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24.04.2024, लखनऊ | महान वैदिक ऋषि "महर्षि कश्यप" की जन्म जयन्ती के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के सेक्टर 25, इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में "श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने महर्षि कश्यप जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “महर्षि कश्यप भारतीय संस्कृति में एक महान ऋषि और प्राचीन विद्वान थे । उन्हें प्राचीन काल के महान ऋषियों में से एक माना जाता है जो ज्ञान, ध्यान और तप के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त करते थे । महर्षि कश्यप ऋषि-मुनियों में श्रेष्ठ माने जाते थे। सुर-असुरों के मूल पुरूष मुनिराज कश्यप का आश्रम मेरू पर्वत के शिखर पर था, जहां वे पर-ब्रह्म परमात्मा के ध्यान में मग्न रहते थे। मुनिराज कश्यप नीतिप्रिय थे और वे स्वयं भी धर्म-नीति के अनुसार चलते थे और दूसरों को भी इसी नीति क��� पालन करने का उपदेश देते थे | महर्षि कश्यप द्वारा संपूर्ण सृष्टि की सृजना में दिए गए महायोगदान के कारण उन्हें ‘सृष्टि के सृजक’ उपाधि से विभूषित किया गया।हमें भी महर्षि कश्यप की तरह धर्म और नीति के मार्ग पर चलकर एक विकसित राष्ट्र बनाने में अपना योगदान देना चाहिए |"
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Every step of the Our Constitution, Our Self-Respect Padyatra will empower us to carry forward the legacy of the values of our Constitution: Colonel Rajyavardhan Rathore
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के साथ हजारों की संख्या में लोगों ने हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान पदयात्रा में सहभागिता की
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के साथ पदयात्रा में शामिल होकर जनता ने संविधान दिवस पर ली देश की एकता, अखंडता व संविधान रक्षा की शपथ
हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान पदयात्रा का हर कदम हमारे संविधान के मूल्यों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त करेगा : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, इस पदयात्रा का हर कदम हमारे संविधान के मूल्यों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त करेगा। ये सिर्फ महज चलना ��हीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों के जीने और सम��ने का सुअवसर है। हम सभी मिलकर देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता का संदेश दें। भारतीय संविधान सर्वोच्च मानवीय मूल्यों, उत्कृष्ट लोकतांत्रिक आदर्शों, कर्तव्यों व अधिकारों की पावन अभिव्यक्ति है। भारतीय संविधान की मूल भावना को सही अर्थों में चरितार्थ कर नए भारत में प्रत्येक व्यक्ति के लिए न्याय और गरिमा सुनिश्चित हो रही है।
भारतीय संविधान ने हर नागरिक को समान अधिकार और अवसर दिए हैं और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में आज, हम देख रहे हैं कि कैसे गरीब, महिलाएं, किसान, कारीगर और आदिवासी समुदाय आगे बढ़ रहे हैं। भारत एक समृद्ध और समावेशी राष्ट्र बन रहा है। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, संविधान दिवस के इस महत्वपूर्ण दिन पर आइए, हम सब संकल्प लें कि हम अपने देश के संविधान की गरिमा को बनाए रखेंगे और उसका पूरी निष्ठा से पालन करेंगे। यह दिन हमारे लोकतंत्र की शक्ति और एकता का प्रतीक है
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संस्कृत ही मूल जननी भाषा है
वैदिक संस्कृत 2000 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व तक बोली जाने वाली आर्य भाषा थी। इस भाषा से हिंद- ईरानी भाषा का जन्म हुआ/(मध्य एशिया की भाषा) । इसी ईरानी भाषा से अवस्तई फारसी का जन्म हुआ। 