#वजन घटाने के लिए किस प्रकार का चिकन सबसे अच्छा है?
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ghareluayurvedicupay · 4 years ago
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वजन कम करने का तरीका
आज के भागती दौड़ती जिंदगी में खुद का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है। अगर आपका आज अच्छा है, तो कल को सही तरीके से बेहतर कर पाएंगे। आज के समय में शरीर को बीमारियों का घर कहा जा सकता है, तो ऐसे में सतर्क रहकर कार्य करें।
कई बीमारियों की वजह बढ़ता वजन  है। डॉक्टर के मुताबिक वजन कम कर लेने से भी कुछ हद तक समस्याओं से बचा जा सकता है। वजन कम करना आसान (wazan kam karne ka tarika) तो नहीं पर कोशिश जरूर की जा सकती है।
वजन कम करना क्यों है जरूरी
ऐसा माना जाता है कि बढ़ता हुआ वजन कई बीमारियों को बुलावा देता है। जिसमें मोटापा, शुगर ,हार्ट प्रॉब्लम मुख्य है। अगर आप के वजन पर कंट्रोल नहीं रखा गया तो कहीं ना कहीं यह सारी बीमारियां अपने विकराल रूप में आ जाती हैं। वजन कम करने से हमारी दैनिक, शारीरिक गतिविधि सही तरीके से सही दिशा में अग्रसर होती है। वजन नियंत्रित रखने से मेटाबॉलिज्म रेट सही रहता है इसलिए वजन पर पूरा ध्यान दें।
अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो हम आपको वजन कम करने के कारगर उपाय बताने जा रहे हैं आप जरूर उन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल कर लाभ लें।
कैसे करें वजन कम घरेलू तरीके से
अगर आप बढ़ते वजन से बहुत ज्यादा परेशान हैं, तो घरेलू रूप से उपाय किए जा सकते हैं। wazan kam karne ka tarika in hindi
1) नींबू और शहद
वजन कम करने (wazan kam karne) में इन दो सामग्री का मुख्य योगदान माना गया है। अगर आप सुबह खाली पेट गर्म नींबू पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर रोज पिएं इससे आपको जल्द ही फर्�� महसूस होगा।
2) सेब का सिरका
फल��ं में सेब फायदेमंद है लेकिन अगर आप सेब के सिरके में थोड़ा सा शहद मिला कर पिए तो वजन घटाने में मदद मिल सकती है। सेब में पेपरिन फाइबर वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3) पत्ता गोभी
पत्तागोभी को ज्यादा से ज्यादा सब्जियों और सलाद के रूप में उपयोग किया जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि पत्ता गोभी में उपस्थित टेरिटरिक एसिड कार्बोहाइड्रेट को वसा में परिवर्तित होने से रोक देता है। ऐसे में पत्ता गोभी को बहुत ज्यादा फ्राई नहीं करें तो बेहतर होगा।
4) अजवाइन पाउडर
अगर आप अजवाइन पाउडर को गर्म पानी में डालकर पिए तो इससे फायदा होगा। साथ में अगर शहद मिला लिया जाए तो और भी अच्छा होगा।
5) इलायची
अगर आप वजन कम करना चाहे तो रोजाना इलायची का सेवन करें। अगर रात में सोने से पहले इसे लिया जाए तो और भी फायदेमंद होगा। इलायची जमे हुए फैट को कम करती है और पाचन में सहायता करती है।
6) त्रिफला चूर्ण
इसमें त्रिफला चूर्ण आपके लिए फायदेमंद है। अगर आप  त्रिफला चूर्ण को रात में ही भीगा कर रख दे और सुबह तब तक उबालें जब तक वह आधा ना हो जाए। साथ ही इसमें एक चम्मच शहद भी मिलाएं। नियमित रूप से सेवन करने से वजन कम किया जा सकते हैं।
7) पुदीना
यह हमारी पाचन संबंधी समस्या को खत्म करती है। यदि पुदीना के रस  को पानी में घोलकर पिया जाए तो निश्चित रूप से ही आपको सफलता होगी।
8) आंवला
आंवला में विटामिन सी पाया जाता है और यह एंटी ऑक्सीडेंट भी है। यह मेटाबॉलिज्म को सही कर वजन कम करने में भी सहायक है। ऐसे में अगर आप रोजाना आंवले का सेवन करें तो आपके लिए फायदेमंद है।
9) हल्दी
हल्दी में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं। यह पोषक तत्व आयरन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, फाइबर होते हैं, जो शरीर से चर्बी को भी कम करते हैं।
10) सौफ
अगर आप सौफ हो बारीक पीस लें और उसे गुनगुने पानी के साथ पिए तो इससे बहुत ही ज्यादा फायदा होगा इसका उपयोग जरूर करें।
11) ग्रीन टी
अगर सोने से पहले ग्रीन टी पिया जाए तो इससे मेटाबॉलिज्म सही रहता है और वजन नियंत्रित रहता है लेकिन इसे बहुत ज्यादा सेवन करने से बचें।
वजन घटाने के बेहतरीन घरेलु नुस्खे
वजन कम करने के लिए खानपान का रखें ख्याल
अगर आप वजन कम करना (wazan kam karne) चाहते हैं, तो अपने खान-पान को व्यवस्थित रखें। कई सारे ऐसे आहार हैं, जो वजन बढ़ाने में सहायक हैं उन्हें पूरी तरह से ��्याग दें।
1)  वजन कम करने के लिए यदि आप जौ, बाजरा ,रागी ,मसूर,  आंवला, अंकुरित अनाज, उबली हुई सब्जियों का उपयोग करें तो फायदेमंद होता है।
2) इसके अलावा ककड़ी, गाजर, सेब, चुकंदर आवश्यक रूप से ले।
3) हमेशा मौसमी फलों का सेवन करें इसमें आपको ऊर्जा मिलेगी।
4) हमेशा दूध का सेवन करें दूध में कैल्शियम हैं, जो वजन को कम करने में सहायक है।
5) जब भी रात्रि का भोजन करें तो वह हल्का ही करें। हल्का भोजन जल्दी पचता है और इससे पाचन शक्ति भी मजबूत होती है।
6) रात में भोजन के बाद तुरंत नहीं सोना चाहिए। कम से कम 2 घंटे का अंतराल जरूर रखें।
7) भोजन कभी भी जल्दबाजी में ना करें अच्छे से चबा चबा कर ही भोजन करें।
अपने जीवन शैली में करें बदलाव
अगर आप वजन कम करना (wazan kam karne) चाहते हैं, तो निरंतर रूप से खानपान के अलावा अपनी जीवनशैली में भी बड़ा बदलाव करें।
1) सुबह उठे, आलस त्यागे और सैर पर जाएं।
2) अगर आप सुबह सुबह योग का अभ्यास करें इससे निश्चित रूप से ही आपको फायदा होगा।
3) वजन घटाने के लिए वसा युक्त पदार्थों से दूरी बना ले।
4) ज्यादा से ज्यादा भोजन में हरी सब्जियां, दही, दाल का उपयोग करें।
5) गुनगुने पानी का सेवन करें।
6) अगर आप सप्ताह में 1 दिन उपवास करें तो इससे भी फायदा होगा।
7) आपके लिए अंकुरित अनाज का सेवन करना फायदेमंद होगा।
8) नींद हमेशा 6 से 8 घंटे की ही लें।
7 दिन में पेट की चर्बी कम करने के तरीके
खाना खाना ना छोड़े
कई बार लोग गलतियां कर बैठते हैं वह यह कि वजन कम करने के चक्कर में खाना खाना ही छोड़ देते हैं। शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है ऐसे में आप खाना छोड़ कर खुद को मुसीबत में डाल रहे हैं। आप खाना जरूर खाएं। आपको यह याद र���ना है कि आप को संपूर्ण पोषक तत्वों से युक्त भोजन ही करना है। भले ही आप थोड़ा कम खाएं पर खाना छोड़ देना सही नहीं है।
अगर आप खाना छोड़ते हैं, तो शरीर में कमजोरी आ जाएगी। यह भी ध्यान रखने योग्य है खाना भरपेट न खाए बल्कि पेट से थोड़ा कम ही खाएं तब बेहतर फायदा देखा जा सकेगा।
वजन कम करने के लिए बनाए बेहतरीन जूस
अगर आप वजन कम करना चाह रहे हैं लेकिन अपने खानपान में नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसे में आप इस जूस से भी अपना वजन कम कर सकते हैं। इसे बनाना बेहद ही आसान है और सारी सामग्री घर में ही मिल जाती है।
जूस बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
खीरा — एक, धनिया पत्ती — आधी कटोरी, नींबू का रस — एक चम्मच, एलोवेरा रस — 1 बड़ा चम्मच ,अदरक — कीसा हुआ, पानी — एक गिलास
आप सारी सामग्री को मिक्सी में पीस लें और उसे छानकर पी लें। इस बात ��ा ध्यान रहे कि इसमें नमक ना मिला हो।
लौकी का जूस
इसी प्रकार लौकी के रस से भी आप अपना वजन कम कर सकते हैं। आयुर्वेदिक में भी लौकी के जूस को फायदेमंद बताया गया है।
सबसे पहले आप लोकी को छीलकर किस लें। एक गिलास पानी के साथ उसे मिक्सी में पीस लें।  अब उसे छान ले। आप चाहे तो उसमें सेंधा नमक डाला जा सकता है। इस जूस को रोजाना पीने से बहुत ही जल्द फायदा होता है इसे आप जरूर आजमाएं।
वजन कम करने के लिए महत्वपूर्ण डाइट
जब भी वजन कम करने की सोचते हैं, तो एक डाइट चार्ट का होना जरूरी है जो आपकी मदद कर सके।
1) सुबह का ड्रिंक — अगर आप सुबह-सुबह गुनगुना पानी ��िए तो निश्चित रूप से फायदेमंद होगा।
2) नाश्ता — नाश्ता वजन कम करने के लिए कम कैलोरी का करें। जिसमें ओट्स, दलिया, ब्राउन ब्रेड, आमलेट लिया जा सकता है।
3) स्नैक्स — ऐसा भी होता है कि आपको स्नेक्स लेने का मन करें। ऐसे में आप दो बिस्किट और ग्रीन टी ले सकते हैं। वजन कम करने के लिए से तरबूज, केला, संतरा भी लिया जा सकता है।
4) लंच — दोपहर के खाने में भी कैलोरी का विशेष ध्यान रखना होगा। ऐसे में आप ब्राउन राइस, फिश, दाल ,ब्रोकली, उबली सब्जी, रोटी ले सकते हैं। साथ ही साथ रायता ,सलाद, हरी सब्जी और दाल लेना भी अनिवार्य है। ऐसे में आप व्हाइट ब्रेड ना ले और कम से कम तेल का उपयोग करें।
5) शाम का नाश्ता — कभी-कभी शाम को भी जोरों की भूख लग जाती है तो आप थोड़े ड्राई फ्रूट्स, उबले अंडे, ग्रिल्ड सेंडविच, फल ले सकते हैं।
6) डिनर — एक बात याद रखें कि डिनर  हल्का ही ले। इसके लिए आप चावल, चपाती, चिकन, राजमा ले सकते हैं।
7) सोने से पहले — अगर आप सोने से पहले ऐसा ड्रिंक ले जो वजन कम करने में सहायक हो तो अच्छा होगा।
उम्र के हिसाब से क्या हो सही डाइट चार्ट
वजन कम करने के लिए डाइट चार्ट का पालन करना जरूरी है लेकिन यदि उम्र के हिसाब से नया डाइट चार्ट बनाया जाए तो और भी फायदेमंद होगा।
1) 20 – 30  वर्ष — यह उम्र नाजुक उम्र है जिसमें सभी प्रकार का आहार लेना अनिवार्य है। इसमें कैल्शियम, आयरन, फालेट होना बहुत जरूरी है। अगर आप दूध, दही, पालक, दाल, मूंगफली, बींस को अपने आहार में शामिल करें, तो बहुत ही फायदेमंद होगा।
2) 30 – 40 वर्ष —  इस उम्र में थोड़ी शारीरिक परेशानी आ जाती है और अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो मैग्नीशियम की मात्रा का जरूर समावेश करें। आप बादाम, पालक, काजू, दही और सभी सब्जियों का उपयोग जरूर करें।
3) 40 — 50 वर्ष — बढ़ती उम्र में वजन करने में बहुत मुश्किल हो सकती हैं। ऐसे में आप विटामिन सी, विटामिन ई युक्त आहार के साथ सब फल, ब्रोकली,  टमाटर ,पीनट बटर, सनफ्लावर तेल, हरी सब्जी ,बादाम, गाजर ले तो बहुत ही फायदेमंद होगा।
4) 50 से ज्यादा ��र्ष — इस उम्र में हड्डियां कमजोर हो जाती है इसलिए कैल्शियम और विटामिन डी आहार में जरूर शामिल करें। हड्डियों को मजबूत करने के लिए मछली, चिकन, लो फैट मिल्क, दही, चीज़ का भरपूर उपयोग करें। इस उम्र में वजन कम करने के बारे में गंभीरता से सोचते हुए निर्णय ले।
निष्कर्ष
वजन कम करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अगर धैर्य और लगन के साथ इसे किया जाए तो निश्चित रूप से आपको सफलता मिलेगी। वजन कम करने में कुछ समय लग सकता है ऐसे में आप कोशिश करते रहिए।
हमारे बताएं सुझावों को अमल में लाकर आपको फायदा होगा। जीवन में आने वाली हर परेशानियों का सामना दृढ़ता से करें और आगे बढ़े। साथ ही अपने परिवार का पूरा ख्याल रखें।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/wazan-kam-karne-ka-tarika/
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग – Intermittent Fasting For Weight Loss in Hindi
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वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग – Intermittent Fasting For Weight Loss in Hindi
बढ़ता वजन कई बीमारियों जैसे – मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी रोग और लिवर डिजीज का कारण बन सकता है (1)। ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते बढ़ते वजन को नियंत्रित किया जाए। इसके लिए व्यायाम, डाइटिंग और अन्य तरीकों के अलावा इंटरमिटेंट फास्टिंग का विकल्प भी कारगर हो सकता है। यह क्या है और यह कैसे आम फास्टिंग से अलग है, यह सभी जानकारी स्टाइलक्रेज के इस लेख में दी गई है। साथ ही वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग किस प्रकार मदद कर सकती है, यह भी इस लेख में बताया गया है। इसके अलावा, इंटरमिटेंट फास्टिंग में क्या खाना चाहिए और इसके नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं, यह भी इस लेख में बताया गया है।
आगे की जानकारी के लिए स्क्रॉल करें।
सबसे पहले जान लेते हैं कि इंटरमिटेंट ���ास्टिंग क्या होता है?
