#भारतीय संविधान से आने वाले प्रश्न
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vidyaratna · 2 years ago
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Bhartiye Samvidhan Quiz 3
भारतीय संविधान से महत्वपूर्ण प्रश्न संग्रह इन सभी प्रश्नों की तैयारी क्वेश्चन पेपर के रूप में कीजिए। ऑनलाइन टेस्ट नीचे है। आप इस ऑनलाइन टेस्ट में स्वागत है, शुभकामनाएँ! बेहतर परिणाम के लिए आप इस टेस्ट को कम से कम 5 बार जरूर दीजिए। इन सभी प्रश्नों की तैयारी Question Paper के रूप में कीजिए UPTET Online Mock Test 1 UPTET Online Mock Test 2 UPTET Online Mock Test 3
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thestudyias · 2 years ago
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मणिकांत सिंह सर “इतिहास वैकल्पिक” के लिए सर्वश्रेष्ठ क्यों हैं?
अभ्यर्थियों को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के दूसरे चरण (मुख्य परीक्षा) में एक वैकल्पिक विषय का चयन करना होता है और इस विषय के चयन में कई कारक महत्वपूर्ण होते हैं-
1- विषय सामान्य अध्ययन एवं निबंध में बड़ी भूमिका निभाता हो।
2- अंतिम परिणाम में इस विषय से चुने गए अभ्यर्थियों का प्रतिशत अच्छा हो।
जब हम इतिहास विषय की उपर्युक्त कारकों पर जांच करते हैं तो पाते हैं इतिहास विषय का महत्व सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र के साथ-साथ सामान्य अध्ययन द्वितीय प्रश्न पत्र में अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्धों की बेसिक जानकारी (विश्व इतिहास के सहायता से) ,भारतीय संविधान का विकास आदि को इतिहास के माध्यम से समझ सकते हैं।निबंध में संस्कृति से जुड़े निबंध भी इतिहास की जानकारी से अच्छे से हल किये जा सकते हैं।
अब अगर सिविल सेवा के अंतिम परिणाम में इतिहास की सफलता की बात करें तो ये 2013 के पाठ्यक्रम बदलाव से पहले भी और 2013 के बदलाव के बाद भी सबके अधिक परिणाम देने वाला विषय रहा है।इस वर्ष 2021 की प्रथम रैंक होल्डर श्रुति शर्मा (306 अंक) इतिहास विषय से थीं, 2017 में ईश्वर कुमार कांडू (316 अंक) इतिहास विषय से अंक लाने की उच्चतम सीमा को दिखाते हैं।इतिहास एक  ऐसा विषय है जिसमें औसत अंक प्राप्तांक शेष सभी विषयों से ज्यादा रहा है।
मणिकांत सर से क्यों पढ़ें?
किसी अध्यापक का चयन और विषय का चयन दोनो ही एक-दूसरे के पूरक हैं।इतिहास विषय के साथ सबसे बड़ी त्रासदी यह रही ये कि इसे घटनाओं, तारीखों और तथ्यों का एक विस्तृत विवरण की भांति अभ्यर्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता रहा है।जबकि मणिकांत सर के इतिहास अध्यापन का पहला सिद्धांत है 'Changes & Continuity' उनका स्पष्ट कहना है कि इतिहास कई परिवर्तनों और कुछ निरन्तरता का अध्ययन है।पिछले 30 से अधिक वर्षों में मणिकांत सर ने इस बात को सिद्ध किया है।
��तिहास पिछली घटनाओं का सार है,यह गलतफहमी मणिकांत सर अपनी हर कक्षा में दूर करते हैं जब वे वर्तमान समय मे हो रहे रिसर्च वर्क को अपने नोट्स में शामिल करते हैं, जब वे वर्तमान वैश्विक-घरेलू घटनाओं को इतिहास के साथ जोड़कर दिखाते हैं।
वर्तमान में अध्यापन का एक भाग उत्तर-लेखन भी है।मणिकांत सर वे पहले सिविल सेवा परीक्षा से जुड़े शिक्षक हैं जिन्होंने उत्तर लेखन के लिए अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अपनायी जा रही 'Thesis based writing' पद्धति को अपने दैनिक कक्षा कार्यक्रम में अपनाया।
इतिहास विषय की वैज्ञानिक बैकग्राउंड वाले विषयों की भांति एक समानता प्रथम प्रश्न पत्र में आने वाला मानचित्र आधारित प्रश्न है जिसमे अभ्यर्थी 50 अंक में से 40-46 अंक भी ला सकते हैं।यही वजह है कि मणिकांत सर मानचित्र को लेकर अलग से कक्षाओं को संचालित करते हैं।मणिकांत सर ने मानचित्र को हल करने की एक वैज्ञानिक विधि डेवलप की है जिसके माध्यम से आप अपने विषय के ज्ञान से ही स्थलों की अवस्थिति और उनकी व्याख्या को आसानी से इस प्रश्न को हल कर सकते हैं।
एक अध्यापक की कक्षा की सबसे बड़ी खासियत उसका वाक कौशल नही होती ,बल्कि उसका अपने छात्र/छात्राओं को कक्षा में प्रश्न पूंछने,तार्किक सोंच विकसित कराने के लिए प्रोत्साहित करना होता है। मणिकांत सर की कक्षा का सबसे मशहूर शब्द है -"बौद्धिक जुगाली"(Intellectual Churning) । सर का कहना है जब तक आप पढ़ कर स्वयं से उसके सभी आयामों को समझेंगे नही तब तक आप  अपने उत्तर को समृद्ध नही बना सकते।यही कारण है उनके कक्षाओं से पढ़ा अभ्यर्थी यूपीएससी की पहली मांग Critical Thinking को हासिल कर चुका होता है।
अंत मे अगर कोविड के बाद के टीचिंग परिदृश्य को देखें तो वे पहले वैकल्पिक विषय के शिक्षक थे,जो ऑनलाइन माध्यम पर एक दम ऑफलाइन क्लास जैसी गुणवत्ता और लेक्चर लेंथ प्रदान करने में कामयाब रहे।
आप यूट्यूब पर मणिकांत सर की Teaching Pedagogy से तो परिचित हो ही सकते हैं साथ ही देश-विदेश के जटिल मुद्दों पर , विभिन्न पुस्तकों पर उनके व्याख्यान भी सुन और देख सकते हैं।
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its-axplore · 5 years ago
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विश्व महिला दिवस पर रविवार को पूरे दिन शहर से लेकर गांव तक जिला में कार्यक्रमों की तांता लगा रहा। इस दौरान प्रलेस द्वारा जिला कार्यालय, उलाव में कवियित्री सम्मेलन आयोजित किया गया था। जय मंगला वाहिनी से जुड़ी महिलाओं ने रक्तदान किया। वहीं गायनोकोलॉजिस्ट एसोसिएशन द्वारा बीएमपी-8 के अस्पताल में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से संबंधित जांच शिविर एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके अलावे गंगा ग्लोबल बीएड कॉलेज, रमजानपुर, जीडी कॉलेज सहित अन्य संस्थानों में सेमिनार का आयोजन किया गया। महिला चिकित्सकों ने कहा-सावधान रहे, सुरक्षित रहें बीएमपी-8 में जागरूकता सह निशुल्क जांच शिविर में पांच से ज्यादा महिलाओं के ब्रेस्ट में गांठ सहित अन्य बीमारियों की जांच की गई। शिविर का नेतृत्व कर रहीं डॉ मंजू चौधरी ने सभी मरीजों को ब्रेस्ट में गांठ पड़ने पर चिकित्सकों से तुरंत संपर्क करने की सलाह दी। जांच शिविर के बाद बीएमपी-8 के मंजू सभागार में एसपी अवकाश कुमार एवं उनकी प|ी ने महिला दिवस पर उपस्थित चिकित्सकों एवं शहरवासियों के सामने अपनी बातों को रखा। मौके पर कैंसर अवेयरनेस