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महाराष्ट्र ही नहीं इन राज्यों को भी सता रहा लॉकडाउन का डर, कोरोना ने बरपाया ऐसा कहर Divya Sandesh
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महाराष्ट्र ही नहीं इन राज्यों को भी सता रहा लॉकडाउन का डर, कोरोना ने बरपाया ऐसा कहर
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कई राज्यों की हालत खराब कर दी है। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रचक्र पर दबाव बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र में सख्त लॉकडाउन की आहट महसूस की जा रही है। दिल्ली सरकार ने नाइट कर्फ्यू के अलावा भी सख्ती बढ़ाने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी नाइट कर्फ्यू है। पिछले 24 घंटों में डेढ़ लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं।यह आंकड़ा पहली लहर के पीक से करीब 52 हजार केस ज्यादा है। यानी महामारी अपनी दूसरी लहर में बेहद संक्रामक है। ऐसे में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए राज्यों को सख्ती बरतनी पड़ रही है। आइए जानें देश में कहां-कहां कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के आसर पैदा हो गए हैं।Covid-19 Lockdown Latest News: महाराष्ट्र के अलावा अब दिल्ली, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में भी कोविड-19 के चलते हालात तेजी से खराब होने लगे हैं।कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कई राज्यों की हालत खराब कर दी है। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रचक्र पर दबाव बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र में सख्त लॉकडाउन की आहट महसूस की जा रही है। दिल्ली सरकार ने नाइट कर्फ्यू के अलावा भी सख्ती बढ़ाने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी नाइट कर्फ्यू है। पिछले 24 घंटों में डेढ़ लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं।यह आंकड़ा पहली लहर के पीक से करीब 52 हजार केस ज्यादा है। यानी महामारी अपनी दूसरी लहर में बेहद संक्रामक है। ऐसे में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए राज्यों को सख्ती बरतनी पड़ रही है। आइए जानें देश में कहां-कहां कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के आसर पैदा हो गए हैं।खौफ पैदा कर रही कोरोना की ऐसी रफ्तारपिछले 24 घंटों में कोविड के रेकॉर्ड 1,52,879 नए मामले सामने आए हैं।टोटल केसेज की संख्या 1,33,58,805 हो गई है।फिलहाल 11,08,087 लोग कोरोना संक्रमित हैं जो कुल मामलों का 8.29 प्रतिशत है। ऐक्टिव केसेज पहली बार 11 लाख से ज्यादा हो गए हैं।स्वस्थ होने वाले लोगों की दर (रिकवरी रेट) गिरकर 90.44 प्रतिशत रह गई है।पिछले 24 घंटों में 839 मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 1,69,275 तक जा पहुंची है।18 अक्टूबर 2020 के बाद से इस बीमारी से एक दिन में जान गंवाने वाले लोगों की यह सर्वाधिक संख्या है।महाराष्ट्र में लगाया जा सकता है लॉकडाउनकोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में सख्त लॉकडाउन की संभावना बढ़ती जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को कोविड टास्क फोर्स की एक खास मीटिंग होनी है। इसके बाद सोमवार को मुख्यमंत्र�� उद्धव ठाकरे भी एक बैठक करेंगे। राज्य में 8 या 15 दिन के लॉकडाउन की अटकलें हैं।शनिवार को महाराष्ट्र में 55,441 नए केस सामने आए और 309 लोगों की मौत हो गई। वहीं मुंबई में शनिवार को कोरोना के 9327 नए मरीज मिले है और 50 लोगों की मौत हुई। विस्तार से पढ़ेंदिल्ली में कोरोना के साथ-साथ सख्ती भी बढ़ीदिल्ली में शनिवार को कोरोना वायरस के 7,897 नए मामले सामने आए। यहां इन्फेक्शन रेट इस साल पहली बार 10% के पार चला गया है। राजधानी में कोविड-19 के अब कुल 7,14,423 मामले हो गए हैं। पिछले 24 घंटों में 39 मरीजों की मौत के बाद मृतकों की तादाद 11,235 तक पहुंच गई है।