18वी और 19वी शताब्दी मे पश्चिम विद्वानो की नज़र इस संस्कृत फारसी भाषा और लिपि पर पड़ी। उन्होंने अनुभव किया की उच्चारण और व्याकरंण दृष्टि से संस्कृत सर्वश्रेष्ठ है तो बहुत से शब्द अंग्रेजी के इन्होंने अंगीकार कर लिए। आइये हम आज संक्षेप मे जानते है की मध्य एशिया और यूरोप के अनेक शब्द संस्कृत से उठाये गए है, किंतु बोलचाल और उच्चारण की हेरफेर लिपि भिन्नता की वजह से हमे ये अलग प्रतीत होते है। आरंभ करते है, सृष्टि के निर्माण समय से, और माना जाता है हम सब मनु की संतान है। मनु से मानव, मानव से man बना। इसी तरह से हमारे जन्म का कारण पिता और माता है। पिता को संस्कृत मे पितृ कहते है यही पिता शब्द मध्य एशिया तक पंहुच के peder बना जो यूरोप तक जाकर father बना। कुछ यूँही माता के मूल शब्द मातृ से meder फिर mother बना। यँहा एक रोचक जानकारी साझा करना चाहूंगा की आजकल एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए हम google map की मदद से navigate करते है। यह navigate प्राचीन संस्कृत शब्द नवगति से व्युत्पन है। जिसका अर्थ है दिकचालन यानी एक जगह से दूसरी जगह जाने की योजना और प्रबंधन। कुछ अन्य शब्द :- खाट - cot चूड़ी - bangle (चूड़ी को बांग्ला मे बंगली कहते है) डकैत -dacoit चंपू - shampoo ( चंपी मसाज) नारंग - orange चिठ्ठी - chit जगन्नाथ - juggernaut ( एक बड़ा ढोयें जाने वाला ढांचा जैसे रथ)
मित्रो वैसे तो हजारो ऐसे शब्द जिन्हें लिखने बैठे तो लेख बहुत बड़ा हो जायेगा। हमारा उद्देश्य तो वैदिक धर्म और संस्कृत के बारे मे जागरुक करना और बताना है की प्राचीन भारतीय सनातन कितना समृद्ध और वैज्ञानिक रहा है । इसी वृक्ष से अन्य शाखाए पनपी है। 🙏🙏🙏🙏
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प्रत्येक मनुष्य को मर्यादापूर्वक एवं गौरवपूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। मानवता भारतीय संस्कृति एवं परम्पराओं के मूल में है ।
समस्त देश व प्रदेशवासियों को विश्व मानवाधिकार दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
आइए हम सब मिलकर मानव अधिकारों के संरक्षण का संकल्प करें तथा मानव अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाकर एक-दूसरे के अधिकारों की रक्षा करें ।
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कालिदासगिरां सारं कालिदाससरस्वती ।
चतुर्मुखोऽथवा ब्रह्मा विदुर्नान्ये तु मादृश:।।
भारतीय जीवन और दर्शन के विविध स्वरूपों और मूल तत्त्वों को अपने महाकाव्यों में वर्णित करने वाल���, प्राचीन भारत के महान नाटककार, देव वाणी संस्कृत के प्रकांड विद्वान तथा मेघदूत व अभिज्ञान शाकुन्तलम जैसे महाकाव्य के रचनाकार, महान कवि कालिदास जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
विश्व में संस्कृत साहित्य के उत्तमोत्तम समृद्धि के लिए आपको सदैव याद किया जायेगा ।
#कालिदास
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कालिदासगिरां सारं कालिदाससरस्वती ।
चतुर्मुखोऽथवा ब्रह्मा विदुर्नान्ये तु मादृश:।।
भारतीय जीवन और दर्शन के विविध स्वरूपों और मूल तत्त्वों को अपने महाकाव्यों में वर्णित करने वाले, प्राचीन भारत के महान नाटककार, देव वाणी संस्कृत के प्रकांड विद्वान तथा मेघदूत व अभिज्ञान शाकुन्तलम जैसे महाकाव्य के रचनाकार, महान कवि कालिदास जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
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निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के मिटत न हिय को सूल।।
समस्त हिंदी प्रेमी साहित्यकारों, भाषाविदों, लेखकों एवं शिक्षकों को हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
हमारी हिंदी भाषा भारतीय सनातनी संस्कृति और परंपरा एवं अपनी मधुरता व अपने साहित्य के लिए संपूर्ण विश्व में विख्यात है ।
आइए हम सब अपने लेखन एवं वार्तालाप में अपनी मातृभाषा हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करने का संकल्प करें ।
#हिंदी_दिवस_2023
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अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने सीनेट में ‘टाई-ब्रेकिंग’ वोट के साथ रचा इतिहास
हैरिस ने 2020 में अमेरिका की पहली महिला एवं प्रथम अश्वेत उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रचा था।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने सीनेट में एक मतदान में दोनों पक्षों के समान वोट पड़ने की स्थिति में अपना मत (टाई-ब्रेकिंग वोट) डालकर अमेरिका के इतिहास में एक और नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।
खबर में आगे पढ़ें....