सोसाइटी के बेगूसराय चैप्टर के सचिव डॉ रतन प्रसाद ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं में अशिक्षा, जानकारी का अभाव में स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही के कारण कैंसर सहित अन्य बीमारियां उन्हें अपनी चपेट में ले लेती हैं। सर्वाइकल कैंसर यानी बच्चेदानी के नीचे के भाग का कैंसर, स्तन कैंसर, पित्त की थैली का कैंसर, ओवेरियन कैंसर, फेफड़ा, आंत सहित अन्य कैंसर रोग महिलाओं में पाई जाती है। उन्होंने कहा कि जननांगों की समुचित सफाई, बच्चों को स्तनपान कराना, जीवनशैली में परिवर्तन, यौन रोगों से दूरी, चर्बी दार खाना से परहेज, एचपी भी टीकाकरण, हेपेटाइटिस बी टीकाकरण के साथ-साथ सक्रिय जीवन, सकारात्मक एवं अहिंसक सोंचर के अलावे तम्बाकू जनित पदार्थों के सेवन से परहेज से निश्चय ही कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। डॉ रंजन चौधरी ने कैंसर से बचने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में लोगों को बताया। इस अवसर पर आईएमए सचिव डॉ निशांत रंजन, डॉ प्रज्ञा सिंह, डॉ मृणालिणी, डॉ रश्मि, डॉ सारिका, डॉ रीना, डॉ कामिनी, डॉ आशा भूषण, डॉ अमृता झा, डॉ एकता आदि उपस्थित थी। गंगा ग्लोबल बीएड कॉलेज में सेमिनार का आयोजन गंगा ग्लोबल बीएड कॉलेज में प्रशिक्षुओं के बीच विश्व महिला दिवस समारोह का आयोजन किया। मौके पर राज्य सभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा ने सभी प्रशिक्षुओं के बीच अपने अनुभवों को रखा। मौके पर निदेशक सर्वेश कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर प्रो अनामिका, प्रो नीलम, प्रो कामायनी और प्रो अंजली ने कहा कि महिलाओं को स्वयं कमजोर नहीं समझना ��ाहिए। आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास के साथ पुरूष के साथ-साथ काम करने पर बल दिया। प्रशिक्षुओं ने महिलाओं के विभिन्न रूपों यथा माँ, बेटी, बहन व देवी पर आधारित कविता व गीतों का गायन किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ राजेश सिंह, व क्षेत्रीय संघ संचालक के साथ प्रो सुधाकर पांडेय, प्रो रूपेश कुमार आदि शामिल थे। इस अवसर पर प्रो सूर्यप्रताप, प्रो अमर, प्रो विपिन एवं परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग के प्रो परवेज यूसुफ उपस्थित थे। संगीत संयोजन किया प्रो राजीव कुमार ने किया। जय मंगला वाहिनी की महिलाओं ने किया रक्तदान विश्व महिला दिवस पर सदर अस्पताल स्थित दिनकर ब्लड बैंक में जय मंगला वाहिनी से जुड़ी पांच महिलाओं ने रक्तदान कर अपने जज्बे को प्रदर्शित किया। मौके पर बबली मसखरा ने कहा कि रक्तदान करने से कोई नुकसान नहीं होता है। आज के समय मे महिलाओं को रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए। नेहा, किरण नेगी, फेराज आदि ने रक्तदान किया। मौके पर जय मंगला वाहिनी से अविनाश, अभिषेक, खुशबू, सुमित, कुंदन,सुशांत सहित अन्य सक्रिय सदस्य मौजूद थे। अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 135 विधवा महिलाओं को किया गया सम्मानित, एक-दूसरे को रंग गुलाल लगाकर खूब झूमी महिलाएं बछवाड़ा | अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आपका आंचल संस्था ने महिलाओं को सम्मान देने का काम किया जो अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है। उक्त बातें रविवार को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आपका आंचल संस्था द्वारा आयोजित विधवा महिला विचार गोष्ठी सह महिला सम्मान समारोह में पूर्व एमएलसी उषा सहनी ने कही। उन्होंने कहा कि आज समाज में विधवा महिलाओं से छुआछूत मानते हुए शादी विवाह, उपनयन मुंडन एवं अन्य कार्यों से दूर रखा जाता है। हमें इस समाज के अंदर अंधविश्वास को खत्म करने की जरूरत है तभी हम एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर सकते है। वहीं महिला ���िवस के अवसर पर आपका आंचल संस्था के सचिव कामिनी कुमारी ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला शश्क्तिकरण और उनकी दशा दिशा को एक नई दिशा देने के लिए विचार गोष्ठी के साथ-साथ महिलाओं को सम्मान दिलाने के लिए संस्था कि ओर से एक महिलाओं का टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। सरकार द्वारा एक तरफ महिला सशक्तिकरण की बात करती है और दूसरी तरफ पंचायत स्तर पर छोड़कर ना तो विधानसभा और ना लोग सभा में आरक्षण दिया जाता है। उन्होंने बताया कि महिलाओं के अधिकार व हक के लिए संस्था लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। वहीं समाजसेवी सुनीता चौधरी, राम कुमार सिंह,प्रलेस के जिलाध्यक्ष ललन लालित्य, अमित कुमार सिंह,अवधेश कुमार चौधरी, सुनीता मिश्रा समेत अन्य लोगों ने संबोधित किया। वहीं कार्यक्रम के दौरान 135 विधवा महिलाओं को सम्मान करते हुए अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान विधवा महिलाओं ने एक ��ूसरे को रंग गुलाल लगा कर खुशी का इजहार किया। साथ ही होली के गीतों पर एक-दूसरे को रंग गुलाल लगाकर खूब झूमे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आपका आंचल संस्था के सचिव कामिनी कुमारी ने की। विचार गोष्ठी के मौके पर पूर्व मुखिया अर्जुन पासवान, रीता राय, विभा पासवान, रीता पासवान, रिकू ठाकुर, गायत्री गुप्ता, दुर्गा सिंह, मनिता राय, सरीता पासवान, अमित कुमार समेत विभिन्न पंचायत के सैकड़ों विधवा महिला मौजूद थे। जिला के लाल ने पाया विद्या गौरव पुरस्कार बरौनी | गुजरात में आयोजित 18वें अंतरराष्ट्रीय ज्योतिषी सम्मेलन बिहार का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे बेगूसराय जिला के लाल बरौनी स्थिति शोकहारा निवासी निवासी आचार्य अविनाश शास्त्री विद्या गौरव पुरस्कार प्राप्त कर न सिर्फ जिले का बल्कि बिहार का भी नाम रोशन किया है। गुजरात विद्यापीठ में महर्षि वेद ब्यास अकादमी एवं इंटरनेशनल एस्ट्रो फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय 18वां अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन में आचार्य अविनाश शास्त्री ने बिहार का प्रतिनिधित्व के दौरान मौके पर मौजूद विद्वानों के सामने प्राचीन फलित ज्योतिष ग्रन्थ लघु जातक के आधार पर काल नरा चक्र का विस्तृत वर्णन कर ज्योतिषी विज्ञान में अपनी विद्वता का परिचय दिया है। इसके लिए सम्मेलन में गुजरात विद्यापीठ के कुल सचिव भारत भाई जोशी, देश के प्रसिद्ध ज्योतिषि दिनेश भाई गुरुजी और इंटरनेशनल एस्ट्रो फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष योगेश चंद्र शास्त्री द्वारा आचार्य अविनाश शास्त्री को विद्या गौरव पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षक संघ के संयुक्त सचिव डॉ सुरेश प्रसाद राय, संसद प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार अमर,भाजपा जिला उपाध्यक्ष बलराम सिंह ने बधाई दी है। 