#मैसूर
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news-trust-india · 2 months ago
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MUDA Scam : मुडा मामले में सीएम सिद्धारमैया पर सबूत नष्ट करने का लगा आरोप
MUDA Scam : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। अब उनके और अन्य लोगों के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज कराई गई है। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगा है। प्रदीप कुमार नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने सिद्धारमैया एवं अन्य के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ के लिए जांच और मामला दर्ज करने की मांग की। शिकायत में…
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indlivebulletin · 13 days ago
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डॉ. सुरिंदर सिंह होंगे महायोगी गोरखनाथ विवि के नए कुलपति
गोरखपुर, 14 नवंबर (हि.स.)। जेएसएस एएचईआर (जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च) मैसूर, कर्नाटक के पूर्व कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के नए कुलपति होंगे। उनका चयन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है। डॉ. सिंह, वर्तमान कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल 14 नवंबर को पूरा हाे…
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rightnewshindi · 27 days ago
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History 1 November; आज के दिन भाषा के आधार पर हुआ था राज्यों का पुनर्गठन, पढ़ें 1 नवंबर का इतिहास
History 1 November: 1 नवंबर की तारीख भारतीय इतिहास में ‘फॉर्मेशन डे’ के रूप में याद की जाती है. आज ही के दिन साल 1956 में देश के विभिन्न राज्यों का भाषाई आधार पर पुनर्गठन किया गया था. इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, बॉम्बे केरल, मध्य प्रदेश, मद्रास, मैसूर, पंजाब और राजस्थान शामिल था. इन राज्यों के अलावा दिल्ली को भी केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पहचान मिली थी. 1 नवंबर का इतिहास पूर्व प्रधानमंत्री…
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manvadhikarabhivyakti · 2 months ago
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मेन लाइन छोड़कर लूप लाइन में चली गई थी ट्रेन, डाटा लॉगर वीडियो में सामने आया चौंकाने वाला सच
चेन्नई के पास हुए बागमती एक्सप्रेस हादसे में चौंकाने वाला सच सामने आया है। डाटा लॉगर वीडियो के मुताबिक मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस को कावरापेट्टई स्टेशन से मेन लाइन से गुजरने के लिए हरा सिग्नल दिया गया था, मगर ट्रेन लूप लाइन में चली गई और वहां पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। हादसे के बाद रेलवे ने जांच शुरू कर दी है। वहीं रेलवे के यूनियन नेताओं और विशेषज्ञों ने इसे बालासोर हादसे की पुनरावृत्ति…
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saveralivehindi · 2 months ago
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Train Accident: तमिलनाडु रेल हादसे को लेकर कांग्रेस हमलावर, राहुल गांधी ने बीजेपी पर साधा निसाना
