#माम��ों
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govindnager · 1 year ago
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beardedangeldinosaur · 3 months ago
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#आओ_जानें_भगवान_को
Sant Rampal Ji Maharaj
गीता अध्याय 7 मंत्र 19
बहुनाम जन्मानाम ज्ञानवान माम प्रपद्यते
वासुदेवम सर्वम इति स: महात्मा सुदुर्लभ
बहुत जन्मों के अंत मे ज्ञानी आत्मा मुझे पूजता है और वासुदेव (सर्वव्यापी) परमात्मा ही सब कुछ है ये बताने वाला महात्मा तो बहुत दुर्लभ है
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jyotis-things · 4 months ago
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart38 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart39
प्रश्न 33 :- गीता अध्याय 8 श्लोक 16 में प्रमाण है कि गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि हे अर्जुन! मुझे प्राप्त होकर पुनर्जन्म नहीं होता। आप कैसे कहते हैं कि ब्रह्म भक्ति से पूर्ण मोक्ष संभव नहीं।
उत्तर :- श्री देवी महापुराण (सचित्र मोटा टाईप केवल हिन्दी गीता प्रैस गोरखपुर से प्रकाशित) के सातवें स्कन्ध के अध्याय 36 में प्रमाण है कि श्री देवी जी ने राजा हिमालय को उपदेश देते हुए कहा है कि हे राजन! अन्य सब बातों को छोड़कर मेरी भक्ति भी छोड़कर केवल एक ऊँ नाम का जाप कर, "ब्रह्म" प्राप्ति का यही एक मंत्र है, इससे संसार के उस पार जो ब्रह्म है, उसको पा जाओगे, तुम्हारा कल्याण हो। वह "ब्रह्म" ब्रह्मलोक रूपी दिव्य आकाश में रहता है।
इसका वास्तविक अनुवाद इस प्रकार है : ब्रह्म लोक तक सर्व लोक पुनरावर्ती में हैं अर्थात् ब्रह्म लोक में भी गए व्यक्तियों का पुनर्जन्म होता है जो यह नहीं जानते हैं। हे अर्जुन! मुझे प्राप्त होकर भी उनका पुनर्जन्म होता है, इस श्लोक में "विद्यते" शब्द का अर्थ "जानना" बनता है। गीता अध्याय 6 श्लोक 23 में "विद्यात्' शब्द का अर्थ जानना किया है। यहाँ इस श्लोक में भी "विद्यते" का अर्थ "जानना" बनता है। देखें इसी पुस्तक में इसी श्लोक की फोटोकापी में। अधिक स्पष्ट करने के लिए गीता अध्याय 8 श्लोक 15 पर्याप्त है।
मूल पाठ :- माम् उपेत्य पुनर्जन्म दुःखालयम् अशाश्वतम् न आप्नुवन्ति महात्मनः संसिद्धिम परमाम् गताः ।। (8/15)
अनुवाद :- (माम) मुझे प्राप्त होकर (पुनर्जन्म) पुनर्जन्म होता है जो (अशाश्वतम्) नाशवान जीवन (दुःखालयम) दुखों का घर है। (परमाम्) परम (संसिद्धिम् गता) सिद्धि को प्राप्त (महात्मयः) महात्माजन (न आप्नुवन्ति) पुनर्जन्म को प्राप्त नहीं होते। (गीता अध्याय 8 श्लोक 15)
भावार्थ :- गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि मुझे प्राप्त होकर तो दुःखों का घर यह क्षणभंगुर जीवन जन्म-मरण होता है। जो महात्मा परम गति को प्राप्त हो जाते हैं, उनका पुनर्जन्म नहीं होता । • विचारें: यदि गीता अध्याय 8 श्लोक 1 से 10 तक का सारांश निकालें जो इस प्रकार है : अर्जुन ने पूछा (गीता अध्याय 8 श्लोक 1) कि तत् ब्रह्म क्या है? गीता ज्ञान दाता ने गीता अध्याय 8 श्लोक 3 में उत्तर दिया कि वह "परम अक्षर ब्रह्म" है।