21वीं सदी में भी देश में बेटियों की राह आसान नहीं हुई सिटी रिपोर्टर| खोदावंदपुर नारी सशक्तिकरण का नारा बहुत दिनों से लगता आ रहा है। लेकिन इस दकियानुसी सोच रखने वाले पुरुष प्रधान देश में न ही महिलाएं सशक्त हुई और न ही इनका स्थान समाज मे ऊंचा हुआ। उक्त बातें भारतीय मूल के इंग्लैंड निवासी जेनेट महतो ने रविवार को बुद्धा एकेडमी तारा बरियारपुर के प्रांगण में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आयोजित महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।आज के दौर में महिलाओं की पीड़ा बयां करते हुए कहा कि 21वीं सदी में भी देश में बेटियों की राह आसान नहीं हुई है। यह यक्ष प्रश्न आज भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में सोचने वाले समाजसेवी और बुद्धिजियो को परेशान कर रखा है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान विभिन्नता में एकता, समानता और समता की बात को सुनिश्चित करता है। वहां आज भी महिलाएं उपेक्षित है। वजह चाहे जो भी हो जात -पात गरीबी- अमीरी ऊंच-नीच महिला- पुरुष शारीर���क बनावट आदि के नाम पर आज भी महिलाएं शोषित व पीड़ित है। यह आज से ही नही है, महिलाओं का शोषण सदियों से होता चला आ रहा है। समाज में महिलाओं को अभी भी नीची निगाह से देखी जाती है। महिलाओं की स्थिति किसी संस्था, संगठन, राजनीति अन्य जगहों पर पुरुषों के द्वारा पीछे करने की कोशिश की जाती है। क्योंकि आज भी यह समाज पुरुषवादी सोच को लिए चलता है। उन्होंने बताया कि जहां पुरुषवादी सोच होती है वहां महिलाओं का ऊपर उठना बहुत मुश्किल होता है। गोविंदपुर एक में महिलाओं को किया गया सम्मानित, अबीर गुलाल लगाकर होली मिलन समारोह आयोजित मंसूरचक | प्रखंड क्षेत्र के गोविंदपुर एक पंचायत सरकार भवन परिसर में रविवार को महिला सम्मान समारोह आयोजित की गई। अध्यक्षता मुखिया राजीव पासवान ने किया। समारोह में जीविका से जुड़ी 30 महिलाओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसके अलावे अन्य जनप्रतिनिधियों का भी सम्मान किया गया। समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए रालोसपा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश महासचिव स्वीटी प्रिया ने कहा कि महिलाएं आज के दोर में हरेक क्षेत्र में अपने काम का डंका बजा रही हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दशक पूर्व महिलाएं घर की चौखट से बाहर नहीं निकलती थी, लेकिन जब महिलाएं घर से निकली तो इतिहास बन गया। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि, सरकारी दफ्तर हो या रक्षा के क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों के बराबर कदम-से-कदम मिलाकर चल रही हैं। उन्होंने शानदार आयोजन के लिए धन्यवाद भी दिया। युवा जदयू जिलाध्यक्ष गौरव सिंह राणा ने कहा कि महिलाओं को जितना सम्मान नीतीश सरकार में मिला शायद ही कभी मिला हो। मुखिया राजीव पासवान ने कहा कि सम्मान समारोह का मुख्य उद्देश्य महिलाओं में आत्मबल को बढाना है। माना की तू कोमल है, पर तुझसे देश बलवान को मिली सराहना प्रगतिशील लेखक संघ के उलाव स्थित जिला कार्यालय में कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष कवियत्री मुकुल लाल ने की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कवियत्री रंजना सिंह ने अपनी कविता माना कि तू कोमल है, पर तुझसे देश बलवान को उपस्थित लोगों ने सराहा। कवियत्री सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवियत्री मुकुल लाल ने महिला सशक्तिकरण सख्त जरूरत है पर बल देते हुई पढ़ी-सच कहती हूँ, सच कहूंगी, नारी सशक्त है और सशक्त रहेगी का पाठ की,अपनी दूसरी कविता “अबला नारी से अब ना होगी भेंट, घर की आन बान और शान है बेटियां, मादरे वतन का आबरू और सान हैं बेटियां कविता का पाठ किया जिसे खूब तालियां मिली। कवियत्री सम्मेलन में स्मिता श्री ने पढ़ा नदी तू क्यों बहती है एवं नारी है सनकी हर घर की का पाठ किया। । मौके पर कवियत्री स्वाति गोदर ने अपनी रचना में बोली हे सिद्धार्थ एक त्याग ने तुझको बुद्ध बनाया, जो रोज त्याग करती उसका क्या नाम दूँ। आशा रानी ने अपनी पंक्ति में कही की नारी कमजोर कभी नहीं रही, केवल एक जुट होके आगे आने की जरूरत है । इस अवसर पर प्रगतिशील लेखक संघ के राज्य सचिव रामकुमार, जिला सचिव ललन लालित्य, भगत सिंह विचार मंच के मनोज कुमार, वरिष्ठ कवि शिवबालक सिंह, रामाधार सिंह, हरे कृष्णा राय उर्फ मुन्ना, अर्जुन मिश्र, कंचन कुमार, रंजन कुमार झा, उषा देवी, मंजू देवी, रुकमणी कुमारी, सुधा झा, निधि देवी, प्रमोद कुमार, ज्ञानी ताती सहित कई लोगों ने अपने विचार भी रखें। धन्यवाद ज्ञापन प्रलेस के जिला सचिव ललन ललन लालित्य ने किया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर विचार गोष्ठी में पंचवीर की मुखिया ने कहा-महिलाओं को समानता के अधिकार से रखा जाता है दूर साहेबपुर कमाल | अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रविवार को प्रखंड क्षेत्र के पंचवीर पंचायत में विकास मित्र अनुपम भारती की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें काफी संख���या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर बिहार महिला समाज के बेगूसराय जिलाध्यक्ष सह पंचवीर पंचायत की मुखिया ललिता कुमारी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रत्येक वर्ष के 8 मार्च को विश्व महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसके जरिए महिला सशक्तिकरण का संदेश पूरी दुनिया में फैलाया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारा हिंदुस्तान पुरुष प्रधान देश है। यहां पर महिलाओं को बराबरी और अवसर की समानता से दूर रखा जाता है। जबकि हमारे देश की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुष से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब-जब महिलाओं को जिस भी क्षेत्र में अवसर मिला तब-तब उसने शानदार मिसाल पेश करते हुए पुरुषों से काफी आगे रही। उन्होंने इसके लिए सावित्री बाई फुले, पीटी उषा, किरण वेदी, झूलन गोस्वामी, साइना नेहवाल, सानिया मिर्जा आदि का उदाहरण देते हुए कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुष से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि आज सभी तरह के प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अव्वल स्थान प्राप्त करने में अधिकांश लड़कियां ही होती हैं। उन्होंने कहा कि आज इस बात की जरूरत है कि जागरुकता एवं सशक्तिकरण के जरिए हरेक क्षेत्र में महिलाओं को बराबर अवसर और भागीदारी सुनिश्चित की जाय। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से बेटा और बेटियों को समान अवसर देने की अपील करते हुए कहा कि इसी से हमारा समाज और देश बदलेगा। मौके पर पंच कंचन देवी, वार्ड सदस्या वेवी देवी, जीविका दीदी रेखा देवी, दया रानी, मीना देवी, सविता देवी, उर्मिला देवी सहित आदि महिलाएं उपस्थित थी। महिला दिवस पर क्लब के साथ जुड़े 30 स्वयंसेवक सिटी रिपोर्टर | बीहट बीहट स्टूडेंट क्लब एवं नेहरू युवा केंद्र के सहयोग से वृहत महिला दिवस का आयोजन मध्य विद्यालय परिसर में किया गया। आयोजन में पटना और नालंदा जिला के लगभग 30 स्वयंसेवकों ने नेहरू युवा केंद्र के इस कार्यक्रम में बतौर प्रशिक्षक के रूप में शामिल हुए। महिला दिवस पर सहरसा निवासी प्रशिक्षक नवीन निशांत ने कहा कि महिलाओं के सम्मान के लिए पहले परिवार के लोगों को ही आगे आना होगा। कार्यक्रम को बीहट स्टूडेंट क्लब के सचिव नवलकिशोर सिंह ने क्लब के 50 वर्षों के इतिहास को वर्तमान से जोड़ते हुए प्रशिक्षणार्थियों को अपनी बातों के द्वारा क्लब से परिचित कराया। वहीं लोक शिक्षा के प्रखण्ड सचिव अशोक कुमार ने कहा कि महिलाओं को अपने सम्मान के लिए आत्मनिर्भर होना होगा। शिक्षिका किरण कुमारी ने परिवार में महिलाओं के हो रहे शोषण, उत्पीड़न आदि मसलों पर समसामयिक चर्चा की। कार्यक्रम को आरती कुमारी, छात्रा सुरुचि, पूजा ने भी वर्तमान परिदृश्य में समाज में महिलाओं की स्थिति के बारे में चर्चा करते हुए अपनी बातों को रखा। मौके पर नवल किशोर सिंह, बीहट स्टूडेंट क्लब के अजय कुमार सिंह, डॉ अजय कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, पूर्व वार्ड पार्षद कृष्णा देवी, विमला देवी के साथ नेहरू युवा केंद्र के उमाशंकर सहित अन्य साथी उपस्थित थे। महिलाएं े कई प्रतिष्ठित पदों को सुशोभित कर रही है कृषि विज्ञान केन्द्र खोदावंदपुर की वरीय वैज्ञानिक डॉ सुनीता कुशवाहा ने कहा कि महिलाएं आज पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर ही नही चलती बल्कि कई क्षेत्रों में आगे चल रही है। आज महिलाएं देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था से लेकर सीमाओं पर अपने कौशल का प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने कहा कि एक लड़की के शिक्षित करने पर पूरा परिवार शिक्षित होता है। पुलिस निरीक्षक विभा कुमारी ने कहा महिलाएं हवाई जहाज से लेकर लड़ाकू विमान उड़ा रही है। महिलाएं आज देश के कई प्रतिष्ठित पदों को सुशोभित कर रही है। कुमारी रुबी रानी ने महिलाओं की सुरक्षा किये जाने और उनके अधिकारों के हनन पर रोक लगाने की मांग सरकार से किया। महिला दिवस पर कार्यक्रम करते प्रतिभागी। जीडी कॉलेज में महिला प्राध्यापकों ने कहा-हम किसी से कम नही जीडी कॉलेज के महिला प्रकोष्ठ में एक विचार-गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम का मुख्य विषय मौजूदा हालात में नारी की भूमिका, बढ़ रहे यौन शोषण जैसी घटना पर हमारे समाज की कुंठित विचार पर गहन चर्चा किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए उर्दू विभागाध्यक्ष डा सहर अफरोज ने कहा कि अब महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। रण का क्षेत्र हो या फिर प्रयोगशाला में रिसर्च का या फिर खेल के मैदान का महिलाएं हर क्षेत्र में पुरूषों से पीछे नहीं है। कार्यक्रम में डॉ रंजना, अंजलि, डॉ रेणु, डॉ रीना, प्राचार्य डा अवधेश कुमार सिंह, प्रो कमलेश कुमार, डा शशिकांत पांडेय, डा जिकरूल्लाह खान, प्रेम विजय, अभिषेक एवं कुंदन समेत सभी छात्र-छात्राऐं मौजूद थीं। एमआरजेडी कॉलेज में कार्यक्रम प्रस्तुत करती लड़कियां। जानकारी का अभाव में स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही के कारण कैंसर सहित अन्य बीमारियां उन्हें अपनी चपेट में ले लेती हैं विश्व महिला दिवस पर ब्रेस्ट कैंसर पर जागरुकता और सेमिनार का हुआ आयोजन, दी गई कई महत्वपूर्ण जानकारी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जगदर में सेमिनार का आयोजन वीरपुर | अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रविवार को सुपर 30 क्लास जगदर द्वारा शान्ति ��ुस्तकालय जगदर परिसर में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का उद्घाटन जिला पार्षद सुल���ताना बेगम व विधायक प्रतिनिधि ब्रज किशोर सिंह ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गुलशन कुमार ने की जबकि संचालन सहदेव किशोर द्वारा किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने समाज निर्माण में महिलाओं की भूमिका व चुनौतियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा किया। सेमिनार में जनकवि दीनानाथ सुमित्र, अशांत भोला, राहुल शिवाय, रूपम झा, शिक्षक मनोज कुमार झा, महिला नेत्री रूबी शर्मा समेत कई लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में सुपर 30 क्लास के सौजन्य से मेधावी छात्र-छात्राओं को समारोहपूर्वक पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर सुपर 30 क्लास का वार्षिकोत्सव भी मनाया गया। मौके पर अधिवक्ता राहुल कुमार ठाकुर, वार्ड सदस्य धर्मराज सहनी आदि उपस्थित थे। गायनोकोलॉजिस्ट एसोसिएशन ने बीएमपी-8 के अस्पताल में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से संबंधित जांच शिविर लगाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मानित करते विश्वमाया चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरपर्सन। महिला दिवस पर सम्मानित करते एसपी।
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shadowydreamercowboypie · 6 years ago
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सभी पुरानी एनसीईआरटी पुस्तकें ऑनलाइन कैसे खोजें?