देश में एक और रेल हादसे से हडकंप मच गया है. यह हादसा तब हुआ जब मैसूर से दरभंगा गा रही बागमती एक्सप्रेस तमिलनाडु के कावरापेट्टई के पास शुक्रवार को मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस हादसे में कई लोग घायल हुए हैं, नहीं ट्रेन हादसे पर सियासी बवाल शुरू हो गया है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा है. राहुल ने कहा कि दुर्घटनाओं में सैकड़ो जान जाने के बाबजूद कोई सबक नहीं सीखा गया…
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eradioindia · 2 months ago
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राहुल गांधी का केंद्र पर फूटा गुस्सा
मैसूर से दरभंगा जा रही बागमती एक्सप्रेस (12578) तमिलनाडु के कावरापेट्टई स्टेशन के पास शुक्रवार को मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे में कई लोग घायल हुए हैं। वहीं, ट्रेन हादसे पर सियासी बवाल शुरू हो गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कई दुर्घटनाओं में सैकड़ों जान जाने के बावजूद कोई सबक नहीं सीखा गया है। तमिलनाडु में शुक्रवार को 75 किलोमीटर प्रति…
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jannetranews · 2 months ago
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ट्रेन हादसा! मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस के 6 डिब्बे पटरी से उतरे
मैसूर से दरभंगा जा रही ट्रेन संख्या 12578 (MYS-DBG) के 6 डिब्बे रात करीब 8:30 बजे एक मालगाड़ी से टकराने के बाद पटरी से उतर गए। इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, घटना के बाद मेडिकल रिलीफ वैन और बचाव दल चेन्नई सेंट्रल से रवाना हो गए हैं।     यह ट्रेन मैसूर जंक्शन से दरभंगा जंक्शन के बीच चलती है, और इसकी यात्रा अवधि लगभग 55 घंटे 15 मिनट है। ट्रेन संख्या 12578, जिसे बागमती एक्सप्रेस के…
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umakant171991-blog · 2 months ago
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सुनील शेट्टी: बॉलीवुड का एक्शन हीरो
सुनील शेट्टी बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक हैं, जिन्होंने अपने दमदार अभिनय और एक्शन से दर्शकों का दिल जीता है। उनकी फिटनेस, करिश्मा और आकर्षण ने उन्हें बॉलीवुड में एक अलग पहचान दी है। प्रारंभिक जीवन: सुनील शेट्टी का जन्म 11 अगस्त 1961 को कर्नाटक के मैसूर में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मैसूर में ही पूरी की। बचपन से ही उन्हें एक्शन फिल्मों का बहुत शौक था और वे एक्शन हीरो…
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dainiksamachar · 3 months ago
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बल्लेबाजी में भरोसेमंद, गेंद से भी खतरनाक... अंडर-19 टीम में जगह मिलने के बाद क्या बोले समित द्रविड़
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच और दिग्गज बल्लेबाज रहे राहुल द्रविड़ के बेटे का चयन में हुआ है। 18 साल के समित अभी कर्नाटक की घरेलू टी20 लीग महाराजा ट्रॉफी में खेल रहे हैं। भारतीय अंडर-19 टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज खेलनी है। 