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इंटरमिटेंट फास्टिंग क्‍या है – What is Intermittent Fasting in Hindi
इंटरमिटेंट फास्टिंग, स्वस्थ जीवनशैली के लिए किए जाने वाले उपवास का एक तरीका है। डाइट से अलग यह खाने का एक पैटर्न है। इसमें उपवास करने का एक निर्धारित समय होता है। व्यक्ति अपनी सुविधा अनुसार उस निर्धारित समय का चुनाव कर इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू कर सकता है। इस उपवास में क्या खाना चाहिए, इससे ज्यादा ध्यान खाने के वक्त और उपवास की अवधि का रखा जाता है। इ��टरमिटेंट फास्टिंग के फायदे की बता करें तो यह स्वास्थ्य के लिए काफी हद तक लाभकारी हो सकती है। यह शरीर का वजन और शरीर की सूजन को कम करने के साथ-साथ अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है (2)।
जो लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग पहली बार करने जा रहे हैं, उन्हें नीचे बताई जा रही बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शुरुआती लोगों के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करने की टिप्स
जो लोग पहली बार इंटरमिटेंट फास्टिंग करने का सोच रहे हैं, वे नीचे बताई गईं बातों का पूरा ध्यान रखें।
कैलोरी का ध्यान रखें –  इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन पूरी तरह बंद नहीं किया जाता है, बल्कि उन्हें एक निर्धारित वक्त तक संतुलित मात्रा में लेने की जरूरत होती है (3)। ऐसे भोजन की मात्रा को सीमित करके या कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करके शरीर में कैलोरी को नियंत्रित किया जा सकता है।
शुरुआत करें कम वक्त के उपवास से – पहली बार इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले व्यक्ति शुरुआत में उपवास की अवधि को कम रख सकते हैं। साथ ही हफ्ते में एक या दो बार ही उपवास रखें। फिर धीरे-धीरे उपवास की अवधि को इंटरमिटेंट फास्टिंग की निर्धारित अवधि तक पहुंचाने का प्रयास करें।
उपवास के वक्त का ध्यान रखें – उपवास की अवधि को इस तरह से निर्धारित करें कि उस दौरान 7 घंटे की नींद मिल सके। ध्यान रहे कि सोने से तीन-चार घंटे पहले भोजन करें। उसके बाद सात से आठ घंटे की अच्छी नींद लें। इससे व्यक्ति 11 घंटे तक आसानी से उपवास कर पाएगा। अगर इस बीच उपवास की अवधि को बढ़ाना है, तो उठने के बाद एक से दो घंटे तक कुछ न खाएं।
खुद को हायड्रेट रखें – उपवास के दौरान व्यक्ति को खुद को हायड्रेट रखना भी जरूरी है। ध्यान रहे कि उपवास के दौरान सही मात्रा में पानी या अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें। खासकर वो जो पहली बार इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हैं।
डॉक्टर की सलाह – उपवास के दौरान किसी भी तरह की स्वास्थ्य परेशानी से बचने के लिए अच्छा होगा कि एक बार डॉक्टर या डायटीशियन से इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे बात कर ली जाए। डॉक्टर स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर इसे करने या न करने की सलाह दे सकता है। साथ ही, इस उपवास से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारी भी दे सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग को विस्तार से जानने के लिए आगे स्क्रॉल करें।
लेख के इस भाग में जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार और इसे करने का सही तरीका।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार और करने का सही तरीका – Ways To Do Intermittent Fasting in Hindi
अगर इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे लेने हैं तो इसके प्रकार और इसे करने का सही तरीका व्यक्ति को पता होना चाहिए। नीचे हम इस विषय पर जानकारी दे रहे हैं।
16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग – यह इंटरमिटेंट फास्टिंग का सबसे ज्यादा चर्चित प्रकार है। इसमें 16 घंटे तक उपवास किया जाता है और 8 घंटे का वक्त खाने के लिए रखा जाता है (2)। इस तरह के इंटरमिटेंट फास्टिंग को 8 घंटे की डाइट या समय-प्रतिबंधित आहार (Time Restricted Diet) भी कहा जाता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति सुबह 9 बजे अपना नाश्ता करता है, तो वो पूरे दिन का आखिरी भोजन शाम को 5 बजे कर सकता है। उसके बाद फिर व्यक्ति को अगली सुबह तक उपवास करना होता है।
5:2 इंटरमिटेंट फास्टिंग : यह भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकारों में से एक है। इसमें सप्ताह में पांच दिनों तक बिना किसी प्रतिबंध के भोजन का सेवन करना होता है। फिर सप्ताह में किसी भी दो दिन के लिए कैलोरी युक्त आहार का सेवन कम या न के बराबर करने की सलाह दी जाती है। इसमें उपवास के दिनों में व्यक्ति को 20-25% ऊर्जा की जरूरत हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति इस दौरान कैलोरी युक्त आहार का सेवन करना चाहता है तो वो 500 कैलोरी से अधिक न लें। इसके साथ ही ध्यान देने वाली बात यह भी है कि दो दिन का ये उपवास लगातार न हो (4)।
हर दूसरे दिन का उपवास (Alternate Fasting) – इसमें लगातार उपवास रखने के बजाय हफ्ते में हर दूसरे दिन उपवास रखा जा सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई सोमवार को भोजन कर रहा है तो वो मंगलवार को उपवास रख सकता है। भोजन करने वाले दिन व्यक्ति अपनी पसंद की चीजों का सेवन कर सकता है (4) (5)।
समय के अनुसार उपवास (Time Restricted Feeding) – इसमें एक निर्धारित समय के अनुसार खाने की अनुमति होती है। उदाहरण के तौर पर रमजान के दौरान किया जाने वाला उपवास एक अच्छा उदाहरण हो सकता है (6)। समय प्रतिबंधित भोजन (time-restricted feeding) में व्यक्ति सुबह 8 बजे से 3 बजे के बीच खाना खा सकता है और बाकी वक्त उपवास कर सकता है (4) (5)।
रमदान उपवास – रमजान के महीने में किया जाने वाला उपवास भी इंटरमिटेंट फास्टिंग की श्रेणी में आता है। इसमें सूर्योदय के पहले हल्का भोजन किया जाता है, वहीं सूर्यास्त के बाद ज्यादा भोजन का सेवन किया जाता है। इसलिए, रमजान में खाने और उपवास की अवधि लगभग 12 घंटे की होती है (4)।
24 घंटे का उपवास – इसमें व्यक्ति सप्ताह में 1 या 2 दिन के लिए 24 घंटे के उपवास कर सकता है। बेहतर है व्यक्ति अपने शेड्यूल और सुविधा के अनुसार दिन चुनें और फिर उपवास करें। उदाहरण के लिए, पहले दिन शाम 7 बजे भोजन करें और अगले दिन शाम 7 बजे तक उपवास करें। व्यक्ति अपनी इच्छानुसार समय का चुनाव कर सकता है।
36 घंटे का उपवास – यह 24 घंटे के उपवास की ही बढ़ी हुई अवधि है। उदाहरण के तौर पर इसमें व्यक्ति पहले दिन रात का खाना खाता है, अगले दिन पूरे दिन उपवास करता है और तीसरे दिन नाश्ता करता है। इस तरीके का महीने या साल में एक बार किया जा सकता है। साथ ही इसे करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
एक वक्त के भोजन से परहेज – इसमें एक वक्त का भोजन छोड़ना होता है। जैसे नाश्ते को छोड़कर दोपहर और रात का भोजन किया जा सकता है या नाश्ते के बाद सीधे रात का भोजन किया जा सकता है।
कभी-कभी न खाना – अगर किसी व्यक्ति को लगातार उपवास करने में परेशानी आ रही है, तो व्यक्ति हफ्ते में किसी एक दिन उपवास कर सकता है या पूरे दिन में एक वक्त का भोजन छोड़ सकता है। यह सब व्यक्ति की सुविधानुसार होता है। यह लंबी अवधि के इंटरमिटेंट फास्टिंग को शुरू करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है।
योद्धा या वॉरियर आहार – इंटरमिटेंट फास्टिंग के इस प्रकार में व्यक्ति को दिन में हल्का भोजन और रात में अधिक भोजन करने की सलाह दी जाती है, जिसमें प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को भी शामिल किया जाता है। साथ ही इस फास्टिंग के दौरान व्यायाम भी करना जरूरी होता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।
आगे जानते हैं कि वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग लाभकारी है या नहीं?
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग बढ़ते वजन को कम करने में मददगार है या नहीं?
वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग कुछ हद तक सहायक हो सकती है। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग, सामान्य वजन, अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों के बीच अल्पकालिक वजन घटाने (Short Term Weight Loss) में प्रभावी साबित हो सकती है (7)। इसके अलावा, जानवरों पर किए गए शोध में इंटरमिटेंट फास्टिंग का असर लाभकारी पाया गया है। फिलहाल, इस बारे में अभी और सटीक वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है, लेकिन व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने और वजन को संतुलित रखने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का सहारा ले सकता है। यह फास्टिंग न सिर्फ वजन को संतुलित रखने में असरदार हो सकती है, बल्कि इसके फायदे हृदय के स्वास्थ्य को बरकरार रखने में मदद कर सकते हैं (8)।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान किन खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है, उसके बारे में विस्तार से नीचे जानें ।
आगे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति क्या-क्या खा सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में क्या खाना चाहिए – What to eat during Intermittent Fasting in Hindi
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान जो वक्त खाने के लिए चुना गया है, ध्यान रहे कि उसमें ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक आहार का सेवन किया जाए। जैसा कि ऊपर जानकारी दी गई है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कई प्रकार की होती हैं, लेकिन, सभी प्रकार में एक बात सामान्य है कि इसमें उपवास का वक्त थोड़ा लंबा चलता है। ऐसे में व्यक्ति को ध्यान में रखना चाहिए कि वो पोषक आहार ले, ताकि किसी प्रकार की कमजोरी या स्वास्थ्य समस्या न हो। इस दौरान खाने की चीजों में ज्यादा रोक-टोक नहीं होती है, बस कैलोरी को सीमित कर दिया जाता है (3)। ऐसे में नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान किया जा सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान हाई फाइबर युक्त आहार (साबुत फल, अनाज और सब्जियां) का सेवन किया जा सकता है। ये आहार पेट को लंबे समय तक भरा रखने के साथ वजन नियंत्रण में सहयोग कर सकते हैं (9)।
नाश्ते में फलों और इनके जूस का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, व्यक्ति अपनी पसंद के खाद्य पदार्थों को भी शामिल कर सकता है। ध्यान रहे, खाद्य पदार्थ पोषण से भरपूर हों और इनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक नहीं चाहिए।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में सीमित मात्रा में ��ैलोरी युक्त आहार लेने की सलाह भी दी जाती है, लेकिन इसकी मात्रा 500 केसीएल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
अगर कोई वॉरियर डाइट कर रहा है, तो वो डायटीशियन की सलाह पर प्रोटीन युक्त आहार (दूध, मछली, अंडा, मीट, दाल, बीन्स, चिकन और कम वसा वाले दूध उत्पाद) का सेवन कर सकता है (10)।
साथ ही इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें, जिससे शरीर में डिहायड्रेशन की समस्या न हो।
नोट –  ऊपर बताए गए इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए खाद्य पदार्थ अनुमान के आधार पर हैं, इसकी सही जानकारी के लिए डायटीशियन से संपर्क जरूर करें।
नीचे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए नमूना मील प्लान।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में सात दिनों का मील प्लान – Sample 7 Days Intermittent Fasting Plan In Hindi
नीचे साझा की जाने वाली सूची नमूने के तौर पर दी जा रही है। व्यक्ति अपनी इच्छा और आवश्यकतानुसार इसमें मौजूद खाद्य पदार्थों में बदलाव कर सकते हैं। यह 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग का एक उदाहरण है।
समय पहला दिन दूसरा दिन तीसरा दिन चौथा दिन पांचवा दिन छठा दिन सातवां दिन सुबह उठने से लेकर दिन के 12 बजे तक फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट दोपहर 12 बजे (पहला मील) चिकन सलाद या खिचड़ी, दही और सलाद ग्रिल्ड सब्जियां + दही और डार्क चॉकलेट का एक टुकड़ा पास्ता या सैंडविच नूडल्स ग्रिल्ड मछली और सलाद या ग्रिल्ड सब्जियां और सलाद एक सब्जी, सलाद या दही, दाल और चावल या रोटी मछली, अंडा या चिकन की करी साथ में चावल, शाकाहारी व्यक्ति के लिए अपने पसंद की कोई करी, चावल, दाल, सलाद अंतिम भोजन शाम 4 से 8 बजे के बीच पनीर और हरी सब्जियां मिलाकर एक सब्जी और जरूरत अनुसार रोटी या चावल चिकन या वेज सूप + डार्क चॉकलेट का एक टुकड़ा या सलाद, दाल, एक सब्जी और रोटी सलाद, दाल, चावल या रोटी और सब्जी चिकन टिक्का या पनीर टिक्का या मशरूम-मटर मसाला और रोटी सब्जियों के साथ पनीर या पनीर की सब्जी और चावल या नूडल्स + अपने पसंद की आइसक्रीम ग्रिल्ड चिकन, हमस और पिटा ब्रेड (बाजार में उपलब्ध) या अपनी पसंद का खाना जैसे – दाल, सब्जी या रोटी उबले हुए आलू और सलाद या अपने पसंद का कोई भी हल्का डिनर रात 8 बजे से लेकर सोने तक फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट
जरूरी जानकारी : इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान खुद को हायड्रेट रखने के लिए पानी पीते रहे। देखा जाए तो इसमें किसी भी चीज को खाने की मनाही नहीं रहती है। हालांकि, यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है और इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार पर भी। अगर कोई वजन कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाहता है तो वो डायटीशियन की सलाह अनुसार डाइट अपना सकता है। हमारी सलाह यही है कि किसी भी प्रकार की इंटरमिटेंट फास्टिंग से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है। अब इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे विस्तार से नीचे पढ़ें।
अब जब इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में इतना कुछ जान गए हैं तो अब बारी आती है इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे जानने की। लेख के इस भाग में हम इसी बारे में जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के अन्य फायदे  – Other Benefits of Intermittent Fasting in Hindi
नीचे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के ��ुछ अन्य फायदे।
ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए – इंटरमिटेंट फास्टिंग ह्रदय को स्वस्थ रखने में सहायक भूमिका निभा सकती है। यहां इंटरमिटेंट की हर दूसरे दिन की जाने वाली फास्टिंग (Alternate Fasting) लाभकारी हो सकती है।  एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए अल्टर्नेट फास्टिंग मददगार हो सकती है। इससे न सिर्फ वजन कम हो सकता है, बल्कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease- एक प्रकार का ह्रदय रोग) का जोखिम भी कम हो सकता है (11)।
हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद – इंटरमिटेंट फास्टिंग का लाभ शरीर में एलडीएल (हानिकारक कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में मददगार ��ाबित हो सकता है। दरअसल, कुछ शोध के अनुसार इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने के साथ-साथ लिपिड प्रोफाइल में भी सुधार का काम कर सकती है।
हालांकि, लिपिड प्रोफाइल और शरीर के वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रभावों का विश्लेषण करने वाले अधिकांश अध्ययन रमजान उपवास पर आधारित हैं, जिसमें उपवास के दौरान लिए गए आहार के बारे में कुछ खास जानकारी मौजूद नहीं है (12)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
इंसुलिन संवेदनशीलता (Insulin Sensitivity) में सुधार – इंसुलिन द्वारा ब्लड ग्लूकोज को प्रभावी ढंग से कम करना ही इंसुलिन संवेदनशीलता कहलाता है (13)। यहां इंटरमिटेंट फास्टिंग के लाभ देखे जा सकते हैं, क्योंकि इससे इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। इस विषय में किए गए शोध के अनुसार जिन व्यक्तियों ने पांच हफ्तों तक ‘टाइम रिस्ट्रिक्टेड फीडिंग’ (इंटरमिटेंट फास्टिंग का एक प्रकार) का पालन किया, उनमें इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार देखा गया (14)।
सेल्युलर रिपेयर और ऑटोफैगी को बढ़ावा – इंटरमिटेंट फास्टिंग कोशिकाओं को रिपेयर करने और ऑटोफैगी (Autophagy) में सुधार करने में मददगार साबित हो सकती है। दरअसल, ऑटोफैगी, कोशिकाओं से जुड़ी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें क्षतिग्रस्त कोशिकाएं साफ होती हैं और स्वस्थ कोशिकाओं का फिर से निर्माण होता है। एनसीबीआई की वेबसाइट में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, चूहों पर इंटरमिटेंट फास्टिंग से ऑटोफैगी प्रक्रिया में सुधार पाया गया है (15)। इसके अलावा, एक अन्य शोध के अनुसार, उपवास सामान्य कोशिकाओं को विषैले तत्वों से बचाव करने में मदद कर सकता है (16)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
कैंसर के लिए –  कैंसर के बचाव में  इंटरमिटेंट फास्टिंग कुछ हद तक मददगार हो सकती है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध के अनुसार, शॉर्ट टर्म फास्टिंग (STF-Short Term Fasting) विषाक्तता को कम करने के साथ कीमोथेराप्यूटिक एजेंट के प्रभाव को बढ़ा सकता है। साथ ही कीमोथेरेपी लेने वाले मरीजों में डीएनए की क्षति को कम करने में मदद कर सकती है (17)। इतना ही नहीं, ट्यूमर से प्रभावित जिन चूहों के आहार को कुछ समय के लिए प्रतिबंधित किया गया, उनमें जीवित रहने की क्षमता में बढ़त देखी गई (18)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
मस्तिष्क के लिए – इंटरमिटेंट फास्टिंग मस्तिष्क के लिए लाभकारी हो सकती है। इससे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली बेहतर करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग सीखने की क्षमता और स्मृति में सुधार का काम कर सकती है (19)। इसके अलावा, चूहों पर किए गए शोध से पता चलता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग, उम्र आधारित मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार का काम कर सकती है (20)।
सूजन और रक्तचाप के लिए – इंटरमिटेंट फास्टिंग, शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाने में मददगार हो सकती है, जिसमें सूजन से आराम और रक्तचाप को कम करना भी शामिल है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है (21)।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ते रहिए यह लेख।
आगे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान या उसके बाद कुछ ध्यान रखने वाली बातें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान और बाद के कुछ टिप्स
नीचे पढ़ें कुछ इंटरमिटेंट फास्टिंग के वक्त और उसके बाद के टिप्स।
जो लोग पहली बार उपवास रख रहे हैं, वो सबसे पहले किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लें।
शुरुआत अल्प अवधि के उपवास से की जा सकती है।
फास्टिंग के दौरान खुद को हायड्रेट रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और तरल पदार्थों का सेवन करें।
उपवास के दौरान हल्के-फुल्के व्यायाम किए जा सकते हैं। अगर कमजोरी का अनुभव हो तो व्यायाम न करें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग तोड़ने के लिए हल्की डाइट लें।
कभी भी भारी आहार से अपना उपवास न तोड़ें।
लगातार इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें या इसकी आदत न बनाएं।
किसी को अगर स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो वो इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें।
उपवास के दौरान और बाद में जंक फूड्स खाने से बचें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग कब नहीं करनी चाहिए, यह जानने के लिए नीचे स्क्रोल करें।
लेख के इस भाग में जानिए कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कब नहीं करनी चाहिए।
इंटरमिटेंट फास्टिंग कब नहीं करनी चाहिए – When to Avoid Intermittent Fasting in Hindi
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक प्रकार का उपवास है, ऐसे में इसे कब नहीं करना चाहिए, यह व्यक्ति को पता होना चाहिए। नीचे हम इसी विषय में बता रहे हैं – (22) (23)।
अगर किसी का वजन जरूरत से ज्यादा कम है, तो वो इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें।
अगर डॉक्टर ने इंटरमिटेंट फास्टिंग न करने की सलाह दी है तो फास्टिंग न करें।
गंभीर स्वास्थ्य समस्या में यह फास्टिंग न करें।
गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं इंटरमिटेंट फास्टिंग से दूर रहें।
बच्चे और किशोर इस फास्टिंग को न करें।
अगर कोई ब्लड प्रेशर या ह्रदय रोग से संबंधित दवाइयां ले रहा है, तो इस फास्टिंग को करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
अगर इंटरमिटेंट उपवास के फायदे हैं, तो इसके नुकसान भी कई हैं। यह जानकारी हम नीचे दे रहे हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान – Side Effects of Intermittent Fasting in Hindi
नीचे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान के बारे में (7)।
सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
कब्ज की परेशानी हो सकती है।
नहीं खाने के वज�� से चिड़चिड़ाहट या मूड स्विंग हो सकता है।
खाने की इच्छा और ज्यादा बढ़ सकती है।
चक्कर आने की परेशानी हो सकती है।
कमजोरी या ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है।
उम्मीद करते हैं कि अब आप अच्छी तरह इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे जान गए होंगे। साथ ही इसके विभिन्न प्रकार और इससे जुड़ी खान-पान संबंधित बातों की भी जानकारी हो गई होगी। ऐसे में अगर आप वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के बारे में सोच रहे हैं, तो लेख को अच्छी तरह पढ़ें और डॉक्टर से भी इस बारे में बात करें। वहीं, पाठक इस बात का भी ध्यान रखें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कोई जादू नहीं है, ये कुछ लोगों के लिए लाभकारी हो सकती है और कुछ लोगों के लिए नहीं। ऐसे में, हमारा सुझाव यही रहेगा कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे के लिए इसे अपनाया जा सकता है, लेकिन इसे आदत न बनाएं। लगातार इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं। आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कॉफी या चाय पी सकते हैं?
