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एलन मस्क का ऐलान, तीसरे विश्वयुद्ध से पहले मंगल ग्रह पर बसा देंगे इंसानी बस्तियां Divya Sandesh
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एलन मस्क का ऐलान, तीसरे विश्वयुद्ध से पहले मंगल ग्रह पर बसा देंगे इंसानी बस्तियां
धरती के सबसे रईस अरबपति और स्पेसएक्स कंपनी के मालिक एलन मस्क ने संभावित तीसरे विश्वयुद्ध से पहले मंगल ग्रह पर इंसान की बस्तियां बसाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि मंगल ग्रह पर बसाए जाने वाले इस शहर में सभी चीजें स्वत: संचालित होंगी। एलन मस्क ने मार्स सोसायटी के वर्चुअल सम्मेलन में मंगल ग्रह पर बस्तियां बसाने की योजना का ऐलान किया। इससे पहले मस्क ने कहा था कि उनका लक्ष्य है कि वर्ष 2026 तक मंगल पर इंसान को उतारना है। वहीं अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने वर्ष 2033 तक इंसान मंगल ग्रह भेजने की योजना बनाई है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर इंसान जल्द से जल्द मंगल ग्रह नहीं गया तो मानवता के अस्तित्व पर संकट आ सकता है। आइए जानते हैं क्या है अरबपति एलन मस्क का मंगल प्लान और किस तरह से देंगे इसे अंजाम…..Elon Musk Mars World War 3: स्पेसएक्स कंपनी के मालिक और दुनिया के सबसे धनी अरबपति एलन मस्क ने तीसरे विश्वयुद्ध से पहले मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बसाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि हमें मानवता को बचाने के लिए मंगल ग्रह पर एक शहर बसाना होगा।धरती के सबसे रईस अरबपति और स्पेसएक्स कंपनी के मालिक एलन मस्क ने संभावित तीसरे विश्वयुद्ध से पहले मंगल ग्रह पर इंसान की बस्तियां बसाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि मंगल ग्रह पर बसाए जाने वाले इस शहर में सभी चीजें स्वत: संचालित होंगी। एलन मस्क ने मार्स सोसायटी के वर्चुअल सम्मेलन में मंगल ग्रह पर बस्तियां बसाने की योजना का ऐलान किया। इससे पहले मस्क ने कहा था कि उनका लक्ष्य है कि वर्ष 2026 तक मंगल पर इंसान को उतारना है। वहीं अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने वर्ष 2033 तक इंसान मंगल ग्रह भेजने की योजना बनाई है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर इंसान जल्द से जल्द मंगल ग्रह नहीं गया तो मानवता के अस्तित्व पर संकट आ सकता है। आइए जानते हैं क्या है अरबपति एलन मस्क का मंगल प्लान और किस तरह से देंगे इसे अंजाम…..’तीसरे विश्वयुद्ध से पहले मंगल ग्रह पर बसाएं इंसानी शहर’मस्क ने सम्मेलन में कहा, ‘मैं समझता हूं कि मंगल पर स्वत: संचालित शहर बसाने के लिए एक लक्ष्य का निर्धारण करना काफी मददगार है। हमारा लक्ष्य कुछ लोग या अड्डा नहीं बल्कि एक स्वत: संचालित शहर बसाना होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि यह परीक्षण करना जरूरी है कि क्या अगर पृथ्वी से किसी वजह से सप्लाइ बंद हो जाए या परमाणु विनाश हो जाए तो मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती खत्म हो जाएगी या नहीं। मस्क ने कहा कि यदि ऐसा होता है तो हम एक सुरक्षित स्थान पर नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘क्या हम तीसरे विश्वयुद्ध से पहले या बाद में मंगल ग्रह पर एक इंसानी बस्ती बसाने में सफल हो जाएंगे? मैं आशा करता हूं कि कभी तीसरा विश्वयुद्ध न हो लेकिन अगर ऐसा होता है तो मंगल ग्रह पर बस्ती बसाने की संभावना कम हो जाएगी। स्पेसएक्स के सीईओ ने कहा कि हमें किसी तीसरे विश्वयुद्ध से पहले मंगल ग्रह पर एक स्वत: संचालित शहर बसाने का प्रयास करना चाहिए।’मानवता जर्जर स्थिति में पहुंची, कभी भी हो ��कता है महाविनाश’टेस्ला के संस्थापक मस्क ने कहा कि मानवता इस समय कई संभावनाओं का सामना कर रही है। इसमें एक भीषण युद्ध, महाविनाशक ज्वालामुखी विस्फोट या उल्कापिंड का गिरना या हम खुद ही अपने आपको मार लें। उन्होंने कहा कि अगर स्पष्ट तौर पर कहें तो इंसानी सभ्यता मुझे बहुत ज्यादा शक्तिशाली नहीं लग रही है। हम अभी जर्जर नजर आ रहे हैं। मस्क ने कहा कि मंगल ग्रह हमारे लिए तब तक बचने की जगह नहीं हो सकता है जब तक कि वहां पर एक स्वत: संचालित शहर न बसा लिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यह संभवत: उनके जीवन काल में नहीं होने जा रहा है। अरबपति उद्योपति ने कहा, ‘यह अपने आप में निरर्थक है कि आप किसी ऐसी जगह पर जा रहे हैं जहां पर आपको पता है कि आप मर जाएंगे लेकिन आपके पास लाइफबोट नहीं है।’ उन्होंने कहा कि यह मानवता के खत्म होने के खतरे को कम करेगा और वह कई ग्रहों की यात्रा करने वाला बन सकेगा। एलन मस्क बना रहे शक्तिशाली रॉकेट, मंगल की करेगा यात्राएलन मस्क ने अपने स्टारशिप हैवी लिफ्ट रॉकेट का दूसरा टेस्ट किया है। इसी स्टारशिप के जरिए ही एलन मस्क ने मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बसाने का दांव लगाया है। हालांकि दोनों ही परीक्षण आंशिक ही सफल रहे हैं। ये वाहन सफलतापूर्वक उड़े और वापस भी आए लेकिन उन्होंने हार्ड लैंडिंग की जिससे वे नष्ट हो गए। इससे पहले धरती के सबसे अमीर अरबपति एलन मस्क (Elon Musk) ने चेतावनी दी थी कि अगर इंसान ने जल्द से जल्द पृथ्वी को नहीं छोड़ा और दूसरे ग्रहों की यात्रा शुरू नहीं की तो मानवता का खत्म होना निश्चित है। स्पेसएक्स कंपनी के मालिक मस्क (49) लंबे समय से यह मांग करते रहे हैं कि इंसानों को दूसरे ग्रहों पर भेजा जाना चाहिए ताकि मानवता के भविष्य को सुरक्षित रखा जा सके। अमेरिका के अपोलो यान के चंद्रमा पर लैंडिंग के 49 साल बीत चुके हैं और इंसान अभी तक किसी अन्य ग्रह या चंद्रमा पर फिर कभी नहीं गया है।मस्क का मंगल पर कदम रखने और शहर बसाने का प्लानमस्क की योजना है कि अगले 10 साल के अंदर पृथ्वी के सबसे नजदीकी ग्रह मंगल पर कदम रखा जाए और वहां पर इंसानों को बसाने का काम शुरू किया जाए। इंसान के सबसे करीब चंद्रमा और मंगल ग्रह ही हैं। शुक्र और बुध ग्रहों पर रहा नहीं जा सकता है। मंगल के अलावा बृहस्पति और शनि ग्रह हैं जहां वातावरण गैसों से भरा हुआ है। हालांकि उनके चंद्रमा पर जाया जा सकता है। अरबपति एलन