21 सितंबर से ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 टीम का भारत दौरा शुरू होगा। इसमें तीन 50 ओवर के मैच के अलावा दो चार दिवसीय मुकाबले खेला जाएंगे। चयन पर क्या बोले समित द्रविड़? भारतीय अंडर-19 टीम में चयन के बाद समित द्रविड़ का बयान आया है। मध्यक्रम के इस युवा बल्लेबाज का वीडियो स्टार स्पोर्ट्स कन्नड़ा ने शेयर किया। इस क्लिप में समित द्रविड़ ने कहा- सबसे पहले, मुझे चुने जाने पर बहुत खुशी है और आप सभी की शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। मुझे लगता है कि मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं, मैंने इस पल के लिए बहुत मेहनत की थी। एज ग्रुप क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन समित द्रविड़ ने एज ग्रुप क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करके अपना नाम बनाया है। समित ने कूच बिहार ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन किया और कर्नाटक को इस प्रतियोगिता में पहली बार खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई। 18 वर्षीय इस खिलाड़ी ने आठ मैचों में 362 रन बनाए और जम्मू-कश्मीर के खिलाफ उनकी 98 रन की पारी ने सभी का ध्यान भी खींचा। बल्लेबाजी के साथ ही वह पार्ट टाइम पेस बॉलिंग भी करते हैं। महाराजा ट्रॉफी में शा��त है बल्ला महाराज ट्रॉफी में समित द्रविड़ मैसूर वॉरियर्स के लिए खेल रहे हैं। 7 मैचों में उन्होंने चार बार सिंगल डिजिट स्कोर बनाया है। उनकी सबसे बड़ी पारी 33 रनों की रही है। उन्हें किसी भी मैच में गेंदबाजी करने का भी मौका नहीं मिला। कूच बिहार ट्रॉफी में समित ने गेंदबाजी में भी 16 विकेट चटकाए थे। फाइनल मुकाबले में भी मुंबई के खि���ाफ दो विकेट उन्होंने अपने नाम किए। http://dlvr.it/TCfC7W
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livenews24x7hindi · 3 months ago
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मैसूर में एक होटल के पास 9 जिलेटिन की छड़ें मिलीं, पुलिस ने कहा- किसी ने सूअर मारने के लिए रखी होंगी
मैसूर के एसपी का कहना है कि ऐसा लगता है कि जिलेटिन की छड़ें सूअरों को मारने के लिए रखी गई थीं। यहां के लोग ऐसा करते हैं। हो सकता है कि कोई इसे अपने साथ लाया हो लेकिन भूल गया हो। कर्नाटक के मैसूर में 9 जिलेटिन रॉड मिलने से हड़कंप मच गया। एक व्यक्ति ने इन रॉड को देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी। बम निरोधक दस्ते को तुरंत मौके पर भेजा गया। इसके बाद पूरी सामग्री बरामद कर ली गई। हालांकि, पुलिस का कहना है…
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fitnessclasses · 3 months ago
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Understanding Ashtanga Yoga: A Step-by-Step Guide
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Introduction to Ashtanga Yoga
अष्टांग, जिसे कभी-कभी अष्टांग योग भी कहा जाता है, आज भारत के मैसूर में श्री के. पट्टाभि जोइस/K. Pattabhi Jois नामक व्यक्ति द्वारा सिखाया जाता है। वे लगभग 25 साल पहले अष्टांग योग को पश्चिम में लेकर आए और आज भी 91 साल की उम्र में सिखाते हैं। अष्टांग योग की शुरुआत प्राचीन पांडुलिपि योग कोरंटा की पुनः खोज से हुई। इसमें प्राचीन ऋषि वामन ऋषि द्वारा अभ्यास और निर्मित हठ योग की एक अनूठी प्रणाली का वर्णन किया गया है। माना जाता है कि यह पतंजलि द्वारा अभ्यास किया जाने वाला मूल आसन है। अष्टांग योग/Ashtanga Yoga, योग का एक व्यवस्थित रूप है जिसने वैश्विक प्रसिद्धि प्राप्त की है, इसकी संरचित प्रथा के. पट्टाभि जोइस की देन है, जिन्होंने 20वीं शताब्दी के दौरान इसे विकसित और लोकप्रिय बनाया। संस्कृत शब्द "अष्टांग" से उत्पन्न, जिसका अर्थ है "आठ अंग वाला", अष्टांग योग योग के प्रति समग्र दृष्टिकोण को समाहित करता है, जो शारीरिक और आध्यात्मिक दोनों तरह के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न घटकों को एकीकृत करता है।             