कमला हैरिस ने रचा इतिहास, 2020 में किया था कुछ ऐसा ही
उपराष्ट्रपति के रूप में डाले गए ऐसे वोटों की कुल संख्या 31 हो गई।
मेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट्स के पास 51 सीटें और रिपब्लिकन के पास 49 सीटें हैं
हैरिस ने रचा एक नया इतिहास
हैरिस ने उपराष्ट्रपति के रूप में "टाई-ब्रेकिंग वोट" डालने के 191 साल पुराने रिकार्ड की बराबरी की और संघीय एजेंसी की सदस्य के रुप में भारतीय ��ूल की कल्पना कोटागल के नामांकन का समर्थन किया। हैरिस ने इस तरह सीनेटर जॉन सी कैलहॉन के रिकॉर्ड की बराबरी की है। कैलहॉन ने 1825 से 1832 तक पूर्व राष्ट्रपति जॉन क्विंसी एडम्स और एंड्रयू जैक्सन के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था।
2020 में भी रचा था हैरिस ने इतिहास
इससे पहले हैरिस ने 2020 में अमेरिका की पहली महिला एवं प्रथम अश्वेत उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रचा था। हैरिस (58) ने बुधवार को 'समान रोजगार अवसर आयोग' के सदस्य के रूप में सेवा करने के लिए विविधता, समानता और समावेशन विशेषज्ञ, कोटागल के नामांकन के लिए अपना वोट डाला।
'समान रोजगार अवसर आयोग' संघीय कानूनों को लागू करने के लिए जिम्मेदार संस्था है। यह आयोग किसी नौकरी आवेदक या कर्मचारी के खिलाफ उसकी जाति, रंग, धर्म, लिंग, राष्ट्रीयता, उम्र (40 या अधिक), दिव्यांगता या आनुवांशिक जानकारी के आधार पर भेदभाव को रोकने के लिए काम करता है।
उपराष्ट्रपति के रूप में डाले गए ऐसे वोटों की कुल संख्या 31 हो गई।
कोटागल के नामांकन पर सीनेट में हुए मतदान में हैरिस ने 50-50 के अनुपाम में पड़े वोटों से हुए टाई को समाप्त कर दिया, जिससे उनके पद संभालने के बाद से उपराष्ट्रपति के रूप में डाले गए ऐसे वोटों की कुल संख्या 31 हो गई।
मौजूदा 118वीं अमेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट्स के पास 51 सीटें और रिपब्लिकन के पास 49 सीटें हैं।सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने बुधवार शाम को सदन में हैरिस की उपलब्धि की सराहना की। हिल अखबार ने उनके हवाले से कहा, "मैं यह उल्लेख करना चाहता हूं कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।"
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बीमा का इतिहास: विकास, उत्पाद और भारतीय उद्योग में सरकारी हस्तक्षेप
भारतीय बीमा उद्योग के सरकारी हस्तक्षेप में बीमा का इतिहास, विकास और उत्पाद के बारे में जानें। इस रोमांचकारी वीडियो में हम बीमा के मूल सिद्धांतों, प्रक्रियाओं और महत्वपूर्ण तत्वों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। यह एक दिलचस्प जानकारीपूर्ण साक्षात्कार है, जिसमें आपको बीमा और उद्योग के बारे में नवीनतम ज्ञान प्राप्त होगा।
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कुतुब मीनार हिंदू मंदिर पर निर्मित, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण 1871 की रिपोर्ट
1871-72 की रिपोर्ट से कुछ महत्वपूर्ण टेकअवे निम्नलिखित हैं: एक एकल हिंदू मंदिर के उपनिवेश में स्तंभों को उनके मूल स्थानों में फिर से स्थापित किया गया है । उनकी वर्तमान ऊंचाई मूल हिंदू उपनिवेश के समान है । जिस छत पर मस्जिद वर्तमान में बैठती है, वह पहले ए
अंग्रेजी में मेरे लेख का हिंदी संस्करण निम्नलिखित है । मैंने लेख के समापन की ओर अंग्रेजी लेख का लिंक प्रदान किया है । मैंने भारत में मुगलों के योगदान पर लेख प्रकाशित किए थे । भारत में इस्लाम द्वारा नष्ट किए गए मंदिरों की सूची । हुमायूं के मकबरे में विष्णु के पैर । कैसे, मालाबार में, टीपू सुल्तान द्वारा ब्राह्मणों का नरसंहार किया गया और कैसे उन्हें मांस खाने के लिए मजबूर किया गया और इस्लाम में…
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#इस्लाम भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण रिपोर्ट कुतुब मीनार#कुतुब मीनार#कुतुब मीनार हिंदू मंदिर#मंदिरों को नष्ट कर दिया द्वारा मुसलमानों#विक्रमादित्य जीत आर्क#विक्रमादित्य Dwaja Sthamba#सर अलेक्जेंडर कनिंघम#हिंदू धर्म#குதுப் மினார் இந்து கோவில்
