सिंगापुर में भारतीय मूल की 64 वर्षीय महिला ने नौकरानी के साथ दुव्र्यवहार करने का जुर्म कबूल कर लिया है
सिंगापुर में भारतीय मूल की 64 वर्षीय महिला ने नौकरानी के साथ दुव्र्यवहार करने का जुर्म कबूल कर लिया है
द्वारा पीटीआई
सिंगापुर: सिंगापुर में भारतीय मूल की 64 वर्षीय एक महिला ने अपनी म्यामांर बेटी की नौकरानी को तब तक प्रताड़ित किया जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई.
प्रेमा एस नारायणसामी ने 48 आरोपों में दोषी ठहराया – ज्यादातर स्वेच्छा से अपनी बेटी की नौकरानी पियांग नगैह डॉन को चोट पहुंचाई।
चैनल न्यूज एशिया ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है कि 26 जुलाई, 2016 को म्यांमार की 24 वर्षीय नौकरानी के…
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24.04.2024, लखनऊ | महान वैदिक ऋषि "महर्षि कश्यप" की जन्म जयन्ती के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के सेक्टर 25, इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में "श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने महर्षि कश्यप जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नम�� किया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “महर्षि कश्यप भारतीय संस्कृति में एक महान ऋषि और प्राचीन विद्वान थे । उन्हें प्राचीन काल के महान ऋषियों में से एक माना जाता है जो ज्ञान, ध्यान और तप के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त करते थे । महर्षि कश्यप ऋषि-मुनियों में श्रेष्ठ माने जाते थे। सुर-असुरों के मूल पुरूष मुनिराज कश्यप का आश्रम मेरू पर्वत के शिखर पर था, जहां वे पर-ब्रह्म परमात्मा के ध्यान में मग्न रहते थे। मुनिराज कश्यप नीतिप्रिय थे और वे स्वयं भी धर्म-नीति के अनुसार चलते थे और दूसरों को भी इसी नीति का पालन करने का उपदेश देते थे | महर्षि कश्यप द्वारा संपूर्ण सृष्टि की सृजना में दिए गए महायोगदान के कारण उन्हें ‘सृष्टि के सृजक’ उपाधि से विभूषित किया गया।हमें भी महर्षि कश्यप की तरह धर्म और नीति के मार्ग पर चलकर एक विकसित राष्ट्र बनाने में अपना योगदान देना चाहिए |"
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संस्कृत ही मूल जननी भाषा है
वैदिक संस्कृत 2000 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व तक बोली जाने वाली आर्य भाषा थी। इस भाषा से हिंद- ईरानी भाषा का जन्म हुआ/(मध्य एशिया की भाषा) । इसी ईरानी भाषा से अवस्तई फारसी का जन्म हुआ।
18वी और 19वी शताब्दी मे पश्चिम विद्वानो की नज़र इस संस्कृत फारसी भाषा और लिपि पर पड़ी। उन्होंने अनुभव किया की उच्चारण और व्याकरंण दृष्टि से संस्कृत सर्वश्रेष्ठ है तो बहुत से शब्द अंग्रेजी के इन्होंने अंगीकार कर लिए।
आइये हम आज संक्षेप मे जानते है की मध्य एशिया और यूरोप के अनेक शब्द संस्कृत से उठाये गए है, किंतु बोलचाल और उच्चारण की हेरफेर लिपि भिन्नता की वजह से हमे ये अलग प्रतीत होते है।
आरंभ करते है, सृष्टि के निर्माण समय से, और माना जाता है हम सब मनु की संतान है।
मनु से मानव, मानव से man बना।
इसी तरह से हमारे जन्म का कारण पिता और माता है। पिता को संस्कृत मे पितृ कहते है यही पिता शब्द मध्य एशिया तक पंहुच के peder बना जो यूरोप तक जाकर father बना। कुछ यूँही माता के मूल शब्द मातृ से meder फिर mother बना।
यँहा एक रोचक जानकारी साझा करना चाहूंगा की आजकल एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए हम google map की मदद से navigate करते है। यह navigate प्राचीन संस्कृत शब्द नवगति से व्युत्पन है। जिसका अर्थ है दिकचालन यानी एक जगह से दूसरी जगह जाने की योजना और प्रबंधन।