इस अभ्यास का केंद्र उज्जयी श्वास की अवधारणा है, जो आंतरिक गर्मी उत्पन्न करने और ऑक्सीजन की खपत को अनुकूलित करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक प्रकार का योगिक श्वास नियंत्रण है। अभ्यासकर्ता एक गहर��, लयबद्ध श्वास पैटर्न का लक्ष्य रखते हैं जो उन्हें शारीरिक रूप से कठिन अनुक्रमों के माध्यम से बनाए रखने में मदद करता है। अष्टांग योग का एक और मूलभूत पहलू है इसके आसनों की श्रृंखला। इन क्रमों को प्राथमिक, मध्यवर्ती और उन्नत श्रृंखलाओं में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक क्रमिक रूप से पिछले एक पर आधारित है। प्राथमिक श्रृंखला, जिसे योग चिकित्सा के रूप में भी जाना जाता है, शरीर को विषमुक्त करने और रीढ़ को संरेखित करने पर केंद्रित है। प्रत्येक आसन और उसका संक्रमण अभ्यासकर्ता को अगले के लिए तैयार करने के उद्देश्य से है, जिससे शक्ति, लचीलापन और सहनशक्ति को बढ़ावा मिलता है। दृष्टि या नज़र, अष्टांग योग का एक अभिन्न अंग है, जिसके लिए प्रत्येक आसन के दौरान अभ्यासियों को अपनी नज़र विशिष्ट बिंदुओं पर केंद्रित करने की आवश्यकता होती है। यह अभ्यास न केवल एकाग्रता को बढ़ाता है बल्कि एक गहरी ध्यान अवस्था को भी सुगम बनाता है, जो योग के शारीरिक और मानसिक आयामों के बीच एक सेतु प्रदान करता ���ै।          संक्षेप में, अष्टांग योग अपने व्यवस्थित दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है, जो संतुलित और व्यापक अभ्यास विकसित करने के लिए सांस, गति और नज़र को एक साथ लाता है। अष्टांग यात्रा शुरू करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए इन मूलभूत तत्वों को समझना आवश्यक है, क्योंकि यह एक अनुशासित और परिवर्तनकारी अनुभव के लिए मंच तैयार करता है।  
अष्टांग योग श्रृंखला: प्राथमिक, मध्यवर्ती और उन्नत
The Ashtanga Yoga Series: Primary, Intermediate, and Advanced
अष्टांग योग योग का एक गतिशील और संरचित रूप है जिसे प्रगतिशील श्रृंखलाओं में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक को पिछले एक पर निर्माण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो अभ्यासकर्ताओं को शारीरिक और मानसिक विकास की यात्रा पर ले जाता है। अभ्यास को पारंपरिक रूप से तीन प्रमुख श्रृंखलाओं में विभाजित किया गया है: प्राथमिक श्रृंखला (योग चिकित्सा), मध्यवर्ती श्रृंखला (नाड़ी शोधन), और उन्नत श्रृंखला (स्थिर भाग)। प्रत्येक श्रृंखला एक अद्वितीय उद्देश्य प्रदान करती है और कठिनाई के मामले में बढ़ती जाती है।
प्राथमिक श्रृंखला (योग चिकित्सा)
Primary Series (Yoga Chikitsa)
प्राथमिक श्रृंखला, जिसे योग चिकित्सा के नाम से भी जाना जाता है, का अनुवाद "योग चिकित्सा" है। यह शरीर को शुद्�� करने और संरेखित करने पर ध्यान केंद्रित करता है, अभ्यासकर्ताओं को अधिक उन्नत अभ्यासों के लिए तैयार करता है। इस श्रृंखला में ऐसे आसन शामिल हैं जो आगे की ओर झुकने, कूल्हे खोलने और आधारभूत आसनों पर जोर देते हैं, जो शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और समग्र लचीलेपन में सुधार करने में सहायता करते हैं। प्रमुख आसनों में मरीच्यासन, जानू शीर्षासन और सुप्त कुर्मासन शामिल हैं। आम तौर पर, अभ्यासकर्ता उचित संरेखण और सांस के समन्वय को सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ने से पहले इस श्रृंखला में महारत हासिल करने में काफी समय बिताते हैं।  
मध्यवर्ती श्रृंखला (नाड़ी शोधन)
Intermediate Series (Nadi Shodhana)
