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नोएडा में मुठभेड़ में मारा गया गैंगस्टर, हत्या की कोशिश नाकाम: यूपी एसटीएफ
नोएडा में मुठभेड़ में मारा गया गैंगस्टर, हत्या की कोशिश नाकाम: यूपी एसटीएफ
छवि स्रोत: फ़ाइल / प्रतिनिधि अधिकारी ने कहा कि कपिल पर दोहरे हत्याकांड समेत करीब तीन दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं। अधिकारियों ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गैंगस्टर रविवार शाम यहां नोएडा पुलिस और विशेष कार्य बल की एक संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ के बाद कथित तौर पर मारा गया, उसके द्वारा हत्या की एक संदिग्ध योजना को नाकाम कर दिया गया। एसटीएफ के एक अधिकारी ने कहा, “मुठभेड़ के दौरान गैंगस्टर…
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#उत्तर प्रदेश#गैंगस्टर मारा गया#ग्रेटर नोएडा एनकाउंटर#नोएडा#यूपी की ताजा खबर#यूपी पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स
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यूपी के गैंगस्टर एक्ट की संवैधानिक वैधता को चुनौती वाली याचिका पर उप्र सरकार को नोटिस
नई दिल्ली, 29 नवंबर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के गैंगस्टर एक्ट की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया। याचिका वकील मनीष कुमार गुप्ता ने दायर की है। याचिका में याचिकाकर्ता का दावा है कि यूपी पुलिस द्वारा गैंगस्टर एक्ट का दुरुपयोग किया जा रहा है। यूपी सरकार जिस पर चाहे उसके…
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यूपी के एक और गैंगस्टर पर शिकंजा: शाहिद पिच्चा की संपत्ति जब्त करने की तैयारी, तीन थानों की पुलिस कर रही तलाश
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मर्डर, गैंगस्टर एक्ट, NSA और जेल... फिर 'LLM अपराधी' की दलीलों के आगे यूं हार गई पुलिस
नई दिल्ली। बात साल 2011 की है। यूपी में बागपत के किरठल गांव का 18 साल का एक नौजवान देश की सेना में जाने का सपना देख रहा था। जिस वक्त गांव के लोग भोर की मीठी नींद में होते, उस वक्त वो नौजवान सड़कों पर पसीना बहा रहा होता था। दौड़ते वक्त उसकी आंखों में बस उस दिन को देखने का इंतजार था, जब उसके शरीर पर सेना की वर्दी होगी। लेकिन, इस बीच कुछ ऐसा हुआ, जिससे इस नौजवान की जिंदगी बदल गई। एक रात जब वो सोया हुआ था, तो यूपी पुलिस की एक टीम आई और उसे उठाकर ले गई। केस मेरठ का था, जहां दो पुलिसकर्मियों की हत्या हुई थी। पुलिस ने मामले में 17 लोगों को आरोपी बनाया और उनमें एक नाम नाम के इस नौजवान का भी था।सूबे में उस वक्त मायावती की सरकार थी। मामला दो पुलिसकर्मियों की हत्या और उनकी बंदूकें लूटने का था। ऐसे में आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी के आदेश थे। पुलिस ने बाकी आरोपियों के साथ-साथ अमित के ऊपर भी केस दर्ज किया। उनके ऊपर गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) भी लगाया गया। अमित ने बताया कि जिस वक्त की ये घटना है, उस वक्त वो अपनी बहन के साथ यूपी के शामली में था। लेकिन, सुनवाई नहीं हुई और उन्हें दो साल उस ��ुर्म के लिए जेल में काटने पड़े, जो उन्होंने किया ही नहीं था। अमित का परिवार, उनका करियर और उनके सपने... सब कुछ टूट रहा था। अमित को अपने गैंग में शामिल करना चाहते थे गैंगस्टर पुलिसकर्मियों की हत्या के पीछे कुख्यात कैल गैंग का हाथ था। अमित के ऊपर आरोप लगा कि वो इसी कैल गैंग का हिस्सा है। अमित लगातार खुद को बेगुनाह बताते रहे, लेकिन कहीं से उम्मीद की कोई किरण नहीं दिखी। यहां तक कि जेल में रहने के दौरान खूंखार गैंगस्टरों ने उन्हें अपने गैंग का हिस्सा बनाने की भी कोशिश की। उस वक्त मुजफ्फरनगर जेल में अनिल दुजाना और विक्की त्यागी जैसे गैंगस्टर बंद थे। दोनों ने उनसे कहा कि वो उनके गैंग में शामिल हो जाए। लेकिन, अमित एक किसान का बेटे थे, जो जुर्म के रास्ते पर चलने की सोच भी नहीं सकते थे। 