मस्क की इच्छा केवल इन ग्रहों की यात्रा तक सीमित नहीं है। वह इंसानी बस्तियां बसाना चाहते हैं। मस्क ने लोगों को मंगल ग्रह पर खुद से ही खुद को चलाने वाले शहरों के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह ��े शहर को बनाकर ही हम इंसानी ‘चेतना’ को लंबे समय बचा सकते हैं। एलन मस्क ने कहा कि धीरे-धीरे हम इसका सामना कर रहे हैं कि क्या हम एक ऐसे जीव बनेंगे जो एक ग्रह से दूसरे ग्रह जा सकेगा या नहीं। उन्होंने कहा कि हम इससे आश्चर्य में आ जाएंगे कि ब्रह्मांड में कई ऐसी खत्म हो चुकी सभ्यताएं होंगी जो करोड़ों साल तक विकास करने के बाद आंतरिक या बाह्य कारणों से धीरे-धीरे खत्म हो गई होंगी।पृथ्वी के इतिहास में अब तक 5 बार आ चुका है प्रलयधरती के सबसे अमीर इंसान मस्क ने कहा कि आप मिस्र को देख सकते हैं। करीब 5 हजार साल पहले वहां पर गीजा का एक महान पिरामिड था लेकिन बाद में वहां रह रहे लोग यह भूल गए कि पिरामिड का निर्माण कैसे करना है। इसके बाद वे यह भी भूल गए कि चित्रलिपि को कैसे पढ़ना है। मस्क ने कहा कि इसी तरह के पाठ को रोमन साम्राज्य, सुमेरियन सभ्यता और बेबीलोन की सभ्यता से भी सीखा जा सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के इतिहास में 5 बार ‘प्रलय’ आ चुका है जिसमें सबकुछ तबाह हो गया। कुछ शोधों में कहा गया है कि पृथ्वी पर प्रलय अक्सर आता रहा है और यह एक चक्र का हिस्सा है। पृथ्वी पर मंडराने वाले इसी खतरे से निपटने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा कई सुरक्षा योजनाएं बना रही है। यही नहीं मस्क अकेले ऐसे शख्स नहीं हैं जो यह सोचते हैं कि इंसान का भविष्य अंतरिक्ष में है। मस्क ने कहा, ‘साढ़े चार अरब साल के पृथ्वी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि पृथ्वी के बाहर भी जीवन जीने की संभावना है और एक ग्रह से दूसरे ग्रह पर जाकर रहा जा सकता है। हालांकि इस अवसर के लिए बहुत कम समय बचा है।’
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Haryana HSSC Group D Exam Hindi Notes
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100 History Important GK Questions PDF HTET-CTET-REET Daily GK Questions Quiz Politics Basic GK Questions 20 Hindi Grammar Most Important Questions 100 Important Haryana HSSC Group D Questions Psychology Notes for HTET, CTET, REET, UP TET & TET Exams 100 Most Important Indian History GK Questions for Haryana HSSC Group D CTET-HTET-REET English Vocab Science Gk Questions Science 100 Most Important Questions General Knowledge 200 Important Questions CTET HTET REET UPTET Pedagogy Important Questions HTET CTET REET TET UPTET 101-200 Child Development Questions Most Important Current Affairs 100 Mix GK Questions Current Affairs Jan, Feb, March 2018 for Haryana HSSC Group D Exam Previous Year HTET-CTET-REET-UPTET-DSSSB Teacher Exam Child Development Questions Ancient Indian National Movements