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान सामान्य चाय और कॉफी की जगह हर्बल टी का सेवन किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आप डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
क्या सेब के सिरके के सेवन से इंटरमिटेंट फास्टिंग टूट सकती है?
नहीं, इंटरमिटेंट फास्टिंग में सेब के सिरके का सेवन किया जा सकता है। वहीं, अगर किसी को इससे एलर्जी है, तो वह इसका सेवन न करें।
कितनी लंबी अवधि तक इंटरमिटेंट फास्टिंग रखनी चाहिए?
यह इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार पर निर्भर करता है कि व्यक्ति कौन सा इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहा है। इसके अलावा, यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है, लेकिन, हमारी सलाह यही है कि उपवास की अवधि 16 घंटे से अधिक न बढ़ाएं।
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान पानी पी सकते हैं?
हां, हमने लेख में भी इस बारे में जानकारी दी है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान व्यक्ति को हायड्रेटेड रहने के लिए नियमित रूप से पानी पीना चाहिए।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति कितना वजन कम कर सकता है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति का वजन कितना कम हो सकता है, वो उसके वर्तमान वजन, शारीरिक स्थिति, जीवनशैली और इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार पर निर्भर करता है।
क्या महिलाओं के लिए उपवास करना अच्छा है?
सामान्य तौर पर उपवास शरीर के लिए अच्छा माना जाता है (24)। वहीं, गर्भवती, स्तनपान कराने वाली माताओं और किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहीं महिलाओं को उपवास न करने की सलाह दी जाती है (22) (23)।
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग कोर्टिसोल (Cortisol) को बढ़ाता है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग, कोर्टिसोल को बढ़ाने में मदद कर सकती है। कोर्टिसोल, एक हॉर्मोन होता है, जो तनाव के साथ-साथ शरीर से जुड़ी कई समस्याओं में लाभदायक होता है (24)।
सप्ताह में कितने दिन इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाहिए?
यह व्यक्ति के वजन, उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। अगर कोई पहली बार इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाह रहा है तो वो ओवरनाइट इंटरमिटेंट फास्टिंग से शुरुआत कर सकता है। इसके अलावा, व्यक्ति हफ्ते में एक दिन इंटरमिटेंट फास्टिंग से शुरुआत कर सकता है और जब कोई परेशानी न हो तो हफ्ते में दो बार इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकता है। ध्यान रहे कि इसे आदत न बनाएं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग से व्यक्ति एक महीने में कितना वजन कम कर सकते हैं?
इंटरमिटेंट फास्टिंग से व्यक्ति एक महीने में कितना वजन कम कर सकता है, यह इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार और ��्यक्ति की उम्र और वजन पर निर्भर करता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आपको कितनी देर उपवास करना चाहिए? 
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कम से कम 6 घंटे का उपवास किया जा सकता है। अगर इस दौरान कोई स्वास्थ्य समस्या न हो तो धीरे-धीरे इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग आपको कीटोसिस में डालती है?
जैसा कि हमने अपने कीटो डाइट के लेख में जानकारी दी थी कि कीटो डाइट में लोग मध्यम मात्रा में प्रोटीन और ज्यादा मात्रा में फैट वाले आहार का सेवन करते हैं। ऐसे में इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान अगर व्यक्ति प्रोटीन और हाई फैट युक्त आहार का सेवन करता है, तो व्यक्ति कीटोसिस (Ketosis) चरण में प्रवेश कर सकता है। कीटो डाइट के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए वजन घटाने के लिए कीटो डाइट का लेख पढ़ सकते हैं।
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अर्पिता ने पटना विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में स्नातक किया है। इन्होंने 2014 से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी। इनके अभी तक 1000 से भी ज्यादा आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं। अर्पिता को विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद है, लेकिन उनकी विशेष रूचि हेल्थ और घरेलू उपचारों पर लिखना है। उन्हें अपने काम के साथ एक्सपेरिमेंट करना और मल्टी-टास्किंग काम करना पसंद है। इन्हें लेखन के अलावा डांसिंग का भी शौक है। इन्हें खाली समय में मूवी व कार्टून देखना और गाने सुनना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-ghatane-ke-liye-intermittent-fasting-in-hindi/
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rajatgarg79 · 7 years ago
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कैसे 16 किलो घटाए मैंने शादी से पहले
ज्यादातर लड़कियों के लिए उनकी शादी वजन कम करने की प्रेरणा बन जाती है। आखिरकार, हर लड़की चाहती है कि उस दिन वो एकदम अलग और खूबसूरत लगे। ये बात बिंदिया के लिए भी सच थी। उन्हें शादी के लिए अपने शरीर के अनुसार कपड़े मिलना बेहद मुश्किल हो रहा था। तब बिंदिया ने जल्द से जल्द वजन कम करने का फैसला लिया।
बिंदिया के पास वजन कम करने के लिए सिर्फ तीन महीने ही बचे थे। उन्होंने कड़ी डाइट अपनायी और रोजाना वर्कआउट भी किया।
इस सब मेहनत से बिंदिया ने अपना वजन 86 किलो से घटा कर 70 किलो कर लिया। जी हाँ, सिर्फ 3 महीने में उन्होंने 16 किलो वजन कम किया।
(और पढ़ें - vajan kam kaise kare)
तो आइये पूछते हैं बिंदिया से आखिर उन्होंने 16 किलो वजन कैसे कम किया - 
आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?
मुझे मेरी फिटिंग के कपड़े मिलना बहुत मुश्किल होता था। शादी की तारीख भी तय हो चुकी थी और अपनी शादी में अच्छा दिखने के लिए मेरे पास बस तीन महीने ही बाकी थे। मेरे दिमाग में बस यही था कि शादी में अच्छा दिखने के लिए मुझे अपना अधिक वजन घटाना ही घटाना है। 
(और पढ़ें - शादी से पहले तेजी से वजन कम करने के उपाय)
आप क्या खाती थी?
मेरा नाश्ता - नाश्ते में मैं एक फल खाती थी या जूस पिया करती थी।
दोपहर का खाना - दोपहर में मैं दाल, दही और हरी सब्जियां खाती थी। रोटी और चावल को बिल्कुल भी नही खाती थी।
रात का खाना - रात के खाने में चिकन सलाद और दाल खाया करती थी।
डाइट से हटकर क्या खाती थी - मुझे जिस भी चीज की भूख लगती थी मैं वो खाती थी जैसे केक, मीठा, बर्गर, पिज़्ज़ा और चाइनीज। लेकिन वो महीने में सिर्फ एक बार।
कम क���लोरी वाला मनपसंद खाना - कम कैलोरी वाले खाने में मैं दाल और चिकन सलाद खाया करती थी।
(और पढ़ें - vajan kam karne ke liye kya khana chahiye)
क्या आप वर्कआउट करती थीं?
हां मैं वर्कआउट करती थी। आधे घंटे कार्डियो और एक घंटा फंक्शनल ट्रेनिंग (यानी कुछ ऐसी एक्सरसाइज जो आपकी रोज़ की एक्टिविटीज करने के लिए आपको ज्या स्ट्रांग बनती हैं) और वेट ट्रेनिंग हफ्ते में छः दिन किया करती थी।
(और पढ़ें - motapa kam karne ki exercise​)
आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?
मेरी कड़ी मेहनत के परिणाम मुझे दिखने लगे थे। ये परिणाम देखकर मैं हमेशा प्रेरित रहती थी और आगे बढ़ती जाती थी। कॉलेज के समय में मेरी बॉडी का आकार काफी अच्छा था और अब मुझे उसी तरह अपनी बॉडी बनानी है।
(और पढ़ें - motapa kam karne ke liye yoga)
आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?
अगर चाहते हैं कि कभी आप अपने लक्ष्य से न भटकें तो साथ में वर्कआउट करने के लिए दोस्त बनाएं। इस प्रकार आप उनसे रोज मिल भी पाएंगे और साथ-साथ बाते करते हुए जिम का भी आनंद ले पाएंगे। इस तरह मैं भी अपने लक्ष्य पर डटी रही।
(और पढ़ें - हिप्स कम कैसे करें)
अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?
अधिक वजन की वजह से मुझे मेरे शरीर के अनुसार कपड़े नहीं मिलते थे। यह हिस्सा मेरे लिए काफी मुश्किल भरा रहता था।
(और पढ़ें - motapa kam karne ke upay)
आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?
अभी मेरा वजन 70 किलो है। मैं 10 किलो और घटाना चाहती हूँ, और फिर उसको उतना ही मेन्टेन करके रखना चाहती हूँ।
(और पढ़ें - body banane ke tarike)
जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या-क्या किया?
मैंने मीठा और जंक फूड खाना छोड़ दिया था और रोजाना जिम जाया करती थी।
(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya kare)
आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?
सच कहूं तो, मैंने कभी अपने वजन को लेकर असहज महसूस नहीं किया। मैं हमेशा प्रेरित रहती थी और इसके लिए मैं अपने पति और ट्रेनर की शुक्रगुज़ार हूँ। मैंने कड़े व्यायाम रूटीन के साथ सतुंलित आहार का पालन करती थी, जिससे मैं एक अच्छे परिणाम तक पहुँच सकूं।
(और पढ़ें - kamar patli karne ka nuskha)
वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?
कभी हार न मानें। अगर आप अपने लक्ष्य के साथ डटे हुए हैं तो कोई भी आपको नही रोक सकता। वजन कम करने से मुझमें आत्म-विश्वास बढ़ा है और अब मैं पीछे मुड़कर नही देखना चाहती।
(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए लाइफस्टाइल टिप्स)
--------------
आशा करते हैं कि आपको बिंदिया के बारे पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।
अगर आपके पास भी कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, अपनी या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य की, तो हमसे ज़रूर शेयर करें यहाँ लिख कर - [email protected]
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख via https://www.myupchar.com/weightloss/kaise-16-kilo-ghataye-maine-shaadi-se-pehle-in-hindi
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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क्या उबले अंडे की डाइट वजन घटाने में मदद करती है? – Boiled Egg Diet in Hindi
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क्या उबले अंडे की डाइट वजन घटाने में मदद करती है? – Boiled Egg Diet in Hindi
वजन को नियंत्रित रखना सबसे बड़ी चुनौती है। अगर वजन कम हुआ, तो कमजोरी का सामना करना पड़ता है। वहीं, अगर वजन ज्यादा हुआ, तो मोटापा घेर लेता है और मोटापा अपने साथ लाता है, बीपी, शुगर व हृदय रोग। इन तमाम बीमारियों से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है। साथ ही पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। खान-पान के संबंध में संतुलित डाइट प्लान को फॉलो किया जा सकता है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम वजन घटाने में उबले अंडे के डाइट पर चर्चा करेंगे। हम वैज्ञानिक प्रमाण सहित बताएंगे कि वजन घटाने में बॉयल्ड एग का डाइट प्लान कैसे काम करता है। साथ ही आपको पता चलेगा कि यह डाइट क्या है, इसके लाभ क्या हैं, इसे किस तरह अपनाना है आदि। साथ ही, अगर उबले अंडे के डाइट प्लान के नुकसान हैं, तो उस बारे में भी बताएंगे।
अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहिए यह लेख।
लेख के सबसे पहले भाग में जानिए कि वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट किस तरह काम करती है।
विषय सूची
उबले अंडे की डाइट कैसे वजन कम करने में मदद करती है?
उबले हुए अंडे खाने के लाभ यह है कि इसे खाने के बाद देर तक पेट के भरे रहने का एहसास रहता है। इस वजह से व्यक्ति बार-बार नहीं खाता और वजन कम करने में मदद मिल सकती है (1)। इसके अलावा, अंडे में भरपूर मात्रा में प्रोटीन भी पाया जाता है, जो भूख को नियंत्रित करके वजन कम करने में मदद कर सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में यह पाया गया है कि आहार में उचित मात्रा में अंडा शामिल करने से वजन कम करने में मदद मिल सकती है। ध्यान रहे कि सिर्फ अंडा खाने से वजन कम करने में मदद मिले, यह जरूरी नहीं है, लेकिन अंडे के साथ आहार में सही और उचित मात्रा में अन्य जरूरी खाद्य पदार्थ शामिल करना वजन नियंत्रण में फायदेमंद हो सकता है (2)।
वजन कम करने के साथ-साथ उबले हुए अंडे के लाभ स्वास्थ्य के लिए और भी कई तरह से काम आ सकते हैं। सेहत के लिए उबले हुए अंडे की डाइट के फायदे जानिए लेख के अगले भाग में।
अंडे की डाइट के अन्य फायदों के लिए स्क्रॉल करें।
उबले अंडे की डाइट क्यों फायदेमंद है?