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नवनिर्मित संसद भवन देश की आधुनिक धरोहर - हर्ष वर्धन अग्रवाल
उत्तर प्रदेश में उत्पन्न कत्थक नृत्य है हमारे प्रदेश का गौरव - डॉ रूपल अग्रवाल
लखनऊ, 28.05.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, सांस्कृतिक कार्यक्रम “धरोहर” थीम के अंतर्गत "श्री राम कथा एवं कृष्ण लीला : कत्थक नृत्य" का आयोजन सी एम एस ऑडिटोरियम, सिटी मोंटेसरी स्कूल, विशाल खंड, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया । सांस्कृतिक कार्यक्रम धरोहर के तहत ध्वनि फाउंडेशन द्वारा श्री राम कथा एवं कृष्ण लीला पर कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया गया| भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित इस कार्यक्रम में कुशल एवं अनुभवी कलाकारों द्वारा भगवान राम और भगवान श्री कृष्ण की जीवन लीलाओं को कथक नृत्य द्वारा प्रस्तुत किया गय��� जिसमें सर्वप्रथम गणेश वंदना की प्रस्तुति दी गई तत्पश्चात राम प्रसंग, राम भजन, विष्णु दशावतार, महाभारत, कृष्ण ठुमरी, राम ठुमरी प्रस्तुत की गयी |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ���था ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, श्री एम०पी० सिंह, श्री विनय त्रिपाठी, प्रोफ़ेसर राज कुमार सिंह, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि आज का दिन देश व देशवासियों के लिए गौरव का दिन है जब देश में नए संसद भवन को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश को समर्पित किया है | कहना उचित होगा कि नए विकसित भारत की शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कर दी जिसकी आधारशिला नया संसद भवन है | नवनिर्मित संसद भवन देश की आधुनिक धरोहर है । हम सब मिलकर माननीय प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करते है | आज का यह कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में धरोहर थीम के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है I जिसमें श्री राम कथा एवं कृष्ण लीला पर कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा धरोहर थीम के अंतर्गत 28.04.2023 को लोक नृत्य व नृत्य नाटिका राम भी रहीम भी, अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम, महारास, राजस्थानी लोक नृत्य घूमर, का प्रस्तुतीकरण किया गया था तथा दिनांक 07.05.2023 को काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक का मंचन किया गया था | इसी कड़ी में आज यह कत्थक नृत्य आप सबके समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र "सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास" एवं "आत्मनिर्भर भारत" का अनुसरण करते हुए हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट निरंतर ही जनहित के कार्यों में लगा हुआ है | ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर विभिन्न महत्वपूर्ण दिवसों पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमो के द्वारा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता एवं जनहित में वस्त्र दान, रक्तदान और शिक्षा दान की अपील भी की जा रही है | महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत ट्रस्ट द्वारा निःशस्त्र आत्मरक्षा कला प्रशिक्षण कार्यशाला, सिलाई कौशल प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है | साथ ही आगामी 01 जून 2023 से नि:शुल्क पाककला प्रशिक्षण कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा जिसके अंतर्गत कटहल से 25 प्रकार के व्यंजन बनाने सिखाए जाएंगे | आप सभी के सहयोग एवं विश्वास के साथ ट्रस्ट समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु प्रतिबद्ध है | ट्रस्ट द्वारा वर्ष 2012 से आयोजित किये गए सभी कार्यक्रमों का वीडियो ट्रस्ट के यूट्यूब चैनल हेल्प यू ट्रस्ट पर उपलब्ध है | आप ट्रस्ट के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करके हमारे द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों की वीडियो देख सकते हैं | सिटी मोंटेसरी स्कूल के संस्थापक परम आदर��ीय डॉ जगदीश गाँधी जी का आभार है कि उन्होंने यह सभागार कार्यक्रम आयोजन के लिए उपलब्ध कराया | गाँधी जी हमेशा जनहित तथा सामाजिक कार्यों के लिए तैयार रहते है | शेरवूड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट के अध्यक्ष श्री के.