2013 में मिली जमानत, लेकिन लड़ाई अभी बाकी थी किस्मत से उस वक्त मुजफ्फरनगर जेल के जेलर काफी नेकदिल थे। उन्होंने अमित को एक ऐसी बैरक में शिफ्ट कर दिया, जहां कोई गैंगस्टर नहीं था। दो साल बीतने के बाद 2013 में अमित को जमानत मिल गई। केस अभी खत्म नहीं हुआ था और अमित का नाम इसमें शामिल था। समाज में कुछ लोग थे, जो जानते थे कि उनका अमित ऐसा कभी नहीं कर सकता। लेकिन, कुछ ऐसी नजरें भी थीं, जो उन्हें और उनके परिवार को शक के नजरिए से देखती थीं। ऐसे में अमित ने एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने तय किया कि वो कानून की पढ़ाई करेंगे और अपने लिए इंसाफ की लड़ाई खुद लड़ेंगे। कोर्ट में अपनी पैरवी के लिए खुद उतरे अमित 12वीं पास अमित ने पहले बीए की डिग्री ली। फिर एलएलबी और इसके बाद एलएलएम की पढ़ाई की। उन्होंने पढ़ाई को ही अपने जीवन का इकलौता मकसद बना लिया। डिग्रियां हासिल करने के बाद अमित ने बार काउंसिल की परीक्षा भी पास कर ली। कभी फौजी बनने के लिए जी-तोड़ मेहनत करने वाले अमित अब वकील बन चुके थे। जिस मामले में वो आरोपी थे, उसकी सुनवाई में वो खुद ही अपनी पैरवी करने लगे। अमित बताते हैं, 'सुनवाई के दौरान एक वकील के तौर पर मैं कोर्ट में था और पुलिस अधिकारी कठघरे में खड़े थे। उन्होंने मुझे पहचानने से इंकार कर दिया। ये सुनकर मामले की सुनवाई कर रहीं जज हैरान रह गई। उन्हें यकीन हो गया कि मुझे गलत तरीके से फंसाया गया है।' कोर्ट ने किया अमित को बाइज्जत बरी करीब 12 साल बाद दिसंबर 2023 में इस केस का फैसला आया। सरकारी वकील इस बात को साबित नहीं कर पाए कि कांस्टेबल कृष्णपाल और अमित कुमार की हत्या करने और उनकी राइफलें ��ूटने की साजिश में अमित चौ��री शामिल हैं। कोर्ट ने अमित चौधरी को निर्दोष मानते हुए उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया। इस हत्या में सुमित कैल, नीतू और धर्मेंद्र का हाथ था। सुमित 2013 में एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। नीतू को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वहीं, फैसला आने से पहले ही धर्मेंद्र की कैंसर से मौत हो गई। वहीं, अमित अब क्रिमिनल जस्टिस में पीएचडी करने की तैयारी कर रहे हैं। http://dlvr.it/T4xFjb
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उत्तर प्रदेश में अपराध व अपराधियों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस
उत्तर प्रदेश, जिसे आज भारत के विकास का केंद्र माना जा रहा है, कभी अपराधियों के वजह से अक्सर समाचारों का विषय बनता रहता था। अपराध व अपराधियों खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए यूपी पुलिस ने ‘ज़ीरो टॉलरेन्स पॉलिसी यूपी’ को अपनाया है। यह पॉलिसी अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए, पब्लिक सेफटी और क्राइम प्रिवेंशन में महत्वपूर्ण योगदान दे रही रही है। अपरधियों को अब ‘यूपी में लॉ एनफोर्समेंट’ का डर सताने लगा है और अपराधों में लगातार गिरावट और पिछले 7 सालों में राज्य में एक भी साम्प्रदाइक दंगा न होना इस बात का पुख्ता प्रमाण है। अपराधी अब खुद सरेंडर करने लगे हैं।