उबले अंडे की डाइट के फायदे वजन कम करने के अलावा, स्वास्थ से जुड़ी अन्य समस्याओं में भी लाभदायक हो सकते हैं, जैसे :
1. उच्च रक्तचाप नियंत्रित करे
तनाव को उच्च रक्तचाप के पीछे बड़ा कारण माना गया है। ऐसे में उबले हुए अंडे के लाभ तनाव के कारण होने वाले उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं (3)। साथ ही अंडे में एंटीहाइपरटें��िव गुण भी होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है (4)। इन दोनों तथ्यों की पुष्टि एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित रिसर्च पेपर्स से होती है।
2. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस करे कम
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस शरीर में कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए, आहार में प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट को शामिल करना जरूरी है। इस काम के लिए उबले अंडे को आहार में शामिल करने से फायदा हो सकता है। अंडे में ओवलब्यूमिन व ओवोट्रांसफेरिन जैसे प्रोटीन पाए जाते हैं, जो प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम कर सकते हैं। साथ ही, अंडे में मौजूद अन्य खनिज जैसे विटामिन-ए, विटामिन-ई व सिलेनियम भी एंटीऑक्सीडेंट गुण से समृद्ध होते हैं, जो शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में सहायक साबित हो सकते हैं (5)।
3. शरीर के सूजन को दूर करे
शरीर में सूजन के कई कारण हो सकते हैं, जैसे संक्रमण व टिश्यू इंजरी आदि। हृदय रोग व टाइप 2 डायबिटीज के कारण भी शरीर में सूजन आ सकती है। ऐसे कई मामलों में उबले हुए अंडे के लाभ इस सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले ल्यूटिन और जेक्स��ंथिन (एक तरह के विटामिन-ए कंपाउंड) प्रभावी एंटीइंफ्लेमेटरी एजेंट की तरह काम करते हैं। साथ ही अंडे में मौजूद प्रोटीन में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर की सूजन कम करने में मदद कर सकते है।
ध्यान रहे कि अंडे में कुछ प्रोइंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, जो सूजन बढ़ा सकते हैं। इसलिए, इंफ्लेमेशन कम करने के लिए इनका सेवन करने के बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर करें (6)।
4. मुंहासे कम करे
अगर उबले हुए अंडे का सेवन करते समय आप उसकी जर्दी हटा देते हैं, तो हम बता दें कि यह जर्दी त्वचा को साफ व स्वस्थ रखने और मुंहासों की समस्या से आराम दिलाने में मदद कर सकती है। अंडे की जर्दी में पॉलीक्लोनल हाइपरिम्यून एंटीबॉडीज (polyclonal hyperimmune antibodies) यानी एक तरह का प्रोटीन पाया जाता है, जिसमें एंटी-एक्ने गुण होते हैं। यह गुण मुंहासों का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को खत्म करके मुंहासों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (7)।
5. बालों के लिए फायदेमंद
बालों के लिए कुछ पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जो उन्हें झड़ने से बचाते हैं और सेहतमंद बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में बालों के लिए अंडे का उपयोग किया जा सकता है। अंडे में एमिनो एसिड पाया जाता है, जो बालों को घना बनाने में मदद कर सकता है। अंडे में विटामिन-डी3, फोलेट, पैंटोथैनिक एसिड (विटामिन-बी5) और सिलेनियम जैसे मिनरल पाए जाते हैं, जो झड़ते बालों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। साथ ही उन्हें स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं (8)।
6. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए लाभकारी
अंडे में लाइसोजाइम जैसे प्रोटीन पाए जाते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। ये इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं, जिससे आंत से जुड़ी कई समस्याओं जैसे इंफ्लेमेटरी बाउल रोग व कोलाइटिस आदि से राहत पाने में मदद मिल सकती है (9)। इसके अलावा, अंडे के सफेद भाग का सेवन प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (किसी भी टॉक्सिन के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया) को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है (10)।
7. हड्डियों के लिए लाभकारी
हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए व्यायाम के साथ-साथ कुछ पोषक तत्व भी जरूरी होते हैं। अंडे में विभिन्न प्रकार के मिनरल पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, अंडे में मौजूद एमिनो एसिड, प्रोटीन, विटामिन-डी और जिंक हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक हो सकते हैं। शोध के अनुसार, एक पूरे अंडे का सेवन बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाकर, उन्हें फ्रैक्चर से बचा सकता है (11)। साथ ही अंडे का सेवन महिलाओं की बोन डेंसिटी बढ़ाने में भी मदद कर सकता है (12)। इस तरह हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए उबले हुए अंडे के लाभ काम आ सकते हैं।
जानिए यह कैसे करता है काम।
लेख के अगले भाग में जानिए कि वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट किस तरह अपनाई जा सकती है।
उबले अंडे की डाइट में दो हफ्ते का नमूना प्लान – Sample 2 Weeks Diet Plan In Hindi
उबले अंडे के डाइट प्लान के फायदे सिर्फ अंडे के कारण काम नहीं करते, बल्कि इसमें अन्य स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों को भी शामिल किया जाता है। इनके कारण वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट सकारात्मक रूप से काम करती है (2)। संदर्भ के लिए नीचे डाइट प्लान का नमूना दिया गया है, जिसे डाइटीशियन से परामर्श करके अपनाया जा सकता है। इस डाइट को अपनाते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि सबका शरीर और सबकी पसंद एक सामान नहीं होती। इस कारण उबले अंडे के डाइट प्लान में बदलाव संभव हैं। ये बदलाव डाइट का अनुसरण करने वाले व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और खाने की पसंद (वेज या नॉन-वेज) के अनुसार हो सकते हैं।
वजन घटाने में उबले अंडे का डाइट प्लान – पहला सप्ताह
सोमवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 2 बादाम + 1 कप स्किम दूध/सोया दूध + आधा सेब दोपहर का भोजन (12:30 बजे) टूना सलाद/एक बाउल लीगम अंकुरित सलाद + 1 कप छाछ रात का खाना (7:00 बजे) ग्रील्ड चिकन/टोफू + 1 कप उबली हुई सब्जियां
कैसे काम करता है :
बादाम में समृद्ध मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, अनसचुरैटेड फैटी एसिड और अन्य फाइटोकेमिकल्स (एक तरह के केमिकल कंपाउंड) पाए जाते हैं। इनका सेवन करने से अधिक समय तक पेट के भरे रहने का एहसास रहता है और जल्दी भूख नहीं लगती (13)। डे��री उत्पाद जैसे स्किम मिल्क या सोया मिल्क में कैल्शियम पाया जाता है, जो वजन कम करने में मदद कर सकता है (14)। सेब खाने के फायदे ये हैं कि इनमें फाइबर व कई तरह के पॉलीफेनोल्स पाए जाते हैं, जिनमें एंटीओबेसिटी गुण होता है (15)। मछलियां प्रोटीन का अच्छा स्रोत होती हैं और टूना मछली के फायदे से शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिल सकता है, जिससे हृदय को सेहतमंद बनाए रखने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह वजन कम करने में मदद कर सकती है। (16)। लीगम में पाया जाने वाला प्रोटीन, फाइबर और धीरे-धीरे पचने वाले कार्बोहाइड्रेट्स के कारण यह लंबे समय तक पेट भरे रहने का एहसास बनाए रखता है (17)। पूरा दिन सादा खाने के बाद, आप रात के खाने में ग्रिल्ड चिकन या टोफू खा सकते हैं। चिकन लीन प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है और फ्राइड या फास्ट फूड की जगह ग्रिल्ड चिकन या टोफू को खाने में हेल्दी विकल्प माना जाता है (18)।
मंगलवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + ½ मध्यम कटोरी दलिया (ओटमील) दोपहर का भोजन (12:30 बजे) सब्जी क्विनोआ + बेक्ड मछली/ग्रिल्ड मशरूम + 1 कप दही डिनर (7:00 बजे) सब्जियों के साथ मिश्रित दाल का पानी
कैसे काम करता है :
वजन कम करने में बॉयल्ड एग की डाइट में दलिया शामिल करने से भी फायदा मिल सकता है। यह अधिक समय तक पेट भरे रहने का एहसास देकर, भूख कम करने में मदद करता है। इस कारण व्यक्ति बार-बार नहीं खाता (19)। वहीं, क्विनोआ में प्रोटीन, पोटैशियम, फाइबर व आयरन जैसे खनिज होते हैं, जो सेहत के लिए लाभकारी हो सकते हैं। साथ ही ये अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है (20)। आहार म��ं लीन फिश (जिसमे फैट कम हो) शामिल करने से वजन कम करने में मदद मिल सकती है (16)। रात के खाने में सब्जियों के साथ मिश्रित दाल का सूप पीने का फायदा यह है कि इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट जल्दी नहीं पचता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाले फाइबर और प्रोटीन के कारण इसे खाने के बाद व्यक्ति को जल्दी भूख नहीं लगती है (17)।
बुधवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 1 गेहूं का टोस्ट + 1 कप ग्रीन टी दोपहर का भोजन (12:30 बजे) उबले हुए काबुली चने की सलाद + 1 कप छाछ रात का खाना (7:00 बजे) मिक्स्ड वेजिटेबल करी + 2 मीडियम आकार के फ्लैटब्रेड + बहुत कम तेल में फ्राई आधा कप मशरूम + आधा कप दही
कैसे काम करता है :
वजन कम करने और सेहतमंद डाइट में नाश्ते में एक स्लाइस होल वीट टोस्ट खाने की सलाह दी जाती है (21)। ग्रीन टी के फायदे की बात करें तो इसमें एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (एक तरह का कैटेचिन) पाया जाता है, जो वजन नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (22)। वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट में चने शामिल करने का फायदा इसमें मौजूद उच्च फाइबर और कम ग्लाइसेमिक लोड की वजह से होता है। यह वजन कम करने में ��ाभदायक हो सकता है (23)। वजन नियंत्रित रखने के लिए एक स्वस्थ और संतुलित आहार में भरपूर रूप से सब्जियां, होल ग्रेन से बनी ब्रेड (रोटियां) व सलाद में मशरुम खाने की सलाह दी जाती है (24)। दही भूख को नियंत्रित करके वजन को नियंत्रण करने में भी मदद कर सकता है (25)।
पूरे हफ्ते की डाइट जानने के लिए स्क्रॉल करें।
गुरुवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 2 बनाना पेनकेक्स (मेपल सिरप के बिना) + 1 कप ताजा संतरा दोपहर का भोजन (12:30 बजे) ग्रिल्ड चिकन/मशरूम + उबली हुई सब्जियां + 1 कप नारियल पानी डिनर (7:00 बजे) योगर्ट ड्रेसिंग में उबली सब्जियां/टोफू + 1 कप छाछ
कैसे काम करता है :
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, नाश्ते के लिए पैनकेक स्वस्थ विकल्प है (26)। फ्रूट जूस की जगह आप साबुत फल खा सकते हैं। इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जो पेट भरने में मदद करता है (27)। वजन घटाने के लिए बॉयल्ड एग की डाइट में ग्रिल्ड चिकन और सब्जियां खाने के फायदे हम आपको लेख में ऊपर बता चुके हैं। वहीं, नारियल पानी भी वजन कम करने में मदद कर सकता है (28)। डिनर को हल्का रखते हुए उबली सब्जियां या टोफू को खाया जा सकता है। टोफू एक तरह का सोया प्रोटीन होता है और सोया प्रोटीन शरीर में फैट को जमा होने से बचाता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है (29)।
शुक्रवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 1 कप ग्रीन टी + 1 केला मफिन दोपहर का भोजन (12:30 बजे) 2 होल वीट रोटी/रागी फ्लैटब्रेड + मिश्रित सब्जी करी + 1 कप दाल का पानी + आधा कप दही रात का खाना (7:00 बजे) ग्रील्ड मछली/मशरूम + उबली हुई सब्जी + सोने से पहले 1 कप गुनगुना दूध
कैसे काम करता है :
जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि उबले अंडे की डाइट के फायदे बढ़ाने के लिए उसके साथ अन्य आवश्यक खाद्य और पेय पदार्थों का सेवन भी जरूरी है। इसलिए, नाश्ते में अंडे के साथ वजन कम के लिए ग्रीन टी को लिया जा सकता है। इसमें मौजूद कैटेचिन की मदद से वजन नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है (22)। वहीं, हफ्ते में एक बार कम शक्कर से बना मफिन खाना भी फायदेमंद हो सकता है। इससे मीठा खाने की इच्छा शांत होगी और कम शक्कर होने के कारण यह सेहतमंद विकल्प भी है (30)। दिन के खाने में होल ग्रेन या रागी से बनी रोटी, सब्जियां और दाल का पानी लिया जा सकता है। ये तीनों ही ज्यादा देर तक पेट भरे रहने के एहसास को बनाए रखते हैं (24) (17)। इसके साथ ही रात के खाने में ग्रिल्ड मछली/मशरूम और उबली हुई सब्जियां खाई जा सकती हैं, जो वजन घटाने में उबले अंडे के डाइट के फायदे को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं (18) (24)। भरपूर नींद न लेना भी वजन बढ़ने की एक वजह हो सकता है (31)। ऐसे में लोगों का मानना है कि सोने से पहले गुनगुना दूध पीने से बेहतर नींद लेने में मदद मिल सकती है (32)।
शनिवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 a.m.) 2 उबले अंडे + थोड़े से जामुन के साथ 2 अलसी पेनकेक्स + 1 कप ग्रीन टी दोपहर का भोजन (12:30 बजे) केल, किडनी बीन्स और शकरकंद सलाद + दही के साथ 1 छोटा कप फल रात का खाना (7:00 बजे) 1 कटोरी सीफूड/वेजिटेबल टोफू + 80% या उससे अधिक डार्क चॉकलेट का 1 टुकड़ा
कैसे काम करता है :
वजन घटाने में बॉयल्ड एग की डाइट में नाश्ते में अंडों के साथ पेनकेक्स और ग्रीन टी ली जा सकती है। ये तो हम आपको बता ही चुके हैं कि पेनकेक्स जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही स्वास्थवर्धक भी होते हैं और नाश्ते में इनका सेवन करने की सलाह दी जाती है (26)। जामुन खाने का फायदा यह है कि इससे शरीर में फैट ऑक्सीडेशन (शरीर में मौजूद फैट को ऊर्जा में बदलना) को बढ़ावा मिलता है, जिससे मोटापा नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है (33)। शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए केल, किडनी बीन्स और शकरकंद को आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है। जहां केल शरीर के लिए कैल्शियम का अच्छा स्रोत हो सकता है, वहीं बीन्स और शकरकंद फाइबर का अच्छा स्रोत हो सकते हैं (34)। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक शोध में यह पाया गया है कि आहार में संतुलित मात्रा में सीफूड (खासकर सालमन मछली) शामिल करने से वजन कम करने में फायदा मिल सकता है (35)। वहीं, सोया प्रोटीन से भरपूर टोफू शरीर में फैट को जमा होने से रोककर, वजन नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (27)। रात को छोटी-सी ट्रीट के रूप में 80 या उससे अधिक प्रतिशत वाली डार्क चॉकलेट का एक टुकड़ा लिया जा सकता है। डार्क चॉकलेट खाने का फायदा यह है वजन नहीं बढ़ाएगा, बल्कि मीठा खाने की इच्छा को शांत करेगा और पेट भरे रहने का एहसास बनाए रखेगा (36)।
रविवार :
समय क्या खाएं सुबह का नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 1 होल वीट टोस्ट + आधा कप बेक्ड बीन्स + 1 कप ग्रीन टी लंच (12:30 बजे) अनानास ड्रेसिंग के साथ पेन-ग्रील्ड चिकन सलाद रात का खाना (7:00 बजे) वेगन पिज्जा के 2 स्लाइस (फूलगोभी के साथ बनाया गया पिज्जा बेस) + 1 कप नारियल पानी
कैसे काम करता है :
उबले हुए अंडे के लाभ पूरी तरह से लेने के लिए उससे जुड़ी डाइट में अन्य जरूरी खाद्य पदार्थों को शामिल करना जरूरी है, जो वजन घटाने में मदद कर सकते हैं, जैसे नाश्ते में होल वीट ब्रेड/टोस्ट, बीन्स और ग्रीन टी (34) (22)। वजन घटाने में बॉयल्ड एग की डाइट के तहत लंच में ग्रिल्ड चिकन खाया जा सकता है (18)। हफ्ते के आखिरी दिन डिनर पर घर में बने वेगन पिज्जा से खुद को छोटी-सी ट्रीट दी जा सकत��� है। घर पर बने इस पिज्जा का बेस मैदे का नहीं, बल्कि फूलगोभी की मदद से बनाया जाएगा। तेल की बहुत कम मात्रा ��र टॉपिंग में हेल्दी सब्जियों का उपयोग करके इस पिज्जा को आसानी से घर में बनाया जा सकता है। साथ ही एक कप नारियल पानी लिया जा सकता है। नारियल पानी के गुण शरीर को हाइड्रेट करेंगे और वजन घटाने में भी सहायक हो सकता है (28)।