बी. लाल जी का आभार है कि उन्होंने कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए अपने कॉलेज के छात्र उपलब्ध कराये |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि, "शास्त्रीय नृत्य की बात आती है तो उत्तर प्रदेश से उत्पन्न हुई कथक नृत्य कला का नाम अवश्य लिया जाता है। कथक भारत के उन चुनिंदा शास्त्रीय नृत्यों में से एक है जिसे सीखने के लिए दुनियाभर से लोग भारत आते हैं और इसकी सराहना करते हैं । आज हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में हम माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के "उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश" के मंत्र को साकार करते हुए उत्तर प्रदेश से उत्पन्न हुए कत्थक नृत्य के द्वारा भारत की वैभवशाली सभ्यता और संस्कृति को नमन करते हैं तथा उसे हमेशा सहेज कर रखने का संकल्प लेते हैं |"
सांस्कृतिक कलाकारों रिचा तिवारी, अनुराधा यादव, आरती शुक्ला, मलखान सिंह एवं निधि निगम ने कत्थक नृत्य द्वारा भगवान श्री राम जी के आदर्श चरित्र, अलौकिक आचरण और व्यक्तित्व की झांकी दिखाई तथा यह बताया कि श्रीराम के सिद्धांत इस समय में बहुत जरूरी है तथा यह इस समय की पुकार है कि प्रभु राम धर्म की स्थापना करने के लिए फिर से अवतार लें | भगवान श्री कृष्ण की जीवन लीला को नृत्य द्वारा प्रस्तुत करते हुए कलाकारों ने उनकी बाल लीलाओं के साथ-साथ उनके प्रेम व धर्म परायणता को भी परिलक्षित किया | सभी कलाकारों को उनकी कुशल प्रस्तुति हेतु हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यों द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री महेंद्र भीष्म ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया I
कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम०पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, श्री एम०पी० सिंह, श्री विनय त्रिपाठी, प्रोफ़ेसर राज कुमार सिंह, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी तथा शहर के गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही |
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राजस्थानी शायरी in Hindi : मारवाड़ी शायरी , शान, संस्कृति और प्रेम के रंग - Khudkikalam
आपको आज इस आर्टिकल में मिलेगी राजस्थानी शायरी ( Rajasthani Shayari ) जिसे पढ़कर आप अपनों को भेज सकते है
1. राजस्थान की शान पर शायरी
🚩 राजस्थान की मिट्टी का कण-कण वीरों की पहचान है, हर कण में बसी हुई, शूरवीरों की जान है। मावठा बरसे या तपे रेगिस्तान, हर हाल में राजस्थानी रखे अपनी आन, बान, और शान। 🚩
2. राजस्थानी प्रेम शायरी
💖 घूंघट में छुपी मोरी साजन री सूरत, पधारो म्हारे अंगना, करलो दिल की हिफाजत। प्रीत की बात सुनावे, मारी सतरंगी चुनरिया, राजस्थानी प्रेम साचो, ज्यों पूनम री चांदनिया।
3. वीर रस शायरी (राजपूती शौर्य पर)
⚔️ रण में गूंजे जब राजपूती तलवार, दुश्मन कांपे, करे लाखों प्रहार। सर कट जावे पर झुक ना सके, राजपूती शान पे कभी आँच ना आवे।
4. मारवाड़ी मिठास और संस्कृति पर शायरी
🌵 बाजरा री रोटी, लहसुण री चटणी, ऊपर री बूंद, और दिल री सुणणी। मेहमान होवे कदी ओ म्हारा घर आओ, राजस्थानी मान-सम्मान देख, मोदों मुस्काओ।
5. दोस्ती पर राजस्थानी शायरी
🤝 राजस्थानी दोस्ती रे माणसो खास, नभ में सूरज, धरती पर विश्वास। दिल खोल जिया करे, प्रेम का संसार, राजस्थानी यारी, रहे हमेशा अपार।
6. मरुधर की खूबसूरती पर शायरी