फिर गीता ज्ञान दाता ने अध्याय 8 श्लोक 5 व 7 में अपनी भक्ति करने को कहा है तथा गीता अध्याय 8 श्लोक 8, 9, 10 में "परम अक्षर ब्रह्म" की भक्ति करने को कहा है। अपनी भक्ति का मन्त्र गीता अध्याय 8 श्लोक 13 में बताया है कि मुझ ब्रह्म का केवल एक ओम् (ॐ) अक्षर है। उच्चारण करके स्मरण करता हुआ जो शरीर त्याग कर जाता है, वह परम गति को प्राप्त होता है। पूर्व में श्री देवी पुराण से सिद्ध कर आए हैं कि ऊँ का जाप करके ब्रह्म लोक प्राप्त होता है। गीता अध्याय 8 श्लोक 16 में स्पष्ट है कि ब्रह्म लोक में गए साधक का भी पुनर्जन्म होता है। इसलिए गीता अध्याय 8 श्लोक 13 में ऊँ नाम के जाप से होने वाली परम गति का ��र्णन है, परन्तु गीता अध्याय 8 श्लोक 8, 9, 10 में जिस सच्चिदानन्द घन ब्रह्म अर्थात् परम दिव्य पुरूष की भक्ति करने को कहा है, उसका मन्त्र गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में लिखा है। ऊँ, तत्, सत्, इति, निर्देशः, ब्रह्मणः, त्रिविधः, स्मृतः ब्राह्मणाः, तेन, वेदाः, च, यज्ञाः, च विहिताः, पुरा ।।
अनुवाद :- सचिदानन्द घन ब्रह्म की भक्ति का मन्त्र "ऊँ तत् सत्" है। "ऊँ" मन्त्र ब्रह्म यानि क्षर पुरूष का है। "तत्" यह सांकेतिक है जो अक्षर पुरूष का है। "सत्" मंत्र भी सांकेतिक मन्त्र है जो परम अक्षर ब्रह्म का है। इन तीनों मन्त्रों के जाप से वह परम गति प्राप्त होगी जो गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कही है कि जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आते ।
यदि गीता अध्याय 8 श्लोक 16 का यह अर्थ सही मानें कि मुझे प्राप्त होने वाले का पुनर्जन्म नहीं होता तो गीता अध्याय 2 श्लोक 12, गीता अध्याय 4 श्लोक 5, गीता अध्याय 10 श्लोक 2, गलत सिद्ध हो जाते हैं जिनमें गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि अर्जुन! तेरे और मेरे बहुत जन्म हो चुके हैं, तू नहीं जानता, मैं जानता हूँ। मेरी उत्पत्ति को न देवता जानते, न महर्षिगण तथा न सिद्ध जानते। विचारणीय विषय यह है कि जब साध्य इष्ट का ही जन्म-मृत्यु होता है तो साधक को वह मोक्ष कैसे प्राप्त हो सकता है जिससे पुनर्जन्म नहीं होता है। इसलिए गीता अध्याय 8 श्लोक 16 का अनुवाद जो मैंने (रामपाल दास ने) ऊपर किया है, वही सही है कि गीता ज्ञानदाता ने कहा है कि ब्रह्म लोक तक सब लोक पुनरावर्ती में हैं अर्थात् ब्रह्मलोक में गए प्राणी भी लौटकर संसार में जन्म को प्राप्त होते हैं। जो यह नहीं जानते, वे मेरी भक्ति करके भी पुनर्जन्म को प्राप्त होते हैं। इसीलिए तो गीता ज्ञान दाता ने अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि हे अर्जुन! तू सर्वभाव से उस परमेश्वर की शरण में जा, उस परमेश्वर की कृपा से ही तू परमशान्ति को तथा सनातन परमधाम अर्थात् सत्यलोक को प्राप्त होगा। यही प्रमाण गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में है कि तत्वदर्शी सन्त से तत्वज्ञान प्राप्त करके उस तत्वज्ञान रुपी शस्त्र से अज्ञान को काटकर उसके पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आते। जिस परमेश्वर से संसार रुपी वृक्ष की प्रवृति विस्तार को प्राप्त हुई है अर्थात् जिस परमेश्वर ने संसार की रचना की है। गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि केवल उसी की भक्ति कर, सर्व का उसी से कल्याण सम्भव है।
* प्रमाणित हुआ कि ब्रह्म की भक्ति से पूर्ण मोक्ष सम्भव नहीं है। केवल पूर्ण परमात्मा (परम अक्षर ब्रह्म) की भक्ति से ही पूर्ण मोक्ष सम्भव है।
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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everyonestar · 5 months ago
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त्राहि माम त्राहि माम त्राहि त्राहि माम | गायक - सुनैना | गीत - कर्तव्य ...