एक हफ्ते के बाद कैसा महसूस होता है :
शुरुआत में आपको खाने के बाद भी भूख लग सकती है, क्योंकि आप अपनी सामान्य डाइट से कम खाएंगे। ऐसा आपको कुछ दिनों तक महसूस हो सकता है। ऐसा लगना सामान्य है और इससे घबराने की कोई बात नहीं है। सबका शरीर और स्वास्थ्य एक समान नहीं होता, इसलिए जरूरी नहीं है कि ऐसा सभी को लगे। हालांकि, कुछ लोग डाइट को लेकर काफी उत्साहित होते हैं और उन्हें अधिक कमजोरी महसूस नहीं होती। इसलिए, कुछ लोगों को वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट का असर पहले हफ्ते में ही नजर आना मुश्किल है।
उबले अंडे के डाइट प्लान के फायदे के बेहतर परिणाम के लिए आगे जानिए कि वजन घटाने में उबले अंडे के डाइट प्लान को दूसरे हफ्ते में कैसे फॉलो करना है।
चलिए दूसरे हफ्ते की डाइट की शुरुआत करते हैं।
वजन घटाने में उबले अंडे का डाइट प्लान – दूसरा हफ्ता
वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट के तहत दूसरे हफ्ते में भी लगभग पहले हफ्ते के आहार का ही सेवन करना है। ये सभी आहार पहले हफ्ते की ही तरह काम करेंगे। इन्हें सेवन करने के समय में जरूर परिवर्तन आ सकता है, लेकिन इनकी वजन कम करने की कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नहीं आएगा। नीचे जानिए दूसरे हफ्ते के सातों दिन की डाइट के बारे में :
सोमवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) वेजिटेबल क्विनोआ + 1 कप ग्रीन टी + 4 बादाम दोपहर का भोजन (12:30 बजे) विभिन्न सब्जियों के जैसे सलाद पत्ता (lettuce), चेरी, टमाटर, केल, जैतून का तेल, हेर्ब्स और मसालों के साथ उबला हुआ अंडे का सलाद रात का खाना (7:00 बजे) ककड़ी का सूप + ग्रिल्ड फिश/टोफू
मंगलवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 1 केला + 1 कप दूध दोपहर का भोजन (12:30 बजे) सब्जियों के साथ पके हुए 3 लेट्यूस टूना/टोफू और कुछ पिस्ता + 1 कप ठंडा नारियल पानी रात का खाना (7:00 बजे) सब्जी/चिकन शोरबा + सब्जियों के साथ पकाया गया बाजरा + 80% या अधिक डार्क चॉकलेट का 1 टुकड़ा
बुधवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) दो उबले अंडे, टमाटर, एवोकाडो और काले तिल के बीज के साथ बनाए गए दो सैंडविच + 1 कप ग्रीन टी दोपहर का भोजन (12:30 बजे) फेट चीज़, नींबू का रस, पुदीने की पत्तियां और थोड़ी-सी काली मिर्च के साथ फलों का सलाद रात का खाना (7:00 बजे) उबले हुए किडनी बीन्स (थोड़े से मसाले के साथ) + आधा पीटा ब्रेड + ककड़ी, गाजर और चुकंदर का सलाद
गुरुवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + दो होल वीट टोस्ट + पके हुए बीन्स + 1 कप ग्रीन टी दोपहर का भोजन (12:30 बजे)  गोभी का सूप + आधा कप सब्जियों के साथ ग्रील्ड मछली/टोफू रात का खाना (7:00 बजे) चाईनीज गोभी, लाल गोभी, पीले और लाल शिमला मिर्च, खीरे और गाजर से बना सलाद + आधा कप हर्ब्स के साथ ग्रिल्ड चिकन/मशरुम + 1 कप दूध में एक चुटकी ��ल्दी
शुक्रवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) एक गिलास बनाना स्मूथी दोपहर का भोजन (12:30 बजे) ½ कप ब्राउन राइस + 2 उबले अंडे की करी + बहुत कम तेल में फ्राई 1 छोटा कप सब्जियां + 1 कप दही रात का खाना (7:00 बजे) पास्ता और मीटबॉल/सोयाबॉल + 1 कप छाछ
शनिवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 1 संतरा + 4 बादाम दोपहर का भोजन (12:30 बजे) 1 कटोरी फलों का सलाद (आम और अंगूर का सेवन न करें) रात का खाना (7:00 बजे) 1 बाउल चिकन/वेजिटेबल सूप
रविवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 1 छोटा कटोरी दलिया + 1 कप ग्रीन टी + 2 बादाम दोपहर का भोजन (12:30 बजे) दो उबले अंडे के साथ 1 बाउल उबली हुई सब्जियां रात का खाना (7:00 बजे) उबली हुई किडनी बीन्स (थोड़े से मसालों के साथ) + ककड़ी स्लाइस + 1 कप नारियल पानी
दूसरे हफ्ते के बाद कैसा महसूस होता है :
उबले अंडे का डाइट प्लान के 2 हफ्ते खत्म होने के बाद आप इस डाइट के आदी होने लगेंगे और आपकी भूख व डाइट पहले से बहुत कम हो चुकी होगी। आपको हल्का, अधिक फिट, अधिक सकारात्मक और सात्विक महसूस होने लगेगा। संतुलित आहार लेने के कारण, आपका वजन नियंत्रण में आने लगेगा और आप अधिक स्वस्थ महसूस करने लगेंगे। जरूरी नहीं कि यह एहसास सभी के लिए एक समान हो, इसलिए अगर आप इससे कुछ अलग, लेकिन सकारात्मक महसूस करें, तो बधाई हो। आपकी डाइटिंग सफल हुई।
अधिक जानकारी के पढ़ते रहे यह लेख।
उबले अंडे के डाइट प्लान के फायदे और खाद्य पदार्थों के बारे में बताने के बाद, आइए आपको देते हैं कि वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट से जुड़े अन्य खाद्य पदार्थों की जानकारी।
उबले अंडे की डाइट में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ – Foods to Eat on Boiled Egg Diet In Hindi
माना जाता है कि उबले हुए अंडे के लाभ अच्छी तरह उठाने के लिए इस डाइट के दौरान तीनों समय के भोजन के अलावा और कुछ नहीं खाना चाहिए। हालांकि, इस बारे में अभी कोई रिसर्च या वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन अगर डाइट का पालन करते हुए दिन में अधिक थकान या भूख लगे, तो आप नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। इनमें कैलोरी की मात्रा कम होती है, जिस कारण ये वजन को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं (37) :
एक मध्यम आकार का सेब (सूखा या कटा हुआ)
एक मध्यम आकार का केला
एक चौथाई कप किशमिश
एक गाजर
एक चौथाई कप ड्राई फ्रूट्स
एक कप नॉनफैट दही
होल वीट मफिन
पॉपकॉर्न (बिना नमक के)
आधा कप कटे हुए टमाटर
लेख के अगले भाग में जानिए कि वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट का अनुसरण करते समय किन खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए।
उबले अंडे की डाइट में इन खाद्य पदार्थों को खाने से बचें – Foods to Avoid on Boiled Egg Diet In Hindi
उबले अंडे के डाइट प्लान के फायदे उठाने के लिए नीचे दिए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें (38) :
अधिक कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थ
फैट से समृद्ध खाद्य पदार्थ
एक बार में अधिक न खाएं
अधिक शक्कर युक्त खाद्य और पेय पदार्थ
कैंडी, कुकीज, केक व सोडा आदि
फास्ट फूड
लेख के अगले भाग में आप जानेंगे उबले अंडे के डाइट प्लान के नुकसान के बारे में।
उबले अंडे का डाइट प्लान के नुकसान – Side Effects Of Boiled Egg Diet In Hindi
उबले हुए अंडे के लाभ के साथ कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे (4):
अंडे में कोलेस्ट्रॉल व सेचुरैटेड फैट पाया जा��ा है। इस कारण अंडे का अधिक सेवन शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। इसके कारण हृदय रोग की समस्या हो सकती है।
कुछ मामलों में अंडों के सेवन के कारण साल्मोनेला (Salmonella), सेरोवार्स एंटरिटिडिस (Serovars Enteritidis) और टाइफिम्यूरियम (Typhimurium) जैसे बैक्टीरिया से जुड़े संक्रमण हो सकते हैं। ये बैक्टीरिया आंत और डाइजेस्टिव ट्रैक्ट को प्रभावित करते हैं।
अनपॉश्चरीकृत अंडे का उपयोग करने से शरीर बैक्टीरियल संक्रमण के चपेट में आ सकता है।
अंडे के सफेद भाग में मौजूद प्रोटीन एग एलर्जी का कारण बन सकता है। इसके कारण शरीर पर चक्कते, रैशेज, डायरिया, अपच, उल्टी व मतली आदि समस्याएं हो सकती हैं (39)।
हर रोज अंडे खा-खा कर, बोरियत महसूस हो सकती है।
उबले अंडे के डाइट प्लान के नुकसान यह भी है कि यह सिर्फ दो हफ्ते का होता है। इस डाइट के खत्म होने के बाद, संतुलित आहार का सेवन और व्यायाम न करने से वजन फिर से बढ़ सकता है।
इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद उबले अंडे के डाइट प्लान के नुकसान और फायदे आपको अच्छी तरह समझ आ गए होंगे। अंत में यह कहा जा सकता है कि नियम और संतुलित आहार के साथ वजन घटाने में उबले अंडे के डाइट प्लान को इस्तेमाल करने से फायदा हो सकता है। साथ ही इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि दो हफ्ते की डाइट पूरी होने के बाद भी नियमित रूप से व्यायाम और संतुलित आहार का सेवन करते रहें। ऐसा न करने से वजन दोबारा बढ़ सकता है और उबले अंडे के डाइट के फायदे नहीं दिखेंगे। वजन से संबंधित अन्य डाइट चार्ट के लिए आप स्टाइलक्रेज के अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या उबले हुए अंडे की डाइट सुरक्षित है?
संतुलित आहार के साथ, उबले अंडों की डाइट का पालन करना सुरक्षित है। फिर भी डाइट प्लान शुरू करने से पहले अपने डाइटीशियन से परामर्श जरूर करें (2)।
उबले अंडे की डाइट की मदद से कितना वजन कम किया जा सकता है?
यह पूरी तरह से आपकी दिनचर्या, शरीर और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। साथ ही यह व्यक्ति-दर-व्यक्ति अलग-अलग हो सकता है। माना जाता है कि यह डाइट प्लान लगभग 9 से 11 किलो तक वजन कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
क्या मैं एक दिन में 6 अंडे खा सकता हूं?
एक दिन में 6 अंडे खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोग जैसी अन्य समस्याएं हो सकती हैं (4)।
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सौम्या व्यास ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीएससी किया है और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बेंगलुरु से टेलीविजन मीडिया में पीजी किया है। सौम्या एक प्रशिक्षित डांसर हैं। साथ ही इन्हें कवि��ाएं लिखने का भी शौक है। इनके सबसे पसंदीदा कवि फैज़ अहमद फैज़, गुलज़ार और रूमी हैं। साथ ही ये हैरी पॉटर की भी बड़ी प्रशंसक हैं। अपने खाली समय में सौम्या पढ़ना और फिल्मे देखना पसंद करती हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-ghatane-ke-liye-uble-ande-ka-diet-in-hindi/
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आजकल लोग वजन घटाने या खुद को फिट रखने के लिए कई तरीके आजमाते हैं। कोई जिम जाता है, कोई योग करता है, तो कोई डाइट पर ध्यान देता है। लगभग हर व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने के लिए अपने आहार पर ध्यान देता है। अगर डाइट प्लान की बात करें, तो अभी के जमाने में कई तरह की डाइटिंग चलन में हैं। उन्हीं में से एक है कीटो डाइट, जिसे कीटोजेनिक डाइट भी कहा जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम कीटो डाइट संबंधी सभी जरूरी जानकारी जैसे – कीटो डाइट प्लान क्या है, कीटो डाइट चार्ट में कौन सी चीजें हो सकती है, कीटो डाइट के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं आदि के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं अगर कीटो डाइट के नुकसान हैं, तो हम उस बारे में भी बात करेंगे। इसलिए, कीटो डाइट प्लान से संबंधित सभी जानकारियों के लिए इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें।
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कीटो डाइट प्लान क्या है? – What Is Keto Diet In Hindi
कीटोजेनिक आहार में लोग प्रतिदिन कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, एक मध्यम मात्रा में प्रोटीन और उच्च मात्रा में वसायुक्त आहार का सेवन करते हैं। इसका मतलब यह है कि शरीर एनर्जी के लिए फैट को अधिक बर्न करता है। फिर केटोसिस नामक एक प्रक्रिया में इसे ‘कीटोन बॉडीज’ या कीटोन में तोड़ता है। कीटोजेनिक आहार में लोग आमतौर पर प्रतिदिन केवल 20 से 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट खाते हैं। उदाहरण के रूप में ब्रेड के 2 स्लाइस और एक केले का सेवन मतलब 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेना है (1)।
कीटोजेनिक डाइट 4 प्रकार के होते हैं (2): 
स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट (Standard ketogenic diet-SKD)- इसमें कम कार्बोहाइड्रेट, मध्यम मात्रा में प्रोटीन और उच्च मात्रा में फैट लिया जाता है। इसमें आमतौर पर 70 प्रतिशत वसा, 20 प्रतिशत प्रोटीन और केवल 10 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट लिया जाता है।
साइक्लिकल कीटोजेनिक डाइट (Cyclical ketogenic diet-CKD) – इसमें कीटोजेनिक डाइट साइकिल के बीच उच्च कार्बोहाइड्रेट का सेवन भी शामिल है। उदाहरण के लिए हफ्ते में 5 दिन कीटोजेनिक डाइट और दो दिन उच्च कार्बोहाइड्रेट डाइट।
टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट (Targeted ketogenic diet -TKD)- इसमें एक्सरसाइज के साथ-साथ अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया जा सकता है।
हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट (High-protein ketogenic diet-HPKD)- इसमें प्रोटीन का सेवन अधिक किया जाता है। लगभग 60 प्रतिशत फैट, 35 प्रतिशत प्रोटीन और 5 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट शामिल हैं। इसके बावजूद यह अधिक फैट वाली डाइट है।
नोट : स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट (SKD) और हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट (HPKD) का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। साइक्लिकल कीटोजेनिक डाइट (CKD) और टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट (TKD) हाल ही में चर्चा में आई हैं। इन्हें ज्यादात�� बॉडीबिल्डर या फिर एथलीट अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं।
अब बारी आती है कीटो डाइट के फायदे जानने की।
कीटो डाइट प्लान के फायदे – Keto Diet Benefits In Hindi
लेख के इस भाग में हम कीटो डाइट के फायदे के बारे में जानकारी दे रहे हैं। नीचे पढ़ें कीटो डाइट प्लान के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं (1) (2) (3) (4)।
वजन कम करने में मददगार हो सकती है।
टाइप 2 डायबिटीज के लिए लाभकारी हो सकती है।
कोलेस्ट्रॉल में सुधार करने में सहायक हो सकती है।
कैंसर के जोखिम को कम करने या कैंसर के उपचार के लिए लाभकारी हो सकती है।
अल्जाइमर से बचाव के लिए मददगार हो सकती है।
मिर्गी के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकती है।
लेख के आगे के भाग में जानिए कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए कीटो डाइट प्लान।
4 हफ्ते का नमूना कीटो डाइट प्लान – Sample Keto Diet Plan in Hindi 
ध्यान रहे कि यहां कीटो डाइट चार्ट को एक नमूने के तौर पर तैयार किया गया है। इसमें मौजूद सामग्रियों व उसकी मात्रा में आहार विशेषज्ञ की सलाह और व्यक्ति के उम्र, जरूरत व स्वास्थ्य के अनुसार बदलाव किया जा सकता है। हर व्यक्ति का शरीर और खाने की पसंद एक जैसी नहीं होती है, इसलिए इन कीटो डाइट चार्ट में बदलाव संभव है।
पहला सप्ताह:
समय डाइट सुबह 7 बजे ●     गर्म या गुनगुने पानी के साथ नींबू
या फिर
●     गर्म या गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण
नाश्ता सुबह 8:30 बजे ●     1 उबला अंडा + केल स्मूदी
या फिर
●     नारियल का दूध, चिया हलवा या पुडिंग थोड़े से नारियल और अखरोट के साथ
या फिर
●     बादाम दूध, हरी सब्जियां, बादाम मक्खन के साथ बनाई गई स्मूदी
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ●     सब्जियों का सूप
या फिर
●     मशरूम और सलाद पत्तों का सलाद उच्च वसा के ड्रेसिंग के साथ
या फिर
●     हाई फैट ड्रेसिंग के साथ चिकन, गाजर, शिमला मिर्च और हरी बीन्स की सलाद
दोपहर के भोजन के बाद 2:30 बजे ●     1 कप ग्रीक योगर्ट और 2 बादाम शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ●      1 कप ग्रीन टी में थोड़ा नींबू का रस रात का खाना 7:30 बजे ●     झींगा और जूड्ल्स (एक प्रकार का नूडल्स)
या फिर
●     एवोकैडो और उबली हुई ब्रोकली साथ में थोड़ा ओलि�� ऑयल
या फिर
●     मशरूम और क्रीम सूप
कैसे लाभकारी हो सकती है?