यूपी में लॉ एनफोर्समेंट को मजबूती देने और ‘ज़ीरो टॉलरेन्स पॉलिसी यूपी’ को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से पुलिस द्वारा 63055 अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर अधिनियम और 836 अपराधियों के विरुद्ध एन.एस.ए. की कार्रवाई की गई है। इसके माध्यम से रु. 90 अरब 22 करोड़ 33 लाख की सम्पत्तियों का जब्तीकरण किया जा चुका है। माफिया और अपराधियों द्वारा अर्जित बेनामी और ग़ैरक़ानूनी संपत्तियों का भी जब्तीकरण किया जा रहा है, जिसमें 2819 करोड़ से अधिक की संपत्तियाँ शामिल हैं।
महिला सुरक्षा राज्य के विकास की एक अहम कड़ी है। महिला सुरक्षा के बिना कोई राज्य प्रगति के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के खिलाफ भी जबरदस्त कार्रवाई देखने को मिली है। 487 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 1016 अभियुक्तों को 10 वर्ष से अधिक कारावास, और 3076 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम का कारावास दिया गया है।
यहाँ तक कि माफिया और उनके गैंग के सदस्यों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का सिलसिला जारी है। पूरे प्रदेश में 77 माफियाओं और उनके सहयोगियों के खिलाफ कुल 340 अभियोग पंजीकृत किए जा चुके हैं, जिसमें से 90 की गिरफ्तारी, 61 के खिलाफ गुण्डा एक्ट, 35 के खिलाफ शस्त्र लाइसेंस, और 8 के खिलाफ एन.एस.ए. की कार्रवाई की गई है।
इससे न केवल अपराधियों को सज़ा मिल रही है, बल्कि क्राइम प्रिवेंशन के लिए पुलिस संरचना को भी मजबूती प्रदान हो रही है तथा अपराधियों के बीच कानून का डर व्याप्त हो रह��� है। नए थानों की स्थापना, हर जिले में महिला थानों की स्थापना, महिला पुलिस की नियुक्ति, एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की शुरुआत, और साइबर क्राइम थानों का गठन यह सभी प्रमुख उपाय हैं जिनसे प्रदेश की सुरक्षा में सुधार किया जा रहा है। इस समय यूपी पुलिस द्वारा पॉक्सो एवं महिला संबंधी अपराधों के तहत 7276 अपराधियों को सजा दी दिलाई गई है। साथ ही साथ धार्मिक स्थलों से ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए भी कड़ी कार्रवाई देखने को मिली है।
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश में अपराध और अपराधियों के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेन्स पॉलिसी यूपी’ लागू करने से न केवल अपराधों में कमी देखने को मिल रही है, बल्कि पब्लिक सेफटी की भावना भी मजबूत हुई है। उत्तर प्रदेश सरकार के इन सख्त कदमों के परिणामस्वरुप न सिर्फ अपराध में कमी आएगी, बल्कि समाज भी एक सकारात्मक दिशा में अग्रसर होगा। यह यूपी पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि है जो प्रदर्शित कर रही है कि एक सुरक्षित और सहयोगी समाज की दिशा में हमारे कदम आगे बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश प्रशासन की कठोर कार्रवाइयों की इस श्रृंखला को देखते हुए जनता में भी ये भावना जागृत हो रही है कि शासन प्रशासन की निष्ठा और प्रतिबद्धता से अपराध और अपराधियों के खिलाफ ये लड़ाई उत्तर प्रदेश के उज्जवल भविष्य के निर्माण में अहम योगदान देगी।
Source: https://uptransformed2.blogspot.com/2024/02/blog-post.html