प्राथमिक श्रृंखला के साथ सहज होने के बाद, अभ्यासकर्ता मध्यवर्ती श्रृंखला की ओर बढ़ते हैं, जिसे नाड़ी शोधन के रूप में जाना जाता है, जिसका अनुवाद "तंत्रिका सफाई" होता है। यह श्रृंखला कठिन बैकबेंड, ट्विस्ट और डीप हिप ओपनर्स के संयोजन का उपयोग करके तंत्रिका तंत्र की शुद्धि को लक्षित करती है। यह धीरज का निर्माण जारी रखते हुए कोर ताकत और स्थिरता को बढ़ाने में मदद करता है। प्रमुख आसनों में कपोतासन, अर्ध मत्स्येन्द्रासन और पिंचा मयूरासन शामिल हैं। इंटरमीडिएट श्रृंखला में महारत हासिल करने के लिए इसकी जटिल प्रकृति के कारण निरंतर अभ्यास और गहन स्तर की एकाग्रता की आवश्यकता होती है।  
उन्नत श्रृंखला (स्थिर भाग)
Advanced Series (Sthira Bhaga)
उन्नत श्रृंखला, जिसे स्थिर भाग के रूप में संदर्भित किया जाता है, "शक्ति और अनुग्रह" का प्रतीक है। इस श्रृंखला को चार भागों में विभाजित किया गया है: उन्नत ए, बी, सी और डी, और यह उन अभ्यासियों के लिए है जिन्होंने काफी ताकत, लचीलापन और मानसिक ध्यान विकसित किया है। आसन अधिक चुनौतीपूर्ण हैं, उच्च स्तर के कौशल और समर्पण की मांग करते हैं। विश्वामित्रासन, गंध भेरुंडासन और हनुमानासन जैसे प्रमुख आसन व्यक्ति के संतुलन, शक्ति और लचीलेपन की सीमाओं का परीक्षण करते हैं। उन्नत श्रृंखला अभ्यासकर्ता के योग अभ्यास को गहरा करने, शरीर और मन को एक जटिल और संतुलित तरीके से सामंजस्य स्थापित करने का काम करती है। अष्टांग योग की यात्रा क्रमिक है, जिसमें अभ्यासकर्ता प्रत्येक श्रृंखला पर महीनों या वर्षों तक खर्च करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे आगे बढ़ने से पहले प्रवीणता प्राप्त करें। यह संरचित दृष्टिकोण न केवल शरीर और मन को मजबूत करता है बल्कि अनुशासन और धैर्य को भी बढ़ावा देता है, जो योग के सार का अभिन्न अंग है।   Personal Care for Lung Health: Avoiding Cancer  
पूर्ण अष्टांग योग अभ्यास के लिए चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका
Step-by-Step Guide to a Full Ashtanga Yoga Practice
  पूर्ण अष्टांग योग अभ्यास में शामिल होने के ��िए शरीर, मन और सांस को संतुलित करने के लिए डिज़ाइन किए गए एक सावधानीपूर्वक संरचित अनुक्रम की आवश्यकता होती है। अष्टांग योग एक गतिशील और संरचित योग शैली है जो आसनों के एक विशिष्ट अनुक्रम का पालन करती है, सांस को गति के साथ समन्वयित करती है। यहाँ हम आपको पूर्ण अष्टांग योग अभ्यास के लिए एक "चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका" बता रहे हैं :    STEP- 1 "Chant":-  सत्र पारंपरिक रूप से शुरुआती मंत्र से शुरू होता है, जो मन को शांत करने और अभ्यास के लिए तैयार करने के लिए एक संस्कृत आह्वान है। मंत्र एक केंद्रित वातावरण बनाता है और अक्सर मंत्र "ओम/OM" के तीन दोहराव के बाद, जो अभ्यासकर्ता का ध्यान केंद्रित करने का काम करता है।   STEP- 2. "सूर्यनमस्कार Sun Salutations (Surya Namaskar A & B)" आरंभिक मंत्रोच्चार के बाद, अभ्यासी सूर्य नमस्कार या सूर्य नमस्कार से शुरुआत करते हैं। सूर्य नमस्कार ए को आम तौर पर पाँच बार किया जाता है, जिसमें गतिशील आसनों की एक श्रृंखला शामिल होती है जो प्रत्येक सांस के साथ सहज रूप से प्रवाहित होती है। सूर्य नमस्कार बी, जिसे तीन से पाँच बार किया जाता है, अनुक्रम में उत्कटासन (कुर्सी मुद्रा) और वीरभद्रासन I (योद्धा मुद्रा I) को जोड़ता है, जो शक्ति और स्थिरता पर जोर देता है। - सूर्य नमस्कार: 5 चक्र करें। - समस्तीति (सीधे खड़े होकर) से शुरुआत करें। - सांस अंदर