How to Find All Old NCERT Books Online in Hindi.
सितंबर 1961 में स्थापित, एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) केंद्र सरकार द्वारा स्थापित एक स्वायत्त संगठन है।
यह सोसायटी के पंजीकरण अधिनियम (1860 के अधिनियम XXI) के तहत एक साहित्यिक, वैज्ञानिक और धर्मार्थ समाज के रूप में पंजीकृत है।
यह शैक्षिक अनुसंधान कार्यक्रमों के संचालन और समर्थन की प्राथमिक जिम्मेदारी के साथ काम किया जाता है। और नवीनतम शैक्षिक अनुसंधान पद्धति और तकनीकों में प्रशिक्षण प्रदान करता है।
NCERTने कई अकादमिक पुस्तकों का प्रकाशन भी किया है और नमूना प्रश्न पत्र प्रदान करता है जो कि सरकारी और निजी स्कूलों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं।
NCERT पुस्तकों का उपयोग बड़े पैमाने पर कई प्रतिष्ठित प्रतियोगी शैक्षणिक परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी किया जाता है; यूपीएससी परीक्षा (प्रीलिम्स, मेन्स), आईएएस, सिविल सर्विसेज, आईएफएस, आईईएस और ऐसी अन्य कैरियर उन्मुख परीक्षाएं।
हालाँकि पुरानी NCERT की पुस्तकों को ढूंढना आसान नहीं है - जो नए संस्करणों की तुलना में अधिक आकर्षक और गहन हैं, जब छात्रों को ऐसी कठिन परीक्षाओं को क्रैक करने में मदद करने की बात आती है।
पुरानी एनसीईआरटी की किताबें कैसे पाएं
आपके लिए इस समस्या को हल करने में मदद करने के लिए, हमने नीचे कुछ तरीकों को सूचीबद्ध किया है जिनसे आप पुरानी एनसीईआरटी की पुस्तकों को खोजने में मदद कर सकते हैं ताकि आप खुद को इन परीक्षाओं को तैयार और पार कर सकें।
1. Amazon.In
Ancient India– R.S. Sharma, (CLASS-11), Medieval India – Satish Chandra (CLASS-11), Modern India – Bipin Chandra (CLASS-12) and World History – Arjun Dev (Class-12) and The Story of Civilization – Volume 1 by Arjun Dev (Class 9) – are some of the old NCERT books listed for sale on this site.
यहाँ सूचीबद्ध अधिकांश शीर्षक आकर्षक छूट ऑफ़र के साथ टैग किए गए हैं और कैशबैक की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
2. Flipkart
यह लोकप्रिय ऑनलाइन मार्केटप्लेस एनसीईआरटी पुस्तकों की एक विस्तृत चयन प्रदान करता है - रसायन विज्ञान, गणित, भारतीय संविधान, जीव विज्ञान, भौतिकी, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों को कवर करने के लिए।
उपलब्ध पुस्तकों में से अधिकांश में 4+ ग्राहक रेटिंग होती है और पुस्तक के विषय और मांग के आधार पर इसकी कीमत कुछ सैकड़ों से कुछ हज़ार रुपये तक होती है।
3. Olx
आप OLX (और Quikr) जैसी लोकप्रिय वर्गीकृत साइटों पर भी भाग्यशाली हो सकते हैं। एक अच्छा मौका है कि एक छात्र जिसे अब पुराने पाठ्यक्रम एनसीईआरटी की पुस्तकों की आवश्यकता नहीं है, उन्हें बिक्री के लिए ऑनलाइन पोस्ट किया जा सकता है।
बस टाइप करें - पुराना सिलेबस NCERT पुस्तकें + अपने शहर का नाम और उपलब्ध विकल्पों की समीक्षा करें।
4. Bx zone
दूसरे हाथ की किताबों के लिए इस ऑनलाइन संसाधन में 20-80% तक की बड़ी छूट पर बिक्री के लिए पुरानी NCERT पुस्तकों का अच्छा संग्रह है।
एनसीईआरटी बुक्स यहाँ बिक्री के विषय जैसे कवर; इंजीनियरिंग, एनईईटी गाइड, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार, एमबीए और जीआरई तैयारी किताबें अन्य विकल्पों में से।
How to Find All Old NCERT Books Online In Hindi.
5. Centralbooksonline
सेंट्रल बुक्स एक ऑनलाइन बुकस्टोर है जो अकादमिक पुस्तकों, बच्चों की पुस्तकों, प्रतिस्पर्धी पुस्तकों और स्थिर आपूर्ति में माहिर है - इसमें पुरानी NCERT पुस्तकों (कक्षा 1 - 11 से) की पेशकश करने के लिए एक अच्छा संग्रह है।
इनमें अंग्रेजी मैरीगोल्ड वर्कबुक्स (Class2-3-4-5), अर्थशास्त्र पर किताबें, विज्ञान, गणित, भौतिकी, सामाजिक विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन शामिल हैं।
6. JBC ऑनलाइन
दिल्ली का यह पुस्तक वितरक, जिसके पास एक ई-स्टोर भी है, पुरानी NCERT पुस्तकों को खोजने के लिए एक अच्छी शर्त है। आपको बस उनकी वेबसाइट पर जाना होगा (ऊपर सूचीबद्ध) और पुरानी एनसीईआरटी पुस्तकों - उपलब्ध विकल्पों की सूची देखने के लिए खोज विकल्प में।
यदि आपको अपनी ज़रूरत का पता नहीं है, तो आप हमेशा फोटोकॉपी किए गए संस्करणों की उपलब्धता की जांच कर सकते हैं - जो अभी भी दिल्ली के कई कोचिंग कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों के बीच उच्च मांग में हैं।
वे भारत के सभी प्रमुख स्थानों और भारत के प्रमुख स्थानों पर भी जाते हैं और ऑनलाइन भुगतान स्वीकार करते हैं, जिसमें पेपाल भी शामिल है।
7. NCERT पुस्तकें
Google Play पर यह मुफ्त शिक्षा ऐप एनसीईआरटी पुस्तकों का खजाना प्रदान करता है - मुफ्त में। इसमें NCERT चैप्टर वीडियो, NCERT सॉल्यूशंस और डाउट डिस्कशन और कक्षा 1-12 की सीबीएसई पाठ्यपुस्तकें, अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू माध्यम में शामिल हैं।
आपको पंजीकरण या लॉ��िन किए बिना, उन्हें एक क्लिक में डाउनलोड करने और एनसीईआरटी की किताब पीडीएफ ऑफ़लाइन या ऑनलाइन पढ़ने का विकल्प भी मिलता है।
8. FreeUPSCmaterials
यह साइट छात्रों के लिए पीडीएफ प्रारूप में पुरानी एनसीईआरटी पुस्तकों को मुफ्त में डाउनलोड करना संभव बनाती है - इस अनुरोध के साथ कि सामग्री का व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए उपयोग नहीं किया जाता है।
9. IASexamportal
यह वेबसाइट जो आईएएस के लिए भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन समुदाय होने का दावा करती है, सिविल सेवा परीक्षा के इच्��ुक उम्मीदवारों को अंग्रेजी और हिंदी दोनों में पुरानी एनसीईआरटी पुस्तकों की मुफ्त पीडीएफ डाउनलोड प्रदान करता है।