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cgnews24 · 6 months ago
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कलेक्टर साहब…..जनता त्राहि माम-त्राहि माम कर रही है, बार-बार बिजली बंद होती है, गर्मी और बिजली से परेशान है जनता : शैलेश पांडेय बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने बिजली गुल के लेकर प्रशासन पर तंज कसा है, शैलेश ने कहा है कि शहर में बिजली और पानी का संकट गहराता जा रहा है, रोज़ रोज़ बिजली का झटका लोगो को लग रहा है दिन और रात मिलकर कम से कम दस बार बिजली जाती है और कई बार बिना कारण के
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agnilyrics · 7 months ago
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Mamo Chitte Lyrics – Madgaon Express Movie 2024 sung by Sagar Desai, written by Rabindranath Tagore
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ranatechno · 9 months ago
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kawaiimoonpeace · 10 months ago
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#मेरे_अज़ीज़_हिंदुओं_स्वयं_पढ़ो अपने ग्रंथ
श्राद्ध-पिण्डदान गीता अनुसार कैसा है?
हमें श्राद्ध क्यों करना चाहिए? श्राद्ध कैसे करना चाहिए?
श्रीमद्भगवद्गीता
Bhaishri Rameshbai Oza
पित्तरों का ऋण है हम सभी पर। हमें तर्पण करना चाहिए।
मां बाप की मृत्यु हो जाये तो श्राद्ध करें।
Sant Rampal Ji Maharaj
मेरे अज़ीज़ हिंदुओं
स्वयं पढ़ो अपने ग्रंथ गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में कहा है कि जो पित्तरों की पूजा करते हैं, वे पित्तर योनि प्राप्त करेंगे, मोक्ष नहीं होगा। जो भूत पूजते हैं, वे भूत बनेंगे। श्राद्ध करना पित्तर पूजा तथा भूत पूजा है।
श्रीमद्भगवद्गीता
यान्ति देवव्रता देवान्पितृन्यान्ति पितृव्रताः । भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपि माम् ॥ २५ ॥ यान्ति, देवव्रताः, देवान्, पितृन्, यान्ति, पितृव्रताः, भूतानि, यान्ति, भूतेज्याः, पान्ति, मद्याजिनः, अपि, माम् ॥ २५ ॥
कारण यह नियम है कि-
[प्राप्त होते हैं 1 (और)
मेरा पूजन करनेवाले भक्त
मद्याजिनः ।
देवव्रताः
देवताओंको 1 पूजनेवाले
यान्ति
देवान् चान्ति
देवताओंको
प्राप्त होते हैं,
पितरोंको
पितृव्रताः
माम अपि
मुझको
पूजनेवाले
हो
पितृन्
पितरोंको प्राप्त होते हैं.