कुछ अन्य शब्द :-
खाट - cot
चूड़ी - bangle (चूड़ी को बांग्ला मे बंगली कहते है)
डकैत -dacoit
चंपू - shampoo ( चंपी मसाज)
नारंग - orange
चिठ्ठी - chit
जगन्नाथ - juggernaut ( एक बड़ा ढोयें जाने वाला ढांचा जैसे रथ)
मित्रो वैसे तो हजारो ऐसे शब्द जिन्हें लिखने बैठे तो लेख बहुत बड़ा हो जायेगा। हमारा उद्देश्य तो वैदिक धर्म और संस्कृत के बारे मे जागरुक करना और बताना है की प्राचीन भारतीय सनातन कितना समृद्ध और वैज्ञानिक रहा है ।
इसी वृक्ष से अन्य शाखाए पनपी है। 🙏🙏🙏🙏
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प्रत्येक मनुष्य को मर्यादापूर्वक एवं गौरवपूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। मानवता भारतीय संस्कृति एवं परम्पराओं के मूल में है ।
समस्त देश व प्रदेशवासियों को विश्व मानवाधिकार दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
आइए हम सब मिलकर मानव अधिकारों के संरक्षण का संकल्प करें तथा मानव अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाकर एक-दूसरे के अधिकारों की रक्षा करें ।
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कालिदासगिरां सारं कालिदाससरस्वती ।
चतुर्मुखोऽथवा ब्रह्मा विदुर्नान्ये तु मादृश:।।
भारतीय जीवन और दर्शन के विविध स्वरूपों और मूल तत्त्वों को अपने महाकाव्यों में वर्णित करने वाले, प्राचीन भारत के महान नाटककार, देव वाणी संस्कृत के प्रकांड विद्वान तथा मेघदूत व अभिज्ञान शाकुन्तलम जैसे महाकाव्य के रचनाकार, महान कवि कालिदास जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
विश्व में संस्कृत साहित्य के उत्तमोत्तम समृद्धि के लिए आपको सदैव याद किया जायेगा ।
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कालिदासगिरां सारं कालिदाससरस्वती ।
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निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के मिटत न हिय को सूल।।
समस्त हिंदी प्रेमी साहित्यकारों, भाषाविदों, लेखकों एवं शिक्षकों को हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
हमारी हिंदी भाषा भारतीय सनातनी संस्कृति और परंपरा एवं अपनी मधुरता व अपने साहित्य के लिए संपूर्ण विश्व में विख्यात है ।
आइए हम सब अपने लेखन एवं वार्तालाप में अपनी मातृभाषा हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करने का संकल्प करें ।
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अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने सीनेट में ‘टाई-ब्रेकिंग’ वोट के साथ रचा इतिहास
हैरिस ने 2020 में अमेरिका की पहली महिला एवं प्रथम अश्वेत उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रचा था।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने सीनेट में एक मतदान में दोनों पक्षों के समान वोट पड़ने की स्थिति में अपना मत (टाई-ब्रेकिंग वोट) डालकर अमेरिका के इतिहास में एक और नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।
खबर में आगे पढ़ें....
कमला हैरिस ने रचा इतिहास, 2020 में किया था कुछ ऐसा ही
उपराष्ट्रपति के रूप में डाले गए ऐसे वोटों की कुल संख्या 31 हो गई।
मेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट्स के पास 51 सीटें और रिपब्लिकन के पास 49 सीटें हैं
हैरिस ने रचा एक नया इतिहास