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UP News : यूपी में फिर एनकाउंटर, मारा गया गैंगस्टर विनोद उपाध्याय, एक लाख का था इनाम ; यूपी पुलिस की माफिया लिस्ट में भी था शामिल गैंगस्टर विनोद उपाध्याय को उत्तर प्रदेश पुलिस ने ढेर कर दिया है। बीती रात एसटीएफ की बदमाश से मुठभेड़ हो गई। इसमें माफिया और शार्प शूटर विनोद कुमार उपाध्याय गोली लगने से घायल हो गया। बाद में उसकी मौत हो गई। गैंगस्टर विनोद कुमार उपाध्याय पर गोरखपुर पुलिस ने एक
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गैंगस्टर जैसा प्रोफाइल, कम उम्र में किए मर्डर और अब रोडरेज कांड... दिल्ली का 'माया भाई' बनना चाहता था समीर - Delhi Bhajanpura Roadrage Murder Accused arrested Revealed Mastermind Sameer alias Maya Social Media Illegal Weapon Maya Gang Inside Story Police Crime NTC
यूपी के माफिया डॉन और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई को तीन नई उम्र के लड़कों ने सरेआम पुलिस अभिरक्षा के बीच गोलियों से भून डाला था. इस डबल मर्डर को अंजाम देने के लिए तीनों कातिलों ने फुलप्रूफ प्लानिंग की थी. मौका-ए-वारदात पर ही तीनों कातिल पकड़े गए थे. पुलिस की नाक के नीचे इस हत्याकांड के अंजाम देने वाले तीनों लड़कों से पूछताछ का लंबा दौर चला. जांच पड़ताल हुई. पुलिस उन तीनों के घरों तक पहुंची…
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अतीक के कब्जे वाली जमीन पर बना गरीबों का आशियाना, सीएम योगी आदित्यनाथ ने लाभार्थियों को सौंपी फ्लैट की चाबी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के कब्जे से खाली कराई गई जमीन पर बने पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) के तहत बनी फ्लैट की चाबी लाभार्थियों को सौंप दी. वहीं मुख्यमंत्री (CM Yogi Adityanath) ने लोगों से कहा है कि यूपी के हर जिले में प्रयागराज की तर्ज पर माफियाओं के कब्जे से भूमि खाली कराकर गरीबों के लिए आवास का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए उन्होंने सभी जिलों के विकास प्राधिकरण को योजना पर अमल करने के निर्देश भी दिए.
लाभार्थियों को सौंपी चाबी
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi Adityanath) शुक्रवार की सुबह प्रयागराज पहुंचे. पहले उन्होंने गैंगस्टर अतीक अहमद से जब्त जमीन पर बने फ्लैट का निरीक्षण किया. इसके बाद सीएम योगी ने उनका उद्घाटन किया और लाभार्थियों को उसकी चाबियां सौंप दीं. सीएम योगी ने प्रयागराज में गरीबों के लिए उन फ्लैटों का उद्घाटन किया जो मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद से जब्त की गई जमीन पर बनाए गए हैं.
साल 2020 में हुई थी कार्रवाई
बता दें कि सितंबर 2020 में माफिया अतीक अहमद पर कार्रवाई करते हुए कब्जा की गई जमीन खाली करवाई थी. जिसके बाद 2021 में सीएम योगी ने इस जमीन पर गरीबों के लिए फ्लैट्स बनाने का ऐलान किया था. 26 दिसंबर 2021 को सीएम योगी ने इसका भूमि पूजन किया था. जिसके बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण (Prayagraj Development Authority) ने इस योजना को आगे बढ़ाते हुए काम शुरू कर दिया था.
अब महज डेढ़ साल के अंदर ही यहां 76 फ्लैट्स बनाकर तैयार कर दिए गए हैं औऱ गरीबों को मकान बांटे गए हैं. लाभार्थियों को सिर्फ साढ़े तीन लाख रुपए में दो कमरे के फ्लैट दिए गए. इन 76 फ्लैट के लिए 6000 से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था. हालांकि फ्लैट्स का आवंटन लॉटरी के जरिए किया गया है.