Ancient History Single Liner Questions Indian History Important Questions 300 Haryana GK Questions for HSSC Group D Exams Current Affairs September 2018 49 Most Important GK Questions 300 Haryana Police Constable & Haryana Group D GK Questions 50 Most Most Important Child Development GK Questions हिन्दी को 14 सितम्बर 1949 ई. में राष्टीय भाषा का दर्जा मिला और इस की याद में हिन्दी दिवस इसी दिन मनाया जाता है उसी दिन अन्य 11 भाषा भी सविधान सभा में स्वीकार की गई थी I हिन्दी की मूल भाषा संस्कृत को माना गया है I हिन्दी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है I हिन्दी का पहला उपन्यास "निवासदास" "भाषा वह साधन है जिसके माध्यम से हम सोचते है और अपने भावों/विचारो को व्यक्त करते है" वर्ण-विचार किसी भाषा के व्याकरण ग्रन्थ में इन तीन तत्वों की विशेष एंव आवश्यक रूप से चर्चा/ विवेचना की जाती है I (1) वर्ण (2) शब्द (3) वाक्य हिन्दी में 52 वर्ण होते है जिन्हें दो भागो में बाटा गया है स्वर और व्यंजन स्वर- ऐसी ध्वनियाँ जिनका उच्चारण करने में अन्य किसी ध्वनि की सहायता की आवश्यकता नही होती, उन्हें स्वर कहते है I स्वर 11 होते है अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ अं एक अनुस्वार है अः एक विसर्ग है स्वर को दो भागो में बाटा जा सकता है I हस्व् एंव दीर्घ I जिन स्वरो के उच्चारण में अपेक्षाकृत कम समय लगे, उन्हें हस्व स्वर एंव जिन स्वरो को बोलने में अधिक समय लगे उन्हें दीर्घ स्वर कहते है I इन्हे मात्रा द्वारा दर्शाया जाता है I ये दो स्वरो को मिला कर बनते है अतः इन्हें सयुक्त स्वर कहते है I आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ दीर्घ स्वर है I व्यंजन- जो ध्वनियाँ स्वरो की सहायता से बोली जाती है, उन्हें व्यंजन कहते हे I जब हम क बोलते है तब उसमे क् + अ मिला होता है I इस प्रकार हर व्यंजन स्वर की सहायता से ही बोला जाता है I इन्हें पाँच वर्गो तथा स्पर्श, अन्तस्थ एंव ऊष्ण व्यजनो में बाँटा जा सकता है I स्पर्श : क वर्ग__ क्, ख्, ग्, घ्, (ङ्) च वर्ग__ च्, छ्, ज्, झ् (ञ) ट वर्ग__ ट्, ठ, ड्, ढ़् (ण्) त वर्ग__ त्, थ, द् , ध् (न्) प वर्ग__ प्, फ्, ब्, भ् (म्) अन्तस्थ__ य, र, ल, व, उष्म__ श्, ष, स्, ह् संयुक्ताक्षर__ क्ष___ क् + ष् त्र___ त् + र् ज्ञ___ ज् + ञ और तीन नए अक्षर श्र___ श् + र् (जैसे श्रमिक में प्रयुक्त होता है) ड़- जैसे सड़क में प्रयुक्त होता है ढ़ -जैसे पढ़ाई में प्रयुक्त होता है हिन्दी वर्णमाला में कुल 52 अक्षर जिनमे 11 स्वर, 1 अनुस्वार, 1 विसर्ग और 33 व्यंजन है तथा तीन संयुक्ताक्षर है व् तीन नए अक्षर हैं I व्यंजनो का उच्चारण क वर्ग__ क्, ख्, ग्, घ्, (ङ्) कण्ठ से उच्चारित वर्ण च वर्ग__ च्, छ्, ज्, झ् (ञ) तालु से उच्चारित वर्ण ट वर्ग__ ट्, ठ, ड्, ढ़् (ण्) मूर्द्धI से उच्चारित वर्ण त वर्ग__ त्, थ, द् , ध् (न्) दंत्य से उच्चारित वर्ण प वर्ग__ प्, फ्, ब्, भ् (म्) ओष्ठ से उच्चारित वर्ण इन्हें आठ भागों में बाटा गया है 🥀 स्पर्श __ क, ख, ग, घ, ट, ठ, ड, ढ, त, थ, द, ध, प, फ, ब, भ 2- स्पर्श संघर्षि- च, छ, ज, झ 3- संघर्षि- फ, श, ह, ज, ष 4- अनुनासिक- ङ, ञ, ण, न, म 5- पार्शिवक- ल 6- प्रकम्पित- र 7- उत्िक्षप्त- ङ, ढ़ 8- अर्द्धस्वर- य, व बाह्य प्रयत्न के आधार पर सम्पूर्ण व्यंजनो को दो भागों में विभाजित किया जाता है अल्पप्राण महाप्राण जिन वर्णों का उच्चारण करते समय मुख से निकलने वाले श्वास की मात्रा अल्प रहती है वह अल्पप्राण कहलाता है प्रत्येक वर्ण समूह का पहला, तीसरा,पाँचवा वर्ण "अल्पप्राण" होता है जिन वर्णों का उच्चारण करते समय मुख से निकलने वाले श्वास की मात्रा अधिक रहती है वह "महाप्राण" कहलाता है प्रत्येक वर्ण समूह का दुसरा, चौथा, तथा सभी उष्ण वर्ण "महाप्राण" है स्वर तन्त्रियो के आधार पर घोष/सघोष- नाद या गूंज, जिन वर्णों का उच्चारण करते समय गूंज (स्वर तंत्र में कंपन) होती है I सभी स्वर घोष होते है और इन की संख्या कुल 30 होती है क वर्ग, च वर्ग, आदि वर्गो के अन्तिम तीन वर्ण* *ग्,घ्,ङ,ज्,झ्,ज्,ञ आदि तथा य्,र्,ल्,व्,ह् घोष वर्ण है अघोष- इन वर्णों के उच्चारण में प्राणवायु में कम्पन नही होती हे अतः कोई गुंज न होने से ये अघोष वर्ण होते है I कुल संख्या- 13 सभी वर्गो के पहले और दूसरे वर्ण क्,ख्,च्,छ्,श,ष्,स् आदि सभी वर्ण अघोष है अनुनासिक- नाक का सहयोग रहता है जैसे- अँ, ऑ, ई, ऊँ आदि कुछ महत्व्पूर्ण बाते स्वराघात तथा बलाघात का सम्बन्ध शब्दों के उच्चारण के समय वर्ण पर पड़ता है I इसके द्वारा शब्दों को समझने की चेतना सामने आती है I शब्दों का उच्चारण करते हुए किसी वर्ण पर अधिक बल दिया जाता है, उसे "स्वराघात" कहते है I यह बल स्वर पर अधिक होने के कारण "स्वराघात" कहलाता है I "बलाघात" का प्रभाव वर्णों के बदले शब्दों पर पड़ता है I बलाघात विशेषण के समान अर्थ का निवारण तथा परिवर्तन में सहायता प्रदान करता है I "अनुतान" उच्चारण के आरोह-अवरोह को "अनुतान" कहते है I यह आरोह-अवरोह शब्द तथा वाक्य का सही अर्थ प्रदान करता है। प्रश्नोत्तर विधि से हिन्दी व्याकरण सीखो :- Q: भाषा क्या है ? या भाषा किसे कहते हैं ? A: भाषा भावनाओ और विचारो का आदानप्रदान( communicate) करने का माध्यम ( medium) है। Q: भाषा की सबसे छोटी इकाई क्या है ? A: अक्षर या वर्ण। Q: अक्षर या वर्ण किसे कहते हैं ? A: भाषा की सबसे छोटी इकाई को अक्षर या वर्ण कहते हैं। Q: मात्रा किसे कहते हैं ? A: प्रत्येक व्यंजन के लिए एक वि��ेष चिन्ह (symbol) बना है जिसे मात्रा कहते हैं। Q: शब्द किसे कहते हैं ? A: अनेक प्रकार के स्वर , व्यंजन और मात्राओं के अर्थपूर्ण( meaningful) समूह(group ) को शब्द कहते हैं। इसे अर्थपूर्ण ध्वनि समूह(group of sounds) भी कहते हैं। Q: वाक्य किसे कहते हैं ? A: शब्दों के अर्थपूर्ण समूह को वाक्य कहते हैं। Q: व्याकरण किसे कहते हैं ? A: भाषा को शुद्धरूप से बोलने लिखने और पढ़ने के नियमों को व्याकरण कहते हैं। या भाषा को एक प्रणाली( system) मैं बाँधने(tie) वाली कड़ी( joint) को व्याकरण कहते हैं। Q: मात्रा किसे कहते हैं ? A: प्रत्येक व्यंजन