हैरिस ने उपराष्ट्रपति के रूप में "टाई-ब्रेकिंग वोट" डालने के 191 साल पुराने रिकार्ड की बराबरी की और संघीय एजेंसी की सदस्य के रुप में भारतीय मूल की कल्पना कोटागल के नामांकन का समर्थन किया। हैरिस ने इस तरह सीनेटर जॉन सी कैलहॉन के रिकॉर्ड की बराबरी की है। कैलहॉन ने 1825 से 1832 तक पूर्व राष्ट्रपति जॉन क्विंसी एडम्स और एंड्रयू जैक्सन के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था।
2020 में भी रचा था हैरिस ने इतिहास
इससे पहले हैरिस ने 2020 में अमेरिका की पहली महिला एवं प्रथम अश्वेत उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रचा था। हैरिस (58) ने बुधवार को 'समान रोजगार अवसर आयोग' के सदस्य के रूप में सेवा करने के लिए विविधता, समानता और समावेशन विशेषज्ञ, कोटागल के नामांकन के लिए अपना वोट डाला।
'समान रोजगार अवसर आयोग' संघीय कानूनों को लागू करने के लिए जिम्मेदार संस्था है। यह आयोग किसी नौकरी आवेदक या कर्मचारी के खिलाफ उसकी जाति, रंग, धर्म, लिंग, राष्ट्रीयता, उम्र (40 या अधिक), दिव्यांगता या आनुवांशिक जानकारी के आधार पर भेदभाव को रोकने के लिए काम करता है।
उपराष्ट्रपति के रूप में डाले गए ऐसे वोटों की कुल संख्या 31 हो गई।
कोटागल के नामांकन पर सीनेट में हुए मतदान में हैरिस ने 50-50 के अनुपाम में पड़े वोटों से हुए टाई को समाप्त कर दिया, जिससे उनके पद संभालने के बाद से उपराष्ट्रपति के रूप में डाले गए ऐसे वोटों की कुल संख्या 31 हो गई।
मौजूदा 118वीं अमेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट्स के पास 51 सीटें और रिपब्लिकन के पास 49 सीटें हैं।सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने बुधवार शाम को सदन में हैरिस की उपलब्धि की सराहना की। हिल अखबार ने उनके हवाले से कहा, "मैं यह उल्लेख करना चाहता हूं कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।"
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बीमा का इतिहास: विकास, उत्पाद और भारतीय उद्योग में सरकारी हस्तक्षेप
भारतीय बीमा उद्योग के सरकारी हस्तक्षेप में बीमा का इतिहास, विकास और उत्पाद के बारे में जानें। इस रोमांचकारी वीडियो में हम बीमा के मूल सिद्धांतों, प्रक्रियाओं और महत्वपूर्ण तत्वों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। यह एक दिलचस्प जानकारीपूर्ण साक्षात्कार है, जिसमें आपको बीमा और उद्योग के बारे में नवीनतम ज्ञान प्राप्त होगा।
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कुतुब मीनार हिंदू मंदिर पर निर्मित, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण 1871 की रिपोर्ट
1871-72 की रिपोर्ट से कुछ महत्वपूर्ण टेकअवे निम्नलिखित हैं:
एक एकल हिंदू मंदिर के उपनिवेश में स्तंभों को उनके मूल स्थानों में फिर से स्थापित किया गया है । उनकी वर्तमान ऊंचाई मूल हिंदू उपनिवेश के समान है ।
जिस छत पर मस्जिद वर्तमान में बैठती है, वह पहले ए
अंग्रेजी में मेरे लेख का हिंदी संस्करण निम्नलिखित है । मैंने लेख के समापन की ओर अंग्रेजी लेख का लिंक प्रदान किया है ।
मैंने भारत में मुगलों के योगदान पर लेख प्रकाशित किए थे । भारत में इस्लाम द्वारा नष्ट किए गए मंदिरों की सूची । हुमायूं के मकबरे में विष्णु के पैर । कैसे, मालाबार में, टीपू सुल्तान द्वारा ब्राह्मणों का नरसंहार किया गया और कैसे उन्हें मांस खाने के लिए मजबूर किया गया और इस्लाम में…
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भारतीय मूल के पुजारी को उनके आयरलैंड आवास पर घुसपैठिए ने छुरा घोंपा
भारतीय मूल के पुजारी को उनके आयरलैंड आवास पर घुसपैठिए ने छुरा घोंपा
द्वारा आईएएनएस
डबलिन : आयरलैंड में एक भारतीय मूल के पुजारी को पिछले सप्ताह एक घुसपैठिए ने उनके चेहरे, सिर और पीठ में छुरा घोंप दिया, जो पिछले सप्ताह उनके आवास में घुस गए थे.