कीटो डाइट प्लान के पहले हफ्ते में वजन में ज्यादा कमी हो सकती है, क्योंकि कम कार्ब वाला आहार खाने से शरीर से अतिरिक्त पानी बाहर निकल जाता है। इतना ही नहीं लिवर से अतिरिक्त सोडियम भी निकलता है। इससे तेजी से वजन कम होने में मदद मिल सकती है। शरीर में उत्पादित अतिरिक्त कीटोन्स जमा नहीं होते हैं, बल्कि मूत्र के जरिए बाहर निकल जाते हैं। चयापचय को बढ़ावा देने और फैट को बर्न करने के लिए हर रोज खूब सारा प्रोटीन युक्त और अच्छे फैट वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करें। पूरे दिन में 6 मील लें। जैसे कि इस डाइट में कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों के बारे में बताया गया है। शरीर को पोषण देने के लिए आहार में हरी सब्जियां, फल और नट्स को शामिल किया जा सकता है। एक हफ्ते के लिए तैयार किए गए इस कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस से शरीर को ऊर्जा मिल सकती है।
दूसरा सप्ताह:
समय  डाइट प्रातः सुबह 7 बजे गुनगुने या गर्म पानी के साथ एक चम्मच सेब का सिरका नाश्ता सुबह 8:30 बजे ●     गुनगुने या गर्म पानी के साथ एक चम्मच सेब का सिरका
या फिर
●     कार्बनिक मेपल सिरप के साथ 1 कप हर्बल टी + 1 क्रीम चीज़ पैनकेक
या फिर
●     एक पूरा उबला हुआ अंडा और एक गिलास दूध या सोया दूध
या फिर
●     1 कप बुलेटप्रूफ कॉफी + क्रिस्पी फूलगोभी के पकौड़े
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ●     एवोकैडो और टमाटर के साथ सलाद पत्तों का टैको (मकई या गेहूं से बनी एक प्रकार की रोटी, जिसमें वेज या नॉन-वेज की फिलिंग हो सकती है)
या फिर
●     भूना हुआ चिकन और सब्जियां
या फिर
●     ब्रोकली और हरी बीन्स के साथ ग्रील्ड चिकन के साथ अच्छा उच्च फैट सॉस
दोपहर के भोजन के बाद 2:30 बजे ●     1 छोटी कटोरी फ्लेवर्ड दही शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ●     2 अलसी की कूकीज + 1 कप मसालेदार चाय या हर्बल टी रात का खाना 7:30 बजे ●     गाजर और हरी सब्जियों के साथ ग्रील्ड मछली
या फिर
●     ताजा क्रीम के साथ बटरनट (अखरोट) स्क्वैश सूप
●     लौकी और फूलगोभी के साथ दाल का सूप
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
पहले हफ्ते की तरह ही दूसरे हफ्ते में भी 6 मील खाने की आवश्यकता है। साथ ही दिन में दो बार हर्बल टी का सेवन करें। ध्यान रहे कि सही मात्रा में प्रोटीन का भी सेवन किया जाना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट की न्यूनतम मात्रा भी आवश्यक है, इसलिए सब्जियों का सेवन भी सही तरीके से करना जरूरी है। हर्बल टी के बजाय बुलेटप्रूफ कॉफी (मक्खन वाली कॉफी) भी ली जा सकती है। सामान्य ब्लैक कॉफी में मक्खन, नारियल तेल और क्रीम को मिलाकर बुलेटप्रूफ कॉफी बनाई जाती है। इससे शरीर को ऊर्जा प्राप्त हो सकती है।
तीसरा सप्ताह:
प्रातः सुबह 7 बजे ●     नींबू और आर्गेनिक शहद के 1 बड़े चम्मच के साथ गर्म या गुनगुना पानी नाश्ता सुबह 8:30 बजे ●     1 कप ग्रीन टी + 1 उबला अंडा + पालक की स्मूदी
या फिर
●     1 मध्यम कटोरे में क्विनोआ घी में पकाई गई सब्जियां
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ●     2 बादाम या 1 कप ग्रीक योगर्ट शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ●     1 कप ग्रीन टी रात का खाना 7 बजे ●     ग्रील्ड चिकन सलाद अच्छी उच्च वसा ड्रेसिंग के साथ
●     सोया चंक रैप (गेहूं के फ्लैट ब्रेड का उपयोग करें)
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
तीसरा हफ्ता पहले दो हफ्ते के ही समान होता है, लेकिन सेवन की जाने वाली कैलोरी की संख्या के आधार पर यह काफी अलग होता है। इस हफ्ते में दोपहर के खाने के बाद छोटे मील को हटाया जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शरीर भारी नाश्ते से मिली ऊर्जा का उपयोग करे और खाने को पचने में भी आसानी हो। इसके बाद प्रोटीन युक्त डिनर से शरीर को फिर से एनर्जी मिल सकती है।
चौथा सप्ताह:
प्रातः सुबह 7 बजे ●     नींबू पानी के साथ अलसी बीज का चूर्ण नाश्ता सुबह 8:30 बजे ●     1 कप ग्रीन टी या ब्लैक कॉफी दोपहर का भोजन 12:30 बजे ●     1 सेब या 1 गिलास छाछ रात का खाना 7 बजे ●     चिकन सूप + फ्रूट कस्टर्ड
या फिर
●     पालक, लहसुन, ख��्टा क्रीम और पारमेसन चीज़ + फ्लेवर्ड दही के साथ मसली हुई गोभी
या फिर
●     स्मोक्ड चिकन + हरी सब्जियां + 1 मध्यम आकार की चॉकलेट ब्राउनी
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
कीटो डाइट प्लान के चौथे सप्ताह में हाई फैट, उच्च प्रोटीन और कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थ खाने की आवश्यकता होती है। इस हफ्ते में काफी हद तक वजन कम हो सकता है, क्योंकि किटोसिस फैट को बर्न करने में मदद कर सकता है। यह वह सप्ताह है, जब कीटो डाइट प्लान के साथ नियमित व्यायाम करने वालों को सबसे अधिक फायदा हो सकता है।
ये तो थे हफ्ते के अनुसार कीटो डाइट चार्ट के नमूने। अब बारी आती है यह जानने की कि कीटो डाइट में और क्‍या-क्या खा सकते हैं।
कीटो डाइट में क्‍या खाएं – Foods to Eat on the Keto Diet In Hindi
नीचे हम कीटो डाइट प्लान में खाए जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थों की सूची शेयर कर रहे हैं (2) (5) (6)।
हरी सब्जियां जैसे – पालक, खीरा, ब्रोकली, स्प्राउट्स, शिमला मिर्च, मशरूम, गोभी
चिकन
साबुत अनाज
नट्स जैसे – बादाम, अखरोट
बीज
जैतून का तेल
तरह-तरह के फल
खूब सारा पानी
लेख के अगले भाग में जानिए कि कीटो डाइट प्लान में किन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कीटो डाइट में क्‍या न खाएं – Foods to Avoid on the Keto Diet In Hindi
कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें (7)।
शराब का सेवन न करें।
सॉफ्ट ड्रिंक या सोडायुक्त पेय पदार्थों से दूर रहें।
तले-भुने खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
बाहर का खाना या जंक फूड का सेवन न करें।
ज्यादा मसाले वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
ज्यादा सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
प्रोसेस्ड मीट का सेवन न करें।
नोट : अगर कीटो डाइट चार्ट में मौजूद किसी खाद्य पदार्थ से किसी व्यक्ति को एलर्जी है, तो उसका सेवन न करें। कीटो डाइट प्लान के बारे में आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें। कीटो डाइट प्लान की कई चीजें व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है। इसलिए, बेहतर है कि कीटो डाइट प्लान शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
लेख के आगे के भाग में जानिए कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए किस तरह की एक्सरसाइज और योग फायदेमंद हो सकते हैं।
वजन घटाने के लिए कीटो डाइट के साथ कुछ व्यायाम और योगासन
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस में अगर व्यायाम या योग को शामिल कर लिया जाए, तो उसका प्रभाव और जल्दी दिख सकता है। साथ ही इन्हें सही प्रकार से करना भी जरूरी है। व्यायाम या योग न सिर्फ मोटापे को कम करने में मदद कर सकते हैं, बल्कि अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी बचाव करने में मदद कर सकते हैं (8) (9) (10) (11) (12)।
नीचे हम चार हफ्तों में किए जाने वाले कुछ आसान व्यायाम व योग के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पहले तीन हफ्ते मुश्किल व्यायाम किए जा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि चौथे सप्ताह में हल्के-फुल्के स्ट्रेचिंग योगासन का सहारा लें, क्योंकि चौथे सप्ताह में व्यक्ति लिक्विड डाइट पर रहता है।
पहला हफ्ता – वॉर्मअप + जॉगिंग + रनिंग + जंपिंग जैक + रस्सी कूदना
दूसरा हफ्ता – वॉर्मअप + रस्सी कूदना + स्क्वाट + पुश अप + एरोबिक्स
तीसरा हफ्ता – वॉर्मअप + सीढ़ी चढ़ना + पुश अप + कार्डियो
चौथा हफ्ता – वॉर्मअप + योग + चलना + ध्यान लगाना या मेडिटेट करना
नोट : कोई भी एक्सरसाइज या योगासन करने से पहले किसी विशेषज्ञ द्वारा राय जरूर लें। साथ ही किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें। साथ ही व्यक्ति अपने उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार व्यायाम या योग के बारे में विशेषज्ञ की सलाह ले सकता है।
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस कुछ लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसलिए, लेख के इस भाग में हम कीटो डाइट प्लान से संबंधित कुछ टिप्स दे रहे हैं।
कीटो डाइट के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips for Keto Diet in Hindi
कीटो डाइट प्लान के शुरुआत में कुछ परेशानियां हो सकती है। पसंद की चीजें खाने का मन हो सकता है। ऐसे में इधर-उधर की चीजों में मन लगाकर ध्यान भटकाने का प्रयास करें।
कीटो डाइट प्लान का प्रभाव और अच्छा हो, उसके लिए नियमित व्यायाम व योग करें। चाहें तो जिम या योग सेंटर भी जॉइन कर सकते हैं।
नियमित रूप से पानी पिएं।
कीटो डाइट प्लान के साथ शरीर को आराम भी दें।
कीटो डाइट प्लान के साथ जीवनशैली में भी बदलाव किया जा सकता है। बाहर खाने की जगह बेहतर है कि घर में ही बना खाना खाएं।
एक कप कॉफी और सैंडविच के लिए कॉफी शॉप जाने की जगह घर में ही कॉफी बनाए और साथ में अंडे या हरी सब्जियों का सैंडविच बनाकर खाएं।
सही वक्त पर खाना खाएं।
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस के शुरुआत से ही हर दिन या हर हफ्ते वजन चेक करें और उसे लिखते जाएं। इससे पता चलेगा कि कीटो डाइट फॉर वेट लॉस का कितना असर हो रहा है।
सही वक्त पर सोएं और सुबह उठें। ध्यान रहे कि नींद पूरी करें।
कीटो डाइट प्लान हर किसी के लिए आसान नहीं है, क्योंकि इसमें कई चीजों को खाने में रोक लगी होती है। ऐसे में इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जिसके बारे में लेख के इस भाग में जानकारी दी जा रही है।
कीटो डाइट प्लान के नुकसान – Keto Diet Plan Side Effect In Hindi
हर चीज के दो पहलू होते हैं एक फायदा और एक नुकसान। उसी तरह कीटो डाइट के फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी हैं। नीचे पढ़ें कीटो डाइट के नुकसान (6) (7)।
पोषक तत्वों की कमी
मतली या उल्टी
सिरदर्द
थकान
मूड स्विंग्स या चिड़चड़ापन
चक्कर आना
थकान
कब्ज
अनिद्रा
कीटो डाइट के फायदे जानने के बाद कई लोग इसे फॉलो करना चाहेंगे। उससे पहले कीटो डाइट प्लान को आजमाने के लिए कीटो डाइट चार्ट के बारे में आहार विशेषज्ञ से सलाह लें। साथ ही कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस को अगर सही तरीके से किया जाए, तो इसका असर शरीर पर कुछ ही वक्त में दिख सकता है। ध्यान रहे कि कीटो डाइट के साथ सावधानी जरूरी है, क्योंकि कीटो डाइट के नुकसान भी हैं। इसलिए, डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार कीटो डाइट प्लान को फॉलो करें। अगर डाइट के दौरान कोई भी असुविधा महसूस हो, तो तुरंत विशेषज्ञ से इस बारे में बात करें। कीटो डाइट प्लान को फॉलो कर आप अपने अनुभव नीचे दिए कमेंट ��ॉक्स की मदद से हमारे साथ जरूर शेयर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या कीटो डाइट सुरक्षित है?
हां, कीटो डाइट सुरक्षित है (5)। हालांकि, यह व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है कि उसके लिए कीटो डाइट सुरक्षित है या नहीं। इसलिए, बेहतर है कि इस बारे में अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
कीटो डाइट का पालन कर मैं कितना वजन कम कर सकता हूं?
अगर कीटो डाइट प्लान को सही तरीके से फॉलो किया जाए और साथ में व्यायाम किया जाए, तो पहले दो हफ्ते में 4.5 किलो तक वजन कम हो सकता है (7)।
मैं तीन सप्ताह के लिए कीटो डाइट पर हूं, लेकिन मेरा वजन कम नहीं हुआ है । कृपया मदद करे।
कम कार्ब आहार पर वजन कम न होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे एक दिन में कम कार्ब के खाद्य पदार्थों का सेवन करना, बहुत से फल खाना, पर्याप्त व्यायाम न करना, बहुत अधिक या बहुत कम प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाना, हर हफ्ते बहुत से चीटमील खाना, बहुत ज्यादा फैट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन। इतना ही नहीं तनाव, हार्मोनल असंतुलन और पर्याप्त नींद नहीं लेना भी कारण हो सकता है। इसलिए, कम से कम तीन दिन तक आप अपनी दिनचर्या, पूरे दिन किन खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं और ऐसी ही अन्य छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बातों को एक जगह नोट करते जाएं। इसके अलावा, आप अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से इस बारे में बात कर सकते हैं।
क्या मिर्गी रोगी कीटो डाइट कर सकते हैं ?
कभी-कभी जब अन्य उपचार विफल हो जाते हैं, तो मिर्गी रोग से ग्रस्त बच्चों को डॉक्टर कीटो डाइट की सलाह देते हैं (7)। अगर किसी भी व्यक्ति के घर में कोई मिर्गी रोगी है, तो उसे कीटो डाइट का पालन कराने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें ।
बॉडी बिल्डिंग के लिए एक सही किटोजेनिक डाइट प्लान क्या है?
अगर कोई व्यक्ति बॉडी बिल्डिंग में रुचि रखता है, तो सबसे पहले उसे शरीर से फैट कम करना होगा। ऊपर बताए गए कीटो डाइट प्लान में कम कार्ब, उच्च फैट और मध्यम मात्रा में प्रोटीन लेने की ��लाह दी गई है। फैट को कम करने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले 5-सप्ताह केटोजेनिक आहार योजना से शुरुआत करनी होगी। एक बार जब शरीर का फैट बर्न होने लगता है और काफी फैट कम हो चुका होता है, तब बारी आती है विटामिन, खनिज और प्रोटीन सप्लीमेंट (यदि आवश्यक हो) के साथ उच्च प्रोटीन आहार लेने की। फिर भी हम यही सुझाव देंगे कि पहले अपने डॉक्टर, डायटीशियन या जिम ट्रेनर से मिलकर इस बारे में बात की जाए। वो व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार बेहतर जानकारी दे सकते हैं।
क्या मैं बच्चे के जन्म के बाद वजन कम करने के लिए कीटो डाइट प्लान को फॉलो कर सकती हूं?
नहीं, डिलीवरी के ठीक बाद आपके बच्चे को पोषण की आवश्यकता होगी। आप जो पौष्टिक और पूर्ण आहार लेंगी वही आपके शिशु को मिलेगा। ऐसे में अगर आप सही और पोषक तत्व युक्त आहार नहीं लेंगी, तो उसका प्रभाव आपके बच्चे पर हो सकता है। इसलिए, पर्याप्त प्रोटीन, वसा और कार्ब्स खाएं, ताकि आपका शिशु स्वस्थ रहे। डिलवरी के कुछ महीनों बाद आप डॉक्टर से परामर्श लें कि कीटोजेनिक डाइट आपके लिए सही है या नहीं। फिर डॉक्टर के कहे अनुसार ही ��ाइट का चुनाव करें।
क्या ज्यादा फैट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से फैट बर्न हो सकता है?