पुस्तकों में प्रमुख विषयों के एक मेजबान को शामिल किया गया है जिसमें शामिल हैं; विज्ञान (कक्षा 6-10), प्राचीन भारतीय इतिहास (भाग 1-4, कक्षा 11), भूगोल का भौतिक आधार (कक्षा 11), विश्व इतिहास (भाग 1-3, कक्षा 12), सभ्यता की कहानी (भाग 1) 2, अर्जुन देव), प्राचीन भारत (रोमिला थापर / माखन लाल / आर। शर्मा) और भारत की आर्थिक वाणिज्यिक भूगोल (कक्षा 10), कई अन्य।
10. Grotal
यह साइट प्रमुख भारतीय शहरों में NCERT पुस्तकों के लिए वितरकों का पता लगाने के लिए एक अच्छा ऑनलाइन संसाधन है। यह उनके संपर्क और स्थान के विवरण को भी सूचीबद्ध करता है।
इससे आपको अपने शहर के वितरकों के साथ सीधे संपर्क में रहना आसान होगा और पुरानी एनसीईआरटी की किताबों के सिलेबस की जानकारी उनकी सूची में उपलब्ध होगी।
निष्कर्ष के तौर पर
पुरानी एनसीईआरटी पुस्तकें पाठ्यक्रम की अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उनके अध्ययन सामग्री और अन्य संसाधनों की उच्च गुणवत्ता है।
यह उन्हें सिविल सेवा जैसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तलाश करने वाले छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ उपकरण बनाता है।
यदि आप भी एक सिविल सेवा परीक्षा के इच्छुक हैं, तो हम आशा करते हैं कि इस लेख में उल्लिखित कई संसाधन आपको अपनी तैयारी के लिए आवश्यक पुरानी एनसीईआरटी पुस्तकों को खोजने में मदद करेंगे।
कड़ी मेहनत से पढ़ाई करें और हम आपको आने वाली परीक्षाओं में शुभकामनाएं देते हैं।
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pragatitimes2016-blog · 7 years ago
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नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भाषण has been published on PRAGATI TIMES
नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भाषण
नई दिल्ली,(आईएएनएस)| भारत के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर संसद के केंद्रीय कक्ष में मंगलवार को शपथ ग्रहण करने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिया गया भाषण —
आदरणीय श्री प्रणब मुखर्जी जी, श्री हामिद अंसारी जी, श्री नरेंद्र मोदी जी, श्रीमती सुमित्रा महाजन जी, न्यायमूर्ति श्री जे.एस. खेहर जी, महा��ुभावों, संसद के सम्मानित सदस्य गण देवियो और सज्जनों और मेरे देशवासियों, मुझे भारत के राष्ट्रपति पद का दायित्व सौंपने के लिए मैं आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मैं पूरी विनम्रता के साथ इस पद को ग्रहण कर रहा हूं। यहां केंद्रीय कक्ष में आकर मेरी कई पुरानी स्मृतियां ताजा हो गई हैं। मैं संसद का सदस्य रहा हूं और इसी केंद्रीय कक्ष में मैंने आप में से कई लोगों के साथ विचार-विनिमय किया है। कई बार हम सहमत होते थे, कई बार असहमत। लेकिन इसके बावजूद हम सभी ने एक-दूसरे के विचारों का सम्मान करना सीखा और यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। मैं एक छोटे से गांव में मिट्टी के घर में पला-बढ़ा हूं। मेरी यात्रा बहुत लंबी रही है, लेकिन यह यात्रा अकेले सिर्फ मेरी नहीं रही है। हमारे देश और हमारे समाज की भी यही गाथा रही है। हर समस्याओं के बावजूद, हमारे देश में संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित-न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल मंत्र का पालन किया जाता है और मैं इस मूल मंत्र का सदैव पालन करता रहूंगा। मैं इस महान राष्ट्र के 125 करोड़ नागरिकों को नमन करता हूं, और उन्होंने मुझ पर जो विश्वास जताया है, उस पर खरा उतरने का मैं वचन देता हूं। मुझे इस बात का पूरा एहसास है कि मैं डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और मेरे पूर्ववर्ती श्री प्रणब मुखर्जी, जिन्हें हम स्नेह से ‘प्रणब दा’ कहते हैं, जैसी विभूतियों के पद चिन्हों पर चलने जा रहा हूं। हमारी स्वतंत्रता, महात्मा गांधी के नेतृत्व में हजारों स्वतंत्रता सेनानियों के प्रयासों का परिणाम थी। बाद में, सरदार पटेल ने हमारे देश का एकीकरण किया। हमारे संविधान के प्रमुख शिल्पी, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने हम सभी में मानवीय गरिमा और गणतांत्रिक मूल्यों का संचार किया। वे इस बात से संतुष्ट नहीं थे कि केवल राजनीतिक स्वतंत्रता ही काफी है। उनके लिए, हमारे करोड़ों लोगों की आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता के लक्ष्य को पाना भी बहुत महत्वपूर्ण था। हम जल्द ही अपनी स्वतंत्रता के 70 वर्ष पूरे करने जा रहे हैं। हम 21वीं सदी के दूसरे दशक में हैं, वह सदी, जिसके बारे में हम सभी को भरोसा है कि यह भारत की सदी होगी, भारत की उपलब्धियां ही इस सदी की दिशा और दशा तय करेंगी। हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है, जो आर्थिक नेतृत्व देने के साथ ही नैतिक आदर्श भी ��्रस्तुत करे। हमारे लिए ये दोनों मापदंड कभी अलग नहीं हो सकते। ये दोनों जुड़े हुए हैं और इन्हें हमेशा जुड़े ही रहना होगा। देश की सफलता का मंत्र उसकी विविधता है। विविधता ही हमारा वह आधार है, जो हमें अद्वितीय बनाता है। इस देश में हमें राज्यों और क्षेत्रों, पंथों, भाषाओं, संस्कृतियों, जीवन-शैलियों जैसी कई बातों का सम्मिश्रण देखने को मिलता है। हम बहुत अलग हैं, लेकिन फिर भी एक हैं और एकजुट हैं। 