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Jamshedpur gangster akhilesh singh case - जमशेदपुर के गैंगस्टर कुख्यात अपराधी अखिलेश सिंह एवं संतोष पांडेय ने तीन लोगों की हत्या करवाने के लिए यूपी से शूटर बुलाया था, 12 साल बाद अब आयेगा फैसला
जमशेदपुर : जमशेदपुर के गैंगस्टर कुख्यात अपराधी अखिलेश सिंह एवं संतोष पांडेय द्वारा जमशेदपुर शहर के तीन लोग हरपाल सिंह हीरे, शंकर मुण्डा और एक होटल मालिक की हत्या को अंजाम देने के लिए यूपी से मांगाए गए शूटर अमरजीत पांडेय और वसीम अंसारी उर्फ इमरान के मामले में सुनवाई कर रहे जमशेदपुर कोर्ट के एडीजे -4 राजेन्द कुमार सिन्हा की अदालत में दोनों पक्ष से शनिवार को बहस पूरी हो गई. अदालत ने मामले में फैसला…
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कुख्यात सरग़ना अनिल दुजाना (Anil Dujana) मुठभेड़ में ढेर, चार दिन पहले ही छूटा था जेल से
यूपी एसटीएफ ने पश्चिमी उत्त्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। एसटीएफ ने अनिल दुजाना को मेरठ में आज दोपहर जानी थाना क्षेत्र के भोला की झाल में एक एनकाउंटर में मार गिराया। खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना उर्फ़ अनिल नागर पर हत्या, लूट, अपहरण सहित कई संगीन मामलों में मुकदमें दर्ज थे। एसटीएफ और यूपी पुलिस पिछले कई दिनों से अनिल दुजाना की तलाश में ��ी।
Noida big breaking news Update
इस खूंखार गैंग्स्टर पर 18 मर्डर सहित रंगदारी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा, कब्जा छुड़वाना और आर्म्स एक्ट समेत 62 संगीन मुकदमें दर्ज हैं। साथ ही कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका है। वह गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से हमले का आरोपी है। दुजाना 2012 से जेल में था और जनवरी 2021 में बेल पर बाहर आया। इसके बाद वह फिर से जेल में चला गया था। बताया जाता है कि चार दिन पहले ही वह जमानत पर जेल से बाहर आया था। उस पर बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। पुराने केसों में में पेश नहीं होने से अदालत से गैरजमानती वॉरंट जारी कर रखा था।
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UP में महिला डांस टीचर को लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर धमकाने वाला कौन?
मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या और बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को धमकी के बाद से लॉरेंस बिश्नोई गैंग इन दिनों चर्चाओं में है. सोशल मीडिया पर भी यह गैंगस्टर खूब छाया हुआहै. इन दिनों ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जहां लॉरेंस बिश्नोई नाम से लोगों को धमकी दी जा ��ही है. इसी तरह अब यूपी के बस्ती में भी एक महिला डांस टीचर को रेप और हत्या करने की धमकी दी जा रही है. जानकारी के मुताबिक, बस्ती की…
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Anil Dujana Encounter:60 से अधिक आपराधिक मुकदमे, भरी अदालत प्रेमिका संग की थी मंगनी, सब पड़ गए थे हैरत में - Anil Dujana Killed In Encounter By Up Stf In Meerut Anil Did Engagement In Court
पूजा और कुख्यात अनिल दुजाना(फाइल फोटो) – फोटो : अमर उजाला विस्तार कभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंक ��ा पर्याय बन चुके कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को एसटीएफ ने मेरठ में ढेर कर दिया। उसी मेरठ में जहां कभी उसके नाम का भी सिक्का चलता था। अनिल दुजाना को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पिछली साल जनवरी में गिरफ्तार किया था। अनिल दुजाना के खिलाफ दिल्ली व यूपी में हत्या, हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट और…
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गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार
गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में दोषी करार देते हुए 10 साल कैद और 5 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजल अंसारी दोनों पर 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। यूपी पुलिस के अनुसार, मुख्तार पर कोयला व्यवसायी और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी नंदकिशोर रूंगटा के 1996 के अपहरण मामले और 2005 के भाजपा…