🏜️ सूरज की किरणों में जो चमक देखे, वो थार के रेत में ही सोने सा दमक देखे। ऊँटों की चाल में जो लय देखे, वो बस राजस्थान की शान देखे।
राजस्थान की संस्कृति, प्रेम, वीरता और मिठास को शब्दों में पिरोने का यह छोटा सा प्रयास था। "पधारो म्हारे देश" – राजस्थान की खूबसूरती और लोगों का अपनापन हमेशा आपका स्वागत करता है! ❤️
राजस्थानी भाषा: संस्कृति और शान की पहचान
राजस्थानी भाषा भारत की प्राचीन और समृद्ध भाषाओं में से एक है, जिसे राजस्थान और उसके आसपास के क्षेत्रों में बोला जाता है। यह भाषा न केवल संचार का माध्यम है, बल्कि राजस्थान की समृद्ध संस्कृति, लोक साहित्य और परंपराओं का प्रतीक भी है।
1. राजस्थानी भाषा का इतिहास
राजस्थानी भाषा की जड़ें अपभ्रंश और प्राकृत भाषाओं में मिलती हैं। यह भाषा मुख्य रूप से गुर्जर अपभ्रंश से विकसित हुई है और मध्यकाल में इसकी पहचान अलग भाषा के रूप में हुई। प्राचीन समय में यह मारवाड़ी, मेवाड़ी, ढूंढाड़ी जैसी विभिन्न बोलियों के रूप में विकसित हुई और साहित्य, काव्य, लोकगीतों तथा प्रशासन में प्रयुक्त होने लगी।
2. राजस्थानी भाषा की प्रमुख बोलियाँ
राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों में राजस्थानी भाषा की कई बोलियाँ प्रचलित हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
मारवाड़ी – जोधपुर, नागौर, बीकानेर, जैसलमेर और पाली क्षेत्रों में बोली जाती है।
मेवाड़ी – उदयपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में बोली जाती है।
ढूंढाड़ी – जयपुर, टोंक और दौसा जिलों में प्रचलित है।
हाड़ौती – कोटा, बूंदी और झालावाड़ क्षेत्रों में बोली जाती है।
शेखावटी – झुंझुनू, सीकर और चूरू जिलों में बोली जाती है।
मालवी – राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में प्रचलित है।
वागड़ी – दक्षिण राजस्थान (बांसवाड़ा, डूंगरपुर) में बोली जाती है।
इन सभी बोलियों में शब्दावली, उच्चारण और व्याकरण में हल्का-फुल्का अंतर होता है, लेकिन इनका मूल एक ही है।
3. राजस्थानी भाषा की विशेषताएँ
स्वरयुक्त और काव्यात्मक भाषा – राजस्थानी भाषा में मिठास और लयबद्धता है, जिससे यह कविताओं और लोकगीतों के लिए बहुत उपयुक्त मानी जाती है।
समृद्ध लोक साहित्य – राजस्थान के लोकगीत, लोककथाएँ, कहावतें और दोहे इस भाषा में बहुतायत में मिलते हैं।
वीर रस की प्रधानता – राजस्थानी साहित्य और लोकगीतों में वीरता, बलिदान और शौर्य की झलक देखने को मिलती है।
अपना अलग लिपि विकास – प्राचीन समय में राजस्थानी को ‘महाजनी लिपि’ में लिखा जाता था, लेकिन वर्तमान में यह देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।
4. राजस्थानी भाषा की स्थिति और मान्यता
राजस्थानी भाषा को अभी तक भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है, हालांकि इसे मान्यता दिलाने के लिए लंबे समय से प्रयास चल रहे हैं। राजस्थान सरकार और राजस्थानी भाषा प्रेमी इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
हालांकि, यह भाषा अभी भी राजस्थान में शिक्षा, साहित्य और लोकसंस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। स्कूलों और विश्वविद्यालयों में इसे एक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है, और लोकगीतों तथा कविताओं के माध्यम से यह पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ रही है।
5. राजस्थानी भाषा का महत्व और संरक्षण
लोकगीत और लोक नाट्य (गवरी, ख्याल, तेरह ताली) के माध्यम से इसे संरक्षित किया जा रहा है।
सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर राजस्थानी कविताएँ, शायरी और कहानियाँ साझा की जा रही हैं।
राजस्थानी भाषा में साहित्य रचनाएँ और किताबें प्रकाशित हो रही हैं।
निष्कर्��
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राजस्थानी भाषा न केवल राजस्थान की शान है, बल्कि इसकी पहचान और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा भी है। इसे संजोकर रखना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य है। "पधारो म्हारे देश" जैसे वाक्य इस भाषा की मिठास को दर्शाते हैं, और हमें इसे सहेजने के लिए निरंतर प्रयास करने चाहिए।