लें, हाथों को ऊपर उठाएं। - साँस छोड़ें, आगे की ओर झुकें. - श्वास लें, आधा उठाएं (अर्ध उत्तानासन). - सांस छोड़ें, चतुरंग दंडासन (लो प्लैंक) में वापस आएं या कूदें - श्वास लें, उर्ध्व मुख श्वानासन करें। (Urdhva Mukha Svanasana). - साँस छोड़ें, नीचे की ओर मुख करें (Adho Mukha Svanasana). - पांच सांसों तक रुकें, फिर आगे कदम बढ़ाएं या कूदकर खड़े हो जाएं। - सूर्य नमस्कार बी: 5 चक्र करें। -  इस क्रम में उत्कटासन (Utkatasana) (chair pose) and वीरभद्रासन I(Virabhadrasana I) (warrior I) को भी शामिल करें। - सूर्य नमस्कार ए के समान विन्यास प्रवाह, योद्धा मुद्राओं के साथ।   STEP- 3."खड़े होने का क्रम/Standing Sequence" इसके बाद, अभ्यास खड़े आसनों में बदल जाता है। ये आसन, जिनमें त्रिकोणासन (त्रिकोण मुद्रा) और परिव्रत त्रिकोणासन (घुमावदार त्रिभुज मुद्रा) शामिल हैं, संतुलन, लचीलापन और संरेखण को बढ़ावा देते हैं। इन आसनों में सटीकता गहरे आसनों के लिए आधार तैयार करती है और स्थानिक जागरूकता को बढ़ाती है। - पादंगुष्ठासन (हाथ से पैर के अचार तक की मुद्रा)/Padangusthasana (Hand to Big Toe Pose) - पादहस्तासन (हाथ के नीचे पैर की मुद्रा)/Padahastasana (Hand Under Foot Pose) - उत्थिता त्रिकोणासन (विस्तारित त्रिकोण मुद्रा)/Utthita Trikonasana (Extended Triangle Pose) - परिवृत्त त्रिकोणासन (परिक्रामी त्रिकोण मुद्रा)/Parivrtta Trikonasana (Revolved Triangle Pose) - उत्थिता पार्श्वकोणासन (विस्तारित पार्श्व कोण मुद्रा)/Utthita Parsvakonasana (Extended Side Angle Pose) - परिवृत्त पार्श्वकोणासन (रिवॉल्व्�� साइड एंगल पोज़)/Parivrtta Parsvakonasana (Revolved Side Angle Pose) - प्रसारित पादोत्तानासन A-D (चौड़े पैरों वाला आगे की ओर झुकने वाला आसन)/Prasarita Padottanasana A-D (Wide-Legged Forward Bend variations) - पार्श्वोत्तानासन (तीव्र पार्श्व खिंचाव मुद्रा)/Parsvottanasana (Intense Side Stretch Pose)   STEP- 4. बेठने का अनुक्रम (प्राथमिक श्रृंखला)Seated Sequence (Primary Series) इसके बाद बैठे हुए आसन किए जाते हैं, जो दंडासन (स्टाफ़ पोज़) से शुरू होते हैं और आगे की ओर झुकने, मुड़ने और कूल्हे खोलने की एक श्रृंखला से गुज़रते हैं। पश्चिमोत्तानासन (बैठे हुए आगे की ओर झुकना) से लेकर मरीच्यासन (मरीची की मुद्रा) तक प्रत्येक आसन रीढ़ को लंबा करने, पाचन में सुधार करने और समकालिक श्वास (उज्जयी श्वास) के माध्यम से शरीर को विषमुक्त करने का काम करता है। - दण्डासन (स्टाफ़ पोज़)/Dandasana (Staff Pose) - पश्चिमोत्तानासन ए और बी (बैठकर आगे की ओर झुकना)/Paschimottanasana A & B (Seated Forward Bend) - पूर्वोत्तानासन/Purvottanasana (Upward Plank Pose) - अर्ध बद्ध पद्म पश्चिमोत्तानासन/Ardha Baddha Padma Paschimottanasana (Half Bound Lotus Forward Bend) - जानु शीर्षासन/Janu Sirsasana A, B, C (Head to Knee Pose variations) - मरीच्यासन/Marichyasana A-D (Sage Marichi’s Pose variations) - नवासन/Navasana (Boat Pose) - भुजपीड़ासन/Bhujapidasana (Shoulder-Pressing Pose) - कुर्मासन/Kurmasana (Tortoise Pose) - **Garbha Pindasana (Embryo in the Womb Pose)** - **Baddha Konasana (Bound Angle Pose)** - **Upavistha Konasana (Seated Wide-Angle Forward Bend)** - **Supta Konasana (Reclined Wide-Angle Pose)** - **Supta Padangusthasana (Reclined Hand-to-Big-Toe Pose)** - **Ubhaya Padangusthasana (Both