पितृ अमावस्या 18 सितम्बर,शुक्रवार मुहर्रम 27 सितम्बर,रविवार पद्मीनी एकादशी 29 सितम्बर, मंगलवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) अक्टूबर 2020 के त्योहार 1 अक्टूबर, गुरुवार आश्विन अधिक पूर्णिमा 5 अक्टूबर, सोमवार संकष्टी चतुर्थी 13 अक्टूबर,शनिवार परम एकादशी 14 अक्टूबर, बुधवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 15 अक्टूबर,गुरुवार मासिक शिवरात्रि 16 अक्टूबर, शुक्रवार अमावस्या 17 अक्टूबर, शारदीय नवरात्रि प्रारंभ, तुला संक्रांति 21 अक्टूबर, बुधवार कल्परम्भ 24 अक्टूबर,शनिवार दुर्गा अष्टमी, महानवमी 25 अक्टूबर,रविवार दशहरा, विजयादशमी 27 अक्टूबर, मंगलवार पापांकुशा एकादशी 30 अक्टूबर, शुक्रवार कोजागरी पूजा, शरद पूर्णिमा नवंबर 2020 के त्योहार 4 नवबंर, बुधवार करवा चौथ 8 नवबंर, रविवार अहोई अष्टमी 11 नवबंर, बुधवार रमा एकादशी 12 नवबंर, गुरुवार गोवत्स द्वादशी 13 नवबंर, शुक्रवार धनतेरस, काली चौदस 14 नवबंर, शनिवार नरक चतुर्दशी, दिवाली, लक्ष्मी पूजा 15 नवबंर, रविवार गोवर्धन पूजा 16 नवबंर, सोमवार भैया दूज, वृश्चिक संक्रांति 20 नवबंर, शुक्रवार छठ पूजा 24 नवबंर, मंगलवार कंस वध 25 नवबंर, बुधवार देव उठनी एकादशी 26 नवबंर, गुरुवार तुलसी विवाह 30 नवबंर, सोमवार कार्तिक पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण दिसंबर 2020 के त्योहार 7 दिसंबर, सोमवार काल भैरव जय��ती 10 दिसंबर, गुरुवार उत्पन्ना एकादशी 11 दिसंबर, शुक्रवार गौण उत्पन्ना एकादशी 14 दिसंबर, सोमवार सोमवती अमावस्या, सूर्य ग्रहण 15 दिसंबर, मंगलवार मलमास प्रारंभ 25 दिसंबर, शुक्रवार क्रिसमस 30 दिसंबर, बुधवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा ये भी पढ़े... वार्षिक राशिफल 2020: जानिए नए साल में किसकी चमकेगी किस्मत और किसे करना पड़ेगा मुसीबतों का सामना ये है भगवान गणेश का अनोखा मंदिर, जहां चोर करते थे चोरी के माल का बंटवारा, बप्पा को भी देते थे हिस्सा इस देश में भभकते ज्वालामुखी पर पिछले 700 साल से विराजमान हैं भगवान गणेश Read the full article
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कब है वट सावित्री व्रत? जानें व्रत कथा और इसका महत्व-
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को किया जाता है. इस दिन सुहागन स्त्रियां बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. वट सावित्री व्रत सौभाग्य प्राप्ति के लिए एक बड़ा व्रत माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल वट सावित्री व्रत 10जून दिन गुरूवार को रखा जाएगा...
क्या है वटवृक्ष का महत्व?
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, वटवृक्ष के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु तथा अग्रभाग में शिव का वास माना गया है. वट वृक्ष यानी बरगद का पेड़ देव वृक्ष माना जाता है. देवी सावित्री भी इस वृक्ष में निवास करती हैं. मान्यताओं के अनुसार, वटवृक्ष के नीचे सावित्री ने अपने पति को पुन: जीवित किया था. तब से ये व्रत ‘वट सावित्री’ के नाम से जाना जाता है. इस दिन विवाहित स्त्रियां अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए वटवृक्ष की पूजा करती हैं. वृक्ष की परिक्रमा करते समय इस पर 108 बार कच्चा सूत लपेटा जाता है. महिलाएं सावित्री-सत्यवान की कथा सुनती हैं. सावित्री की कथा सुनने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और पति के संकट दूर होते हैं.
वट सावित्री व्रत कथा-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावित्री, मद्रदेश में अश्वपति नाम के राजा की बेटी थी. विवाह योग्य होने पर सावित्री को वर खोजने के लिए कहा गया तो उसने द्युमत्सेन के पुत्र सत्यवान का जिक्र किया. ये बात जब नारद जी को पता चली तो वे राजा अश्वपति से बोले कि सत्यवान अल्पायु हैं और एक वर्ष बाद ही उसकी मृत्यु हो जाएगी. ये जानकर भी सावित्री विवाह के लिए अड़ी रही. सावित्री के सत्यवान से विवाह के पश्चात सावित्री सास-ससुर और पति की सेवा में लगी रही. नारद जी ने मृत्यु का जो दिन बताया था, उस दिन सावित्री भी सत्यवान के साथ वन में चली गई. वन में सत्यवान जैसे ही पेड़ पर चढ़ने लगा, उसके सिर में असहनीय दर्द शुरू हो गया. वो सावित्री की गोद में अपना सिर रखकर लेट गया. कुछ देर बाद सावित्री ने देखा यमराज अनेक दूतों के साथ वहां पहुंचे और वे सत्यवान के अंगुप्रमाण जीव को लेकर दक्षिण दिशा की ओर चल दिए.