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"गंभीर नशाखोरी में डूबता पंजाब"
पंजाब एक गंभीर नशाखोरी संकट से जूझ रहा है जिसने हजार युवाओं की जान ले ली है। दुर्भाग्य से, राज्य में नशा करने वालों और उनसे जुड़ी मौतों, उनके सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल, लत के कारणों और इसकी सामाजिक-आर्थिक लागतों पर व्यापक डेटा का अभाव है।
90 के दशक में कपड़े के उद्योग में सबसे अव्वल रहने वाला और मर्सिडीज़ कार की शहर कहे जाने वाला लुधियाना, पंजाब आज देशद्रोही राजनीतिक षड्यंत्र और नशाखोरी में चारों तरफ से घिर चुका है.. और काफी पिछड़ता दिख रहा है l
पंजाब ड्रग ओवरडोज:
द ट्रिब्यून में हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट, 'पंजाब ड्रग ओवरडोज: मौतें', ने इस खतरे को रोकने में AAP सरकार की विफलता को उजागर किया, यह दर्शाता है कि यह समस्या ओवरडोज से आगे तक फैली हुई है; इसमें युवाओं में नशे की लत और समय से पहले मौत का खतरा भी शामिल है। चिंताजनक बात यह है कि किशोर भी नशे की लत के शिकार हो रहे हैं। इसके लिए एक बहुआयामी रणनीति की आवश्यकता है जो नशे की लत के मूल कारणों को संबोधित करे, नशीली दवाओं की आपूर्ति और मांग पर अंकुश लगाए, नशामुक्ति और पुनर्वास को बढ़ावा दे और नशीली दवाओं के उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि को रोके।
10 साल में 25 हजार ने नशा न मिलने पर कारण आत्महत्या कर ली , 70 हजार एचआईवी पीड़ित l
जालंधर. पंजाब पिछले दो दशकों से नशाखोरी के कारण गर्त में जा रहा है। गुरुओं की धरती नशा तस्करी का पर्याय बनती जा रहा है। अफीम, भुक्की से शुरू हुआ सिलसिला हेरोइन, स्मैक, कोकीन, सिंथेटिक ड्रग जैसे जानलेवा नशे तक पहुंच चुका है। आंकड़ों के अनुसार पंजाब में 10 लाख लोग ड्रग्स लेते हैं। इसमें 3.5 लाख लोग एडिक्ट हैं। सूबे में नशे से या इससे जनित बीमारी से हर महीने 112 लोगों की मौत हो रही है।
भास्कर ने दो रिसर्च रिपोर्ट ('ड्रग एब्यूज! प्रॉब्लम इज इंटेंस इन पंजाब और चंडीगढ़ पीजीआई व एम्स की संयुक्त रिपोर्ट), 8000 पीड़ित परिवार, नशा मुक्ति केंद्र, ओट सेंटर और मनोचिकित्सकों से बात करने पर पाया कि नशे की वजह से कई घर उजड़ गए। नपुंसकता की वजह से कई घर टूट गए। एक ही सिरिंज से ड्रग लेने की वजह से एचआईवी/एड्स, हेपेटाइटिस-सी जैसी बीमारियां फैल रही हैं। एनसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दस साल में (2007-17) भारत में 25 हजार लोगों ने नशे की पूर्ति न होने के कारण आत्महत्या कर ली इसमें 74% मामले पंजाब के हैं। कभी भारतीय सेना को सबसे ज्यादा जवान देने वाला पंजाब आज छठे स्थान पर खिसक गया है, क्योंकि यहां के युवा शारीरिक याेग्यता में फेल हो रहे हैं।
नशे के छह कैप्सूल चाहिए l
लड़की की आपबीती मीडिया में प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट बताती हैं कि जिस समय नशा विरोधी कमेटी की टीम मार्च निकाल रही थी तभी उन्हें कोट ईसे खाँ के मसीता रोड पर लड़की सड़क किनारे खाना खाते हुए मिली। लड़की से सवाल-जवाब हुए तो उसने सरेआम जो कहना शुरू किया उससे सभी लोग हिल गए। लड़की ने कहा,
“मुझे बस नशे के लिए छह कैप्सूल चाहिए और उसके बाद कोई मेरे साथ कोई कुछ भी करे, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। एक महिला ने पहले मुझे नशे की लत लगाई और मुझे अब जिस्मफिरोशी में धकेल दिया है। मेरे जैसी कई युवतियों को हवस के भूखे भेड़ियों के समक्ष परोसती है और बदले में 300 रुपए लेती है। आधा हिस्सा 150 रुपए मुझे मिलते हैं। पहले 600-700 रुपए की कमाई होती थी पर अब जो पैसा मिलता है, उससे केवल नशे की पूर्ति हो पाती है।”