वान्ति भूतानि
यान्ति
भूतोंको पूजनेवाले
नहीं होता।*)
प्राप्त होते हैं। (इसीलिये मेरे
भक्तोंका पुनर्जन्म
Sant Rampal Ji Maharaj
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wnewsguru · 1 year ago
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avneesh-kumar · 1 year ago
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अध्याय 9 का श्लोक 25
यान्ति, देवव्रताः, देवान, पिपर्यन, यान्ति, पितृव्रताः । भूतानि यान्ति, भूतेज्याः, यान्ति, मद्याजिनः, पि, माम||२५||
#GodMorningThursday
#SantRampaljiQuotes
🌹सुनें मराठी भाषा Lokशाही ( लोकतंत्र ) चैनल पर संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन सुबह 6:00 AM से 7:00 AM
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kawaiimoonpeace · 10 months ago
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#मेरे_अज़ीज़_हिंदुओं_स्वयं_पढ़ो अपने ग्रंथ
श्राद्ध-पिण्डदान गीता अनुसार कैसा है?
हमें श्राद्ध क्यों करना चाहिए? श्राद्ध कैसे करना चाहिए?
श्रीमद्भगवद्गीता
Bhaishri Rameshbai Oza
पित्तरों का ऋण है हम सभी पर। हमें तर्पण करना चाहिए।
मां बाप की मृत्यु हो जाये तो श्राद्ध करें।
Sant Rampal Ji Maharaj
मेरे अज़ीज़ हिंदुओं
स्वयं पढ़ो अपने ग्रंथ गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में कहा है कि जो पित्तरों की पूजा करते हैं, वे पित्तर योनि प्राप्त करेंगे, मोक्ष नहीं होगा। जो भूत पूजते हैं, वे भूत बनेंगे। श्राद्ध करना पित्तर पूजा तथा भूत पूजा है।
श्रीमद्भगवद्गीता
यान्ति देवव्रता देवान्पितृन्यान्ति पितृव्रताः । भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपि माम् ॥ २५ ॥ यान्ति, देवव्रताः, देवान्, पितृन्, यान्ति, पितृव्रताः, भूतानि, यान्ति, भूतेज्याः, पान्ति, मद्याजिनः, अपि, माम् ॥ २५ ॥
कारण यह नियम है कि-
[प्राप्त होते हैं 1 (और)
मेरा पूजन करनेवाले भक्त
मद्याजिनः ।
देवव्रताः
देवताओंको 1 पूजनेवाले
यान्ति
देवान् चान्ति
देवताओंको
प्राप्त होते हैं,
पितरोंको पितृव्रताः माम अपि मुझको
पूजनेवाले
हो
पितृन्
पितरोंको प्राप्त होते हैं.
वान्ति भूतानि
यान्ति
भूतोंको पूजनेवाले
नहीं होता।*)
प्राप्त होते हैं। (इसीलिये मेरे
भक्तोंका पुनर्जन्म
Sant Rampal Ji Maharaj
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tulsi0 · 1 year ago
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श्रीमद्भगवद्गीता
अध्याय 9 का श्लोक 23
ये, अपि, अन्यदेवताः, भक्ताः, यजन्ते, श्रद्धया, अन्विताः, ते, अपि, माम, एव, कौन्तेय, यजन्ति, अविधिपूर्वकम ||२३||
#GodMorningThursday
#SantRampaljiQuotes
♦️ देखें "साधना" चैनल शाम 7:30 बजे।
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deepinsideheartsblog · 2 years ago
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।। प्रतिदिन प्रातः स्मरण मंत्र।।
#प्रात: हाथ(कर)-दर्शनम्*
कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती ।
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥
#आइये_जुड़े_अपनी_संस्कृति_से🙏🚩
#पृथ्वी क्षमा प्रार्थना*
समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मंडिते।
विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमश्वमेव॥
#त्रिदेवों के साथ T स्मरण*
T
ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतव: कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥
#स्नान मन्त्र *
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥
#सूर्यनमस्कार*
ॐ सूर्य आत्मा जगतस्तस्युषश्च
आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने।
दीर्घमायुर्बलं वीर्यं व्याधि शोक विनाशनम्
सूर्य पादोदकं तीर्थ जठरे धारयाम्यहम्॥
ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सवित्रे नम:
ॐ अर्काय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:
#आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥
#दीप दर्शन*
#शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते॥
#दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते॥
#गणपति स्तोत्र *
#गणपति: विघ्नराजो लम्बतुन्ड़ो गजानन:।
द्वै मातुरश्च हेरम्ब एकदंतो गणाधिप:॥
विनायक: चारूकर्ण: पशुपालो भवात्मज:।
द्वादश एतानि नामानि प्रात: उत्थाय य: पठेत्॥
विश्वम तस्य भवेद् वश्��म् न च विघ्नम् भवेत् क्वचित्।
#विघ्नेश्वराय वरदाय शुभप्रियाय।
लम्बोदराय विकटाय गजाननाय॥
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय।