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यूपी मुख्तार अंसारी को दस साल की सजा मुख्तार अंसारी से जुड़े गैंगस्टर एक्ट वाले केस में शनिवार को सजा सुना दी गई है, गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई है, साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
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उत्तर प्रदेश में अपराध व अपराधियों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस
उत्तर प्रदेश, जिसे आज भारत के विकास का केंद्र माना जा रहा है, कभी अपराधियों के वजह से अक्सर समाचारों का विषय बनता रहता था। अपराध व अपराधियों खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए यूपी पुलिस ने ‘ज़ीरो टॉलरेन्स पॉलिसी यूपी’ को अपनाया है। यह पॉलिसी अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए, पब्लिक सेफटी और क्राइम प्रिवेंशन में महत्वपूर्ण योगदान दे रही रही है। अपरधियों को अब ‘यूपी में लॉ एनफोर्समेंट’ का डर सताने लगा है और अपराधों में लगातार गिरावट और पिछले 7 सालों में राज्य में एक भी साम्प्रदाइक दंगा न होना इस बात का पुख्ता प्रमाण है। अपराधी अब खुद सरेंडर करने लगे हैं।
यूपी में लॉ एनफोर्समेंट को मजबूती देने और ‘ज़ीरो टॉलरेन्स पॉलिसी यूपी’ को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से पुलिस द्वारा 63055 अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर अधिनियम और 836 अपराधियों के विरुद्ध एन.एस.ए. की कार्रवाई की गई है। इसके माध्यम से रु. 90 अरब 22 करोड़ 33 लाख की सम्पत्तियों का जब्तीकरण किया जा चुका है। माफिया और अपराधियों द्वारा अर्जित बेनामी और ग़ैरक़ानूनी संपत्तियों का भी जब्तीकरण किया जा रहा है, जिसमें 2819 करोड़ से अधिक की संपत्तियाँ शामिल हैं।
महिला सुरक्षा राज्य के विकास की एक अहम कड़ी है। महिला सुरक्षा के बिना कोई राज्य प्रगति के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के खिलाफ भी जबरदस्त कार्रवाई देखने को मिली है। 487 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 1016 अभियुक्तों को 10 वर्ष से अधिक कारावास, और 3076 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम का कारावास दिया गया है।
यहाँ तक कि माफिया और उनके गैंग के सदस्यों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का सिलसिला जारी है। पूरे प्रदेश में 77 माफियाओं और उनके सहयोगियों के खिलाफ कुल 340 अभियोग पंजीकृत किए जा चुके हैं, जिसमें से 90 की गिरफ्तारी, 61 के खिलाफ गुण्डा एक्ट, 35 के खिलाफ शस्त्र लाइसेंस, और 8 के खिलाफ एन.एस.ए. की कार्रवाई की गई है।
इससे न केवल अपराधियों को सज़ा मिल रही है, बल्कि क्राइम प्रिवेंशन के लिए पुलिस संरचना को भी मजबूती प्रदान हो रही है तथा अपराधियों के बीच कानून का डर व्याप्त हो रहा है। नए थानों की स्थापना, हर जिले में महिला थानों की स्थापना, महिला पुलिस की नियुक्ति, एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की शुरुआत, और साइबर क्राइम थानों का गठन यह सभी प्रमुख उपाय हैं जिनसे प्रदेश की सुरक्षा में सुधार किया जा रहा है। इस समय यूपी पुलिस द्वारा पॉक्सो एवं महिला संबंधी अपराधों के तहत 7276 अपराधियों को सजा दी दिलाई गई है। साथ ही साथ धार्मिक स्थलों से ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए भी कड़ी कार्रवाई देखने को मिली है।
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश में अपराध और अपराधियों के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेन्स पॉलिसी यूपी’ लागू करने से न केवल अपराधों में कमी देखने को मिल रही है, बल्कि पब्लिक सेफटी की भावना भी मजबूत हुई है। उत्तर प्रदेश सरकार के इन सख्त कदमों के परिणामस्वरुप न सिर्फ अपराध में कमी आएगी, बल्कि समाज भी एक सकारात्मक दिशा में अग्रसर होगा। यह यूपी पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि है जो प्रदर्शित कर रही है कि एक सुरक्षित और सहयोगी समाज की दिशा में हमारे कदम आगे बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश प्रशासन की कठोर कार्रवाइयों की इस श्रृंखला को देखते हुए जनता में भी ये भावना जागृत हो रही है कि शासन प्रशासन की निष्ठा और प्रतिबद्धता से अपराध और अपराधियों के खिलाफ ये लड़ाई उत्तर प्रदेश के उज्जवल भविष्य के निर्माण में अहम योगदान देगी।
Source: https://upidtransformed.blogspot.com/2024/02/blog-post.html
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