मेरे सहयोगियों गुरिंदर कौर और जतिंदर सिंह और मेर�� द्वारा चंडीगढ़ के ग्रामीण एवं औद्योगिक विकास अनुसंधान केंद्र (सीआरआरआईडी) में किए गए और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), नई दिल्ली द्वारा कमीशन किए गए एक हालिया अध्ययन, जिसका शीर्षक है 'भारत में नशीली दवाओं की लत और दुरुपयोग की गतिशीलता, पंजाब पर प्रमुख फोकस' (रूटलेज, 2024), नशीली दवाओं की लत के पीछे के सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनीतिक-आर्थिक कारणों की गहराई से पड़ताल करता है। अध्ययन अंतर्निहित कारणों को व्यापक रूप से संबोधित करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है, जिसके अभाव में पंजाब के नशीली दवाओं के खतरे का स्थायी समाधान अप्राप्य रहेगा। यह तस्करों, पुलिस और AAP राजनेताओं (एसपीपी) के बीच एक नापाक गठजोड़ को भी उजागर करता है, जैसा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अभियोग और सीएम भगवंत मान द्वारा कुछ पुलिसकर्मियों के तस्करों के साथ शामिल होने की कथित स्वीकारोक्ति से स्पष्ट होता है, जिसके कारण 10,000 कर्मियों का तबादला हुआ।
भास्कर के अभियान का उद्देश्य पंजाब को नशामुक्त कर समृद्ध बनाना है। अंग्रेजों से हमें आजादी तभी मिली थी जब सभी देशवासियों की आंखों ने 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' का ख्वाब देखा। अब हमें नशा त्यागना होगा...तभी पंजाब सशक्त राज्य बन सकेगा। यह तभी संभव होगा l
चुनावों के दौरान नशीले पदार्थों और ड्रग्स का वितरण ड्रग संकट से लड़ने की राजनैतिक इच्छाशक्ति को और कमजोर करता है। एक के बाद एक सरकारों ने इस मुद्दे को कमतर आंका है। 2009 में, पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट में पेश किए गए एक हलफनामे में गलत दावा किया गया था कि राज्य के 70 प्रतिशत युवा ड्रग्स के आदी हैं। 2016 की हिंदी फिल्म उड़ता पंजाब ने इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया, जिससे पूरे देश का ध्यान इस ओर गया। 2013 में करोड़ों डॉलर के ड्रग रैकेट में बर्खास्त पंजाब पुलिस के डीएसपी जगदीश सिंह भोला की गिरफ्तारी ने समस्या की गंभीरता को उजागर किया। एक दशक से अधिक समय से प्रमुख चुनावी मुद्दा होने के बावजूद, इस पर बहुत कम प्रगति हुई है। यहां तक कि 2018 में हाइकोर्ट में पेश किए गए ड्रग्स पर विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) की रिपोर्ट को भी प्रशासनिक और कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिससे एसपीपी की सांठगांठ का संकेत मिलता है
: मधुसूदन
Sourced:
https://www.bhaskar.com/news/special-story-on-drug-addiction-in-panjab-5948520.html
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कालिदासगिरां सारं कालिदाससरस्वती ।
चतुर्मुखोऽथवा ब्रह्मा विदुर्नान्ये तु मादृश:।।
भारतीय जीवन और दर्शन के विविध स्वरूपों और मूल तत्त्वों को अपने महाकाव्यों में वर्णित करने वाले, प्राचीन भारत के महान नाटककार, देव वाणी संस्कृत के प्रकांड विद्वान तथा मेघदूत व अभिज्ञान शाकुन्तलम जैसे महाकाव्य के रचनाकार, महान कवि कालिदास जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
विश्व में संस्कृत साहित्य के उत्तमोत्तम समृद्धि के लिए आपको सदैव याद किया जायेगा ।
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निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के मिटत न हिय को सूल।।
समस्त हिंदी प्रेमी साहित्यकारों, भाषाविदों, लेखकों एवं शिक्षकों को हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
हमारी हिंदी भाषा भारतीय सनातनी संस्कृति और परंपरा एवं अपनी मधुरता व अपने साहित्य के लिए संपूर्ण विश्व में विख्यात है ।
आइए हम सब अपने लेखन एवं वार्तालाप में अपनी मातृभाषा हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करने का संकल्प करें ।
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निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के मिटत न हिय को सूल।।
समस्त हिंदी प्रेमी साहित्यकारों, भाषाविदों, लेखकों एवं शिक्षकों को हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
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