21वीं सदी का भारत ऐसा होगा, जो हमारे पुरातन मूल्यों के अनुरूप होने के साथ ही चौथी औद्योगिक क्रांति को विस्तार देगा। इसमें न कोई विरोधाभास है और न ही किसी तरह के विकल्प का प्रश्न उठता है। हमें अपनी परंपरा और प्रौद्योगिकी, प्राचीन भारत के ज्ञान और समकालीन भारत के विज्ञान को साथ लेकर चलना है। एक तरफ जहां ग्राम पंचायत स्तर पर सामुदायिक भावना से विचार-विमर्श करके समस्याओं का निस्तारण होगा, वहीं दूसरी तरफ डिजिटल राष्ट्र हमें विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचने में सहायता करेगा। ये हमारे राष्ट्रीय प्रयासों के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। राष्ट्र निर्माण अकेले सरकारों द्वारा नहीं किया जाता। सरकार सहायक हो सकती है, वह समाज की उद्यमी और रचनात्मक प्रवृत्तियों ���ो दिशा दिखा सकती है, प्रेरक बन सकती है। राष्ट्र निर्माण का आधार है-राष्ट्रीय गौरव : – हमें भारत की मिट्टी और पानी पर गर्व है। – हमें भारत की विविधता, सर्वधर्म समभाव और समावेशी विचारधारा पर गर्व है। – हमें भारत की संस्कृति, परंपरा एवं अध्यात्म पर गर्व है। – हमें देश के प्रत्येक नागरिक पर गर्व है। – हमें अपने कत्र्तव्यों के निवर्हन पर गर्व है। – हमें गर्व है हर छोटे से छोटे काम पर, जो हम प्रतिदिन करते हैं। देश का हर नागरिक राष्ट्र निर्माता है। हम में से प्रत्येक व्यक्ति भारतीय परंपराओं और मूल्यों का संरक्षक है और यही विरासत हम आने वाली पीढ़ियों को देकर जाएंगे। देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले और हमें सुरक्षित रखने वाले सशस्त्र बल राष्ट्र निर्माता हैं। जो पुलिस और अर्धसैनिक बल, आतंकवाद और अपराधों से लड़ रहे हैं, वे राष्ट्र निर्माता हैं। जो किसान तपती धूप में देश के लोगों के लिए अन्न उपजा रहे हैं, वे राष्ट्र निर्माता हैं और हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि खेत में कितनी बड़ी संख्या में महिलाएं भी काम करती हैं। जो वैज्ञानिक 24 घंटे अथक परिश्रम कर रहा है, भारतीय अंतरिक्ष मिशन को मंगल तक ले जा रहा है, या किसी टीके का अविष्कार कर रहा है, वह राष्ट्र निर्माता है। जो नर्स या डॉक्टर सुदूर किसी गांव में, किसी मरीज की गंभीर बीमारी से लड़ने में उसकी मदद कर रहे हैं, वे राष्ट्र निर्माता हैं। जिस नौजवान ने अपना स्टार्ट-अप शुरू किया है और अब स्वयं रोजगार दाता बन गया है, वह राष्ट्र निर्माता है। ये स्टार्ट-अप कुछ भी हो सकता है। किसी छोटे से खेत में आम से अचार बनाने का काम हो, कारीगरों के किसी गांव में कालीन बुनने का काम हो या फिर कोई प्रयोगशाला, जिसे बड़ी स्क्रीनों से रौशन किया गया हो। वे आदिवासी और सामान्य नागरिक, जो जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में हमारे पर्यावरण, हमारे वनों, हमारे वन्य जीवन की रक्षा कर रहे हैं और वे लोग जो नवीकरणीय ऊर्जा के महत्व को बढ़ावा दे रहे हैं, वे राष्ट्र निर्माता हैं। वे प्रतिबद्ध लोकसेवक जो पूरी निष्ठा के साथ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। कहीं पानी से भरी सड़क पर यातायात को नियंत्रित कर रहे हैं, कहीं किसी कमरे में बैठकर फाइलों पर काम कर रहे हैं, वे राष्ट्र निर्माता हैं। वे शिक्षक, जो नि:स्वार्थ भाव से युवाओं को दिशा दे रहे हैं, उनका भविष्य तय कर रहे हैं, वे राष्ट्र निर्माता हैं। वे अनगिनत महिलाएं, जो घर पर और बाहर, तमाम दायित्व निभाने के साथ ही अपने परिवार की देख-रेख कर रही हैं, अपने बच्चों को देश का आदर्श नागरिक बना रही हैं, वे राष्ट्र निर्माता हैं। देश के नागरिक ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक अपने प्रतिनिधि चुनते हैं, उन प्रतिनिधियों में अपनी आस्था और उम्मीद जताते हैं। नागरिकों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए यही जनप्रतिनिधि अपना जीवन राष्ट्र की सेवा में लगाते हैं। लेकिन हमारे ये प्रयास सिर्फ हमारे लिए ही नहीं हैं। सदियों से भारत ने वसुधैव कुटुंबकम, यानी पूरा विश्व एक परिवार है, के दर्शन पर भरोसा किया है। यह उचित होगा कि अब भगवान बुद्ध की यह धरती, शांति की स्थापना और पर्यावरण का संतुलन बनाने में विश्व का नेतृत्व करे। आज पूरे विश्व में भारत के दृष्टिकोण का महत्व है। पूरा विश्व भारतीय संस्कृति और भारतीय परंपराओं की तरफ आकर्षित है। विश्व समुदाय अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए हमारी तरफ देख रहा है। चाहे आतंकवाद हो, कालेधन का लेन-देन हो या फिर जलवायु परिवर्तन। वैश्विक परिदृश्य में हमारी जिम्मेदारियां भी वैश्विक हो गई हैं। यही भाव हमें, हमारे वैश्विक परिवार से, विदेश में रहने वाले मित्रों और सहयोगियों से, दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में रहकर अपना योगदान दे रहे प्रवासी भारतीयों से जोड़ता है। यही भाव हमें दूसरे देशों की सहायता के लिए तत्पर करता है, चाहे वह अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का विस्तार करना हो, या फिर प्राकृतिक आपदाओं के समय, सबसे पहले सहयोग के लिए आगे आना हो। एक राष्ट्र के तौर पर हमने बहुत कुछ हासिल किया है, लेकिन इससे भी और अधिक करने का प्रयास, और बेहतर करने का प्रयास और तेजी से करने का प्रयास, निरंतर होते रहना चाहिए। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वर्ष 2022 में देश अपनी स्वतंत्रता के 75वें साल का पर्व मना रहा होगा। हमें इस बात का लगात���र ध्यान रखना होगा कि हमारे प्रयास से समाज की आखिरी कतार में खड़े उस व्यक्ति के लिए और गरीब परिवार की उस आखिरी बेटी के लिए भी नई संभावनाओं और नए अवसरों के द्वार खुलें। हमारे प्रयास आखिरी गांव के आखिरी घर तक पहुंचने चाहिए। इसमें न्याय प्रणाली के हर स्तर पर, तेजी के साथ, कम खर्च पर न्याय दिलाने वाली व्यवस्था को भी शामिल किया जाना चाहिए। इस देश के नागरिक ही हमारी ऊर्जा का मूल स्रोत हैं। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि राष्ट्र की सेवा के लिए, मुझे इन लोगों से इसी प्रकार निरंतर शक्ति मिलती रहेगी। हमें तेजी से विकसित होने वाली एक मजबूत अर्थव्यवस्था, एक शिक्षित, नैतिक और साझा समुदाय समान मूल्यों वाले और समान अवसर देने वाले समाज का निर्माण करना होगा। एक ऐसा समाज जिसकी कल्पना महात्मा गांधी और दीन दयाल उपाध्याय जी ने की थी। यह हमारे मानवीय मूल्यों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह हमारे सपनों का भारत होगा। एक ऐसा भारत, जो सभी को समान अवसर सुनिश्चित करेगा। ऐसा ही भारत 21वीं सदी का भारत होगा। आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद! जय हिन्द! वंदे मातरम