दिल्ली सरकार ने सभी तरह के सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक एवं धार्मिक सभाओं पर रोक लगा दी है।सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर बंद रहेंगे।मेट्रो-बसों में 50 फीसदी यात्रियों को ही सफर करने की अनुमति दी जाएगी। विस्तार से पढ़ेंयूपी के कई जिलों में पाबंदियां, नाइट कर्फ्यूगोरखपुर जिले में प्रशासन ने रात का कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है।राजधानी लखनऊ समेत यूपी के कई जिलों में पहले से ही नाइट कर्फ्यू लगा हुआ है।कर्फ्यू में भारत सरकार और राज्य सरकार के अधिकारियों, कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं और लोक कल्याणकारी सेवाओं से जुड़े लोगों को काम करने की छूट होगी।बांदा शहर में भी शनिवार रात नौ बजे से सुबह छह तक का कर्फ्यू लगा दिया गया है।बलिया में जिलाधिकारी अदिति सिंह ने रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू कर दिया है।मथुरा जिला प्रशासन ने फैसला किया है कि बिना मास्क पहने जिले के मंदिरों में लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।बिहार में लॉकडाउन नहीं, मगर पाबंदियां बढ़ींबिहार के सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को 18 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है।30 अप्रैल तक सभी दुकान और प्रतिष्ठान शाम 7 बजे तक ही खुलेंगे।रेस्तरां, होटल और ढाबा क्षमता का 25% ही इस्तेमाल कर पाएंगे।सिनेमा हॉल में 50% सीटें ही इस्तेमाल होंगी।धार्मिक स्थल आम लोगों के लिए बंद रखे जाएंगे।सरकारी दफ्तरों में 33% की उपस्थिति होगी।प्राइवेट प्रतिष्ठानों को भी 33% के साथ दफ्तर खोलने की इजाजत है।शादी-विवाह में 200 जबकि श्राद्ध में 50 लोग शामिल हो सकते हैं। विस्तार से पढ़ेंगांधीनगर नगर निगम का चुनाव टला, मगर लॉकडाउन नहींगुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने गांवों में या शहरों में बाजार संघों द्वारा स्थानीय स्तर पर स्वैच्छिक रूप से लॉकडाउन का स्वागत किया।गुजरात में कई गांवों, आवास समितियों और बाजार संगठनों ने अपन�� क्षेत्रों में लॉकडाउन की घोषणा की है।अहमदाबाद में सोला रोड के बाजार संगठन ने शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है।पालनपुर शहर में दो दिनों के लिए ‘जनता’ कर्फ्यू भी लागू किया गया है, लेकिन कुछ व्यापारियों ने अपनी दुकानें खुली रखीं।गुजरात राज्य निर्वाचन आयोग ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 18 अप्रैल को होने वाले गांधीनगर नगर निगम के चुनाव टाल दिए हैं।ओडिशा ने सील किया बॉर्डर, छत्तीसगढ़ सरकार भी ऐक्शन मेंओडिशा ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के साथ लगती अपनी सीमा सील कर दी।अंतरराज्यीय सीमा पर गश्त तेज कर दी गई है।मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रशासन को मास्क न पहनने पर जुर्माना राशि दोगुना करने का आदेश दिया है।पहले दो उल्लंघनों के लिए लोगों को 2,000 रुपये का जुर्माना देना होगा और उसके बाद मास्क नहीं पहनने पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर आइसोलेशन सेंटर्स बनाए जाएंगे।यह आइसोलेशन सेंटर गांव से बाहर होगा। इसमें शौचालय की व्यवस्था की जाएगी और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया जाएगा।
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Bamboo Rakhi made by minakshi Image Source : INDIA TV