हां, कीटो डाइट प्लान में अच्छे वसा शामिल हैं। इसमें ऐसे फैट शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, जैसे – मोनोअनसैचुरेटेड फैट (1) (2)। इसके अलावा, दैनिक आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड को शामिल करें। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है (13)।
क्या कीटो डाइट प्लान के दौरान शराब का सेवन किया जा सकता है ?
सप्ताह में सिर्फ एक बार एक छोटा गिलास वाइन का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसलिए, बेहतर है कि आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें। स्टाइलक्रेज अल्कोहल सेवन को बढ़ावा नहीं देता है।
क्या मुझे सप्लीमेंट लेने की भी जरूरत है?
यदि आप पहली बार कीटो डाइट कर रहे हैं या कम कार्ब आहार के लिए नए हैं, तो आप कमजोरी महसूस कर सकते हैं। आपके मांसपेशियों में ऐंठन महसूस हो सकती है। ऐसे में आपको सप्लीमेंट की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन सप्लीमेंट के सेवन से पहले न्यूट्रिशनिस्ट या डॉक्टर से बात जरूर करें (1)।
मुझे कब्ज की शिकायत हो रही है। कृपया मदद करें।
आपको अधिक तरल पदार्थ (पानी, ताजे फलों जैसे – बेरीज) का सेवन करना चाहिए (5) (6)। ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। फाइबर न सिर्फ पाचन क्रिया में सुधार करने में मदद कर सकता है, बल्कि कब्ज की परेशानी से भी राहत दिला सकता है (14) (15)। अगर समस्या ज्यादा बढ़े या ज्यादा दिन से है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
कीटोन्स को कैसे मापा जा सकता है?
कीटोन्स को मापने के लिए बाजार में कई उपकरण हैं, जैसे कि कीटोस्टिक्स (Ketostix)। आप उन्हें ऑनलाइन या मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं। इसका उपयोग करने से पहले पैकेट पर दिए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें।
कीटोसिस चरण में प्रवेश करने में कितने दिन लगेंगे?
कम कार्ब वाले आहार के सेवन के साथ अगर रोज व्यायाम भी किया जाए, तो कुछ ही दिनों में आप कीटोसिस चरण में प्रवेश कर जाएंगे। कीटो डाइट प्लान को अगर सही तरीके से फॉलो किया जाए, तो पहले ही दो हफ्तों में 4.5 (10 lbs) किलो वजन कम किया जा सकता है (7)। यह काफी हद तक व्यक्ति की दिनचर्या और वो किन चीजों का सेवन कर रहा है, उस पर भी निर्भर करता है। जब शरीर में जमा वसा ऊर्जा में परिवर्तित होने लगती है, तो कीटोन निकलने शुरू हो जाते हैं। इसे ही कीटोसिस चरण कहा जाता है।
मुझे घर में खाना बनाने का वक्त नहीं मिलता है। ऐसे में लो कार्ब डाइट को कैसे फॉलो किया जा सकता है?
आप नीचे बताए गए तरीकों को फॉलो कर सकते हैं (16) (17):
हाई कार्ब फूड्स जैसे कूकीज, केक, पेस्ट्री, पास्ता व ब्रेड से दूर रहें।
डिब्बा बंद व सोडा युक्त पेय पदार्थों का सेवन न करें।
अगर आप कहीं बाहर खाने जा रहे हैं, तो वेटर या शेफ से बात करें और अपने खाने की जरूरतों को समझाएं।
सहकर्मियों या दोस्तों के साथ डिनर या लंच के लिए बाहर जाते समय, कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों जैसे – चिकन, हरी सब्जियां व फलों के रस आदि को ऑर्डर करें।
ज्यादा मसाले वाले आहार से दूर रहें।
अंत में हमारा सुझाव है कि आप हरी सब्जियां, फल खरीदें। हर दिन बाहर या ऑफिस जाने से पहले उन्हें धोएं और काटकर जिपलॉक बैग में रख लें। बाहर के खाने से दूरी बनाएं और भूख लगने पर हरी सब्जियों की सलाद या फलों का सेवन करें। इसके अलावा, आप फ्रीज में भी एक दिन के लिए सब्जियां काटकर रख सकते हैं और जब आप घर आएं, तो उन पर जैतून का तेल और नींबू का रस मिलाकर उनका सेवन कर सकते हैं। आप अंडे उबालकर भी रख सकते हैं। इन चीजों से आप अपना काम आसान कर सकते हैं।
क्या कीटो डाइट प्लान में अच्छी मात्रा में प्रोटीन का सेवन किया जा सकता है?
कीटो डाइट प्लान में सीमित मात्रा में प्रोटीन के सेवन की सलाह दी जाती है (1)। उच्च प्रोटीन वाले आहार से बचें, क्योंकि प्रोटीन का अधिक सेवन शरीर को कीटोसिस स्टेट में जाने से बाधित कर सकता है (18)।
क्या कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस के दौरान बहुत अधिक पेशाब आना सामान्य है?
हां, कीटो डाइट के दौरान यह सामान्य बात है। इसमें ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण होता है। इस डाइट में पहले हफ्ते में पेशाब बार-बार आता है, जिससे वजन कम हो सकता है (7)। बार-बार पेशाब जाना केटोसिस का संकेत हो सकता है, मतलब कि आपका शरीर केटोसिस स्टेट में प्रवेश कर चुका है। इसलिए, ध्यान रहे कि आप खूब पानी या अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें, ताकि आपके शरीर में पानी की कमी न हो।
कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के दौरान इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई कैसे करें?
कीटो डाइट के दौरान व्यक्ति के शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट निकलते हैं, तो ऐसे में उनकी भरपाई भी जरूरी है। इस स्थिति में व्यक्ति मैग्नीशियम और पोटैशियम की खुराक व मल्टीविटामिन की खुराक ले सकता हैं। रोजाना दो कप सूप पिएं, अपने पीने के पानी या डिटॉक्स ड्रिंक में एक चुटकीभर नमक मिलाएं। ध्यान रहे कि अगर कोई व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी या डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो नमक का उपयोग न करें। इसके अलावा, बाजार में उपलब्ध लो-सोडियम साल्ट जैसे लाइट साल्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कीटो फ्लू क्या है?
कीटो फ्लू शरीर में कीटोसिस का एक विशेष संकेत है। कीटो फ्लू कीटो डाइट प्लान शुरू करने के दो से सात दिन बाद दिखाई दे सकता है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार है (19):
सिरदर्द
नींद न आना
कब्ज
थकान
उल्टी या मतली
चिड़चिड़ापन
ऐसा अचानक डाइट में होने वाले परिवर्तन के कारण हो सकता है।
भोजन में कार्ब्स की गणना कैसे कर सकते हैं?
आप न्यूट्रीशन डेटा वेबसाइट पर ऑनलाइन जांच कर सकते हैं या ऑनलाइन टूल जैसे फिटनेस पाल टू कैलकुलेट दी टोटल कार्ब्स (fitness pal to calculate the total carbs) का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, विकल्प के तौर पर आप कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जानकर अपनी डाइट में कम कार्ब वाली सामग्रियों का चुनाव कर सकते हैं।
कीटो डाइट प्लान के लिए स्वस्थ फैट क्या है?
नीचे हम कुछ स्वस्थ फैट युक्त खाद्य पदार्थों की जानकारी दे रहे हैं, जिनका सेवन आप कर सकते हैं। स्वस्थ फैट में मोनो-अनसैचुरेटेड और पोलीअनसैचुरेटेड फैट मौजूद है। इसका सेवन हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है (20) (21)।
जैतून का तेल
अलसी के बीज
सूरजमुखी के बीज का तेल
सोया
मकई
मछली
एवोकैडो
नट्स
कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के चरण क्या हैं?
अगर बात करें कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के चरण की, तो लोगों के अनुभव के अनुसार आमतौर पर कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के तीन चरण होते हैं। ध्यान रहे कि इनके बारे में कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। इसलिए, हम लोगों के अनुभव के आधार पर इस बारे में बता रहे हैं।
तीन स्टेजेस कुछ इस प्रकार हैं :
रैपिड वेट लॉस स्टेज (Rapid weight loss stage) – इस चरण में व्यक्ति के शरीर से अधिक से अधिक पानी का वजन कम होगा। इसे कीटो डाइट प्लान का पहला चरण कहा जा सकता है।
कीटो अडैप्शन स्टेज (Keto-adaptation stage) – इस चरण में व्यक्ति का वजन घटना स्थिर हो सकता है। हालांकि, इस स्टेज में व्यक्ति का वजन बढ़ भी सकता है। इस स्टेज में शरीर नए ऊर्जा स्रोत और ऊर्जा के रूप में शुगर की कमी का अनुभव कर सकता है। यह लगभग एक सप्ताह तक चल सकता है।
कम्पलीट कीटो अडैप्शन स्टेज (Complete keto-adaptation stage) – इस स्टेज में शरीर मुख्य ऊर्जा स्रोत के रूप में कीटोन्स का उपयोग करना सीख जाता है। इस स्टेज में शरीर ज्यादा फैट बर्न कर सकता है। यह स्टेज तीसरे सप्ताह के मध्य से शुरू हो सकता है और चौथे सप्ताह तक रह सकता है। इस दौरान कुछ लोग वजन बढ़ने का या वजन न घटने का भी अनुभव कर सकते हैं, लेकिन इसमें कोई चिंता की बात नहीं है। यह वजन बढ़ाने या वजन कम न करने की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। ध्यान रहे कि आप सही तरीके से डाइट का पालन करें और नियमित रूप से व्यायाम या योग करते रहें, ताकि वजन संतुलित रहे।
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Arpita Biswas
अर्पिता ने पटना विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में स्नातक किया है। इन्होंने 2014 से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी। इनके अभी तक 1000 से भी ज्यादा आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं। अर्पिता को विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद है, लेकिन उनकी विशेष रूचि हेल्थ और घरेलू उपचारों पर लिखना है। उन्हें अपने काम के साथ एक्सपेरिमेंट करना और मल्टी-टास्किंग काम करना पसंद है। इन्हें लेखन के अलावा डांसिंग का भी शौक है। इन्हें खाली समय में मूवी व कार्टून देखना और गाने सुनना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-ghatane-ke-liye-keto-diet-in-hindi/
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ओट्स (जई) के 24 फायदे, उपयोग और नुकसान – Oats Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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ओट्स (जई) के 24 फायदे, उपयोग और नुकसान – Oats Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Bhupendra Verma Hyderabd040-395603080 August 20, 2019
अगर दिन की शुरुआत हेल्दी नाश्ते से हो, तो दिनभर शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। इस मामले में ओट्स से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। यह न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसमें कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। यह शरीर को पोषण देने के साथ-साथ कई तरह के बीमारी से भी राहत दिला सकते हैं। फिर चाहे आपको अपना स्वास्थ्य बेहतर करना हो या फिर त्वचा और बालों में निखार लाना हो। हर मामले में ओट्स लाजवाब है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको ओट्स के फायदे के साथ-साथ ओट्स बनाने की विधि के बारे में भी बताएंगे।
विषय सूची
ओट्स (जई) क्या हैं – What is Oats in Hindi
कुछ लोग अक्सर पूछते हैं कि ओट्स क्या होता है। आपको बता दें कि ओट्स (जई) एक तरह का दलहन है। इसका साइंटिफिक नाम ऐवना सटाइवा (Avena sativa) है और यह पोएसी (Poaceae) परिवार से संबंधित है। ओट्स को मुख्य रूप से खाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे ज्यादातर लोग नाश्ते के तौर पर उपयोग करते हैं। इसकी खेती की शुरुआत स्कॉटलैंड में हुई और आज लगभग ��भी देशों में इसका उपयोग किया जाता है। स्कॉटलैंड में ओट्स को मुख्य आहार के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका सेवन आपको स्वस्थ रखने के साथ-साथ कई रोगों से छुटकारा दिलाने में भी सहायता कर सकता है।
आइए देखते हैं कि ओट्स खाने के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।
ओट्स के फायदे – Benefits of Oats in Hindi
ओट्स में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व आपको अनेक तरह से फायदा पहुंचा सकते हैं। इस लेख में उन फायदों को विस्तार से जानेंगे।
सेहत के लिए ओट्स (जई) के फायदे – Health Benefits of Oats in Hindi
कई बीमारियों को रोकने और उनसे निजात दिलाने के लिए ओट्स का सेवन लाभदायक हो सकता है। चलिए, सबसे पहले हम ओट्स के सेहत संबंधी फायदों के बारे में बात करते हैं।
1. मधुमेह के लिए
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एक शोध में पाया गया है कि ओट्स घुलनशील फाइबर का अच्छा स्रोत होता है। फाइबर में बीटा-ग्लूकॉन पाए जाते हैं, जो ग्लाइसेमिक प्रभाव को कम करते हैं और इंसुलिन के प्रभाव को सक्रिय करने का काम करते हैं। इससे रक्त में शुगर की मात्रा को संतुलित रखने में मदद मिलती है (1)। इसका फायदा मधुमेह के रोगियों को हो सकता है।
2. कार्डिएक हेल्थ (ह्रदय + कोलेस्ट्रॉल)
ओट्स का सेवन ह्रदय रोग और कोलेस्ट्रॉल की समस्या से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। कारण यह है कि इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इस संबंध में किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि ओट्स में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रोल को भी कम करने का काम करता है। साथ ही इससे ह्रदय संबंधी जोखिमों को भी दूर रखने में मदद मिलती है (2)।
3. कैंसर के लिए
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ओट्स का उपयोग कैंसर जैसी गंभीर समस्या से निजात पाने में भी किया जा सकता है। इस संबंध में किए शोध में यह पाया गया है कि ओट्स में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण कैंसर को बढ़ावा देने वाली कोशिकाओं को कम करते हैं और अच्छे कोशिकाओं को बनाए रखते हैं (3)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि ओट्स का सेवन कैंसर की समस्या में राहत दिलाने का भी काम कर सकता है।
4. उच्च रक्तचाप
ओट्स का उपयोग उच्च रक्तचाप की समस्या को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। इसमें घुलनशील फाइबर होता है, जो उच्च रक्तचाप के रोगियों के सिस्टोलिक व डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर (डीबीपी) को कम कर सकता है। इससे उच्च रक्तचाप के खतरे को दूर रखा जा सकता है (4)।
5. वजन घटाने के लिए
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ओट्स का सेवन आपके वजन को कम करने में सहायक हो सकता है। इस बात कि पुष्टि एक साइंटिफिक रिसर्च से भी हो चुकी है। एक शोध के अनुसार, ओट्स में पाए जाने वाला बीटा ग्लूकॉन खाने को पचाने के साथ ही शरीर में ऊर्जा को बनाए रखता है, जो भूख को शांत रखता है। इससे कि वजन को कम करने में मदद मिल सकती है (5)। इसके सेवन के साथ नियमित व्यायाम का भी ध्यान रखना जरूरी है।
6. इम्युनिटी के लिए
ओट्स में बीटा-ग्लूकॉन पाए जाते हैं, जो ग्लाइसेमिक प्रभाव को कम करने में और इंसुलिन के प्रभाव को सक्रिय करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का भी काम करते हैं। ओट्स के सेवन से मैक्रोफेज (macrophage) और न्यूट्रोफिल (neutrophil) ( ये दोनो�� श्वेत रक्त कोशिकाओं के प्रकार हैं) को बढ़ावा मिलता है, जो बैक्टीरिया, वायरस और फंगस को दूर रखने के लिए जाने जाते हैं (6)।