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि 30 वर्षीय फादर बोबित ऑगस्टी पर 22 वर्षीय एंथनी स्वीनी ने 30 अक्टूबर की सुबह अर्दकीन में यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल वाटरफोर्ड के पास पादरी के घर पर हमला किया था।
स्वीनी पर आपराधिक न्याय…
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Youtube : https://youtu.be/yJPgM7ptDv4
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नवनिर्मित संसद भवन देश की आधुनिक धरोहर - हर्ष वर्धन अग्रवाल
उत्तर प्रदेश में उत्पन्न कत्थक नृत्य है हमारे प्रदेश का गौरव - डॉ रूपल अग्रवाल
लखनऊ, 28.05.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, सांस्कृतिक कार्यक्रम “धरोहर” थीम के अंतर्गत "श्री राम कथा एवं कृष्ण लीला : कत्थक नृत्य" का आयोजन सी एम एस ऑडिटोरियम, सिटी मोंटेसरी स्कूल, विशाल खंड, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया । सांस्कृतिक कार्यक्रम धरोहर के तहत ध्वनि फाउंडेशन द्वारा श्री राम कथा एवं कृष्ण लीला पर कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया गया| भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित इस कार्यक्रम में कुशल एवं अनुभवी कलाकारों द्वारा भगवान राम और भगवान श्री कृष्ण की जीवन ली��ाओं को कथक नृत्य द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसमें सर्वप्रथम गणेश वंदना की प्रस्तुति दी गई तत्पश्चात राम प्रसंग, राम भजन, विष्णु दशावतार, महाभारत, कृष्ण ठुमरी, राम ठुमरी प्रस्तुत की गयी |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, श्री एम०पी० सिंह, श्री विनय त्रिपाठी, प्रोफ़ेसर राज कुमार सिंह, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि आज का दिन देश व देशवासियों के लिए गौरव का दिन है जब देश में नए संसद भवन को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश को समर्पित किया है | कहना उचित होगा कि नए विकसित भारत की शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कर दी जिसकी आधारशिला नया संसद भवन है | नवनिर्मित संसद भवन देश की आधुनिक धरोहर है । हम सब मिलकर माननीय प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करते है | आज का यह कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में धरोहर थीम के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है I जिसमें श्री राम कथा एवं कृष्ण लीला पर कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा धरोहर थीम के अंतर्गत 28.04.2023 को लोक नृत्य व नृत्य नाटिका राम भी रहीम भी, अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम, महारास, राजस्थानी लोक नृत्य घूमर, का प्रस्तुतीकरण किया गया था तथा दिनांक 07.05.2023 को काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक का मंचन किया गया था | इसी कड़ी में आज यह कत्थक नृत्य आप सबके समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र "सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास" एवं "आत्मनिर्भर भारत" का अनुसरण करते हुए हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट निरंतर ही जनहित के कार्यों में लगा हुआ है | ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर विभिन्न महत्वपूर्ण दिवसों पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमो के द्वारा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता एवं जनहित में वस्त्र दान, रक्तदान और शिक्षा दान की अपील भी की जा रही है | महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत ट्रस्ट द्वारा निःशस्त्र आत्मरक्षा कला प्रशिक्षण कार्यशाला, सिलाई कौशल प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है | साथ ही आगामी 01 जून 2023 से नि:शुल्क पाककला प्रशिक्षण कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा जिसके अंतर्गत कटहल से 25 प्रकार के व्यंजन बनाने सिखाए जाएंगे | आप सभी के सहयोग एवं विश्वास के साथ ट्रस्ट समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु प्रतिबद्ध है | ट्रस्ट द्वारा वर्ष 2012 से आयोजित किये गए सभी कार्यक्रमों का वीडियो ट्रस्ट के यूट्यूब चैनल हेल्प यू ट्रस्ट पर उपलब्ध है | आप ट्रस्ट के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करके हमारे द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों की वीडियो देख सकते हैं | सिटी मोंटेसरी स्कूल के संस्थापक परम आदरणीय डॉ जगदीश गाँधी जी का आभार है कि उन्होंने यह सभागार कार्यक्रम आयोजन के लिए उपलब्ध कराया | गाँधी जी हमेशा जनहित तथा सामाजिक कार्यों के लिए तैयार रहते है | शेरवूड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट के अध्यक्ष श्री के.