सावित्री को अपने पीछे आते देख यमराज ने कहा, हे पतिपरायणे! जहां तक मनुष्य साथ दे सकता है, तुमने अपने पति का साथ दे दिया. अब तुम लौट जाओ. सावित्री ने कहा, जहां तक मेरे पति जाएंगे, वहां तक मुझे जाना चाहिए. ये मेरा पत्नि धर्म है. यमराज ने सावित्री की धर्मपरायण वाणी सुनकर वर मांगने को कहा. सावित्री ने कहा, मेरे सास-ससुर अंधे हैं, उन्हें नेत्र-ज्योति दें.
यमराज ने ‘तथास्तु’ कहकर उसे लौट जाने को कहा, किंतु सावित्री उसी प्रकार यमराज के पीछे चलती रही. यमराज ने उससे पुन: वर मांगने को कहा. सावित्री ने वर मांगा, मेरे ससुर का खोया हुआ राज्य उन्हें वापस मिल जाए. यमराज ने ‘तथास्तु’ कहकर उसे फिर से लौट जाने को कहा, परंतु सावित्री नहीं मानी. सावित्री की पति भक्ति व निष्ठा देखकर यमराज पिघल गए. उन्होंने एक और वर मांगने के लिए कहा. तब सावित्री ने वर मांगा, मैं सत्यवान के पुत्रों की मां बनना चाहती हूं. कृपा कर आप मुझे यह वरदान दें.
सावित्री की पति-भक्ति से प्रसन्न हो इस अंतिम वरदान को देते हुए यमराज ने सत्यवान को पाश से मुक्त कर दिया और अदृश्य हो गए. सावित्री अब उसी वट वृक्ष के पास आई. वट वृक्ष के नीचे पड़े सत्यवान के मृत शरीर में जीव का संचार हुआ और वह उठकर बैठ गया. सत्यवान के माता-पिता की आंखें ठीक हो गईं और उन्हें उनका खोया हुआ राज्य वापस मिल गया.
शुभ मुहूर्त-
वट सावित्री अमावस्या गुरुवार, 10 जून 2021
अमावस्या तिथि प्रारंभ- 9 जून 2021 दोपहर 01:57 से
अमावस्या तिथि समाप्त- 10 जून 2021 शाम 04:22 तक
व्रत पारण तिथि- 11 जून 2021 शु���्रवार
कोरोना महामारी में कैसे करें पूजा?
कोरोना काल के चलते अगर आप बरगद के पेड़ की पूजा करने नहीं जा सकते हैं तो अपने घर पर ही त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा कर सकते हैं. इसके अलावा, बरगद के पेड़ की टहनी तोड़ कर उसे गमले में लगा लें और विधिवत इसकी पूजा करें. पूजा में जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, फूल और धूप का इस्तेमाल करें. सबसे पहले वट वृक्ष की पूजा करें. फिर सावित्री-सत्यवान की कथा सुने और दूसरों को भी सुनाएं. अब फिर भीगा हुआ चना, कुछ धन और वस्त्र अपनी सास को देकर आशीर्वाद लें. पूजा के बाद किसी जरूरतमंद विवाहित स्त्री को सुहाग का सामान दान करें. इसके अलावा, किसी ब्राह्मण को वस्त्र और फल भी दान कर सकते हैं.
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Vat Savitri Vrat 2024 Kab Hai: वट सावित्री व्रत कब है,जानें तिथि और शुभ मुहूर्तVat Savitri Vrat 2024 Kab Hai: वट सावित्री व्रत जेष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार वट सावित्री व्रत 6 जून, गुरुवार को मनाया जाएगा। इसके साथ पौराणिक सत्यवान सावित्री की कथा जुड़ी हुई है।
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Vat Savitri 2020: 22 मई को है वट सावित्री व्रत, जानिए पूजा की पूरी विधि और मुहूर्त और महत्व
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17 मार्च 2020
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Vat Savitri Vrat 2021: आज है वट सावित्री व्रत, कब और कैसे करें उत्तम पूजा, यहां विधि, व्रत कथा, नियम, मुहूर्त और सब कुछ जानें
Vat Savitri Vrat 2021: आज है वट सावित्री व्रत, कब और कैसे करें उत्तम पूजा, यहां विधि, व्रत कथा, नियम, मुहूर्त और सब कुछ जानें
Vat Savitri Vrat 2021 Puja Vidhi: उत्तर भारत में वट सावित्री व्रत का बहुत महत्त्व है. इसमें सुहागिन महिलाएं व्रत रखकर सावित्री देवी के साथ वट वृक्ष की पूजा करती हैं. मान्यता है कि सुहागिन महिलाएं यह व्रत पति की लंबी उम्र और संतान प्राप्ति के लिए रखती है. इस व्रत का महत्त्व करवा चौथ जैसा होता है. कब और कैसे करें उत्तम पूजा शुभ मुहूर्त: अमावस्या तिथि 10 जून को शाम 4 बजकर 22 मिनट तक है. परंतु आज…
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Vat Savitri 2020: कब है वट सावित्री व्रत, जानें मुहूर्त, व्रत विधि और धार्मिक महत्व
Vat Savitri 2020: कब है वट सावित्री व्रत, जानें मुहूर्त, व्रत विधि और धार्मिक महत्व
हिन्दू पंचांग के अनुसार वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को होता है। इस साल यह तिथि 22 मई को पड़ रही है। इसलिए वट सावित्री व्रत 22 मई को रखा जाएगा।
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