के लिए एक विशेष चिन्ह (symbol) बना है जिसे मात्रा कहते हैं। Q: हिंदी वर्णमाला किसे कहते हैं ? A: हिंदी भाषा के वर्ण या अक्षरो का विशेष क्रम (special sequence) वर्णमाला कहलाता है। Q: वाक्य किसे कहते हैं ? A: शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं। भाषा Q: भाषा शब्द किस भाषा से लिया गया है ? (origin of word भाषा) A: संस्कृत। Q: संस्कृत के किस शब्द से भाषा शब्द लिया गया है ? A: भाष। Q: भारत की राष्ट्र भाषा क्या है ? A: हिंदी। अक्षर या वर्ण Q: हिंदी वर्णमाला में कुल ( total) कितने वर्ण हैं ? A: ५२ / 52 Q: हिंदी वर्णमाला में कितने स्वर हैं ? A: १३ / 13 वैसे मूलतः स्वर 11 ही हैं कहीं कहीं 13 का उल्लेख है पर अं एक अनुस्वार है और अः एक विसर्ग है अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अः ऋ Q: हिंदी वर्णमाला में कितने व्यंजन हैं? A: 33 / ३३ -- क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण (ड़, ढ़) त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह Q: हिंदी वर्णमाला में कितने संयुक्त व्यंजन हैं ? A: ३ / 3 Q: कौन से व्यंजन , संयुक्त व्यंजन कहलाते हैं। A: जहाँ भी दो अथवा दो से अधिक व्यंजन मिल जाते हैं वे संयुक्त व्यंजन कहलाते हैं। ये दो-दो व्यंजनों से मिलकर बने हैं। जैसे- क्ष=क्+ष अक्षर , ज्ञ=ज्+ञ ज्ञान , त्र=त्+र Q: हिंदी वर्णमाला में कितने अन्य स्वर हैं ? A: 3 /३ - ॠ ऌ ॡ लेकिन इनका प्रयोग अधिकतर नहीं होता है। Q-हिन्दी वर्णमाला में तीन नए वर्ण और जोड़ दिए गए हैं Ans-ड़,ढ़ ,श्र हिंदी लिपि Q: हिंदी लिपि को क्या कहते हैं ? A: हिंदी लिपि को देवनागरी लिपि कहते हैं। Q: हिंदी लिपि को देवनागरी लिपि क्यों कहते हैं ? A: भारत को देवों की भूमि कहा जाता है इसलिए हिंदी की लिपि को देवनागरी लिपि कहते हैं। शब्द Q: शब्द कितने प्रकार के होते हैं ? A: शब्द 2 प्रकार के होते हैं। Q: इनके प्रकार बताओ ? A: विकारी (declinable) और अविकारी शब्द (indeclinable)। Q: विकारी और अविकारी शब्द क्या हैं ? A: जिन शब्दों का रूप बदल जाता है वो विकारी शब्द (declinable) कहलाते हैं। जिनका रूप नहीं बदलता वो अविकारी शब्द (indeclinable) कहलाते हैं। Q: विकारी शब्द (declinable) कौन से हैं ? A: संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया आदि। Q: अविकारी शब्द (indeclinable)कौन से हैं ? A: क्रियाविशेषण (adverb), सम्बन्धबोधक (preposition or post preposition ), समुच्चयबोधक (conjunction) व विस्मयादिबोधक (interjection) Q: वाक्य कितने प्रकार के शब्दों से बनता है ? A: वाक्य ऊपर लिखे सभी आठ प्रकार के विकारी (declinable) और अविकारी शब्दो(indeclinable) से बनता है। 20 Hindi Grammar Most Important Questions 100 Important Haryana HSSC Group D Questions Psychology Notes for HTET, CTET, REET, UP TET & TET Exams 100 Most Important Indian History GK Questions for Haryana HSSC Group D Join Whats App Group
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