बी. लाल जी का आभार है कि उन्होंने कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए अपने कॉलेज के छात्र उपलब्ध कराये |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि, "शास्त्रीय नृत्य की बात आती है तो उत्तर प्रदेश से उत्पन्न हुई कथक नृत्य कला का नाम अवश्य लिया जाता है। कथक भारत के उन चुनिंदा शास्त्रीय नृत्यों में से एक है जिसे सीखने के लिए दुनियाभर से लोग भारत आते हैं और इसकी सराहना करते हैं । आज हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में हम माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के "उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश" के मंत्र को साकार करते हुए उत्तर प्रदेश से उत्पन्न हुए कत्थक नृत्य के द्वारा भारत की वैभवशाली सभ्यता और संस्कृति को नमन करते हैं तथा उसे हमेशा सहेज कर रखने का संकल्प लेते हैं |"
सांस्कृतिक कलाकारों रिचा तिवारी, अनुराधा यादव, आरती शुक्ला, मलखान सिंह एवं निधि निगम ने कत्थक नृत्य द्वारा भगवान श्री राम जी के आदर्श चरित्र, अलौकिक आचरण और व्यक्तित्व की झांकी दिखाई तथा यह बताया कि श्रीराम के सिद्धांत इस समय में बहुत जरूरी है तथा यह इस समय की पुकार है कि प्रभु राम धर्म की स्थापना करने के लिए फिर से अवतार लें | भगवान श्री कृष्ण की जीवन लीला को नृत्य द्वारा प्रस्तुत करते हुए कलाकारों ने उनकी बाल लीलाओं के साथ-साथ उनके प्रेम व धर्म परायणता को भी परिलक्षित किया | सभी कलाकारों को उनकी कुशल प्रस्तुति हेतु हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यों द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री महेंद्र भीष्म ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया I
कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम०पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, श्री एम०पी० सिंह, श्री विनय त्रिपाठी, प्रोफ़ेसर राज कुमार सिंह, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी तथा शहर के गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही |
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धर्म और राज्य क्या है ? अवधारणा और विशेषताएं ( What is the Religion and State
परिचय -
धर्म विश्व के अधिकांश देशों की राजव्यवस्थाओं के समक्ष एक जटिल प्रश्न की तरह उपस्थित रहा है ।
कुछ देशों की राजव्यवस्थाएँ धर्म के अधीन चलती रही हैं तो कुछ देशों में शासन ने धर्म का प्रचंड विरोध किया है ।
जहाँ तक भारत का प्रश्न है , यहाँ का समाज प्राचीनकाल से ही धर्म के प्रश्न पर प्रायः विनम्र और लचीला रहा है । इसका सबसे स्पष्ट प्रमाण यही है कि नए - नए धर्मों का जितना विकास भारत में हुआ , उतना कहीं और नहीं ।
सनातन हिंदू परंपरा के भीतर से यहाँ बौद्ध , सिख और जैन धर्म निकले ।
कुछ अत्यंत विरल अपवादों को छोड़ दें तो नए - नए धर्मों की स्थापना से भारतीय समाज में विशेष तनाव नहीं देखे गए ।
धार्मिक सहिष्णुता और सर्वधर्मसदभाव ( Religious harmony ) भारतीय परंपरा की सामान्य विशेषताएँ हैं ।
यूरोप की स्थिति इससे अलग थी । वहाँ धर्म के सांगठनिक रूप अर्थात् चर्च का केन्द्रीय महत्त्व था ।
चर्च ने लगभग एक हज़ार साल तक अपना वर्चस्व इस तरह बनाए रखा कि वहाँ न समाज का विकास हुआ , न राजनीति , अर्थव्यवस्था , दर्शन या कला का ।
व्यक्ति की स्वतंत्रता का इतना अधिक दमन किया गया कि व्यक्ति चर्च से परेशान हो उठा ।
चौदहवीं शताब्दी में हुआ पुनर्जागरण ( Renaissance ) , जो आगे चलकर धर्मसुधार आंदोलन ( Reformation ) में रूपांतरित हुआ , अपनी मूल प्रकृति में धर्म के इसी वर्चस्ववादी रूप के प्रति प्रतिक्रियावश पैदा हुआ था ।
इन सब स्थितियों में 1851 ई . में जॉर्ज जैकब होलिओक नामक विचारक ने धर्मनिरपेक्षता अर्थात् ' सेकुलरिज्म ' के विचार की औपचारिक स्थापना की ।
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कालिदासगिरां सारं कालिदाससरस्वती ।
चतुर्मुखोऽथवा ब्रह्मा विदुर्नान्ये तु मादृश:।।
भारतीय जीवन और दर्शन के विविध स्वरूपों और मूल तत्त्वों को अपने महाकाव्यों में वर्णित करने वाले, प्राचीन भारत के महान नाटककार, देव वाणी संस्कृत के प्रकांड विद्वान तथा मेघदूत व अभिज्ञान शाकुन्तलम जैसे महाकाव्य के रचनाकार, महान कवि कालिदास जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
विश्व में संस्कृत साहित्य के उत्तमोत्तम समृद्धि के लिए आपको सदैव याद किया जायेगा ।
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बिन निज भाषा-ज्ञान के मिटत न हिय को सूल।।
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