Big Toe Pose)** - **Setu Bandhasana (Bridge Pose)** 5. समापन अनुक्रम/Finishing Sequence - Sarvangasana (Shoulder Stand)** - Halasana (Plow Pose)** - Karnapidasana (Ear Pressure Pose)** - Urdhva Padmasana (Upward Lotus Pose)** - Matsyasana (Fish Pose)** - Uttana Padasana (Extended Leg Pose)** - Sirsasana (Headstand)** – hold for 25 breaths. - Baddha Padmasana (Bound Lotus Pose)** - Yoga Mudra (Yoga Seal)** - Padmasana (Lotus Pose)** - Utplutih (Uplifted Lotus Pose)** - Savasana (Corpse Pose)** – Final relaxation for 5-10 minutes. 6. Closing Chant/समापन मंत्र - अभ्यास को सील करने और आभार व्यक्त करने के लिए एक पारंपरिक मंत्र।  अभ्यास के लिए सुझाव: - सांस: पूरे अभ्यास के दौरान गहरी, समान सांसों (उज्जयी श्वास) पर ध्यान केंद्रित करें। - दृष्टि: एकाग्रता बनाए रखने के लिए प्रत्येक मुद्रा में विशिष्ट बिंदुओं पर अपनी नज़र (दृष्टि) केंद्रित रखें। - विन्यासा: प्रत्येक साँस अंदर और बाहर लेते समय आसन के बीच तरल रूप से आगे बढ़ें।   पूर्ण अष्टांग अभ्यास में 90 मिनट तक का समय लग सकता है और इसे आमतौर पर सप्ताह में छह दिन किया जाता है, जिसमें एक दिन आराम होता है। यदि आप शुरुआती हैं, तो अनुक्रम के छोटे या संशोधित संस्करण से शुरू करने पर विचार करें।  
अष्टांग योग के लाभ और चुनौतियाँ/The Benefits and Challenges of Ashtanga Yoga
  - बेहतर लचीलापन/Improved Flexibility: अष्टांग योग में आसनों का संरचित अनुक्रम धीरे-धीरे मांसपेशियों को खींचता और लंबा करता है, जिससे समय के साथ लचीलापन बढ़ता है। लगातार अभ्यास के माध्यम से, व्यक्ति अक्सर पाते हैं कि उनकी मांसपेशियाँ और जोड़ अधिक लचीले हो जाते हैं, जिससे गति की अधिक सीमा की अनुमति मिलती है और चोट लगने का जोखिम कम हो जाता है। इसके अतिरिक्त, अष्टांग योग अपने कठिन अनुक्रमों के लिए जाना जाता है जो शक्ति और सहनशक्ति का निर्माण करते हैं। गतिशील गति और आसनों का स्थिर प्रवाह मांसपेशियों की ताकत विकसित करने, हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाने और समग्र सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।   - मानसिक स्पष्टता और ध्यान/Mental Clarity and Focus: "शारीरिक लाभों से परे, अष्टांग योग का मानसिक स्वास्थ्य पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। अनुक्रमों को बनाए रखने के लिए आवश्यक एकाग्रता और श्वास नियंत्रण तकनीक मानसिक स्पष्टता और ध्यान को बढ़ावा देती हैं। कई अभ्यासकर्ताओं को बढ़ी हुई सजगता और कम तनाव का अनुभव होता है। अभ्यास का ध्यान सं��ंधी पहलू मन की शांतिपूर्ण स्थिति प्राप्त करने में भी मदद करता है, जिससे भावनात्मक स्थिरता और लचीलापन बेहतर होता है।" श्वास नियंत्रण (उज्जयी श्वास), दृष्टि (टकटकी/gaze) Read the full article
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narmadanchal · 4 months ago
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मध्य प्रदेश के इटारसी रेलवे स्टेशन पर यात्री ट्रेन पटरी से उतरी
इटारसी। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर कमलापति स्‍टेशन से मैसूर जाने के लिए रवाना हुई ट्रेन नम्‍बर 01663 रानी कमला पति-मैसूर पटरी से उतर गई। ट्रेन ट्रेन के दो वातानुकूलित कोच पटरी से उतरे हैं। सूचना मिलते ही स्थानीय आला अधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच कर रहे है। अभी समाचार लिखे जाने तक ट्रेन इटारसी रेलवे स्टेशन पर ही खड़ी है। ट्रेन के दो कोच बी 1 और बी 2 पटरी से उतर गए हैं। दोनों ही कोच में…