7. कब्ज के लिए ओट्स के फायदे
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ठीक से पेट साफ न होने पर दिनभर स्वभाव चिड़चिड़ा रहता है। ऐसे में ओट्स का सेवन कर कब्ज की समस्या को दूर किया जा सकता है। ओट्स में पाए जाने वाला फाइबर इस समस्या से निजात दिलाने में सहायक हो सकता है, क्योंकि यह भोजन को पचाकर मल के रूप में बाहर निकालने का काम करता है (7) (8)। इससे आंत को मजबूत करने में मदद मिलती है, जिससे कब्ज से राहत मिलती है।
8. तनाव से राहत
ओट्स खाने के फायदे में तनाव से राहत मिलने का भी जिक्र किया गया है। तनाव को कम करने के लिए विटामिन बी के समूह के साथ फोलेट भी फायदेमंद होते हैं। इसमें विटामिन बी-6 और बी-12 को खास वरीयता दी गई है (9)। ओट्स में विटामिन बी समूह की अच्छी मात्रा पाई जाती है। विटामिन बी-6 और फोलेट तनाव के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हो सकते हैं (10)।
9. पाचन क्रिया के लिए
एक रिसर्च में पाया गया है कि घुलनशील फाइबर पानी को आकर्षित करता है और पाचन के दौरान जेल में बदल जाता है। इससे पाचन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। कुछ खाद्य आहार में घुलनशील फाइबर की मात्रा पाई जाती है, जिनमें ओट्स (जई), जौ, नट्स, मटर और फल व सब्जियां शामिल हैं। घुलनशील फाइबर ह्रदय रोग के जोखिम को भी कम करने में मदद कर सकता है। ओट्स में अघुलनशील फाइबर भी होता है, जो पचे हुए खाद्य पदार्�� को मल के रूप में बाहर निकालने में मदद करता है (11)।
10. हड्डियों के लिए
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सिलिकॉन एक खनिज है, जिसे हड्डियों के निर्माण और उन्हें मजबूत करने के लिए जाना जाता है। एक शोध में पाया गया कि ओट्स में कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम व सिलिकॉन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं (12)(8) । इसलिए, कह सकते हैं कि ओट्स का सेवन हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है।
11. ऊर्जा बढ़ाने के लिए
ओट्स के सेवन से शरीर की ऊर्जा बढ़ाने में सहायता मिल सकती है। ओट्स में विटामिन्स, मिनरल और फाइबर मुख्य होते हैं। इसके सेवन से शरीर को लंबे समय तक थकान का अनुभव नहीं होता है (13) (8)।
12. बेहतर नींद लाने में सहायक
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ओट्स खाने के फायदे में बेहतर नींद सोना भी शामिल है। ओट्स की हस्क के उपयोग से सेरोटोनिन (एक तरह का तत्व, जो मूड को अच्छा करने का काम करता है) के स्तर में सुधार किया जा सकता है , जो अच्छी नींद के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है (14)।
13. रजोनिवृत्ति के लक्षणों से राहत
रजोनिवृत्ति के दौरान हाई डेंसिटी लिपिड (एचडीएल) यानी अच्छे कोलेस्ट्रोल के स्तर में कमी आती है, जबकि लो डेंसिटी लिपिड (एचडीएल) यानी खराब कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ जाता है। इससे ह्रदय रोग कि समस्या बढ़ सकती है। ऐसा एस्ट्रोजन में कमी के कारण होते है (15)। ऐसे में ओट्स का सेवन शरीर में लिपिड के स्तर को संतुलित करता है, जो रजोनिवृत्ति के लक्षण से राहत दिलाने का काम करता है (16)।
ऊपर आपने स्वास्थ्य के लिए ओट्स के गुण जाने, अब त्वचा के लिए इसके फायदों की बात करते हैं।
त्वचा के लिए ओट्स के फायदे – Skin Benefits of Oats in Hindi
जैसा कि ऊपर आपने बीमारियों के लिए ओट्स खाने के फायदे जानें , वैसे ही त्वचा के लिए ओट्स किस तरह फायदेमंद है, आगे जानेंगे।
1. मुंहासों के लिए
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कैसे है लाभदायक :
मुंहासे को दूर करने के लिए ओट्स का उपयोग लाभदायक हो सकता है। ओट्स में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा के लिए अधिक फायदेमंद होते हैं। उन्हीं फायदों में से एक मुंहासे के लिए भी हो सकता है (17)।
सामग्री :
2 चम्मच ओट्स
1 चम्मच बेकिंग सोडा
पानी
कैसे करें उपयोग :
ओट्स को पीस लें और बेकिंग सोडा के साथ पानी मिलाकर पेस्ट बना लें।
पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और 10 मिनट के लिए छोड़ दें।
फिर ठंडे पानी से धो लें।
2. त्वचा को मॉइस्चराइज करने के लिए
कैसे है लाभदायक :
एक वैज्ञानिक रिसर्च में देखा गया है कि ओट्स पाउडर का उपयोग कर बनाया गया मॉइस्चराइजर लोशन त्वचा को सूखने से बचा सकता है। यह त्वचा को 24 घंटे तक मॉइस्चराइज रखने का काम कर सकता है (18), लेकिन इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है।
सामग्री :
2 चम्मच ओट्स
1 चम्मच नींबू का रस
1 चम्मच शहद
कैसे करें उपयोग :
ओट्स पाउडर, नींबू के रस और शहद को मिला लें।
फिर इसे चेहरे पर लगाएं।
कुछ समय रहने दें और फिर गर्म पानी से धो लें।
3. सूखी त्वचा और खुजली का इलाज
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कैसे है लाभदायक :
ओट्स आपको त्वचा पर जलन, रूखेपन और खुजली आदि से दूर रखने में मदद कर सकता है। ओट्स में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव पाए जाते हैं, जो बैक्टीरिया को दूर रखने का काम कर सकते हैं। बैक्टीरिया के कारण विभिन्न प्रकार के त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं (19)। कुछ बॉडी केयर क्रीम में ओट्स के उपयोग कि जानकारी मिलती है।
सामग्री :
आधा कप ओट्स
1 अंडा
1 चम्मच बादाम का तेल
1 केला मैश किया हुआ
1 चम्मच शहद
कैसे करें उपयोग :
सभी को मिलाकर चेहरे पर लगाएं।
फिर 10 मिनट के लिए छोड़ दें।
उसके बाद गर्म पानी से धो लें।
4. निखरी त्वचा के लिए
कैसे है लाभदायक
त्वचा का सांवला होना मेलोनिन की कमी के कारण होता है। इस कमी को पूरा करने के लिए विटामिन सी की भूमिका पाई गई है। ओट्स में विटामिन सी पाया जात है, इसलिए इसके उपयोग से आपकी त्वचा की रंगत में निखार आ सकता है (20) (21)।
सामग्री :
2 चम्मच ओट्स
1 चम्मच शहद
कैसे करें उपयोग :
ओट्स को पीस लें और शहद में मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।
फिर पेस्ट को त्वचा पर लगाएं और 10 मिनट के लिए छोड़ दें।
उसके बाद गुनगुने पानी से धो लें।
5. ओट्स क्लीन्जर के रूप में
कैसे है लाभदायक :
एक रिसर्च में देखा गया कि ओट्स में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव पाए जाते हैं, जो त्वचा के लिए बतौर मॉइस्चराइजर और क्लींजर का काम करते हैं (22)। इसलिए, ओट्स का उपयोग क्लीन्जर के रूप में किया जा सकता है।
सामग्री :
1 कप ओट्स
लैवेंडर तेल की कुछ बूंदें
कैसे करें उपयोग :
गुनगुने पानी में ओट्स को भिगो लें और उसमे लैवेंडर तेल की कुछ बूंदें डाल दें।
15 से 30 मिनट तक अच्छी तरह से भीगने दें और फिर उस पानी से त्वचा को साफ करें।
6. चिकन पॉक्स का इलाज
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कैसे है लाभदायक :
चिकन पॉक्स के समस्या से राहत दिलाने में एंटी माइक्रोबियल अहम किरदार निभाता है (23)। एक शोध में पाया गया कि ओट्स में एंटी माइक्रोबियल जाते हैं, जो इस समस्या के लिए फायदेमंद हो सकते हैं (24)।
सामग्री :
1 कप ओट्स
1 कप बेकिंग सोडा
कैसे करें उपयोग :
पानी में ओट्स पाउडर और बेकिंग सोडा को मिलकर उससे स्नान करें।
स्नान के बाद त्वचा को तौलिये से साफ करें।
7. त्वचा की रक्षा
एक वैज्ञानिक शोध से पता चलता है कि ओट्स में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव पाए जाते हैं, जो विभिन्न प्रकार के त्वचा में आई सूजन को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही ओट्स त्वचा को सूरज की पराबैंगनी किरणों से सुरक्षा प्रदान करते हैं (25)।
आर्टिकल के इस हिस्से में हम बालों के लिए ओट्स के फायदे बता रहे हैं।
बालों के लिए ओट्स के फायदे – Hair Benefits of Oats in Hindi
जैसा कि आपने त्वचा के लिए ओट्स के फायदे जाने, वैसे ही यह बालों के लिए किस तरह फायदेमंद है आगे जानते हैं।
1. बालों का झड़ना रोके
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कैसे है लाभदायक :
एक रिसर्च में देखा गया है कि सिलिकॉन बालों के विकास में मदद कर सकता है। कुछ खाद्य पदार्थ में सिलिकॉन एसिड पाए जाते हैं, जिनमे चावल ,गेहूं और ओट्स को शामिल हैं (26)। इसलिए, ओट्स का उपयोग आपके बालों के विकास के लिए फायदेमंद माना जा सकता है।
सामग्री :
3 चम्मच ओट्स
1 कप दूध
1 चम्मच नारियल तेल
1 चम्मच शहद
कैसे करें उपयोग :
सभी सामग्रियों को मिलकर पेस्ट बना लें।
फिर इसे स्कैल्प और बालों पर लगाएं।
30 मिनट के बाद शैम्पू से बालों को धो लें।
2. रूसी को दूर करने के लिए
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कैसे है लाभदायक :
ओट्स आपकी रूसी की समस्या को दूर करने में सहायक हो सकता है। ओट्स में विटामिन बी-6 पाया जाता है, जिसे रूसी को हटाने के लिए मुख्य रूप से जाना जाता है। इसलिए, कहा जा सकता है कि ओट्स रूसी से निजात दिलाने में सहायक होता है (27)।
सामग्री :
4 चम्मच ओट्स पाउडर
2 चम्मच कंडीशनर
कैसे करें उपयोग :
ओट्स पाउडर और कंडीशनर को मिलाकर पेस्ट बना लें।
पेस्ट को बालों में लगाकर अच्छे से मालिश करें।
फिर इसे कुछ समय के लिए छोड़ दें और बाद में शैम्पू कर लें।
3. बाल बनें चमकदार
कैसे है लाभदायक :
ओट्स में सिलिकॉन पाया जाता है, जो बालों का झड़ना कम कर सकता है। साथ ही बालों को चमकदार बनाने में मदद कर सकता है (28) (29)।
सामग्री :
3 चम्मच ओट्स
1 कप दूध
1 चम्मच नारियल तेल
1 चम्मच शहद
कैसे करें उपयोग :
सभी सामग्री को मिलकर पेस्ट बना लें।
पेस्ट को सिर पर लगाकर अच्छी तरह से मालिश करें और 30 मिनट के लिए छोड़ दें।
फिर बालों को शैम्पू से धो लें।
4. ब्लोंड हेयर के लिए
यह तो आप जान ही चुके हैं कि ओट्स बालों के लिए फायदेमंद है। इसलिए, ऐसा माना जाता है कि ओट्स सफेद बालों ( ब्लॉन्ड हेयर) के लिए भी लाभदायक हो सकता है। यहां हम स्पष्ट कर दें कि इस मामले में अभी तक कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं हुआ है। इसलिए, आप इसे प्रयोग करने से पहले एक बार विशेषज्ञों की राय जरूर लें।
चलिए,अब ओट्स में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों पर एक नजर डालते हैं।
ओट्स (जई) के पौष्टिक तत्व – Oats Nutritional Value in Hindi
ओट्स में अनेक तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिसकी जानकारी हम इस चार्ट के माध्यम से देने का प्रयास कर रहे हैं (8):
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 g पानी 8.22 g ऊर्जा 389 kcal प्रोटीन 16.89 g टोटल लिपिड (फैट) 6.90 g कार्बोहाइड्रेट 66.27 g फाइबर, टोटल डाइटरी 10.6 g मिनरल्स कैल्शियम ,Ca 54 gm आयरन ,Fe 4.72 mg मैग्नीशियम , Mg 177 mg फास्फोरस ,P 523 mg पोटैशियम ,K 429 mg सोडियम ,Na 2  mg जिंक ,Zn 3.97 mg विटामिन्स विटामिन सी , टोटल एस्कॉर्बिक एसिड 0.0 mg थाइमिन 0. 763 mg राइबोफ्लेविन 0. 139 mg नियासिन 0.961 mg विटामिन बी -6 0. 119 mg फोलेट DFE 56 µg विटामिन बी-12 0. 00 µg विटामिन ए ,RAE 0 µg विटमिन ए ,।U 0 ।U विटामिन डी (D2 +D3) 0. 0 µg विटामिन डी 0 ।U लिपिड फैटी एसिड्स, टोटल सैचुरेटेड 1.217 g फैटी एसिड, टोटल मोनोसैचुरेटेड 2.178 g फैटी एसिड, टोटल पोलीअनसैचुरेटेड 2.535 g कोलेस्ट्रॉल 0 mg
इस लेख के अगले भाग में हम बताएंगे कि अच्छे ओट्स की चयन कैसे किया जा सकता है।
ओट्स का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?
ओट्स का चयन करते समय कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी होता है, जो इस प्रकार हैं :
ओट्स को कम मात्रा में खरीदें, क्योंकि अन्य अनाजों की तुलना में यह तेजी से सड़ता है।
किसी होटल में ओट्स या ओट्स सूप लें, तो ध्यान रहे कि वह गर्म हो।
ओट्स खरीदते समय ध्यान दे कि पैकेट कहीं से फटा हुआ न हो, क्योंकि पैकेट फटने से ओट्स खराब भी हो सकते हैं।
पैकेट बंद ओट्स खरीदते वक्त एक्सपायरी डेट जरूर चेक कर लें।
सुरक्षित कैसे रखे :
ओट्स को एयर टाइट डिब्बे में रखा जाना चाहिए।
पैकेट खुलने के बाद 3 महीने के अंदर उस ओट्स को खत्म करें।
ओट्स को किस तरह से उपयोग में लाया जा सकता है, इस बारे में हम आगे जानेंगे।
ओट्स (जई) का उपयोग – How to Use Oats in Hindi
ओट्स को दूध मिलकर नाश्ते की तरह खाया जा सकता है।
ओट्स को सूप की तरह पिया जा सकता है।
ओट्स को सामान्य दाल की तरह पकाकर चावल या रोटी के साथ खाया जा सकता है।
ओट्स (जई) के बीज को अंकुरित करके भी खाया जा सकता है।
कब खा सकते हैं :
वैसे तो ओट्स खाने का कोई निर्धारित समय नहीं है:
ओट्स को सुबह-शाम नाश्ते की तरह खा सकते है।
ओट्स को रात में दाल या सूप की तरह पिया जा सकता है।
कितना खाना चाहिए :
ओट्स खाने की कोई निर्धारित मात्रा नहीं है। यह व्यक्ति की खुराक पर निर्भर करता है।
क्या ओट्स से नुकसान हो सकते हैं, आइए जानते हैं इस बारे में।
ओट्स के नुकसान – Side Effects of Oats in Hindi
अगर ओट्स के पैकेट को तैयार करते समय केमिकल का उपयोग किया गया हो, तो वह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
ओट्स ठीक से पके होने चाहिए। अगर कच्चे ही रह जाएंगे, तो पेट खराब हो सकता है।
ओट्स के अधिक मात्रा में सेवन करने से आपके आंत और पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि इसमें फाइबर की अधिक मात्रा पाई जाती है (8) (30)।
अब तो आप जान गए होंगे कि ओट्स क्या है। इससे कौन-कौन से फायदे हो सकते हैं। अगर आप इसे अपनी डाइट में शामिल करने के बारे में सोच रहे हैं, तो पहले इस लेख को अच्छे से पढ़ें और समझ लें कि यह किन-किन बीमारियों के लिए उपयोगी है। साथ ही आप इस लेख के माध्यम से कुछ हद तक यह भी समझ गए होंगे कि ओट्स कैसे बनाते हैं। आशा करते हैं कि हमारा यह लेख आपके लिए फायदेमंद होगा। अगर आपके पास ओट्स से संबंधित कोई अन्य जानकारी है, तो उसे कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमारे साथ शेयर कर सकते हैं।
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भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग अपने खान-पान और सेहत का सही से ख्याल नहीं रख पाते हैं। इसका सीधा असर इंसान के स्वास्थ्य पर पड़ता है। अनियमित दिनचर्या और असंतुलित आहार के कारण कई गंभीर बीमारियां आपको अपनी गिरफ्त में ले लेती हैं।
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टी ट्री ऑयल के अनोखे फायदे जानने के लिए पढ़े ये लेख। (Tea tree oil benefits in Hindi) न सिर्फ त्वचा और बालो के लिए, टी ट्री ऑयल लिए भी बोहोत उपकारी साबित हो सकता है। विस्तारित जानने के लिए ज़रूर पढ़े…
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