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
#शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजं।
प्रसन्नवदनं ध्यायेतसर्वविघ्नोपशान्तये॥
#आदिशक्ति वंदना *
#सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥
#शिव स्तुति *
#कर्पूर गौरम करुणावतारं,
संसार सारं भुजगेन्द्र हारं।
सदा वसंतं हृदयार विन्दे,
भवं भवानी सहितं नम��मि॥
#विष्णु स्तुति *
#शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
#श्री कृष्ण स्तुति *
#कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।
नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥
सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।
गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥
#मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्‌।
यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्‌॥
#श्रीराम वंदना *
#लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।
कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥
#श्रीरामाष्टक*
#हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।
गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।
बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥
#एक श्लोकी रामायण *
#आदौ रामतपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीवसम्भाषणम्॥
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद्रावण कुम्भकर्णहननं एतद्घि श्री रामायणम्॥
#सरस्वती वंदना*
#या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वींणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपदमासना॥
या ब्रह्माच्युत��ङ्करप्रभृतिभिर्देव��ः सदा वन्दिता।
सा माम पातु सरस्वती भगवती
निःशेषजाड्याऽपहा॥
हनुमान वंदना*
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्‌।
दनुजवनकृषानुम् ज्ञानिनांग्रगणयम्‌।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्‌।
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥
मनोजवं मारुततुल्यवेगम जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये॥
* स्वस्ति-वाचन *
ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्ट्टनेमिः
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥
* शांति पाठ *
ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्‌ पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्ष (गुँ) शान्ति:,
पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्व (गुँ) शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥
*॥ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥*
अंकित
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hindisportsqanswerdotin · 2 years ago
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PAK vs NZ: पलटकर स्टंप में घुसे...ईश सोढ़ी ने माम-उल-हक की उड़ाई गेंदें, देखें
PAK vs NZ: पलटकर स्टंप में घुसे…ईश सोढ़ी ने माम-उल-हक की उड़ाई गेंदें, देखें
पाक बनाम न्यूजीलैंड: पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच का आज पांचवां दिन है। इस मैच को जीतने के लिए पाकिस्तान को 319 रन बनाने हैं। ये मैच कराची में खेला जा रहा है. पांचवें दिन न्यूजीलैंड के स्पिनर ईश सोढ़ी ने पाकिस्तान को तीसरा बड़ा झटका दिया है। उन्होंने बल्लेबाज इमाम-उल-हक को बोल्ड किया। जिस गेंद पर इमाम को बोल्ड किया गया, वह गिरकर अंदर चली गईं और गिल्लियां उड़ा…
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nayesubah · 3 years ago
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डीजल-पेट्रोल की एक्साइज ड्यूटी में कटौती पर राजद सुप्रीमो लालू यादव ने पीएम मोदी पर साधन निशाना
डीजल-पेट्रोल की एक्साइज ड्यूटी में कटौती पर राजद सुप्रीमो लालू यादव ने पीएम मोदी पर साधन निशाना
Bihar: दिवाली के शुभ अवसर पर मोदी सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है, केंद्र ने डीजल पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की घोषणा की है, केंद्र सरकार की इस फैसले पर राजद सुप्रीमो ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है सरकार ने कटौती कर का नाटक किया है। पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क आज यानी 4 नवंबर से 5 रुपए और 10 रूपए कम कर दिया गया है, केंद्र सरकार के इस फैसले पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद…
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