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indlivebulletin · 13 days ago
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Karnataka: 'हमारे 50 विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये का ऑफर', सिद्धारमैया ने BJP पर लगाया बड़ा आरोप
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया है। सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा ने उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए 50 कांग्रेस विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये की प���शकश की थी। उन्होंने आगे दावा किया कि कांग्रेस के किसी भी विधायक द्वारा भाजपा के 50 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर सहमति जताने के बाद भाजपा ने उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का सहारा लिया। सिद्धारमैया ने मैसूर…
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rightnewshindi · 3 months ago
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सोशल मीडिया अकाउंट पर हर महीने 54 लाख रुपए खर्च करते है सीएम सिद्धारमैया; आरटीआई
Karnataka News: मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) कथिक घोटाला मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां तक कि राज्य में मुख्यमंत्री बदले जाने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। इसी बीच एक आरटीआई के जवाब में पता चला है कि सीएम सिद्धारमैया सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करने के लिए 54 लाख रुपये खर्च करते हैं। वह इतना खर्च व्यक्तिगत और आधिकारिक दोनों अकाउंट्स…
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manvadhikarabhivyakti · 2 months ago
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मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतरे, 4 एसी डिब्बों में आग लगी
समाचार एजेंसी एएनआई ने दक्षिण पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ के हवाले से बताया कि चेन्नई के कवरपेटियिल में ��ड़ी मालगाड़ी से टकराने के बाद मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस के कम से कम 12 से 13 डिब्बे शुक्रवार को पटरी से उतर गए। हालांकि, किसी के हताहत होने की तत्काल कोई खबर नहीं है, लेकिन घायल होने की आशंका है, क्योंकि दुर्घटना के बाद पटरी से उतरे चार डिब्बों में आग लग गई।  रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा…
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imranjalna · 8 months ago
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शेर-ए-मैसूर टीपू सुल्तान ने अपने वतन की हिफाजत करते हुए अपनी जान की कुर्बानी दे दी थी। Sher-e-Mysore Tipu Sultan sacrificed his life while protecting his country.
4 मई 1799 का वो दिन था जब शेर-ए-मैसूर टीपू सुल्तान ने अपने वतन की हिफाजत करते हुए अपनी जान की कुर्बानी दे दी थी। अगर टीपू सुल्तान भी चाहते तो निजाम और बाकी रजवाड़ों की तरह अंग्रेजों से संधि कर उनकी तमाम शर्तों और गुलामी को कुबूल करके अपनी रियासत बचा सकते थे लेकिन उन्होंने इस गुलामी से बेहतर शहादत को तरजीह दी। उस वक्त टीपू सुल्तान का नाम अंग्रेजों के लिए खौफ का पैग़ाम था शायद ही हिंदुस्तान के किसी…
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