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ankitias08-blog · 8 years ago
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😊 GST बिल -उदाहरण के साथ😊 संभावित प्रश्न 😊 राज्य सभा ने GST बिल को 3 अगस्त, 2016 को पास कर दिया है जबकि लोकसभा इसे पहले ही पास कर चुकी है | कुछ और औपचारिकताओं के बाद यह बिल एक कानून बन जायेगा| यह कर सभी मौजूदा अप्रत्यक्ष करों का स्थान लेगा | इससे देश में वस्तुओं की कीमतों के घटने के साथ साथ सकल घरेलु उत्पाद में भी 2% की वृद्धि होने का अनुमान है | सरकार द्वारा इसे 1 अप्रैल 2017 से सम्पूर्ण देश में लागू करने का लक्ष्य रखा गया है| इस लेख में हमने यह बताने का प्रयास किया है कि इस कर के लागू होने के बाद कौन सी वस्तुएं महँगी होगी और कौन सी सस्ती, यह कर किस तरह से काम करेगा तथा इसको लागू करने में सरकारों के सामने कौन सी चुनौतियाँ हैं | GST बिल क्या है? (What is GST Bill?):- GST बिल, भारत के कर ढांचें में सुधार का एक बहुत बड़ा कदम है। वस्तु एंव सेवा कर (Goods and Service Tax) एक अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) कानून है। जीएसटी एक एकीकृत कर है जो वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर लगेगा। GST बिल लागू होने से पूरा देश,एकीकृत बाजार में तब्दील हो जाएगा और ज्यादातर अप्रत्यक्ष कर जैसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Excise), सेवा कर (Service Tax), वैट (Vat), मनोरंजन, विलासिता, लॉटरी टैक्स, वस्तु और सेवाओं पर लगने वाला सेस और सरचार्ज आदि GST में समाहित हो जाएंगे। अब पूरे भारत में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर (GST) लगेगा। क्यों जरूरी है वस्तु एवं सेवा कर (Why GST Bill is Important ?):- भारतीय संविधान के अनुसार मुख्य रूप से वस्तुओं की बिक्री पर कर लगाने का अधिकार राज्य सरकार और वस्तुओं के उत्पादन व सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। वर्��मान कर व्यवस्था के अंतर्गत जब व्यापारी उत्पादन करता है तो उत्पादन कर, निर्यात करता है तो सीमा शुल्क और जब देश के अन्दर वस्तु को बेचता है तो बिक्री कर देता है | इस प्रकार वर्तमान व्यवस्था के अन्दर उसे हर चरण में कर देना पड़ता है | अर्थात भारत की वर्तमान कर व्यवस्था के अंतर्गत टैक्स के ऊपर टैक्स लगाया जाता है, (इसे कास्केडिंग इफ़ेक्ट कहते हैं) | अतः सरकार का वस्तु एवं सेवा कर को लाने का मुख्य उद्येश्य इन सभी अप्रत्यक्ष करों को समाप्त करके पूरे देश में एक ही प्रकार का कर लगाना है | GST की संरचना कैसी है? ऐसे काम करेगा GST : पहला चरण : (विनिर्माण) 1. एक उद्यमी 100 रूपये की कीमत का चमड़ा खरीदता है | 2. इसमें 10 रूपये का अप्रत्यक्ष कर भी शामिल है | 3. वह इस चमड़े से जूता तैयार करता है | 4. इसमें लागत आती है 30 रुपये | 5. जूता तैयार होने पर वह कीमत रखता है 130 रुपये | 6. अब इस पर 10% का कर लगता है | 7. मौजूदा कीमत पर 10% के हिसाब से कर हुआ 13 रुपये | 8. चूँकि 10 रुपये का कर वह चमड़ा खरीदते समय दे चुका था इसलिए अब वह कर देगा:13-10= 3 रुपये | दूसरा चरण: (थोक विक्रेता): 1. अब जूता पंहुचा थोक विक्रेता के पास | उसने जूता खरीदने के लिए चुकाए 130 रुपये | 2. इसमें 20 रूपये का अपना मुनाफा जोड़ा और कीमत तय की 150 रुपये | 3. अब यहाँ 150 पर लगेगा 10% का कर= 15 रुपये | 4. चूँकि 13 रूपये का कर भुगतान वह पहले ही कर चुका है इसलिए वह कर देगा=15 -13 = 2 रूपये का GST | तीसरा चरण: (खुदरा व्यापारी):- 1. थोक विक्रेता ने रिटेलर (खुदरा व्यापरी) को जूता बेचा 150 रूपये में | 2. रिटेलर ने इसकी पैकिंग की और अपना मुनाफा जोड़ा 10 रूपये| अब कीमत हो गयी 160 रूपये | 3. इस 160 पर लगेगा 10% का कर , जो कि हुआ 16 रूपये| 4. थोक विक्रेता के स्तर तक 15 रूपये कर का भुगतान हो चुका है इसलिए अब वह (रिटेलर) कर देगा सिर्फ 16 -15 = 1 रूपये का GST कुल GST कितना हुआ ? 1. जूते पर तीन चरणों में लगा कुल कर होगा – 10+3+2+1 =16 2. अब जूते की अंतिम कीमत तय हो गयी है:150 +16= 166 रूपये GST आने के बाद कौन- कौन से कर ख़त्म हो जायेंगे ? केन्द्रीय कर:- 1. सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 2. ड्यूटीज ऑफ़ एक्साइज (दवाओं और अन्य सम्बंधित उत्पादों पर) 3. एडिशनल ड्यूटीज ऑफ़ एक्साइज (विशेष महत्त्व वाले उत्पादों पर कर) 4. एडिशनल ड्यूटीज ऑफ़ एक्साइज (कपडा और कपडा उत्पादों पर कर) 5. एडिशनल ड्यूटीज ऑफ़ कस्टम 6. सेवा कर 7. वस्तु और सेवाओं पर लगने वाले सेस और सरचार्ज राज्य कर :- 1. वैट 2. केन्द्रीय बिक्री कर 3. खरीद कर 4. विलासिता कर 5. मनोरंजन कर 6. विज्ञापनों पर लगने वाला कर 7. लाटरी, जुआ और बेटिंग पर लगने वाला कर 8. वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले सेस और सरचार्ज जीएसटी का आम लोगों पर प्रभाव – (Impact of GST on General Public) GST लागू होने के बाद आम उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा | तमाम तरह के करों के स्थान पर सिर्फ एक ही टैक्स लगने के कारण वस्तुएं सस्ती होंगी ||
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vidyaratna · 2 years ago
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Bhartiye Samvidhan Quiz 5
भारतीय संविधान से महत्वपूर्ण प्रश्न संग्रह इन सभी प्रश्नों की तैयारी क्वेश्चन पेपर के रूप में कीजिए। ऑनलाइन टेस्ट नीचे है। आप इस ऑनलाइन टेस्ट में स्वागत है, शुभकामनाएँ! बेहतर परिणाम के लिए आप इस टेस्ट को कम से कम 5 बार जरूर दीजिए। इन सभी प्रश्नों की तैयारी Question Paper के रूप में कीजिए UPTET Online Mock Test 1 UPTET Online Mock Test 2 UPTET Online Mock Test 3
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