चंद्रपुर (महाराष्ट्र)। इस बार रक्षा बंधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कलाई पर विशेषरूप से बांस से बनी राखी क��� बंधा देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी के आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत लोकल के लिए वोकल बनने की दिशा में पहले ही कदम आगे बढ़ा चुकी महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले की ग्रामीण महिला ने देशभर में बांस से बनी ईकोफ्रेंडली राखियों को लोकप्रिय बनाने का जिम्मा उठाया है। इसमें उन्हें सफलता भी मिल रही है।
महाराष्ट्र के विदर्भ प्रांत के आदिवासी बहुल और पिछड़े क्षेत्र चंद्रपुर की मीनाक्षी मुकेश वालके ने हैंडमेड इन इंडिया की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए रक्षा बंधन और स्वतंत्रता दिवस के लिए बांस से बनी डिजाइनर राखियां और तिरंगा बैज तैयार किए हैं। बांस से बनी राखी और बैज इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किए जाएंगे। मीनाक्षी ने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी स्वयं ये राखी और बैज लेकर प्रधानमंत्री मोदी के पास जाएंगे। पिछले साल महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी बांस से बनी राखी अपनी कलाई पर बांधी थी।
Bamboo Rakhi made by Minakshi
कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में भारी नुकसान के बावजूद मिनाक्षी ने हार नहीं मानी और आत्म निर्भर भारत के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए फिर एक नए उत्साह से काम में जुट गईं। अपनी कल्पना और सूझबूझ से इस बार उन्होंने बांस से तैयार की जाने वाली राखियों और जेबों पर लगाए जाने वाले तिरंगा बैजों के अनूठे डिजाइन तैयार किए हैं। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने आदिवासी व पिछड़े वर्ग की महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया है।
Bamboo bedges made by Minakshi
मीनाक्षी द्वारा बनाई जाने वाली बांस की राखियां देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही हैं। दंगल फिल्म की अभिनेत्री मीनू प्रजापति तो मीनाक्षी द्वारा डिजाइन की गई ज्वेलरी की प्रशंसक हैं। प्लास्टिक मुक्त डिजाइंस और पर्यावरण अनुकूल कलात्मक वस्तुओं के रूप में बांस कारीगरी से खूबसूरत उत्पाद तैयार करने वाली मीनाक्षी पिछले दो वर्षों से अपना सामाजिक उद्यम अभिसार इन्नोवेटिव को चला रही हैं।
पिछड़ी-आदिवासी महिलाओं को रोजगार प्रशिक्षण देने वाली मीनाक्षी को अक्टूबर 2019 में दिल्ली के शक्ति फाउंडेशन द्वारा टॉप-20 पुरस्कार दिया गया था। इसके अलावा उन्हें महिला सशक्तिकरण के ल���ए राष्ट्रीय नारी शक्ति सम्मान भी प्राप्त हुआ है। पिछले साल विश्व स्तरीय ब्यूटी कॉन्टेस्ट मिस क्लाइमेट के लिए बांस के क्राउन बनाकर उन्होंने एक इतिहास रचा था।
बांस का अधिकाधिक उपयोग कर जंगलों का संरक्षण करना, मौसम परिवर्तन में योगदान देने, रोजगार सृजन व सतत विकास के लिए भविष्य में बांस से बने ईकोफ्रेंडली घरों की संकल्पना को साकार करने के लिए इजरायल के जेरूसलेम से मीनाक्षी को प्रशिक्षक के रूप में भी न्यौता मिल चुका है। कल्पनाशीलता व कुछ नया करने की सोच ने मीनाक्षी को कुछ अलग हटकर काम करने के लिए प्रेरित किया। उनके काम की गुणवत्ता ऐसी है कि जिसकी चर्चा इजिप्ट और ब्राजील के जानेमाने बांस डिजाइनर्स के बीच भी होती है और वह उनसे मिलना चाहते हैं।
मिनाक्षी का सपना आत्म निर्भर भारत के लिए वोकल टू लोकल पर अमल कर हैंडमेड इन इंडिया के तहत बांस से बने उत्पादों को घर-घर पहुंचाना है। मिनाक्षी ने कहा कि इस बार बांस से बनी राखियों को पूरे देश से जो प्रतिसाद मिला है, वो अतुल्नीय है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, गुजरात, हरियाणा व पंजाब के साथ ही साथ सऊदी अरब में भी बांस से बनी राखि���ों की खूब मांग आ रही है।
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